176. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से ‘सांविधिक आरक्षित आवश्यकताओं’ का/के उद्देश्य है/हैं?
1. केंद्रीय बैंक को, बैंकों द्वारा निर्मित की जा सकने वाली अग्रिम राशियों पर नियंत्रण रखने की सक्षमता प्रदान करना
2. बैंकों में जनता की जमा राशियों को सुरक्षित व तरल रखना
3. व्यावसायिक बैंकों को अत्यधिक लाभ कमाने से रोकना
4. बैंकों को दिन-प्रतिदिन की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए पर्याप्त कोष्ठ नकदी (वॉल्ट कैश) रखने को बाध्य करना
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 2
(d) 1, 2, 3 और 3
[I.A.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (a) केवल 1
- सांविधिक आरक्षित आवश्यकता (SRR Statutory Reserve Requirements) मौद्रिक नीति का एक उपकरण है।
- इसके तहत वाणिज्यिक बैंकों को अपनी जमाओं का एक निश्चित प्रतिशत तरल रूप में रखना होता है।
- अतः सांविधिक आरक्षित आवश्यकता का उद्देश्य केंद्रीय बैंक को, बैंकों द्वारा निर्मित की जा सकने वाली अग्रिम राशियों पर नियंत्रण रखने की सक्षमता प्रदान करना है, जबकि वॉल्ट कैश रखने, व्यावसायिक बैंकों के लाभ पर नियंत्रण तथा बैंकों में जमा राशियों को सुरक्षित व तरल रखना इसके उद्देश्यों में शामिल नहीं है।
- नवीनतम नीतिगत दरें 5 मई, 2022 तक की स्थिति के अनुसार
बैंक दर – 4.65%
एमएसएफ दर – 4.65%
रेपो दर – 4.40%
स्थिर रिवर्स रेपो दर – 3.35%
सीआरआर – 4%
एसएलआर – 18.0%
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177. ‘सीमांत स्थायी सुविधा दर’ तथा ‘निवल मांग और सावधि देयताएं’ पदबंध कभी-कभी समाचार में आते रहते हैं। उनका प्रयोग किसके संबंध में किया जाता है?
(a) बैंक कार्य
(b) संचार नेटवर्किंग
(c) युद्ध कौशल
(d) कृषि उत्पादों की पूर्ति एवं मांग
[I.A.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (a) बैंक कार्य
- ‘सीमांत स्थायी सुविधा’ (MSF : Marginal Standing Facility) की घोषणा ‘भारतीय रिजर्व बैंक’ (RBI) ने पहली बार वित्त वर्ष 2011-12 में वार्षिक मौद्रिक नीति समीक्षा में की थी।
- यह अवधारणा 9 मई, 2011 से लागू हुई।
- एमएसएफ के तहत बैंक कम से कम 1 करोड़ रुपये का ऋण ले सकते हैं।
- इससे ज्यादा ऋण 1 करोड़ रुपये के गुणक में लिया जा सकता है।
- इंटरबैंक ओवरनाइट मार्केट में ‘अस्थिरता’ (Volatility) पर अंकुश लगाने के लिए बैंकों को यह सुविधा दी गई है।
- निवल मांग और सावधि देयताएं (NDTL) भी बैंक कार्य से संबंधित हैं।
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178. निम्नलिखित में से कौन-सी पारिभाषिक शब्दावली उस क्रियाविधि को इंगित करती है जिसके माध्यम से वाणिज्य बैंक सरकार को उधार देता है?
(a) नकदी उधार अनुपात (कैश क्रेडिट रेशियो)
(b) ऋण सेवा दायित्व (डेट सर्विस ऑब्लिगेशन)
(c) तरलता समायोजन सुविधा (लिक्विडिटी एडजस्टमेंट फैसिलिटी)
(d) सांविधिक तरलता अनुपात (स्टैट्यूटरी लिक्विडिटी रेशियो)
[I.A.S. (Pre) 2010]
उत्तर-(d) सांविधिक तरलता अनुपात (स्टैट्यूटरी लिक्विडिटी रेशियो)
- सांविधिक तरलता अनुपात, तरल परिसंपत्तियों की मात्रा है, जैसे नकदी, कीमती धातुएं या अन्य अल्पकालिक प्रतिभूतियां, जिसे कि बैंक को अपने भंडार में बनाए रखना चाहिए।
- वाणिज्यिक बैंक सरकार को दीर्घावधि ऋण प्रदान करने के लिए अपने इस कोष को सरकारी प्रतिभूतियों में निवेश करते हैं, जबकि अल्पावधि ऋण देने के लिए ट्रेजरी बिल खरीदते हैं।
- ये गतिविधियां सांविधिक तरलता अनुपात (SLR) के तहत होती हैं।
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179. जब भारतीय रिजर्व बैंक सांविधिक नकदी अनुपात (स्टैट्यूटरी लिक्विडिटी रेशियो) को 50 आधार अंक (बेसिस प्वॉइंट) कम कर देता है, तो निम्नलिखित में से क्या होने की संभावना होती है?
(a) भारत की GDP विकास दर प्रबलता से बढ़ेगी
(b) विदेशी संस्थागत निवेशक हमारे देश में और अधिक पूंजी लाएंगे
(c) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक अपने उधार देने की दर को घटा सकते हैं
(d) इससे बैंकिंग व्यवस्था को नकदी (लिक्विडिटि) में प्रबलता से कमी आ सकती है
[I.A. S. (Pre) 2015]
उत्तर-(c) अनुसूचित वाणिज्यिक बैंक अपने उधार देने की दर को घटा सकते हैं
- प्रत्येक बैंक को अपनी मांग एवं सावधि जमाओं का कुछ प्रतिशत भाग (जैसा रिजर्व बैंक निर्धारित करे) नकद, स्वर्ण व मान्यता प्राप्त स्वीकृत प्रतिभूतियों, विदेशी परिसंपत्ति के रूप में अपने पास रखना अनिवार्य है, यही अनुपात सांविधिक नकदी अनुपात (SLR) कहलाता है।
- जब रिजर्व बैंक द्वारा इस अनुपात में कमी की जाती है, तो बैंकों के पास अपेक्षाकृत अधिक भाग तरल के रूप में उपलब्ध होता है, जिससे उधार देने के लिए अधिक राशि उपलब्ध हो जाती है।
- बैंकों में अधिक तरलता की उपस्थिति की स्थिति में वे ऋण प्रोत्साहन हेतु ब्याज दर घटा सकते हैं।
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180. बैंकों को अपने रोकड़ शेष और कुल परिसंपत्ति के मध्य एक निश्चित अनुपात रखना पड़ता है। इसे कहते हैं-
(a) SBR (सांविधिक बैंक अनुपात)
(b) SLR (सांविधिक तरल अनुपात)
(c) CBR (केंद्रीय बैंक रिजर्व)
(d) CLR (केंद्रीय तरल रिजर्व)
[I.A.S. (Pre) 1998, U.P.P.C.S.(Mains) 2007]
उत्तर-(b) SLR (सांविधिक तरल अनुपात)
- प्रत्येक बैंक को अपनी मांग एवं सावधि जमाओं का कुछ प्रतिशत भाग (जैसा रिजर्व बैंक निर्धारित करे) नकद, स्वर्ण व मान्यता प्राप्त स्वीकृत प्रतिभूतियों, विदेशी परिसंपत्ति के रूप में अपने पास रखना अनिवार्य है, यही अनुपात सांविधिक नकदी अनुपात (SLR) कहलाता है।
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181. निम्नलिखित में से किसे भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित नहीं किया जाता है?
(a) बैंक दर
(b) सी.आर.आर.
(c) पी.एल.आर.
(d) एस.एल.आर.
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]
उत्तर-(c) पी.एल.आर.
- पी.एल.आर. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा निर्धारित नहीं किया जाता है।
- प्रधान उधारी दर (PLR), वह ब्याज दर होती है जिस पर बैंक, अपने सर्वप्रिय (विश्वसनीय) ग्राहक को ऋण देता है।
- विश्वसनीयता से तात्पर्य जोखिम शून्यता से है।
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182. मौद्रिक नीति है-
(a) राजकोषीय नीति के विपरीत
(b) राजकोषीय नीति का पूरक
(c) मंदी के दौरान अधिक प्रभावी
(d) प्रभावी मांग को नियंत्रित करने हेतु प्रत्यक्ष उपाय
[U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2016]
उत्तर-(b) राजकोषीय नीति का पूरक
- मौद्रिक नीति, राजकोषीय नीति की पूरक होती है।
- मौद्रिक नीति ऐसी प्रक्रिया है, जिसकी मदद से रिजर्व बैंक अर्थव्यवस्था में पैसे की आपूर्ति को नियंत्रित करता है।
- रिजर्व बैंक ब्याज दरों को घटाकर अर्थव्यवस्था में नकदी का अनुपात बढ़ाता है तथा ब्याज दरों को बढ़ाकर अर्थव्यवस्था में नकदी का अनुपात घटाता है।
- मुद्रा की तरलता का अनुपात ही मांग को प्रभावित करता है।
- मौद्रिक नीति प्रभावी मांग को नियंत्रित करने हेतु एक प्रत्यक्ष उपाय भी है।
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183. मौद्रिक नीति का निर्माण भारत में कौन करता है?
