A. कार्बन और उसके भिन्न रूप
1. निम्नलिखित तत्वों में से कौन सर्वाधिक यौगिक निर्माण करता है?
(a) हाइड्रोजन
(b) कार्बन
(c) नाइट्रोजन
(d) ऑक्सीजन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर – (b) कार्बन
- उपर्युक्त तत्वों में से सर्वाधिक यौगिक निर्माण करने की क्षमता कार्बन में होती है।
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2. निम्नलिखित में किसमें कार्बन नहीं है?
(a) हीरा
(b) ग्रेफाइट
(c) कोयला
(d) उपरोक्त में कोई नहीं
[42nd B.P.S.C. (Pre) 1997]
उत्तर – (d) उपरोक्त में कोई नहीं
- हीरा कार्बन का अपररूप है। इसका आपेक्षिक घनत्व 3.5 है।
- ग्रेफाइट स्लेटी काले रंग का चिकना चमकदार कार्बनिक पदार्थ होता है, इसका आपेक्षिक घनत्व 2.25 होता है, जबकि कोयला एक ठोस कार्बनिक पदार्थ है, जिसको ईंधन के रूप प्रयोग में लाया जाता है।
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3. निम्न में से कौन-सा सर्वाधिक घरेलू रासायनिक प्रदूषण का कारण है?
(a) कोयले का जलना
(b) खाना बनाने वाली गैस का जलना
(c) रूम स्प्रे
(d) मच्छर मारने वाले लच्छे का जलना
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]
Ans – (a) कोयले का जलना
- कोयले का जलना सर्वाधिक घरेलू रासायनिक प्रदूषण का कारण है।
- इसके जलने से बहुतायत मात्रा में कार्बन डाईऑक्साइड गैस का निर्माण होता है, जो बंद कमरे में घुटन का कारण भी बनती है।
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4. निम्नलिखित में से कौन केवल कार्बन से बना हुआ है?
(a) केवलार
(b) लेक्सान
(c) ग्रैफीन
(d) स्पाइडर सिल्क
[U.P.P.C.S. (Mains) 2015]
उत्तर – (c) ग्रैफीन
- ग्रैफीन कार्बन का एक द्वि-आयामी अपररूप है।
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5. ग्रैफीन होता है-
(a) कार्बन की मिश्रधातु
(b) कार्बन का नैनो प्रतिरूप
(c) कार्बन का समस्थानिक
(d) उपरोक्त में कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर – (b) कार्बन का नैनो प्रतिरूप
- ग्रैफीन एक अणु की मोटाई वाली सामान्य कार्बन की एक पतली परत है, जिसके नैनोप्रौद्योगिकी के क्षेत्र में महत्वपूर्ण अनुप्रयोग हैं।
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6. अधोलिखित में से कौन-सा कार्बन का अपररूप नहीं है?
(a) हीरा
(b) ग्रेफाइट
(c) ऑक्सोकार्बन्स
(d) फुलरीन्स
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Spl) (Mains) 2010]
उत्तर – (c) ऑक्सोकार्बन्स
- ऑक्सोकार्बन, कार्बन का अपररूप नहीं है।
- ऑक्सोकार्बन एक अकार्बनिक यौगिक है, जो केवल कार्बन और ऑक्सीजन से युक्त होता है।
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7. पेन्सिल का लेड है-
(a) ग्रेफाइट
(c) लैम्प ब्लैक
(b) चारकोल (लकड़ी का कोयला)
(d) कोयला
[U.P. P.C.S. (Pre) 1994, Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर – (a) ग्रेफाइट
- ग्रेफाइट एवं हीरा दोनों ही कार्बन के अपररूप हैं।
- हीरा सबसे कठोर होता है, जबकि ग्रेफाइट हीरे से मुलायम होता है।
- ग्रेफाइट का प्रयोग पेन्सिल के लेड बनाने में किया जाता है।
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8. लेड पेन्सिल में होता है-
(a) सीसा
(b) सीसे का ऑक्साइड
(c) ग्रेफाइट
(d) सीसे का सल्फाइड
[U.P.P.C.S. (Mains) 2006, Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2003]
उत्तर – (c) ग्रेफाइट
- ग्रेफाइट का प्रयोग पेन्सिल के लेड बनाने में किया जाता है।
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9. निम्नलिखित में से किसे एक स्नेहक (ल्यूब्रीकेंट) के रूप में भी प्रयोग किया जाता है?
(a) क्यूप्राइट
(b) ग्रेफाइट
(c) हेमाटाइट
(d) क्रायोलाइट
[M.P.P.C.S. (Pre) Exam. 2017]
उत्तर – (b) ग्रेफाइट
- ग्रेफाइट कार्बन का शुद्ध क्रिस्टलीय अपररूप (Allotropes) है।
- यह स्नेहक (Lubricant) के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
- इसके क्रिस्टल में कार्बन परमाणु समषट्भुजों (Regular hexagons) की परतों में व्यवस्थित होते हैं।
- इनके परतों के मध्य क्षीण वॉन्डरवाल्स बल उपस्थित होने के कारण ग्रेफाइट नर्म (Soft) और स्नेहक होता है।
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10. कार्बन के तीसरे अपरूपी की खोज 3 वैज्ञानिकों की टीम द्वारा की गई थी, जिन्हें रसायन शास्त्र के नोबेल प्राइज से सम्मानित किया गया था। उसको चिह्नित कीजिए जो उस टीम में सम्मिलित नहीं था।
(a) एच.डब्ल्यू. क्रोटो
(b) आर.एफ. कर्ल
(c) आर.ई. स्माले
(d) फैमैन
[U.P.P.C.S. (Pre) 2009]
उत्तर – (d) फैमैन
- वर्ष 1996 में रॉबर्ट एफ. कर्ल (अमेरिका), सर हैरॉल्ड डब्ल्यू. क्रोटो (ब्रिटेन) तथा रिचर्ड ई. स्माले को फुलरीन्स (fullerenes), जो कि कार्बन का अपररूप था, की खोज के लिए रसायन विज्ञान के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- फुलरीन कार्बन का अपररूप होता है, जिसमें पूर्ण रूप से कार्बन के अणु संघनित होते हैं।
- इसका अणु सूत्र C होता है।
- वैज्ञानिक रिचर्ड बकमिन्स्टर फुलर के नाम पर इसका नाम फुलरीन्स रखा गया।
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11. बकमिन्स्टर फुलरीन है-
(a) कार्बन यौगिक का एक रूप जिसमें 60 कार्बन परमाणुओं का गुच्छ होता है, जो परस्पर पंचभुज या षटभुज से बने बहुफलकीय संरचना से जुड़े होते हैं।
(b) फ्लुओरीन का एक बहुलक।
(c) कार्बन का एक समस्थानिक जो C4 से भारी होता है।
(d) इनमें से कोई नहीं।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर – (a) कार्बन यौगिक का एक रूप जिसमें 60 कार्बन परमाणुओं का गुच्छ होता है, जो परस्पर पंचभुज या षटभुज से बने बहुफलकीय संरचना से जुड़े होते हैं।
- बकमिन्स्टर फुलरीन एक गोलीय फुलरीन अणु (कार्बन का अपररूप) है जिसका सूत्र C60 है।
- 20 षटभुजों तथा 12 पंचभुजों से निर्मित इस यौगिक की संरचना में कार्बन परमाणु बहुफलकीय संरचना से आबद्ध होते हैं।
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12. नीचे दिए गए युग्मों में से कौन-सा एक युग्म सुमेलित नहीं है?
(a) सूखी बर्फ ठोस कार्बन डाइऑक्साइड
(b) सेविन कीटनाशक
(c) टेफ्लॉन फ्लुओरीनयुक्त बहुलक
(d) फुलेरीन फ्लुओरीनयुक्त कार्बनिक यौगिक
[U.P.P.C.S. (Mains) 2017]
उत्तर – (d) फुलेरीन फ्लुओरीनयुक्त कार्बनिक यौगिक
- फुलेरीन कार्बन का अणु है, जो एक विशेष संरचना लिए होता है।
- पहले फुलेरीन अणु का निर्माण वर्ष 1985 में बकमिन्स्टर फुलेरीन (COD) नाम से किया गया था।
- जबकि फ्लोरीन (F, परमाणु क्रमांक-9) एक रासायनिक तत्व है।
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13. निम्नलिखित में से किसमें कार्बन नहीं है ?
(a) हीरा में
(b) ग्रेफाइट में
(c) कोयला में
(d) बालू में
[U.P. Lower Sub. (Mains) 2013]
उत्तर – (d) बालू में
- हीरा कार्बन का क्रिस्टलीय अपरूप है।
- इसका आपेक्षिक घनत्व 3.5 है।
- ग्रेफाइट, कार्बन का क्रिस्टलीय अपरूप है, जो स्लेटी काले रंग का चिकना चमकदार होता है।
- जबकि कोयला एक ठोस कार्बनिक पदार्थ है, जिसको ईंधन के रूप में प्रयोग किया जाता है।
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14. निम्न में से किसमें कार्बन मिलता है?
(a) लिग्नाइट
(b) टिन
(c) चांदी
(d) लोहा
[U.P.P.C.S. (Pre) 1993]
उत्तर – (a) लिग्नाइट
- कोयले के खनिजों को कार्बन की प्रतिशत मात्रा के आधार पर मुख्यतः चार प्रकारों में बांटा गया है-
लिग्नाइट |
25-35% |
सब-बिटुमिनस |
35-45% |
बिटुमिनस |
45-85% |
एन्थ्रासाइट |
85% से अधिक |
- अतः लिग्नाइट एक प्रकार का कोयला है, जिसमें कार्बन उपस्थित रहता है।
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15. कोयले के निम्नलिखित प्रकारों में से किस एक में शेष प्रकारों की अपेक्षा अधिक प्रतिशत कार्बन अंश होता है?
(a) बिटुमिनस कोयला
(b) लिग्नाइट
(c) पीट
(d) एन्थ्रासाइट
[I.A.S. (Pre) 1999, U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]
उत्तर – (d) एन्थ्रासाइट
- कोयले में एन्थ्रासाइट में शेष प्रकारों की अपेक्षा अधिक प्रतिशत कार्बन अंश होता है।
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16. कार्बन की मात्रा अधिकतम होती है-
(a) ढलवां लौह में
(b) पिटवां लौह में
(c) स्टील में
(d) मिश्रधातु स्टील में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर – (a) ढलवां लौह में
- ढलवां लौह (Pig iron) में कार्बन की मात्रा लगभग 3.5 से 4.5 प्रतिशत तक होती है।
- जो दिए गए अन्य विकल्पों पिटवां लौह में (0.04 से 0.08%), स्टील में (1.5%), मिश्रधातु स्टील में (0.1 से 1%) से अधिक होती है।
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17. निम्नलिखित में से कौन-सा रवा (क्रिस्टल) नहीं है?
(a) हीरा
(b) क्वार्ट्ज
(c) गंधक
(d) ग्रेफाइट
[M.P.P.C.S. (Pre) 1996]
उत्तर – (c) गंधक
- नमक, चीनी, हीरा, क्वार्ट्ज, बर्फ, ग्रेफाइट इत्यादि क्रिस्टल की श्रेणी में आते हैं, जबकि गंधक क्रिस्टल की श्रेणी में नहीं आता।
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18. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए – कांच पर उत्कीर्ण किया या खरोंचा जा सकता है-
1. हीरा से
2. हाइड्रोफ्लोरिक अम्ल से
3. एक्वारेजिया से (अम्ल राज)
4. सांद्र सल्फ्यूरिक अम्ल से
इन कथनों में से कौन-कौन से सही हैं?
