म.प्र. आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट और बजट

मध्यप्रदेश आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2018-2019 के मुख्य बिन्दु

म.प्र. सरकार द्वारा 9 जुलाई, 2019 को आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट 2018-2019 जारी की गई । इस रिपोर्ट के मुख्य बिन्दु इस प्रकार है-

  • देश में गरीबी रेखा के नीचे वाले व्यक्तियों का अनुपात 21.92% है, जबकि मध्यप्रदेश में 31.65% है।
  • देश में उत्तरप्रदेश और बिहार को छोड़कर मध्यप्रदेश में सर्वाधिक लोग गरीबी रेखा के नीचे है, जिनकी संख्या 2 करोड़ 34 लाख है।
  • केवल 30 प्रतिशत लोग खाना बनाने के लिए स्वच्छ ईंधन का इस्तेमाल करते हैं।
  • गरीबी के मामले में म.प्र. अभी भी देश के 29 राज्यों में 27वें स्थान पर है। शिक्षा सूचकांक में देश के 29 राज्यों में प्रदेश का स्थान 23 वाँ हैं।
  • कृषि फसलों की वार्षिक मूल्य वृद्धि में 2013-14 से 2017-18 में 3.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि म.प्र. में यह मात्र 0.1 प्रतिशत ही रही है।
  • गेहूँ और धान जैसी फसलों का उत्पादन कम हुआ है।
  • सर्वेक्षण में राज्य की सामाजिक आर्थिक विकास की समीक्षा करने पर स्थिति स्पष्ट है कि म.प्र. मानव विकास के मानकों पर देश व समान परिस्थितियों वाले राज्यों की तुलना में पिछड़ रहा है । पाँच साल से कम उम्र के 42% बच्चे अविकसित है।
  • 2018 में भारत सरकार द्वारा जारी कृषि गणना में मध्यप्रदेश में 2011 से 2015 के बीच किसानों की संख्या में 11.31 लाख की वृद्धि हुई है, जबकि खेती का रकबा 1.66 लाख हैक्टेयर कम हुआ है।
  • यहाँ सीमांत किसानों की औसत जोत 0.49 हैक्टेयर है।
  • पोषण में राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण 2015-16 के अनुसार प्रदेश में 5 वर्ष से कम आयु के 42 प्रतिशत बच्चे अविकसित, 25.8 प्रतिशत कमजोर एवं 42.8 प्रतिशत बच्चे कम वजन के हैं।
  • राज्य में प्रति हजार जीवित जन्म पर शिशु मृत्यु दर 47 है, जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है । राष्ट्रीय स्तर पर शिशु मृत्युदर 33 प्रति हजार है।
  • राज्य में मातृत्व मृत्युदर प्रति एक लाख प्रसव पर 173 है, जो राष्ट्रीय दर 130 और अधिकतर राज्यों की तुलना में बहुत अधिक है।
  • राज्य में सिर्फ 23% घरों में नल से पानी आता है।
  • राष्ट्रीय कृषि लागत एवं मूल्य आयोग की रिपोर्ट वर्क 2018-19 के अनुसार प्रदेश में कृषि मजदूरी की दर 210 रुपए देश के अन्य राज्यों की तुलना में न्यूनतम है।
  • मनरेगा में 68.25 लाख परिवार दर्ज है, जो व्यापक गरीबी का सूचक है।
  • प्रदेश में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में मृत्यु दर 77 (वर्ष 2011) है । यह असम को छोड़कर देश में सर्वाधिक है।
  • प्रदेश में 52.4% महिलाओं में खून की कमी है । प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सकों, नौं ओर अन्य स्वास्थ्य कर्मचारियों के पद बड़ी संख्या में रिक्त है।
  • आधार वर्ष 2011-12 के स्थिर भावों पर मध्यप्रदेश के सकल घरेलू उत्पाद में वित्तीय वर्ष 2017-18 (त्वरित) की तुलना में वर्ष 2018-19 (अग्रिम) में 7.04 प्रतिशत वृद्धि दर का अनुमान है, जबकि वर्ष 2017-18 (त्वरित) में वर्ष 2016-17 (प्रावधिक) की तुलना में 6.19 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी थी।
