इंडिया एंटरप्राइज आर्किटेक्चर (IndEA) फ्रेमवर्क : भारत का वर्तमान शासन परिदृश्य

प्रश्न: इंडिया एंटरप्राइज आर्किटेक्चर (IndEA) फ्रेमवर्क पर एक संक्षिप्त लेख लिखिए। इसके प्रमुख सिद्धांतों पर प्रकाश डालते हुए, परीक्षण कीजिए कि किस प्रकार इसका पूर्ण कार्यान्वयन भारत के वर्तमान शासन परिदृश्य को उन्नत बना सकता है।

दृष्टिकोण

  • IndEA की अवधारणा का परिचय दीजिए। 
  • इसकी मुख्य विशेषताओं और सिद्धांतों को सूचीबद्ध कीजिए।
  • चर्चा कीजिए कि इसके कार्यान्वयन से शासकीय ढाँचे में सुधार किस प्रकार होगा।

उत्तर

इंडिया एंटरप्राइज आर्किटेक्चर (IndEA), एक समग्र संरचना विकसित करने के लिए एक फ्रेमवर्क है जिसमें सरकार को एकल उद्यम या उद्यमों (कार्यात्मक रूप से अंतर-संबंधित) के उद्यम के रूप में माना जाएगा। इसका लक्ष्य नागरिकों और व्यवसायों को ‘वन गवर्नमेंट’ का अनुभव प्रदान करना है। इसका उद्देश्य देश भर में ई-गवर्नेस के प्रयासों को सुव्यवस्थित, मानकीकृत और समेकित करना है, ताकि अति-आवश्यक अंतर-संचालनीयता और एकीकरण की प्रक्रिया को प्राप्त किया जा सके।

सरल शब्दों में, यह एक ऐसी अवधारणा है जिसके माध्यम से नागरिकों को सिंगल विंडो डिजिटलीकरण समाधान प्रदान करना प्रमुख उद्देश्य है। IndEA के तहत, प्रत्येक व्यक्ति के लिए एक व्यक्तिगत खाता होगा और वह उस खाते के माध्यम से सभी सरकारी सेवाओं का लाभ उठा सकता/सकती है। यह सरकारी सेवाओं का प्रयोग करने के लिए अलग-अलग साइटों का प्रयोग करने और उन पर अलग-अलग लॉग-इन करने की आवश्यकता को समाप्त करेगा।

IndEA के मुख्य सिद्धांत

निम्नलिखित सिद्धांतों का समुच्चय IndEA फ्रेमवर्क को सूचित और निर्देशित करता है:

  • SDG लिंकेज: प्रदर्शन मापन प्रणालियों को सरकार द्वारा प्राथमिकता वाले सतत विकास लक्ष्यों के साथ संरेखित किया जाता है।
  • ऐसी एकीकृत सेवाओं की पहचान, डिज़ाइन और उनका वितरण किया जाएगा जो एकाकी रूप से कार्य करने वाली एजेंसियों को आपस में जोड़ सकें और ‘वन गवर्नमेंट’ के विज़न को प्राप्त कर सकें।
  • साझाकरण और पुन: प्रयोज्यता (Sharing & Reusability), अर्थात्, सभी सामान्य रूप से आवश्यक एप्लीकेशनों को एक बार निर्मित कर लिया जाना है तथा पुन: उपयोग और साझाकरण के माध्यम से उन्हें सम्पूर्ण सरकार में परिनियोजित किया जाना है।
  • तकनीकी रूप से स्वतंत्र: एप्लिकेशन की डिजाइन खुले मानकों पर आधारित और तकनीकी रूप से स्वतंत्र है।
  • अधिकारों और विशेषाधिकारों का ध्यान रखते हुए सरकार के अंदर डेटा-साझाकरण ताकि विभिन्न एजेंसियों द्वारा डेटा के डुप्लिकेट सेट के विकास और उपयोग को प्रतिबंधित किया जा सके।
  • सभी सेवाओं के वितरण के लिए, सभी वितरण चैनलों में से मोबाइल चैनल अनिवार्य हैं।

IndEA के पूर्ण कार्यान्वयन के माध्यम से शासन के परिदृश्य में सुधार:

  • न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन: यह एकाकी रूप (silos) में संचालित विभिन्न विभागों को नहीं बल्कि केवल सरकार को एक इकाई के रूप में कार्य करने में सक्षम बनाकर क्षमता में वृद्धि करता है।
  • प्रयासों के दोहराव को कम करना: दोहराव और अंतर-संचालन की समस्याओं का समाधान करते हुए IndEA के अंगीकरण से केंद्रीकृत एप्लीकेशनों के विकास का मार्ग प्रशस्त हो सकता है, जिनका उपयोग विभिन्न स्तरों पर विभिन्न मुद्दों के विशेषीकृत समाधान के लिए किया जा सकता है।
  • अप-टू-डेट सूचना और सिंगल-साइन-ऑन सुविधाओं की त्वरित पहुंच के माध्यम से कर्मचारियों और एजेंसियों की उत्पादकता में वृद्धि करना।
  • साझा अवसंरचना और सेवाओं के उपयोग के माध्यम से लागत प्रभाविता।
  • विकासात्मक और कल्याणकारी योजनाओं के कार्यान्वयन में सुधार करके बेहतर सेवा प्रदान करना, नागरिकों की भागीदारी में वृद्धि करना और कृत्रिम बुद्धिमत्ता जैसी उभरती प्रौद्योगिकियों के एकीकरण का आधार स्थापित करना।

IndEA के माध्यम से भारत डिजिटल गवर्नेस की ओर अग्रसर हो सकेगा और डिजिटल इंडिया पहल में परिकल्पित ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था के रूप में स्वयं को स्थापित करेगा।

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