1. जीव विज्ञानियों ने पादप-जगत और प्राणि जगत की जातियों को बहुत बड़ी संख्या में ज्ञात किया है, ढूंढ निकाला है और पहचान लिया है। संख्या की दृष्टि से अब तक ढूंढे हुए और पहचाने हुए जीवों में सबसे अधिक संख्या है-
(a) कवकों की
(b) पादपों की
(c) कीटों की
(d) जीवाणुओं की
[I.A.S. (Pre) 1996]
उत्तर – (c) कीटों की
- जीव विज्ञानियों के अनुसार, जीव जगत में सबसे अधिक संख्या कीटों (Insects) की है।
- कीट आथ्रोपोडा संघ के अंतर्गत आते हैं। कुल ज्ञात जातियों (15 लाख से अधिक) में से सर्वाधिक जातियां (1 लाख से भी अधिक) कीटों की हैं।
- जंतु जल, स्थल तथा वायु सभी जगहों में पाए जाते हैं।
- पादप जातियों की संख्या लगभग 4 लाख है।
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2. कथन (A): अमीबा, विभंजन द्वारा जनन करता है।
कारण (R): सभी एक-कोशिकीय जीव अलैंगिक विधियों से जनन करते हैं।
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, परंतु (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[I.A.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
- अमीबा (Amoeba) एक प्रोटोजोआ एककोशिकीय जंतु है, जो कि प्रायः द्विखंडन विधि द्वारा जनन करता है।
- प्रायः सभी एककोशिकीय जीव अलैंगिक विधि द्वारा जनन क्रिया करते हैं।
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3. गर्म रुधिर वाले जंतु वे होते हैं, जो अपने शरीर के तापक्रम को-
(a) वातावरण के तापक्रम से नीचा रखते हैं।
(b) वातावरण के तापक्रम से ऊंचा रखते हैं।
(c) हमेशा एक-सा बनाए रखते हैं।
(d) वातावरण के तापक्रम को बराबर बनाए रखते हैं।
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1996]
उत्तर – (c) हमेशा एक-सा बनाए रखते हैं।
- समतापी (Homeothermal) अर्थात गर्म रुधिर वाले (Warm Blooded) वे जंतु होते हैं, जिनके शरीर का ताप वातावरण के ताप से प्रभावित न होकर सदैव एक-सा रहता है।
- इसके अंतर्गत पक्षी (Bird) तथा स्तनधारी आते हैं।
- जबकि असमतापी के अंतर्गत मत्स्य, उभयचर, सरीसृप इत्यादि जंतु आते हैं, जिनके शरीर का ताप वातावरण के ताप के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है।
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4. निम्नलिखित में से कौन-सा कथन सही नहीं है?
(a) सभी इकाइनोडर्म सजीव प्रजक होते हैं।
(b) गोलकृमि में कोई परिसंचरण तंत्र नहीं होता।
(c) अस्थिल मछलियों में वाताशय आमतौर से विद्यमान होता है।
(d) उपास्थिसम मछलियों में निषेचन आंतरिक होता है।
[I.A.S. (Pre) 2002]
उत्तर – (a) सभी इकाइनोडर्म सजीव प्रजक होते हैं।
- इकाइनोडर्म (Echinoderm) समुद्र में पाए जाने वाले पंचतयी अरीय सममिति (Pentamerous radial symmetry) वाले ड्यूटरोस्टोमी यूसीलोमेट यूमेटाजोआ होते हैं, जिनकी डिंभक प्रावस्था में शरीर की सममिति द्विपार्वीय (Bilateral) होती है तथा सभी इकाइनोडर्म सजीव प्रजक (Viviparous) नहीं होते हैं।
- इस प्रकार विकल्प (a) का कथन सही नहीं है, जबकि अन्य प्रश्नगत कथन सही हैं।
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5. निम्नलिखित में से कौन मछली नहीं है?
(a) स्टार फिश
(b) सा फिश
(c) पाइप फिश
(d) गिटार फिश
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर – (a) स्टार फिश
- कुछ समुद्री जंतुओं के नाम मछलियों के नाम से मिलते-जुलते हैं, परंतु ये मछलियां नहीं हैं; जैसे-जेली फिश, स्टार फिश, सिल्वर फिश, कैटल फिश, हेग फिश, रेजर फिश, क्राई फिश इत्यादि।
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6. निम्न में से कौन एक वास्तविक मीन (मछली) है?