(a) सेबी
(b) आर.बी.आई.
(c) वित्त मंत्रालय
(d) योजना आयोग
[U.P.P.C.S. (Pre) 2006, R.A.S./R.T.S. (Pre) 2010]
उत्तर-(b) आर.बी.आई.
- मौद्रिक नीति का निर्माण भारत में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (वर्तमान में मौद्रिक नीति समिति MPC) द्वारा किया जाता है।
- इसे रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति दस्तावेज के नाम से भी जाना जाता है।
- इसका उद्देश्य अर्थव्यवस्था में विनिमय स्थिरता, कीमत स्थिरता एवं आर्थिक स्थिरता बनाए रखना है।
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184. भारतीय रिजर्व बैंक के पास विभिन्न व्यावसायिक बैंकों की कुल जमा एवं आरक्षित राशि का निर्धारित भाग क्या कहलाता है?
(a) भुगतान संतुलन
(b) बैंक गारंटी
(c) अमानत राशि
(d) नकद आरक्षित अनुपात
[Chhatisgarh P.C.S. (Pre) 2008, U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
उत्तर-(d) नकद आरक्षित अनुपात
- भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार, वाणिज्यिक बैंकों को अपनी विशुद्ध कुल देयताओं (जमा राशि) का कुछ हिस्सा नकद रूप में या RBI के पास जमाओं के रूप में रखना अनिवार्य होता है, जिसे नकद आरक्षित अनुपात (CRR) कहा जाता है।
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185. जब भारतीय रिजर्व बैंक नकदी रिजर्व अनुपात में वृद्धि की घोषणा करता है, तो इसका तात्पर्य क्या है?
(a) वाणिज्य बैंकों के पास उधार देने के लिए कम मुद्रा होगी
(b) भारतीय रिजर्व बैंक के पास उधार देने के लिए कम मुद्रा होगी
(c) केंद्र सरकार के पास उधार देने के लिए कम मुद्रा होगी
(d) वाणिज्य बैंकों के पास उधार देने के लिए अपेक्षाकृत अधिक मुद्रा होगी।
[I.A.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (a) वाणिज्य बैंकों के पास उधार देने के लिए कम मुद्रा होगी
- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा नकदी रिजर्व अनुपात में वृद्धि की घोषणा वाणिज्यिक बैंकों के साख सृजन की क्षमता को कम करने के लिए की जाती है।
- इस कृत्य द्वारा रिजर्व बैंक मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने का प्रयास करता है।
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186. नए रिजर्व बैंक गवर्नर के अनुसार, निम्नलिखित कारकों में से कौन रुपये के विनिमय मूल्य को निर्धारित करते हैं?
1. उच्च मुद्रास्फीति दर
2. उच्च राजकोषीय घाटा
3. ऊंची कच्चे तेल की कीमत
नीचे दिए गए कूट में से सही उत्तर चुनिए-
कूट :
(a) उपर्युक्त तीनों कारक
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3
(d) केवल 1
[U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
उत्तर- (a) उपर्युक्त तीनों कारक
- रिजर्व बैंक के तत्कालीन गवर्नर रघुराम राजन ने रुपये के विनिमय मूल्य को निर्धारित करने वाले निम्न कारकों की पहचान की थी उच्च मुद्रास्फीति दर, उच्च राजकोषीय घाटा एवं ऊंची कच्चे तेल की कीमतें।
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187. ‘पुनर्क्रय विकल्प’ का प्रयोग किया जाता है-
(a) विनिमय बाजार में रुपये की भारी बिकवाली के दबाव को कम करने के लिए।
(b) विनिमय बाजार में रुपये की बिकवाली के दबाव को बढ़ाने के लिए।
(c) विनिमय बाजार में रुपये का मान कम करने के लिए।
(d) उपरोक्त कोई नहीं।
[U.P. Lower Sub. (Pre) 1998]
उत्तर-(d) उपरोक्त कोई नहीं।
- पुनर्क्रय विकल्प (रेपो दर) का प्रयोग एवं नियमन भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) द्वारा मुद्रा बाजार में साख नियमन के लिए किया जाता है। मुद्रा विनिमय बाजार से इसका संबंध नहीं है।
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188. निम्नलिखित में से कौन-सी एक संस्था विदेशी वाणिज्यिक उधारी को नियमित करती है?
(a) सेबी
(b) वित्त मंत्रालय
(c) वाणिज्य मंत्रालय
(d) भारतीय रिजर्व बैंक
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर-(d) भारतीय रिजर्व बैंक
- भारत में विदेशी वाणिज्यिक उधारी (External Commercial Borrowing) का विनियमन (Regulation) आर.बी.आई. के द्वारा किया जाता है।
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189. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के निम्नलिखित गवर्नरों पर विचार करें एवं उन्हें काल-क्रमानुसार व्यवस्थित करें –
(1) डॉ. सी. रंगराजन
(II) डॉ. आई. जी. पटेल
(III) डॉ. डी. सुब्बाराव
(IV) डॉ. मनमोहन सिंह
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट –
(a) (IV), (II), (III) और (I)
(b) (II), (IV), (I) और (III)
(c) (IV), (I), (II) और (III)
(d) (II), (I), (IV) और (III)
[U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2021]
उत्तर-(b) (II), (IV), (I) और (III)
सही सुमेलन है- |
राज्यपाल |
कार्यकाल |
डॉ. सी. रंगराजन |
1992-1997 |
डॉ. आई.जी. पटेल |
1977-1982 |
डॉ. डी. सुब्बाराव |
2008-2013 |
डॉ. मनमोहन सिंह |
1982-1985 |
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190. निम्न में से कौन भारतीय रिजर्व बैंक का गवर्नर नहीं रहा है?
