1. निम्नलिखित समितियों में से किसने मात्र पोषक तत्वों की आवश्यकता के आधार पर गरीबी रेखा का निर्धारण किया है?
(a) अलघ समिति
(b) लकड़वाला समिति
(c) तेंदुलकर समिति
(d) रंगराजन समिति
[U.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (a) अलघ समिति
- भारत आजादी के बाद गरीबी रेखा के निर्धारण की दिशा में प्रथम प्रयास वर्ष 1962 में गठित कार्यदल द्वारा किया गया था।
- तत्पश्थात वर्ष 1977 में डॉ. वाई. के. अलघ की अध्यक्षता में ‘न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम और प्रभावी उपभोग मांग पर एक कार्यदल (Task Force) का गठन किया गया।
- इस कार्यदल ने मात्र पोषक तत्वों की आवश्यकता के आधार पर गरीबी रेखा का निर्धारण किया।
- कार्यदल द्वारा भारतीय चिकित्सा शोध परिषद के ‘न्यूनतम पोषाहार आवश्यकता’ रिपोर्ट को ध्यान में रखकर न्यूनतम कैलोरी आवश्यकता को गरीबी रेखा निर्धारण का आधार बनाया गया।
- इसके अनुसार, ग्रामीण क्षेत्र के लिए प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 2435 कैलोरी (लगभग 2400) एवं शहरी क्षेत्र के लिए प्रति व्यक्ति 2095 कैलारी (लगभग 2100) आवश्यक है।
- जिनका व्यय कैलोरी आवश्यकता की पूर्ति से कम होगा, वे गरीबी रेखा के नीचे होंगे।
- इस मानक पर वर्ष 1973-74 के मूल्य पर ग्रामीण क्षेत्र के लिए 49.09 रु. तथा शहरी क्षेत्र के लिए 56.64 रु. प्रति व्यक्ति प्रतिमाह गरीबी रेखा का निर्धारण हुआ।
- योजना आयोग द्वारा वर्ष 1989 में प्रो. डी.टी. लकड़वाला की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ दल का गठन किया गया, जिसने जुलाई. 1993 में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की।
दिसंबर, 2005 में योजना आयोग द्वारा सुरेश डी. तेंदुलकर की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ दल का गठन किया गया, जिसने अपनी रिपोर्ट नवंबर, 2009 में प्रस्तुत की।
तेंदुलकर समिति की रिपोर्ट की समीक्षा व संशोधन के लिए वर्ष 2012 में रंगराजन समिति का गठन योजना आयोग द्वारा किया गया।
- इस समिति ने जून, 2014 में आयोग को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
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2. भारत में गरीबी के अनुमान हेतु निम्नलिखित में से कौन-सा/से विधियों का प्रयोग किया जा रहा है/हैं?
1. सिर गणना विधि
2. कैलोरी ग्रहण
3. पारिवारिक उपभोग व्यय
4. प्रति व्यक्ति आय
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए।
कूट :
(a) 2 और 3
(b) 1, 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1, 2, 3 और 4
[U.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (b) 1, 2 और 3
- वर्तमान में गरीबी रेखा का निर्धारण पारिवारिक उपभोग व्यय के आधार पर किया जाता है।
- साथ ही इसमें सिर गणना विधि तथा कैलोरी ग्रहण विधि का भी प्रयोग होता है।
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3. भारत में गरीबी को परिभाषित किया गया है-
(a) लोगों के जीवन स्तर से
(b) परिवार की आय से
(c) कैलोरी प्राप्ति से
(d) परिवार के सदस्यों की संख्या से
[U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2008, U.P.P.C.S. (Mains) 2008]
उत्तर- (c) कैलोरी प्राप्ति से
- योजना आयोग द्वारा गठित विशेषज्ञ समूह द्वारा शहरी क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति 2100 कैलोरी प्रतिदिन तथा ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति 2400 कैलोरी प्रतिदिन को गरीबी की रेखा निर्धारित की गई थी।
- इसके अनुसार, जिस व्यक्ति को इतना भोजन भी प्राप्त नहीं हो पाता हो, उन्हें गरीबी रेखा से नीचे माना गया है।
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4. भारत में गरीबी अनुमानों का आधार है-
(a) प्रतिव्यक्ति आय
(b) प्रतिव्यक्ति व्यय
(c) परिवार का उपभोग व्यय
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2013]
उत्तर- (c) परिवार का उपभोग व्यय
- योजना आयोग गरीबी रेखा से नीचे अधिवासित जनसंख्या की गणना हेतु एक विशेषज्ञ दल का गठन करता है, जो ‘राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण कार्यालय’ (NSSO) द्वारा एकत्रित उपभोग व्यय के आंकड़ों का इस हेतु उपयोग करता है।
- भारत में गरीबी अनुमानों का आधार परिवार का उपभोग व्यय है।
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5. गरीबी रेखा निकालने के लिए कौन-सा तरीका उपयोग में नहीं लाया जाता है?
(a) प्रति व्यक्ति औसत आय
(b) भोजन में कैलोरी
(c) एच.सी.आर.
