1. वर्षा की बूंद की गोलाकार आकृति का कारण है
(a) द्रव का घनत्व
(b) पृष्ठ तनाव
(c) वायुमंडलीय दाब
(d) गुरुत्व
[39th B.P.S.C. (Pre) 1994, Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2003, Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर – (b) पृष्ठ तनाव
- किसी दिए गए आयतन के लिए गोलाकार आकृति के पृष्ठ का क्षेत्रफल अन्य आकृतियों के पृष्ठ के क्षेत्रफल से कम होता है।
- पृष्ठ तनाव के गुण के कारण किसी द्रव का स्वतंत्र पृष्ठ न्यूनतम क्षेत्रफल घेरने का प्रयास करता है।
- अतः वर्षा की बूंदें गोलाकार होती हैं।
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2. नैनो द्रव्यों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण गुण होता है-
(a) बल
(b) घर्षण
(c) दाब
(d) तापमान
[R.A.S/R.T.S. (Pre) 2013]
उत्तर – (b) घर्षण
- नैनो द्रव्यों का सर्वाधिक महत्वपूर्ण गुण घर्षण होता है।
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3. तेल जल के तल पर फैल जाता है, क्योंकि
(a) तेल, जल की अपेक्षा अधिक घना है।
(b) तेल, जल की अपेक्षा कम घना है।
(c) तेल का तल तनाव, पानी से अधिक है।
(d) तेल का तल तनाव, पानी से कम है।
[U.P. P.C.S. (Pre) 1994, U.P.P.S.C. (GIC) 2010]
उत्तर – (d) तेल का तल तनाव, पानी से कम है।
- तेल का पृष्ठ या तल तनाव, पानी की अपेक्षा कम होना तेल के जल के तल पर फैल जाने का कारण है।
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4. साबुन के बुलबुले के अंदर का दाब-
(a) वायुमंडलीय दाब से अधिक होता है।
(b) वायुमंडलीय दाब से कम होता है।
(c) वायुमंडलीय दाब के बराबर होता है।
(d) वायुमंडलीय दाब का आधा होता है।
[U.P. P.C.S. (Pre) 1995, U.P. P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर – (a) वायुमंडलीय दाब से अधिक होता है।
- साबुन के घोल के बुलबुले बड़े इसलिए होते हैं, क्योंकि जल में साबुन घुलने पर उसका पृष्ठ तनाव कम हो जाता है।
- बुलबुले के अंदर का दाब सदैव बाहर के वायुमंडलीय दाब से अधिक होता है।
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5. यदि साबुन के दो भिन्न-भिन्न व्यास के बुलबुलों (bubbles) को एक नली द्वारा एक-दूसरे के संपर्क में लाया जाए, तो क्या घटित होगा?
(a) दोनों बुलबुलों का आकार वही रहेगा।
(b) छोटा बुलबुला और छोटा व बड़ा बुलबुला और बड़ा हो जाएगा।
(c) सामान आकार प्राप्त करने के लिए छोटा बुलबुला बड़ा व बड़ा बुलबुला छोटा हो जाएगा।
(d) दोनों बुलबुले संपर्क में आते ही फट जाएंगे।
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2007]
उत्तर – (b) छोटा बुलबुला और छोटा व बड़ा बुलबुला और बड़ा हो जाएगा।
- किसी बुलबुले का आकार उसमें भरी गैस के दबाव तथा पानी की फिल्म की त्रिज्या तथा मोटाई पर निर्भर करता है।
- छोटे बुलबुले में गैस का दबाव बड़े बुलबुले की अपेक्षा अधिक होता है, अतः नली में एक-दूसरे के संपर्क में लाए जाने पर छोटा बुलबुला और छोटा, जबकि बड़ा बुलबुला और बड़ा हो जाएगा।
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6. जब किसी साबुन के बुलबुले को आवेशित किया जाता है, तो निम्न में से क्या घटित होता है?
