1. राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों को भारतीय संविधान में शामिल किए जाने का उद्देश्य है-
(a) राजनैतिक प्रजातंत्र को स्थापित करना
(b) सामाजिक प्रजातंत्र को स्थापित करना
(c) गांधीवादी प्रजातंत्र को स्थापित करना
(d) सामाजिक और आर्थिक प्रजातंत्र को स्थापित करना
[I.A.S. (Pre) 2002]
उत्तर-(d) सामाजिक और आर्थिक प्रजातंत्र को स्थापित करना
- राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों को भारतीय संविधान में शामिल किए जाने का उद्देश्य है सामाजिक और आर्थिक प्रजातंत्र को स्थापित करना।
- यह उद्देश्य एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना में सहायक है, जिसका संविधान निर्माता एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए प्रावधान करना चाहते थे।
|
2. निम्नलिखित में से कौन एक राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का उद्देश्य नहीं है?
(a) एक कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना।
(b) सामाजिक, आर्थिक न्याय को सुनिश्चित करना।
(c) एक धार्मिक राज्य की स्थापना करना।
(d) एक धर्मनिरपेक्ष राज्य की स्थापना करना।
[U.P.P.C.S. (Mains) 2017 U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2013]
उत्तर-(c) एक धार्मिक राज्य की स्थापना करना।
- भारतीय संविधान के भाग 4 में, अनुच्छेद 36 से 51 तक में ‘राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों’ का वर्णन किया गया है।
- भारत के संविधान निर्माताओं का लक्ष्य इन सिद्धांतों के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक लोकतंत्र एवं कल्याणकारी राज्य की स्थापना करना था। इन सिद्धांतों का उद्देश्य धार्मिक राज्य की स्थापना करना नहीं है।
|
3. राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत किस प्रकार मौलिक अधिकारों से भिन्न हैं?
(a) पूर्वोक्त केंद्रीय सरकार के लिए हैं और उत्तरोक्त राज्यों के लिए
(b) पूर्वोक्त संविधान का अंश नहीं हैं, जबकि उत्तरोक्त हैं
(c) निदेशक सिद्धांत प्रवर्तनीय नहीं हैं, जबकि मौलिक अधिकार प्रवर्तनीय हैं
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[I.A.S. (Pre) 2009]
उत्तर-(c) निदेशक सिद्धांत प्रवर्तनीय नहीं हैं, जबकि मौलिक अधिकार प्रवर्तनीय हैं
- राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत मौलिक अधिकारों से भिन्न हैं, क्योंकि नीति निदेशक सिद्धांत प्रवर्तनीय नहीं हैं, जबकि मौलिक अधिकार न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय हैं।
- नीति निदेशक सिद्धांत संविधान के भाग 4 में वर्णित हैं और कल्याणकारी राज्य की स्थापना के लिए दिए गए निर्देश हैं, जबकि भाग 3 में वर्णित मौलिक अधिकार व्यक्तियों को राज्य कृत्य के विरुद्ध दी गई सुरक्षा की गारंटी हैं।
|
4. ‘निदेशक तत्व’ क्या हैं?
(a) वाद योग्य
(b) अ-वाद योग्य
(c) कठोर
(d) लचीले
[M.P.P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर-(b) अ-वाद योग्य
- भारतीय संविधान में सामाजिक-आर्थिक एजेंडे को साकारित करने के लिए बाद योग्य और अ-वाद योग्य दोनों तरह की व्यवस्थाएं समाहित हैं, जिसमें मौलिक अधिकार ‘वाद योग्य’ और नीति निदेशक तत्व ‘अ-वाद योग्य’ है।
|
5. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
भारत के संविधान के संदर्भ में राज्य की नीति के निदेशक तत्व
1. विधायिका के कृत्यों पर निबंधन करते हैं।
2. कार्यपालिका के कृत्यों पर निबंधन करते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1, न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2017]
उत्तर-(d) न तो 1, न ही 2
- राज्य के नीति निदेशक तत्व, विधायिका, कार्यपालिका और संवैधानिक मामलों में राज्य के लिए सिफारिशें हैं।
- एम.सी. सीतलवाड़ के अनुसार, निदेशक तत्व कोई विधिक अधिकार एवं कानूनी उपचार नहीं बताते, ये सभी राज्य क्रियाओं की विधायिका या कार्यपालिका के लिए प्रभुत्व पृष्ठभूमि का निर्माण करते हैं। अतः राज्य के नीति निदेशक तत्व न तो विधायिका के कृत्यों पर निबंधन हैं और न ही कार्यपालिका के कृत्यों पर निबंधन।
|
6. भारत के संविधान के भाग IV में अंतर्विष्ट प्रावधानों के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. वे न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय होंगे।
2. वे किसी भी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं
3. इस भाग में अधिकथित सिद्धांत राज्य के द्वारा कानून बनाने को प्रभावित करेंगे।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए –
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) केवल 1 और 3
(d) केवल 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(d) केवल 2 और 3
- भारतीय संविधान का भाग IV (अनुच्छेद 36-51) राज्य नीति के निदेशक तत्वों से संबंधित है।
- इस भाग के प्रावधान किसी भी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय (Enforceable) नहीं होते हैं।