(d) साक्षरता
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (d) साक्षरता
- गरीबी रेखा आकलन के लिए साक्षरता का उपयोग नहीं किया जाता है, जबकि उपर्युक्त प्रश्न में प्रदत्त अन्य सभी विकल्पों का उपयोग किया जाता है।
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6. भारत में निर्धनता के स्तर का आकलन किया जाता है-
(a) विभिन्न राज्यों में प्रति व्यक्ति आय के आधार पर
(b) परिवार की औसत आय के आधार पर
(c) परिवार के उपभोग-व्यय के आधार पर
(d) देश की मलिन बस्तियों की जनसंख्या के आधार पर
[U.P.P.C.S. (Pre) 2009, U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2013]
उत्तर- (c) परिवार के उपभोग-व्यय के आधार पर
- भारत में निर्धनता के आकलन हेतु योजना आयोग द्वारा प्रत्येक 5 वर्ष पर राष्ट्रीय प्रतिदर्श सर्वेक्षण संगठन (NSSO) द्वारा संग्रहीत परिवार आधारित उपभोग-व्यय के आंकड़ों का उपयोग किया जाता है।
- वर्तमान में योजना आयोग द्वारा गरीबी का नवीनतम अनुमान NSSO के 68वें दौर के सर्वेक्षण के आंकड़ों के आधार पर जारी किया गया।
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7. निम्नलिखित में कौन लॉरेंज वक्र द्वारा मापा जाता है?
(a) अशिक्षा
(b) बेरोजगारी
(c) जनसंख्या वृद्धि दर
(d) आय की विषमता
[U.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (d) आय की विषमता
- लॉरेंज वक्र (Lorenz Curve) का प्रतिपादन अमेरिकी अर्थ सांख्यिकीकार डॉ. मैक्स ओ’ लॉरेंज (Dr. Max O’ Lorenz) ने धन और आय की विषमता का अध्ययन करने के लिए किया था।
- उनके नाम पर ही इसे ‘लॉरेंज वक्र’ कहते हैं। इस वक्र का प्रयोग आय, धन, मजदूरी, लाभ, पूंजी तथा उत्पादन आदि के वितरण का अध्ययन करने के लिए भी किया जाता है।
‘लॉरेंज वक्र’ समान वितरण रेखा से वास्तविक वितरण के विचलन का बिंदु रेखीय माप है।
- यह समान वितरण रेखा (Line of Equal distribution) के जितना पास होगा, उस श्रेणी में अपकिरण की मात्रा (या आय की विषमता) उतनी ही कम होगी अर्थात वितरण में उतनी ही कम असमानताएं पाई जाएंगी।
- इसके विपरीत लॉरेंज वक्र समान वितरण रेखा से जितना दूरा होगा, श्रेणी में अपकिरण की मात्रा उतनी ही अधिक होगी।
- यदि लॉरेंज वक्र समान वितरण रेखा पर पड़ता है, तो श्रेणी में अपकिरण बिल्कुल नहीं माना जाएगा।
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8. ‘गरीबी की संस्कृति’ का विचार प्रस्तुत किया गया-
(a) ऑस्कर लुईस द्वारा
(b) आशीष बोस द्वारा
(c) गुन्नार मिरडल द्वारा
(d) अमर्त्य सेन द्वारा
[U.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (a) ऑस्कर लुईस द्वारा
- ‘निर्धनता की संस्कृति’ (Culture of Poverty) की अवधारणा को अमेरिकी नृविज्ञानी ऑस्कर लुईस (Oscar Lewis) द्वारा प्रस्तुत किया गया था।
- इस अवधारणा के अनुसार, “आर्थिक परिवर्तनों के बावजूद निर्धन लोग अपनी संस्कृति के प्रभाव के कारण ही निर्धन बने रहते हैं।
- उनकी अपनी संस्कृति उन्हें निर्धनता से ऊपर उठने हेतु प्रोत्साहित नहीं करती है।”
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9. ‘निर्धनता का दुश्चक्र’ की अवधारणा संबंधित है-
(a) कार्ल मार्क्स से
(b) नर्से से
(c) एडम स्मिथ से
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (b) नर्से से
- अर्थशास्त्री रैग्नर नर्क्स ने वर्ष 1953 में प्रकाशित अपनी पुस्तक ‘प्रॉब्लम्स ऑफ कैपिटल फॉर्मेशन इन अंडर डेवलप्ड कंट्रीज’ में ‘निर्धनता के दुश्चक्र’ (Vicious Cycle of Poverty) की अवधारणा का विवेचन करते हुए यह मत व्यक्त किया था कि गरीब देश निर्धनता के दुश्चक्र के कारण गरीब बने रहते हैं।
- इनका तर्क है कि कम आय से कम बचत होती हैं, जो निवेश सामर्थ्य को हतोत्साहित करती है।
- कम निवेश से उसकी उत्पादकता तथा आय भी कम बनी रहती है और वे गरीब ही बने रहते हैं।
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10. निम्नांकित में कौन भारत में गरीबी रेखा का निर्धारण करता है?
