1. इतिहासकार बरनी ने दिल्ली के सुल्तानों के अधीन भारत मे शासन को वास्तव में इस्लामी नहीं माना क्योंकि-
(a) अधिकतर आबादी इस्लाम का अनुसरण नहीं करती थी।
(b) मुस्लिम धर्मतत्त्वज्ञ की अक्सर उपेक्षा की जाती थी।
(c) सुल्तान ने मुस्लिम कानून के साथ-साथ अपने स्वयं के भी नियम बना दिए थे।
(d) गैर-मुसलमानों को धार्मिक स्वतंत्रता दे दी गई थी।
[I.A.S. (Pre) 2002]
उत्तर- (a) अधिकतर आबादी इस्लाम का अनुसरण नहीं करती थी।
- इतिहासकार बरनी ने यह नहीं सोचा था कि दिल्ली के सुल्तानों ने भारत को इस्लामिक राज्य बना दिया था क्योंकि भारत में अधिकांश लोग मुस्लिम नहीं थे।
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2. सल्तनत काल के अधिकांश अमीर एवं सुल्तान किस वर्ग के थे?
(a) तुर्क
(b) मंगोल
(c) तातार
(d) अरब
[U.P. P.C.S. (Pre) 1991]
उत्तर- (a) तुर्क
- सल्तनत काल के दौरान अधिकांश शासक और सुल्तान तुर्की पृष्ठभूमि से थे।
- सुल्तान सरकार का नेता होता था और ऊँचे पदों पर बैठे लोगों को ‘अमीर’ कहा जाता था।
- जब सुल्तान सक्षम, कमजोर या बहुत छोटा नहीं था, तब इन लोगों का बड़ा प्रभाव था।
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3. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. दिल्ली सल्तनत के राजस्व प्रशासन में राजस्व वसूली के प्रभारी को ‘आमिल’ कहा जाता था।
2. दिल्ली के सुल्तानों की इक्ता प्रणाली एक प्राचीन देशी संस्था थी।
3. ‘मीर बख्शी’ का पद दिल्ली के ख़िलजी सुल्तानों के शासनकाल में अस्तित्व में आया।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 1 और 2
(c) केवल 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (a) केवल 1
- क्षेत्र को जिलों या कस्बों में विभाजित किया गया था।
- जिले में सरकारी कर्मचारी को आमिल कहा जाता था, जो कर एकत्र करता था।
- मुशरिक स्थानीय स्तर पर चीजों का हिसाब रखता था और खजानदार पैसे का प्रबंधन करता था।
- इक्ता मूल निवासी नहीं था.
- मुगल शासन के दौरान मीर बख्शी सेना, कुलीन वर्ग और सूचना एवं खुफिया ब्यूरो के लिए जिम्मेदार थे।
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4. निम्नलिखित में से कौन-सी एक विशिष्टता ‘इक्ता व्यवस्था’ की नहीं है?
(a) इक्ता एक राजस्व एकत्रित करने की व्यवस्था थी।
(b) सियासतनामा इक्ता व्यवस्था की जानकारी का स्रोत था।
(c) इक्ता से एकत्रित राजस्व सीधा सुल्तान के खाते में जाती थी।
(d) मुक्ती को इक्ता से एकत्रित राजस्व से सैनिक रखने पड़ते थे।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर-(c) इक्ता से एकत्रित राजस्व सीधा सुल्तान के खाते में जाती थी।
- इल्तुतमिश ने सल्तनत काल के दौरान भारत में इक्ता प्रणाली की शुरुआत की।
- इक्तादार या मुक्ति उस क्षेत्र में राजस्व और कर संग्रह के लिए जिम्मेदार थे, जिस पर उनका अधिकार था।
- इक्ता से एकत्रित धन का उपयोग मुक्ति द्वारा अपने सैन्य और प्रशासनिक खर्चों को कवर करने और सुल्तान की सेवा के लिए सैनिकों को भुगतान करने के लिए किया जाता था।
- अबू अली हसन इब्न अली तुसी का सियासत नामा मूल इक्ता प्रणाली के लिए जानकारी का मुख्य स्रोत है।
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5. मध्यकालीन भारत के संदर्भ में, निम्नलिखित में से कौन-सा आकार की दृष्टि से आरोही क्रम में सही अनुक्रम है?
