नागरिक चार्टर

प्रश्न: नागरिक चार्टर के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, इसकी सीमित सफलता हेतु उत्तरदायी कारणों पर चर्चा कीजिए। इस संदर्भ में, नागरिक चार्टर को लोक सेवा में जवाबदेही का प्रभावी उपकरण बनाने के उपायों का सुझाव दीजिए।

दृष्टिकोण:

  • नागरिक चार्टर की अवधारणा का संक्षिप्त वर्णन करते हुए इसके महत्व को रेखांकित कीजिए।
  • भारत में इसकी सीमित सफलता हेतु उत्तरदायी कारणों का उल्लेख कीजिए।
  • लोक सेवा में जवाबदेही को एक प्रभावी उपकरण बनाने हेतु कुछ सार्थक उपायों का सुझाव दीजिए।

उत्तरः

नागरिक चार्टर किसी संगठन द्वारा नागरिकों को समयबद्ध और जवाबदेह रीति में सेवाएँ प्रदान करने के मानकों के संबंध में की गई प्रतिबद्धताओं का एक समुच्चय होता है।

चार्टरों द्वारा निम्नलिखित तत्वों को सम्मिलित किया जाना अपेक्षित है: 

  • विजन एवं मिशन संबंधी विवरण;
  • संगठन द्वारा किये जाने वाले व्यवसाय के संबंध में विवरण;
  • ग्राहकों का विवरण; 
  • प्रत्येक ग्राहक समूह को प्रदान की जाने वाली सेवाओं का विवरण;
  • शिकायत निवारण तंत्र का विवरण और इस तक पहुँच का तरीका; तथा 
  • ग्राहकों की अपेक्षाएं।

महत्व 

  • यह नागरिकों को सेवा वितरण में कुछ मानकों की मांग करने का अधिकार प्रदान करता है।
  • यह संगठन के सेवा वितरण को बेहतर बनाता है।
  • अधिकारियों की जनता के प्रति बेहतर जवाबदेही एवं उत्तरदायित्व सुनिश्चित करता है।
  • प्रशासन को नागरिकों के अनुकूल बनाकर सेवाओं के प्रति जनता की संतुष्टि को सुनिश्चित करता है।
  • निरंतर अंतर्निहित सुधार तंत्र को सुनिश्चित करता है।
  • यह अधिक पारदर्शिता हेतु एक हितधारक दृष्टिकोण को अपनाता है।

इसकी सीमित सफलता हेतु उत्तरदायी कारण निम्नलिखित हैं:

  • पुरानी नौकरशाही प्रक्रियाएं: चार्टरों का निर्माण किसी भी प्रकार की परामर्शक प्रक्रिया द्वारा नहीं किया जाता है। इसके विपरीत इनका निर्माण संगठन के उच्च स्तरों द्वारा निम्न स्तरों को दिए गए (टॉप टू बॉटम) निर्देशों द्वारा किया जाता है।
  • निम्नस्तरीय डिजाइन एवं विषय वस्तु: अधिकांश संगठनों के पास अर्थपूर्ण तथा संक्षिप्त नागरिक चार्टर का मसौदा तैयार करने की पर्याप्त क्षमता नहीं है। साथ ही यह भी संभव होता है कि सेवा प्रदाता स्वयं भी चार्टर की अवधारणा, दर्शन, लक्ष्य और मुख्य विशेषताओं से परिचित न हो।
  • अवास्तविक प्रतिबद्धताएँ: अपेक्षित मानक या अधिदेशित समयबद्ध मानदंड अत्यंत शिथिल या अत्यधिक कठोर हैं। कार्यान्वयन के महत्वपूर्ण चरणों के दौरान संबंधित अधिकारियों का स्थानांतरण एवं परिवर्तन।
  • मिथ्याबोध: संगठनों द्वारा पूर्व में प्रकाशित इनफॉर्मेशन ब्रोशर, प्रचार सामग्री, पैम्फलेट आदि को ही भूलवश नागरिक चार्टर मान लिया जाता है।
  • वित्तपोषण संबंधी चिंताएँ: नागरिक चार्टर हेतु जागरुकता उत्पन्न करने या चार्टर के विभिन्न घटकों से कर्मचारियों को अवगत कराने हेतु विशेष रूप से कोई धन आवंटित नहीं किया जाता है।
  • चार्टर के विषय में ग्राहकों को शिक्षित करने के लिए जागरुकता अभियान व्यवस्थित रूप से संचालित नहीं किए जाते हैं।

वस्तुतः नागरिक चार्टर को केवल आश्वासनों का दस्तावेज मात्र नहीं होना चाहिए। इसे मानकों एवं सेवा वितरण के स्तर तथा जन भागीदारी में सर्वोत्तम रीति से वृद्धि करने हेतु उपयुक्त पहलों एवं विचारों का एक समुच्चय होना चाहिए। यह निम्नलिखित तरीकों से किया जा सकता है:

  • चार्टर निर्माण के प्रत्येक चरण में नागरिकों एवं कर्मचारियों से परामर्श किया जाना चाहिए। साथ ही नागरिक चार्टर को सुस्पष्ट होना चाहिए तथा सेवा वितरण मानकों के प्रति दृढ़ प्रतिबद्ध होना चाहिए।
  • कर्मचारियों को विभाग के चार्टर संबंधी लक्ष्यों/उद्देश्यों, विज़न एवं मिशन दस्तावेज़ से अवगत कराया जाना चाहिए।
  • उपभोक्ताओं की शिकायतों से संबंधित एक डेटाबेस तथा गैर-अनुपालन की स्थिति में प्रभावी निवारण तंत्र का निर्माण किया जाना चाहिए।
  • जागरुकता सृजन एवं कर्मचारियों के अनुकूलन हेतु विशिष्ट बजट का निर्धारण किया जाना चाहिए।
  • चार्टर का कार्यान्वयन करने से पूर्व इसकी आंतरिक पुनर्संरचना पर पर्याप्त ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि निर्धारित मानकों का उचित वितरण सुनिश्चित किया जा सके।
  • चार्टर कार्यान्वित होने की एक निश्चित अवधि के पश्चात् प्राप्त परिणामों का स्वतंत्र लेखांकन अनिवार्य होना चाहिए।
  • नागरिक चार्टर का अनुपालन करने के दौरान होने वाली गड़बड़ियों के सभी मामलों में निगरानी तंत्र द्वारा विशिष्ट उत्तरदायित्व को सुनिश्चित किया जाना चाहिए।
  • प्रिंट मीडिया, पोस्टर, बैनर, पत्रक, विज्ञापन-पत्र, ब्रोशर, स्थानीय समाचार पत्र आदि माध्यमों के साथ ही इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के माध्यम से भी नागरिक चार्टर का व्यापक प्रचार किया जाना चाहिए।

वर्तमान नागरिक चार्टरों की गहन समीक्षा तथा उपर्युक्त उपायों के प्रभावी कार्यान्वयन द्वारा शासन तंत्र में अधिक पारदर्शिता एवं जवाबदेही को सुनिश्चित करने में सहायता मिलेगी।

Read More

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.