(a) मनमोहन सिंह
(b) विमल जालान
(c) सी. रंगराजन
(d) राजा जे. चेलैय्या
[U.P.P.C.S. (Mains) 2005]
उत्तर-(d) राजा जे. चेलैय्या
- राजा जे. चेलैय्या कभी RBI के गवर्नर नहीं रहे हैं।
- जबकि शेष तीनों व्यक्ति भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर रह चुके हैं-
मनमोहन सिंह 1982 से 1985 तक
विमल जालान 1997 से 2003 तक
सी. रंगराजन 1992 से 1997 तक
- RBI के वर्तमान गवर्नर शक्तिकांत दास (12 दिसंबर, 2018 से पदासीन) हैं।
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191. अल्पकाल में भारतीय रिजर्व बैंक, जिस ब्याज दर पर व्यापारिक बैंकों को उधार देता है, उसे कहा जाता है-
(a) ब्याज दर
(b) बैंक दर
(c) उलट रेपो दर
(d) रेपो दर
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008, U.P.P.C.S. (Mains) 2008]
उत्तर-(d) रेपो दर
- ब्याज की वह दर जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों को अल्पावधि कोष उधार देता है, ‘रेपो दर’ कहलाती है।
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192. वह दर जिस पर बैंक रिजर्व बैंक को उधार देते हैं, जानी जाती है-
(a) बैंक दर
(b) रिवर्स रेपो दर
(c) रेपो दर
(d) ब्याज दर
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]
उत्तर-(c) रेपो दर
- रिवर्स रेपो दर, रेपो दर के विपरीत है।
- इस दर पर आरबीआई विभिन्न बैंकों से अल्पकालिक अवधि के लिए उधार लेता है।
- आरबीआई अपने सरकारी बॉण्ड्स विभिन्न बैंकों को बेचता है और भविष्य में उन्हें वापस खरीदने का वादा करता है।
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193. निम्न कथनों पर विचार कीजिए
1. बैंक दर वह ब्याज दर है, जो भारतीय रिजर्व बैंक अपने ग्राहकों से उनके अल्पकालिक उधार पर लेता है।
2. रेपो दर वह ब्याज दर है, जो भारतीय रिजर्व बैंक अपने ग्राहकों से उनके दीर्घकालिक उधार पर लेता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से गलत है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[56th to 59th B. P. S.C. (Pre) 2015]
उत्तर-(c) 1 और 2 दोनों
- RBI एक्ट के अनुसार, बैंक दर वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों के बिलों की पुनर्कटौती करता है।
- व्यावहारिक अर्थों में वाणिज्यिक बैंकों द्वारा भारतीय रिजर्व बैंक से जिस ब्याज पर दीर्घकालीन ऋण प्राप्त किया जाता है, उसे बैंक दर कहा जाता है।
- बैंक दर RBI की मौद्रिक नीति का एक महत्वपूर्ण भाग है।
- वहीं दूसरी ओर रेपो रेट पर RBI व्यापारिक बैंकों को अल्पकालीन ऋण प्रदान करता है।
- अतः कथन 1 एवं 2 दोनों गलत हैं।
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194. बैंक दर में वृद्धि सामान्यतः इस बात का संकेत है कि-
(a) ब्याज की बाजार दर के गिरने की संभावना है
(b) केंद्रीय बैंक अब वाणिज्यिक बैंकों को कर्जे नहीं दे रहा
(c) केंद्रीय बैंक सस्ती मुद्रा नीति का अनुसरण कर रहा है
(d) केंद्रीय बैंक महंगी मुद्रा नीति का अनुसरण कर रहा है
[I.A.S. (Pre) 2013]
उत्तर-(d) केंद्रीय बैंक महंगी मुद्रा नीति का अनुसरण कर रहा है
- जब अर्थव्यवस्था में साख की मात्रा घटाने की जरूरत होती है, तो केंद्रीय बैंक, बैंक दर में वृद्धि कर देता है जिससे बैंक उपभोक्ताओं को उधार देने की दरें बढ़ा देते हैं।
- महंगे मुद्रा बाजार के कारण बाजार में ब्याज की दर बढ़ जाती है।
- इससे नए कर्जों के लिए उत्साह भंग हो जाता है, जिसके परिणामस्वरूप साख की मात्रा घट जाती है और कीमतों की वृद्धि रुक जाती है।
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195. भारतीय रिजर्व बैंक का लेखा वर्ष (Accounting year) है-
(a) अप्रैल-मार्च
(b) जुलाई-जून
(c) अक्टूबर-सितंबर
(d) जनवरी-दिसंबर
[I.A.S. (Pre) 1998]
उत्तर-(b) जुलाई-जून
- भारतीय रिजर्व बैंक का लेखा कार्य अथवा लेखा वर्ष 1 जुलाई से 30 जून होता था।
- लेकिन वर्तमान में इसे बदलकर अप्रैल-मार्च कर दिया गया है। हालांकि इस का पहला वित्तीय वर्ष जूलाई, 2020 से मार्च, 2021 (9 माह) ही रहा।
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196. चर आरक्षण अनुपात और खुला बाजार कार्रवाई किसके साधन हैं?
(a) राजवित्तीय नीति
(b) मुद्रा नीति
(c) बजट नीति
(d) व्यापार नीति
[I.A.S. (Pre) 1993]
उत्तर-(b) मुद्रा नीति
- चर आरक्षण अनुपात या परिवर्तनीय कोष अनुपात (Variable Reserve Ratio : VRR) जिसके द्वारा RBI बैंकों के पास रखे जाने वाले तरल कोष में परिवर्तन करती है तथा खुले बाजार की कार्रवाई जिसके द्वारा RBI प्रतिभूतियों का क्रय-विक्रय करती है, ये दोनों RBI की परिमाणात्मक साख नियंत्रण की विधियां हैं जो मौद्रिक नीति के अंतर्गत आती हैं।
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197. भारत में ‘मुद्रा एवं साख’ का नियंत्रण किया जाता है-
(a) सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया द्वारा
(b) इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट बैंक ऑफ इंडिया द्वारा
(c) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा
(d) भारतीय स्टेट बैंक द्वारा
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर-(c) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा
- भारत में ‘मुद्रा एवं साख’ का नियंत्रण भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा किया जाता है।
- इस उद्देश्य की प्राप्ति के लिए वह परिमाणात्मक व गुणात्मक उपायों का उपयोग करता है।
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198. निम्नलिखित उपायों में से किसके / किनके परिणामस्वरूप अर्थव्यवस्था में मुद्रा आपूर्ति में वृद्धि होगी?
1. केंद्रीय बैंक द्वारा लोगों से सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय
2. लोगों द्वारा वाणिज्यिक बैंकों में जमा की गई करेंसी
3. सरकार द्वारा केंद्रीय बैंक से लिया गया ऋण
4. केंद्रीय बैंक द्वारा लोगों को सरकारी प्रतिभूतियों का विक्रय
निम्नलिखित कूटों के आधार पर सही उत्तर चुनिए –
(a) केवल 1
(b) केवल 2 और 4
(c) 1 और 3
(d) 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (c) 1 और 3
- अर्थव्यवस्था में मुद्रा की आपूर्ति (Supply) बढ़ाने के लिए केंद्रीय बैंक द्वारा लोगों से सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय किया जाता है।
- मुद्रा की आपूर्ति बढ़ाने के लिए सरकार द्वारा केंद्रीय बैंक से ऋण भी लिया जाता है।
- लोगों के द्वारा वाणिज्यिक बैंकों में जमा की गई करेंसी या केंद्रीय बैंक के द्वारा लोगों को सरकारी प्रतिभूतियों के विक्रय, से अर्थव्यवस्था में मुद्रा की आपूर्ति में कमी होगी।
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199. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, ‘खुला बाजार प्रचालन’ किसे निर्दिष्ट करता है?
(a) अनुसूचित बैंकों द्वारा RBI से ऋण लेना
(b) अनुसूचित बैंकों द्वारा उद्योग और व्यापार क्षेत्रों को ऋण देना
(c) RBI द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय और विक्रय
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[I.A.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (c) RBI द्वारा सरकारी प्रतिभूतियों का क्रय और विक्रय
- भारतीय रिजर्व बैंक खुले बाजार की क्रिया (Open market operation) के तहत सरकारी प्रतिभूतियों (Government Securities) एवं ट्रेजरी बिल का क्रय-विक्रय करता है।
- अर्थव्यवस्था से मुद्रा की अपेक्षित मात्रा निकालने के लिए प्रतिभूतियों का विक्रय, जबकि अर्थव्यवस्था में मुद्रा की अपेक्षित मात्रा डालने के लिए प्रतिभूतियों का क्रय किया जाता है।
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200. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
1. रेपो दर ऐसी दर है जिस पर अन्य बैंक भारतीय रिजर्व बैंक से धनराशि उधार लेते हैं।
2. किसी देश के गिनी गुणांक के 1 के मान का अभिप्राय है कि उस देश की जनता में प्रत्येक की आय पूर्णतः समान है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2007]
उत्तर- (a) केवल 1
- 29 अक्टूबर, 2004 से प्रभावी रेपो दर की परिभाषा यह है-रेपो दर वह दर है, जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक अन्य बैंकों को अल्पकालिक उधार देता है।
- यह भी कह सकते हैं कि रेपो दर वह दर है, जिस पर अन्य बैंक रिजर्व बैंक से अल्पकालीन उधार लेते हैं।
- अतः कथन 1 सही है।
- गिनी गुणांक आय वितरण में असमानता का मापक होता है।
- इसे 0 से 1 के बीच के मूल्य अनुपात से परिभाषित किया जाता है।
- 0 मूल्य का अर्थ होता है पूर्ण आय समानता अर्थात सभी की आय समान है, जबकि 1 मूल्य का अर्थ है पूर्ण आय असमानता अर्थात संपूर्ण आय किसी एक के पास है और अन्य सभी के पास शून्य आय है।
- स्पष्ट है कि दूसरा कथन असत्य है।
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201. निम्नलिखित में से कौन-सा भारत में चयनात्मक उधार नियंत्रण का साधन नहीं है?