(a) केंद्रीय मंत्रिमंडल
(b) लोक सभा
(c) राज्य सभा
(d) योजना आयोग (अब नीति आयोग)
[U.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (d) योजना आयोग (अब नीति आयोग)
- भारत में योजना आयोग राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर निर्धनता रेखा के निर्धारण हेतु नोडल एजेंसी थी।
- लेकिन वर्तमान में (1 जनवरी, 2015 से) योजना आयोग का स्थान नीति आयोग ने ले लिया है।
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11. निम्न में से कौन-सी समिति भारत में निर्धनता के अनुमानों से संबंधित रही है?
(a) विजय केलकर समिति
(b) एस.पी. गुप्ता समिति
(c) सुरेश तेंदुलकर समिति
(d) लकड़वाला समिति
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (b & d) एस.पी. गुप्ता समिति, लकड़वाला समिति
- सुरेश तेंदुलकर समिति एवं लकड़वाला समिति दोनों ही भारत में निर्धनता के अनुमानों से संबंधित रही हैं।
- अतः विकल्प (b) एवं (d) दोनों सही हैं।
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12. निम्नलिखित में से किस समिति की संस्तुतियों के आधार पर भारत में गरीबी रेखा का आकलन किया जाता है?
(a) दत्त समिति
(b) लकड़वाला समिति
(c) चैलेय्या समिति
(d) चक्रवर्ती समिति
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2013]
उत्तर- (b) लकड़वाला समिति
- छठी पंचवर्षीय योजना के समय से ही योजना आयोग द्वारा राष्ट्रीय एवं राज्य स्तर पर गरीबी का निर्धारण किया जा रहा है।
- भारत में गरीबी का अनुमान एवं गरीबी के अनुमान की प्रविधि के निर्धारण हेतु समय-समय पर अनेक समितियों का गठन किया जाता रहा है।
- इन समितियों में अलघ समिति (1977), लकड़वाला समिति (1989), तेंदुलकर समिति (2005) तथा सी. रंगराजन समिति (2012) आदि प्रमुख हैं।
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13. किसी दिए गए वर्ष में भारत में कुछ राज्यों में आधिकारिक गरीबी रेखाएं अन्य राज्यों की तुलना में उच्चतर हैं, क्योंकि
(a) गरीबी की दर अलग-अलग राज्य में अलग-अलग होती है
(b) कीमत-स्तर अलग-अलग राज्य में अलग-अलग होता है
(c) सकल राज्य उत्पाद अलग-अलग राज्य में अलग-अलग होता है
(d) सार्वजनिक वितरण की गुणता अलग-अलग राज्य में अलग- अलग होती है
[U.P.S.C. (Pre), 2019]
उत्तर- (b) कीमत-स्तर अलग-अलग राज्य में अलग-अलग होता है
- वर्ष 2005 में गठित सुरेश तेंदुलकर समिति ने गरीबी के निर्धारण के लिए आवश्यक उपभोग वस्तुओं एवं सेवाओं की एक सूची तैयार की तथा प्रत्येक राज्य में शहरी और ग्रामीण उपभोक्ता के उन वस्तुओं और सेवाओं पर होने वाले व्यय के आधार पर प्रत्येक राज्य के लिए गरीबी रेखा का निर्धारण किया।
- अलग-अलग राज्यों में विभिन्न वस्तुओं एवं सेवाओं के मूल्यों के अंतर से राज्यों की मानक गरीबी रेखाओं में अंतर पाया गया है।
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14. गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली जनसंख्या के अनुमान के नए मानक निर्धारित करने के लिए भारत सरकार ने एक समिति गठित की थी। निम्न में से इस समिति के कौन अध्यक्ष थे ?
(a) निर्मला देशपांडे
(b) वी. सिद्धार्थ
(c) सुरेश तेंदुलकर
(d) प्रो. जानकीरमन
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2013]
उत्तर- (c) सुरेश तेंदुलकर
- गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाली जनसंख्या के अनुमान के नए मानक निर्धारित करने के लिए भारत सरकार ने वर्ष 2005 में, जो समिति गठित की थी, उसके अध्यक्ष सुरेश तेंदुलकर थे।
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15. भारत में नगरीय क्षेत्रों में बी.पी.एल. परिवारों की पहचान के लिए निम्नलिखित में से कौन-सी समिति गठित की गई थी?
