सार्वजनिक और निजी क्षेत्रकों के मध्य परियोजना व HAM मॉडल

प्रश्न:सार्वजनिक और निजी क्षेत्रकों के मध्य परियोजना जोखिमों को पुनर्संतुलित कर, HAM मॉडल ने सड़क अवसंरचना क्षेत्रक में निवेश को प्रोत्साहित किया है। चर्चा कीजिए।

दृष्टिकोण

  • हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (HAM) मॉडल का वर्णन कीजिए।
  • व्याख्या कीजिए कि जोखिम साझाकरण के विषय में सड़क क्षेत्रक के पूर्ववर्ती सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल्स की तुलना में यह किस प्रकार भिन्न है।
  • चर्चा कीजिए कि यह सार्वजनिक और निजी हितों को कैसे पुनर्संतुलित करता है।

उत्तर

सरकार द्वारा भारत में सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) में सुधार करने हेतु हाइब्रिड एन्युटी मॉडल (Hybrid Annuity Model: HAM) प्रस्तुत किया गया है। HAM इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, कंस्ट्रक्शन (EPC) तथा बिल्ट, ऑपरेट, ट्रांसफर (BOT) मॉडल्स का सम्मिश्रण है।

EPC मॉडल के तहत सड़कों के निर्माण हेतु निजी अभिकर्ताओं को भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (NHAI) द्वारा भुगतान किया जाता है। निजी अभिकर्ताओं की सड़क स्वामित्व, कर संग्रहण या रख-रखाव में कोई भूमिका नहीं होती। यद्यपि BOT मॉडल के तहत निजी अभिकर्ता सक्रिय भूमिका का निर्वहन करते हैं यथा- वे सम्पत्ति को वापस सरकार को हस्तांतरित करने से पूर्व कुछ निश्चित वर्षों तक सड़कों का निर्माण, उनका परिचालन अथवा रख-रखाव करते हैं। इसके तहत निजी अभिकर्ता (समझौते के अनुरूप) पथकर राजस्व या सरकार से एन्युटी शुल्क संग्रहित करते हुए, परियोजना हेतु सभी प्रकार के वित्तीयन का प्रबंधन करता है। वास्तव में पथकर राजस्व संबंधी जोखिम सरकार द्वारा वहन किया जाता है जबकि निजी अभिकर्ता को सड़कों के निर्माण और रख-रखाव हेतु पूर्व-निर्धारित वार्षिकी का भुगतान किया जाता है।

वर्तमान में हाइब्रिड एन्युटी मॉडल के तहत EPC (40 प्रतिशत) और BOT-एन्युटी (60 प्रतिशत) को समाहित किया गया है। सरकार की ओर से, कुल परियोजना लागत का 40 प्रतिशत NHAI द्वारा जारी किया जाता है। इसे परियोजना की पूर्ति तक पांच हिस्सों में दिया जाता है। शेष 60% का प्रबंधन विकासकर्ता द्वारा किया जाता है। हालांकि, विकासकर्ता सामान्यतः परियोजना लागत का 20-25% से अधिक निवेश नहीं करता है (पहले यह 40 प्रतिशत या अधिक था), जबकि शेष की उगाही ऋण के रूप में की जाती है। इस मॉडल के तहत विकासकर्ता को कोई पथकर अधिकार प्राप्त नहीं होता।

 

HAM का लाभ यह है कि इसमें विकासकर्ता को पर्याप्त नकदी प्राप्त हो जाती है, क्योंकि सरकार द्वारा जोखिम का साझाकरण किया जाता है। यह निर्माण जोखिम तथा सम्पूर्ण यातायात जोखिम को कम करता है जो विकासकर्ताओं के लिए चिंता का मुख्य कारण था। उपर्युक्त विशेषताओं के कारण HAM के तहत प्रदत्त परियोजनाओं में पर्याप्त वृद्धि हुई है। राजमार्ग की लंबाई के आधार पर कुल परियोजनाओं में से लगभग 46% परियोजनाएं और वित्तीय वर्ष 2017-18 में कुल मूल्य के आधार पर 63% परियोजनाएं HAM के तहत संचालित हैं।

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