  • आधार वर्ष (2011-12) के स्थिर भावों पर प्रदेश का सकल घरेलू उत्पाद 315562 करोड़ रुपये था । जो वर्ष 2017-18 (त्वरित) एवं 2018-19 (अग्रिम) में बढ़कर 500151 करोड़ एवं 535362 करोड़ रुपये होने का अनुमान है, जो आधार वर्ष से क्रमशः 58.50 एवं 69.65 प्रतिशत अधिक है।
  • सकल राज्य मूल्यवर्धन के वृहद क्षेत्रवार निष्पादन में आधार वर्ष 201112 की तुलना में प्राथमिक क्षेत्र में अंश में वृद्धि हुई है । प्राथमिक क्षेत्र का अंश वर्ष 2011-12 में 33.85 प्रतिशत था जो वर्ष 2017-18 (त्वरित) एवं 2018-19 (अग्रिम) में बढ़कर 37.40 प्रतिशत एवं 37.17 प्रतिशत स्थिर (2011-12) भावों पर रहा । जबकि तृतीयक क्षेत्र का अंश वर्ष 2011-12 में 39.06 प्रतिशत था जो वर्ष 2017-18 (त्वरित) एवं 2018-19 (अग्रिम) में क्रमशः 38.46 प्रतिशत एवं 38.79 प्रतिशत स्थिर (2011-12) भावों पर रहा।
  • स्थिर भावों (वर्ष 2011-12) के आधार पर प्रति व्यक्ति शुद्ध आय वर्ष 2017-18 (त्वरित) में 55677 रुपये थी जो बढ़कर वर्ष 2018-19 (अग्रिम) में रुपये 58706 हो गई है, जो गतवर्ष की तुलना में 5.44 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है । प्रचलित भावों के आधार पर राज्य की शुद्ध व्यक्ति प्रति आय (वर्ष 2017-18) में 82941 रुपये से बढ़कर वर्ष 201819 (अग्रिम) में 90998 हो गई, जो 9.71 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है।
  • राज्य की अर्थ व्यवस्था में सकल मूल्य वर्धन) वर्ष 2017-18 के त्वरित अनुमानों के अनुसार फसल क्षेत्र का योगदान 25.86 प्रतिशत है । वर्ष 2017-18 में 20.16 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों का वितरण किया गया था, जबकि वर्ष 2018-19 में 21 जनवरी, 2019 तक 20.28 लाख मीट्रिक टन रासायनिक उर्वरकों का वितरण किया गया है।
  • वर्ष 2017-18 में शुद्ध सिंचित क्षेत्र 10566 हजार हेकटर है जो गत वर्ष के 9876 हजार हेक्टर से 6.99 प्रतिशत अधिक रहा ।
  • वर्ष 2016-17 (त्वरित) की अपेक्षा वर्ष 2017-18 (अ) में सकल मूल्यवर्धन के त्वरित अनुमानों के अनुसार मत्स्योत्पादन में 3.41 प्रतिशत की वृद्धि रही है। वर्ष 2018-19 में समस्त स्रोतों से 1.70 लाख टन लक्ष्य के विरुद्ध माह दिसंबर, 2018 तक 1.05 लाख टन मत्स्य उत्पादन किया गया जा लक्ष्य का 61.95 प्रतिशत है।
  • वर्ष 2018-19 (त्वरित) में सकल राज्य मूल्यवर्धन में वानिकी क्षेत्र का अंश 2.35 प्रतिशत रहा है । वर्ष 2017-18 में 1134.00 करोड़ लक्ष्य निर्धारित किया गया था जिसके विरुद्ध 1097.63 करोड रुपये का सकल राजस्व प्राप्त हुआ । जो निर्धारित लक्ष्य का 96.79 प्रतिशत है।
  • व्दीतीयक क्षेत्र (उद्योग) की विकास दर में वर्ष 2017-18 (त्वरित) से वर्ष 2018-19  (अ.) में 5.71 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।
  • वर्ष 2017-18 में कुल 2.06 लाख सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योगों की सपना हई तथा 14402 करोड़ रुपये का पूंजी निवेश हुआ एवं 5.97 लाख रोजगार उपलब्ध हुये।
  • वर्ष 2018-19 में माह दिसंबर, 2018 तक 1.80 लाख सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्योगों की स्थापना हुई जिसमें 13224 करोड़ रुपये का पूंजी नितेशहआ तथा 7.19 लाख लोगों को रोजगार उपलब्ध कराया गया।
  • राज्य की अर्थव्यवस्था में खनन एवं उत्खनन क्षेत्र का योगदान वर्ष 201617 (प्रा.) के प्रचलित भावों के अनुमानों के अनुसार 3.91 प्रतिशत एवं वर्ष 2017-18 (त्वरित) अनुमानों के अनुसार 4.47 प्रतिशत है ।
  • वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल विद्युत प्रदाय 66359 मिलियन यूनिट किया गया, जिसमें इन्दिरा सागर परियोजना से 837 मिलियन यूनिट, सरदार सरोवर परियोजना से 519 मिलियन यूनिट उत्पादन तथा म.प्र. विद्युत उत्पादन कंपनी द्वारा कुल विद्युत प्रदाय 18105 मिलियन यूनिट है।
  • वर्ष 2017-18 प्रदेश में सर्वाधिक विद्युत उपयोग 39.7 प्रतिशत का कृषि क्षेत्र में किया गया । इसके पश्चात् औद्योगिक उत्पादन हेतु 30.5 प्रतिशत विद्युत उपभोग रहा।
  • राज्य की अर्थ व्यवस्था में परिवहन क्षेत्र (भंडारण सहित) में वृद्धि स्थिर भावों पर (2011-12) पर वर्ष 2016-17 (प्रा.) में 5.84 प्रतिशत एवं वर्ष 2017-18 (त्वरित) में 7.02 प्रतिशत है । प्रचलित भावों पर वर्ष 2017-18 (त्वरित) में सकल राज्य मूल्यवर्धन में इस क्षेत्र की 2.70 प्रतिशत अंश की भागीदारी रही है । स्थिर भावों पर (2011-12) राज्य मूल्यवर्धन में इस भागीदारी का अंश वर्ष 2017-18 (त्वरित) में 3.23 रहा।
  • मध्यप्रदेश राज्य के सकल मूल्यवर्धन में वर्ष 2016-17 के प्रावधिक अनुमानों के अनुसार प्रचलित भावों पर रेल्वे का अंश 1.11 प्रतिशत रहा जबकि स्थिर भावों (2011-12) पर 1.23 प्रतिशत अंश है। वर्ष 2017-18 के त्वरित अनुमानों के अनुसार प्रचलित भावों पर रेल्वे का अंश 1.13 प्रतिशत तथा स्थिर भावों पर 1.26 प्रतिशत है।
  • मध्यप्रदेश में सकल मूल्यवर्धन के अंतर्गत वर्ष 2016-17 के प्रावधिक अनुमानों के अनुसार प्रचलित भावों पर संचार क्षेत्र का अंश 1.88 प्रतिशत एवं वर्ष 2017-18 (त्वरित) के अनुसार 1.93 प्रतिशत है जबकि स्थिर भावों (2011-12) पर वर्ष 2016-17 में 2.17 प्रतिशत एवं वर्ष 2017-18 (त्वरित) में 2.32 प्रतिशत अंश परिलक्षित है।
  • वर्ष 2018 में लोक निर्माण विभाग द्वारा संधारित कुल सड़कों की लंबाई 64.92 हजार, राष्ट्रीय राजमार्गों की लंबाई 8.01 हजार तथा प्रांतीय राज मार्गों की लंबाई 11.39 हजार किलोमीटर रही है।
  • पंजीकृत वाहनों की संख्या वर्ष 2016-17 में 13193 हजार से बढ़कर वर्ष 2017-18 में 14706 हजार हो गई जो गतवर्ष से 11.47 प्रतिशत अधिक रही। वर्ष 2017-18 की स्थिति अनुसार प्रदेश में लगभग 80.81 हजार शासकीय प्राथमिक तथा 30.23 हजार शासकीय माध्यमिक शालायें हैं।
  • वर्ष 2017-18 में हाई स्कूल एवं हायर सेकेण्ड्री स्कूलों की संख्या 17.37 हजार है।
  • वर्तमान में तकनीकी शिक्षा के अंतर्गत विभिन्न पाठ्यक्रमों में वर्ष 201819 में 609 संस्थायें संचालित है जिनमें वार्षिक प्रवेश क्षमता 1.22 लाख विद्यार्थी है।
  • सतत विकास लक्ष्यों के अनुश्रवण हेतु नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा जारी किए गए विश्लेषण के अनुसार “अच्छा स्वास्थ्य एवं खुशहाली” के सूचकांक में देश के 29 राज्यों की तुलना में प्रदेश की स्थिति 25वें स्थान पर है।
  • न्यादर्श पंजीयन प्रणाली (एस.आर.एस.) के आधार पर प्रदेश में माह सितंबर, 2017 की स्थिति में प्रति हजार व्यक्तियों पर जन्म दर एवं मृत्यु दर क्रमशः 24.8 एवं 6.8 रही है ।
  • राज्य में प्रति हजार जीवित जन्म पर शिशु मृत्युदर 47 है , जो देश के अन्य राज्यों की तुलना में सर्वाधिक है । राष्ट्रीय स्तर पर शिशु मृत्यु दर 33 है।
  • प्रति एक लाख प्रसव पर प्रदेश में मातृ मृत्यु दर 173 है, जो राष्ट्रीय स्तर दर 130 एवं अधिकतर राज्यों की तुलना में बहुत अधिक है।
  • इसी प्रकार प्रदेश में 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों की मृत्यु दर 77 है जो कि अन्य राज्यों की तुलना में असम को छोड़कर सर्वाधिक है।