(a) तेंदुलकर समिति
(b) सक्सेना समिति
(c) लकड़वाला समिति
(d) हाशिम समिति
[U.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (d) हाशिम समिति
- शहरी क्षेत्रों में रहने वाले गरीबों के पहचान हेतु विशेषज्ञ समिति का गठन प्रो. एस.आर. हाशिम की अध्यक्षता में किया गया था, जिसने अपनी रिपोर्ट दिसंबर, 2012 में प्रस्तुत की।
- समिति के अनुसार, शहरी गरीबों की पहचान तीन प्रकार की कमजोरियों (Vulnerabilities) के आधार पर की जा सकती है, जो निम्न हैं (1) आवासीय कमजोरी, (2) सामाजिक कमजोरी तथा (3) पेशाजनक कमजोरी।
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16. निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (A): गरीबी रेखा से नीचे के लोगों को एक अभिज्ञित समूह के रूप में मानने की आवश्यकता है।
कारण (R) : इससे कार्यक्रम अभिकरणों को लक्षित करने में सहूलियत होती है।
उपर्युक्त के संदर्भ में निम्न में से कौन-सा एक सही उत्तर है-
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, परंतु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P. Lower Sub. (Pre) 1998]
उत्तर- (a) (A) और (R) दोनों सही हैं, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
- कथन और कारण दोनों सत्य हैं तथा कारण, कथन की स्पष्ट व्याख्या है।
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17. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
कथन (A): भारत में अमीर व गरीब दोनों ही कुपोषित हैं।
कारण (R) : अमीर गलत भोजन खाते हैं और गरीब रूखा-सूखा भोजन करते हैं।
नीचे दिए गए कूटों का उपयोग करते हुए सही उत्तर चुनिए –
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, किंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) सही है, किंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, कितु (R) सही है।
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2010]
उत्तर- (a) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
- भारत में अमीर एवं गरीब दोनों ही कुपोषित हैं, क्योंकि गरीबों के पास पोषण प्राप्त करने के बहुत सीमित विकल्प हैं।
- जबकि अमीर अतिशय खान-पान या अस्वास्थ्यकर खाद्य का सेवन करते हैं।
- अतः भारत में कुपोषण के संदर्भ में कथन और कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या भी करता है।
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18. कथन (A): बिहार भारत का एक पिछड़ा राज्य है।
कारण (R): यहां विकास के स्तर में क्षेत्रीय भिन्नता मिलती है।
नीचे दिए हुए कूट से सही उत्तर चुनिए –
कूट :
(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं एवं (R), (A) की सही व्याख्या है।
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं एवं (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]
उत्तर- (b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं एवं (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
- बिहार राज्य के पिछड़ेपन का कारण वहां की सामाजिक, आर्थिक एवं राजनीतिक परिस्थितियां हैं।
- बिहार राज्य में शिक्षा में कमी, आय की विषमता, सामाजिक रूढ़ियां, उद्योग धंधों का अभाव तथा राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी आदि के कारण पिछड़ापन मौजूद है।
- बिहार में विकास के स्तर में क्षेत्रीय भिन्नता भी मौजूद है, परंतु यह बिहार के अल्प पिछड़ेपन का कारण नहीं अपितु उसका परिणाम है।
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19. निम्नलिखित राज्यों में से किसमें गरीबी रेखा के नीचे जनसंख्या का निम्नतम प्रतिशत मिलता है?
(a) पंजाब में
(b) हरियाणा में
(c) हिमाचल प्रदेश में
(d) दिल्ली में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2011]
उत्तर- (c) हिमाचल प्रदेश में
- तेंदुलकर प्रविधि एवं रंगराजन प्रविधि दोनों के आधार पर विकल्पगत राज्यों में जनसंख्या का निम्नतम प्रतिशत हिमाचल प्रदेश में मिलता है।
- तेंदुलकर प्रविधि एवं रंगराजन प्रविधि के अनुसार, न्यूनतम गरीबी प्रतिशत वाले राज्य/केंद्रशासित प्रदेश :
तेंदुलकर प्रविधि – अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (1%), लक्षद्वीप (2.8%), गोवा (5.1%), केरल (7.1%) तथा हिमाचल प्रदेश (8.1%) रंगराजन प्रविधि – अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह (6%), गोवा (6.3%), लक्षद्वीप (6.5%), पुदुचेरी (7.7%) तथा हिमाचल प्रदेश (10.9%)
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20. गरीबी रेखा के नीचे जनसंख्या का न्यूनतम प्रतिशत अंकित है-
(a) जम्मू एवं कश्मीर में
(b) हरियाणा में
(c) पंजाब में
(d) गोवा में
[U.P.P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (d) गोवा में
- प्रश्नकाल की संदर्भित अवधि के दौरान वर्ष 2009-10 के आधिकारिक गरीबी प्रतिशत आंकड़ों के अनुसार, दिए गए विकल्पों में न्यूनतम गरीबी प्रतिशतता वाला राज्य गोवा था।
- रंगराजन प्रविधि के अनुसार, केंद्रशासित प्रदेशों/राज्यों में गरीबी रेखा के नीचे जनसंख्या का न्यूनतम प्रतिशत क्रमशः अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह तथा गोवा में है।
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21. विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 50 प्रतिशत से अधिक निर्धन इन चार राज्यों में निवास करते हैं।
(a) बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा
(b) राजस्थान, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा
(c) बिहार, उत्तर प्रदेश, जम्मू-कश्मीर, ओडिशा
(d) बिहार, ओडिशा, मध्य प्रदेश, जम्मू-कश्मीर
[48th to 52nd B.P.S.C. (Pre) 2008]
उत्तर- (a) बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा
- विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 50 प्रतिशत से अधिक निर्धन लोग देश के इन चार राज्यों (बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश तथा ओडिशा) में निवास करते हैं।
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22. निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
कथन (A) : मध्य प्रदेश को भारत का इथियोपिया कहा जाता है।
कारण (R) : उसके प्रमुख लक्षण अत्यधिक बाल मृत्यु दर एवं कुपोषण हैं।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए –
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) सही है परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है परंतु (R) सही है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (a) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
- भारत राज्य भूख सूचकांक (ISHI), जो वर्ष 2008 में प्रकाशित हुई थी, के अनुसार, भारत में सर्वाधिक खराब स्थिति मध्य प्रदेश की थी।
- यहां कुपोषण एवं बाल मृत्यु दर की स्थिति इतियोपिया और चाड जैसे अफ्रीकी देशों के समान है।
- इसीलिए मध्य प्रदेश को भारत का इतियोपिया कहा जाता है।
- इस प्रकार कथन और कारण दोनों सही हैं तथा कारण, कथन की सही व्याख्या है।
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23. जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (DRDAs) भारत में ग्रामीण निर्धनता को कम करने में कैसे मदद करते हैं?