(a) त्रिज्या बढ़ जाती है।
(b) त्रिज्या घट जाती है।
(c) बुलबुले का लोप हो जाता है।
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर – (a) त्रिज्या बढ़ जाती है।
- बुलबुले को आवेशित किए जाने से यह फैलेगा और त्रिज्या बढ़ जाएगी।
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7. एक ही पदार्थ से बने चार तार, जिनकी विमाएं नीचे दी गई है, अलग-अलग बार एक ही भार से खींचे जाते हैं। उनमें से किस एक में अधिकतम दैर्ध्यवृद्धि होगी?
(a) 1 मी. लंबाई और 2 mm व्यास वाला तार
(b) 2 मी. लंबाई और 2 mm व्यास वाला तार
(c) 3 मी. लंबाई और 1.5mm वाला तार
(d) 1 मी. लंबाई और 1 mm व्यास वाला तार
[I.A.S. (Pre) 2007]
उत्तर – (c) 3 मी. लंबाई और 1.5mm वाला तार
- चूंकि चारों तार एक ही पदार्थ के बने हैं, इसलिए इन सभी के यंग प्रत्यास्थता गुणांक बराबर होंगे।
- इस प्रकार, इन तारों की दैर्ध्यवृद्धि (Elongation) इनकी लंबाई के समानुपाती तथा इनके व्यास के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होगी।
- चारों तारों की लंबाई तथा व्यास का मान रखने पर विकल्प (c) के तार की दैर्ध्यवृद्धि सर्वाधिक होगी।
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8. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
यदि केशिकत्व की परिघटना नहीं होती, तो-
1. किरोसिन दीप का उपयोग मुश्किल हो जाता।
2. कोई मृदु पेय का उपभोग करने के लिए स्ट्रॉ का प्रयोग नहीं कर पाता।
3. स्याही सोख पत्र काम करने में विफल हो जाता।
4. बड़े पेड़, जिन्हें हम अपने चारों ओर देखते हैं, पृथ्वी पर नहीं उगते।
उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं-
(a) केवल 1.2 और 3
(b) केवल 1, 3 और 4
(c) केवल 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर – (b) केवल 1, 3 और 4
- बहुत कम भीतरी व्यास वाली कांच की नली को केशिका नली कहते हैं।
- जब हम केशिका नली को किसी द्रव में इस प्रकार सीधा खड़ा रखते हैं कि इसका एक सिरा द्रव की सतह के नीचे रहे और दूसरा ऊपर, तो प्रायः द्रव इस नली में कुछ ऊंचाई तक चढ़ जाता है।
- यदि नली कम लंबाई की होगी, तो द्रव अधिक से अधिक इसके ऊपरी सिरे तक चढ़ता है, किंतु बाहर निकल कर गिरता नहीं।
- द्रवों का केशिका नली में इस प्रकार चढ़ना या नीचे गिरना ‘केशिकत्व’ कहलाता है।
- यह घटना द्रव एवं नली के कणों के बीच परस्पर आसंजन बल के कारण होती है।
- प्रकृति केशिका क्रिया का बहुत बढ़िया उपयोग करती है।
- पेड़-पौधों की जड़ों की बारीक शाखाएं केशिका नलियों की भांति कार्य करके धरती से पानी एवं उसमें घुले पोषक तत्वों को ग्रहण करती हैं।
- केशिका क्रिया के फलस्वरूप ही लालटेन की बत्ती तेल को ऊपर पहुंचाती है, ब्लाटिंग पेपर स्याही सोखता है और तौलिया हमारे शरीर का पानी।
- केशिका क्रिया में द्रव बिना किसी बाह्य बल की मदद के गुरुत्वाकर्षण से विपरीत दिशा में संकीर्ण नली में चढ़ता है, जबकि स्ट्रॉ द्वारा मृदु पेय का उपभोग करने में मुख द्वारा सहायक बाह्य बल आरोपित किया जाता है।
- अतः प्रश्नगत कथन (2) सही नहीं है, जबकि अन्य कथन सही हैं।
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9. निम्नलिखित में से किस एक के लिए केशिकत्व एकमात्र कारण नहीं है?