मध्यप्रदेश बजट 2019-2020

माननीय वित्त मंत्री, श्री तरूण भनोत ने 10 जुलाई, 2019 को मध्यप्रदेश विधान सभा में वर्ष 2019-20 का बजट प्रस्तुत किया है, जिसके मुख्य बिन्दु निम्नानुसार है-

  • कुल विनियोग राशि ₹233605.89 करोड़ एवं कुल शुद्ध व्यय ₹214085.02 करोड़ का प्रावधान
  • राजस्व आधिक्य ₹ 732.63 करोड़
  • सकल राज्य घरेलू उत्पाद से राजकोषीय घाटे का प्रतिशत 3.34% अनुमानित
  • अनुमानित राजस्व प्राप्तियां ₹ 179353.75 करोड़ है, जिसमें राज्य के स्वयं के कर की राशि ₹ 65273.74 करोड़, केन्द्रीय करों में प्रदेश का हिस्सा ₹ 63750.81 करोड़ करेतर राजस्व ₹ 13968.27 करोड़ एवं केन्द्र से प्राप्त सहायता अनुदान ₹ 36360.93 करोड़ शामिल
  • वर्ष 2019-2020 में वर्ष 2018-19 के पुनरीक्षित अनुमान की तुलना में राज्य के स्वयं के कर राजस्व में 23.69% की वृद्धि अनुमानित
  • वर्ष 2019-2020 में राजस्व ₹178621.12 करोड़ अनुमानित है, जो वर्ष 2018-2019 के पुनरीक्षित अनुमान से ₹ 151022.46 करोड़ से 18.27 % अधिक अनुमानित
  • वर्ष 2018-19 में पूंजीगत परिव्यय ₹ 29256.78 करोड़ (पु.अ.) से बढ़कर वर्ष 2019-2020 में ₹ 35463.90 करोड़, 21.22% की वृद्धि अनुमानित
  • पूंजीगत परिव्यय राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3.68% अनुमानित
  • सकल राज्य घरेलू उत्पाद से राजस्व आधिक्य का प्रतिशत 0.08%
  • ब्याज भुगतान का कुल राजस्व प्राप्तियों से प्रतिशत 8.04%

मुख्य आकर्षण

  • विनियोग की राशि में 20% वृद्धि
  • पूंजीगत व्यय में 21% वृद्धि
  • किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के बजट में 66% वृद्धि
  • जय किसान ऋण माफी योजना हेतु र 8000 करोड़ का प्रावधान
  • इंदिरा किसान ज्योति एवं कृषि एवं हेतु ₹ 7117 करोड़ का प्रावधान
  • गेहूँ पर ₹ 160 बोनस हेतु राशि ₹ 1600 करोड़ का प्रावधान
  • कृषि क्षेत्र में रोजगार हेतु मुख्यमंत्री बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण योजना प्रारंभ कर राशि ₹ 100 करोड़ का प्रावधान
  • सहकारी बैंकों को अंशपूंजी हेतु राशि ₹ 1000 करोड़ का प्रावधान
  • पेंशन प्रदाय एवं मुख्यमंत्री कन्या विवाह निकाय योजना हेतु सामाजिक न्याय विभाग का बजट 43% बढ़ाकर₹ 2891 करोड़ किया गया
  • युवा स्वाभिमान योजना हेतु विभिन्न विभागों में ₹ 330 करोड़ का प्रावधान
  • कुल रोजगार का 70 प्रतिशत मध्यप्रदेश के स्थानीय निवासियों को प्रदाय करने हेतु कानूनी प्रावधान पर कार्य किया जायेगा |
  • शासकीय भूमि के बेहतर प्रबंधन हेतु Land Management Authority गठन किये जाने का प्रस्ताव
  • जल संरक्षण हेतु 36 जिलों की 40 नदियों पर नदी पुनर्जीवन अभियान
  • पेयजल के अधिकार हेतु ₹ 1000 करोड़ का प्रावधान
  • स्वास्थ्य क्षेत्र में 32% वृद्धि
  • स्वास्थ्य सेवाओं की बेहतरी हेतु सुषेण संजीवनी योजना
  • स्वास्थ्य का अधिकार
  • भोपाल इंदौर एक्सप्रेस-वे पर सैटेलाइट टाउन, औद्योगिक क्षेत्र एवं ड्राई पोर्ट की योजना
  • अनुसूचित जनजाति उपयोजना हेतु ₹ 33,467 करोड़
  • अनुसूचित जनजाति वित्त निगम के माध्यम से दिए गए 1 लाख तक के ऋण माफ किये जाएँगे।
  • अनुसूचित जनजाति वित्त निगम के माध्यम से दिए गए 1 लाख तक के ऋण माफ किए जाएंगे।
  • सड़क निर्माण एवं सिंचाई योजना के लिए विशेष वित्तीय व्यवस्था