1. DRDAs देश के कुछ विनिर्दिष्ट पिछड़े क्षेत्रों में पंचायती राज संस्थाओं के रूप में कार्य करते हैं।
2. DRDAs विनिर्दिष्ट क्षेत्रों में निर्धनता और कुपोषण के कारणों का वैज्ञानिक अध्ययन करते हैं और उनके समाधान के विस्तृत उपाय तैयार करते हैं।
3. DRDAs निर्धनता-रोधी कार्यक्रमों के प्रभावी कार्यान्वयन हेतु अंतरक्षेत्रीय (इंटर-सेक्टोरल) तथा अंतरविभागीय समन्वयन और सहयोग सुरक्षित करते हैं।
4. DRDAs निर्धनता-रोधी कार्यक्रमों के लिए मिले कोष पर निगरानी रखते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि उनका प्रभावी उपयोग हो।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1, 2 और 3
(b) केवल 3 और 4
(c) केवल 4
(d) 1, 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (b) केवल 3 और 4
- जिला ग्रामीण विकास अभिकरण (District Rural Development Agencies : DRDA) का प्रमुख कार्य ग्रामीण भारत में निर्धनता को कम करने में मदद करना है।
- ये अभिकरण निर्धनतारोधी कार्यक्रमों के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु अंतरक्षेत्रीय तथा अंतरविभागीय समन्वय व सहयोग सुनिश्चित करते हैं।
- ये निर्धनता दूर करने के लिए बनाए गए कोष की निगरानी के साथ-साथ उनका प्रभावी क्रियान्वयन भी सुनिश्चित करते हैं।
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24. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के संबंध में निम्न कथनों पर विचार कीजिए –
1. मुख्य उद्देश्य था सब्सिडाइज्ड कीमतों पर आवश्यक वस्तुओं को प्रदान करना।
2. यह कीमत सहायक कार्यक्रम की तरह प्रारंभ किया गया था।
3. खाद्य सब्सिडी राज्य सरकारों के द्वारा दी जाती है।
इन कथनों में से कौन सही हैं?
(a) 1, 2 तथा 3
(b) 1 तथा 3
(c) 1 तथा 2
(d) केवल 3
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2013]
उत्तर- (b) 1 तथा 3
- 1960 के दशक में सार्वजनिक वितरण प्रणाली को कीमत सहायक कार्यक्रम की तरह प्रारंभ किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य था सब्सिडाइज्ड कीमतों पर आवश्यक वस्तुओं को प्रदान करना।
- भारत में खाद्य सब्सिडी में शामिल हैं-समर्थन मूल्य के द्वारा किसानों को दी जाने वाली सब्सिडी और भारतीय खाद्य निगम के क्रय परिचालन, सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के द्वारा दी जाने वाली उपभोक्ता सब्सिडी तथा इन सभी की लागतों को आच्छादित (Cover) करने के लिए FCI को सब्सिडी ।
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25. सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लक्ष्य है –
(a) गरीबों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराना
(b) जमाखोरी एवं कालाबाजारी रोकना
(c) व्यापारियों द्वारा अधिक मूल्य लिए जाने से रोकना
(d) उपर्युक्त सभी
[M.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर- (d) उपर्युक्त सभी
- सार्वजनिक वितरण प्रणाली का लक्ष्य कम मूल्य पर गरीबों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराना, जमाखोरी एवं कालाबाजारी रोकना तथा व्यापारियों द्वारा अधिक मूल्य लिए जाने से रोकना है।
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26. निम्नलिखित में से कौन-सा एक सामाजिक संरक्षण का हाल में अपनाया तरीका नहीं है?
(a) राष्ट्रीय स्वास्थ्य बीमा योजना
(b) निपुणता विकास कार्यक्रम
(c) आम आदमी बीमा योजना
(d) असंगठित श्रमिकों का सामाजिक सुरक्षा अधिनियम, 2008
[U.P.P.C.S. (Mains) 2009]
उत्तर- (b) निपुणता विकास कार्यक्रम
- निपुणता विकास कार्यक्रम, व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण प्रणाली से संबंधित है, जबकि शेष तीनों विकल्प सामाजिक संरक्षण योजना के तहत अपनाए जाने वाले कार्यक्रम हैं।
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27. छठी पंचवर्षीय योजना के दौरान निम्नलिखित में से कौन-सा कार्यक्रम शुरू किया गया था?