(a) उपभोक्ता उधार का नियमन (Regulation of Consumer Credit)
(b) उधार राशि नियतन (Rationing of Credit)
(c) अंतरण (मार्जिन) अपेक्षाएं (Margin Requirements)
(d) परिवर्ती लागत आरक्षण अनुपात (Variable Cost Reserve Ratio)
[I.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर-(d) परिवर्ती लागत आरक्षण अनुपात (Variable Cost Reserve Ratio)
प्रश्नगत प्रथम तीन विकल्प चयनात्मक साख नियंत्रण की विधियां हैं, जबकि अंतिम विकल्प (d) मात्रात्मक साख नियंत्रण की विधि है।
मौद्रिक नीति के उपकरण या साख नियंत्रण के तरीके/साधन/विधियां |
परिमाणात्मक साख नियंत्रण विधियां |
चयनात्मक या गुणात्मक साख नियंत्रण विधियां |
बैंक दर |
न्यूनतम सीमा या मार्जिन निर्धारण |
सीमांत स्थायी सुविधा दर |
नैतिक दबाव |
खुली बाजार की क्रियाएं |
साख की राशनिंग |
तरलता समायोजन सुविधा (LAF) (रेपो तथा रिवर्स रेपो) |
उपभोक्ता उधार का नियमन |
परिवर्तनीय कोष अनुपात (नकद आरक्षित अनुपात- CRR, सांविधिक तरलता अनुपात-SLR) |
साख स्वीकृतिकरण योजना |
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202. भारतीय रिजर्व बैंक के बैंक दर कम करने के फलस्वरूप –
(a) बाजार की तरलता बढ़ जाती है।
(b) बाजार की तरलता घट जाती है।
(c) बाजार की तरलता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
(d) वाणिज्यिक बैंक अधिक जमा पूंजी संगृहीत कर लेते हैं।
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (a) बाजार की तरलता बढ़ जाती है।
- बैंक दर (Bank Rate) वह दर है जिस पर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) वाणिज्यिक बैंकों की प्रतिभूतियों की पुनर्कटौती करता है।
- सामान्य अर्थ में यह वह दर है जिस पर रिजर्व बैंक वाणिज्यिक बैंकों को ऋण प्रदान करता है।
- यदि रिजर्व बैंक, बैंक दर को कम कर देता है, तो इससे वाणिज्यिक बैंकों को अपनी प्रतिभूतियों पर पहले की तुलना में कम बट्टा देना पड़ेगा अर्थात उनके पास निधियों की उपलब्धता बढ़ जाएगी एवं उसकी लागत कम हो जाएगी।
- इस प्रकार बैंक दर के कम होने पर साख सृजन अधिक होगा, अतः बाजार की तरलता बढ़ जाएगी।
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203. भारतीय रिजर्व बैंक के बारे में निम्न में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) यह सभी प्रकार की करेंसी नोटों को जारी करता है।
(b) यह भारत सरकार के शाखा बैंक के रूप में कार्य करता है।
(c) यह बैंकों का बैंक है।
(d) यह विदेशी मुद्रा का विनिमय करता है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2007]
उत्तर- (a) यह सभी प्रकार की करेंसी नोटों को जारी करता है।
- भारतीय रिजर्व बैंक, एक रुपये के नोटों को छोड़कर भारत में विभिन्न मूल्य वर्ग के नोटों को जारी करता है।
- एक रुपये के नोटों का निर्गमन भारत सरकार द्वारा किया जाता है, जिस पर वित्त मंत्रालय के सचिव का हस्ताक्षर होता है।
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204. एक रुपये के नोट पर हस्ताक्षर होता है-
(a) वित्त मंत्रालय के सचिव का
(b) गवर्नर, भारतीय रिजर्व बैंक का
(c) वित्त मंत्री का
(d) इनमें से किसी का नहीं
[U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2004, 48th to 52nd B.P.S.C. (Pre) 2008, Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (a) वित्त मंत्रालय के सचिव का
- एक रुपये के नोटों का निर्गमन भारत सरकार द्वारा किया जाता है, जिस पर वित्त मंत्रालय के सचिव का हस्ताक्षर होता है।
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205. निम्नलिखित में से कौन-सा एक मौद्रिक नीति का उद्देश्य नहीं है?
(a) मूल्य स्थिरता
(b) आर्थिक स्थायित्व
(c) आय एवं परिसंपत्तियों का साम्यिक वितरण
(d) विदेशी विनिमय दर स्थिरता
[U.P.P.C.S (Mains) 2011]
उत्तर-(c) आय एवं परिसंपत्तियों का साम्यिक वितरण
- आय एवं परिसंपत्तियों का साम्यिक वितरण, मौद्रिक नीति का उद्देश्य नहीं है।
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206. विनिमय साध्य विलेख अधिनियम प्रभावकारी हुआ-
(a) 1881 ई. में
(b) 1882 ई. में
(c) 1883 ई. में
(d) 1884 ई. में
[U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2016]
उत्तर-(b) 1882 ई. में
- विनिमय साध्य विलेख अधिनियम (Negotiable Instrument Act, 1881) दिसंबर, 1881 में पारित हुआ था परंतु यह 1 मार्च, 1882 को प्रभावी हुआ था।
- हाल ही में इस अधिनियम में विनिमय साध्य विलेख (संशोधन) अधिनियम, 2018 द्वारा संशोधन किया गया।
- इसे 2 अगस्त, 2018 को राष्ट्रपति की सहमति प्राप्त हुई।
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207. भारत में ट्रेजरी बिल बेचे जाते हैं-
(a) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा
(b) व्यापारिक बैंकों द्वारा
(c) राज्य सरकारों द्वारा
(d) सेबी द्वारा
[U.P.P.C.S. (Mains) 2009]
उत्तर- (a) भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा
- भारत में ट्रेजरी बिल सर्वप्रथम वर्ष 1917 में जारी किए गए थे।
- ये RBI द्वारा नीलामी बोली के माध्यम से बेचे जाते हैं।
- सामान्यतः इनका मूल्य वर्ग 25 हजार या उसके गुणकों में होता है।
- इनके जारी करने का मुख्य उद्देश्य सरकार के अतिरिक्त खर्चों के लिए फंड जुटाना होता है।
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208. भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सी.आर. आर. में वृद्धि से-
(a) सरकार के ऋण में कमी आती है।
(b) अर्थव्यवस्था में मौद्रिक तरलता में कमी आती है।
(c) देश में अधिक विदेशी प्रत्यक्ष पूंजी निवेश आता है।
(d) वांछित क्षेत्रों में ऋण प्रवाह बढ़ता है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर-(b) अर्थव्यवस्था में मौद्रिक तरलता में कमी आती है।
- भारतीय रिजर्व बैंक के पास अनुसूचित बैंकों को अपनी जमाओं का निश्चित प्रतिशत नकद कोष अनुपात (C.R.R.-Cash Reserve Ratio) के रूप में रखना पड़ता है।
- भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा सी.आर.आर. में वृद्धि से बैंकों की साख सृजन की क्षमता कम होती है तथा अर्थव्यवस्था में मौद्रिक तरलता में कमी आती है।
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209. बैंक दर का आशय है-
(a) साहूकारों द्वारा लिया जाने वाला ब्याज दर
(b) अनुसूचित बैंकों द्वारा ली जाने वाली ब्याज दर
(c) बैंकिंग संस्थान की लाभ दर
(d) केंद्रीय बैंक द्वारा ली जाने वाली आधिकारिक ब्याज दर
(e) उपरोक्त में से कोई नहीं/ उपरोक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) 2016]
उत्तर-(d) केंद्रीय बैंक द्वारा ली जाने वाली आधिकारिक ब्याज दर
- बैंक दर, वह दर होती है जिस पर रिजर्व बैंक व्यापारिक बैंकों को दीर्घकालीन उधार देता है।
- इस दर के द्वारा रिजर्व बैंक साख की उपलब्धता तथा साख की लागत को प्रभावित कर सकता है।
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210. एक अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र स्थापित किया गया है-
(a) गांधीनगर में
(b) मुंबई में
(c) अहमदाबाद में
(d) बंगलुरू में
[U.P. P.C.S (Mains) 2016]
उत्तर- (a) गांधीनगर में
- 1 मार्च, 2015 को अंतरराष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र की स्थापना गांधीनगर, गुजरात में की गई।
- यह एक विशेष आर्थिक क्षेत्र का हिस्सा है।
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211. भारत का औद्योगिक वित्त निगम किस रूप में कार्य करता है?