(a) रजत मीन
(b) क्रे फिश
(c) जेली फिश
(d) कैट फिश
[Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर – (d) कैट फिश
- रजत मीन (Silver fish) एक छोटा, पंखहीन कीट है। क्रे फिश (Cray fish) एक कड़े खोल वाला जानवर है।
- जेली फिश कशेरुकी जंतु नहीं है तथा यह मछली की श्रेणी में नहीं आता।
- कैट फिश वास्तविक मीन है।
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7. निम्न में से कौन-सी वास्तविक रूप से मछली है?
(a) स्टारफिश
(b) जेलीफिश
(c) हैगफिश
(d) समुद्री घोड़ा
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1998]
उत्तर – (d) समुद्री घोड़ा
- सितारा मछली (Starfish) सितारेनुमा इकाइनोडर्म (Echinoderm) श्रेणी का एक जंतु है।
- जेलीफिश (Jellyfish) ऑरीलिया (Aurelia) को कहते हैं, जो कि संघ सीलेंट्रेट (Coelenterates) का एक जंतु है।
- हैगफिश साइक्लोस्टोमेटा (Cyclostomata) समूह का जंतु है।
- इनमें जबड़ों का अभाव होता है।
- यह भी वास्तविक मछली (True Fish) नहीं है।
- समुद्री घोड़ा (Sea horse) या अश्वमीन, हिप्पोकैम्पस (Hippocampus) को कहते हैं, जो कि एक वास्तविक अस्थिल मीन (Bony Fish) होती है।
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8. निम्नलिखित में से कौन एक मछली है?
(a) समुद्री कुकम्बर (खीरा)
(b) समुद्री गाय
(c) समुद्री घोड़ा
(d) समुद्री बाघ
[U.P. Lower Sub.(Pre) 2008]
उत्तर – (c) समुद्री घोड़ा
- समुद्री घोड़ा (Sea horse) या अश्वमीन, हिप्पोकैम्पस (Hippocampus) को कहते हैं, जो कि एक वास्तविक अस्थिल मीन (Bony Fish) होती है।
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9. सबसे बड़ा स्तनपायी कौन-सा है?
(a) व्हेल मछली
(b) अफ्रीकी हाथी
(c) दरियाई घोड़ा
(d) ध्रुवीय भालू
[M.P.P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर – (a) व्हेल मछली
- ब्लू व्हेल पृथ्वी पर पाया जाने वाला सबसे बड़ा स्तनपायी जीव है।
- इसकी लंबाई 33 मीटर से भी अधिक तथा वजन 18 मीट्रिक टन से भी अधिक हो सकता है।
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10. व्हेल निम्न वर्गों में से किस वर्ग का प्राणी है?
(a) मत्स्य
(b) स्तनपायी
(c) सरीसृप
(d) उभयचर
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993]
उत्तर – (b) स्तनपायी
- ब्लू व्हेल पृथ्वी पर पाया जाने वाला सबसे बड़ा स्तनपायी जीव है।
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11. निम्न में से कौन-सा स्तनपायी है?
(a) शार्क
(c) ऑक्टोपस
(b) स्कविड
(d) व्हेल
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2010]
उत्तर – (d) व्हेल
- ब्लू व्हेल पृथ्वी पर पाया जाने वाला सबसे बड़ा स्तनपायी जीव है।
- इसकी लंबाई 33 मीटर से भी अधिक तथा वजन 18 मीट्रिक टन से भी अधिक हो सकता है।
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12. निम्न प्रजातियों में से कौन-सी दांत वाली व्हेलों में विशालतम है?
(a) फिनबैक व्हेल
(b) ब्लू व्हेल
(c) स्पर्म व्हेल
(d) हम्पबैक व्हेल
[U.P.P.C.S. (Pre) (Re. Exam) 2015]
उत्तर – (c) स्पर्म व्हेल
- स्पर्म व्हेल (Physeter macrocephalus) विशालतम दांत वाली व्हेल है।
- पूर्ण वयस्क नर स्पर्म व्हेल 5 से 55 फीट लंबी और 35 से 45 टन वजनी होती है।
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13. निम्नलिखित में से कौन अंडे देता है और सीधे बच्चे नहीं देता?