(a) स्याही का सोखना
(b) भूमिगत जल का ऊपर चढ़ना
(c) सूती कपड़े पर जल की बूंद का फैलना
(d) पौधे की जड़ों से जल का इसके पर्णसमूह की ओर बढ़ना
[I.A.S. (Pre) 1999]
उत्तर – (d) पौधे की जड़ों से जल का इसके पर्णसमूह की ओर बढ़ना
- दैनिक जीवन में केशिकत्व के अनेक उदाहरण मिलते हैं-सोख्ते द्वारा स्याही का सोखना, भूमिगत जल का ऊपर चढ़ना, सूती कपड़े पर जल की बूंद का फैलना, लालटेन एवं लैंप की बत्ती में तेल का चढ़ना।
- पौधे की जड़ों से जल के इसके पर्णसमूह की ओर बढ़ने के लिए केशिकत्व के अतिरिक्त प्रस्वेदन, ससंजन आदि क्रियाएं भी उत्तरदायी है।
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10. बत्ती वाले स्टोव में किरोसिन के बत्ती में ऊपर चढ़ने का कारण है-
(a) परासरण
(b) विसरण
(c) पृष्ठ तनाव
(d) जीवद्रव्य संकुचन
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1997]
उत्तर – (c) पृष्ठ तनाव
- बत्ती वाले स्टोव में किरोसिन के बत्ती में ऊपर चढ़ने का कारण तेल का पृष्ठ तनाव है।
- पृष्ठ तनाव के कारण केशिकार्षण होता है, जिसके फलस्वरूप द्रव पतली-से-पतली नली में प्रवेश कर ऊपर चढ़ सकते हैं।
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11. एक केशनली में जल की अपेक्षा एक तरल अधिक ऊंचाई तक चढ़ता है, तो इसका कारण है-
(a) तरल, जल की अपेक्षा अधिक श्यान (Viscous) है।
(b) तरल का ताप जल की अपेक्षा अधिक है।
(c) तरल का पृष्ठ तनाव जल की अपेक्षा कम है।
(d) तरल का पृष्ठ तनाव जल की अपेक्षा ज्यादा है।
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2007]
उत्तर – (d) तरल का पृष्ठ तनाव जल की अपेक्षा ज्यादा है।
- केशनली में तरल अपने पृष्ठ तनाव के अनुपात में चढ़ता है।
- जिस तरल का पृष्ठ तनाव जितना ज्यादा होगा वह उतनी ज्यादा ऊंचाई तक चढ़ेगा।
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12. जब किसी झील की तली से उठकर वायु बुलबुला ऊपरी सतह तक आएगा, तो उसका आकार-
(a) बढ़ जाएगा।
(b) घट जाएगा।
(c) यथावत बना रहेगा।
(d) चपटा होकर तश्तरीनुमा हो जाएगा।
[I.A.S. (Pre) 1996]
उत्तर – (a) बढ़ जाएगा।
- जब वायु का बुलबुला झील की तली से उठकर ऊपर की ओर आने लगता है, तो तली की अपेक्षा ऊपर की ओर दाब घटने लगता है, जिसके कारण वायु के बुलबुले का आयतन बढ़ जाता है।
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13. ताप बढ़ने के साथ द्रव की श्यानता-
(a) बढ़ती है।
(b) घटती है।
(c) अपरिवर्तित रहती है।
(d) द्रव की प्रकृति के अनुसार बढ़ या घट सकती है।
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) Exam. 2016]
उत्तर – (b) घटती है।
- द्रव का वह गुण जिसके कारण द्रव अपनी भिन्न-भिन्न परतों में होने वाली सापेक्ष गति का विरोध करता है ‘श्यानता’ (Viscosity) कहलाता है।
- द्रवों की श्यानता ताप के बढ़ने पर घट जाती है।
- यही कारण है कि जून माह में शीरा जनवरी माह की तुलना में कम श्यान होता है।
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14. सबसे ज्यादा श्यानता होती है
(a) जल की
(b) वायु की
(c) खून की
(d) शहद की
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66 B.P.S.C. (Pre)2020]
उत्तर – (d) शहद की
- जो द्रव जितने अधिक गाढ़े होते हैं, वे उतने ही अधिक श्यान होते हैं।
- शहद और ग्लिसरीन की श्यानता पानी की तुलना में अधिक होती है।
- श्यानता का क्रम निम्नलिखित है शहद >खून > जल > वायु।