- इसका अर्थ यह है कि यह संविधान का एक हिस्सा है, जिसे न्यायपालिका द्वारा लागू नहीं कराया जा सकता है।
- यद्यपि भाग-IV के उपबंध न्यायालयों द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं तथापि इस भाग में दिए गए सिद्धांत राष्ट्र के संचालन में मूलभूत हैं तथा ये सिद्धांत राज्य के द्वारा कानून बनाने को प्रभावित करते हैं।
- समय-समय पर सरकार ने कुछ नीति निदेशक तत्वों को लागू करने का प्रयास किया है।
- जींदारी उन्मूलन कानून, बैंकों का राष्ट्रीयकरण, फैक्ट्री अधिनियम, न्यूनतम मजदूरी निर्धारण, कुटीर और लघु उद्योगों को प्रोत्साहन, मनरेगा, 6 से 14 वर्ष आयु के बच्चों के लिए निःशुल्क शिक्षा तथा अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजातियों के उन्नयन के लिए आरक्षण आदि इन प्रयासों को दर्शाते हैं।
|
7. राज्य की नीति के निदेशक तत्वों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. ये तत्व देश के सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र की व्याख्या करते हैं।
2. इन तत्वों में अंतर्विष्ट उपबंध किसी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय (एनफोर्सिएबल) नहीं
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2015]
उत्तर-(c) 1 और 2 दोनों
- राज्य की नीति के निदेशक तत्व देश के सामाजिक-आर्थिक लोकतंत्र की व्याख्या करते हैं।
- राज्य की नीति के निदेशक तत्वों में अंतर्विष्ट उपबंध न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं हैं।
|
8. कल्याणकारी राज्य की संकल्पना का समावेश भारत के संविधान में है
(a) राज्य के नीति निदेशक तत्वों में
(b) चौथी अनुसूची में
(c) मौलिक अधिकारों में
(d) प्रस्तावना में
[41th B.P.S.C. (Pre) 1994 Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2002 U.P. Lower Sub (Pre) 2004 I.A.S. (Pre) 2015]
उत्तर- (a) राज्य के नीति निदेशक तत्वों में
- कल्याणकारी राज्य की संकल्पना का समावेश भारतीय संविधान में राज्य के नीति निदेशक तत्वों में किया गया है।
- ये संविधान में भाग 4 के तहत अनुच्छेद 36 से 51 के अंतर्गत शामिल किए गए हैं।
- भारतीय संविधान की प्रस्तावना राजव्यवस्था के उद्देश्यों का उल्लेख करती है कि राज्य अपने नागरिकों को सामाजिक, आर्थिक एवं राजनैतिक न्याय, विचार, अभिव्यक्ति, विश्वास, धर्म और उपासना की स्वतंत्रता तथा प्रतिष्ठा एवं अवसर की समता उपलब्ध कराएगा, जो कि एक कल्याणकारी राज्य के आदर्श का प्रतीक है।
- इसके अतिरिक्त नीति निदेशक तत्वों में कल्याणकारी राज्य की स्थापना हेतु राज्य को निर्देश दिए गए हैं।
- इस प्रकार प्रस्तावना एवं नीति निदेशक तत्व दोनों में कल्याणकारी राज्य का विचार पाया जाता है।
- तथापि यदि दोनों के चयन का विकल्प न हो, तो इसका उत्तर नीति निदेशक तत्व ही होगा।
- उल्लेखनीय है कि संघ लोक सेवा आयोग द्वारा अपनी उत्तर-कुंजी में इस प्रश्न का उत्तर नीति निदेशक तत्व ही दिया गया है।
|
9. राज्य के नीति निदेशक तत्व सहज अध्ययन के लिए निम्न में से कौन-से भागों में विभाजित किए जा सकते हैं?
(a) समाजवादी
(b) उदार बौद्धिकतावादी
(c) गांधीवादी
(d) उपरोक्त सभी
[U.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर-(d) उपरोक्त सभी
- भारतीय संविधान के अंतर्गत राज्य के नीति निदेशक तत्वों का उल्लेख भाग 4 के अनुच्छेद 36 से 51 के तहत किया गया है।
- इसे आयरलैंड के संविधान से लिया गया है।
- राज्य के नीति निदेशक तत्वों को सहज अध्ययन के लिए समाजवादी, उदार बौद्धिकतावादी, गांधीवादी, मानवाधिकार, सामाजिक एवं आर्थिक कल्याण आदि भागों में विभाजित किया जा सकता है।
- राज्य के नीति निदेशक तत्वों की प्रवृत्ति सकारात्मक है तथा ये गैर-वाद योग्य हैं।
|
10. भारतीय संविधान में सम्मिलित नीति निदेशक तत्वों की प्रेरणा हमें किस संविधान से प्राप्त हुई?
(a) ऑस्ट्रेलिया
(b) अमेरिका
(c) फ्रांस
(d) आयरलैंड
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2003 U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]
उत्तर-(d) आयरलैंड
- भारतीय संविधान में सम्मिलित नीति निदेशक तत्वों की प्रेरणा हमारे संविधान निर्माताओं को वर्ष 1937 के आयरलैंड के संविधान से प्राप्त हुई।
- आयरलैंड के संविधान से अनुसरणीय इस भाग पर फेबियनवाद, समाजवाद, उदार लोकतांत्रिक विचारधाराओं, गांधीवाद, मानवाधिकारों की सार्वत्रिक घोषणाओं आदि का व्यापक प्रभाव पड़ा है।
|
11. नीति निदेशक सिद्धांत हैं-
(a) वाद योग्य
(b) वाद योग्य नहीं
(c) मौलिक अधिकार
(d) कोई नहीं
[M.P.P.C.S. (Pre) 1992 U.P. Lower Sub. (Pre) 2004]
उत्तर-(b) वाद योग्य नहीं
- नीति निदेशक सिद्धांत वाद योग्य नहीं हैं।
- संविधान के अनुच्छेद 37 के अनुसार, इस भाग (भाग IV) में अंतर्विष्ट उपबंध किसी न्यायालय द्वारा प्रवर्तनीय नहीं होंगे, किंतु फिर भी इनमें अधिकथित तत्व देश के शासन में मूलभूत हैं और विधि बनाने में इन तत्वों को लागू करना राज्य का कर्तव्य होगा।
|
12. भारतीय संविधान के अंतर्गत धन का केंद्रीकरण किसका उल्लंघन करता है?