(a) एकिड्ना
(b) कंगारू
(c) सेही
(d) व्हेल
[I.A.S. (Pre) 2008]
उत्तर – (a) एकिड्ना
- एकिड्ना एवं प्लेटिपस एकमात्र अंडे देने वाली स्तनपायी जीव हैं।
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14. उड़ने वाला स्तनपायी है :
(a) जगुआर
(b) शुतुरमुर्ग
(c) पैलिकन
(d) चमगादड़
[M.P.P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर – (d) चमगादड़
- चमगादड़ आकाश में उड़ने वाला एक स्तनधारी प्राणी है, जो पक्षी वर्ग में नहीं आता। ये पूर्ण रूप से निशाचर प्राणी है।
- यह एकमात्र ऐसा स्तनधारी है, जो उड़ सकता है।
- इसके अग्रबाहु पंख में परिवर्तित हो गए हैं, जो देखने में झिल्ली के समान लगते हैं।
- त्वचा की यह झिल्ली गर्दन से लेकर हाथ की अंगुलियों तथा शरीर के पार्श्व भाग से होती हुई पूंछ तक चली जाती है एवं पंख का निर्माण करती है।
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15. निम्नलिखित उड़ने वाले जीवों में से कौन-सा पक्षी वर्ग में नहीं आता?
(a) चमगादड़
(b) कौवा
(c) चील
(d) तोता
[U.P.P.C.S. (Mains) 2011]
उत्तर – (a) चमगादड़
- चमगादड़ आकाश में उड़ने वाला एक स्तनधारी प्राणी है, जो पक्षी वर्ग में नहीं आता।
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16. निम्नलिखित जंतुओं पर विचार कीजिए:
1. समुद्री गाय
2. समुद्री घोड़ा
3. समुद्री सिंह
उपर्युक्त में से कौन-सा/से स्तनधारी है/हैं?
(a) केवल 1
(c) केवल 2 और 3
(b) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2013]
उत्तर – (b) केवल 1 और 3
- समुद्री गाय (Sea Cow) एक विशाल, शाकाहारी समुद्री स्तनधारी है।
- समुद्री घोड़ा (Sea Horse) एक प्रकार की कशेरुकी मछली है।
- समुद्री सिंह (Sea Lion) भी एक स्तनधारी है।
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17. डॉल्फिन वर्गीकृत किए जाते हैं-
(a) मत्स्य में
(c) सरीसृप में
(b) उभयचर में
(d) स्तनी में
[4th B.P.S.C. (Pre) 1995]
उत्तर – (d) स्तनी में
- डॉल्फिन (Dolphin) एक जलीय जंतु है, जिसे स्तनी वर्ग अर्थात मैमैलिया के गण सिटेसिया में रखा गया है।
- यह एक अत्यन्त ही बुद्धिमान जंतु है, जिसका शरीर धारा-रेखित होता है तथा इनके मादा में चूचुक उपस्थित होते हैं।
- गंगा नदी में पाई जाने वाली ‘डॉल्फिन’ को राष्ट्रीय जलीय जीव घोषित किया गया है।
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18. निम्नलिखित में से सील (Seal) किस जाति का है?
(a) मछली
(b) पक्षी
(c) सरीसृप
(d) स्तनपायी
[Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2003]
उत्तर – (d) स्तनपायी
- सील (Seal) या फोका (Phoca) एक स्तनपायी (Mammalia) जंतु है, जो गण कार्नीवोरा (Carnivora) के अंतर्गत आता है।
- यह एक जलीय, चुस्त एवं शक्तिशाली स्तनधारी जंतु है, जो कि मांसाहारी होता है।
- शिकार करने के लिए इनमें नुकीले कैनाइन दांत पाए जाते हैं तथा तैरने के लिए इनमें चप्पू या फ्लिपर्स (Flippers) उपस्थित होते हैं।
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19. नृशंस प्राणी कौन-सा है?
(a) पेंगुइन
(b) बेल
(c) ऑटर
(d) कछुवा
[39th B.P.S.C. (Pre) 1994]
उत्तर – (c) ऑटर
- ऊदबिलाव या ऑटर एक नृशंस प्राणी है, जो कि एक स्तनधारी जंतु (Mammals) है।
- ह्वेल का शरीर धारा-रेखित (Stream lined) होता है तथा इसकी त्वचा के नीचे वसा का मोटा स्तर ब्लबर (Blubber) शरीर में तापरोधक का कार्य करता है।
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20. निम्नलिखित प्राणियों पर विचार कीजिए:
1. जाहक (हेज्हॉग)
2. शैलमूषक (मारमॉट)
3. वज्रशल्क (पैंगोलिन)
उपर्युक्त में से कौन-सा कौन-से जीव परभक्षियों द्वारा पकड़े जाने की संभावना को कम करने के लिए, स्वयं को लपेटकर अपने सुभेद्य अंगों की रक्षा करता है/करते हैं?