(a) 1 और 4
(b) 2 और 3
(c) 1 और 2
(d) 2 और 4
[I.A.S. (Pre) 1999]
उत्तर – (c) 1 और 2
- हीरे का उपयोग कांच को काटने तथा उस पर उत्कीर्ण करने या खरोंचने में होता है।
- हाइड्रोफ्लोरिक अम्ल (HF) का प्रयोग भी कांच पर उत्कीर्ण करने एवं खरोंचने में होता है।
- कांच हाइड्रोफ्लोरिक अम्ल (HF) में घुलनशील सिलिकेट बनाता है, यही कारण है कि HF का भंडारण कांच के बर्तनों में नहीं किया जाता है।
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19. हीरे की विक्री में भार की इकाई कैरेट होती है। एक कैरेट बराबर है-
(a) 100 मिग्रा. के
(b) 200 मिग्रा. के
(c) 300 मिग्रा. के
(d) 400 मिग्रा. के
[U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
उत्तर – (b) 200 मिग्रा. के
- कैरेट का उपयोग किसी हीरे का वजन बताने के लिए किया जाता है।
- 1 कैरेट = 0.2 ग्राम 0.2 ग्राम = 200 मिलीग्राम
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20. ग्राफीन आजकल प्रायः सुर्खियों में रहता है। उसका क्या महत्व है?
1. वह एक द्वि-आयामीय पदार्थ है और उसकी विद्युत चालकता उत्तम है।
2. वह अब तक जांचे गए सबसे तनु किंतु सबसे शक्तिशाली पदार्थों में से है।
3. वह पूर्णतः सिलिकॉन से बना होता है और उसकी चाक्षुष पारदर्शिता उच्च होती है।
4. उसका टच स्क्रीन, LCD और कार्बनिक LED के लिए ‘चालक इलेक्ट्रोड’ के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है।
उपर्युक्त में से कौन-से कथन सही हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3 और 4
(c) केवल 1, 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर – (c) केवल 1, 2 और 4
- ग्राफीन एक अणु की मोटाई वाली सामान्य कार्बन की एक पतली परत है, जो विलक्षण गुण प्रदर्शित करती है।
- इसकी खोज मैनचेस्टर विश्वविद्यालय में कार्यरत दो वैज्ञानिकों आंद्रे जीम और कोंसटांटिन नोवोसेलोव ने वर्ष 2004 में की थी।
- ग्राफीन के आश्चर्यजनक गुणों को रेखांकित करने के कारण ही दोनों को वर्ष 2010 में भौतिकी के नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था।
- जीम और नोवोसेलोव ने ग्राफीन को ग्रेफाइट के एक टुकड़े से निष्कर्षित किया था।
- ग्राफीन एक द्वि-आयामी तत्व है।
- द्वि-आयामी होने का फायदा यह है कि इनमें विद्युत (Electricity) को नियंत्रित करना, त्रिविमीय तत्वों की तुलना में ज्यादा सरल होता है।
- ग्राफीन न केवल बेहद पतला है, बल्कि अब तक खोजे गए पदार्थों में सबसे मजबूत भी है।
- विद्युत का संवाहक होने के साथ-साथ इसमें तांबे के भी गुण हैं।
- यह लगभग पारदर्शी है, इसके बावजूद यह इतना घना है कि सबसे छोटा गैस का अणु हीलियम भी इससे होकर गुजर नहीं सकता।
- ग्राफीन का इस्तेमाल कंप्यूटर चिप्स, कम्युनिकेशन डिवाइस और टचस्क्रीन आदि में किया जा सकेगा।
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21. निम्नलिखित में से कौन-सा पदार्थ सर्वाधिक मजबूत होता है?
(a) जर्मन सिल्वर
(b) पीतल
(c) स्टील
(d) ग्राफीन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2015]
उत्तर – (d) ग्राफीन
- ग्राफीन न केवल बेहद पतला है, बल्कि अब तक खोजे गए पदार्थों में सबसे मजबूत भी है।
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22. निम्नलिखित कथनों पर विचार करें एवं नीचे दिए कूट से सही उत्तर चयन कीजिए-
1. कैल्शियम सल्फेट की उपस्थिति जल को कठोर बना देती है एवं वह उपयोग योग्य नहीं रहता।
2. हीरा, तांबा व लोहे से कठोर है।
3. वायु का मुख्य घटक ऑक्सीजन है।
4. नाइट्रोजन वनस्पति घी के निर्माण में प्रयुक्त होती है।
कूट :
(a) 1 एवं 2
(b) 3 एवं 4
(c) 1 एवं 3
(d) 2 एवं 4
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]
उत्तर – (a) 1 एवं 2
- कैल्शियम सल्फेट की उपस्थिति से जल में स्थायी कठोरता हो जाती है, इसके घुले रहने से जल को उबालने पर भी इसकी स्थायी कठोरता दूर नहीं होती है।
- अतः यह उपयोग के योग्य नहीं रहता है।
- हीरा सबसे कठोर होता है, यह किसी द्रव में नहीं घुलता तथा इस पर अम्ल, क्षार इत्यादि का कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।
- वायु विभिन्न गैसों का मिश्रण है, जिसमें सर्वाधिक मात्रा में नाइट्रोजन होती है तथा वनस्पति घी के निर्माण में नाइट्रोजन नहीं बल्कि हाइड्रोजन प्रयुक्त होता है।
- इस प्रकार कथन 1 एवं 2 सही हैं, जबकि कथन 3 एवं 4 गलत हैं।
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23. भारी मशीनों के उपयोग के लिए स्नेहक कौन-सा है?
(a) बॉक्साइट
(b) फॉस्फोरस
(c) ग्रेफाइट
(d) सिलिकॉन आयल
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999]
उत्तर – (c) ग्रेफाइट
- ग्रेफाइट स्लेटी काले रंग का चिकना चमकदार कार्बनिक पदार्थ होता है।
- यह कार्बन का अपररूप है।
- ग्रेफाइट चूर्ण का उपयोग भारी मशीनों में स्नेहक के रूप में किया जाता है।
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24. निम्न में से किसे शुष्क बर्फ कहते हैं?
(a) निर्जलित बर्फ
(b) पहाड़ों पर पड़ी बर्फ
(c) ठोस कार्बन डाइऑक्साइड
(d) ठोस कार्बन मोनोऑक्साइड
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2002, 44th B.P.S.C. (Pre) 2000, 43rd B.P.S.C. (Pre) 1999, 42rd B.P.S.C. (Pre) 1998]
उत्तर – (c) ठोस कार्बन डाइऑक्साइड
- ठोस कार्बन डाइऑक्साइड को शुष्क बर्फ या शुष्क हिम कहा जाता है।
- यह गर्म करने पर सीधे ही गैस में परिवर्तित हो जाता है।
- इसका उपयोग आइसक्रीम के निर्माण में तथा प्रभावकारी शीतलक के रूप में किया जाता है।
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25. निम्नलिखित अधातुओं में से कौन-सा एक विद्युत का मंद चालक नहीं है?
(a) सल्फर
(b) सिलीनियम
(c) ब्रोमीन
(d) फॉस्फोरस
[I.A.S. (Pre) 2007]
उत्तर – (b) सिलीनियम
- विद्युत का चालन धात्विक गुण है।
- किसी वर्ग में नीचे की ओर जाने पर घात्विक प्रकृति बढ़ती है तथा किसी आवर्त में बाएं से दाएं जाने पर धात्विक गुण घटता है, अतः उपर्युक्त में सर्वाधिक वैद्युत चालक सिलीनियम है।
- सिलीनियम एक अधातु है।
- भूरा सिलीनियम एक अर्द्धचालक है।
- यह अंधेरे की अपेक्षा प्रकाश में विद्युत का अच्छी प्रकार चालन करता है।
- इसकी खोज 1817 ई. में स्वीडिश रसायन विज्ञानी बरोन जॉस जैकब बरजीलियस ने की थी।
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B. हाइड्रोजन और उसके यौगिक
1. निम्न तत्वों में से किसमें न्यूट्रॉन नहीं होता है?
(a) ऑक्सीजन
(b) नाइट्रोजन
(c) हाइड्रोजन
(d) तांबा
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) 2018]
उत्तर – (c) हाइड्रोजन
- हाइड्रोजन का परमाणु क्रमांक 1 होता है।
- साधारण हाइड्रोजन समस्थानिक (प्रोटियम) में कोई न्यूट्रॉन नहीं होता है।
- भारी हाइड्रोजन समस्थानिक (ड्यूटीरियम) में 1 न्यूट्रॉन होता है, जबकि अत्यंत भारी हाइड्रोजन समस्थानिक (ट्राइटियम) में 2 न्यूट्रॉन होते हैं।
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2. एक तत्व X के बाह्यतम कक्षा में चार इलेक्ट्रॉन हैं। हाइड्रोजन के साथ इसके यौगिक का कौन-सा सूत्र होगा?
(a) X4H
(b) X4H4
(c) XH
(d) XH4
[43 B.P.S.C. (Pre) 1999]
उत्तर – (d) XH4
- X का हाइड्रोजन के साथ यौगिक निम्न प्रकार से बनेगा: H
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H-X-H→XH4
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HX का हाइड्रोजन के साथ यौगिक निम्न प्रकार से बनेगा: H
|
H-X-H→XH4
|
H
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3. भार के अनुसार पानी (H₂O) में हाइड्रोजन की प्रतिशतता है-
(a) 44.45%
(b) 5.55%
(c) 88.89%
(d) 11.11%
[Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Mains) 2006]
उत्तर – (d) 11.11%
- (H,O) जल का आणविक द्रव्यमान = 2 + 16 = 18 g/mol जल में उपस्थित हाइड्रोजन परमाणुओं की संख्या = 2 2 .. जल में हाइड्रोजन का प्रतिशत×100 11.11% 18
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4. हाइड्रोजन गैस का एक मोल (अणु ग्राम) ऑक्सीजन आधिक्य में जल कर 290 Kj ऊष्मा देता है। उन्हीं परिस्थितियों में 4 ग्राम हाइड्रोजन गैस के जलने पर कितनी ऊष्मा उत्पन्न होगी?
(a) 145 Kj
(b) 290 Kj
(c) 580 Kj
(d) 1160 Kj
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर – (c) 580 Kj
- H, हाइड्रोजन का एक मोल होता है।
- हाइड्रोजन का । मोल = 2 ग्राम 4 ग्राम से उत्पन्न ऊर्जा = 290×2 580 Kj
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5. हाइड्रोजन को जलाने से क्या बनेगा?
(a) ऑक्सीजन
(b) राख
(c) मिट्टी
(d) पानी
[47th B.P.S.C. (Pre) 2005]
उत्तर – (d) पानी
- हाइड्रोजन बिना हवा की उपस्थिति में नहीं जल सकती।
- यदि हवा की उपस्थिति में हाइड्रोजन को जलाया जाएगा, तो वह ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया कर जल का निर्माण करेगी।
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6. निम्नलिखित ईंधनों में से कौन-सा न्यूनतम वायु प्रदूषण करता है?