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15. हवाई जहाज से यात्रा करते समय पेन से स्याही निकलने लगती है-
(a) वायुदाब में कमी के कारण।
(b) वायुदाब में वृद्धि के कारण।
(c) स्याही के आयतन में वृद्धि के कारण।
(d) अत्यधिक भार के कारण।
[U.P. P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर – (a) वायुदाब में कमी के कारण।
- अधिक ऊंचाई पर जाने पर दाब क्रमशः कम होता जाता है।
- इस कारण ऊँचाई पर पहुंचने पर बाह्य वायुमंडलीय दबाव एवं पेन के अंदर स्याही के दबाव का साम्य भंग हो जाता है।
- पेन के अंदर स्याही का दाब अधिक होने के कारण यह बाहर की ओर निकल पड़ती है।
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16. ऑटोमोबाइल्स के हाइड्रॉलिक ब्रेक के कार्य करने का सिद्धांत है-
(a) आर्किमिडीज का सिद्धांत
(b) न्यूटन के गति का नियम
(c) बरनौली का सिद्धांत
(d) पास्कल का नियम
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2003]
उत्तर – (d) पास्कल का नियम
- हाइड्रॉलिक ब्रेक, हाइड्रॉलिक प्रेस तथा हाइड्रॉलिक लिफ्ट, पास्कल के नियम पर आधारित हैं।
- पास्कल के नियम के अनुसार, यदि गुरुत्वीय प्रभाव को नगण्य माना जाए, तो संतुलन की अवस्था में किसी द्रव के भीतर प्रत्येक स्थान पर समान दाब रहता है।
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17. मोबाइल तथा ऑटोमोबाइल ने भारतीयों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के लोगों के सामाजिक जीवन में निम्नलिखित में से किसके संबंध में एक क्रांति ला दी है?
1. लोगों के आवागमन के संबंध में
2. लोगों के जुड़ाव के संबंध में
3. लोगों की संवेदनशीलता के संबंध में
नीचे दिए गए कूट में से सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 2 और 3
(d) 1, 2 और 3
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl) (Pre) 2010]
उत्तर – (a) केवल 1 और 2
- मोबाइल फोन से जहां लोगों के जुड़ाव के संबंध में क्रांति आई है, वहीं ऑटोमोबाइल क्रांति से लोगों को आवागमन के नए-नए साधन प्राप्त हुए हैं।
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18. बैरोमीटर पठन में अचानक गिरावट हो जाने से निम्नलिखित में से कौन-सी एक मौसम दशा इंगित होती है?
(a) तूफानी मौसम
(b) प्रशांत मौसम
(c) शीत एवं शुष्क मौसम
(d) उष्ण एवं उज्ज्वल मौसम
[I.A.S. (Pre) 2001, U.P. P.C.S. (Pre) 1996]
उत्तर – (a) तूफानी मौसम
- वायुदाबमापी या बैरोमीटर की रीडिंग में अचानक गिरावट आ जाना यह बताता है कि मौसम तूफानी होगा।
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19. नीचे दिए हुए चार छिद्रों वाले एक फव्वारे के चित्र पर ध्यान दीजिए:-
फव्वारे के कौन-से छिद्र से पानी अधिकतम दूरी तक फेंका जाएगा?
(a) 4
(b) 3
(c) 2
(d) 1
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर – (d) 1
- किसी फव्वारे के छिद्रों से निकलने वाले जल की गति के मापन के लिए टोरिसेली के नियम (Torricelli’s Law) के अनुसार, v2gh
जहां g = गुरुत्वीय त्वरण h = फव्वारे के जल-स्तर से किसी छिद्र की दूरी चूंकि ‘छिद्र ।’
- जल-स्तर से सर्वाधिक दूरी पर है।
- अतः सूत्र√2gh के अनुसार ‘छिद्र ।’
- से निकलने वाले जल की गति सर्वाधिक होगी और इसी छिद्र से पानी अधिकतम दूरी तक फेंका जाएगा।
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20. निम्न में से कौन-सा पेट्रोलियम परिष्करण का उपोत्पाद है?
