अक्टूबर क्रांति और उसके कारण : इस सन्दर्भ में, अक्टूबर 1917 की रूसी क्रांति की विरासत का आलोचनात्मक मूल्यांकन

प्रश्न: “ऐतिहासिक घटनाओं का मूल्यांकन उनके परिणामों के सन्दर्भ में किया जाना चाहिए।” इस सन्दर्भ में, अक्टूबर 1917 की रूसी क्रांति की विरासत का आलोचनात्मक मूल्यांकन कीजिए।

दृष्टिकोण

  • संक्षेप में अक्टूबर क्रांति और उसके कारणों की चर्चा कीजिए।
  • अक्टूबर क्रांति के सकारात्मक और नकारात्मक परिणामों का परीक्षण कीजिए।
  • वर्तमान में इसकी प्रासंगिकता बताते हुए निष्कर्ष दीजिए।

उत्तर

1917 की अक्टूबर क्रांति, ज़ार निकोलस द्वितीय के रूसी साम्राज्य के पतन तथा लेनिन एवं बोल्शेविकों के नेतृत्व में मार्क्सवादी समाजवाद के उदय की एक महत्वपूर्ण घटना थी। फरवरी क्रांति के बाद अंतरिम सरकार की विफलता एवं प्रथम विश्व युद्ध के कारण उत्पन्न संकट, अक्टूबर क्रांति के मुख्य कारण थे।

सकारात्मक परिणाम

  • ज़ार के पतन के बाद, रूस प्रथम विश्व युद्ध (WW-I) से बाहर हो गया।
  • पूरे विश्व के देश मार्क्स के साम्यवादी आर्थिक विचारों से परिचित हुए तथा रूस ने अपने पड़ोसी देशों जैसे यूक्रेन और बेलारूस के साथ मिलकर सोवियत संघ का गठन किया। कालांतर में यह संघ यूरोप और एशिया तक विस्तृत हुआ।
  • क्रांति के बाद, लेनिन ने पूरे रूस में निःशुल्क शिक्षा प्रणाली लागू की एवं आठ घंटे का कार्यदिवस निर्धारित किया, जिससे कार्य की परिस्थितियों में महत्वपूर्ण सुधार हुआ। तीन वर्ष बाद, उन्होंने निःशुल्क सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा की भी शुरुआत की।
  • लेनिन की नई आर्थिक नीति ने कृषि उत्पादन में पुनरुद्धार का मार्ग प्रशस्त किया।
  • लेनिन ने महिलाओं के लिए तलाक के अधिकार, मातृत्व अवकाश के अधिकार, मतदान, शिक्षा, निर्वाचन तेथा गर्भपात के अधिकार जैसी कानूनी प्रथाओं के माध्यम से रूस में लैंगिक असमानता को कम किया।

नकारात्मक परिणाम 

  • स्वतंत्रता पर नियंत्रण; उदाहरणस्वरुप, समाचार-पत्र, सिनेमा और साहित्य सहित मीडिया पर पूर्ण नियंत्रण तथा साथ ही धर्म आदि पर भी प्रतिबंध।
  • इससे देशों के मध्य साम्यवादी (कम्युनिस्ट) और पूंजीवादी (कैपिटलिस्ट) के रूप में एक व्यापक विभाजन का मार्ग प्रशस्त हुआ।
  • ब्रेस्ट-लिटोवस्क (Brest-Litovsk) की संधि के तहत WW-I में रूस की भागीदारी समाप्त हुई। इस संधि के प्रावधान अत्यंत कठोर थे।
  • इसमें रूस को अपनी भूमि का एक बड़ा और आर्थिक रूप से महत्त्वपूर्ण हिस्सा गँवाना पड़ा।
  • स्टालिन की पंचवर्षीय योजना से किसानों की जीवन शैली में सुधार नहीं हुआ।

वर्तमान में प्रासंगिकता/ मूल्यांकन

  • अक्टूबर क्रांति ने सोवियत संघ को विश्व महाशक्ति में परिवर्तित करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। साम्यवाद ने विश्व को पूंजीवाद का एक विकल्प प्रदान किया और आज भी इसका प्रभाव चीन, उत्तर कोरिया, क्यूबा, वियतनाम एवं लाओस जैसे देशों पर परिलक्षित होता है।
  • सोवियत संघ ने ऐसे कीर्तिमान स्थापित किए जो गरीबी, पिछड़ापन और निरक्षरता को हटाने एवं लोगों व राष्ट्रों तथा पुरुषों एवं महिलाओं के मध्य समानता स्थापित करने में आज भी समान रूप से प्रासंगिक हैं।

इस प्रकार, रूसी क्रांति ने पूरे विश्व में मजदूर वर्ग और उत्पीड़ित जनता की वर्गीय चेतना और राजनीतिक जागरूकता के विकास को व्यापक रूप से प्रेरित किया।

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