(a) मिट्टी का तेल
(b) हाइड्रोजन
(c) कोयला
(d) डीजल
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]
उत्तर – (b) हाइड्रोजन
- हाइड्रोजन एक स्वच्छतम दहन ईंधन है, जिसके जलने से केवल जल उत्पन्न होता है, जबकि कोयला, मिट्टी का तेल और डीजल आदि जीवाश्म ईंधन या कार्बनिक ईंधन कहलाते हैं, जिनके जलने से वायुमंडल में CO, आदि हानिकारक गैसों का उत्सर्जन होता है।
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7. भारी जल का रासायनिक फॉर्मूला है-
(a) H₂O
(b) D2O
(c) H₂CO,
(d) H,S
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2003]
उत्तर – (b) D2O
- भारी जल हाइड्रोजन के समस्थानिक ड्यूटीरियम का ऑक्साइड है।
- भारी जल का रासायनिक फॉर्मूला D₂O है तथा भारी हाइड्रोजन का रासायनिक सूत्र D, है।
- D,O रंगहीन, गंधहीन तथा स्वादहीन होता है।
- इसका सापेक्षिक घनत्व (पानी के सापेक्ष) 1.1 तथा हिमांक साधारण जल से थोड़ा अधिक होगा।
- हैवी वाटर का प्रयोग परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में मंदक (Moderator) व शीतलक (Coolant) दोनों ही रूपों में किया जाता है।
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8. भारी जल का रासायनिक सूत्र है –
(a) H2O
(b) N₂O
(c) D2O
(d) CuO
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2020]
उत्तर – (c) D2O
- भारी जल का रासायनिक फॉर्मूला D₂O है
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9. भारी जल एक प्रकार का-
(a) शीतलक है।
(b) मंदक है।
(c) अयस्क है।
(d) ईंधन है।
[U.P. P.C.S. (Pre) 1993]
उत्तर – (a & b) शीतलक व मंदक है।
- हैवी वाटर का प्रयोग परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में मंदक (Moderator) व शीतलक (Coolant) दोनों ही रूपों में किया जाता है।
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10. न्यूक्लीय रिएक्टरों में विमंदक और प्रशीतक दोनों की तरह प्रयुक्त होने वाला पदार्थ है-
(a) साधारण पानी
(b) भारी पानी
(c) द्रव अमोनिया
(d) द्रव हाइड्रोजन
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर – (b) भारी पानी
- भारी पानी का प्रयोग परमाणु ऊर्जा संयंत्रों में मंदक (Moderator) व शीतलक (Coolant) दोनों ही रूपों में किया जाता है।
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11. गुरु जल क्या है?
(a) ऑक्सीजन + हैवी हाइड्रोजन
(b) हाइड्रोजन + ऑक्सीजन
(c) हाइड्रोजन + नवजात ऑक्सीजन
(d) हैवी हाइड्रोजन + हैवी ऑक्सीजन
[M.P.P.C.S. (Pre) 1991]
उत्तर – (a) ऑक्सीजन + हैवी हाइड्रोजन
- भारी जल हाइड्रोजन के समस्थानिक ड्यूटीरियम का ऑक्साइड है।
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12. भारी पानी वह पानी होता है-
(a) जिसका तापमान 4°C पर स्थिर रखा जाता है।
(b) जिसमें कैल्शियम और पोटैशियम के अविलय लवण होते हैं।
(c) जिसमें हाइड्रोजन का स्थान आइसोटोप ले लेता है।
(d) जिसमें ऑक्सीजन का स्थान उसका आइसोटोप ले लेता है।
[41″ B.P.S.C. (Pre) 1996]
उत्तर – (c) जिसमें हाइड्रोजन का स्थान आइसोटोप ले लेता है।
- भारी पानी वह पानी होता है जिसमें हाइड्रोजन का स्थान आइसोटोप ले लेता है।
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13. ‘हैवी वॉटर’ में-
(a) अधिक सम्मिश्रित हवा होती है।
(b) हाइड्रोजन के स्थान पर ड्यूटीरियम (Deuterium) होता है।
(c) अधिक घुले हुए खनिज और लवण होते हैं।
(d) जैविक अशुद्धताएं होती हैं।
[U.P.P.C.S.(Mains) 2007]
उत्तर – (b) हाइड्रोजन के स्थान पर ड्यूटीरियम (Deuterium) होता है।
- भारी जल हाइड्रोजन के समस्थानिक ड्यूटीरियम का ऑक्साइड है।
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14. निम्नलिखित में से किसने भारी पानी की खोज की?
(a) हेनरिख हर्ट्ज
(b) एच.सी. उरे
(c) जी. मेण्डल
(d) जोसेफ प्रीस्टले
[I.A.S. (Pre) 2008]
उत्तर – (b) एच.सी. उरे
- भारी पानी के खोजकर्ता अमेरिकी भौतिक रसायनज्ञ हेराल्ड क्लेटन उरे को वर्ष 1934 में रसायन विज्ञान का नोबेल पुरस्कार प्राप्त हुआ था।
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15. भारी पानी का अणुमार होता है-
(a) 18
(b) 20
(c) 36
(d) 54
[U.P. Lower Sub. (Mains) 2015]
उत्तर – (b) 20
- भारी जल का अणु भार 20.030 g/mol होता है, जबकि साधारण जल का अणुभार 18.016 g/mol होता है।
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16. जल गैस है
(a) CO + H2
(b) CO + H₂O
(c) CO₂ + H
(d) CO₂ + H₂O
(e) इनमें से कोई नहीं
[Chattishgarh P.C.S. (Pre) Exam. 2016]
उत्तर – (a) CO + H2
- जल गैस या वाटर गैस एक कृत्रिम गैस (Synthesis gas) है।
- इसमें कार्बन मोनोऑक्साइड (CO) और हाइड्रोजन (H₂) मिश्रित होती है।
- जल गैस (CO+H₂) से मेथिल एल्कोहल का निर्माण होता है – CO +2H2 →उत्प्रेरकCH3OH
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17. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
कठोर जल उपयुक्त नहीं है-
1. पीने के लिए
2. साबुन से कपड़े धोने के लिए
3. बॉयलर्स में प्रयोग के लिए
4. फसल की सिंचाई के लिए
इनमें से कौन-कौन से कथन सही हैं?
(a) 1 और 3
(b) 2 और 3
(c) 1, 2 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2000]
उत्तर – (d) 1, 2, 3 और 4
- जल की स्थायी कठोरता कैल्शियम तथा मैग्नीशियम के क्लोराइड तथा सल्फेट के कारण होती है।
- कठोर जल पीने में लवणीय लगते हैं।
- कपड़ा धोने पर इनसे झाग उत्पन्न नहीं होता।
- अतः कपड़ा धोने हेतु ये अनुपयुक्त होते हैं।
- बॉयलर्स में उबालने पर कैल्शियम तथा मैग्नीशियम के लवण सतह पर आकर जम जाते हैं तथा वाष्पन की क्रिया में अवरोध उत्पन्न करते हैं, जिससे ऊष्मा का संकेन्द्रण जल में बढ़ता जाता है और बॉयलर विस्फोट करके टूट जाता है।
- कठोर जल फसल की सिंचाई हेतु भी उपयुक्त नहीं होते क्योंकि ये फसल के जाइलम को अवरुद्ध कर देते हैं जिससे फसलें कुंठित हो जाती हैं।
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18. पानी की स्थायी कठोरता के लिए निम्न में से कौन उत्तरदायी है?
(a) कैल्शियम और मैग्नीशियम के क्लोराइड्स व सल्फेट्स
(b) कैल्शियम का बाइकार्बोनेट
(c) मैग्नीशियम का बाइकार्बोनेट
(d) सिल्वर व पोटैशियम के क्लोराइड्स
[40th B.P.S.C. (Pre) 1995, Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (a) कैल्शियम और मैग्नीशियम के क्लोराइड्स व सल्फेट्स
- जल की स्थायी कठोरता कैल्शियम तथा मैग्नीशियम के क्लोराइड तथा सल्फेट के कारण होती है।
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19. जल के लिए pH मान होता है-
(a) लगभग शून्य
(b) लगभग 7
(c) 5 या 5 से कम
(d) 8.5 या उससे अधिक
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (b) लगभग 7
- शुद्ध जल को उदासीन माना जाता है, जिसका pH मान लगभग 7 होता है।
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20. पानी का pH मान है-
(a) 4
(b) 7
(c) 12
(d) 18
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) 2019]
उत्तर – (b) 7
- पानी का pH मान 7 होता है।
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21. पानी का शुद्धतम रूप क्या है-
(a) नल का पानी
(b) समुद्री जल
(c) वर्षा का पानी
(d) आसवित जल
[M.P. P.C.S. (Pre) 2000]
उत्तर – (c) वर्षा का पानी
- वर्षा का पानी जल का शुद्ध रूप है।
- इसका pH मान 7 होता है।
- पृथ्वी पर पाए जाने वाले पानी में अम्लीय तथा क्षारीय पदार्थ घुले होते हैं, जिससे पानी अशुद्ध हो जाता है।
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22. पानी आयनिक लवण का सुविलायक है, क्योंकि–
(a) उसका क्वथनांक उच्च है।
(b) उसका द्विध्रुव आघूर्ण अधिक है।
(c) उसकी विशिष्ट ऊष्मा अधिक है।
(d) उसका कोई रंग नहीं होता।
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर – (b) उसका द्विध्रुव आघूर्ण अधिक है।
- आयनिक लवण ध्रुवीय होते हैं तथा वे केवल एक ध्रुवीय विलायक द्वारा ही घुलनशील होते हैं।
- पानी एक ध्रुवीय विलायक है तथा उसका द्विध्रुव आघूर्ण अधिक होता है।
- अतः यह आयनिक लवणों का सुविलायक भी है।
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23. अशुद्ध जल से बड़ी मात्रा में पेयजल तैयार किया जाता है-
(a) निर्लवणीकरण द्वारा
(b) आसवन द्वारा
(c) आयन आदान-प्रदान द्वारा
(d) निधार कर
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (a) निर्लवणीकरण द्वारा
- निर्लवणीकरण द्वारा अशुद्ध जल से बड़ी मात्रा में पेयजल तैयार किया जाता है।
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24. निम्नलिखित में से कौन-सी गैस पीने के पानी को शुद्ध करने के लिए प्रयोग में लाई जाती है?
(a) हीलियम
(b) क्लोरीन
(c) फ्लुओरीन
(d) कार्बन डाइऑक्साइड
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर – (b) क्लोरीन
- क्लोरीन का प्रयोग ब्लीचिंग पाउडर बनाने में, विसंक्रामक बनाने में तथा पीने के पानी में रोगाणुनाशक की तरह होता है।
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25. समुद्री जल को शुद्ध जल में किस प्रक्रिया द्वारा बदला जा सकता है?
(a) प्रस्वेदन
(b) उत्फुलन
(c) विद्युत पृथक्करण
(d) उत्क्रम परासरण
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2008]
उत्तर – (d) उत्क्रम परासरण
- उत्क्रम परासरण (Reverse Osmosis) छनन विधि द्वारा जलशोधन की एक विशिष्ट प्रक्रिया है।
- इस विधि से समुद्री जल को शुद्ध किया जाता है।
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26. खारे पानी को शुद्ध पानी में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को कहते हैं-
(a) प्रस्वेदन
(c) विद्युत पृथक्करण
(b) उत्फुल्लन
(d) उत्क्रम परासरण
[U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
उत्तर – (d) उत्क्रम परासरण
- खारे पानी को शुद्ध पानी में परिवर्तित करने की प्रक्रिया को उत्क्रम परासरण कहते हैं।
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27. फिटकरी गंदले पानी को किस प्रक्रिया द्वारा स्वच्छ करती है?
(a) अवशोषण
(b) अधिशोषण
(c) स्कंदन
(d) अपोहन
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2000]
उत्तर – (c) स्कंदन
- रासायनिक स्कंदन की प्रक्रिया द्वारा गंदे जल को स्वच्छ जल में परिवर्तित किया जाता है।
- फिटकरी (Alum) को गंदे जल में मिलाने पर जलशोधन क्रमशः स्कंदन (Coagulation), ऊर्णन (Flocculation) तथा अवसादन (Sedimentation) के द्वारा होता है।
- परिणामतः स्वच्छ जल प्राप्त होता है।
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28. वनस्पति तेल से वनस्पति घी बनाने में प्रयुक्त होने वाली गैस है-
(a) हाइड्रोजन
(b) ऑक्सीजन
(c) नाइट्रोजन
(d) कार्बन डाइऑक्साइड
(e) उपरोक्त में से कोई नहीं/ उपरोक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) Exam, 2016, U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
उत्तर – (a) हाइड्रोजन
- वनस्पति तेलों से वनस्पति घी हाइड्रोजनीकरण की प्रक्रिया द्वारा बनाया जाता है।
- निकेल (बारीक चूर्ण) उत्प्रेरक की उपस्थिति में वनस्पति तेलों के साथ हाइड्रोजन वसा बनाती है।
- यह क्रिया तेलों का ‘हाइड्रोजनीकरण’ कहलाती है।
- वनस्पति तेल + हाइड्रोजन (Ni) उत्प्रेरक 150°-180°C → वनस्पति घी
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29. वनस्पति तेलों के हाइड्रोजनीकरण में निम्नलिखित में से किस उत्प्रेरक का उपयोग किया जाता है?