(a) एकीकृत ग्रामीण विकास
(b) ग्रामीण साक्षरता विकास
(c) ग्रामीण रेलवे
(d) ग्रामीण लोगों के लिए उन्नत संचार लिंक
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[Bihar P.C.S. (Pre.), 2019]
उत्तर- (a) एकीकृत ग्रामीण विकास
- R छठी योजना का काल वर्ष 1980-85 तक रहा तथा ‘एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम’ 2 अक्टूबर, 1980 को प्रारंभ किया गया।
- ‘एकीकृत ग्रामीण विकास कार्यक्रम’ को छठी पंचवर्षीय योजना में प्रारंभ किया गया था।
- इस योजना का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण निर्धन परिवारों को स्वरोजगार हेतु ऋण उपलब्ध कराकर उन्हें रोजगार प्रदान करना था, जिससे सहायता प्राप्त परिवार गरीबी रेखा से ऊपर उठ सके।
- अप्रैल, 1999 से इसे स्वर्णजयंती स्व-रोजगार योजना में मिला दिया गया।
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28. निम्नलिखित में से कौन-सा कार्यक्रम ग्रामीण भारत में गरीबी दूर करने हेतु था?
(a) आई.आर.डी.पी.
(b) ट्राइसेम
(c) एन.आर.ई.पी.
(d) उपर्युक्त सभी
[U.P.U.D.A./L.D.A.(Mains) 2010]
उत्तर- (d) उपर्युक्त सभी
- IRDP – (Integrated Rural Development Programme) को 2 अक्टूबर, 1980, TRYSEM (Training of Rural Youth for Self-Employment) को 15 अगस्त, 1979 तथा NREP (National Rural Employment Programme) को अक्टूबर, 1980 में प्रारंभ किया गया था।
- तीनों योजनाओं का मुख्य लक्ष्य ग्रामीण क्षेत्र में गरीबी उन्मूलन था।
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29. ‘गरीबी उन्मूलन’ का नारा किस पंचवर्षीय योजना में दिया गया था?
(a) द्वितीय पंचवर्षीय योजना
(b) चतुर्थ पंचवर्षीय योजना
(c) पंचम पंचवर्षीय योजना
(d) छठी पंचवर्षीय योजना
[U.P.P.C.S. (Pre) 2007]
उत्तर- (c) पंचम पंचवर्षीय योजना
- ‘गरीबी हटाओ’ का नारा (Slogan) तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा सन् 1971 के चुनाव में दिया गया था तब चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-74) की अवधि थी।
- हालांकि यह एक चुनावी नारा था न कि चौथी पंचवर्षीय योजना का मुख्य उद्देश्य ।
- हां चौथी पंचवर्षीय योजना में ‘गरीबी उन्मूलन’ की चर्चा जरूर की गई थी।
- लेकिन एक मुख्य उद्देश्य के रूप में नहीं।
- जबकि पांचवी पंचवर्षीय योजना (1974- 79) का मुख्य उद्देश्य ही गरीबी उन्मूलन (गरीबी हटाओ) था।
- पांचवी पंचवर्षीय योजना में ही ‘गरीबी उन्मूलन’ पर विशेष जोर दिया गया।
- अतः पंचवर्षीय योजना के मुख्य उद्देश्य के रूप में देखा जाए तो इसका उत्तर विकल्प (c) होगा, जबकि नारे की बात की जाए तो इसका उत्तर (b) होगा।
- हालांकि आयोग द्वारा इसका उत्तर पांचवी पंचवर्षीय योजना ही माना जाता है।
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30. निम्नलिखित में से किस देश ने सरकारी तौर पर परिवार नियोजन कार्यक्रम को सर्वप्रथम अपनाया?
(a) ब्राजील ने
(b) भारत ने
(c) यू.एस.ए. ने
(d) चीन ने
[U.P.P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (c) यू.एस.ए. ने
- वर्ष 1952 में भारत ने विश्व का पहला राष्ट्रीय परिवार नियोजन कार्यक्रम शुरू किया, जिसमें ‘राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था के अनुरूप स्तर पर जनसंख्या को स्थिर करने के लिए’ जन्म दरों को कम करने हेतु आवश्यक सीमा तक परिवार नियोजन पर जोर दिया गया।
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31. भारत में किस वर्ष परिवार नियोजन कार्यक्रम प्रारंभ किया गया?