(a) एक व्यापारिक बैंक के रूप में।
(b) एक विकास बैंक के रूप में।
(c) एक औद्योगिक बैंक के रूप में।
(d) उपर्युक्त में से किसी भी रूप में नहीं।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर-(b) एक विकास बैंक के रूप में।
- भारत का औद्योगिक वित्त निगम (IFCI) एक सार्वजनिक क्षेत्र की गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी है जो एक विकास बैंक के रूप में कार्य करती है।
- IFCI की स्थापना 1 जुलाई, 1948 को IFCI अधिनियम, 1948 के अंतर्गत हुई थी।
- यह भारत का प्रथम विकास वित्तीय संस्थान था, जो अवस्थापना और उद्योग के विकास के माध्यम से आर्थिक वृद्धि को बढ़ाने के लिए स्थापित किया गया था।
- इसका नाम अक्टूबर, 1999 से आईएफसीआई लि. किया गया।
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212. भारत में औद्योगिक वित्त के क्षेत्र में सर्वोच्च संस्था है-
(a) भारतीय रिजर्व बैंक
(b) भारतीय औद्योगिक वित्त निगम
(c) भारतीय औद्योगिक विकास बैंक
(d) स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
[U.P. P.C.S. (mains) 2017]
उत्तर-(c) भारतीय औद्योगिक विकास बैंक
- भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (IDBI) का गठन भारतीय औद्योगिक विकास बैंक अधिनियम, 1964 के तहत एक वित्तीय संस्था के रूप में हुआ था और यह भारत सरकार द्वारा जारी 22 जून, 1964 की अधिसूचना के द्वारा 1 जुलाई, 1964 से अस्तित्व में आया।
- इसे कंपनी अधिनियम, 1956 की धारा 4A के प्रावधानों के अंतर्गत एक सार्वजनिक वित्तीय संस्था का दर्जा प्राप्त है।
- वर्ष 2004 से इसका रूपांतरण बैंक के रूप में हो गया।
- आईडीबीआई (IDBI) अन्य विकास बैंकों की तरह उद्योगों को दीर्घकालीन ऋण तथा अन्य विकासात्मक सेवाएं प्रदान करता है।
- यह शीर्ष बैंक के रूप में अन्य विकास बैंकों की क्रियाओं को समन्वित करता है तथा आवश्यकता पड़ने पर उनका पुनर्वित्तीयन भी करता है।
- हालांकि भारतीय औद्योगिक वित्त निगम भी औद्योगिक क्षेत्र के वित्त हेतु एक बड़ी संस्था है, लेकिन वर्तमान में भारतीय औद्योगिक विकास बैंक की भूमिका सर्वाधिक है।
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213. निम्नलिखित पर ध्यान दीजिए-
1. भारत का औद्योगिक वित्त निगम
2. भारत का औद्योगिक ऋणादान और निवेश निगम
3. भारतीय औद्योगिक विकास बैंक
4. यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया
इनकी स्थापना जिस सही कालक्रम से हुई, वह है-
(a) 1, 2, 4, 3
(b) 4, 3, 2, 1
(c) 1, 3, 2, 4
(d) 1, 4, 3, 2
[I.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर- (a) 1, 2, 4, 3
- भारतीय औद्योगिक वित्त निगम लि. (Industrial Finance Corporation of India – IFCI) की स्थापना वर्ष 1948 में, भारतीय औद्योगिक ऋण तथा निवेश निगम (Industrial Credit and Investment Corporation of India- ICICI) की स्थापना वर्ष 1955 में, भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (Industrial Development Bank of India- IDBI) की स्थापना जुलाई, 1964 में एवं भारतीय यूनिट ट्रस्ट (Unit Trust of India-UTI) की स्थापना फरवरी, 1964 में की गई।
- इस प्रकार दिए गए निगमों की स्थापना का सही कालक्रम विकल्प (a) 1,2, 4, 3 सही होगा।
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214. भारत की निम्नलिखित वित्तीय संस्थाओं पर विचार कीजिए
1. भारतीय औद्योगिक वित्त निगम (आईएफसीआई)
2. भारतीय औद्योगिक प्रत्यय एवं निवेश निगम (आईसीआईसीआई)
3. भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आईडीबीआई)
4. राष्ट्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड)
इन संस्थाओं की स्थापना का सही कालक्रम है-
(a) 1, 2, 3, 4
(b) 2, 3, 4, 1
(c) 3, 4, 1, 2
(d) 4, 1, 2, 3
[I.A.S. (Pre) 2002]
उत्तर- (a) 1, 2, 3, 4
- IFCI की स्थापना वर्ष 1948 में, ICICI की स्थापना जनवरी, 1955 में, IDBI की स्थापना जुलाई, 1964 में तथा नाबार्ड (NABARD) की स्थापना जुलाई, 1982 में की गई थी।
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215. सूची-1 को सूची-II से सुमेलित कीजिए तथा सूचियों के नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिए –
सूची-1 |
सूची-II |
(संस्था) |
(स्थापना वर्ष) |
A. भारतीय औद्योगिक साख एवं निवेश निगम (ICICI) |
1. 1964 |
B. भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (IDBI) |
2. 1948 |
C. भारतीय औद्योगिक वित्त निगम (IFCI) |
3. 1990 |
D. भारतीय लघु उद्योग विकास निगम (SIDBI) |
4. 1955 |
कूट :
A B C D
(a) 1,3,2,4
(b) 2,4,3,1
(c) 3,2,1,4
(d) 4,1,2,3
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Spl.) (Mains) 2010]
उत्तर-(d) 4,1,2,3
-
(संस्था) |
(स्थापना वर्ष) |
भारतीय औद्योगिक साख एवं निवेश निगम (ICICI) |
1955 |
भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (IDBI) |
1964 |
भारतीय औद्योगिक वित्त निगम (IFCI) |
1948 |
भारतीय लघु उद्योग विकास निगम (SIDBI) |
1990 |
|
216. निम्नलिखित घटनाओं पर विचार कीजिए और उन्हें कालक्रमानुसार व्यवस्थित कीजिए
1. नाबार्ड की स्थापना
2. स्वयं सहायता समूह का बैंक लिंकेज कार्यक्रम
3. किसान क्रेडिट कार्ड योजना
4. क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की स्थापना
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए।
कूट :
(a) 4, 1, 2, 3
(b) 4, 2, 3, 1
(c) 1, 2, 3, 4
(d) 4, 3, 2, 1
[U.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर- (a) 4, 1, 2, 3
- संस्थाएं स्थापना वर्ष नाबार्ड – 1982
स्वयं सहायता समूह का बैंक लिंकेज कार्यक्रम – 1992-93
किसान क्रेडिट कार्ड योजना – 1998
क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक – 1975
- अतः विकल्प (a) सही कालक्रम होगा।
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217. स्तंभ – क के साथ स्तंभ ख को मिलाइए और नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।
स्तंभ – क |
स्तंभ – ख |
A. 1955 |
1. भारतीय निर्यात-आयात बैंक |
B. 1964 |
2. भारतीय औद्योगिक विकास बैंक |
C. 1982 |
3. भारतीय औद्योगिक ऋण और निवेश निगम |
D. 1987 |
4. औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निमाण बोर्ड |
कूट :
A B C D
(a) 1,2,3,4
(b) 2,3,1,4
(c) 3,2,1,4
(d) 4,2,1,3
[56th to 59th B. P. S.C. (Pre) 2015]
उत्तर-(c) 1982
- भारतीय निर्यात-आयात बैंक अधिनियम, 1981 के अंतर्गत वर्ष 1982 में स्थापित भारतीय निर्यात-आयात बैंक (एक्जिम बैंक) देश की एक प्रमुख वित्तीय संस्था है।
- भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आईडीबीआई) का गठन भारतीय औद्योगिक विकास बैंक अधिनियम, 1964 के तहत एक वित्तीय संस्था के रूप में हुआ था और यह भारत सरकार द्वारा जारी 22 जून, 1964 की अधिसूचना के द्वारा 01 जुलाई, 1964 से अस्तित्व में आई।
- भारतीय औद्योगिक ऋण और निवेश निगम (ICICI) की स्थापना वर्ष 1955 में निजी क्षेत्र के उद्योगों को मध्य एवं दीर्घकालीन ऋण प्रदान करने हेतु की गई थी।
- औद्योगिक और वित्तीय पुनर्निर्माण बोर्ड (BIFR) की स्थापना जनवरी, 1987 में की गई थी।
|
218. निम्नांकित में विपणन संस्था कौन-सी है?
(a) सेबी (SEBI)
(b) सेल (SAIL)
(c) सिडबी (SIDBI)
(d) नाबार्ड (NABARD)
[U.P.P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर-(b) सेल (SAIL)
- सेल (Steel Authority of India Limited) एक विपणन संस्था है, जबकि सेबी (पूंजी बाजार), सिडबी (सूक्ष्म वित्त) एवं नाबार्ड (कृषि साख) अपने क्षेत्र विशेष की शीर्ष संस्थाएं हैं।
- सेबी की स्थापना वर्ष 1988 में, सिडबी की स्थापना वर्ष 1990 में एवं नाबार्ड की स्थापना वर्ष 1982 में हुई थी।
|
219. निम्न में से कौन एक शीर्ष संस्था नहीं है?
(a) भारतीय स्टेट बैंक
(b) नाबार्ड
(c) सिडबी
(d) राज्य सहकारी बैंक
[U.P.P.C.S. (Mains) 2008]
उत्तर-(a) भारतीय स्टेट बैंक
- भारतीय स्टेट बैंक एक वाणिज्यिक बैंक है।
- अतः यह शीर्ष संस्था नहीं है, जबकि अन्य तीनों विकल्प राज्य सहकारी बैंक, SIDBI एवं NABARD अपने क्षेत्र विशेष की शीर्ष संस्थाएं हैं।
|
220. स्थापना के वर्ष के अनुसार, निम्न को बढ़ते हुए क्रम में व्यवस्थित करें –
(1) एल.आई.सी.