(a) जस्ता
(b) प्लेटिनम
(c) निकेल
(d) लौह
[U.P.P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर – (c) निकेल
- निकेल (Ni) उत्प्रेरक की उपस्थिति में गर्म वनस्पति तेलों के साथ हाइड्रोजन वसा बनाती है।
- यह क्रिया तेलों का हाइड्रोजनीकरण (Hydrogenation) कहलाता है।
- वनस्पति तेलों से वनस्पति घी हाइड्रोजनीकरण द्वारा बनाया जाता है।
(Ni) उत्प्रेरक→
- वनस्पति तेल + हाइड्रोजन 150°-180°C वनस्पति घी
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30. निम्नलिखित में से किस उत्प्रेरक का उपयोग वनस्पति तेलों के हाइड्रोजनीकरण के लिए किया जाता है?
(a) जिंक चूर्ण का
(b) निकेल का
(c) प्लेटिनम का
(d) तांबे का
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर – (b) निकेल का
- हाइड्रोजनीकरण का अभिप्राय असंतृप्त कार्बनिक यौगिकों से हाइड्रोजन की क्रिया द्वारा संतृप्त यौगिकों के प्राप्त करने से है।
- वनस्पति तेलों के हाइड्रोजनीकरण के लिए सामान्यतः निकेल का उत्प्रेरक के रूप में प्रयोग किया जाता है।
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C. सल्फर, नाइट्रोजन, हैलोजन, अक्रिय गैसें
1. कौन-सी गैस ‘नोबेल गैस’ कहलाती है?
(a) हाइड्रोजन
(b) ऑक्सीजन
(c) हीलियम
(d) कार्बन डाइऑक्साइड
[M.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर – (c) हीलियम
- आवर्त सारणी के समूह 18 में 6 तत्व हैं हीलियम (He), नीऑन (Ne), ऑर्गन (Ar), क्रिप्टॉन (Kr), जीनॉन (Xe) तथा रेडान (Rn)|
- ये सभी सामान्य ताप पर रासायनिक रूप से अक्रिय गैसें हैं।
- ये गैसें उत्कृष्ट धातुओं जैसे प्लेटिनम एवं गोल्ड (सोना) के समान मुक्त अवस्था में पाई जाती हैं तथा इनमें रासायनिक क्रियाशीलता का अभाव है।
- अतः इन्हें ‘उत्कृष्ट गैस’ या ‘नोबेल गैस’ कहते हैं।
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2. निम्नलिखित में से किस गैस की प्रतिशत मात्रा (आयतन में) वायुमण्डल में सबसे कम है?
(a) ऑर्गन
(b) कार्बन डाइऑक्साइड
(c) नाइट्रोजन
(d) ऑक्सीजन
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2007]
उत्तर – (b) कार्बन डाइऑक्साइड
- वायुमण्डल में आयतन की दृष्टि से नाइट्रोजन लगभग 78 प्रतिशत पाई जाती है।
- ऑक्सीजन का इस संदर्भ में दूसरा स्थान है, जो वायुमण्डल में लगभग 20.95 प्रतिशत पाई जाती है।
- आयतन की दृष्टि से वायुमण्डल में ऑर्गन 0.93 प्रतिशत तथा कार्बन डाइऑक्साइड लगभग 0.03 प्रतिशत पाई जाती है।
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3. वायुमण्डलीय वायु में नाइट्रोजन लगभग कितने प्रतिशत होती है?
(a) 10-11%
(b) 18-20%
(c) 40-20%
(d) 78-79%
[M.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर – (d) 78-79%
- वायुमण्डल में आयतन की दृष्टि से नाइट्रोजन लगभग 78 प्रतिशत पाई जाती है।
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4. कौन गैसीय चक्र नहीं है?
(a) N
(c) कार्बन
(b) O
(d) H
(e) इनमें से कोई नहीं
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर – (d) H
- गैसीय चक्र में पदार्थ का मुख्य भंडार/स्रोत वायुमंडल एवं महासागर होते हैं।
- गैसीय चक्र में कार्बन चक्र, ऑक्सीजन चक्र, नाइट्रोजन चक्र एवं जल चक्र सर्वप्रमुख है।
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5. गोताखोरों के सांस लेने संबंधी क्रिया में उपयोग की जाने वाली गैसें हैं
(a) ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन
(b) ऑक्सीजन तथा हीलियम
(c) ऑक्सीजन तथा आर्गन
(d) ऑक्सीजन तथा निऑन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014, U.P. R.O./A.R.O. (Mains) 2016]
उत्तर – (b) ऑक्सीजन तथा हीलियम
- हीलियम और ऑक्सीजन का मिश्रण गहरे समूद्रों में गोताखोरों द्वारा वायु के स्थान पर सांस लेने के लिए प्रयोग किया जाता है, क्योंकि अधिक दाब पर हीलियम रक्त में कम विलेय होता है।
- हालांकि विभिन्न परिस्थितियों में गोताखोरों द्वारा ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन (Nitrox) या ऑक्सीजन, नाइट्रोजन तथा हीलियम (Trimix) का भी उपयोग किया जाता है।
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6. गोताखोरों द्वारा गहरे समुद्र में सांस लेने के लिए ऑक्सीजन के साथ किस गैस को मिश्रित किया जाता है?
(a) हीलियम
(c) जीनोम
(b) नाइट्रोजन
(d) अमोनिया
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2007]
उत्तर – (a) हीलियम
- हीलियम और ऑक्सीजन का मिश्रण गहरे समूद्रों में गोताखोरों द्वारा वायु के स्थान पर सांस लेने के लिए प्रयोग किया जाता है।
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7. गहरे समुद्र के गोताखोर निम्न में से किस एक गैस मिश्रण का उपयोग करते हैं?
(a) हीलियम ऑक्सीजन मिश्रण
(b) हीलियम-नाइट्रोजन मिश्रण
(c) ऑक्सीजन-एसीटिलीन मिश्रण
(d) ऑक्सीजन-हाइड्रोजन मिश्रण
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]
उत्तर – (a) हीलियम ऑक्सीजन मिश्रण
- हीलियम और ऑक्सीजन का मिश्रण गहरे समूद्रों में गोताखोरों द्वारा वायु के स्थान पर सांस लेने के लिए प्रयोग किया जाता है, क्योंकि अधिक दाब पर हीलियम रक्त में कम विलेय होता है।
- हालांकि विभिन्न परिस्थितियों में गोताखोरों द्वारा ऑक्सीजन तथा नाइट्रोजन (Nitrox) या ऑक्सीजन, नाइट्रोजन तथा हीलियम (Trimix) का भी उपयोग किया जाता है।
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8. कौन-सा तत्व सरसों में तेल की मात्रा बढ़ाने में अत्यधिक उपयोगी है?
(a) कैल्शियम
(b) सल्फर
(c) जस्ता
(d) लोहा
[U.P. R.O.JA.R.O. (Pre) 2021]
उत्तर – (b) सल्फर
- सल्फर पौधों के लिए आवश्यक दीर्घपोषक तत्व है।
- यह सरसों के उत्पादन एवं उसमें तेल की मात्रा बढ़ाने में अत्यधिक उपयोगी है।
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9. सल्फर हेक्साफ्लोराइड अणु का आकार कौन-सा है?
(a) त्रिभुजाकार पिरामिड
(b) अष्टफलकीय
(c) समतलीय
(d) चतुष्फलकीय
[43rd B.P.S.C. (Pre) 1999]
उत्तर – (b) अष्टफलकीय
- सल्फर हेक्साफ्लोराइड (SF) रंगहीन, गंधहीन, अज्वलनशील अकार्बनिक यौगिक है।
- इस अणु का आकार अष्टफलकीय (Octahedral) होता है।
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10. जल में आसानी से घुलनशील है-
(a) कार्बन
(b) नाइट्रोजन
(c) अमोनिया
(d) आयोडीन
[U.P. P.C.S. (Pre) 1993]
उत्तर – (c) अमोनिया
- जल एक ध्रुवीय यौगिक है तथा जल के अणुओं के मध्य एक प्रबल विद्युतीय क्षेत्र होता है, जो गैसों के अणुओं में द्विध्रुव आघूर्ण प्रेरित करता है।
- वे गैसें जिनमें उपस्थित हाइड्रोजन परमाणु जल के अणुओं के साथ सरलतापूर्वक हाइड्रोजन बन्ध बना लेते हैं, वे जल में अधिक घुलनशील होती हैं, जैसे-अमोनिया।
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11. जल किसी अन्य द्रव की अपेक्षा अधिक पदार्थों को घोल सकता है; क्योंकि –
(a) इसकी प्रकृति द्विध्रुवीय है
(b) यह ऊष्मा का सुचालक है
(c) इसकी विशिष्ट ऊष्मा का मान उच्च होता है
(d) यह हाइड्रोजन का एक ऑक्साइड है
[I.A.S. (Pre) 2021]
उत्तर – (a) इसकी प्रकृति द्विध्रुवीय है
- जल एक ध्रुवीय यौगिक है तथा जल के अणुओं के मध्य एक प्रबल विद्युतीय क्षेत्र होता है, जो गैसों के अणुओं में द्विध्रुव आघूर्ण प्रेरित करता है।
- वे गैसें जिनमें उपस्थित हाइड्रोजन परमाणु जल के अणुओं के साथ सरलतापूर्वक हाइड्रोजन बन्ध बना लेते हैं, वे जल में अधिक घुलनशील होती हैं, जैसे-अमोनिया।
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12. निम्नलिखित में से कौन-सा हास्य गैस (लॉफिंग गैस) के रूप में प्रयुक्त होता है?
(a) नाइट्रस ऑक्साइड
(b) नाइट्रोजन डाइऑक्साइड
(c) नाइट्रोजन ट्राईऑक्साइड
(d) नाइट्रोजन टेट्राऑक्साइड
[40th B.P.S.C. (Pre) 1995, U.P.P.C.S (Mains) 2011, U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010]
उत्तर – (a) नाइट्रस ऑक्साइड
- नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) को हास्य गैस (Laughing Gas) कहते हैं।
- इसे सूंघने पर हंसी आती है।
- इसे शल्य क्रिया के समय निश्चेतक (Anaesthesia) के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
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13. निम्नलिखित में से किसे हंसने वाली गैस कहा जाता है?
(a) नाइट्रिक ऑक्साइड
(b) नाइट्रस ऑक्साइड
(c) नाइट्रोजन पेंटाऑक्साइड
(d) नाइट्रोजन
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) 2019]
उत्तर – (b) नाइट्रस ऑक्साइड
- नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) को हास्य गैस (Laughing Gas) कहते हैं।
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14. डॉक्टरों द्वारा एनेस्थीसिया (Anaesthesia) के रूप में प्रयोग होने वाली हास्य गैस (Laughing gas) है-
(a) नाइट्रोजन
(b) नाइट्रोजन ऑक्साइड
(c) नाइट्रस ऑक्साइड
(d) नाइट्रोजन डाइऑक्साइड
[44th B.P.S.C. (Pre) 2000]
उत्तर – (c) नाइट्रस ऑक्साइड
- नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) को हास्य गैस (Laughing Gas) कहते हैं।
- इसे सूंघने पर हंसी आती है।
- इसे शल्य क्रिया के समय निश्चेतक (Anaesthesia) के रूप में भी प्रयोग किया जाता है।
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15. ‘हास गैस’ है-
(a) हाइड्रोजन परऑक्साइड
(b) नाइट्रस ऑक्साइड
(c) कार्बन मोनोऑक्साइड
(d) सल्फर डाइऑक्साइड
[M.P.P.C.S. (Pre) Exam. 2017]
उत्तर – (b) नाइट्रस ऑक्साइड
- नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) को हास्य गैस (Laughing Gas) कहते हैं।
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16. निम्नलिखित में से किस एक को ‘स्ट्रेजर गैस’ भी कहते हैं?
