1. निम्नलिखित में से किसने ‘सांप्रदायिक अधिनिर्णय’ घोषित किया?
(a) रैम्जे मैक्डोनॉल्ड
(b) स्टेनले बॉल्डविन
(c) नेविल चैम्बरलेन
(d) विंस्टन चर्चिल
[U.P. P.C.S. (Pre) 1999]
उत्तर- (a) रैम्जे मैक्डोनॉल्ड
- दूसरे गोलमेज सम्मेलन में निचले वर्गों और विभिन्न समुदायों के लिए एक विशेष मतदान समूह के मुद्दे पर कोई सहमति नहीं बनी।
- ब्रिटिश प्रधान मंत्री रामसे मैकडोनाल्ड को समाधान खोजने का काम दिया गया।
- 16 अगस्त, 1932 को रामसे मैकडोनाल्ड ने समाधान के रूप में अपने “सांप्रदायिक पुरस्कार” की घोषणा की।
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2. अगस्त, 1932 के रैम्जे मैक्डोनॉल्ड के सांप्रदायिक पंचाट के द्वारा पहली बार एक पृथक निर्वाचक समूह बनाया गया-
(a) मुसलमानों के लिए
(b) भारतीय ईसाइयों के लिए
(c) एंग्लो-इंडियंस के लिए
(d) अछूतों के लिए
[42nd B.P.S.C. (Pre) 1997]
उत्तर- (d) अछूतों के लिए
- अगस्त 1932 में ब्रिटिश प्रधान मंत्री रामसे मैकडोनाल्ड ने सांप्रदायिक पुरस्कार की घोषणा की।
- इस कानून ने विधान सभा में मुस्लिम, सिख और दलित (अछूत) जैसे अल्पसंख्यक समूहों को कुछ सीटें दीं।
- नए कानून के आधार पर दलितों को अल्पसंख्यक माना जाएगा।
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3. कथन (A): ब्रिटिश सरकार ने अगस्त, 1932 में सांप्रदायिक पुरस्कार की घोषणा की।
कारण (R): इसके तहत प्रत्येक अल्पसंख्यक समुदाय के लिए विधानमंडलों में कुछ सीटें सुरक्षित की गई थी, जिसके लिए सदस्यों का चुनाव पृथक निर्वाचन मंडलों से होता था।
नीचे दिए गए कूट का उपयोग कर सही उत्तर चुनिए-
कूट :
(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं और (A) का सही स्पष्टीकरण (R) है।
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं, किंतु (A) का सही स्पष्टीकरण (R) नहीं है।
(c) (A) सही है, किंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, किंतु (R) सही है।
[U.P. R.O/A.R.O. (Mains) 2018]
उत्तर- (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं और (A) का सही स्पष्टीकरण (R) है।
- 16 अगस्त, 1932 को ब्रिटिश प्रधान मंत्री रामसे मैकडोनाल्ड ने सांप्रदायिक पुरस्कार की घोषणा की।
- इस कानून में कहा गया था कि विधान सभा में कुछ सीटें ऐसी होंगी जो अल्पसंख्यक समूहों के लिए आरक्षित होंगी, जिनमें मुस्लिम, सिख और अब दलित (अछूत) शामिल हैं।
- इन सीटों को विशेष चुनाव द्वारा चुना जाएगा।
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4. मैक्डोनॉल्ड के सांप्रदायिक पंचाट (Communal Award) ने किसे पृथक चुनाव क्षेत्र एवं आरक्षित सीटें आवंटित नहीं की थीं?
(a) मुसलमानों को
(b) सिक्खों को
(c) अनुसूचित जातियों को
(d) बौद्धों को
[U.P. P.C.S. (Pre) 2001]
उत्तर- (d) बौद्धों को
- 16 अगस्त, 1932 को ब्रिटिश प्रधान मंत्री रामसे मैकडोनाल्ड ने सांप्रदायिक पुरस्कार की घोषणा की।
- मुस्लिमों के साथ-साथ दलित वर्ग को भी प्रांतीय विधान सभाओं में अपने विशेष मतदान क्षेत्र दिए गए।
- ईसाइयों, सिखों, एंग्लो-इंडियनों और अन्य लोगों को भी अपने-अपने वर्ग दिए गए, लेकिन बौद्धों को अलग निर्वाचन क्षेत्र नहीं दिए गए।
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5. महात्मा गांधी ने पहला आमरण अनशन कब प्रारंभ किया था?
