भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव रखने में प्लासी के युद्ध का महत्व
प्रश्न: यद्यपि प्लासी के युद्ध ने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव रखी, तथापि यह बक्सर का युद्ध था जो भारत में अंग्रेजों की सफलता के लिए निर्णायक सिद्ध हुआ। चर्चा कीजिए।
दृष्टिकोण
- भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव रखने में प्लासी के युद्ध के महत्व पर प्रकाश डालिए।
- भारत पर ब्रिटिश नियंत्रण को सुदृढ़ता से स्थापित करने में बक्सर के युद्ध की निर्णायक भूमिका को स्पष्ट करते हुए इसके महत्व पर चर्चा कीजिए।
उत्तर
प्लासी के युद्ध में ब्रिटिश विजय (1757 ई.) ने बंगाल से नवाबों के नियंत्रण को समाप्त कर दिया। इस युद्ध के पश्चात् बंगाल के सिंहासन पर एक कठपुतली नवाब मीर जाफर को सत्तारूढ़ किया गया। नए नवाब से अंग्रेज़ों ने अपनी सेना के रखरखाव हेतु ज़मींदारी अधिकारों, अत्यधिक मात्रा में धन तथा क्षेत्र उपलब्ध कराने की मांग की। इस प्रकार राजनीतिक, कूटनीतिक तथा सामरिक सर्वोच्चता द्वारा विजित इस युद्ध ने भारत में ब्रिटिश साम्राज्य की नींव रखी। इसके अतिरिक्त इस युद्ध ने अंग्रेज़ों की अखिल भारतीय प्रतिष्ठा में वृद्धि करने के साथ क्षेत्रीय स्तर पर उनके शासन के आरम्भिक बिंदु के रूप में भी कार्य किया।
सात वर्ष पश्चात् हुआ बक्सर का युद्ध (1764 ई.) भारत में ब्रिटिश भविष्य हेतु एक निर्णायक पड़ाव सिद्ध हुआ। यह क्षेत्रीय शासकों द्वारा सत्ता की पुनःप्राप्ति हेतु किया गया अंतिम हालांकि विफल प्रयास था। प्रशासन और वित्त पर नियंत्रण स्थापित करने हेतु संघर्षों की एक श्रृंखला के पश्चात् अंग्रेज़ इस युद्ध में विजयी हुए। यह युद्ध अंग्रेज़ों और बंगाल के नवाब, अवध के नवाब एवं मुगल शासक शाह आलम द्वितीय के एक गठबंधन के मध्य हुआ था।
इस विजय के महत्व का आकलन निम्नलिखित परिणामों द्वारा किया जा सकता है:
- इस युद्ध में अंग्रेज़ों द्वारा न केवल बंगाल के नवाब बल्कि भारत के शासक (मुगल शासक) को भी पराजित किया गया तथा इस युद्ध ने उन्हें भारत पर सर्वोच्चता स्थापित करने की होड़ में एक शक्तिशाली प्रतियोगी के रूप में स्थापित कर दिया। इस युद्ध के पश्चात अंग्रेज़ों ने मुगल शासक का एक रबर स्टाम्प के रूप में प्रयोग किया जिसका अस्तित्व केवल उनकी राजनीतिक तथा प्रशासनिक कार्यवाहियों को वैध स्वीकृति प्रदान करने के लिए था।
- इलाहाबाद की संधि के द्वारा अंग्रेज़ों ने बंगाल में द्वैध शासन की स्थापना करते हुए दीवानी अर्थात् राजस्व संग्रह अधिकार एवं निजामत अर्थात् पुलिस और न्यायिक अधिकार प्राप्त कर लिए।
- इस युद्ध में अंग्रेजों ने अपनी सैन्य क्षमता को सिद्ध कर दिया जिसका प्लासी के युद्ध में उचित ढंग से प्रयोग नहीं हुआ था।
- युद्ध क्षतिपूर्ति, सम्पूर्ण बंगाल-बिहार तथा उड़ीसा में विस्तृत ज़मींदारी अधिकारों एवं बंगाल में शुल्क मुक्त व्यापार की अनुमति के माध्यम से अंग्रेज़ों ने अत्यधिक आर्थिक लाभ अर्जित किए।
- अवध की संधि ने अवध को अंग्रेज़ों के लिए एक बफर राज्य तथा सहायक क्षेत्र के रूप में स्थापित कर दिया।
अंततः 1772 में बंगाल में द्वैध शासन की समाप्ति के साथ बंगाल में कंपनी का पूर्ण अधिकार युक्त स्वामित्व स्थापित हो गया तथा यह नवाब के नाममात्र के नियंत्रण से भी मुक्त हो गई। इस प्रकार,प्लासी के युद्ध ने जहाँ भारत में अंग्रेजों के राजनीतिक नियंत्रण की नींव रखी वहीं बक्सर के युद्ध के परिणामस्वरूप भारत के सर्वाधिक समृद्ध प्रान्त पर उनका पूर्ण अधिकार स्थापित हो गया। इसके फलस्वरूप वे भारत की सर्वोच्च शक्ति के रूप में उभरे तथा कालान्तर में इसके शासक बन गए।
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