(a) ऑर्गन
(b) नियॉन
(c) जीनॉन
(d) नाइट्रस ऑक्साइड
[I.A.S. (Pre) 2008]
उत्तर – (c) जीनॉन
- हवा से भारी जीनॉन (Xe) गैस को ‘स्ट्रेंजर गैस’ भी कहते हैं।
- परमाणु क्रमांक 54 वाली इस गैस की खोज विलियम रामसे एवं मॉरिस ट्रैवर्स ने 1898 ई. में की थी।
- इसकी वायुमण्डल में मात्रा कम होती है।
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17. निम्नलिखित में से कौन-सा सही नहीं है?
(a) बोर्डो मिक्सचर, कॉपर (II) सल्फेट और कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड का जल में मिश्रण है और इसे फफूंदनाशी के रूप में प्रयोग में लाते हैं।
(b) बोरिक अम्ल, औषधि उद्योग तथा खाद्य परिरक्षक के रूप में भी प्रयुक्त होता है।
(c) शुष्क बर्फ, ठोस कार्बन डाइऑक्साइड होता है।
(d) हंसाने वाली गैस, नाइट्रिक ऑक्साइड है।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर – (d) हंसाने वाली गैस, नाइट्रिक ऑक्साइड है।
- नाइट्रिक आक्साइड (NO) नहीं बल्कि नाइट्रस ऑक्साइड (N₂O) को हंसाने वाली गैस (laughing gas) के रूप में जाना जाता है।
- अन्य प्रश्नगत विकल्पों के कथन सही हैं।
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18. नाइट्रोजन मुक्ति से होता है-
(a) वायुमंडलीय नाइट्रोजन की मात्रा में वृद्धि
(b) स्थल मंडलीय नाइट्रोजन की मात्रा में वृद्धि
(c) स्थल मंडलीय एवं वायुमंडलीय नाइट्रोजन की मात्रा अप्रभावित
(d) नाइट्रीकारक बैक्टीरिया का विनाश
[U.P.P.C.S. (Mains) 2008]
उत्तर – (c) स्थल मंडलीय एवं वायुमंडलीय नाइट्रोजन की मात्रा अप्रभावित
- नाइट्रोजन चक्र एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें नाइट्रोजन का उसके भिन्न-भिन्न रासायनिक रूपों में रूपान्तरण होता रहता है।
- नाइट्रोजन चक्र के अन्तर्गत आने वाली प्रमुख प्रक्रियाओं में स्थिरीकरण, खनिजीकरण, नाइट्रीकरण तथा नाइट्रोजन मुक्ति प्रमुख हैं।
- नाइट्रोजन मुक्ति एक अवायवीय प्रक्रिया है जो कि अनाइट्रीकारक जीवाणु द्वारा संपन्न की जाती है।
- इस प्रक्रिया के द्वारा नाइट्रेट तथा नाइट्राइट आयन का नाइट्रोजन में रूपान्तरण होता है।
- नाइट्रोजन मुक्ति से स्थलमंडलीय और वायुमंडलीय नाइट्रोजन की मात्रा अप्रभावित रहती है।
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19. वायुयानों के टायरों में भरने में निम्न गैस का प्रयोग किया जाता है
(a) हाइड्रोजन
(b) नाइट्रोजन
(c) हीलियम
(d) नियॉन
[Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007, U.P.R.O./A.R.O (Pre) 2014]
उत्तर – (b) नाइट्रोजन
- वायुयानों के टायरों में भरने के लिए नाइट्रोजन गैस का प्रयोग किया जाता है।
- वायुयान के टायरों का दबाव एवं तापमान बहुत उच्च होता है, जिससे वायुयान के उतरते एवं रुकते समय टायरों में विस्फोट होने की संभावना प्रबल हो जाती है।
- नाइट्रोजन गैस का दबाव कम होने के कारण टायरों में विस्फोट की संभावना कम रहती है।
|
20. निम्नलिखित में से किस तत्व की कमी को पूरा करने के लिए कीटभक्षी पौधे कीटों को पकड़ते तथा उनका भक्षण करते हैं?
(a) मैंगनीज
(b) नाइट्रोजन
(c) मैग्नीशियम
(d) सल्फर
[U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2013]
उत्तर – (b) नाइट्रोजन
- नाइट्रोजन पौधों की वृद्धि के लिए आवश्यक तत्व है।
- कीटभक्षी पौधे प्रायः ऐसे स्थानों पर पाए जाते हैं जहां कि भूमि में नाइट्रोजन की कमी होती है।
- इसलिए ये कीटों को मारकर उनके शरीर से नाइट्रोजन प्राप्त करते हैं।
- कीटभक्षी पौधों की लगभग 440 जातियों का पता लगाया जा चुका है।
- भारत में ये पौधे दार्जिलिंग, नैनीताल, कश्मीर आदि स्थानों पर पाए जाते हैं।
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21. कीटभक्षी पौधे जिस मृदा में उगते हैं उसमें कमी रहती है-
(a) मैग्नीशियम की
(b) कैल्शियम की
(c) नाइट्रोजन की
(d) जल की
[U.P.P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर – (c) नाइट्रोजन की
- कीटभक्षी पौधे प्रायः ऐसी भूमि में उगते हैं जहां नाइट्रोजन का अभाव होता है।
- ये पौधे अपनी नाइट्रोजन की आवश्यकता पृथ्वी से नाइट्रोजनयुक्त पदार्थों को अवशोषित करके पूरा नहीं कर पाते।
- ये पौधे अपनी नाइट्रोजन की आवश्यकता कीटों को पकड़कर तथा उनका पाचन करके पूरा करते हैं।
- इस कार्य के लिए इनमें विशेष पोषण विधियां विकसित होती हैं।
- उदाहरण- नेपॅथीस, डायोनिया, ड्रोसेरा, यूट्रीकुलेरिया आदि।
|
22. निम्नलिखित में से कौन-सा जैविक नाइट्रोजन निर्धारण से संबंधित है?
(a) लाल शैवाल
(c) हरा शैवाल
(b) भूरा शैवाल
(d) नीला-हरा शैवाल
[U.P.P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर – (d) नीला-हरा शैवाल
- नील-हरित शैवाल जलीय पौधों का एक ऐसा समूह होता है, जिसे साइनो बैक्टीरिया भी कहा जाता है, यह एककोशिकीय जीवाणु है।
- इस जीवाणु को धान की फसल के लिए वायुमंडलीय नाइट्रोजन को भूमि में संस्थापित कराने के उद्देश्य से उपयोग में लाया जाता है।
- नील-हरित शैवाल प्रकाश संश्लेषण से ऊर्जा ग्रहण करके वायुमंडलीय नाइट्रोजन का भूमि में स्थिरीकरण करता है।
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23. सामान्यतः गुब्बारे में कौन-सी गैस भरी जाती है?
(a) हाइड्रोजन
(c) कार्बन डाइऑक्साइड
(b) ऑक्सीजन
(d) हीलियम
[M.P. P.C.S. (Pre) 1991]
उत्तर – (d) हीलियम
- सामान्यतः गुब्बारे में हीलियम गैस भरी जाती है।
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24. वायु भरे गुब्बारों में हीलियम को हाइड्रोजन की अपेक्षा वरीयता दी जाती है, क्योंकि यह-
(a) अपेक्षाकृत सस्ता है।
(b) अपेक्षाकृत कम घना होता है।
(c) अपेक्षाकृत अधिक उठाने की शक्ति रखता है।
(d) वायु के साथ विस्फोटक मिश्रण नहीं बनाता है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर – (d) वायु के साथ विस्फोटक मिश्रण नहीं बनाता है।
- हाइड्रोजन अत्यधिक ज्वलनशील गैस है तथा वायु की ऑक्सीजन के साथ बहुत विस्फोटक रूप से अभिक्रिया करती है।
- हीलियम गैस की गुब्बारों को उठाने की शक्ति हाइड्रोजन गैस की शक्ति का 92 प्रतिशत भाग ही है, परंतु हीलियम गैस के अक्रिय तथा अज्वलनशील होने के कारण इसे वायु गुब्बारों में प्रयुक्त किया जाता है।
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25. अश्रु गैस है-
(a) अमोनिया
(b) क्लोरीन
(c) हाइड्रोजन कार्बाइड
(d) हाइड्रोजन सल्फाइड
[Uttaranchal P.C.S. (Pre) 2002]
उत्तर – (b) क्लोरीन
- अश्रु गैस का प्रयोग कभी-कभी अनियंत्रित भीड़ को तितर-बितर करने के लिए किया जाता है।
- इसके मानव नेत्र के सम्पर्क में आने से आंखों में जलन होती है तथा अश्रु टपकने लगते हैं।
- एल्फाक्लोरोएसीटोफिनॉन, 2-क्लोरोबेंजैलमैलोनाइट्राइल, एक्रोलिन आदि कुछ प्रमुख अश्रु गैसें (Tear gass) है।
- अश्रु गैस में क्लोरीन का प्रयोग किया जाता है।
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26. निम्न गैस अश्रु गैस की तरह काम में लेते हैं-
(a) H2
(c) NH3
(b) SO2
(d) Cl2
[43 B.P.S.C. (Pre) 1999]
उत्तर – (d) Cl2
- अश्रु गैस में क्लोरीन का प्रयोग किया जाता है।
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27. निम्नलिखित में से कौन-सा सामान्य ताप पर ठोस अवस्था में रहता है?
(a) क्लोरीन
(b) ब्रोमीन
(c) आयोडीन
(d) फ्लोरीन
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2003]
उत्तर – (c) आयोडीन
- S.T.P. पर क्लोरीन एवं फ्लोरीन गैसें हैं, ब्रोमीन द्रव है, जबकि आयोडीन एक नीले-काले रंग का अपारदर्शी क्रिस्टलीय ठोस होता है, जिसमें चमक होती है।
- इस तरह आयोडीन सामान्य ताप पर ठोस अवस्था में विद्यमान रहता है।
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28. निम्नलिखित में से कौन-सा ऑप्टिकली सक्रिय नहीं है?
(a) ग्लाइसिन
(c) सेरीन
(b) ऐलानिन
(d) उपर्युक्त सभी
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर – (a) ग्लाइसिन
- ग्लाइसिन एक कार्बनिक यौगिक है, जिसका सूत्र NH, CH, COOH है।
- यह सामान्यतः प्रोटीन में पाए जाने वाले 20 अमीनो अम्लों में सबसे छोटा होता है।
- यह ऑप्टिकली सक्रिय नहीं होता है।
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29. हैलोजनों में सबसे अधिक अभिक्रियाशील है-
(a) फ्लोरीन
(b) क्लोरीन
(c) ब्रोमीन
(d) आयोडीन
[I.A.S. (Pre) 1997]
उत्तर – (a) फ्लोरीन
- हैलोजन अत्यधिक अभिक्रियाशील अधात्विक तत्वों की श्रृंखला है।
- इसमें फ्लोरीन, क्लोरीन, ब्रोमीन, आयोडीन, एस्टेटीन हैं।
- इनमें सर्वाधिक अभिक्रियाशील फ्लोरीन होती है।
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30. ब्रोमीन होती है
(a) रंगहीन गैस
(b) नूरी ठोस
(c) अत्यंत ज्वलनशील गैस
(d) लाल द्रव
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
[63rd B.P.S.C. (Pre) 2017]
उत्तर – (d) लाल द्रव
- ब्रोमीन गहरा लाल-भूरा रंग धारित, तीक्ष्ण गंध वाला वाष्पशील द्रव है।
- ब्रोमीन (Br) का परमाणु क्रमांक 35 होता है तथा यह कमरे के ताप (room temperature) पर द्रव अवस्था में रहता है।
- ब्रोमीन आवर्त सारणी के समूह 17 का सदस्य है, जिसे हैलोजन वर्ग के नाम से भी जाना जाता है।
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31. वह हैलोजन जिसका उपयोग पीड़ाहारी की तरह किया जाता है-
(a) क्लोरीन
(b) ब्रोमीन
(c) आयोडीन
(d) फ्लोरीन
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2012]
उत्तर – (b) ब्रोमीन
- ब्रोमीन के यौगिकों का उपयोग पीड़ानाशक के रूप में किया जाता है।
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32. सामान्य ताप पर निम्नलिखित में से कौन-सा तत्व द्रव के रूप में पाया जाता है?