(a) परगना – सरकार – सूबा
(b) सरकार – परगना – सूबा
(c) सूबा – सरकार – परगना
(d) परगना – सूबा – सरकार
[I.A.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (a) परगना – सरकार – सूबा
- मध्यकालीन भारत के संदर्भ में संपूर्ण साम्राज्य को सूबा (प्रांत) में बांटा गया था।
- ‘सूबेदार’ सूबे के शासन का प्रमुख अधिकारी था।
- प्रशासन की दृष्टि से प्रत्येक सूबे को अनेक इकाइयों में बांटा गया था।
- इन इकाइयों को ‘सरकार’ कहा जाता था।
- प्रत्येक सरकार का प्रमुख अधिकारी ‘फौजदार’ होता था।
- प्रत्येक सरकार को पुनः ‘परगना’ या ‘महल’ में विभाजित किया गया था।
- यहां का प्रमुख अधिकारी ‘शिकदार’ होता था।
- परगनों के अंतर्गत गांव होते थे, जिन्हें ‘मावदा’ या ‘दीह’ कहा जाता था।
- मावदा के अंतर्गत बहुत छोटी-छोटी बस्तियां होती थीं, जिन्हें ‘नागला’ कहा जाता था।
- शाहजहां के शासनकाल में परगना तथा सरकार के बीच एक और इकाई का निर्माण किया गया, जिसे ‘चकला’ कहते थे तथा जिसके अंतर्गत कुछ परगने आते थे।
- अतः मध्यकालीन भारत में आकार की दृष्टि से सही आरोही अनुक्रम इस प्रकार है-परगना-सरकार सूबा।
- इस प्रकार विकल्प (a) सही उत्तर है।
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6. दिल्ली सल्तनत में दीवान-ए-अर्ज विभाग की स्थापना किसने की?
(a) बलबन
(b) इल्तुतमिश
(c) अलाउद्दीन खिलजी
(d) फिरोज तुगलक
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2018]
उत्तर- (a) बलबन
- दिल्ली सल्तनत के निर्माण में बलबन (1266-1286 ई.) की प्रमुख भूमिका थी।
- उन्होंने वित्त विभाग (दीवान-ए-जादूगर) और सैन्य विभाग (दीवान-ए-अर्ज़) के बीच अंतर किया।
- उन्होंने सैन्य विभाग का भी पुनर्गठन किया और विद्रोह को रोकने के लिए विभिन्न स्थानों पर सेना भेजी।
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7. निम्नलिखित में से कौन एक युग्म सुमेलित नहीं है?
(a) दीवान-ए-मुस्तखराज – अलाउद्दीन खिलजी
(b) दीवान-ए-अमीरकोही – मुहम्मद बिन तुगलक
(c) दीवान-ए-खैरात – फिरोज तुगलक
(d) दीवान-ए-रियासत – बलबन
[U. P. P. C. S. (Mains) 2008]
उत्तर-(d) दीवान-ए-रियासत – बलबन
- निम्नलिखित शासकों ने विभिन्न विभाग बनाये –
- अलाउद्दीन खिलजी ने राजस्व विभाग की स्थापना की।
- मुहम्मद-बिन तुगलक ने एक कृषि विभाग बनाया।
- फ़िरोज़ तुगलक ने दान विभाग बनाया।
- अलाउद्दीन खिलजी ने एक बाज़ार नियंत्रण विभाग भी बनाया।
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8. निम्नलिखित युग्मों में से कौन-सा सही रूप में सुमेलित है?