(a) 1950 ई. में
(b) 1951 ई. में
(c) 1952 ई. में
(d) 1955 ई. में
[U.P.P.C.S (Mains) 2011]
उत्तर- (c) 1952 ई. में
- भारत में 1952 ई. में परिवार नियोजन कार्यक्रम प्रारंभ किया गया था|
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32. बहुआयामी निर्धनता सूचकांक में सम्मिलित होता है –
i. स्वास्थ्य
ii. शिक्षा
iii. जीवन-स्तर
नीचे दिए हुए कूटों में से सही उत्तर चुनिए –
(a) केवल i सही है
(b) केवल ii और iii सही हैं
(c) केवल i और ii सही हैं
(d) i, ii और iii सही हैं
[U.P.P.C.S. (Pre), 2019]
उत्तर- (d) i, ii और iii सही हैं
- वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक 100 से अधिक विकासशील देशों में चरम बहुआयामी गरीबी का एक अंतरराष्ट्रीय मापक है।
- यह शिक्षा, स्वास्थ्य एवं जीवन-स्तर के संदर्भ में चरम निर्धनता (Acute poverty) का मापन करता है।
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33. निम्नलिखित में से कौन-सा एक सूचकांक भारत में गरीबी की तीव्रता की माप के लिए सबसे उपयुक्त है?
(a) मानव विकास सूचकांक
(b) मानव गरीबी सूचकांक
(c) लिंग असमानता सूचकांक
(d) बहु-आयामी गरीबी सूचकांक
[U.P. Lower Sub (Pre) 2015]
उत्तर- (d) बहु-आयामी गरीबी सूचकांक
- भारत जैसे विकासशील देशों में गरीबी की तीव्रता के मापन हेतु बहु-आयामी गरीबी सूचकांक (MPI) उपर्युक्त विकल्पों में से सबसे उपयुक्त है।
- MPI में स्वास्थ्य, शिक्षा तथा जीवन स्तर जैसे आयामों को रखा गया है।
- MPI का प्रथम बार प्रयोग मानव विकास सूचकांक वर्ष 2010 में किया गया।
- इसके आयाम निम्नलिखित हैं-
आयाम |
सूचक |
भार |
शिक्षा (2) |
स्कूलिंग वर्ष
विद्यालय में उपस्थिति (Attendance) |
1/6
1/6 |
स्वास्थ्य (2) |
शिशु मृत्यु दर
पोषक |
1/6
1/6 |
जीवन स्तर (6) |
विद्युत
शौचालय
पेयजल
मकान
रसोई ईंधन
परिसम्पत्ति धारिता |
1/18
1/18
1/18
1/18
1/18
1/18 |
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34. UNDP के समर्थन से ‘ऑक्सफोर्ड निर्धनता एवं मानव विकास नेतृत्व’ द्वारा विकसित ‘बहु-आयामी निर्धनता सूचकांक’ में निम्नलिखित में से कौन-सा / से सम्मिलित है/हैं?
1. पारिवारिक स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, सम्पत्ति तथा सेवाओं से वंचन
2. राष्ट्रीय स्तर पर क्रय-शक्ति समता
3. राष्ट्रीय स्तर पर बजट घाटे की मात्रा और GDP की विकास दर
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए:
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (a) केवल 1
- संयुक्त राष्ट्र के विकास कार्यक्रम के समर्थन से ‘ऑक्सफोर्ड निर्धनता एवं मानव विकास नेतृत्व द्वारा विकसित बहुआयामी निर्धनता सूचकांक में पारिवारिक स्तर पर शिक्षा, स्वास्थ्य, सम्पत्ति तथा सेवाओं से वंचित किया जाना शामिल है।
- राष्ट्रीय स्तर पर क्रय-शक्ति समता तथा राष्ट्रीय स्तर पर बजट घाटे की मात्रा और GDP विकास दर की गणना इसमें नहीं की जाती है।
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35. निम्नलिखित में से कौन निर्धनता के लिए उत्तरदायी नहीं है?
(a) अपर्याप्त संवृद्धि दर
(b) जनसंख्या की उच्च वृद्धि दर
(c) बेरोजगारी
(d) बढ़ती निवेश दर
[U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
उत्तर- (d) बढ़ती निवेश दर
- अपर्याप्त संवृद्धि दर, जनसंख्या की उच्च वृद्धि दर एवं बेरोजगारी निर्धनता के लिए उत्तरदायी है, जबकि बढ़ता निवेश दर इसके लिए उत्तरदायी नहीं है।
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36. निम्नलिखित में से कौन-सा एक युग्म जीवन की भौतिक गुणवत्ता का सर्वाधिक उपयुक्त आकलन है?
(a) शिशु मृत्यु दर – साक्षरता
(b) शिशु मृत्यु दर -आय
(c) कैलोरी प्राप्ति – साक्षरता
(d) प्रति व्यक्ति आय-लिंगानुपात
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]
उत्तर- (a) शिशु मृत्यु दर – साक्षरता
- जीवन की भौतिक गुणवत्ता का सर्वाधिक उपयुक्त आकलन शिशु मृत्यु दर और साक्षरता है।
- इसे ओवरसीज डेवेलपमेंट काउंसिल के लिए 1970 के दशक के मध्य में मौरिस डेविड मोरिस के द्वारा विकसित किया गया था।
- जीवन की भौतिक गुणवत्ता = साक्षरता दर + इंडेक्स्ड शिशु मृत्यु दर + इंडेक्स्ड जीवन प्रत्याशा/3
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37. पर्यावरणीय कुजनेट्स वक्र पर्यावरणीय क्षति एवं प्रति व्यक्ति जीडीपी के मध्य संबंध दर्शाता है। इस पर्यावरणीय कुजनेट्स वक्र का आकार किस प्रकार का होता है?