(a) हाइड्रोजन
(b) ऑक्सीजन
(c) ब्रोमीन
(d) आयोडीन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2017]
उत्तर – (c) ब्रोमीन
- कमरे के मानक तापमान अर्थात पर केवल ब्रोमीन एवं मरकरी द्रव रूप में पाए जाते हैं।
- यद्यपि सीजियम (Cs), रुबिडियम (Rb), फ्रेंसियम (Fr) तथा गैलियम (Ga), कमरे के तापमान या उससे कुछ अधिक तापमान पर द्रव अवस्था में परिवर्तित हो जाते हैं।
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33. ट्यूब लाइट में निम्न दाब पर कौन-सी गैस भरी जाती है?
(a) ऑर्गन और नियॉन
(b) नियॉन और पारद वाष्प
(c) नाइट्रोजन एवं नियॉन
(d) केवल ऑर्गन
[UttarakhandP.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (b) नियॉन और पारद वाष्प
- ट्यूब लाइट में कांच की एक लम्बी ट्यूब होती है, जिसके अंदर की दीवारों पर फॉस्फर का लेप चढ़ाया जाता है।
- ट्यूब के अंदर अक्रिय गैस-नियॉन या ऑर्गन आदि को कुछ पारे की वाष्प के साथ भर दिया जाता है।
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34. ट्यूब लाइट में भरी होती है-
(a) सोडियम वाष्प
(b) कम दाब पर ऑर्गन गैस
(c) कम दाब पर पारे की वाष्प
(d) मरक्यूरिक ऑक्साइड व ऑर्गन गैस
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2009]
उत्तर – (b & c) कम दाब पर ऑर्गन गैस व कम दाब पर पारे की वाष्प
- ट्यूब लाइट में कम दाब पर पारे की वाष्प तथा एक अक्रिय गैस मुख्यतः ऑर्गन भरी होती है।
- साथ ही ट्यूब लाइट में प्रयुक्त कांच की आंतरिक सतह फॉस्फर पाउडर से लेपित रहती है।
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D.अम्ल, क्षार तथा लवण
1. एंटासिड होते हैं-
(a) भस्म
(b) अम्ल
(c) लवण
(d) बफर
(e) इनमें से कोई नहीं
[Chattishgarh P.C.S. (Pre) Exam. 2016]
उत्तर – (a) भस्म
- एंटासिड भस्म (Base) होते हैं।
- ये एल्युमीनियम हाइड्रॉक्साइड, मैग्नीशियम हाइड्रॉक्साइड, मैग्नीशियम कार्बोनेट, मैग्नीशियम ट्राईसिलिकेट, कैल्शियम कार्बोनेट आदि अवयवों से मिलकर बने होते हैं।
- इसका उपयोग औषधि के रूप में पेट में बने ज्यादा एसिड को कम करने या उसे बनने से रोकने में किया जाता है।
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2. स्वर्णकारों द्वारा प्रयोग में आने वाला एक्वारेजिया निम्नलिखित को मिलाकर बनाया जाता है-
(a) नाइट्रिक अम्ल तथा सल्फ्यूरिक अम्ल
(b) नाइट्रिक अम्ल तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(c) सल्फ्यूरिक अम्ल तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
(d) सिट्रिक अम्ल तथा बेन्जोइक अम्ल
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर – (b) नाइट्रिक अम्ल तथा हाइड्रोक्लोरिक अम्ल
- अम्लराज या एक्वारेजिया या नाइट्रो हाइड्रोक्लोरिक अम्ल, नाइट्रिक अम्ल (HNO) और हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (HCI) का मिश्रण है।
- यह अत्यंत संक्षारक अम्ल है।
- इसे अम्लराज या एक्वारेजिया नाम इसलिए दिया गया क्योंकि यह स्वर्ण और प्लेटिनम आदि नोबल धातुओं को भी गला देता है।
- इसका उपयोग स्वर्णकारों द्वारा आभूषणों को बनाते समय किया जाता है।
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3. पी.एच. एक मूल्यांक दर्शाता है-
(a) निगेटिव से फोटो बनाने के काम में लाए जाने वाले रसायन की गुणवत्ता
(b) किसी घोल के अम्लीय या क्षारीय होने का मूल्यांक
(c) भूकम्प की तीव्रता का मूल्यांक
(d) दूध की शुद्धता परखने का मूल्यांक
[M.P.P.C.S. (Pre) 1996]
उत्तर – (b) किसी घोल के अम्लीय या क्षारीय होने का मूल्यांक
- pH मान एक संख्या होती है, जिससे पदार्थों की अम्लीयता तथा क्षारीयता व्यक्त करते हैं।
- इसका मान 0 से 14 के मध्य होता है।
- जिस विलयन का pH मान 7 से कम होता है, वे अम्लीय होते हैं।
- जिनका मान 7 से अधिक होता है, वे क्षारीय होते हैं।
- उदासीन विलयन का pH मान 7 होता है।
- pH मान को द्रवीभूत हाइड्रोजन आयनों (H’) की गतिविधि के सह-लघुगणक के रूप में परिभाषित किया जाता है।
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4. एक घोल का pH, 3 से 6 तक बदलता है। इसमें H आयन की सांद्रता –
(a) 3 गुना बढ़ जाएगी
(b) 3 गुना कम हो जाएगी
(c) 10 गुना कम हो जाएगी
(d) 1000 गुना कम हो जाएगी
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. (Pre) 2020]
उत्तर – (d) 1000 गुना कम हो जाएगी
- pH में परिवर्तन ApH pH,-pH,-6-3-3
H: आयन की सांद्रता का अनुपात
(H)2 100.001-
1
(H)
1000
- अतः H आयन की सांद्रता 1000 गुना कम हो जाएगी।
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5. निम्न में से किसका pH मान 7 है?
(a) शुद्ध पानी
(b) उदासीन विलयन
(c) क्षारीय विलयन
(d) अम्लीय विलयन
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) 2018]
उत्तर – (e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
- उदासीन विलयन का pH मान 7 होता है।
- शुद्ध जल को उदासीन माना जाता है।
- अतः इसका pH मान भी 7 होगा।
- वर्षा का पानी जल का शुद्ध रूप है।
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6. पानी का pH मान है-
(a) 4
(b) 7
(c) 12
(d) 18
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66 B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2020]
7. एक विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है, विलयन का pH है
(a) 7
(b) 1
(c) 5
(d) 6.5
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर – (e) उपर्युक्त में से कोई नहीं
- वह विलयन जो लाल लिटमस को नीला कर देता, क्षारीय होता है तथा वह विलयन जो नीले लिटमस को लाल कर देता है, अम्लीय होता है।
- वह विलयन जिसका pH मान 7 से कम होता है वह अम्लीय होता है।
- तथा 7 से अधिक pH मान वाले विलयन क्षारीय होते हैं।
- प्रश्नानुसार विलयन लाल लिटमस को नीला कर देता है।
- अतः वह क्षारीय है, जिसके कारण उसका pH मान 7 से अधिक होगा।
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8. निम्नलिखित में से कौन-से एक अम्लीय विलयन का संभव pH मान है?
(a) 6
(b) 7
(c) 8
(d) 9
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर – (a) 6
- वह विलयन जिसका pH मान 7 से कम होता है वह अम्लीय होता है।
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9. रसायन उद्योग में कौन-सा तेजाब मूल रासायनिक माना जाता है?
(a) H2CO3
(b) HNO3
(c) H2SO4
(d) HCI
[43 B.P.S.C. (Pre) 1999]
उत्तर – (c) H2SO4
- रसायन उद्योग में सल्फ्यूरिक अम्ल (H2SO4) मूल रासायनिक माना जाता है।
- H,SO, का सर्वाधिक उपयोग पेट्रो रसायन उद्योग में किया जाता है।
- प्रयोगशाला में गंदगी साफ करने में भी इसका प्रयोग होता है।
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10. कॉपर सल्फेट का जलीय घोल अम्लीय होता है क्योंकि इस लवण का-
(a) अपोहन होता है।
(b) विद्युत अपघटन होता है।
(c) जल-अपघटन होता है।
(d) प्रकाश-अपघटन होता है।
[I.A.S. (Pre) 2001]
उत्तर – (c) जल-अपघटन होता है।
- कॉपर सल्फेट (CuSO) या नीला थोथा का जलीय घोल अम्लीय होता है, क्योंकि इसका जल-अपघटन होता है।
- CuSO4+2H2O→ Cu(OH)2+H₂SO₄↑ इस प्रकार कॉपर सल्फेट जल से अपघटित होकर अम्लीय हो जाता है।
- चूंकि H.SO, अधिक अम्लीय होता है, अतः विलयन अम्लीय हो जाता है।
- इस प्रकार CuSO, अधिक अम्लीय एवं कमजोर क्षार का यौगिक हैं।
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11. आयोडीकृत लवण में रहता है
(a) मुक्त आयोडीन
(b) कैल्शियम आयोडाइड
(c) मैग्नीशियम आयोडाइड
(d) पोटैशियम आयोडाइड
(e) उपरोक्त में से कोई नहीं/ उपरोक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) Exam, 2016]
उत्तर – (d) पोटैशियम आयोडाइड
- पोटैशियम आयोडाइड (KI) संरचना एवं भौतिक गुणों में खाद्य लवण (Table salt) के समान है।
- व्यापारिक स्तर पर आयोडीकृत लवण बनाने में सामान्यतः इसी का प्रयोग किया जाता है।
- इसके अतिरिक्त पोटैशियम आयोडेट, सोडियम आयोडेट एवं सोडियम आयोडाइड का भी प्रयोग आयोडीकृत लवण बनाने में किया जाता है।
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12. निम्नलिखित में से कौन-सा यौगिक लुईस अम्ल नहीं है?
(a) AICI3
(b) BF3
(c) NH3
(d) FeCl3
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर – (c) NH3
- NH, एक लुईस क्षार है।
- शेष यौगिक लुईस अम्ल हैं।
|
13. कथन (A): सत्पयूरिक अम्ल को तनु बनाने के लिए पानी में अम्ल मिलाया जाता है, न कि अम्ल में पानी।
कारण (R): पानी की विशिष्ट ऊष्णा बहुत अधिक होती है।
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, किन्तु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परन्तु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परन्तु (R) सही है।
[I.A.S. (Pre) 1999]
उत्तर – (a) (A) और (R) दोनों सही हैं, और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
- सल्फ्यूरिक अम्ल को तनु बनाने के लिए पानी में अम्ल मिलाया जाता है, इससे ऊष्मा एवं वाष्प उत्पन्न होती है।
- पानी की विशिष्ट ऊष्मा अधिक होने के कारण मिश्रण का ताप अधिक नहीं हो पाता।
- यदि अम्ल में पानी मिलाया जाए, तो एकाएक अधिक ऊष्मा उत्पन्न होने से मिश्रण का ताप अचानक बढ़ जाता है।
|
14. जल में कार्बन डाइऑक्साइड प्रवाहित करने पर बना सोडा वाटर-
(a) एक ऑक्सीकारक है।
(b) क्षारीय प्रकृति का है।
(c) अम्लीय प्रकृति का है।
(d) एक अपचायक है।
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999]
उत्तर – (c) अम्लीय प्रकृति का है।
- जल (HO) में कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) को प्रवाहित करने पर बना सोडा वाटर अम्लीय प्रकृति (Acidic nature) का होता है।
- सोडा वाटर में अधिक दाब (Pressure) पर गैस घुली रहती है।
|
15. चूने का पानी किसके द्वारा दुधिया हो जाता है?
