PAT योजना : ऊर्जा-गहन उद्योगों के लिए उपभोग में दक्षता
प्रश्न: PAT योजना ऊर्जा-गहन उद्योगों के लिए उपभोग में दक्षता को किस प्रकार आकर्षक बनाती है? इसके अब तक के प्रदर्शन का परीक्षण करते हुए सुधारात्मक उपायों का सुझाव दीजिए।
दृष्टिकोण
- प्रारम्भ में PAT योजना के उद्देश्यों का संक्षेप में वर्णन कीजिए।
- उद्योगों के लिए PAT योजना के लाभ को समझाइए।
- इसे योजना के परिणामों पर चर्चा कीजिए।
- इस योजना के परिणामों में आगे और सुधार लाने के उपायों का सुझाव दीजिए।
उत्तर
परफार्म अचीव ट्रेड (PAT) एक बाजार-आधारित, नवोन्मेषी व्यापार योजना है, जिसकी घोषणा 2008 में की गयी थी। इसका उद्देश्य ऊर्जा-गहन क्षेत्रों में ऊर्जा दक्षता प्रमाण पत्रों की खरीद-बिक्री से उद्योगों की ऊर्जा कुशलता में सुधार लाना है। 2010 में ऊर्जा संरक्षण अधिनियम (ECA) में किए गए संशोधन के द्वारा PAT को कानूनी अधिदेश प्रदान किया गया। इसके निम्नलिखित लाभ हैं:
- ऊर्जा दक्ष निवेश से उद्योगों के लिए अपनी अनुमानित ऊर्जा लागत का कम से कम 5% बचत करना संभव होगा।
- इनपुट ऊर्जा लागत में कमी से भारतीय उद्योगों की वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता में वृद्धि होगी।
- यह जीवाश्म ईंधनों, ऊर्जा संसाधनों की उपलब्धता और कीमतों में अस्थिरता के प्रति उद्योगों की सुभेद्यता को कम करेगा।
- अन्य नवीकरणीय ऊर्जा प्रमाण पत्रों के विपरीत, इस योजना के अंतर्गत जारी ऊर्जा बचत प्रमाण पत्रों के लिए न्यूनतम और अधिकतम कीमत निर्धारित नहीं की गयी है।
सरकार ने 2015 में समाप्त हुए योजना के पहले चरण के संबंध में आँकड़े प्रस्तुत किए हैं। इसके अनुसार योजना ने:
- कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में 31 मिलियन टन की कमी लाने में योगदान दिया है। इसके परिणामस्वरूप 37,685 करोड़ रूपए की बचत हुई है।
- निर्धारित लक्ष्य से अधिक परिणाम हासिल किये गये जिससे 8.67 मिलियन टन तेल के बराबर ऊर्जा की बचत हुई है।
- साथ ही ऊर्जा दक्षता उपायों में 24,517 करोड़ रुपये का निवेश भी हुआ।
सुधार के उपाय:
- वर्तमान में कई क्षेत्रों जैसे लौह एवं इस्पात, लुगदी और कागज आदि में इसका विस्तार किया जाए।
- इस योजना में अधिक से अधिक ऊर्जा गहन क्षेत्रों को शामिल कर, इसके कवरेज क्षेत्र का विस्तार किया जाए।
- ऊर्जा दक्षता ब्यूरो को उद्योगों के लिए परामर्शदाता की भूमिका अधिक सक्रियता से निभानी चाहिए।
- हितधारकों के मध्य विश्वास निर्मित करने हेतु सुदृढ़ निगरानी और रिपोर्टिंग प्रणाली की व्यवस्था होनी चाहिए।
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