भारतीय संस्कृति पर अनमोल वचन

विश्व के सर्वोत्कृष्ट कथनों और विचारों का ज्ञान ही संस्कृति है। – आर्नल्ड

 

जो संस्कृति महान होती है, वह दूसरों की संस्कृति को भय नहीं देती, बल्कि उसे साथ लेकर पवित्रता देती है। गंगा महान क्यों है? दूसरे प्रवाहों को स्वयं में मिला लेने के कारण ही वह पवित्र रहती है। – साने गुरुजी

 

स्वभाव की गंभीरता, मन की समता, संस्कृति के अंतिम पाठों में से एक है और यह समस्त विश्व को वश में करनेवाली शक्ति में पूर्ण विश्वास से उत्पन्न होती है। – स्वेट मार्डन

 

संस्कृति एकान्तिक वस्तु नहीं है। उसका अर्थ हर एक जगह एक ही नहीं होता। – महात्मा गांधी

 

कोई भी संस्कृति जीवित नहीं रह सकती, यदि वह अपने की अन्य से पृथक रखने का प्रयास करे। – महात्मा गांधी

 

व्यक्ति की भाँति राष्ट्र भी जीवित रहते हैं और मरते हैं, किन्तु संस्कृति का कभी पतन नहीं होता। – मेजिनी

 

हिन्दू संस्कृति आध्यात्मिकता की अमर आधारशिला पर स्थित है। – स्वामी विवेकानन्द

 

संस्कृति की चाहे कोई भी परिभाषा क्यों न हो, किन्तु उसे व्यक्ति, समूह अथवा राष्ट्र की सीमाओं में बाँधना मनुष्य की सबसे बड़ी भूल है। – नेहरू

 

संस्कृति का सही मूल्यांकन अच्छी नारियों का उस पर प्रभाव है। – एमसन

 

उपासना, मत और ईश्वर सम्बन्धी विश्वास की स्वतंत्रता भारतीय संस्कृति की परम्परा रही है। –अटल बिहारी वाजपेयी

 

भारतीय सभ्यता और संस्कृति की विशालता और उसकी महत्ता तो सम्पूर्ण मानव के साथ तादात्म्य संबंध स्थापित करने अर्थात् ‘वसुधैव कुटुम्बकम्‘ की पवित्र भावना में निहित है। –मदनमोहन मालवीय

 

आंशिक संस्कृति शृंगार की ओर दौडती है, अपरिमित संस्कृति सरलता की ओर। –बोबी

 

सभ्यता शरीर है, संस्कृति आत्मा; सभ्यता जानकारी और भिन्न क्षेत्रों में महान एवं दु:खदायी खोज का परिणाम है, संस्कृति ज्ञान का परिणाम है। – श्री प्रकाश

 

भारत की एकता का मुख्य आधार एक संस्कृति है, जिसका प्रवाह कहीं नहीं टूटा। यही इसकी विशेषता है। भारतीय एकता अक्षुण्ण है क्योंकि भारतीय संस्कृति की धारा निरंतर बहती रही है और बहेगी। – मदन मालवीय

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