(a) पेट्रोल
(b) चारकोल
(c) कोयला
(d) एस्फाल्ट
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2013]
उत्तर – (d) एस्फाल्ट
- अपरिष्कृत पेट्रोलियम के निरंतर प्रभाजी आसवन द्वारा औद्योगिक उपयोग के विभिन्न उत्पाद प्राप्त किए जाते हैं।
- यह प्रक्रिया ‘परिष्करण’ कहलाती है।
- एस्फाल्ट पेट्रोलियम का परिशोधन करने के दौरान उत्पन्न होता है।
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21. कड़े जाड़े में झील की सतह हिमशीतित हो जाती है, किंतु उसके तल में जल द्रव अवस्था में बना रहता है। यह किस कारण से होता है?
(a) बर्फ ऊष्मा की कुचालक है।
(b) झील की सतह और वायु का तापमान एक-सा होने के कारण ऊष्मा की कोई हानि नहीं होती।
(c) जल की सघनता 4℃ पर अधिकतम होती है।
(d) इस संदर्भ में उपर्युक्त (a), (b) तथा (c) कथनों में से कोई भी सही नहीं है।
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर – (c) जल की सघनता 4℃ पर अधिकतम होती है।
- 4°C पर जल का आयतन न्यूनतम तथा घनत्व अधिकतम होता है।
- झीलों एवं नदियों की केवल ऊपरी सतह के जमने में पानी के अनियमित प्रसार (Anomalous Expansion) की महत्वपूर्ण भूमिका होती है।
- जाड़े के दिनों में वायुमंडलीय तापमान 0°C से कम हो जाने पर झीलों और नदियों की ऊपरी सतह ठंडी होने लगती है।
- जब सतही जल का तापमान 4°C तक पहुंच जाता है तब वह अधिकतम घनत्व के कारण नीचे बैठ जाता है और नीचे की परत में विद्यमान जल को ऊपर की ओर विस्थापित कर देता है, यह प्रक्रिया तब तक चलती रहती है जब तक संपूर्ण जल का तापमान 4°C नहीं हो जाता।
- अंततः जब जल का तापमान 4°C से कम होने लगता है, तो उसका घनत्व कम होने लगता है परिणामस्वरूप सतही जल नीचे विस्थापित नहीं होता।
- सतही जल 0°C पर जम जाता है, जबकि सतह के नीचे विद्यमान जल का तापमान 4°C ही रहता है।
- झील की ऊपरी हिमशीतित सतह ऊष्मारोधी का कार्य करती है तथा जल में विद्यमान ऊष्मा को बाहर नहीं जाने देती।
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22. शीतकाल में जब झील की ऊपरी सतह का पानी बर्फ में बदल जाता है फिर भी जलीय जंतु जीवित रहते हैं, क्योंकि-
(a) वे बर्फ में सांस ले सकते हैं।
(b) उनके अंदर काफी मात्रा में ऑक्सीजन संचित रहती है।
(c) उनके शरीर की बनावट इस प्रकार की है कि वे ऑक्सीजन के बिना भी रह सकते हैं।
(d) पानी का घनत्व 4° से. पर सबसे अधिक होता है, जिससे बर्फ की ऊपरी सतह के नीचे पानी रहता है।
[U.P. P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (d) पानी का घनत्व 4° से. पर सबसे अधिक होता है, जिससे बर्फ की ऊपरी सतह के नीचे पानी रहता है।
- शीतकाल में झील की ऊपरी परत 0°C तक ठंडा होने पर बर्फ बन जाती है, परंतु नीचे का जल 4°C पर द्रव अवस्था में रहता है।
- इससे झीलों या तालाबों में बर्फ के नीचे 4°C पर पानी रहता है, जिसमें मछलियाँ एवं अन्य जलीय जंतु जीवित रहते हैं।
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23. वस्तु की मात्रा बदलने पर अपरिवर्तित रहेगा
(a) आयतन
(b) भार
(c) द्रव्यमान
(d) घनत्व
[U.P. P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर – (d) घनत्व
- वस्तु का घनत्व उसके द्रव्यमान तथा आयतन के अनुपात पर निर्भर करता है।
- d= M d- घनत्व, M- द्रव्यमान, V-आयतन।
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24. पानी का आपेक्षिक घनत्व सर्वाधिक निम्नलिखित ताप पर होता है
(a) 0 डिग्री से.
(b) 4 डिग्री से.