(a) कम्युनल अवॉर्ड के समय
(b) कलकत्ता के दंगों के समय
(c) जलियांवाला बाग दुर्घटना के समय
(d) दिल्ली के दंगों के समय
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (a) कम्युनल अवॉर्ड के समय
- 16 सितंबर 1932 को, एक नए भारतीय संविधान के ब्रिटिश समर्थन का विरोध करने के लिए महात्मा गांधी ने ‘आमरण अनशन’ शुरू किया, जिसने भारतीय मतदाताओं को जाति से अलग कर दिया।
- यह अलग निर्वाचक मंडल मैकडोनाल्ड पुरस्कार के माध्यम से दिया गया था जब दूसरे दौर की मेज सम्मेलन अनिश्चित रूप से समाप्त हो गया था।
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6. 1932 में महात्मा गांधी ने मरणपर्यंत उपवास प्रधानतया इसलिए किया कि
(a) गोलमेज सभा भारतीय राजनीतिक आकांक्षाओं को संतुष्ट करने में असफल हुई।
(b) कांग्रेस और मुस्लिम लीग में मत-भिन्नता थी।
(c) रैम्जे मैकडोनॉल्ड ने सांप्रदायिक अधिनिर्णय (कम्युनल अवॉर्ड) की घोषणा की।
(d) इस संदर्भ में उपर्युक्त (a), (b) और (c) कथनों में से कोई भी सही नहीं है।
[I.A.S. (Pre) 2012]
उत्तर- (c) रैम्जे मैकडोनॉल्ड ने सांप्रदायिक अधिनिर्णय (कम्युनल अवॉर्ड) की घोषणा की।
- रैम्जे मैकडोनाल्ड ने सांप्रदायिक निर्णय की घोषणा की 1932 में महात्मा गांधी ने आमरण अनशन किया, इसका मुख्य कारण रैम्जे मैकडोनाल्ड द्वारा सांप्रदायिक निर्णय की घोषणा करना था।
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7. सांप्रदायिक अवॉर्ड एवं पूना पैक्ट में क्रमशः दलित वर्ग के लिए कितनी सीटें दी गई?
(a) क्रमशः 74 व 79
(b) क्रमशः 71 व 147
(c) क्रमशः 78 व 80
(d) क्रमशः 78 व 69
[47th B.P.S.C. (Pre) 2005]
उत्तर- (b) क्रमशः 71 व 147
- सांप्रदायिक पुरस्कार में कहा गया कि प्रांतीय विधानमंडलों में 71 सीटें वंचित पृष्ठभूमि के लोगों के लिए अलग रखी जानी चाहिए।
- बाद में पूना पैक्ट ने इस संख्या को बढ़ाकर 148 कर दिया, जिसमें मद्रास में 30, सिंध और बॉम्बे में 15, पंजाब में 8, बिहार और ओडिशा में 18, मध्य प्रांत में 20, असम में 7, बंगाल में 30 और संयुक्त प्रांत में 20 थे।
- कुछ किताबें कहती हैं कि इसकी जगह 147 सीटें थीं। इसके शीर्ष पर।
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8. पूना पैक्ट संबंधित था-
(a) दलित वर्ग से
(b) हिंदू-मुस्लिम एकता से
(c) संवैधानिक प्रगति से
(d) शैक्षिक सुधार से
[U.P. P.C.S. (Pre) 1996, U.P. P.C.S. (Pre) 2007, U.P. Lower Sub. (Pre) 2008]
उत्तर- (a) दलित वर्ग से
- सांप्रदायिक पुरस्कार के तहत प्रांतीय विधानमंडलों में दलित वर्गों के लिए 71 आरक्षित सीटें दी गईं, लेकिन पूना पैक्ट ने इस संख्या को बढ़ाकर 148 कर दिया।
- कुछ पुस्तकों से पता चलता है कि कुल 147 सीटें थीं। इसके अतिरिक्त, केंद्रीय विधानमंडल में सामान्य वर्ग की 18% सीटें भी दलित वर्ग के लिए आरक्षित थीं।
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9. कथन (A): पूना पैक्ट ने कम्युनल अवॉर्ड के उद्देश्य को धराशायी कर दिया।
कारण (R) : उसके माध्यम से संसद एवं विधानसभाओं में अनुसूचित जातियों एवं अनुसूचित जनजातियों के सीट आरक्षण का मार्ग प्रशस्त हो गया।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर चुनिए-
कूट :
(a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
(b) (A) तथा (R) दोनों सही हैं, परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं है।
(c) (A) सही है परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है परंतु (R) सही है।
[U.P. P.C.S. (Mains) 2005]
उत्तर- (a) (A) तथा (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या है।
- 16 अगस्त, 1932 को, रैमसे मैकडोनाल्ड ने सांप्रदायिक पुरस्कार बनाया, जिसने मुसलमानों, सिखों, यूरोपीय और निम्न वर्ग के लोगों को अपने स्वयं के निर्वाचन क्षेत्र की अनुमति दी।
- इस फैसले के विरोध में गांधीजी ने 20 सितंबर को भूख हड़ताल शुरू कर दी.