(a) समता का अधिकार
(b) राज्य की नीति के निदेशक तत्व
(c) स्वतंत्रता का अधिकार
(d) कल्याण की अवधारणा
[I.A.S. (Pre) 2021]
उत्तर-(b) राज्य की नीति के निदेशक तत्व
- भारतीय संविधान में राज्य की नीति के निदेशक तत्वों के तहत प्रावधानित है कि राज्य अपनी नीति का, विशिष्टतया, इस प्रकार संचालन करेगा कि सुनिश्चित रूप से समुदाय के भौतिक संसाधनों का स्वामित्व और नियंत्रण इस प्रकार बंटा हो, जिससे सामूहिक हित का सर्वोत्तम रूप से साधन हो [अनुच्छेद 39 (ख)]; तथा आर्थिक व्यवस्था इस प्रकार चले जिससे धन और उत्पादन साधनों का सर्वसाधारण के लिए अहितकारी संकेंद्रण न हो [अनुच्छेद 39 (ग)]।
- इस प्रकार धन का केंद्रीकरण भारतीय संविधान के अंतर्गत राज्य की नीति के निदेशक तत्वों का उल्लंघन करता है।
|
13. समान कार्य के लिए समान वेतन भारत के संविधान में सुनिश्चित किया गया, एक-
(a) मौलिक अधिकार है।
(b) राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का अंग है।
(c) मौलिक कर्तव्य है।
(d) आर्थिक अधिकार है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 1998 U.P. Lower Sub. (Pre) 2004 U.P. U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010]
उत्तर-(b) राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का अंग है।
- ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ भारत के संविधान में सुनिश्चित किया गया राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का एक अंग है।
- अनुच्छेद 39 (घ) यह प्रावधान करता है कि पुरुष और स्त्री दोनों का समान कार्य के लिए समान वेतन होना चाहिए।
- ज्ञातव्य है कि संविधान के अनुच्छेद 39 (घ) के अनुसरण में संसद ने वर्ष 1976 में समान पारिश्रमिक अधिनियम पारित किया था।
- उल्लेखनीय है कि रणधीर सिंह बनाम भारत संघ वाद (1982) में सर्वोच्च न्यायालय ने यह अभिनिर्धारित किया कि संविधान की प्रस्तावना और अनुच्छेद 39 (घ) के आलोक में अनुच्छेद 14 एवं 16 को पढ़ने से ‘समान कार्य के लिए समान वेतन’ का सिद्धांत प्राप्त होता है।
|
14. निम्नलिखित में कौन एक मौलिक अधिकार नहीं है?
(a) उत्पीड़न के खिलाफ अधिकार
(b) समान काम के लिए समान वेतन
(c) कानून के समक्ष बराबरी
(d) धर्मपालन की स्वतंत्रता का अधिकार
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर-(b) समान काम के लिए समान वेतन
- ‘समान काम के लिए समान वेतन’ का उल्लेख संविधान में मौलिक अधिकारों में न होकर राज्य की नीति के निदेशक तत्वों के अंतर्गत अनुच्छेद 39 (घ) में किया गया है, जबकि प्रश्न के शेष विकल्पों का उल्लेख संविधान में मौलिक अधिकार के रूप में किया गया है।
|
15. भारत में निम्नलिखित में से किसके अंतर्गत पंचायती राज प्रणाली की व्यवस्था की गई है?
(a) मौलिक अधिकार
(b) मौलिक कर्तव्य
(c) राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत
(d) चुनाव आयोग अधिनियम
[45th B.P.S.C. (Pre) 2001]
उत्तर-(c) राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत
- भारतीय संविधान में भाग IV के तहत राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों के अंतर्गत पंचायती राज प्रणाली की व्यवस्था की गई है।
- संविधान का अनुच्छेद 40 राज्यों के लिए ग्राम पंचायतों के गठन का प्रावधान करता है।
- इसके अनुसार राज्य, ग्राम पंचायतों का संगठन करने के लिए कदम उठाएगा और उनको ऐसी शक्तियां और प्राधिकार प्रदान करेगा, जो उन्हें स्वायत्त शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने योग्य बनाने के लिए आवश्यक हों।
|
16. सूची-1 के साथ सूची-11 को मिलाइए और सूचियों के नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए-
सूची-1 |
सूची-II |
A. ग्राम पंचायत का गठन |
1. अनुच्छेद 44 |
B. समान आचार संहिता |
2. अनुच्छेद 48 |
C. कृषि एवं पशुपालन |
3. अनुच्छेद 50 |
D. न्यायपालिका व कार्यपालिका का पृथक्करण |
4. अनुच्छेद 51 |
E. अंतरराष्ट्रीय शांति का विकास |
5. अनुच्छेद 40 |
कूट :
A, B, C, D, E
(a) 3, 4, 2, 1, 5
(b) 5, 3, 2, 1, 4
(c) 2, 3, 5, 4, 1
(d) 1, 5, 3, 4, 2
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. (Pre) (Re-Exam) 2020]
उत्तर-(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
- सही सुमेलन इस प्रकार है-
सूची-1 |
सूची-II |
A. ग्राम पंचायतों का संगठन |
5. अनुच्छेद 40 |
B. समान आचार संहिता |
1. अनुच्छेद 44 |
C. कृषि एवं पशुपालन का संगठन |
2. अनुच्छेद 48 |
D. न्यायपालिका और कार्यपालिका का पृथक्करण |
3. अनुच्छेद 50 |
E. अंतरराष्ट्रीय शांति का विकास |
4. अनुच्छेद 51 |
|
17. सूची-1 तथा-11 को सुमेलित कीजिए तथा नीचे दिए गए कूट से अपना उत्तर चुनिए –
सूची-1 (संविधान के अनुच्छेद) |
सूची-II (विषय) |
A. अनुच्छेद 40 |
1. ग्राम पंचायतों का गठन |
B. अनुच्छेद 41 |
2. काम करने का अधिकार |
C. अनुच्छेद 44 |
3. समान नागरिक संहिता |
D. अनुच्छेद 48 |
4. कृषि एवं पशुपालन का गठन |
कूट :
(a) A-1, B-2, C-3, D-4
(b) A-2, B-3, C-1, D-4
(c) A-1, B-3, C-4, D-2
(d) A-3, B-2, C-4, D-1
[U.P.P.C.S. (Pre) 2001 U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2002]
उत्तर-(a) A-1, B-2, C-3, D-4
- सही सुमेलन इस प्रकार है-
सूची-1 (संविधान के अनुच्छेद) |
सूची-II (विषय) |
A. अनुच्छेद 40 |
1. ग्राम पंचायतों का गठन |
B. अनुच्छेद 41 |
2. कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार |
C. अनुच्छेद 44 |
3. नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता |
D. अनुच्छेद 48 |
4. कृषि एवं पशुपालन का गठन |
|
18. निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही सुमेलित नहीं है?
