भारतीय कूटनीति के लिए हिंद महासागर का महत्व

प्रश्न: भारत हिंद महासागर को मात्र एक जल निकाय के रूप में नहीं, बल्कि निरंतर आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संवाद के एक वैश्विक मंच के रूप में भी देखता है। सविस्तार वर्णन कीजिए। (150 शब्द)

दृष्टिकोण

  • भारतीय कूटनीति के लिए हिंद महासागर के महत्व का उल्लेख करते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।
  • उन कारणों की चर्चा कीजिए कि क्यों भारत हिंद महासागर को अपनी कूटनीतिक सहभागिता के एक आवश्यक भाग के रूप में स्वीकार करता है।

उत्तर

हिंद महासागर में भारत की केंद्रीय अवस्थिति ने इसे अन्य संस्कृतियों से जुड़ने, समुद्री व्यापार को आकार प्रदान करने, इसकी सामरिक सोच को प्रभावित करने के साथ-साथ बहुपक्षीय संबद्धता के लिए मार्ग प्रदान किए हैं। इसलिए वर्तमान में हिंद महासागर भारत की विदेशी संबद्धता के लिए एक व्यापक मंच के रूप में स्थापित हुआ है।

आर्थिक और सामरिक महत्व:

  • 80% से अधिक तेल संबंधी समुद्री व्यापार हिंद महासागर चोक पॉइंट्स जैसे होर्मूज़, मलक्का और बाब अल-मंदेब जलसंधि के माध्यम से होता है।
  • इस महासागर के अंतरराष्ट्रीय जल क्षेत्र में पॉलिमेटालिक नोड्यूल्स और प्राकृतिक गैस हाइड्रेट्स के विशाल भंडार विद्यमान है।
  • हिंद महासागर में चीन और भारत के मध्य प्रतिस्पर्धा में वृद्धि, आतंकवाद, हॉर्न ऑफ़ अफ्रीका के आसपास समुद्री डकैती की घटनाओं में वृद्धि और मत्स्य पालन संसाधनों में कमी के प्रबंधन सहित विभिन्न सामरिक चुनौतियां निरंतर विकसित होती रही हैं। यह परिदृश्य हिंद महासागर क्षेत्र में सुरक्षा साझेदारी को सुदृढ़ करने में भारत की सक्रिय भागीदारी की मांग करता है।

सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व:

  • हिंद महासागर के कई तटवर्ती देशों, जैसे मॉरीशस, में भारतीय मूल के लोगों की एक बड़ी संख्या निवास करती हैं।
  • भारत इस क्षेत्र में मानवीय संकट और प्राकृतिक आपदाओं में सहायता के लिए एक जवाबदेह राष्ट्र रहा है, जैसा कि 2004 में हिंद महासागर की सुनामी और 2010 में हैती भूकंप के दौरान भारतीय सहयोग के रूप में देखा जा चुका है।
  • हिंद महासागर के तटवर्ती राष्ट्रों के साथ सांस्कृतिक निकटता को ध्यान में रखते हुए, भारत ने लगभग प्रत्येक तटवर्ती देश के साथ औपचारिक सांस्कृतिक समझौतों पर हस्ताक्षर किये हैं।

निरंतर चलने वाले आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक संवाद के एक वैश्विक मंच के रूप में हिंद महासागर का व्यापक महत्व निम्नलिखित पहलों के रूप में रेखांकित होता है

  • इंडियन ओशन रिम एसोसिएशन फॉर रीज़नल कोऑपरेशन (IOR-ARC)- हिंद महासागर के तटवर्ती क्षेत्रों में व्यापार तथा सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक सहयोग हेतु एक मंच तैयार करने के लिए यह एकमात्र अखिल हिंद महासागरीय समूह है।
  • हिंद महासागर नौसेना संगोष्ठी (इंडियन ओशन नेवल सिम्पोजियम): यह एक स्वैच्छिक नौसैन्य मंच है जिसमें तटवर्ती देशों के नौसैनिक पेशेवर सम्मिलित होते हैं।
  • मौसम परियोजना: यह हिंद महासागरीय क्षेत्र में प्राचीन व्यापार मार्गों सहित ऐतिहासिक सांस्कृतिक आदान-प्रदान का पता लगाने के लिए भारत द्वारा प्रारंभ की गयी एक सांस्कृतिक पहल है।

वर्तमान समय में SAGAR (Security and Growth for All in the Region) अर्थात् क्षेत्र में सभी की सुरक्षा और सबका विकास संबंधी दृष्टिकोण हिन्द महासागर के लिए भारत के दृष्टिकोण का प्रतिनिधित्व करता है।

Read More 

 

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.