(a) 1 और 2
(c) केवल 3
(b) केवल 2
(d) 1 और 3
[I.A.S. (Pre) 2021]
उत्तर – (d) 1 और 3
- जाहक (हेज्हॉग) छोटे स्तनधारी कशेरुकी होते हैं।
- जब ये डरते हैं, तो दुश्मन से अपनी रक्षा हेतु स्वयं को एक गेंद की भांति मोड़ लेते हैं, जिससे इनकी त्वचा पर बने शल्क कांटे के रूप में परिवर्तित हो जाएं तथा ये अपनी रक्षा कर सकें।
- पैंगोलिन भी अपनी सुरक्षा अपने शरीर पर बने शल्कों के माध्यम से करते हैं।
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21. एम्फीबिया (Amphibia) बताता है-
(a) बहुत तेजी से चलने वाली नावों को
(b) केवल जल में ही रह सकने वाले पशुओं को
(c) केवल स्थल पर ही रह सकने वाले पशुओं को
(d) जल एवं स्थल दोनों पर ही रह सकने वाले पशुओं को
[38th B.P.S.C. (Pre) 1992]
उत्तर – (d) जल एवं स्थल दोनों पर ही रह सकने वाले पशुओं को
- एम्फीबिया (Amphibia) अर्थात उभयचर वर्ग के अंतर्गत ऐसे जंतु आते हैं, जिनका शरीर जलीय एवं स्थलीय दोनों प्रकार के जीवन के लिए उपयोजित होता है।
- ये जंतु असमतापी होते हैं, जिनके शरीर का तापमान वातावरण ताप के अनुसार घटता-बढ़ता रहता है, जैसे-मेंढक, टोड इत्यादि।
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22. निम्न में कौन-सा गुण मनुष्य को अन्य सभी वानर गुणों से पृथक करता है?
(a) जानने की इच्छा प्रकट करना
(b) घ्राण शक्ति का अल्पविकसित होना
(c) विपरीत अंगूठे
(d) ठोढ़ी का बाहर निकलना
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1994]
उत्तर – (a) जानने की इच्छा प्रकट करना
- बुद्धि में मानव सर्वोच्च जंतु है।
- सिर्फ इसी जंतु में गूढ़ चिंतन, जानने की इच्छाप्रकट करना, तर्कसंगत तथा अक्षरबद्ध वाणी तथा भौतिक मुद्राओं द्वारा भावनाओं की अभिव्यक्ति इत्यादि की क्षमताएं होती हैं।
- वर्तमान काल में इसकी कपाल गुहा का आयतन 145-15 (औसतन 1475) क्यूबिक सेमी. है।
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23. निम्नलिखित में से कौन-सा एक कपि नहीं है?
(a) गिबन
(c) लंगूर
(b) गोरिल्ला
(d) ओरंग उटान
[I.A.S. (Pre) 2008]
उत्तर – (c) लंगूर
- कपि प्राणि जगत में होमिनोइडेया (Hominoidea) महापरिवार की सदस्य जानवर जातियों को कहा जाता है।
- इनकी दो मुख्य शाखाएं हैं- (i) हीनकपि-यह छोटे (लघुतम) आकार के कपि होते हैं, जैसे- गिबन। (ii) महाकपि-यह बड़े आकार के मानवनुमा कपि होते हैं, जैसे- चिम्पैंजी, गोरिल्ला, मनुष्य और ओरंग उटान।
- लंगूर कपि वर्ग में नहीं बल्कि वानर वर्ग में शामिल किया जाता है।
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24. मानव-सदृश लघुतम कपि है-
(a) गिबन
(b) चिम्ौंजी
(c) गोरिला
(d) ओरंग उटान
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर – (a) गिबन
- हीनकपि-यह छोटे (लघुतम) आकार के कपि होते हैं, जैसे- गिबन।
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25. नील गाय निम्नलिखित कुल में आती हैं :
(a) गाय
(c) भेंड़
(b) बकरी
(d) हिरन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2006]
उत्तर – (d) हिरन
- नील गाय भारत में पाई जाने वाली विशालतम मृग प्रजाति है।
- मृग उन जंतुओं को कहा जाता है जिनमें स्थायी सींग होते हैं, अर्थात हिरनों के श्रृंगाभों के समान नील गाय के सींग हर साल गिरकर नए सिरे से नहीं उगते।
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26. निम्नलिखित में से किस जंतु में खुर नहीं पाए जाते हैं?