(a) CO
(b) CO2
(c) 02
(d) O3
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं। उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66 B.P.S.C. (Pre) 2020]
उत्तर – (b) CO2
- चूने का पानी (Limewater) कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड के तनु जलीय विलयन का सामान्य नाम है।
- जब कार्बन डाइऑक्साइड गैस को चूने के पानी में से प्रवाहित करते हैं, तो चूने का पानी दुधिया हो जाता है।
- Ca(OH) + CO₂→ CaCO,+H₂O
|
16. निम्नलिखित में से किस अम्ल में ऑक्सीजन नहीं है?
(a) नाइट्रिक एसिड (शोरे का अम्ल)
(b) सल्फ्यूरिक एसिड (गंधक का अम्ल)
(c) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (नमक का अम्ल)
(d) उपरोक्त सभी
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1992]
उत्तर – (c) हाइड्रोक्लोरिक अम्ल (नमक का अम्ल)
- हाइड्रोक्लोरिक अम्ल हाइड्रोजन और क्लोरीन के संयोग से बनता है।
- अतः इसके अम्ल में ऑक्सीजन नहीं पाई जाती है।
|
17. ऑक्सीजन अनुपस्थित होती है-
(a) केरोसिन में
(b) कांच में
(c) मिट्टी में
(d) सीमेंट में
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) 2019, 66th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2020]
उत्तर – (a) केरोसिन में
- प्रश्नगत विकल्पों में केरोसिन में ऑक्सीजन अनुपस्थित होती है।
- रासायनिक रूप से, केरोसिन (मिट्टी का तेल) हाइड्रोकार्बन का एक मिश्रण है।
- ज्ञातव्य है कि हाइड्रोकार्बन केवल कार्बन तथा हाइड्रोजन के यौगिक होते हैं।
|
18. नीला थोथा क्या है?
(a) कॉपर सल्फेट
(c) आयरन सल्फेट
(b) कैल्शियम सल्फेट
(d) सोडियम सल्फेट
[M.P.P.C.S. (Pre) 1990]
उत्तर – (a) कॉपर सल्फेट
- नीला थोथा कॉपर एवं सल्फेट का एक यौगिक है।
- इसका सूत्र CuSO SH₂O है।
|
19. नीला थोथा (Blue Vitriol) रासायनिक रूप से है
(a) सोडियम सल्फेट
(b) निकल सल्फेट
(c) कॉपर सल्फेट
(d) आयरन सल्फेट
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[63rd B.P.S.C. (Pre) 2017]
उत्तर – (c) कॉपर सल्फेट
- नीला थोथा कॉपर एवं सल्फेट का एक यौगिक है।
|
20. पानी की टंकी में फंगी (Fungi) को नष्ट करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला रसायन है –
(a) नाइट्रिक एसिड
(b) जिंक सल्फेट
(c) मैग्नीशियम सल्फेट
(d) कॉपर सल्फेट
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं / उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66 B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2020]
उत्तर – (d) कॉपर सल्फेट
- पानी की टंकी में फंगी (कवक) को नष्ट करने के लिए कॉपर सल्फेट का इस्तेमाल किया जाता है।
- फसलों की सुरक्षा हेतु कवकनाशी के रूप में भी इसका प्रयोग होता है।
|
21. एक अज्ञात गैस जल में शीघ्रता से घुल जाती है। गैसयुक्त जलीय घोल में लाल लिटमस नीला हो जाता है। यह गैस हाइड्रोजन क्लोराइड के साथ सफेद धूम्र भी देती है। यह अज्ञात गैस है-
(a) सल्फर डाइऑक्साइड
(b) नाइट्रिक हाइड्रॉक्साइड
(c) अमोनिया
(d) कार्बन मोनोक्साइड
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1994]
उत्तर – (c) अमोनिया
- अमोनिया के जलीय घोल में लाल लिटमस नीला हो जाता है।
- अमोनिया हाइड्रोक्लोरिक अम्ल की प्रतिक्रिया से सफेद धूम्र उत्पन्न करती है।
|
22. सूची-1 को सूची-11 से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिए-
सूची-1 |
सूची-II |
(A) वाशिंग सोडा |
1. सोडियम हाइड्रॉक्साइड |
(B) कास्टिक सोडा |
2. कॉपर सल्फेट |
(C) नीला थोथा |
3. सोडियम थायोसल्फेट |
(D) हाइपो |
4. सोडियम कार्बोनेट |
कूट :
A B C D
(a)1,3,4,2
(b)4,1,2,3
(c)4,2,3,1
(d)3,2,1,4
[U.P.Lower Sub. (Pro) 2002]
उत्तर – (b) 4,1,2,3
- सही सुमेलन इस प्रकार है-
वाशिंग सोडा |
सोडियम कार्बोनेट |
कास्टिक सोडा |
सोडियम हाइड्रॉक्साइड |
नीला थोथा |
कॉपर सल्फेट |
हाइपों |
सोडियम थायोसल्फेट |
|
23. सूची – 1 को सूची II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए।
सूची – 1 |
सूची – II |
A. ब्लीचिंग पाउडर |
1. सोडियम बाईकार्बोनेट |
B. बेकिंग सोडा |
2. सोडियम कार्बोनेट |
C. वाशिंग पाउडर |
3. कैल्शियम ऑक्सीक्लोराइड |
D. प्लास्टर ऑफ पेरिस कूट |
4. कैल्शियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट |
कूट :
A B C D
(a)3,4,2,1
(b)2,3,4,1
(c)3,1,2,4
(d)4,3,1,2
[U.P. R.O./A.R.O. (Mains) 2016]
उत्तर – (c) 3,1,2,4
- सही सुमेलन इस प्रकार है-
सूची-1 |
सूची-II |
ब्लीचिंग पाउडर |
कैल्शियम ऑक्सीक्लोराइड (CaOCl2) |
बेकिंग सोडा |
सोडियम बाईकार्बोनेट (NaHCO3) |
वाशिंग पाउडर |
सोडियम कार्बोनेट (Na2CO3) |
प्लास्टर ऑफ पेरिस |
कैल्शियम सल्फेट हेमीहाइड्रेट (CaSO4.1/2H2O) |
|
24. सूची-1 को सूची-II से सुमेलित कीजिए और सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर चुनिए-
सूची-1 |
सूची-II |
(A) नीला थोथा |
1. सोडियम बाइकार्बोनेट |
(B) एपसम सॉल्ट |
2. सोडियम हाइड्रॉक्साइड |
(C) बेकिंग सोडा |
3. मैग्नीशियम सल्फेट |
(D) कास्टिक सोडा |
4. कॉपर सल्फेट |
कूट :
A B C D
(a)3,4,2,1
(b)4,3,2,1
(c)3,4,1,2
(d)4,3,1,2
[I.A.S. (Pre) 1998]
उत्तर – (d) 4,3,1,2
- सही सुमेलन इस प्रकार है-
नीला थोथा |
कॉपर सल्फेट |
एपसम सॉल्ट |
मैग्नीशियम सल्फेट |
बेकिंग सोडा |
सोडियम बाइकार्बोनेट |
कास्टिक सोडा |
सोडियम हाइड्रॉक्साइड |
|
25. खाने का सोडा है-
(a) सोडियम क्लोराइड
(b) सोडियम बाइकार्बोनेट
(c) सोडियम सल्फेट
(d) सोडियम हाइड्रॉक्साइड
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993]
उत्तर – (b) सोडियम बाइकार्बोनेट
- सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट (सोडियम बाइकार्बोनेट-NaHCO3) एक सफेद क्रिस्टलीय ठोस है।
- इसका उपयोग बेकिंग पाउडर (Baking powder) में होता है, इसलिए सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट, बेकिंग सोडा (Baking soda) कहलाता है।
|
26. बेकिंग सोडा का रासायनिक सूत्र है-
(a) Ca(OH)2
(b) NaHCO3
(c) CaCO3
(d) Na2CO3
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2016]
उत्तर – (b) NaHCO3
- बेकिंग सोडा का रासायनिक सूत्र है-NaHCO3
|
27. बेकिंग सोडा है-
(a) Na₂CO₃
(b) NaHCO3.6H₂O
(c) NaHCO3
(d) NaCO3.10H2O
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2018]
28. बेकिंग सोडा है-
(a) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट
(b) सोडियम डाइहाइड्रोजन कार्बोनेट
(c) डाइसोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट
(d) सोडियम कार्बोनेट
(e) इनमें से कोई नहीं
[Chattishgarh P.C.S. (Pre) Exam. 2016]
उत्तर – (a) सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट
- बेकिंग सोडा सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट है।
|
29. धोने के सोडे का रासायनिक सूत्र है-
(a) NaOH
(b) Na2CO3
(c) NaHCO3
(d) Ca(OH)2
[43rd B.P.S.C. (Pre) 1999]
उत्तर – (b) Na2CO3
- वाशिंग सोडा या धोने के सोडा (सोडियम कार्बोनेट) का प्रयोग कपड़ा धोने के साबुन में होता है।
- इसका सूत्र Na, CO, है।
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30. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. निर्जल सोडियम कार्बोनेट साधारणतः पाक-सोडा (बेकिंग सोडा) के रूप में जाना जाता है।
2. अग्निशामकों में पाक-सोडा (बेकिंग सोडा) का प्रयोग होता है।
3. विरंजक-चूर्ण का उत्पादन हेसनक्लेवर संयंत्र में होता है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) 1, 2 और 3
(b) 2 और 3
(c) केवल 3
(d) 1 और 2
[I.A.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (b) 2 और 3
- सोडियम बाइकार्बोनेट को बेकिंग सोडा कहा जाता है।
- इसका प्रयोग बेकरी उत्पादों में किया जाता है, जबकि निर्जल सोडियम कार्बोनेट (Na,CO,) का प्रयोग कपड़ा चोने के साबुन में होता है।
- विरंजक चूर्ण (ब्लीचिंग पाउडर) का उत्पादन हेसनक्लेवर संयंत्र या बैंकमैन संयंत्र में होता है।
- अग्निशामक यंत्रों में बेकिंग सोडा का प्रयोग होता है।
- अतः प्रश्नगत कथनों में से कथन 2 और 3 दोनों सही हैं।
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31. भोजन में मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) का उपयोग किया जाता है
(a) रंग बढ़ाने में
(b) स्वाद बढ़ाने में
(c) सुरक्षित रखने में
(d) पायसीकरण में
[M.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर – (b&c) स्वाद बढ़ाने में एवं सुरक्षित रखने में
- मोनोसोडियम ग्लूटामेट (MSG) ग्लूटेमिक अम्ल का सोडियम लवण है।
- यह प्राकृतिक रूप से अनेक खाद्य पदार्थों जैसे टमाटर, पनीर आदि में पाया जाता है।
- भोजन में मोनोसोडियम ग्लूटामेट का उपयोग स्वाद बढ़ाने एवं उसे सुरक्षित रखने हेतु किया जाता है।
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32. निम्नलिखित में से कौन-सा एक लवण सागर में सर्वाधिक पाया जाता है?
(a) कैल्शियम कार्बोनेट
(b) सोडियम क्लोराइड
(c) पोटैशियम क्लोराइड
(d) मैग्नीशियम सल्फेट
[Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2003]
उत्तर – (b) सोडियम क्लोराइड
- सोडियम क्लोराइड (NaCl) को साधारण नमक (Common Salt) कहा जाता है।
- समुद्री जल (सागर) में इसकी मात्रा कुल घुलनशील ठोस का लगभग 75 प्रतिशत होती है।
- समुद्री जल के वाधीकरण से नमक को उत्पादित किया जाता है, जो कि मानव भोजन का एक आवश्यक अंग है।
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33. खाने का नमक (NaCl) किससे बनता है?