(2) आई.डी.बी.आई.
(3) सेबी
(4) यू.टी.आई.
सही उत्तर नीचे लिखे कूट से दें –
(a) 1, 2, 4, 3
(b) 1, 4, 2, 3
(c) 1, 2, 3, 4
(d) 1, 3, 4, 2
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]
उत्तर- (b) 1, 4, 2, 3
- भारतीय जीवन बीमा निगम (एल.आई.सी.) की स्थापना 1956 में (LIC Act, 1956 के द्वारा) की गई थी।
- भारतीय यूनिट ट्रस्ट (यू.टी.आई.) सार्वजनिक क्षेत्र की एक विनियोजन संस्था है, जिसकी स्थापना वर्ष 1963 के संसद के अधिनियम के तहत फरवरी, 1964 में की गई थी।
- भारतीय औद्योगिक विकास बैंक (आई.डी.बी.आई.) की स्थापना जुलाई, 1964 में एक वित्तीय संस्था के रूप में की गई।
- भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) की स्थापना 12 अप्रैल, 1988 को की गई।
- इसका प्रमुख कार्य स्टॉक एक्सचेंजों के कामकाज और प्रतिभूति बाजारों का नियमन करना है।
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221. भारत सरकार द्वारा बीमा नियामक एवं विकास प्राधिकरण की स्थापना की गई थी-
(a) अप्रैल, 2000 में
(b) अप्रैल, 2001 में
(c) अप्रैल, 2002 में
(d) अप्रैल, 2003 में
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (a) अप्रैल, 2000 में
- मल्होत्रा समिति की रिपोर्ट (7 जनवरी, 1994) की प्रमुख सिफारिश के अनुसार, IRDA अधिनियम, 1999 पारित किया गया।
- रिपोर्ट में बीमा क्षेत्र के लिए एक स्वतंत्र नियामक प्राधिकरण की स्थापना की सिफारिश की गई थी।
- अप्रैल, 2000 में IRDA (बीमा विनियामक एवं विकास प्राधिकरण) एक सांविधिक निकाय के रूप में सामने आया।
- IRDA का लक्ष्य बीमा धारकों के हितों की रक्षा करना, बीमा उद्योग का क्रमबद्ध विनियमन, संवर्धन तथा संबंधित व आकस्मिक मामलों पर कार्य करना है।
|
222. ‘एक्चुअरीज’ शब्द संबंधित है-
(a) बैंकिंग से
(b) बीमा से
(c) शेयर बाजार से
(d) उपर्युक्त में से किसी से नहीं
[U.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर-(b) बीमा से
- एक्चुअरीज (Actuaries) शब्द बीमा क्षेत्र से संबंधित है।
- एक्चुअरीज का संबंध भविष्य की अनिश्चित घटनाओं के वित्तीय प्रभाव के आकलन से है।
|
223. निम्नलिखित में से कौन-सी संस्था भारत में सहयोग निधियों का नियमन करती है?
(a) सेबी
(b) राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज
(c) भारतीय रिजर्व बैंक
(d) भारतीय बैंक संघ
[U.P.P.C.S. (Mains) 2013]
उत्तर- (a) सेबी
- भारत में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (SEBI) सहयोग निधियों (Mutual Funds) का नियमन करती है।
- सेबी मूलतः एक गैर-सांविधिक संस्था थी, जिसकी स्थापना केंद्र सरकार के एक प्रस्ताव द्वारा 12 अप्रैल, 1988 को की गई थी।
- बाद में 30 जनवरी, 1992 को एक अध्यादेश द्वारा इस संस्था को सांविधिक दर्जा भी प्रदान कर दिया गया।
- यह अध्यादेश 4 अप्रैल, 1992 को संसद के अधिनियम द्वारा प्रतिस्थापित किया गया।
- इसका मुख्यालय मुंबई में है।
- इसके क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता, दिल्ली तथा चेन्नई में स्थापित किए गए हैं।
- सेबी शेयर बाजार में चलने वाले वृहद कारोबार को नियंत्रित एवं विनियमित करती है।
- इसके लिए निर्धारित किए गए प्रमुख कार्यों में म्यूचुअल फंड की सामूहिक निवेश योजनाओं को पंजीकृत करना तथा इनका नियमन करना भी शामिल है।
|
224. सेबी अधिनियम पारित हुआ था-
(a) 1956 में
(b) 1992 में
(c) 1962 में
(d) 2013 में
[U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2016]
उत्तर-(c) 1962 में
- सेबी मूलतः एक गैर-सांविधिक संस्था थी, जिसकी स्थापना केंद्र सरकार के एक प्रस्ताव द्वारा 12 अप्रैल, 1988 को की गई थी।
- बाद में 30 जनवरी, 1992 को एक अध्यादेश द्वारा इस संस्था को सांविधिक दर्जा भी प्रदान कर दिया गया।
|
225. भारत में शेयर बाजारों के लिए मुख्य नियंत्रक का कार्य निम्न में से कौन-सा संगठन करता है?
(a) पूंजी निर्गम नियंत्रक
(b) वित्त मंत्रालय
(c) भारतीय कंपनी लॉ बोर्ड
(d) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड
[U.P.P.C.S. (Pre) 1996]
उत्तर-(d) भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड
- सेबी शेयर बाजार में चलने वाले वृहद कारोबार को नियंत्रित एवं विनियमित करती है।
- इसके लिए निर्धारित किए गए प्रमुख कार्यों में म्यूचुअल फंड की सामूहिक निवेश योजनाओं को पंजीकृत करना तथा इनका नियमन करना भी शामिल है।
|
226. पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा उन विदेशी निवेशकों को, जो स्वयं को सीधे पंजीकृत कराए बिना भारतीय स्टॉक बाजार का हिस्सा बनना चाहते हैं, निम्नलिखित में से क्या जारी किया जाता है?
(a) जमा प्रमाण-पत्र
(b) वाणिज्यिक पत्र
(c) वचन-पत्र (प्रॉमिसरी नोट)
(d) सहभागिता-पत्र (पार्टिसिपेटरी नोट)
[U.P.S.C. (Pre), 2019]
उत्तर-(d) सहभागिता-पत्र (पार्टिसिपेटरी नोट)
- सेबी (SEBI) के तहत पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों द्वारा उन विदेशी निवेशकों को, जो स्वयं को सीधे पंजीकृत कराए बिना भारतीय स्टॉक बाजार का हिस्सा बनना चाहते हैं, उनके लिए सहभागिता-पत्र (पार्टिसिपेटरी नोट या पी-नोट) जारी किया जाता है।
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227. निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन उदय कोटक समिति के विषय में गलत है ?