(a) अनुच्छेद 39A – समान न्याय एवं निःशुल्क विधिक सहायता
(b) अनुच्छेद 40 – ग्राम पंचायतों का संगठन
(c) अनुच्छेद 44 – समान नागरिक संहिता
(d) अनुच्छेद 48 – न्यायपालिका का कार्यपालिका से पृथक्करण
[U.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(d) अनुच्छेद 48 – न्यायपालिका का कार्यपालिका से पृथक्करण
- सही सुमेलन इस प्रकार है –
अनुच्छेद 39A – समान न्याय एवं निःशुल्क विधिक सहायता
अनुच्छेद 40 – ग्राम पंचायतों का संगठन
अनुच्छेद 44 – समान नागरिक संहिता
अनुच्छेद 48 – – कृषि और पशुपालन का संगठन
नोट- न्यायपालिका का कार्यपालिका से पृथक्करण अनुच्छेद 50 में उपबंधित है।
|
19. भारत के संविधान में वर्णित नीति निदेशक तत्वों का सुमेलित युग्म पहचानिए-
(a) समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता – अनुच्छेद 42
(b) कृषि और पशुपालन का संगठन – अनुच्छेद 43
(c) ग्राम पंचायतों का संगठन – अनुच्छेद 41
(d) पुरुषों और स्त्रियों दोनों का समान कार्य के लिए समान वेतन हो – अनुच्छेद 39
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2021]
उत्तर-(d) पुरुषों और स्त्रियों दोनों का समान कार्य के लिए समान वेतन हो – अनुच्छेद 39
- सही सुमेलन इस प्रकार है :
समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता – अनुच्छेद 39A
कृषि और पशुपालन का संगठन – अनुच्छेद 48
ग्राम पंचायतों का संगठन – अनुच्छेद 40
पुरुषों और स्त्रियों दोनों का समान कार्य के लिए समान वेतन हो – अनुच्छेद 39 (घ)
|
20. निम्नांकित में से कौन-सा युग्म सही सुमेलित नहीं
(विषय) (संबंधित अनुच्छेद)
(a) न्यायपालिका व कार्यपालिका का पृथक्करण – अनुच्छेद 50
(b) अनुसूचित जातियों तथा अनुसूचित जनजातियों के शैक्षणिक तथा आर्थिक हितों की अभिवृद्धि – अनुच्छेद 46
(c) सहकारी सोसाइटी का संवर्धन – अनुच्छेद 43A
(d) ग्राम पंचायतों का गठन और उन्हें स्वायत्त शासन की इकाइयों के रूप में कार्य करने योग्य बनाना – अनुच्छेद 40
[U.P. P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर-(c) सहकारी सोसाइटी का संवर्धन – अनुच्छेद 43A
- अनुच्छेद 43A में उद्योगों के प्रबंधन में कर्मकारों का भाग लेना सुनिश्चित करने के लिए राज्य द्वारा कदम उठाने हेतु उपबंध हैं।
- सहकारी समितियों के संवर्धन की चर्चा संविधान के अनुच्छेद 43B में है।
- अन्य प्रश्नगत विषय और संबंधित अनुच्छेद सही सुमेलित हैं।
|
21. नीचे दो कथन दिए गए हैं, एक को कथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) कहा गया है –
कथन (A): मनरेगा अर्ह परिवार के कम-से-कम एक सदस्य को वर्ष में 100 दिन का रोजगार दिलाने का प्रावधान करता है।
कारण (R): रोजगार का अधिकार संविधान के भाग III में प्राविधित है।
नीचे दिए कूटों से सही उत्तर का चयन कीजिए।
(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं और (R) सही स्पष्टीकरण है (A) का।
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं, परंतु (R) सही स्पष्टीकरण नहीं है (A) का।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P. Lower Sub. (Mains) 2013]
उत्तर-(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
- महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम, (मनरेगा) भारत में लागू एक रोजगार गारंटी योजना है, जिसे वर्ष 2005 में लोक सभा द्वारा अधिनियमित किया गया।
- यह योजना प्रत्येक वित्तीय वर्ष में किसी भी ग्रामीण परिवार के उन वयस्क सदस्यों को 100 दिन का रोजगार उपलब्ध कराती है, जो सांविधिक न्यूनतम मजदूरी पर सार्वजनिक कार्य-संबंधित अकुशल मजदूरी करने के लिए तैयार हैं।
- यह संविधान के भाग-IV के अनुच्छेद 41 के प्रावधान (कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने के अधिकार) के अनुसरण में लाया गया है।
- संविधान के भाग III (मौलिक अधिकार) में रोजगार का अधिकार शामिल नहीं है।
- अतः कथन (A) सही है, परंतु कारण (R) गलत है।
|
22. मनरेगा कार्यक्रम निम्नलिखित में से भारतीय संविधान के किस अनुच्छेद को लागू करने हेतु लाया गया है?
(a) अनुच्छेद 43
(b) अनुच्छेद 45
(c) अनुच्छेद 47
(d) अनुच्छेद 50
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2010]
उत्तर- (a) अनुच्छेद 43
- भारतीय संविधान के तहत भाग-IV में राज्य के नीति निदेशक तत्वों के अंतर्गत अनु. 41 के तहत उपबंधित है कि राज्य अपनी आर्थिक सामर्थ्य और विकास की सीमाओं के भीतर, काम पाने के अधिकार को प्राप्त कराने का प्रभावी उपबंध करेगा।
- साथ ही इसी भाग के अनु. 43 में कहा गया है कि राज्य, उपयुक्त विधान या आर्थिक संगठन द्वारा या किसी अन्य रीति से कृषि के, उद्योग के या अन्य प्रकार के सभी कर्मकारों को काम, निर्वाह मजदूरी, शिष्ट जीवन स्तर और अवकाश का संपूर्ण उपभोग सुनिश्चित करने वाली काम की दशाएं प्रदान करने का प्रयास करेगा।
- मनरेगा राज्य के इन्हीं संवैधानिक लक्ष्यों की पूर्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है।
|
23. 42वें संविधान संशोधन द्वारा किस अनुच्छेद के माध्यम से श्रमिकों की प्रबंधन में भागीदारी सुनिश्चित की गई?