(a) कमजोर अम्ल और कमजोर क्षार से
(b) मजबूत अम्ल और मजबूत क्षार से
(c) कमजोर अम्ल और मजबूत क्षार से
(d) मजबूत अम्ल और कमजोर क्षार से
[53 to 55th B.P.S.C. (Pre) 2011]
उत्तर – (b) मजबूत अम्ल और मजबूत क्षार से
- प्रबल अम्ल एवं प्रबल क्षार के मध्य अभिक्रिया से निर्मित नमक (लवण) को उदासीन लवण’ कहते हैं, जैसे NaCl, KNO, I
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34. निम्नलिखित में से किस लवण को प्रतिदिन खाद्य-नमक के रूप में उपयोग नहीं करना चाहिए?
(a) आयोडीन युक्त नमक
(b) समुद्री नमक
(c) सेंधा नमक
(d) संसाधित साधारण नमक
[U.P.R.O/A.R.O (Pre) 2014]
उत्तर – (*)
- सभी चारों विकल्पों में दिए गए लवण को प्रतिदिन खाद्य नमक के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है।
- ये सभी लवण आयोडीन युक्त हो सकते हैं।
- यदि प्रश्न में अंग्रेजी रूपांतरण पर विचार किया जाए, तो समुद्री नमक (Sea Salt) को खाने की मेज पर रखे जाने वाले नमक (Dining Table Salt) के रूप में प्रयुक्त किया जाना इसलिए असुविधाजनक हो सकता है कि इसके दाने बड़े (Large Grains) होते हैं और अपेक्षाकृत नमी अधिक होती है।
- इस आधार पर विकल्प (b) अभीष्ट विकल्प हो सकता है।
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35. निम्न में से कौन-सा एक कथन सही नहीं है?
(a) NaCl की मौजूदगी में पेरिस प्लास्टर के स्थापन दर में वृद्धि होती है।
(b) सीमेंट में जिप्सम का योग उसके स्थापन दर को मंद करने के लिए किया जाता है।
(c) सभी क्षारीय मृदा धातु जलायोजित लवण उत्पन्न करते हैं।
(d) बेरियम तथा स्ट्रॉन्शियम प्रकृति में मुक्त रूप में पाए जाते हैं।
[I.A.S. (Pre) 2003]
उत्तर – (d) बेरियम तथा स्ट्रॉन्शियम प्रकृति में मुक्त रूप में पाए जाते हैं।
- बेरियम (Ba) तथा स्ट्रॉन्शियम (Sr) प्रकृति में मुक्त रूप में नहीं पाए जाते हैं।
- यह आवर्त सारणी के द्वितीय समूह में आते हैं।
- इस समूह के तत्व बहुत ही क्रियाशील होते हैं।
- ये वातावरण के संपर्क में आते ही क्रिया करके अन्य यौगिकों का निर्माण करते हैं।
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36. विरंजक चूर्ण के लिए कौन-सा कथन असत्य है?
(a) जल में अधिक विलेय होता है।
(b) हल्के पीले रंग का चूर्ण है।
(c) ऑक्सीकारक है।
(d) तनु अम्ल की प्रतिक्रिया से क्लोरीन निष्कासित करता है।
[39th B.P.S.C. (Pre) 1994]
उत्तर – (a) जल में अधिक विलेय होता है।
- कैल्शियम हाइपोक्लोराइट या कैल्शियम ऑक्सीक्लोराइड एक अकार्बनिक यौगिक है।
- इसे विरंजक चूर्ण या ब्लीचिंग पाउडर भी कहते हैं।
- इसका रासायनिक सूत्र Ca (OCI)CI है।
- यह एक हल्के पीले रंग का चूर्ण होता है तथा इससे क्लोरीन की तीव्र गंध निकलती रहती है।
- यह एक ऐसा रसायन है, जो सामान्य तौर पर ऑक्सीकरण के माध्यम से रंगों या दाग-धब्बों को हटाता है।
- यह जल में विलेय होता है, परंतु अशुद्धियों की उपस्थिति के कारण एक स्वच्छ विलयन का निर्माण नहीं हो पाता।
- तनु अम्ल से इसकी अभिक्रिया निम्न प्रकार से होती है CaOCl + HCl→ CaCl₂ + H₂O+Cl₂
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37. ब्लीचिंग पाउडर में कौन-सा रासायनिक यौगिक होता है?
(a) कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड
(b) कैल्शियम ऑक्सीक्लोराइड
(c) कैल्शियम कार्बोनेट
(d) अमोनियम क्लोराइड
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Spl) (Mains) 2010]
उत्तर – (b) कैल्शियम ऑक्सीक्लोराइड
- कैल्शियम हाइपोक्लोराइट या कैल्शियम ऑक्सीक्लोराइड एक अकार्बनिक यौगिक है।
- इसे विरंजक चूर्ण या ब्लीचिंग पाउडर भी कहते हैं।
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38. जब इनो लवण को जल में डाला जाता है, बुलबुले बनते हैं, जिसका कारण है-
(a) O2 गैस
(b) CO2 गैस
(c) CO गैस
(d) H2गैस
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999]
उत्तर – (b) CO2 गैस
- इनो लवण को जल में डालने पर उत्पन्न होने वाली कार्बन डाइऑक्साइड गैस बुलबुले बनाती है।
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39. फोटोग्राफी प्लेट को विकसित करने में-
(a) सोडियम थायोसल्फेट उपचायक की भांति उपयोग होता है।
(b) मुक्त ब्रोमीन निकलती है।
(c) प्रकाश प्रभावित क्षेत्र शीघ्रता से ऑक्सीकृत हो जाता है।
(d) विकसित करने वाले घोल में तब तक रखा जाता है, जब तक कि समस्त ब्रोमाइड घुल नहीं जाता।
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1994]
उत्तर – (a) सोडियम थायोसल्फेट उपचायक की भांति उपयोग होता है।
- फोटोग्राफी में स्थायीकरण के लिए उसमें सोडियम थायोसल्फेट (हाइपो) का उपचायक की भांति उपयोग किया जाता है।
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40. निम्नलिखित पदार्थों में से कौन-सा फोटोग्राफी में तथा एक एन्टिक्लोर के रूप में भी प्रयुक्त होता है?
(a) क्रोम रेड
(b) सोडियम थायोसल्फेट
(c) हाइड्रोजन परॉक्साइड
(d) कैलोमेल
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर – (b) सोडियम थायोसल्फेट
- सोडियम थायोसल्फेट (हाइपो) एक रंगहीन क्रिस्टलीय तत्व है।
- इसका प्रयोग फोटोग्राफी में तथा एक एन्टिक्लोर (antichlor) के रूप में होता है।
- एन्टिक्लोर वह तत्व होते हैं, जो क्लोरीन की अधिकता को निष्प्रभावी करने में प्रयोग किए जाते हैं।
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41. फोटोग्राफी में ‘स्थायीकरण’ के रूप में प्रयुक्त होने वाला रसायन है-
(a) सोडियम सल्फेट
(b) सोडियम थायोसल्फेट
(c) अमोनियम परसल्फेट
(d) बोरेक्स (सुहागा)
[I.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर – (b) सोडियम थायोसल्फेट
- सोडियम थायोसल्फेट रसायन का प्रयोग फोटोग्राफी में निगेटिव एवं पॉजिटिव के ‘स्थायीकरण’ (Fixer) में होता है।
- इसका उपयोग चांदी और सोने के निष्कर्षण में भी किया जाता है।
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42. फोटोग्राफी में स्थिर करने के रूप में प्रयुक्त होने वाला रासायनिक पदार्थ है-
(a) सोडियम थायोसल्फेट
(b) बोरेक्स
(c) सोडियम टेट्राथायोनेट
(d) अमोनियम मोलिब्डेट
[U.P.R.OJA.R.O. (Pre) 2014]
उत्तर – (a) सोडियम थायोसल्फेट
- सोडियम थायोसल्फेट रसायन का प्रयोग फोटोग्राफी में निगेटिव एवं पॉजिटिव के ‘स्थायीकरण’ (Fixer) में होता है।
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43. फोटोग्राफी में प्रयुक्त होने वाला हाइपो विलयन, जलीय विलयन है-
(a) सोडियम थायोसल्फेट का
(b) सोडियम टेट्राथायोनेट का
(c) सोडियम सल्फेट का
(d) अमोनियम परसल्फेट का
[U.P.P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर – (a) सोडियम थायोसल्फेट का
- फोटोग्राफी में प्रयुक्त होने वाला हाइपो विलयन सोडियम थायोसल्फेट का जलीय विलयन है।
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44. फोटोग्राफी में उपयोगी तत्व है-
(a) सिल्वर नाइट्रेट
(b) सिल्वर ब्रोमाइड
(c) सल्फ्यूरिक एसिड
(d) साइट्रिक एसिड
[U.P.P.C.S. (Pre) 1992]
उत्तर – (b) सिल्वर ब्रोमाइड
- फोटोग्राफी प्लेट विकसित करने के लिए उसे विकसित करने वाले घोल में तब तक रखा जाता है, जब तक उस पर लगा समस्त सिल्वर ब्रोमाइड घुल नहीं जाता है।
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45. फोटोग्राफी की प्लेट पर निम्नलिखित में से किसकी परत चढ़ायी जाती है?
(a) सिल्वर ऑक्साइड
(b) सिल्वर ब्रोमाइड
(c) सिल्वर क्लोराइड
(d) सिल्वर आयोडाइड
[U.P.P.C.S. (Mains) 2015]
उत्तर – (b) सिल्वर ब्रोमाइड
- फोटोग्राफी की प्लेट पर सित्वर ब्रोमाइड की परत चढ़ायी जाती है।
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46. निम्नलिखित में से कौन-सा सही सुमेलित नहीं है?
(पदार्थ) |
(उपयोग) |
(a) सिल्वर ब्रोमाइड |
कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण |
(b) सिल्वर आयोडाइड |
कृत्रिम वर्षा |
(c) लीथियम बाइकार्बोनेट |
गठिया का उपचार |
(d) दूधिया मैग्नीशिया |
प्रति-अम्ल |
[U.P.P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर – (a) सिल्वर ब्रोमाइड – कृत्रिम प्रकाश संश्लेषण
- सित्वर ब्रोमाइड फोटोग्राफी में उपयोगी तत्व है।
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47. आयनी यौगिकों से संबंधित निम्न कथनों पर विचार कीजिए –
1. आयनी यौगिक एल्कोहॉल में अविलेय होते हैं।
2. ठोस अवस्था में आयनी यौगिक विद्युत के उत्तम चालक होते हैं।
इनमें से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) दोनों 1 और 2
(d) दोनों में से कोई भी नहीं
[I.A.S. (Pre) 2003]
उत्तर – (a) केवल 1
- आयनिक यौगिक विद्युत अपघट्य होते हैं, जो जल में डालने पर अपने धनायन एवं ऋणायनों में टूट जाते हैं।
- ये कार्बनिक विलायकों में विघटित नहीं होते हैं, क्योंकि ये अध्रुवीय होते हैं।
- अतः ये एल्कोहॉल में अविलेय होते हैं।
- जैसे- NaCl, KCI। ठोस अवस्था में आयनी यौगिकों में मुक्त या गतिशील इलेक्ट्रॉन नहीं होने की वजह से विद्युत का चालन नहीं होता।
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48. निम्न में से कौन-सा सबसे अधिक श्यान है?
(a) अल्कोहल
(b) पानी
(c) शहद
(d) गैसोलीन
[Uttarakhand Lower Sub. (Pre) 2010]
उत्तर – (c) शहद
- ‘श्यानता’ किसी तरल का वह गुण है, जिसके कारण वह किसी बाहरी प्रतिबल या अपरूपक प्रतिबल के कारण अपने को विकृत करने का विरोध करता है।
- दिए गए विकल्पों में सबसे अधिक श्यान शहद है।
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