करुणा (संवेदना) : एक सौहार्दपूर्ण कामकाज के वातावरण के सृजन में करुणा की भूमिका

प्रश्न: करुणा (संवेदना) को कभी भी दुर्बलता नहीं समझा जाना चाहिए, बल्कि सौहार्दपूर्ण प्रशासनिक कामकाज का वातावरण प्रदान करने हेतु एक आवश्यक तत्व माना जाना चाहिए। चर्चा कीजिए।

दृष्टिकोण

  • परिचय में करुणा को संक्षिप्त में परिभाषित कीजिए।
  • एक सौहार्दपूर्ण कामकाज के वातावरण के सृजन में करुणा की भूमिका का उल्लेख करते हुए, रेखांकित कीजिए कि यह किस प्रकार एक दुर्बलता नहीं है।
  • उपयुक्त उदाहरणों का उपयोग करते हुए प्रशासन में करुणा की भूमिका पर चर्चा कीजिए।

उत्तर

करुणा (संवेदना) क्या है?

  • करुणा वह भावना है जो किसी व्यक्ति द्वारा दूसरे के दुःखों का अनुभव करने पर उत्पन्न होती है तथा इसके कारण वह उन दुःखों को समाप्त करने हेतु प्रेरित होता है।  व्युत्पत्ति-विषयक (Etymologically), इसका तात्पर्य है- दूसरों के दुखों को महसूस करना है। यह किसी अन्य के दुःख या दुर्भाग्य के लिए सहानुभूति या उदासी की एक सुदृढ़ भावना है। यह हमें अन्य लोगों की समस्याओं के बारे में एक दृष्टिकोण प्रदान करती है तथा हमें उनकी स्थिति को बेहतर ढंग से समझने में सहायता करती है। करुणा, दुर्बलता के बजाय शक्ति है!
  • करुणा, अधीनता और दासता न होकर साहस और शक्ति का प्रतीक है। समकालीन प्रतिस्पर्धी कार्य के परिवेश में, कभी कभी गलती से यह माना जाता था कि एक करुणायुक्त व्यक्ति निर्बल होता है। वह अपने स्वयं के हित के बारे में गंभीर नहीं होता है तथा सफलता हेतु कठिन परिश्रम नहीं करता है।
  • हालाँकि, सहानुभूति और क्षमा के मूल्यों के माध्यम से एक करुणायुक्त व्यक्ति अत्यधिक भावनात्मक शक्ति प्राप्त करता है। यह उन्हें संकटपूर्ण परिस्थितियों से निपटने एवं मजबूत मानवतावादी बंधन बनाने में सहायता करती है।

प्रशासन में करुणा का योगदान

सौहार्दपूर्ण कार्य परिवेश

  • एक प्रशासक के लिए इसका अर्थ अधीनस्थ की आवश्यकताओं एवं जरूरतों को समझना है।
  • एक प्रभावी प्रशासक अपने अधीनस्थों से उनके व्यवहार के संदर्भ में अपनी अपेक्षाओं को स्पष्ट रूप से रेखांकित करता है तथा यह सुनिश्चित करता है कि वह अपने लिए निर्धारित अपेक्षाओं को समझें।
  • यह अधीनस्थों के साथ बेहतर मानव संपर्क स्थापित करने में सहायता करता है तथा कर्मचारियों को न केवल स्वयं के लिए बल्कि संगठन के लिए भी कार्य करने हेतु बेहतर प्रेरणा प्रदान करता है।

प्रशासन

  • एक करुणा युक्त प्रशासक अपने उत्तरदायित्वों को पुनः प्राथमिकता देता है ताकि समाज में सबसे निर्बल लोगों के हितों का ध्यान रखा जा सके। ऐसे प्रशासक नागरिकों को प्रशासन में सम्मिलित करते हैं तथा उन्हें एक सम्मानजनक तरीके से साथी नागरिकों की समस्याओं का समाधान करने के लिए आगे आने हेतु प्रोत्साहित करते हैं।
  • उनके निर्देशों का अधिक सम्मान किया जाता है। इन निर्देशों को आदेश के रूप में देखे जाने की अपेक्षा अनुकरण करने योग्य उदाहरणों के रूप में देखा जाता है।
  • उदाहरण के लिए, ‘कंपेशनेट कोझीकोड’ के तहत, जिला प्रशासन के द्वारा सभी को सम्मान के साथ भोजन प्रदान करने हेतु ऑपरेशन सुलेमानी चलाया गया है। सेवा प्राप्त लोगों में से कई लोग परियोजना के लिए दान भी करते हैं।
  • इस प्रकार एक करुणा युक्त प्रशासक न केवल एक सौहार्दपूर्ण कार्य परिवेश का सृजन करता है, बल्कि यह समुदाय को भी उत्तरदायी, जिम्मेदार एवं सहभागी बनाता है।

वास्तव में, एक व्यक्ति जितना अधिक करुणावान होता है, उसे प्रशासन की आवश्यकता उतना ही कम पड़ती है। ऐसे प्रशासक का उदय एक प्रबंधक के बजाय एक नेता के रूप में होता है।

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