भारत में वृद्धजनों के लिए प्रमुख कल्याणकारी योजनाएँ

प्रश्न: भारत में वृद्धजनों के लिए प्रमुख कल्याणकारी योजनाएँ कौन-सी हैं? क्या आप मानते हैं कि इस प्रकार की योजनाओं का लाभ लक्षित हिस्से के एक वृहत् भाग तक पहुँच रहा है? कारण बताइए। (150 शब्द)

दृष्टिकोण

  • परिचय में, संक्षिप्त रूप से भारत में वृद्धाश्रम देखभाल के महत्व को दर्शाइए।
  • वृद्ध जनसंख्या पर लक्षित कुछ प्रमुख नीतियों और कार्यक्रमों को सूचीबद्ध कीजिए।
  • इन कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन का आकलन कीजिये और इनकी कमियों और इसके प्रमुख कारणों को स्पष्ट कीजिये।
  • संक्षेप में आगे के उपायों को सुझाते हुए निष्कर्ष दीजिये।

उत्तर

भारत में वृद्धजनों की जनसंख्या 2011 में 103.8 मिलियन थी और 2026 में इसके 173.2 मिलियन तक होने का अनुमान है। भारत सरकार ने विभिन्न उपायों के माध्यम से वृद्धजनों के लिए एक सुरक्षित, गरिमापूर्ण और उत्पादक जीवन सुनिश्चित करने की अपनी प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया है, इनमें से कुछ प्रमुख उपाय। 

  • वृद्ध व्यक्तियों पर राष्ट्रीय नीति 
  • वृद्ध व्यक्तियों के लिए एकीकृत कार्यक्रम (IPOP)
  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना
  • इंदिरा गांधी राष्ट्रीय विधवा पेंशन योजना
  • अन्नपूर्णा योजना
  • बुजुर्गों की स्वास्थ्य देखभाल हेतु राष्ट्रीय कार्यक्रम (NPHCE)
  • मेंटेनेंस एंड वेलफेयर ऑफ पेरेंट्स एंड सीनियर सिटीजन्स एक्ट, 2017

हाल के पहलों में, प्रधान मंत्री सुरक्षा बीमा योजना,अटल पेंशन योजना, वरिष्ठ पेंशन बीमा योजना 2017,वरिष्ठ नागरिक कल्याण कोष शामिल हैं। अन्य महत्वपूर्ण उपायों में वरिष्ठ नागरिकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार (वयोश्रेष्ठ सम्मान), वरिष्ठ नागरिकों के लिए बीमा योजना, वरिष्ठ नागरिकों के लिए कर प्रोत्साहन, सीटों का आरक्षण और सड़क, रेल और हवाई परिवहन में रियायतें तथा वृद्धजनों के लिए अंतर्राष्ट्रीय दिवस की मान्यता आदि शामिल हैं।

कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन का मूल्यांकन

वृद्धजनों के लिए केंद्रीय योजनाएं महत्वाकांक्षी हैं, फिर भी इन योजनाओं की पहुँच सीमित है। इसके लिए निम्नलिखित को प्रमुख रूप से उत्तरदायी ठहराया जा सकता है:

  • इन योजनाओं के सम्बन्ध में जागरुकता और उपयोग का निम्न स्त
  • UNFPA सर्वेक्षण के अनुसार, लगभग 70% वृद्धजन राष्ट्रीय वृद्धावस्था पेंशन योजना और विधवा पेंशन योजनाओं से सो अवगत हैं और सिर्फ 18% ही वृद्धवस्था पेंशन का लाभ ले रहे हैं।
  • वृद्धजनों को खाद्य सुरक्षा प्रदान करने के लिए अन्नपूर्णा योजना का भी अपेक्षा से कम उपयोग किया गया है।
  •  बसों में वृद्धों के लिए दी गयी रियायतें और रेलवे सीट आरक्षण के मामले में कम उपयोग देखा गया है।
  •  रिटर्न की अपर्याप्तता: प्रायः केवल अल्पतम सामाजिक सुरक्षा कवरेज प्रदान करने के कारण योजनाओं की आलोचना की जाती है।
  • लैंगिक अंतर: महिलाओं को बुढ़ापे में अधिक समस्याओं और अलगाव का सामना करना पड़ता है, हालांकि, सरकारी योजनाएं प्रायः इस कारक की उपेक्षा करती हैं।
  • सक्षम मानवीय संसाधनों का अभाव: वृद्धजनों की आवश्यकताओं की पूर्ति हेतु 10 मिलियन से अधिक देखभाल प्रदाताओं की आवश्यकता है। सक्षम मानव संसाधन विकसित करने हेतु व्यापक प्रशिक्षण कार्यक्रम की आवश्यकता है।

इसलिए एक सहज और पारदर्शी संवितरण प्रणाली के निर्माण की आवश्यकता है, जो कि JAM ट्रिनिटी जैसे तकनीकी समाधान के माध्यम से मददगार हो सके। पंचायती राज संस्थानों (PRI)और सिविल सोसाइटी की जागरूकता बढ़ाने और चल रही योजनाओं की कवरेज बढ़ाने में सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है। सभी हितधारकों, केंद्रीय और राज्य सरकार, सांविधिक निकायों, प्रमुख शैक्षणिक और अनुसंधान संस्थानों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और दाताओं को योजनाबद्ध कार्यवाही में परिवर्तित करने हेतु मिलकर काम करना चाहिए।

Read More

Add a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *


The reCAPTCHA verification period has expired. Please reload the page.