- अंततः 24 सितम्बर को पूना पैक्ट पर सहमति बनी जिसमें दो प्रावधान बताए गए।
- पहला यह था कि प्रांतीय विधायिका में 148 सीटें निम्न वर्गों के लिए आरक्षित की जाएंगी, सांप्रदायिक पुरस्कार के अनुसार केवल 71 सीटें आरक्षित की जाएंगी।
- दूसरा यह था कि ब्रिटिश भारत में सामान्य मतदाताओं को आवंटित सीटों में से 18% सीटें निम्न वर्गों के लिए आरक्षित की जाएंगी। ये दोनों कथन सत्य थे, जिससे विकल्प (a) सही उत्तर बन गया।
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10. पूना पैक्ट पर हस्ताक्षर किए थे-
(a) गांधीजी एवं लॉर्ड इर्विन
(b) गांधीजी एवं जिन्ना ने
(c) गांधीजी एवं सुभाष चंद्र बोस ने
(d) गांधीजी एवं अम्बेडकर ने
[U.P. P.C.S. (Pre) 2004]
उत्तर- (d) गांधीजी एवं अम्बेडकर ने
- सांप्रदायिक पुरस्कार के विरोध में गांधीजी भूख हड़ताल पर चले गए, जिसके परिणामस्वरूप 24 सितंबर, 1932 को पूना समझौते पर हस्ताक्षर किए गए।
- यह समझौता गांधी जी के समर्थकों और डॉ. बीआर अंबेडकर के बीच हुआ था, हालांकि गांधी जी ने खुद इस पर हस्ताक्षर नहीं किए थे.
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11. ‘सांप्रदायिक अधिनिर्णय’ की घोषणा के पश्चात निम्नलिखित में से किसे संपादित किया गया?
(a) लखनऊ समझौता
(b) कराची समझौता
(c) लाहौर समझौता
(d) पूना समझौता
[U.P. U.D.A./L.D.A. (Spl) (Mains) 2010]
उत्तर- (d) पूना समझौता
- 24 सितंबर, 1932 को गांधीजी के समर्थकों और डॉ. बीआर अंबेडकर के बीच पूना पैक्ट नामक एक समझौते पर हस्ताक्षर किए गए, जब गांधीजी ने सांप्रदायिक पुरस्कार के खिलाफ “आमरण अनशन” किया था।
- इस समझौते पर गांधी जी ने स्वयं हस्ताक्षर नहीं किये थे।
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12. निम्नलिखित में से किसने ऐतिहासिक 1932 के पूना समझौता पर हस्ताक्षर नहीं किए थे?
(a) बी.आर. अम्बेडकर
(b) मदन मोहन मालवीय
(c) सी. राजगोपालाचारी
(d) एम. के. गांधी
[U.P. P.C.S. (Pre) 2001]
उत्तर- (d) एम. के. गांधी
- 24 सितंबर 1932 को, पूना पैक्ट के नाम से जाने जाने वाले दस्तावेज़ पर दलित वर्ग के डॉ. बीआर अंबेडकर और पं. अंबेडकर ने हस्ताक्षर किए थे।
- शाम 5 बजे हिंदू क्लास से मदन मोहन मालवीय
- बॉम्बे में दस्तावेज़ पर हस्ताक्षर करने वालों में एमएम जयकर, देवदास गांधी, विश्वास, राजा भोज, पी. बालू, गवई, ठक्कर, सोलंकी, तेज बहादुर सप्रू, जीडी बिड़ला, राजगोपालाचारी, डॉ. राजेंद्र प्रसाद, डॉ. सहित कई अन्य लोग भी शामिल थे। राव बहादुर श्रीनिवास।
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13. 1932 में पूना पैक्ट के बाद हरिजन सेवक संघ की स्थापना हुई।
इसके अध्यक्ष-
(a) जगजीवनराम थे
(b) घनश्याम दास बिड़ला थे
(c) बी.आर. अम्बेडकर थे
(d) अमृतलाल ठक्कर थे
[U.P. P.C.S. (Pre) 1994, U.P. P.C.S. (Mains) 2011]
उत्तर- (b) घनश्याम दास बिड़ला थे
- 1932 में पूना समझौता हुआ, और उसके बाद, गांधी वास्तव में सविनय अवज्ञा आंदोलन में शामिल नहीं थे।
- हालाँकि, उनकी रुचि अस्पृश्यता विरोधी आंदोलन में हो गई और उन्होंने “अखिल भारतीय अस्पृश्यता लीग” की शुरुआत की।
- बाद में इसका नाम बदलकर “हरिजन सेवक संघ” कर दिया गया और घनश्याम दास बिड़ला को इस संस्था का पहला अध्यक्ष चुना गया।
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14. अखिल भारतीय हरिजन संघ की स्थापना किसने की थी?
