सरकार की वेस्टमिंस्टर प्रणाली के आधारभूत सिद्धांतों की व्याख्या : भारत और UK की राजनीतिक व्यवस्था के मध्य समानता एवं विभेद
प्रश्न: स्वतंत्र भारत ने सरकार की वेस्टमिंस्टर प्रणाली का एक संशोधित संस्करण अपनाया। इस संदर्भ में भारत और UK की राजनीतिक व्यवस्था के मध्य समानताओं और विभेदों पर चर्चा कीजिए।
दृष्टिकोण
- सरकार की वेस्टमिंस्टर प्रणाली के आधारभूत सिद्धांतों की व्याख्या कीजिए तथा इसे एक संशोधित स्वरूप में अपनाने हेतु उत्तरदायी कारणों पर प्रकाश डालिए।
- भारत और UK की राजनीतिक व्यवस्था के मध्य समानताओं एवं विभेदों को निरुपित कीजिए।
उत्तर
वेस्टमिंस्टर प्रणाली वस्तुतः सरकार की एक लोकतांत्रिक संसदीय प्रणाली है जिसे यूनाइटेड किंगडम (ब्रिटेन) में अपनाया गया है। इस प्रणाली को ऑस्ट्रेलिया, आयरलैंड, जमैका, मलेशिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और माल्टा में भी अपनाया गया है।
हालांकि, स्थानीय राजनीतिक स्थितियों तथा ऐतिहासिक विरासत के आधार पर वेस्टमिंस्टर प्रणाली एक देश से दूसरे देश में भिन्न-भिन्न स्वरूप में है। सरकार की वेस्टमिंस्टर प्रणाली के एक संशोधित संस्करण को स्वतंत्र भारत में भी अपनाया गया।
समानताएं
- दोनों देशों ने सरकार के संसदीय स्वरूप को स्वीकार किया है जिसमें कार्यपालिका और विधायिका (संसद) के मध्य शक्तियों का समेकन है।
- प्रधानमंत्री मंत्रिपरिषद का प्रमुख होता है। मंत्रिपरिषद सामूहिक रूप से तथा इसके सदस्य व्यक्तिगत रूप से लोकसभा के प्रति उत्तरदायी होते हैं।
- विधायिका और कार्यपालिका के नियंत्रण से न्यायपालिका की स्वतंत्रता।
- मंत्रिपरिषद में ही सम्पूर्ण शक्तियों का समावेश होता है, न कि किसी एक व्यक्ति में तथा “मंत्रिपरिषद रूपी जहाज एकसाथ तैरता है व एकसाथ डूबता है।”
- भारतीय नौकरशाही भी ब्रिटिश नौकरशाही के आदर्शों पर निर्मित की गई है।
विभेद
- ब्रिटिश राजतंत्रीय प्रणाली के विपरीत भारत एक गणतांत्रिक राष्ट्र है जिसमें विधानमंडलों के निर्वाचित सदस्य राज्य के प्रमुख अर्थात् राष्ट्रपति का चयन करते हैं।
- ब्रिटिश शासन प्रणाली संसदीय प्रभुता के सिद्धांत पर आधारित है, जबकि भारत में संसद की शक्तियां सीमित हैं तथा लिखित संविधान, न्यायिक पुनर्विलोकन, मूल अधिकार और संघीय ढांचे के कारण इसकी शक्तियों पर कुछ प्रतिबंध आरोपित किए गए हैं।
- भारत में विद्यमान संघीय व्यवस्था के विपरीत यूनाइटेड किंगडम की राजनीतिक प्रणाली एकात्मक है।
- भारत के विपरीत ब्रिटेन में, मंत्रियों के विधिक उत्तरदायित्व की व्यवस्था विद्यमान है।
- भारत में शैडो कैबिनेट” जैसी कोई संस्था नहीं है, जबकि यह ब्रिटिश संसद की एक प्रमुख विशेषता है।
- भारत में, प्रधानमंत्री संसद के किसी भी सदन का सदस्य हो सकता है। परन्तु ब्रिटिश परम्परा के अनुसार ब्रिटिश प्रधानमंत्री को सदैव निम्न सदन (Lower House) का सदस्य होना चाहिए।
- भारत में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) चुनावों की तिथियों का निर्धारण करता है, जबकि ब्रिटेन में प्रधानमंत्री तिथियों को निर्धारित करता है। इस प्रकार वह सत्तारूढ़ दल को एक राजनीतिक लाभ प्रदान करता है।
हालांकि, दोनों राजनीतिक प्रणालियों में अंतिम उत्तरदायित्व संसद के बाहर तक विस्तारित है तथा मुख्यतः यह वृहद् पैमाने पर मतदाताओं के हाथों में निहित है, जो नियमित निर्वाचनों के द्वारा सरकार को उत्तरदायी और जवाबदेह बनाते हैं।
Read More
- भारत सरकार अधिनियम, 1935 : भारतीय संविधान विश्व के अन्य संविधानों के सर्वोत्तम लक्षणों से प्रभावित
- लोकतंत्र में अंतः-दलीय लोकतंत्र की भूमिका का वर्णन : दलीय लोकतंत्र की आवश्यकताओं/गुणों का वर्णन
- नियामकों की संवीक्षा तथा संवीक्षा की आवश्यकता का परिचय
- विधायिका की स्वतंत्रता की रक्षा हेतु संविधान में उल्लिखित प्रावधान : विशेषाधिकारों को संहिताबद्ध किये जाने के कारण तथा विभिन्न समितियों की अनुशंसा
- भारतीय संविधान : ब्रिटिश सिद्धांत और न्यायिक सर्वोच्चता के अमेरिकी सिद्धांत के मध्य संयोजन