(a) दीवान-ए-बंदगान – फिरोज तुगलक
(b) दीवान-ए-मुस्तखराज – बलबन
(c) दीवान-ए-कोही – अलाउद्दीन खिलजी
(d) दीवान-ए-अर्ज – मुहम्मद तुगलक
[I.A.S. (Pre) 2001]
उत्तर- (a) दीवान-ए-बंदगान – फिरोज तुगलक
- फ़िरोज़ शाह तुगलक ने दीवान-ए-बंदगान की स्थापना की, जो दासों का प्रभारी था।
- अलादीन खिलजी ने तब भ्रष्टाचार और राजस्व प्रणाली से चोरी से निपटने के लिए दीवान-ए-मुस्तखराज की स्थापना की।
- मुहम्मद-बिन-तुगलक ने दीवानी-अमीर कोही विभाग बनाया।
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9. सल्तनत काल में ‘दीवान-ए-अमीर-ए-कोही’ विभाग निम्नलिखित में से किससे संबंधित था?
(a) सेना
(b) राजस्व
(c) कृषि
(d) मनोरंजन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2017]
उत्तर-(c) कृषि
- मुहम्मद बिन तुगलक ने कृषि की उन्नति के लिए एक नया विभाग ‘दीवान-ए-अमीर-ए-कोही’ की स्थापना की।
- इस विभाग का मुख्य कार्य कृषकों को प्रत्यक्ष सहायता देकर अधिक भूमि कृषि कार्य के अधीन लाना था।
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10. सूची-1 को सूची-II के साथ सुमेलित करो एवं निम्न दिए हुए कूट में से सही उत्तर का चयन करो-
सूची-1 |
सूची-II |
A. दीवाने अर्ज |
1. धार्मिक मुद्दों से संबंधित |
B. दीवाने रिसालत |
2. सरकारी पत्र व्यवहार से संबंधित |
C. दीवाने इन्शा |
3. वित्तीय मामलात से संबंधित |
D. दीवाने वजारत |
4. सेना विभाग से संबंधित |
कूट :
A B C D
(a) 1, 3, 4, 2
(b) 2, 4, 1, 3
(c) 3, 2, 1, 4
(d) 4, 1, 2, 3
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2013]
उत्तर-(d) 4, 1, 2, 3
- सही सुमेलित विभाग और उनकी गतिविधियाँ इस प्रकार हैं –
दीवाने अर्ज |
सेना विभाग से संबंधित |
दीवाने रिसालत |
धार्मिक मुद्दों से संबंधित / विदेशी मामलों से संबंधित |
दीवाने इन्शा |
सरकारी पत्र व्यवहार से संबंधित |
दीवाने वजारत |
वित्तीय मामलात से संबंधित |
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11. ‘दीवान-ए-अर्ज’ विभाग संबंधित था –
(a) शाही पत्राचार से
(b) विदेश विभाग से
(c) रक्षा विभाग से
(d) वित्त विभाग से
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[60th to 62nd B.P.S.C. (Pre) 2016]
उत्तर-(c) रक्षा विभाग से
- दीवान-ए-अर्ज सेना से संबंधित मामलों को संभालता था।
- दीवान-ए-रिसालत धार्मिक मुद्दों और विदेशी मामलों को देखता था।
- दीवान-ए-इंशा राजकीय पत्र-व्यवहार का कार्य संभालता था।
- दीवान-ए-विज़ारत वित्तीय मामलों को संभालता था।
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12. निम्न में से किस राजवंश के अंतर्गत विजारत का चरमोत्कर्ष हुआ?