(a) अनुच्छेद 38
(b) अनुच्छेद 39A
(c) अनुच्छेद 45
(d) अनुच्छेद 43A
[U.P. P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर-(d) अनुच्छेद 43A
- 42वें संविधान संशोधन, 1976 द्वारा संविधान के भाग 4 में राज्य के नीति निदेशक तत्वों के तहत अनुच्छेद 43A (43क) अंतःस्थापित करके यह प्रावधानित किया गया कि राज्य किसी उद्योग में लगे हुए उपक्रमों, स्थापनों या अन्य संगठनों के प्रबंध में कर्मकारों का भाग लेना सुनिश्चित करने के लिए उपयुक्त विधान द्वारा या किसी अन्य रीति से कदम उठाएगा।
|
24. भारत में, न्यायपालिका का कार्यपालिका से पृथक्करण, किससे व्यादेशित है?
(a) संविधान की उद्देशिका द्वारा
(b) राज्य की नीति के निर्देशक तत्व द्वारा
(c) सातवीं अनुसूची द्वारा
(d) परंपरागत व्यवहार द्वारा
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(b) राज्य की नीति के निर्देशक तत्व द्वारा
- भारत में, न्यायपालिका का कार्यपालिका से पृथक्करण, राज्य की नीति के निदेशक तत्व द्वारा व्यादेशित है।
- संविधान के अनुच्छेद 50 के अंतर्गत कार्यपालिका से न्यायपालिका के पृथक्करण का उल्लेख है, जिसके अनुसार राज्य की लोक सेवाओं में, न्यायपालिका को कार्यपालिका से पृथक करने के लिए राज्य कदम उठाएगा।
|
25. राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों के निम्नलिखित अनुच्छेदों में से कौन-सा अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के संवर्धन से संबंधित है?
(a) अनुच्छेद 51
(b) अनुच्छेद 48 क
(c) अनुच्छेद 43 क
(d) अनुच्छेद 41
[I.A.S. (Pre) 2002]
उत्तर- (a) अनुच्छेद 51
- राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का सही सुमेलन इस प्रकार है-
अनुच्छेद 51 – अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के संवर्धन से संबंधित है।
अनुच्छेद 41 – काम, शिक्षा, लोक सहायता पाने का अधिकार
अनुच्छेद 43 क – उद्योगों के प्रबंध में कर्मकारों के भाग लेने का अधिकार
अनुच्छेद 48 क – पर्यावरण संरक्षण तथा संवर्धन और वन तथा वन्य जीवों की रक्षा
|
26. भारत के संविधान में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि का कहां उल्लेख है?
(a) संविधान की उद्देशिका में
(b) राज्य की नीति के निदेशक तत्वों में
(c) मूल कर्तव्यों में
(d) नौवीं अनुसूची में
[I.A.S. (Pre) 2014]
उत्तर-(b) राज्य की नीति के निदेशक तत्वों में
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 51 के अंतर्गत राज्य के नीति निदेशक तत्वों में अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि का उल्लेख है। इसके अनुसार राज्य-
(a) अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा की अभिवृद्धि का,
(b) राष्ट्रों के बीच न्यायसंगत और सम्मानपूर्ण संबंधों को बनाए रखने का,
(c) संगठित लोगों के एक-दूसरे से व्यवहारों में अंतरराष्ट्रीय विधि और संधि बाध्यताओं के प्रति आदर बढ़ाने का, और
(d) अंतरराष्ट्रीय विवादों के मध्यस्थता (Arbitration) द्वारा निपटारे के लिए प्रोत्साहन देने का प्रयास करेगा।
|
27. निम्नलिखित में से कौन संविधान के 42वें संशोधन द्वारा नीति निदेशक तत्वों में नहीं जोड़ा गया?
(a) शोषण से बच्चों एवं अल्पवयों की सुरक्षा
(b) समान न्याय तथा निःशुल्क कानूनी सलाह
(c) समान आचार संहिता
(d) उद्योगों के प्रबंधन में श्रमिकों की भागीदारी
[U.P.P.C.S. (Pre) 1998]
उत्तर-(c) समान आचार संहिता
- समान आचार संहिता को 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा शामिल नहीं किया गया है।
- यह मूल संविधान के तहत ही अनुच्छेद 44 में वर्णित है।
- निम्नलिखित प्रावधान 42वें संविधान संशोधन अधिनियम द्वारा नीति निदेशक तत्वों में जोड़े गए हैं- बच्चों को स्वस्थ विकास के अवसर और सुविधाएं तथा शोषण से बच्चों एवं अल्पवय व्यक्तियों की सुरक्षा अनुच्छेद 39 (च); समान न्याय तथा निःशुल्क कानूनी सहायता अनुच्छेद 39क; उद्योगों के प्रबंधन में श्रमिकों की भागीदारी – अनुच्छेद 43 क; और पर्यावरण का संरक्षण तथा संवर्धन एवं वन तथा वन्य जीवों की रक्षा : अनुच्छेद 48क।
|
28. संविधान निम्न में से किसके शोषण के विरुद्ध अधिकार स्वीकृत करता है?
1. बच्चों के
2. स्त्रियों के
3. जनजातियों के
4. दलितों के
अपना सही उत्तर दिए गए कूट की सहायता से चुनिए-
कूट :
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 1 और 3
(c) केवल 1, 2 और 3
(d) केवल 2,3 और 4
[U.P. P.C.S. (Mains) 2009]
उत्तर-(c) केवल 1, 2 और 3
- संविधान में बच्चों, स्त्रियों एवं जनजातियों के शोषण के विरुद्ध अधिकार को स्वीकृति प्रदान की गई है, जबकि दलित शब्द का संविधान में उल्लेख नहीं है।
|
29. निम्नलिखित में से कौन एक राज्य का नीति निदेशक तत्व नहीं है?