विभागवार विस्तृत आँकड़े

कृषि एवं संबद्ध क्षेत्र

  • कृषि बजट के लिये वर्ष 2019-20 में ₹46,559 करोड़ का प्रावधान
  • किसानों के ऋण माफ करने हेतु जय किसान फसल ऋण माफी योजना’ में ₹8,000 करोड़ का प्रावधान
  • इंदिरा किसान ज्योति योजना, कृषि पम्पों/थ्रेशरों तथा एक बत्ती कनेक्शन के अंतर्गत रुपये 7117 करोड़ का प्रावधान
  • प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना हेतु ₹ 2,201 करोड़ का प्रावधान
  • कृषक समृद्धि योजना तथा भावांतर/फ्लेट रेट योजना हेतु ₹ 2720 करोड़ का प्रावधान

उद्यानिकी

  • उद्यानिकी विभाग अंतर्गत ₹ 1,116 करोड़ का प्रावधान |
  • बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण उद्योग क्षेत्र के विस्तार मुख्यमंत्री बागवानी एवं खाद्य प्रसंस्करण की नवीन योजना प्रारंभ इस हेतु रुपये 100 करोड का प्रावधान।
  • उद्यानिकी तथा खाद्य प्रसंस्करण विभाग के अंतर्गत प्रधान मंत्री कषि सिंचाई योजना अंतर्गत माईक्रो इरिगेशन योजना हेतु ₹ 200 करो प्रावधान

वानिकी

  • वन विभाग की योजनाओं के लिये ₹ 2,757 करोड़ का प्रावधान ।
  • मध्यप्रदेश प्रतिकरात्मक वन रोपण निधि प्रबंधन हेतु ₹ 250 करोड का प्रावधान।

सहकारिता 

  • सहकारिता विभाग की योजनाओं के लिये ₹ 2,583 करोड़ का प्रावधान ।
  • सहकारिता विभाग के अंतर्गत सहकारी बैंकों को अंशपूंजी हेतु ₹1,000 करोड़ का प्रावधान
  • सहकारी बैंकों के माध्यम से कृषकों को अल्पकालीन ऋण पर ब्याज अनुदान हेतु ₹ 700 करोड़ का प्रावधान
  • मुख्यमंत्री ऋण समाधान योजना हेतु ₹ 309 करोड़ का प्रावधान

पशुपालन एवं मछुआ कल्याण

  • पशुपालन विभाग की योजनाओं के लिये ₹1,204 करोड़ का प्रावधान।
  • पशुपालन विभाग के अंतर्गत पशु चिकित्सालय हेतु रुपये 230 करोड़ का प्रावधान
  • गौर संवर्धन एवं पशुओं का संवर्धन हेतु ₹132 करोड़ का प्रावधान
  • मात्र एक रुपया देने की जगह 20 रुपये प्रतिदिन गौवंश समर्थन दिये जाने का निर्णय।
  • प्रदेश में सॉर्टेड सेक्सड सीमन प्रयोगशाला की स्थापना ।
  • मछुआ कल्याण तथा मत्स्य विभाग की योजनाओं के लिये ₹104 करोड़ का प्रावधान।
  • किसानों के अनुरूप पशुपालकों एवं मछुआरों को रियायती ब्याज दर पर ऋण के लिये क्रेडिट कार्ड उपलब्ध कराये जायेंगे।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास

  • ग्रामीण विकास विभाग की योजनाओं के लिये ₹17,186 करोड़ का प्रावधान ।
  • ग्रामीण विकास विभाग के अंतर्गत प्रधानमंत्री आवास योजना हेतु ₹6600 करोड़ का प्रावधान
  • राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना हेतु ₹2500 करोड़ का प्रावधान
  • प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना हेतु रुपये 2500 करोड़ का प्रावधान
  • मुख्यमंत्री ग्राम सड़क योजना (बाह्य वित्त पोषित) हेतु ₹1400 करोड़ का प्रावधान
  • मध्यान्ह भोजन कार्यक्रम हेतु ₹ 1101 करोड़ का प्रावधान
  • प्रधानमंत्री सड़क योजनान्तर्गत निर्मित सड़कों का नवीनीकरण एव उन्नयन हेतु₹ 514 करोड़ का प्रावधान
  • राज्य ग्रामीण सड़क कनेक्टीविटी हेतु ₹ 200 करोड़ का प्रावधान

नगरीय विकास एवं आवास 

  • नगरीय विकास एवं आवास विभाग की योजनाओं के लिये 15,000 करोड़ का प्रावधान।
  • नगरीय विकास एवं आवास विभाग के अंतर्गत हाउसिंग फॉर आला 4,200 करोड़ का प्रावधान
  • अटल मिशन फॉर रिजवेनेशन एण्ड अर्बन टान्सफॉरमेंशन हेतु करोड़ का प्रावधान
  • एम.पी. अर्बन सर्विसेस इम्प्रूवमेंट प्रोग्राम (ए.डी.बी.) हेतु ₹4882 प्रावधान
  • स्मार्ट सिटी हेतु ₹300 करोड़ का प्रावधान
  • स्वाभिमान योजना हेतु ₹150 करोड़ का प्रावधान

सड़क एवं पुल

  • लोक निर्माण विभाग के लिये रे 9,220 करोड़ का प्रावधान |
  • लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम (ग्रामीण सड़कों सहित) हेतु 1400 करोड़ का प्रावधान
  • म्.प्र्. सडक विकास कार्यक्रम (ए.डी.बी. वित्त पोषित) हेतु ₹1017 करोड़ का प्रावधान
  • म्.प्र्. सड़क विकास निगम (एन.डी.बी.) हेतु ₹600 करोड़ का प्रावधान
  • एन.डी.बी. से वित्त पोषण (सड़क निर्माण) हेतु ₹400 करोड़ का प्रावधान
  • वृहद पुलों का निर्माण हेतु ₹ 300 करोड़ का प्रावधान
  • म.प्र.सड़क विकास निगम के माध्यम से सड़कों का निर्माण हेतु ₹300 करोड़ का प्रावधान
  • मुख्य जिला मार्गों तथा अन्य का नवीनीकरण, उन्नतीकरण एवं  डामरीकरण हेतु रे 229 करोड़ का प्रावधान

नर्मदा घाटी विकास 

  • नर्मदा घाटी विकास अंतर्गत ₹ 3,322 करोड़ का प्रावधान |
  • नर्मदा घाटी विकास विभाग के अंतर्गत नर्मदा (आई.एस.पी.) पार्वती लिंक परियोजना हेतु ₹450 करोड़ का प्रावधान
  • नर्मदा-क्षिप्रा लिंक बहुउद्देशीय परियोजना हेतु ₹350 करोड़ का प्रावधान
  • काली सिंध लिंग परियोजना हेतु ₹ 338 करोड़ का प्रावधान
  • सरदार सरोवर के डुबान से प्रभावित क्षेत्र का भू अर्जन तथा अन्य कार्यों पर खर्च हेतु ₹215 करोड़ का प्रावधान
  • नर्मदा-झाबुआ-पेटलावद-थांदला-सरदारपुर उद्वहन योजना हेतु 1200 करोड़ का प्रावधान

सिंचाई सुविधा

  • सिंचाई परियोजनाओं में पूंजीगत मद में ₹6,877 करोड़ का प्रावधान ।
  • जल संसाधान विभाग के अन्तर्गत नहर तथा उससे संबंधित निर्माण कार्य हेतु ₹ 2931 करोड़ का प्रावधान

लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी

  • लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग की योजनाओं के लिए ₹4,366 करोड़ का प्रावधान।
  • लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के अन्तर्गत पेयजल का अधिकार हेतु ₹1000 करोड़ का प्रावधान ।
  • पाइपों द्वारा ग्रामीण जल प्रदान योजना हेतु ₹600 करोड़ का प्रावधान ।
  • ग्रामीण समूह जल प्रदान योजना हेतु ₹574 करोड़ का प्रावधान
  • खनिज क्षेत्र विकास निधि खनिज क्षेत्र में पेयजल व्यवस्था हेतु ₹ 535 करोड़ का प्रावधान ।
  • पेयजल योजनाओं का जल निगम द्वारा क्रियान्वयन हेतु ₹350 करोड़ का प्रावधान ।

स्कूल शिक्षा

  • स्कूल शिक्षा विभाग अंतर्गत ₹24,499 करोड़ का प्रावधान ।
  • शासकीय शाला भवनों का निर्माण एवं विस्तार हेतु ₹250 करोड़ का प्रावधान ।

उच्च शिक्षा

  • उच्च शिक्षा विभाग अंतर्गत ₹ 2,342 करोड़ का प्रावधान
  • उच्च शिक्षा विभाग के अंतर्गत कला, विज्ञान एवं वाणिज्य महाविद्यालय हेतु ₹ 1247 करोड़ का प्रावधान ।

तकनीकी शिक्षा

  • तकनीकी शिक्षा विभाग के अंतर्गत ₹1666 करोड़ का प्रावधान ।
  • तकनीकी शिक्षा, कौशल विकास एवं रोजगार विभाग के अन्तर्गत व्यवासायिक प्रशिक्षण का सुदृढ़ीकरण एवं विस्तार हतु ₹ 360 करोड़ का प्रावधान।
  • युवा स्वाभिमान योजना हेतु ₹180 करोड़ का प्रावधान

आदिमजाति कल्याण

  • आदिमजाति कल्याण विभाग के लिए ₹ 7,492 करोड़ का प्रावधान ।
  • आदिवासी उपयोजना क्षेत्र में विविध विकास कार्य अनुच्छेद 275(1) हेतु 1578 करोड़ का प्रावधान ।
  • विशिष्ट आवासीय संस्थाएँ हेतु ₹550 करोड़ का प्रावधान
  • सीनियर छात्रावास हेतु ₹ 320 करोड़ का प्रावधान
  • 11 वीं, 12वीं एवं महाविद्यालय छात्रवृत्ति हेतु ₹300 करोड़ का प्रावधान
  • पीव्हीटीजी आहार अनुदान योजना हेतु ₹200 करोड़ का प्रावधान । ‘
  • राज्य छात्रवृत्ति कक्षा 9वीं एवं 10 हेतु ₹154 करोड़ का प्रावधान ।
  • अनुसूचित जाति/जनजाति के विद्यार्थियों को आवास सहायता हेतु ₹150 करोड़ का प्रावधान ।
  • विशेष पिछड़ी जनजातियों का विकास हेतु ₹133 करोड़ का प्रावधान ।
  • जूनियर छात्रवास हेतु ₹123 करोड़ का प्रावधान ।

पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण 

  • पिछड़ा वर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के लिए ₹821 करोड़ का  प्रावधान।
  • पिछड़ा वर्ग तथा अल्पसंख्यक कल्याण विभाग के अन्तर्गत 11वीं, 12वीं एवं महाविद्यालय छात्रवृत्ति हेतु ₹512 करोड़ का प्रावधान

अनुसूचित जाति कल्याण

  • अनुसूचित जाति विभाग अंतर्गत ₹ 1696 करोड़ का प्रावधान
  • अनुसूचित जाति कल्याण विभाग के अन्तर्गत पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्तियाँ। (महाविद्यालय व अन्य) हेतु ₹325 करोड़ का प्रावधान
  • अनुसूचित जाति छात्रावास हेतु ₹ 294 करोड़ का प्रावधान

विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्ध-घुमक्कड़ जनजाति कल्याण

  • विमुक्त, घुमक्कड़ एवं अर्ध-घुमक्कड़ जनजाति कल्याण के लिए है करोड़ का प्रावधान।
  • लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की योजनाओं हेतु 7547 करोड़ का प्रावधान।
  • लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के अन्तर्गत राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन हेतु ₹ 2735 करोड़ का प्रावधान
  • मुख्यमंत्री श्रमिक सेवा प्रसूति सहायता हेतु ₹517 करोड़ का प्रावधान

चिकित्सा शिक्षा

  • चिकित्सा शिक्षा विभाग अंतर्गत ₹ 2,309 करोड़ का प्रावधान
  • चिकित्सा शिक्षा विभाग के अन्तर्गत चिकित्सा महाविद्यालय तथा संबद्ध चिकित्सालय हेतु ₹ 1091 करोड़ का प्रावधान