(c) 50 डिग्री से.
(d) 100 डिग्री से.
[R.A.S./R.T.S (Pre) 1992]
उत्तर – (b) 4 डिग्री से.
- अधिकांशतः द्रवों को गर्म करने पर उनके आयतन में वृद्धि परंतु घनत्व में कमी होती है, लेकिन पानी का व्यवहार 0 डिग्री से. से 4 ভিরী से, के बीच ठीक उल्टा होता है।
- यदि किसी पात्र में 0 डिग्री से. पर पानी को लेकर गर्म किया जाए, तो 0 डिग्री से. से 4 डिग्री से, तक आयतन घटता है एवं घनत्व बढ़ता है।
- अतः 4 डिग्री से. पर पानी का आयतन न्यूनतम तथा घनत्व अधिकतम होता है।
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25. जल का अधिकतम घनत्व होता है –
(a) 373 केल्विन पर
(b) 277 केल्विन पर
(c) 273 केल्विन पर
(d) 269 केल्विन पर
[U.P.P.C.S. (Mains) 2015]
उत्तर – (b) 277 केल्विन पर
- गर्म करने पर 0°C से 4℃ तक जल का घनत्व बढ़ता है, लेकिन आयतन कम होता है।
- 4°C पर जल का आयतन न्यूनतम तथा घनत्व अधिकतम होता है।
- सेल्सियस से केल्विन में परिवर्तन K-C+273 4+273 277 अतः 277°K पर जल का घनत्व अधिकतम होता है।
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27. कथन (A): लोहे का एक गोला पारद पर तैरता है, किंतु पानी में डूब जाता है।
कारण (R): लोहे का आपेक्षिक घनत्व पारद के आपेक्षिक घनत्व से अधिक होता है।
कूट :
(a) (A) और (R) और दोनों सही हैं, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है
(b) (A) और (R) दोनों सही है, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[I.A.S. (Pre) 2002]
उत्तर – (c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
- लोहे का गोला पारद (Mercury) पर तैरता है, किंतु पानी में डूब जाता है, इसका कारण यह है कि पारद (Mercury) का आपेक्षिक घनत्व (Relative density) लोहे के आपेक्षिक घनत्व से अधिक होता है, जबकि पानी का लोहे से कम होता है।
- अतः कथन (A) सही है. जबकि कारण (R) गलत है।
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28. एक सुई पानी में डूब जाती है, जबकि लोहे से बना जहाज पानी पर तैरता है क्योंकि-
(a) सुई की नोक नुकीली होती है।
(b) जहाज सपाट होता है।
(c) जहाज एक शक्तिशाली इंजन द्वारा चलाया जाता है।
(d) सुई का आपेक्षिक घनत्व उसके द्वारा हटाए हुए पानी के आपेक्षिक घनत्व से अधिक होता है।
[U.P. Lower Sub. (Spl) (Pre) 2004]
उत्तर – (d) सुई का आपेक्षिक घनत्व उसके द्वारा हटाए हुए पानी के आपेक्षिक घनत्व से अधिक होता है।
- किसी वस्तु का आपेक्षिक घनत्व उस वस्तु के भार तथा उस वस्तु द्वारा हटाए गए जल के भार के अनुपात को प्रदर्शित करता है।
- शुद्ध जल का आपेक्षिक घनत्व 1 होता है।
- वे वस्तुएं जिनका आपेक्षिक घनत्व 1 से कम होता है, वे तैरती हैं, जबकि जिन वस्तुओं का आपेक्षिक घनत्व 1 से अधिक होता है, वे जल में डूब जाती है।
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29. लोहे की सुई पानी की सतह पर किस कारण से तैरती रहती है?