(a) मद्यनिषेध
(b) गौ संरक्षण
(c) पर्यावरण संरक्षण
(d) चौदह (14) वर्ष की आयु तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Pre) 2010]
उत्तर-(d) चौदह (14) वर्ष की आयु तक के बच्चों को निःशुल्क शिक्षा
- संविधान में मद्यनिषेध अनु. 47 के तहत, गौ-संरक्षण अनु. 48 के तहत तथा पर्यावरण संरक्षण अनु. 48क के तहत राज्य के नीति निदेशक तत्व हैं।
- 14 वर्ष तक की आयु के बच्चों के लिए निःशुल्क एवं अनिवार्य शिक्षा का उपबंध पहले अनु. 45 के तहत नीति निदेशक तत्व था, परंतु 86वें संविधान संशोधन (2002) के बाद अनु. 21क के तहत अब यह मूल अधिकार बन गया है।
- अब अनु. 45 के तहत शैशव पूर्व देखभाल तथा 6 वर्ष से नीचे की आयु के बालकों के लिए शिक्षा की व्यवस्था’ को शामिल किया गया है।
|
30. निम्नलिखित में से कौन-सा/से राज्य के नीति के निदेशक तत्वों में शामिल है/हैं?
1. मानव के दुर्व्यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध
2. मादक पेयों और स्वास्थ्य के लिए हानिकर ओषधियों के, औषधीय प्रयोजनों से भिन्न, उपभोग का प्रतिषेध
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2008]
उत्तर-(b) केवल 2
- नीति निदेशक तत्वों के अंतर्गत अनुच्छेद 47 के तहत मादक पेयों और स्वास्थ्य के लिए हानिकर ओषधियों के, औषधीय प्रयोजनों से भिन्न उपभोग का प्रतिषेध किया गया है।
- मानव के दुर्व्यापार और बलात्श्रम का प्रतिषेध मूलाधिकारों के अंतर्गत अनुच्छेद 23(1) के तहत किया गया है।
- अतः स्पष्ट है कि केवल कथन 2 सही है।
|
31. भारतीय संविधान में प्रतिष्ठापित राज्य की नीति के निदेशक तत्वों के अंतर्गत निम्नलिखित प्रावधानों पर विचार कीजिए –
1. भारतीय नागरिकों के लिए समान नागरिक (सिविल) संहिता सुरक्षित करना
2. ग्राम पंचायतों को संघटित करना
3. ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योगों को प्रोत्साहित करना
4. सभी कर्मकारों के लिए यथोचित अवकाश तथा सांस्कृतिक अवसर सुरक्षित करना
उपर्युक्त में से कौन-से गांधीवादी सिद्धांत हैं, जो राज्य की नीति के निदेशक तत्वों में प्रतिबिंबित होते हैं?
(a) केवल 1, 2 और 4
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1,3 और 4
(d) 1, 2, 3 और 4
[I.A.S (Pre) 2012]
उत्तर-(b) केवल 2 और 3
- गांधीवादी सिद्धांतों पर आधारित कई प्रावधानों को राज्य की नीति के निदेशक सिद्धांतों के तहत कई अनुच्छेदों में सम्मिलित किया गया है, जो इस प्रकार हैं-
- ग्राम पंचायतों का संगठन (अनुच्छेद 40), ग्रामीण क्षेत्रों में कुटीर उद्योगों को व्यक्तिगत या सहकारी आधार पर बढ़ाने का प्रयास (अनुच्छेद 43), अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति तथा अन्य दुर्बल वर्गों के शिक्षा और अर्थ संबंधी हितों की अभिवृद्धि (अनुच्छेद 46), मादक पेयों और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ओषधियों के, औषधीय प्रयोजनों से भिन्न, उपभोग का प्रतिषेध (अनुच्छेद 47), गायों और बछड़ों तथा अन्य दुधारू पशुओं के वध पर रोक और उनकी नस्लों में सुधार का प्रयास (अनुच्छेद 48)। उपर्युक्त तथ्यों के आधार पर विकल्प (b) सही उत्तर है।
|
32. निम्नलिखित में से भारत के संविधान के किसमें ‘पर्यावरण संरक्षण एवं संवर्धन तथा वन व वन्य जीवन की रक्षा’ के प्रावधान पाए जाते हैं?
(a) केवल राज्य के नीति निदेशक तत्वों में
(b) केवल मूल कर्तव्यों में
(c) (a) और (b) दोनों
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
[U.P. P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर-(c) (a) और (b) दोनों
- 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा संविधान में राज्य के नीति निदेशक तत्वों के तहत जोड़े गए अनुच्छेद 48A (48क) के अनुसार, राज्य, देश के पर्यावरण के संरक्षण तथा संवर्धन का और वन तथा वन्य जीवों की रक्षा करने का प्रयास करेगा।
- साथ ही संविधान में मूल कर्तव्यों के तहत अनुच्छेद 51A (g) [51क (छ)] के अनुसार, भारत के प्रत्येक नागरिक का यह कर्तव्य होगा कि वह प्राकृतिक पर्यावरण की, जिसके अंतर्गत वन, झील, नदी और वन्यजीव हैं, रक्षा करे और उसका संवर्धन करे तथा प्राणिमात्र के प्रति दयाभाव रखे।
|
33. राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में निम्न में से किसके बारे में संविधान शांत है?