(a) महात्मा गांधी
(b) डॉ. भीमराव अम्बेडकर
(c) नारायण गुरु
(d) विवेकानंद
[Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2006, Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007]
उत्तर- (a) महात्मा गांधी
- राष्ट्रपिता के नाम से जाने जाने वाले महात्मा गांधी ने 1932 में अखिल भारतीय अस्पृश्यता विरोधी लीग की स्थापना की।
- इसके बाद उन्होंने 1933 में ‘हरिजन’ नामक पत्रिका शुरू की और घनश्यामदास बिड़ला को हरिजन सेवक संघ का पहला अध्यक्ष चुना।
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15. ‘हरिजन सेवक संघ’ का पूर्व नाम था-
(a) ऑल इंडिया एंटी अनटचेबिलिटी लीग
(b) ऑल इंडिया डिप्रेस्ड क्लासेज एसोसिएशन
(c) डिप्रेस्ड क्लासेज एसोसिएशन फॉर सोशल रिफार्म्स
(d) एसोसिएशन ऑफ अनटचेबल्स
[U.P.P.C.S. (Mains) 2014]
उत्तर- (a) ऑल इंडिया एंटी अनटचेबिलिटी लीग
- महात्मा गांधी ने सितंबर 1932 में समाज में जाति के आधार पर भेदभाव से छुटकारा पाने के लिए “ऑल इंडिया एंटी अनटचेबिलिटी लीग” की स्थापना की।
- बाद में इसका नाम बदलकर “हरिजन” कर दिया गया
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16. ऑल इंडिया डिप्रेस्ड क्लासेज लीग’ स्थापित किया गया था-
(a) डॉ. बी.आर. अम्बेडकर द्वारा
(b) बाबू जगजीवन राम द्वारा
(c) एन.एस. काजरोलकर द्वारा
(d) महात्मा ज्योतिबा फुले द्वारा
[U.P. P.C.S. (Pre) 2000]
उत्तर- (b) बाबू जगजीवन राम द्वारा
- बाबू जगजीवन राम ने डिप्रेस्ड क्लास लीग की शुरुआत की।
- 1942 में, बीआर अंबेडकर ने अखिल भारतीय अनुसूचित जाति महासंघ बनाया।
- एमसी राजा ने 1926 में अखिल भारतीय दलित वर्ग संघ की स्थापना की।
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17. निम्नलिखित में से किसने अखिल भारतीय हरिजन सेवक संघ की 1932 में स्थापना की?
(a) बी.जी. गोखले
(b) एम.के. गांधी
(c) बी. आर. अम्बेडकर
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Mains) 2017]
उत्तर- (b) एम.के. गांधी
- 1932 में पूना समझौते के बाद, महात्मा गांधी अस्पृश्यता विरोधी आंदोलन में अधिक शामिल होने लगे और उन्होंने अखिल भारतीय अस्पृश्यता लीग नामक एक समूह शुरू किया।
- बाद में इसका नाम बदलकर हरिजन सेवक संघ कर दिया गया और घनश्याम दास बिड़ला इसके पहले अध्यक्ष बने।
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18. निम्नलिखित में से किसने कहा था “महात्मा गांधी क्षणिक भूत की भांति धूल उठाते हैं लेकिन स्तर नहीं।”
(a) डॉ. बी.आर. अम्बेडकर
(b) एम.ए. जिन्ना
(c) वी.डी. सावरकर
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[U.P. P.C.S. (Mains) 2004]
उत्तर- (a) डॉ. बी.आर. अम्बेडकर
- 14 अगस्त, 1931 को डॉ. बीआर अंबेडकर और गांधी मुंबई में बातचीत कर रहे थे और अंबेडकर ने कहा कि इतिहास से पता चलता है कि महान लोग चीजों को उत्तेजित कर सकते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि उन्हें ठीक करें।
- इससे पता चला कि दलित वर्गों की स्थिति को लेकर गांधी और अम्बेडकर के बीच तनाव था।
- जवाब में, गांधीजी ने सितंबर 1932 में प्रधान मंत्री रामसे मैकडोनाल्ड के सांप्रदायिक पुरस्कार के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू की।
- आख़िरकार गांधी और अंबेडकर के अनुयायी पूना पैक्ट पर सहमत हो गये।
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