1. जब किसी वृक्ष की छाल, वृक्ष के आधार के पास से गोलाकार चारों तरफ से हटा दी जाती है, तो यह वृक्ष धीरे-धीरे सूख कर मर जाता है, क्योंकि-
(a) मृदा से जल वायव अंगों में नहीं पहुंच पाता।
(b) जड़ें ऊर्जा से वंचित रह जाती हैं।
(c) वृक्ष मृदा-जीवाणुओं से संक्रमित हो जाता है।
(d) जड़ों को श्वसन हेतु ऑक्सीजन नहीं प्राप्त हो पाता।
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर – (b) जड़ें ऊर्जा से वंचित रह जाती हैं।
- संवहनी पादपों में दो प्रकार के परिवहन ऊतक पाए जाते हैं (1) फ्लोएम (ii) जाइलम। किसी वृक्ष की छाल की सबसे आंतरिक पर्त ही फ्लोएम है।
- इसका मुख्य कार्य प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में निर्मित घुलनशील कार्बनिक पदार्थ का परिवहन करना है। वृक्ष के आधार के पास से उसकी छाल निकाल देने पर फ्लोएम भी क्षतिग्रस्त हो जाएगा जिसके फलस्वरूप प्रकाश संश्लेषण की प्रक्रिया में पत्तियों द्वारा निर्मित पोषक तत्व जड़ों तक नहीं पहुंच सकेंगे तथा जड़ें ऊर्जा से वंचित रह जाएंगी।
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2. पौधों में ‘फ्लोएम’ मुख्यतः उत्तरदायी है-
(a) आहार वहन के लिए
(b) अमीनो अम्ल वहन के लिए
(c) ऑक्सीजन वहन के लिए
(d) जल वहन के लिए
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]
उत्तर – (a) आहार वहन के लिए
- फ्लोएम का प्रमुख कार्य पौधे के हरे भागों में निर्मित भोज्य पदार्थों को दूसरे भागों में स्थानांतरित करना है।
- इस ऊतक को बास्ट (Bast) भी कहते हैं।
- यह चार प्रकार की कोशाओं यथा-चालनी अवयव, सखि कोशाएं, फ्लोएम मृदूतक एवं फ्लोएम तंतु से निर्मित होता है।
- ध्यातव्य है कि जाइलम पौधों में जल संवहन के लिए उत्तरदायी है।
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3. पौधों में पानी पहुंचाया जाता है-
(a) जाइलम द्वारा
(b) एपिडर्मिस द्वारा
(c) फ्लोएम द्वारा
(d) कैम्बियम द्वारा
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66 B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2020]
उत्तर – (a) जाइलम द्वारा
- जाइलम पौधों में जल संवहन के लिए उत्तरदायी है।
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4. निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व पौधों के विकास के लिए आवश्यक नहीं है?
(a) सोडियम
(b) पोटैशियम
(c) कैल्शियम
(d) मैग्नीशियम
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (a) सोडियम
- पौधों के विकास के लिए सत्रह अनिवार्य तत्वों को चिह्नांकित किया गया है, जिनमें से नौ की आवश्यकता बृहद मात्रा (Macro quantities) में तथा सात की आवश्यकता सूक्ष्म मात्रा (Micro quantities) में होती है।
- बृहद मात्रा को पुनः दो भागों में बांटा गया है- प्राथमिक और द्वितीयका प्राथमिक (नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटैशियम, कार्बन, हाइड्रोजन और ऑक्सीजन) और द्वितीयक (कैल्शियम, मैग्नीशियम और सल्फर) पोषकों की आवश्यकता अधिक मात्रा में होती है।
- जबकि सूक्ष्म पोषकों की आवश्यकता पौधों को कम मात्रा में होती है, जिनमें लौह, जिंक, मैंगनीज, बोरॉन, तांबा, मोलीब्डेनम, निकेल और क्लोरीन हैं।
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5. निम्नलिखित में से कौन-सा पौधों के लिए अनिवार्य सूक्ष्म पोषक नहीं है?
(a) बोरॉन
(b) जस्ता
(c) सोडियम
(d) ताम्र
[I.A.S. (Pre) 1996]
उत्तर – (c) सोडियम
- सूक्ष्म पोषकों की आवश्यकता पौधों को कम मात्रा में होती है, जिनमें लौह, जिंक, मैंगनीज, बोरॉन, तांबा, मोलीब्डेनम, निकेल और क्लोरीन हैं।
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6. निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व पौधों में सूक्ष्म पोषक नहीं है?
(a) आयरन
(b) मैंगनीज
(c) कॉपर
(d) मैग्नीशियम
[U.P.B.E.O. (Pre) 2019]
उत्तर – (d) मैग्नीशियम
- सूक्ष्म पोषकों में लौह, जिंक, मैंगनीज, बोरॉन, तांबा, मोलीब्डेनम, निकेल और क्लोरीन हैं।
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7. निम्नलिखित में से कौन-सा पोषक तत्व दलहनी फसलों में ‘गांठ गठन’ के लिए आवश्यक है?
(a) नाइट्रोजन
(b) सिलिकॉन
(c) बोरॉन
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
[U.P.B.E.O. (Pre) 2019]
उत्तर – (c) बोरॉन
- बोरॉन (B) पौधों के लिए आवश्यक एक सूक्ष्म पोषक तत्व (Micronutrients) है।
- यह दलहनी फसलों की जड़ों में ‘ग्रंथिका गठन (Nodule formation) के लिए आवश्यक होता है।
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8. निम्न में से परजीवी पौधे की पहचान करें-
(a) घटपर्णी
(b) अमरबेल
(c) ब्लेडरवर्ट
(d) सूरजमुखी
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1997]
उत्तर – (b) अमरबेल
- अमरबेल (Cuscuta) एक पूर्ण स्तंभ परजीवी (Total Stem Parasite) आवृत्तबीजी पौधा है, जिसका तना पतला, दुर्बल तथा पीले रंग का होता है।
- इसका तना पोषक (Host) के चारों ओर लिपट कर परजीवी मूल (Haustorium) द्वारा भोजन, खनिज लवण और जल (H2O) प्राप्त करता है।
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