(a) प्रौढ़ शिक्षा
(b) कर्मकारों को निर्वाह मजदूरी
(c) गरीबों को निःशुल्क विधिक सहायता
(d) बालकों की प्रारंभिक शिक्षा जब तक वह 6 वर्ष की आयु न प्राप्त कर लें।
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2008]
उत्तर- (a) प्रौढ़ शिक्षा
- भारतीय संविधान में राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत भाग 4 के तहत अनु. 36-51 में वर्णित हैं।
- इनमें कर्मकारों को निर्वाह मजदूरी का प्रावधान अनु. 43 में, गरीबों को निःशुल्क विधिक सहायता का अनु. 39 क में तथा 6 वर्ष से कम आयु के बालकों के लिए प्रारंभिक बाल्यावस्था देख-रेख और शिक्षा (86वें संशोधन से) अनु. 45 में हैं।
- प्रौढ़ शिक्षा संबंधी प्रावधान इसमें शामिल नहीं है।
|
34. निम्नलिखित में से कौन-सा एक राज्य का नीति निदेशक सिद्धांत, संविधान में बाद में जोड़ा गया?
(a) ग्राम पंचायतों का संगठन
(b) गोवध-निषेध
(c) मुफ्त कानूनी सलाह
(d) समान नागरिक संहिता
[U. P. R.O./A.R.O. (Pre) 2014]
उत्तर-(c) मुफ्त कानूनी सलाह
- मुफ्त कानूनी सलाह का राज्य का नीति निदेशक सिद्धांत, संविधान में बाद में जोड़ा गया।
- 42वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1976 द्वारा भारतीय संविधान के भाग IV में नीति निदेशक तत्व के अनुच्छेद 39 क में गरीबों के लिए मुफ्त कानूनी सलाह (समान न्याय और निःशुल्क विधिक सहायता) का प्रावधान किया गया है।
|
35. राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. इसका उद्देश्य समान अवसरों के आधार पर समाज के कमजोर वर्गों को निःशुल्क एवं सक्षम विधिक सेवाएं उपलब्ध कराना है।
2. यह देशभर में विधिक कार्यक्रमों और योजनाओं को लागू करने के लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों को निर्देश जारी करता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2013]
उत्तर-(c) 1 और 2 दोनों
- राज्य नीति के निदेशक तत्वों के तहत अनुच्छेद 39-क के अनुसरण में राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण समाज के कमजोर वर्गों को निःशुल्क एवं सक्षम विधिक सेवाएं उपलब्ध कराता है, साथ ही यह देश भर में विधिक कार्यक्रमों और योजनाओं को लागू करने के लिए राज्य विधिक सेवा प्राधिकरणों को निर्देश एवं वित्तीय अनुदान प्रदान करता है।
|
36. भारत में, विधिक सेवा प्रदान करने वाले प्राधिकरण (Legal Services Authorities), निम्नलिखित में से किस प्रकार के नागरिकों को निःशुल्क विधिक सेवाएं प्रदान करते हैं?
1. रु. 1,00,000 से कम वार्षिक आय वाले व्यक्ति को
2. रु. 2,00,000 से कम वार्षिक आय वाले ट्रांसजेंडर को
3. रु. 3,00,000 से कम वार्षिक आय वाले अन्य पिछड़े वर्ग (OBC) के सदस्य को
4. सभी वरिष्ठ नागरिकों को
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए-
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 3 और 4
(c) केवल 2 और 3
(d) केवल 1 और 4
[I.A.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(a) केवल 1 और 2
- संविधान में राज्य नीति के निदेशक तत्वों के अनुच्छेद 39-A के अनुसरण में भारत में विधिक सेवा प्रदान करने वाले प्राधिकरण, विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 की धारा 12 के अंतर्गत पात्र व्यक्तियों को निःशुल्क विधिक सेवाएं प्रदान करते हैं। निःशुल्क विधिक सेवाएं प्राप्त करने हेतु निम्न व्यक्ति पात्र होते हैं-1. महिला और बच्चे
2. अनुसूचित जाति या जनजाति के सदस्य
3. बड़े पैमाने पर प्राकृतिक औद्योगिक आपदा, जातीय हिंसा, बाढ़, सूखा, भूकंप के पीड़ित
4. औद्योगिक कामगार
5. मानसिक रोगी या दिव्यांग व्यक्ति
6. हिरासत में व्यक्ति
7. वे व्यक्ति जिनकी वार्षिक आय केंद्र / राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित आय सीमा से कम है
8. मानव तस्करी या बेगार से पीड़ित व्यक्ति
उपर्युक्त अधिनियम की धारा 12 (h) के अंतर्गत विभिन्न राज्यों या केंद्रशासित प्रदेशों में निःशुल्क विधिक सेवा प्राप्त करने हेतु आय सीमा भिन्न-भिन्न है।
- यह सीमा कतिपय अपवादों के अतिरिक्त अधिकांश राज्यों में 1,00,000 रु. तक तथा कुछ राज्यों में 1,50,000 रु. या 3,00,000 रु. तक निर्धारित है।
– दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण 1,00,000 रु. से कम वार्षिक आय वाले सामान्य व्यक्ति तथा 2,00,000 रु. से कम वार्षिक आय वाले ट्रांसजेंडर को निःशुल्क विधिक सेवा प्रदान करता है।
– दिल्ली विधिक सेवा प्राधिकरण 2,00,000 रु. से कम वार्षिक आय वाले वरिष्ठ नागरिकों को भी निःशुल्क विधिक सेवा प्रदान करता है।
|
37. इनमें से कौन राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों में सम्मिलित नहीं है?