(a) उल्टा ‘यू’ आकार
(b) उल्टा ‘वी’ आकार
(c) उल्टा ‘एल’ आकार
(d) इनमें से कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Pre), 2019]
उत्तर- (a) उल्टा ‘यू’ आकार
- पर्यावरणीय कुजनेट्स वक्र (EKC) पर्यावरणीय निम्नीकरण (Environ- mental Degradation) तथा प्रति व्यक्ति GDP के मध्य संबंध प्रदर्शित करता है।
- आर्थिक संवृद्धि के प्रारंभिक चरणों में प्रदूषण एवं पर्यावरण पर अन्य मानवीय प्रभावों में वृद्धि हुई लेकिन प्रति व्यक्ति GDP के कुछ स्तर के पश्चात यह प्रवृत्ति उलट (Reverses) गई और उच्च आय स्तरों पर आर्थिक संवृद्धि से पर्यावरण में सुधार प्रदर्शित हुआ।
- इसका अर्थ यह है कि पर्यावरणीय प्रभाव या प्रति व्यक्ति उत्सर्जन प्रति व्यक्ति GDP का उल्टा U-आकार का फलन (Function) है।
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38. विभेदीकृत ब्याज योजना का उद्देश्य रियायती ऋण प्रदान करना था-
(a) समाज के कमजोर वर्ग के लिए
(b) सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों के लिए
(c) पब्लिक लिमिटेड कंपनियों के लिए
(d) बड़े निर्यातकों के लिए
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2008]
उत्तर- (a) समाज के कमजोर वर्ग के लिए
- विभेदीकृत ब्याज दर योजना को केंद्र सरकार ने वर्ष 1972 में प्रारंभ किया था।
- योजना का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों को रियायती दर 4.0 प्रतिशत पर ऋण उपलब्ध कराना है।
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39. राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम में ‘गरीबी रेखा से नीचे’ के लिए निम्न कार्यक्रम सम्मिलित नहीं है –
(a) राष्ट्रीय परिवार लाभ कार्यक्रम
(b) अन्नपूर्णा
(c) महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना
(d) उपरोक्त सभी
[U.P.P.C.S. (Pre.), 2019]
उत्तर- (c) महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना
- राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम (NSAP) ‘गरीबी रेखा से नीचे’ (BPL) के परिवारों के लिए एक केंद्र प्रायोजित योजना है, जिसके तहत निम्नलिखित 5 उप-योजनाएं/कार्यक्रम शामिल हैं :
1. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना
2. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना
3. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय निःशक्तता पेंशन योजना
4. राष्ट्रीय परिवार लाभ कार्यक्रम
5. अन्नपूर्णा योजना
- महिला किसान सशक्तीकरण परियोजना राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन (NRLM) का एक उप-घटक है।
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40. निर्धन एवं ग्रामीण लोगों को योगदान देने हेतु ‘हूवर मेडल’ के लिए निम्न में से किसे मार्च, 2009 में चुना गया था?
(a) सैम पैत्रोदा
(b) ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
(c) एम.एस. स्वामीनाथन
(d) बाबा आम्टे
[U.P.P.C.S. (Mains) 2007]
उत्तर- (b) ए.पी.जे. अब्दुल कलाम
- 27 मार्च, 2009 को न्यूयॉर्क में घोषित ‘2008 के हूवर मेडल’ के लिए डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को चुना गया था।
- उन्हें यह पुरस्कार निर्धन एवं ग्रामीण लोगों को अत्याधुनिक स्वास्थ्य सेवाओं को कम कीमत पर दिलवाने के लिए मिला था।
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41. इनमें से किसने गरीबी निवारण के प्रभावपूर्ण अस्त्र के रूप में स्वयं-सेवा समूह के विचार को दिया था?
(a) अमर्त्य सेन
(b) मो. युनूस
(c) एस. चक्रवर्ती
(d) वेंकैया नायडू
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) 2018]
उत्तर- (b) मो. युनूस
- स्वयं-सहायता समूह (SHGs) का विचार बांग्लादेश के नोबेल शांति पुरस्कार विजेता प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस के दिमाग की उपज थी, जिन्होंने वर्ष 1976 में ग्रामीण बैंक ऑफ बांग्लादेश की शुरुआत की थी।
- स्वयं-सहायता समूह और माइक्रोफाइनेंस हाल ही में गरीबी उन्मूलन, वित्तीय समावेशन और महिला सशक्तीकरण के लिए संभावित साधन के रूप में उभरा है।
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42. गरीबी उपशमन पर दक्षेस (SAARC) की मंत्रिस्तरीय सभा हुई थी-
(a) काठमांडू में
(b) नई दिल्ली में
(c) इस्लामाबाद में
(d) ढाका में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर- (c) इस्लामाबाद में
- 7-9 अप्रैल, 2002 के मध्य पाकिस्तान के इस्लामाबाद में गरीबी उपशमन पर सार्क की मंत्रिस्तरीय सभा का आयोजन किया गया था।
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