(a) पानी के उत्प्लावन के कारण
(b) पृष्ठ तनाव के कारण
(c) श्यानता के कारण
(d) गुरुत्वाकर्षणीय बल के कारण
[U.P. P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर – (b) पृष्ठ तनाव के कारण
- पानी की ऊपरी सतह के अणुओं के ससंजन बल के कारण उत्पन्न पृष्ठ तनाव जब सुई के गुरुत्व बल को संतुलित कर देता है, तब लोहे की सुई पानी की सतह पर तैरती है।
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30. जब कुएं से पानी की बाल्टी को ऊपर खींचते हैं, तो हमें महसूस होता है कि बाल्टी-
(a) पानी की सतह से ऊपर भारी हो गई है।
(b) पानी की सतह से ऊपर हल्की हो गई है।
(c) पानी से बाहर आकर स्थिरता खो बैठी है।
(d) पानी से बाहर आकर उसके द्रव्यमान (Mass) में वृद्धि हुई है।
[U.P.P.C.S.(Pre) 2009]
उत्तर – (a) पानी की सतह से ऊपर भारी हो गई है।
- आर्किमिडीज के प्लवन के सिद्धांत के अनुसार, किसी भी वस्तु का भार पानी में कम तथा पानी की सतह के ऊपर अधिक प्रतीत होता है।
- वस्तु के भार में प्रतीतित कमी पानी द्वारा वस्तु पर ऊपर की दिशा में लगाए गए बल के कारण होती है तथा यह कमी वस्तु द्वारा विस्थापित जल के भार के बराबर होती है।
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31. एक भारहीन गुब्बारे में 200 ग्राम जल भरा गया है। इसका जल में भार होगा-
(a) शून्य
(b) 100 ग्राम
(c) 200 ग्राम
(d) 400 ग्राम
[U.P.R.O./A.R.O (Mains) 2014]
उत्तर – (a) शून्य
- जब कोई वस्तु जल में आंशिक या पूर्ण रूप से डुबोई जाती है, तब उसके भार में कमी आ जाती है, यह आभासी कमी उसके द्वारा हटाए गए द्रव के भार के बराबर होती है।
- अब चूंकि गुब्बारे में जल के अंदर, ऊपर तथा नीचे दोनों ओर उत्प्लावन बल लगता है।
- तब- जल में गुब्बारे का भार भार उत्प्लावन बल =200-200 =0 अतः जल में गुब्बारे का भार शून्य होगा।
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32. मथने के पश्चात क्रीम का दूध से पृथक हो जाने का कारण है-
(a) गुरुत्वाकर्षण बल
(b) ससंजक बल
(c) अपकेंद्रीय बल
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर – (c) अपकेंद्रीय बल
- मथने के पश्चात क्रीम का दूध से पृथक हो जाने का कारण अपकेंद्रीय बल है।
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33. बादलों के वायुमंडल में तैरने का कारण है, उनका कम-
(a) ताप
(b) वेग
(c) दाब
(d) घनत्व
[I.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर – (d) घनत्व
- गर्मी के दिनों में वायुमंडल में उपस्थित जलवाष्प गर्मी पाकर गर्म होती है, जिससे जलवाष्प का घनत्व घटता है।
- घनत्व घटने के कारण जलवाष्प हल्की होकर ऊपर उठती है।
- वायुमंडल के ऊपरी भाग में दाब एवं ताप कम होने के कारण ये जलवाष्प फैलती है और पानी की छोटी-छोटी बूंदों में परिवर्तित होकर तैरती रहती है।
- इसी को ‘बादल’ (Cloud) कहते हैं।
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34. निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व सबसे पहले कृत्रिम रूप से उत्पादित किया गया था?
(a) नेप्ट्यूनियम
(b) प्लूटोनियम
(c) फ्रेंसियम
(d) टेक्नीशियम
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर – (d) टेक्नीशियम
- टेक्नीशियम एक रासायनिक तत्व है, जिसका परमाणु क्रमांक 43 है।
- टेक्नीशियम कृत्रिम रूप से उत्पादित प्रथम तत्व है।
- वर्ष 1937 में इस तत्व का सर्वप्रथम निर्माण किया गया था।
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35. समुद्र में प्लवन करते हुए आइसबर्ग का कितना भाग समुद्र की सतह से ऊपर होता है?