(a) इलबरी
(b) खिलजी
(c) तुगलक
(d) लोदी
[U.P. P.C.S. (Pre) 1997]
उत्तर- (c) तुगलक
- विज़ारत इस्लामी कानून में मान्यता प्राप्त एक संस्था थी।
- इस नाम का प्रयोग किसी शासक के अधीन परिषद के मंत्री के लिए किया जाता था, जो फारस के अब्बासी खलीफाओं से प्रेरित था।
- महमूद गजनवी के शासनकाल के दौरान अब्बास फजल-बिन-अहमद पहला वजीर था।
- यह प्रधान मंत्री राज्य के वित्त का प्रभारी था और वज़ीर के नाम से जाना जाता था।
- तुगलक काल में भारतीय मुस्लिम विजारत अपने चरम पर थी।
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13. मध्यकाल की सरकार एक समग्र संरचना थी। ये विलय था-
(a) तुर्क-मंगोल (मध्य एशिया) का
(b) फारस-अरब, तुर्क-मंगोल (मध्य एशिया) का
(c) फारस-अरब, तुर्क-मंगोल, भारतीय तत्वों का
(d) फारस अरब का
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर-(c) फारस-अरब, तुर्क-मंगोल, भारतीय तत्वों का
- मध्यकाल की सरकार में फारस-अरब, तुर्क-मंगोल तथा भारतीय तत्वों का मिश्रण था।
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14. निम्नलिखित में कौन भूमि-उत्पाद पर लगने वाले कर को इंगित करता है?
(i) खराज
(ii) खुम्स
(iii) उश्र
(iv) मुक्तई
अपने उत्तर का चयन निम्नलिखित कूटों से करें-
(a) केवल (i)
(b) (ii) एवं (iii)
(c) (i), (ii) एवं (iii)
(d) (i), (iii) एवं (iv)
[40th B.P.S.C. (Pre) 1995]
उत्तर-(d) (i), (iii) एवं (iv)
- इस्लामी संस्कृति में, खुम्स मुस्लिम सेना द्वारा दिया जाने वाला एक कर है जिसके लिए युद्ध से होने वाले लाभ का 20% इस्लामी राज्य को देना होता है।
- अन्य 80% भूमि के संसाधनों से एकत्र किया जाता है।
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15. भारत के किस मध्यकालीन शासक ने ‘इक्ता व्यवस्था’ प्रारंभ की थी?
(a) इल्तुतमिश
(b) बलबन
(c) अलाउद्दीन खिलजी
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[U.P.P.C. S. (Pre) 2010]
उत्तर- (a) इल्तुतमिश
- इल्तुतमिश भारत में ‘इकता’ प्रणाली लेकर आये।
- यह प्रणाली खलीफा के इस्लामी साम्राज्य का हिस्सा थी और सेना के अधिकारियों को नियमित वेतन के बदले भूमि प्राप्त करने की अनुमति देती थी।
- इसे 9वीं शताब्दी ईस्वी में सरकार की मदद करने के लिए बनाया गया था जब करों से वेतन देने के लिए पर्याप्त धन नहीं आ रहा था और युद्धों से पर्याप्त लूट नहीं हो रही थी।
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16. सल्तनत काल में भू-राजस्व का सर्वोच्च ग्रामीण अधिकारी था-
(a) चौधरी
(b) रावत
(c) मलिक
(d) पटवारी
[I.A.S. (Pre) 2004]
उत्तर- (a) चौधरी
- सल्तनत काल में पारंपरिक सामाजिक पदानुक्रम में चौधरी की बड़ी भूमिका थी।
- सुलतान शीर्ष पर था, उसके बाद सुलतान का सूबेदार और गाँव का मुखिया, जो चौधरी होता था।
- जब सल्तनत ने रईसों के अधिकार को कम करना शुरू किया तो उन्होंने चौधरी से कर वसूल करने को कहा।
- अत: सल्तनत काल में चौधरी गाँवों के मुख्य कर संग्रहकर्ता थे।
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17. ‘शर्व’ कर लगाया जाता था-
(a) व्यापार पर
(b) सिंचाई पर
(c) गैर-मुसलमानों पर
(d) उद्योग पर
[U.P. P.C.S. (Pre) 1996]
उत्तर-(b) सिंचाई पर
- फिरोज तुगलक ने लोगों पर कितना कर लगाया जाए, यह तय करने के लिए कुरान के नियमों का इस्तेमाल किया।
- उन्होंने चार करों की अनुमति दी जिन्हें कुरान द्वारा अनुमोदित किया गया था:
- उन्होंने धार्मिक विशेषज्ञों की सलाह के आधार पर फसलों पर 10% कर भी लगाया।
- उन्होंने 28 कठोर करों से छुटकारा दिलाया।
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18. जवाबित का संबंध किससे था?