आयुष

  • आयुष विभाग अंतर्गत ₹481 करोड़ का प्रावधान

महिला एवं बाल विकास 

  • महिला एवं बाल विकास विभाग अंतर्गत ₹ 5,292 करोड़ का प्रावधान
  • महिला एवं बाल विकास विभाग अन्तर्गत न्यूनतम आवश्यकता कार्यक्रम . विशेष पोषण आहार योजना हेतु ₹1517 करोड़ का प्रावधान
  • आंगनवाड़ी सेवाएँ हेतु ₹1179 करोड़ का प्रावधान
  • लाड़ली लक्ष्मी योजना हेतु ₹ 922 करोड़ का प्रावधान
  • आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं एवं सहायिकाओं को अतिरिक्त मानदेय हेतु ₹870 करोड़ का प्रावधान ।
  • आई.सी.डी.एस. के सुदृढ़ीकरण एवं पोषण स्तर सुधार की परियोजना (ई-स्निप)/एन.एन.एम. हेतु ₹186 करोड़ का प्रावधान
  • प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (आई.जी.एम.एस.वाई) हेतु ₹ 176 करोड़ का प्रावधान।

ऊर्जा

  • ऊर्जा क्षेत्र अंतर्गत ₹ 9,888 करोड़ का प्रावधान
  • टैरिफ अनुदान हेतु₹ 2,559 करोड़ का प्रावधान |
  • इंदिरा गृह ज्योति योजना अंतर्गत ₹2,116 करोड़ का प्रावधान ।
  • म.प्र. वि. म. द्वारा 5 एच.पी. के कृषि पम्पों/थ्रेशरों तथा एक बत्ती कनेक्शन को निःशुल्क विद्युत प्रदाय हेतु प्रतिपूर्ति हेतु ₹1,068 करोड़ का प्रावधान।
  • सरल बिजली बिल योजना हेतु ₹ 300 करोड़ का प्रावधान
  • नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग अंतर्गत ₹ 271 करोड़ का प्रावधान ।
  • नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा विभाग के अन्तर्गत मुख्यमंत्री सोलर पम्प योजना हेतु₹ 187 करोड़ का प्रावधान

औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन 

  • औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग अंतर्गत ₹ 1,012 करोड प्रावधान।
  • औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के अंतर्गत मैग्निफिसेंटी पी इन्वेस्टमेंट अट्रैक्शन स्कीम हेतु ₹ 555 करोड़ का प्रावधान ।
  • औद्योगिकीकरण अधोसंरचना विकास के लिए ₹ 345 करोड़ का प्रावधान ।

सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम

  • सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्यम विभाग अंतर्गत ₹ 1,121 करोड़ का प्रावधान।

श्रम

  • श्रम विभाग अंतर्गत मुख्यमंत्री जनकल्याण (नया सवेरा) योजना हेतु र 642 करोड़ का प्रावधान ।

संस्कृति एवं पर्यटन 

  • संस्कृति विभाग की योजनाओं के लिए ₹ 226 करोड़ का प्रावधान
  • पर्यटन अधोसंरचना का विकास योजना के लिए ₹229 करोड का प्रावधान।

सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण

  • सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग अंतर्गत ₹2,891 करोड़ का प्रावधान ।
  • सामाजिक न्याय एवं निःशक्तजन कल्याण विभाग के अन्तर्गत इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन हेतु ₹ 1130 करोड़ का प्रावधान
  • सामाजिक सुरक्षा और कल्याण हेतु ₹ 750 करोड़ का प्रावधान
  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन हेतु ₹ 386 करोड़ का प्रावधान

कानून व्यवस्था

  • गृह विभाग की योजनाओं के लिए ₹ 7,634 करोड़ का प्रावधान ।
  • केन्द्रीकृत पुलिस कॉल सेन्टर एवं नियंत्रण कक्ष तंत्र हेतु ₹122 करोड़ का प्रावधान।

राजस्व

  • राजस्व विभाग अंतर्गत ₹ 4,491 करोड़ का प्रावधान 
  • तहसील जिला एवं संभाग के भवन निर्माण हेतु ₹154 करोड़ का प्रावधान 
  • भू-प्रबंधन हेतु ₹141 करोड़ का प्रावधान 

विधि एवं विधायी कार्य 

  • विभाग अंतर्गत ₹ 2,210 करोड़ का प्रावधान |

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