(a) 1/9
(b) 1/10
(c) 1/6
(d) 1/4
[U.P.P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (a) 1/9
- शुद्ध जल के बर्फ में परिवर्तित होने पर 4°C ताप पर बर्फ का घनत्व जल के घनत्व का 1/9 वां भाग होता है।
- अतः शुद्ध जल में बर्फ का 90 प्रतिशत भाग पानी के अंदर और 10 प्रतिशत भाग पानी के बाहर होना चाहिए।
- आर्कटिक एवं अंटार्कटिक महासागरों में प्लावी बर्फ दिखाई पड़ती हैं।
- जल के ऊपर बर्फ का केवल 1/9 वां भाग हम देख पाते हैं।
- प्लावी बर्फ का 8/9वां भाग जल की सतह के अंदर बना रहता है।
- क्योंकि समुद्री जल लवणीय (अधिक घनत्व) होता है, लेकिन इससे निर्मित बर्फ लवणीय नहीं होती है, वह शुद्ध होती है।
- चूंकि प्रश्न में समुद्र में प्लवन करते हुए आइसबर्ग का सतह से ऊपर का भाग पूछा गया है, इसलिए विकल्प (a) सही उत्तर होगा।
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36. पानी के एक ग्लास में एक बर्फ का टुकड़ा तैर रहा है। जब बर्फ पिघलती है, तो पानी के स्तर पर क्या प्रभाव होगा? वह-
(a) बढ़ेगा
(b) कम होगा
(c) उतना ही होगा
(d) पहले बढ़ेगा फिर कम होगा
[M.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर – (c) उतना ही होगा
- आर्किमिडीज के अनुसार, वस्तु अपने भार के बराबर ही द्रव में स्थान घेरती है।
- अतः आयतन में कोई परिवर्तन नहीं होगा।
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37. पानी के 4 डिग्री से. पर शरीर तैरता है, यदि तापमान 100 डिग्री से. हो, जाए तो-
(a) शरीर डूब जाएगा।
(b) कोई परिवर्तन नहीं होगा।
(c) कुछ अधिक भाग पानी में डूबेगा।
(d) अधिक आसानी से तैरेगा।
[M.P. P.C.S. (Pre) 1999]
उत्तर – (a) शरीर डूब जाएगा।
- द्रवों को गर्म करने पर उनके आयतन में वृद्धि परंतु घनत्व में कमी होती है।
- 4 डिग्री सेंटीग्रेड पर शरीर पानी में तैरता है, क्योंकि शरीर का घनत्व 4 डिग्री सेंटीग्रेड जल के घनत्व से कम होता है।
- जब तापमान 100 डिग्री सेंटीग्रेड हो जाएगा, तो पानी का घनत्व शरीर की अपेक्षा कम हो जाएगा और शरीर डूब जाएगा।
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38. समुद्र में नदी की अपेक्षा तैरना आसान होता है, क्योंकि
(a) समुद्री जल नमकीन होता है।
(b) समुद्री जल गहरा होता है।
(c) समुद्री जल भारी होता है।
(d) समुद्री जल हल्का होता है।
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2002]
उत्तर – (a) समुद्री जल नमकीन होता है।
- सोडियम क्लोराइड तथा अन्य लवणों की अधिकता के कारण समुद्री जल नमकीन होता है।
- फलतः समुद्री जल का घनत्व अधिक होता है तथा उसमें उत्प्लावकता भी अधिक होती है।
- इसलिए समुद्र के जल में तैरना आसान होता है।
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39. जब कोई जहाज नदी से सागर में घुसता है-
(a) यह कुछ ऊपर उठता है।
(b) वह कुछ नीचे जाता है।
(c) वह उसी तल पर रहता है।
(d) वह समुद्र की तली में डूब जाता है।
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2004, U.P. P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर – (a) यह कुछ ऊपर उठता है।
- नदी के जल के घनत्व की अपेक्षा समुद्र के खारे पानी का घनत्व अधिक होता है।
- इसलिए समुद्र के जल में जहाज के प्रवेश करने पर अधिक प्लावन बल लगने लगता है, जिससे जहाज कुछ ऊपर उठ जाता है
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40. स्थित विज्ञान निम्नलिखित में से किससे संबंधित है?
(a) गतिमान स्थित
(b) विश्राम की स्थित
(c) मानसिक स्थित
(d) आंकड़ों का अध्ययन
[M.P. P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर – (b) विश्राम की स्थित
- ‘स्थित विज्ञान’ (Statics) यांत्रिकी की वह शाखा है, जो विश्राम की स्थिति से संबंधित हैं।
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