(a) राज्य कानून से
(b) मनसब प्रणाली को नियंत्रण करने वाले कानून से
(c) टकसाल से संबंधित कानून
(d) कृषि संबंधित कर
[39th B.P.S.C. (Pre) 1994 U.P. P.C.S. (Pre) 1997]
उत्तर- (a) राज्य कानून से
- ज़वाबिट्स सुल्तान के समय में सरकार से जुड़े कानून थे।
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19. हदीस है एक-
(a) इस्लामिक कानून
(b) बंदोबस्त कानून
(c) सल्तनत कालीन कर
(d) मनसबदार
(e) इनमें से कोई नहीं
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (a) इस्लामिक कानून
- हदीस मुहम्मद द्वारा कही गई, की गई और अनुमति दी गई बातों के बारे में कहानियों का एक समूह है।
- वे हमें बताते हैं कि उसके आसपास क्या करना ठीक है या क्या नहीं।
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20. सल्तनत काल में ‘फवाज़िल’ का अर्थ था-
(a) अभिजात वर्ग (Nobles) को दिया जाने वाला अतिरिक्त भुगतान
(b) वेतन के बदले में निर्धारित मालगुजारी
(c) इक्तादारों द्वारा सरकारी खजाने में जमा की जाने वाली अतिरिक्त राशि
(d) कृषकों से की जाने वाली गैर-कानूनी जबरी वसूली
[I.A.S. (Pre) 1998]
उत्तर-(c) इक्तादारों द्वारा सरकारी खजाने में जमा की जाने वाली अतिरिक्त राशि
- सल्तनत काल में जमींदारों द्वारा सरकार को दी जाने वाली अतिरिक्त धनराशि को “फ़वाज़िल” कहा जाता था।
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21. सल्तनत काल की दो प्रमुख मुद्राओं का पता निम्नलिखित कूट से करें-
1. दाम
2. जीतल
3. रुपिया
4. टंका
कूट :
(a) 1 और 2
(b) 1 और 3
(c) 2 और 3
(d) 2 और 4
[U.P. P.C.S. (Pre) 2001]
उत्तर-(d) 2 और 4
- सल्तनत काल के दौरान, दो मुख्य प्रकार के धन का उपयोग किया जाता था: जीतल और टंका।
- प्रथम तुर्की शासक इल्तुतमिश को शुद्ध अरबी सिक्के चलन में लाने का श्रेय दिया जाता है।
- वह चांदी के टंका सिक्के और तांबे के जीतल सिक्के बनाने वाले पहले व्यक्ति थे, जिनका दिल्ली सल्तनत की मुद्रा प्रणाली पर बड़ा प्रभाव पड़ा।
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22. किसके सिक्कों पर बगदाद के अंतिम खलीफा का नाम सर्वप्रथम अंकित हुआ?
(a) कुतुबुद्दीन ऐबक
(b) इल्तुतमिश
(c) अलाउद्दीन खिलजी
(d) अलाउद्दीन मसूद शाह
[U.P.P.C.S. (Pre) 2012]
उत्तर-(d) अलाउद्दीन मसूद शाह
- पहली बार बगदाद के अंतिम खलीफा अल-मुस्तसिम का नाम अलाउद्दीन मसूद शाह के सिक्कों पर दिखाई दिया, जो 1242 से 1246 ईस्वी तक पद पर था।
- खलीफा मुस्तानसिर का नाम इल्तुतमिश के सिक्कों पर अंकित था, जो 1226 से 1242 ई. तक सत्ता में था।
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