(a) मद्य निषेध
(b) काम का अधिकार
(c) समान कार्य हेतु समान वेतन
(d) सूचना का अधिकार
[U.P.P.C.S. (Pre) 2006, U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर-(d) सूचना का अधिकार
- संविधान में राज्य के नीति निदेशक तत्वों के तहत अनुच्छेद 39 (क) में पुरुष और स्त्री सभी नागरिकों को समान रूप से जीविका के पर्याप्त साधन प्राप्त करने का अधिकार एवं अनुच्छेद 41 में कुछ दशाओं में काम, शिक्षा और लोक सहायता पाने का अधिकार उल्लिखित हैं।
- अनुच्छेद 39 (घ) में पुरुषों और स्त्रियों दोनों का समान कार्य के लिए समान वेतन वर्णित है, जबकि अनुच्छेद 47 के अनुसार, राज्य अपने लोगों के पोषाहार स्तर और जीवन स्तर को ऊंचा करने और लोक स्वास्थ्य के सुधार को अपने प्राथमिक कर्तव्यों में मानेगा और राज्य, विशिष्टतया मादक पेयों और स्वास्थ्य के लिए हानिकारक ओषधियों के औषधीय प्रयोजनों से भिन्न उपभोग का प्रतिषेध करने का प्रयास करेगा।
सूचना का अधिकार नीति निदेशक सिद्धांतों में सम्मिलित नहीं है। सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 के तहत यह एक विधिक अधिकार है तथा सर्वोच्च न्यायालय ने अपने अनेक निर्णयों में इसे संविधान के अनुच्छेद 19(1)(a) में वर्णित वाक् एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के मूल अधिकार में निहित माना है।
|
38. निम्नलिखित में से कौन-सा नीति निदेशक तत्व है?
(a) समान नागरिक संहिता
(b) प्रेस की स्वतंत्रता
(c) धर्म की स्वतंत्रता
(d) विधि के समक्ष समानता
[U.P.P.S.C. (GIC) 2010,U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर-(a) समान नागरिक संहिता
- संविधान के अनु. 44 के तहत राज्य द्वारा भारत के समस्त राज्यक्षेत्र में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता (Common Civil Code) प्राप्त कराने का प्रयास करना नीति निदेशक तत्वों में शामिल किया गया है।
|
39. निम्नलिखित में, राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों के विषयों की पहचान कीजिए।
(1) मद्य निषेध
(2) फैक्टरियों एवं खानों में बाल श्रम निषेध
(3) बेगार अथवा बलात्श्रम निषेध
(4) अस्पृश्यता निषेध
निम्न कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।
कूट :
(a) 1, 2
(b) 1, 2, 3
(c) 1
(d) 2, 3, 4
[U.P.P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर-(c) 1
- मद्य निषेध संविधान के अनु. 47 के तहत राज्य के नीति निदेशक सिद्धांतों का विषय है, जबकि फैक्टरियों एवं खानों में बाल श्रम निषेध (अनु. 24), बेगार अथवा बलात्श्रम निषेध (अनु. 23) तथा अस्पृश्यता निषेध (अनु. 17) संविधान में प्रदत्त मौलिक अधिकारों के भाग हैं।
|
40. निम्न में से कौन एक राज्य के नीति निदेशक तत्वों में नहीं है? राज्य सुनिश्चित करने का प्रयास करेगा कि-
(a) पुरुष और महिलाओं को समान कार्य हेतु समान वेतन
(b) जीविकोपार्जन हेतु पर्याप्त साधनों का समान अधिकार
(c) अस्पृश्यता उन्मूलन
(d) काम हेतु न्यायसंगत और मानवोचित दशाओं में रहें
[U.P.Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2008]
उत्तर-(c) अस्पृश्यता उन्मूलन
- संविधान में मूल अधिकारों के अंतर्गत समता के अधिकार के तहत अनु. 17 में अस्पृश्यता उन्मूलन का उल्लेख है।
- अन्य तीनों विकल्पों में, पुरुष और महिलाओं को समान कार्य हेतु समान वेतन अनु. 39 (घ) में, जीविकोपार्जन हेतु पर्याप्त साधनों का समान अधिकार अनु. 39 (क) में तथा काम हेतु न्यायसंगत एवं मानवोचित दशाएं अनु. 42 में राज्य के नीति निदेशक तत्वों के अंतर्गत है।
|
41. ‘राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत एक ऐसा चेक है, जो बैंक की सुविधानुसार अदा किया जाता है।’ किसने कहा था?
(a) बी.आर. अम्बेडकर ने
(b) के.एम. मुंशी ने
(c) डॉ. राजेंद्र प्रसाद ने
(d) के.टी. शाह ने
[U.P. P.C.S. (Mains) 2007]
उत्तर-(d) के.टी. शाह ने
- के.टी. शाह ने कहा था कि “राज्य के नीति निदेशक सिद्धांत एक ऐसा चेक है, जो बैंक की सुविधानुसार अदा किया जाता है।”
|
42. भारत के संविधान के संदर्भ में, निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. मूल अधिकार
2. मूल कर्तव्य
3. राज्य की नीति के निदेशक तत्व
भारत सरकार द्वारा आरंभ किए गए राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम में भारत के संविधान के उपर्युक्त उपबंधों में से कौन-सा/ से पूरे होते है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2010]
उत्तर-(b) केवल 3
- 15 अगस्त, 1995 से प्रारंभ राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम संविधान में प्रदत्त राज्य के नीति निदेशक तत्वों अर्थात राज्य के संवैधानिक लक्ष्यों (विशेषकर अनुच्छेद 41 के तहत बेरोजगारी, वृद्धावस्था आदि की स्थिति में लोक सहायता संबंधी निदेश) की प्राप्ति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
|
43. भारतीय संविधान के भाग IV में दिए गए निर्देशित सिद्धांतों में निम्न में से कौन-सा/से सूचीबद्ध है/हैं?
1. समान कार्य के लिए समान वेतन
II. समान नागरिक संहिता
III. छोटे परिवार का मानदंड
IV. प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा
(a) I, II और III
(b) I और II
(c) II और III
(d) I, II और IV
(e) उपरोक्त में से कोई नहीं/ उपरोक्त में से एक से अधिक
[60th-62nd B.P.S.C. (Pre) 2016]
उत्तर-(b) I और II
- भारतीय संविधान के भाग IV में दिए गए निर्देशित सिद्धांतों में अनुच्छेद 39(घ) में समान कार्य के लिए समान वेतन और अनुच्छेद 44 में नागरिकों के लिए समान नागरिक संहिता सूचीबद्ध है।
- जबकि अनुच्छेद 350-क प्राथमिक स्तर पर मातृभाषा में शिक्षा देने का विशेष निर्देश देता है, हालांकि यह भाग IV में उल्लिखित नहीं है।
|