भारत के बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम और इसके घटकों का संक्षिप्त परिचय

प्रश्न: भारत की बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम के घटक कौन-से हैं? साथ ही, चर्चा कीजिए कि एक बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम किस प्रकार भारत के रणनीतिक विकल्पों को बढ़ाती है।

दृष्टिकोण

  • भारत के बैलिस्टिक मिसाइल डिफेंस सिस्टम और इसके घटकों का संक्षिप्त परिचय देते हुए उत्तर प्रारंभ कीजिए।
  • भारत के लिए इस सिस्टम के रणनीतिक महत्व पर चर्चा कीजिए।
  • इस सिस्टम की सीमाओं/हानियों तथा उनके समाधान पर चर्चा कीजिए।

उत्तर

शत्रुओं के हवाई हमलों को रोकने के लिए भारत में द्वि-चरणीय स्वदेशी मिसाइल डिफेंस सिस्टम है। द्वि -चरणीय सिस्टम में निम्नलिखित घटक सम्मिलित हैं:

  • पृथ्वी एयर डिफेंस (PAD) इंटरसेप्टर, जो एक द्वि-चरणीय मिसाइल है। इसमें 50-80 किमी की ऊंचाई (बाह्य-वायुमंडल) पर आने वाली मिसाइलों को रोकने की क्षमता है।
  • एडवांस्ड एयर डिफेंस (AAD) इंटरसेप्टर, जो एक एकल चरण की ठोस-ईंधन वाली मिसाइल है। यह लगभग 30 किलोमीटर की ऊंचाई (एंडो-एटमॉस्फीयर) पर आने वाली मिसाइल को रोकने में सक्षम है।
  • ये इंटरसेप्टर्स उच्च सटीकता वाले इनर्शिअल नेविगेशन सिस्टम (INS) द्वारा निर्देशित और एक रिडंडेंट माइक्रो नेविगेशन सिस्टम (RMNS) द्वारा समर्थित होते हैं। ये प्रतिरोधी मिसाइल को इन्फ्रारेड (IR) सीकर और इनर्शिअल गाइडेन्स की मदद से लक्षित करते हैं।

भारत के लिए सामरिक महत्व:

  • यह प्रणाली भारत की तकनीकी क्षमता को प्रदर्शित करती है। इससे रक्षा आयात बिल भी कम होगा। 
  • इस प्रणाली का विकास तार्किक है क्योंकि पडोसी देश चीन द्वारा इस तरह की प्रणाली पहले ही विकसित की जा चुकी है।
  • यह भारत पर होने वाले हमलों के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करते हुए भारत के परमाणु सिद्धांत ‘नो फर्स्ट यूज’ को दोहराती है।
  • पड़ोसी देशों में प्रतिकूल परिवेश और इस क्षेत्र में परमाणु हथियारों के प्रसार को देखते हुए BMD प्रणाली भारत की रणनीतिक सुरक्षा में वृद्धि करती है।
  • BMD प्रणाली परमाणु हथियार के अनाधिकृत अथवा आकस्मिक हमले के विरुद्ध सुरक्षा प्रदान करती है।
  • BMD संरक्षण स्थिरता में वृद्धि करता है और भारत को तैयारी के निचले स्तर पर हथियार रखने का विकल्प प्रदान करता है।
  • ये न केवल महत्वपूर्ण आत्मविश्वास निर्माण का साधन है बल्कि भारत को प्रत्युत्तर में सेकेंड स्ट्राइक करने के लिए भी सक्षम बनाता है।
  • इसका उपयोग अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी जैसे दूसरे क्षेत्रों में भी किया जा सकता है।

अत्यधिक महत्व के बावजूद, इसको लेकर कई आशंकाएं विद्यमान हैं:

  • इसके कारण दक्षिण एशिया में परमाणु हथियारों की होड़ आरम्भ हो सकती है।
  • BMD प्रणाली रक्षा खर्च में बड़े पैमाने पर वृद्धि करेगी।
  • हवाई हमले को विफल करने के लिए BMD की प्रभावकारिता विवादस्पद है क्योंकि प्रणाली का परीक्षण नियंत्रित और योजनाबद्ध डमी हमलों पर किया गया है, जबकि वास्तविक हमले स्वतः और तेज़ होते हैं।
  • यह क्रूज मिसाइलों के विरुद्ध अप्रभावी है। चीन और पाकिस्तान दोनों के पास परमाणु पेलोड ले जाने में सक्षम क्रूज मिसाइलें हैं।

उपर्युक्त सीमाओं के बावजूद, इसे अस्वीकार नहीं किया जा सकता है कि BMD के विकास से भारत की सामरिक सुरक्षा की शक्ति बढ़ी है, क्योंकि इस प्रणाली का उल्लेखनीय सफलता दर के साथ कई बार परीक्षण किया गया है तथा इसे और भी बेहतर किया जा सकता है। इसके अलावा, चीन और पाकिस्तान के परमाणु बिकास को ध्यान में रखते हुए भारत की BMD योजनाओं को इनसे अलग करके नहीं देखा जाना चाहिए। इस सन्दर्भ में भारत का विकास-पथ इसके विरोधियों की योजनाओं का प्रत्युत्तर है।

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