(a) यह समिति सेबी द्वारा गठित की गई थी।
(b) इसका संबंध निगमीय प्रशासन से है।
(c) इसने संस्तुति की है कि कंपनी बोर्ड के कम-से-कम आधे सदस्य स्वतंत्र निदेशक होने चाहिए।
(d) इसने संस्तुति की है कि अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक के पद एक ही बने रहना चाहिए।
[U.P. P.C.S. (mains) 2017]
उत्तर-(d) इसने संस्तुति की है कि अध्यक्ष तथा प्रबंध निदेशक के पद एक ही बने रहना चाहिए।
- भारत में सूचीबद्ध संस्थाओं के कॉर्पोरेट (निगमीय) प्रशासन में सुधार की सिफारिशों के लिए सेबी (SEBI) ने जून, 2017 में ‘कोटक समिति’ का गठन किया था।
- उदय कोटक की अध्यक्षता वाली समिति ने कंपनी बोर्ड का संचालन करने वाले नियमों, पारदर्शिता एवं खुलासे से संबंधित अनुमानों और संबंधित पक्ष के लेन-देन के परीक्षण जैसे मसलों को लेकर कई सुधारों की अनुशंसा की।
- इस समिति की प्रमुख संस्तुतियों में सूचीबद्ध कंपनियों के अध्यक्ष (चेयरमैन ) तथा प्रबंध निदेशक के पदों को पृथक किया जाना तथा कंपनी बोर्ड के कम-से-कम आधे सदस्यों का स्वतंत्र निदेशक होना (जिसमें कम-से-कम एक महिला हो) शामिल हैं।
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228. किसी बैंक और गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था (एन.बी.एफ.आई.) के बीच अंतर यह है कि-
(a) बैंक अपने ग्राहकों के साथ सीधा व्यवहार करता है, जबकि गैर- बैंकिंग वित्तीय संस्था बैंकों और सरकार के साथ आदान- प्रदान करती है।
(b) बैंक अपने ग्राहकों की पूरी श्रृंखला के साथ वित्त संबंधी अनेक क्रिया-कलापों में संलग्न होता है, जबकि गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था का मुख्यतः बड़े उद्यमों की आवधिक ऋण आवश्यकताओं से संबंध होता है।
(c) बैंक राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय दोनों ही प्रकार के ग्राहकों से लेन-देन करता है, जबकि गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था का संबंध मुख्यतः केवल विदेशी कंपनियों के वित्त से होता है।
(d) बैंक की मुख्य रुचि, केवल व्यावसायिक लेन-देन और बचत/निवेश के क्रिया-कलापों की सहायता देने में होती है, जबकि गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था की मुख्य रुचि मुद्रा के स्थिरीकरण में होती है।
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर-(b) बैंक अपने ग्राहकों की पूरी श्रृंखला के साथ वित्त संबंधी अनेक क्रिया-कलापों में संलग्न होता है, जबकि गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्था का मुख्यतः बड़े उद्यमों की आवधिक ऋण आवश्यकताओं से संबंध होता है।
- बैंक वित्तीय व्यवस्था के संचालन के साथ-साथ राष्ट्र के सामाजिक, आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
- वाणिज्यिक बैंक इस श्रेणी में मुख्य रूप से आते हैं।
- दूसरी ओर गैर-बैंकिंग वित्तीय संस्थाएं सरकार के प्रत्यक्ष नियंत्रण में नहीं होती तथा व्यावसायिक दृष्टि से अधिकाधिक लाभ की आकांक्षा से कार्य करती हैं।
- ये बड़े उद्यमों को समय-समय पर ऋण उपलब्ध कराकर उनका सहयोग करती हैं।
|
229. भारत में गैर-बैंकिंग कंपनियों (NBFCs) के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए –
1. ये सरकार द्वारा जारी प्रतिभूतियों के अधिग्रहण में भाग नहीं ले सकते।
2. ये बचत खाते की तरह मांग निक्षेप (डिमांड डिपोजिट) स्वीकार नहीं कर सकते।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2010]
उत्तर-(b) केवल 2
- गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (NBFCs) बचत खाते की तरह मांग निक्षेप (Demand Deposit) स्वीकार नहीं कर सकती है तथापि ये सरकार द्वारा जारी प्रतिभूतियों के अधिग्रहण में भाग ले सकती हैं।
- अतः कथन 2 सही है, जबकि कथन 1 गलत है।
|
230. भारतीय यूनिट ट्रस्ट का उद्देश्य है-
(a) अपनी आय का लाभ लघु विनियोजकों को प्रदान करना।
(b) धन को इस प्रकार विनियोजित करना जिससे औद्योगिक विकास का संवर्धन हो।
(c) लोगों की बचत को एकत्र करना।
(d) उपर्युक्त सभी।
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]
उत्तर-(d) उपर्युक्त सभी।
- देश के निम्न तथा मध्यम आय वर्ग की लघु बचतों का देश के औद्योगिक विकास हेतु सदुपयोग करने के उद्देश्य से वर्ष 1964 में यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया की स्थापना की गई।
- इसके उद्देश्यों में लोगों की बचत को एकत्र कर उसे औद्योगिक विकास के संवर्धन हेतु विनियोजित करना तथा अपनी आय का लाभ लघु विनियोजकों को प्रदान करना शामिल है।
- 1 फरवरी, 2003 को यूटीआई का औपचारिक रूप से विभाजन हो गया।
- यूटीआई को यू.एस.-64 सहित उन सभी 26 योजनाओं को सौंपा गया है जिनमें सुनिश्चित प्रतिफल का आश्वासन निवेशकों को दिया गया है।
- यू.टी.आई.-II सेबी के नियमों के तहत म्यूचुअल फंड के रूप में कार्य करती रहेगी।
|
231. भारत में निम्नलिखित में से कौन-सा सबसे बड़ा म्यूचुअल फंड संगठन है?
(a) भारतीय स्टेट बैंक (SBI) का म्यूचुअल फंड
(b) सामान्य बीमा कंपनी (GIC) का म्यूचुअल फंड
(c) इंडस बैंक म्यूचुअल फंड
(d) यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) का म्यूचुअल फंड
[I.A.S. (Pre) 1995]
उत्तर-(d) यूनिट ट्रस्ट ऑफ इंडिया (UTI) का म्यूचुअल फंड
- 1 फरवरी, 1964 को स्थापित UTI प्रश्नकाल में भारत का सबसे बड़ा म्यूचुअल फंड संगठन था।
- वर्तमान में प्रबंधित राशि के संदर्भ में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल भारत का सबसे बड़ा म्यूचुअल फंड संगठन है।
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232. भारतीय अर्थव्यवस्था के संदर्भ में, निम्नलिखित पर विचार कीजिए-
1. बैंक-दर
2. खुली बाजार कार्रवाई (ओपेन मार्केट ऑपरेशन)
3. लोक ऋण (पब्लिक डेब्ट)
4. लोक राजस्व (पब्लिक रेवेन्यू)
उपर्युक्त में से कौन-सा/से मौद्रिक नीति का/के घटक है/हैं?
(a) केवल 1
(b) 2, 3 और 4
(c) 1 और 2
(d) 1, 3 और 4
[I.A. S. (Pre) 2015]
उत्तर-(c) 1 और 2
- बैंक दर और खुली बाजार कार्रवाई (ओपेन मार्केट ऑपरेशन) मौद्रिक नीति के घटकों में शामिल हैं।
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233. निम्नांकित में कौन एक अन्य से भिन्न है?
(a) यूटीआई
(b) कैन बैंक फाइनेंशियल सर्विसेज
(c) स्टेट बैंक ऑफ इंडिया
(d) उ.प्र. राज्य वित्त निगम
[U.P.P.C.S. (Pre) 1998]
उत्तर- (a) यूटीआई
- प्रश्नगत चारों विकल्पों में किसी न किसी आधार पर अन्य तीन से भिन्नता है।
- यूटीआई जहां एक म्यूचुअल फंड कंपनी है, वहीं अन्य तीनों वित्तीयन उपलब्ध कराने वाली संस्थाएं हैं।
- केन बैंक फाइनेंशियल सर्विसेज जहां सार्वजनिक क्षेत्रक बैंक केनरा बैंक की अनुषंगी कंपनी है, वहीं अन्य तीनों स्वायत्त संस्थान हैं।
- इसी प्रकार भारतीय स्टेट बैंक एक वाणिज्यिक बैंक है और इस रूप में यह अन्य तीनों से पृथक है, साथ ही उ.प्र. राज्य वित्त निगम जहां राज्य सरकार का सार्वजनिक उपक्रम है, वहीं अन्य तीनों संस्थान केंद्रीय सार्वजनिक उपक्रम/उनके द्वारा प्रबंधित संस्थान हैं।
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234. वाणिज्य प्रपत्र निम्नलिखित में से किसके लिए साख का स्रोत है?
(a) वाणिज्य बैंक
(b) कॉर्पोरेट (निगम) उद्योग
(c) लघु उद्योग
(d) विदेशी बैंक
[U.P.P.C.S. (Mains) 2004]
उत्तर-(b) कॉर्पोरेट (निगम) उद्योग
- वाणिज्यिक प्रपत्र कॉर्पोरेट (निगम) उद्योग के लिए साख का स्रोत है।
- भारत में वाणिज्यिक प्रपत्रों का चलन वर्ष 1990 से है।
- यह प्रपत्र एक प्रकार के प्रामिसरी नोट होते हैं, जिनकी परिपक्वता अवधि निर्गमन तिथि से 7 दिन से 1 वर्ष के बीच होती है।
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235. कंपनी अंश (शेयर) पर मर्यादित (Ltd.) होने का अर्थ है-
(a) निवेश राशि सीमित होना
(b) सीमित धारकों का होना
(c) धारकों का उत्तरदायित्व सीमित होना
(d) उपरोक्त सभी
[M.P.P.C.S. (Pre) 1991]
उत्तर- (c) धारकों का उत्तरदायित्व सीमित होना
- फर्म या कंपनी जो इस रूप में ऑर्गनाइज्ड हो जिसमें शेयर धारक अथवा इसके स्वामियों का दायित्व सीमित हो, लिमिटेड (Ltd) कंपनी कहलाती है।
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236. निम्नलिखित में से कौन-सी सीमित देयता साझेदारी फर्म की विशेषता नहीं है?
