भारतीय पुरुषों में नसबंदी कराने की अनिच्छा के कारणों पर चर्चा : नसबंदी प्रक्रिया में लैंगिक संतुलन में सुधार लाने के लिए आवश्यक रणनीतियों का सुझाव

प्रश्न: चर्चा कीजिए कि भारत में महिलाओं द्वारा परिवार नियोजन के टर्मिनल तरीकों का असमान बोझ उठाया जाना क्यों जारी है। इस असमानता को दूर करने के लिए क्या किया जा सकता है?

दृष्टिकोण

  • भारतीय पुरुषों में नसबंदी कराने की अनिच्छा के कारणों पर चर्चा कीजिए।
  • नसबंदी प्रक्रिया में लैंगिक संतुलन में सुधार लाने के लिए आवश्यक रणनीतियों का सुझाव दीजिए।
  • कुछ मौजूदा पहलों का उद्धरण देते हुए और आगे की राह बताते हुए निष्कर्ष दीजिए।

उत्तर

राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की नवीनतम रिपोर्ट में परिवार नियोजन में महिलाओं द्वारा उठाए जाने वाले “असमान बोझ” को दर्शाया गया है। रिपोर्ट के अनुसार, पुरुष नसबंदी तुलनात्मक रूप से सुरक्षित, त्वरित और सरल होने के बावजूद देश में नसबंदी के संदर्भ में महिलाओं की भगीदारी 93 प्रतिशत से अधिक है।

भारतीय पुरुषों में नसबंदी कराने की अनिच्छा के प्रमुख कारण निम्नलिखित हैं:

  • उचित और वैकल्पिक गर्भ निरोधक प्रणालियों के विषय में ज्ञान की कमी।
  • मिथक और गलतफहमी, जैसे इससे संतानोत्पादक क्षमता में कमी होती है।
  • सामाजिक वर्जना और महज लॉजिस्टिकल सीमाएं।
  • पुरुष नसबंदी सेवाओं की अनुपलब्धता और असामयिक पहुंच।
  • उपलब्ध गर्भनिरोधक विधियों और उससे संबंधित दुष्प्रभावों से संबंधित जानकारी और परामर्श हेतु न्यूनतम पहुंच।
  • ग्रामीण स्तर पर महिला स्वास्थ कर्मियों की पुरुषों के साथ नसबंदी जैसे सामाजिक-सांस्कृतिक रूप से संवेदनशील मुद्दे पर चर्चा करने की अनिच्छा।

सुझाव:

  • पुरुष नसबंदी को अपनाने, लैंगिक रूढ़ियों को समाप्त करने, मिथकों को दूर करने और परिवार नियोजन में पुरुषों को एक जिम्मेदार भागीदार के रूप में भूमिका निभाने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु देशव्यापी अभियान प्रारंभ किया जाना चाहिए।
  • पुरुष नसबंदी हेतु प्रोत्साहन (धनराशि के रूप में) प्रदान करना।
  • पुरुष नसबंदी सेवाओं की पहुंच को बढ़ाना; ” नो-स्कैलपल वैसेक्टॉमी (No Scalpel Vasectomy) अर्थात् बिना ऑपरेशन पुरुष नसबंदी” को बढ़ावा देना।
  • PPP के माध्यम से परिवार नियोजन सेवाओं में गुणवत्तापूर्ण देखभाल सुनिश्चित करना।
  • समुदाय आधारित गर्भ निरोधक वितरण व्यवस्था का सुदृढीकरण।
  • बांग्लादेश की तर्ज पर परिवार नियोजन के संबंध में जागरूकता और स्वीकार्यता उत्पन्न करने हेतु ग्राम स्तर के स्वास्थ्य श्रमिकों के एक कैडर को संगठित करना।

इस प्रवृति को स्वीकार करते हुए, सरकार द्वारा स्वास्थ्य प्रणाली के तहत सभी ग्राहकों को गर्भनिरोधक उत्पादों की उपलब्धता सुनिश्चित करने हेतु “मिशन परिवार विकास” जैसी पहलों को प्रारंभ किया गया है। इसी प्रकार, पुरुष नसबंदी के बारे में जागरूकता उत्पन्न करने और परिवार नियोजन की प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने हेतु ‘पुरुष नसबंदी पखवाड़ा’ जैसी पहल की शुरुआत की गई है।

ऐसी लैंगिक दृष्टिकोण से परिवर्तनकारी स्वास्थ्य रणनीति को अपनाने की तत्काल आवश्यकता है जो न केवल महिलाओं के प्रजनन अधिकारों को मान्यता प्रदान करे बल्कि परिवार नियोजन प्रक्रिया के केंद्र बिंदु को महिला नसबंदी से पुरुष नसबंदी की ओर स्थानांतरित करे।

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