मानव (MANAV) परियोजना : परियोजना के महत्व और मुख्य विशेषताओं और उद्देश्यों

प्रश्न: जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा आरंभ की गई मानव (MANAV) परियोजना क्या है? इस परियोजना के महत्व पर प्रकाश डालिए।

दृष्टिकोण

  • मानव (MANAV) परियोजना के बारे में संक्षेप में चर्चा कीजिए। 
  • इसकी मुख्य विशेषताओं और उद्देश्यों का उल्लेख कीजिए।
  • इस परियोजना के महत्व को रेखांकित कीजिए।

उत्तर

मानव स्वास्थ्य और रोग पर महत्वपूर्ण सूचना के साथ लाखों शोध लेख उपलब्ध हैं, जो एकल अणु विभेदन से संपूर्ण जीव स्तर के विश्लेषण तक विस्तृत हैं। हालांकि, यह जानकारी विभिन्न डेटाबेसों, रिपॉजिटरियों और जर्नल लेखों में वितरित है।

मानव (MANAV) पहल का उद्देश्य वैज्ञानिक साहित्य और सार्वजनिक डेटाबेस से समस्त ज्ञात मैक्रो-स्तरीय और माइक्रो-स्तरीय जानकारी को समाविष्ट करके एक व्यापक और एकीकृत मानव मानचित्र बनाना है। यह मानव शरीर में प्रत्येक कोशिका, ऊतक और अंग के आण्विक विवरण को सम्मिलित करेगा। परियोजना में वे विद्यार्थी सम्मिलित हो सकते हैं जो अपने स्नातक के अंतिम वर्ष में हैं या उससे अधिक योग्यता रखते हैं।

मानव (MANAV) परियोजना का महत्व:

  • परियोजना का उद्देश्य मानव शरीर विज्ञान को दो अवस्थाओं- सामान्य अवस्था और रोग अवस्था में समझना और उसका विश्लेषण करना है। तैयार होने के पश्चात अलग-अलग ऊतकों पर डेटाबेस किसी रोग के कारणों का पता लगाने व विशिष्ट मार्गों (पाथवे) को समझने में सहायता कर सकता है और अंततः ऊतकों एवं कोशिकाओं से संबद्ध शरीर की रोग अवस्था को डिकोड कर सकता है।
  • यह मानचित्र अंतर-अंग निर्भरता से लेकर अंतर-अंग, ऊतक स्तर, कोशिका और उप-कोशिकीय स्तर की जैविक प्रतिक्रियाओं तक समग्र सूचना प्रदान करेगा।
  • यह मानव शरीर की कार्यप्रणाली के संबंध में हमारी समझ को बढ़ाएगा तथा कैंसर, मधुमेह जैसे रोगों के उपचार के लिए बेहतर चिकित्सीय लक्ष्यों को परिकल्पित करने में सहायता करेगा।
  • यह शारीरिक और आणविक मानचित्रण के माध्यम से बेहतर जैविक अंतर्दृष्टि प्राप्त करने, प्रेडिक्टिव कंप्यूटिंग के माध्यम से रोग मॉडल विकसित करने और एक समग्र विश्लेषण प्रदान करने तथा अंत में दवा की खोज और व्यक्ति-विशिष्ट स्वास्थ्य सेवा प्रदान करने में सहायता करेगा।
  • यह मंच शोधकर्ताओं और विद्यार्थी समुदाय को अलग-अलग ऊतकों के आधार पर वर्गीकृत वैज्ञानिक साहित्य पढ़ने तथा सूचनाओं की व्याख्या करने और उनको सुव्यवस्थित करने का कौशल प्रदान करेगा।
  • यह वर्तमान जैविक ज्ञान में अंतराल की पहचान करने में भी सहायता करेगा, जो भविष्य के अध्ययन और नीतियों का आधार हो सकता है।

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