(a) साझेदार 20 से कम होने चाहिए।
(b) साझेदारी और प्रबंधन अलग-अलग होने आवश्यक नहीं हैं।
(c) आंतरिक प्रशासन साझेदारी के बीच आपसी सहमति से विनिश्चित किया जा सकता है।
(d) यह शाश्वत उत्तराधिकार से परिपूर्ण निगमित निकाय है।
[I.A.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (a) साझेदार 20 से कम होने चाहिए।
- सीमित देयता साझेदारी फर्म में साझेदारी और प्रबंधन अलग-अलग होना आवश्यक नहीं है।
- इसमें आंतरिक प्रशासन साझेदारी के बीच आपसी सहमति से विनिश्चित किया जा सकता है तथा यह शाश्वत उत्तराधिकार से परिपूर्ण निगमित निकाय है।
- इसमें अधिकतम भागीदारों की संख्या पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है।
- अतः अभीष्ट उत्तर विकल्प (a) होगा।
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237. भारत के राष्ट्रीय शेयर बाजार का मुख्यालय कहां है?
(a) मुंबई
(b) कोलकाता
(c) दिल्ली
(d) अहमदाबाद
[M.P.P.C.S. (Pre) 1996]
उत्तर- (a) मुंबई
- राष्ट्रीय शेयर बाजार की स्थापना फेरवानी समिति की सिफारिश पर नवंबर, 1992 में हुई।
- राष्ट्रीय शेयर बाजार का मुख्यालय मुंबई में है।
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238. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया का प्रवर्तक है-
(a) भारतीय स्टेट बैंक
(b) एल.आई.सी. और जी.आई.सी.
(c) आई.डी.बी.आई.
(d) उपर्युक्त सभी
[U.P. P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर-(d) उपर्युक्त सभी
- नेशनल स्टॉक एक्सचेंज ऑफ इंडिया की स्थापना वर्ष 1992 में फेरवानी समिति की सिफारिश पर हुई थी।
- इसके प्रवर्तकों (Promoters) में भारत सरकार के अलावा शीर्ष वित्तीय संस्थाएं जिनमें प्रमुख रूप से IDBI, IDFC, IFCI, LIC, GIC तथा SBI शामिल हैं।
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239. ‘निक्की’ क्या है?
(a) जापान का विदेशी विनिमय बाजार
(b) देश के योजना आयोग का जापानी नाम
(c) जापान के केंद्रीय बैंक का नाम
(d) टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज में अंश मूल्य सूचकांक
[U.P.P.C.S. (Mains) 2008]
उत्तर-(d) टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज में अंश मूल्य सूचकांक
- ‘निक्की’ (Nikkei : The Nihon Keizai Shimbun) टोक्यो स्टॉक एक्सचेंज का स्टॉक मूल्य सूचकांक (Stock Price Index) है।
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240. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. सेंसेक्स, बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) में उपलब्ध 50 अधिकतम महत्वपूर्ण स्टॉकों पर आधारित होता है।
2. सेंसेक्स के परिकलन के लिए सभी सेंसेक्स स्टॉकों को आनुपातिक भारिता दी जाती है।
3. न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज विश्व की सबसे पुरानी स्टॉक एक्सचेंज है।
उपरोक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 2
(b) 1 और 3
(c) 2 और 3
(d) कोई भी नहीं
[I.A.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (a) केवल 2
- सेंसेक्स, बंबई स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के 30 महत्वपूर्ण स्टॉकों पर आधारित होता है, जबकि राष्ट्रीय स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 50 महत्वपूर्ण स्टॉकों पर आधारित होता है।
- इस प्रकार कथन 1 असत्य है।
- विश्व का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज एन्टवर्प, बेल्जियम (Antwerp, Belgium ) है, जिसकी स्थापना 1460 ई. में हुई थी।
- न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज वर्ष 1972 में स्थापित हुआ था। अतः कथन 3 गलत है।
- BSE भारत का सबसे पुराना स्टॉक एक्सचेंज है।
- सेंसेक्स के परिकलन के लिए सभी सेंसेक्स स्टॉकों को उनके बाजार पर डालने वाले महत्व के अनुरूप आनुपातिक भारिता प्रदान की जाती है।
- इस प्रकार कथन 2 सत्य है।
- अतः सही उत्तर विकल्प (a) है।
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241. संवेदी सूचकांक (Sensex) में चढ़ाव का तात्पर्य है-
(a) बंबई शेयर बाजार के साथ पंजीकृत सभी कंपनियों के शेयरों के मूल्य में चढ़ाव।
(b) राष्ट्रीय शेयर बाजार के साथ पंजीकृत सभी कंपनियों के शेयरों के मूल्य में चढ़ाव।
(c) बंबई शेयर बाजार के साथ पंजीकृत एक कंपनी समूह के शेयरों के मूल्य में समग्र चढ़ाव ।
(d) बंबई शेयर बाजार के साथ पंजीकृत एक कंपनी समूह से संबंधित सभी कंपनियों के शेयरों के मूल्य में चढ़ाव।
[I.A.S. (Pre) 2000]
उत्तर-(c) बंबई शेयर बाजार के साथ पंजीकृत एक कंपनी समूह के शेयरों के मूल्य में समग्र चढ़ाव ।
- बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) के संवेदी सूचकांक को संक्षिप्त रूप में सेंसेक्स (Sensex) कहा जाता है।
- संवेदी सूचकांक में चढ़ाव का अर्थ BSE में सूचीबद्ध 30 कंपनियों के शेयरों के समग्र मूल्य में चढ़ाव से है।
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242. ‘सेंसेक्स’ बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) का प्रचलित सूचकांक है। बी.एस.ई. में सूचीबद्ध कितनी ब्लू चिप कंपनियों से इसका मापन होता है?
(a) 20
(b) 30
(c) 25
(d) 10
[U.P. P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर-(b) 30
- संवेदी सूचकांक में चढ़ाव का अर्थ BSE में सूचीबद्ध 30 कंपनियों के शेयरों के समग्र मूल्य में चढ़ाव से है।
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243. मार्च, 2014 तक बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज के ग्रीनेक्स सूचकांक में कंपनियों की संख्या थी-
(a) 100
(b) 50
(c) 75
(d) 25
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर-(d) 25
- मार्च, 2014 तक बॉम्बे स्टाक एक्सचेंज के ग्रीनेक्स सूचकांक (BSE-GREENEX Index) में कंपनियों की संख्या 25 थी तथा वर्तमान में भी इस सूचकांक में शामिल कंपनियों की संख्या 25 ही है।
- हालांकि फरवरी, 2012 में शुरुआत के समय इसमें 20 कंपनियां शामिल थीं।
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244. भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव का कारण है-
(1) विदेशी कोषों का अंतःप्रवाह और बाह्य प्रवाह
(2) विदेशी पूंजी बाजारों में उच्चावचन
(3) मौद्रिक नीति के परिवर्तन
उपरोक्त कारणों में से कौन-सा सही है?
(a) 1 और 2
(b) 1 और 3
(c) 1, 2 और 3
(d) 2 और 3
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2013]
उत्तर-(c) 1, 2 और 3
- भारतीय शेयर बाजार में उतार-चढ़ाव के निम्नांकित प्रमुख कारण हैं-
1. विदेशी कोषों का अंतःप्रवाह एवं बाह्य प्रवाह,
2. मौद्रिक एवं राजकोषीय नीति में परिवर्तन,
3. विदेशी पूंजी बाजारों में उतार-चढ़ाव जो निवेशक को प्रभावित करता है,
4. औद्योगिक वातावरण की स्थिति,
5. बाजार में तरलता की उपलब्धता आदि।
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245. ‘दलाल स्ट्रीट’ स्थित है-
(a) नई दिल्ली में
(b) लंदन में
(c) मुंबई में
(d) पेरिस में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर-(c) मुंबई में
- ‘बंबई शेयर बाजार’ (BSE) दलाल स्ट्रीट, मुंबई (महाराष्ट्र) में स्थित है।
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246. शब्द बुल (Bull) तथा बियर (Bear) किस व्यापार क्षेत्र से जुड़े हैं?
(a) विदेशी व्यापार
(b) बैंकिंग
(c) शेयर बाजार
(d) वस्तु निर्माण
[U.P.P.C.S. (Pre) 2002, M.P.P.C.S. (Pre) 1998]
उत्तर-(c) शेयर बाजार
- बुल तथा बियर शेयर बाजार के शब्द हैं, जिनका हिंदी अर्थ क्रमशः तेजड़िया तथा मंदड़िया होता है।
- जो व्यक्ति शेयर की कीमत बढ़ाना चाहता है, उसे तेजड़िया कहते हैं तथा जो व्यक्ति शेयर की कीमत गिरने की आशा करता है, वह मंदड़िया कहलाता है।
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