(a) हिरण
(b) गीदड़
(c) जेबरा
(d) घोड़ा
[U.P. P.C.S. (Pre) Exam. 2017]
उत्तर – (b) गीदड़
- गीदड़ को छोड़कर शेष खुर वाले पशु हैं। गीदड़, कुत्ते के परिवार (Canidae) की एक प्रजाति है।
- सामान्य गीदड़ों का वैज्ञानिक नाम कैनिस आरियस (Canis aureus) है।
- गीदड़ों के पैर नाखून युक्त गद्दीदार होते हैं।
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27. ऑक्टोपस-
(a) एक संधिपाद है।
(b) शूलचर्मी है।
(c) एक हेमीकॉर्डा है।
(d) एक मृदुकवची (मोलस्क) है।
[I.A.S. (Pre) 2003, U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2004]
उत्तर – (d) एक मृदुकवची (मोलस्क) है।
- ऑक्टोपस (Octopus) एक मृदुकवची (Mollusc) जंतु है, जिसे डेविल फिश के नाम से जानते हैं।
- यह एक सिफैलोपोड मोलस्क है, जिसमें आठ मुखीय भुजाएं पाई जाती हैं।
- इसके सिर में मुख तथा दो बड़े नेत्र पाए जाते हैं।
- इसके अलावा इसकी भुजाओं पर दो पंक्तियों में चूषक पाए जाते हैं।
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28. सबसे बड़ा अकशेरुकी है-
(a) ऑक्टोपस
(b) स्कविड
(c) कोरल
(d) जेलीफिश
[U.P.P.C.S. (Mains) 2004]
उत्तर – (b) स्कविड
- कोलोसल स्कविड सबसे बड़ा अकशेरुकी है।
- यह अधिकतम 12-14 मीटर तक लंबा हो सकता है।
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29. निम्नलिखित में से कौन-सा जीव निस्यंदक भोजी (फिल्टर फीडर) है?
(a) अशल्क मीन (कैटफिश)
(b) अष्टभुज (ऑक्टोपस)
(c) सीप (ऑयस्टर)
(d) हवासिल (पेलिकन)
[I.A.S. (Pre) 2021]
उत्तर – (c) सीप (ऑयस्टर)
- निस्यंदक भोजी (फिल्टर फीडर) ऐसे जीव हैं, जो जल में निलंबित पोषक पदार्थों को अपने शरीर की विशेष फिल्टरिंग संरचना से जल सहित प्रवाहित करते हुए प्राप्त करते हैं।
- उल्लेखनीय है कि सीप निस्यंदक भोजी जीव का प्रमुख उदाहरण है।
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30. निम्नलिखित में से कौन-सा एक जीव, अन्य तीन जीवों के वर्ग का नहीं है?
(a) केकड़ा
(b) बरुथी
(c) बिच्छू
(d) मकड़ी
[I.A.S. (Pre) 2014]
उत्तर – (a) केकड़ा
केकड़े का वर्ग (Class) |
मैलेकोस्ट्रेका (Malacostraca) |
बरुथी का वर्ग |
ऐरैक्निडा (Arachnida) |
बिच्छू का वर्ग |
ऐरैक्निडा (Arachnida) |
मकड़ी का वर्ग |
ऐरैक्निडा (Arachnida) |
स्पष्ट है कि केकड़ा अन्य तीन जीवों के वर्ग का नहीं है। |
31. कड़कनाथ एक किस्म है-
(a) सांड की
(b) बकरे की
(c) भैंसे की
(d) मुर्गे की
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2021]
उत्तर – (d) मुर्गे की
- कड़कनाथ (Kadaknath) मुर्गे की एक किस्म है।
- मध्य प्रदेश के झाबुआ मूल के कड़कनाथ मुर्गे को स्थानीय भाषा में कालीमासी (Kali Masi) कहा जाता है।
- इसकी त्वचा और पंखों से लकर मांस तक का रंग काला होता है।
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32. व्हाइट लेग हार्न एक किस्म है:
(a) तोतों की
(b) मोरों की
(c) कुक्कुटों की
(d) उलूकों की
[Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर – (c) कुक्कुटों की
- व्हाइट लेग हार्न कुक्कुटों की एक किस्म है।
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33. टिक और माइट वास्तव में होते हैं-
(a) मकड़ी-वंशी
(b) क्रस्टेशियाई
(c) कीट
(d) बहुपाद
[I.A.S. (Pre) 2002]
उत्तर – (a) मकड़ी-वंशी
- टिक (Ticks) तथा माइट (Mites) वास्तव में मकड़ी-वंशी होते हैं, जो कि एरैनी गण (Araneae Order) के अंतर्गत आते हैं।
- इनके उपांग (Appendages) संधियुक्त (jointed) होते हैं तथा इनका शरीर द्विपार्वीय (bilateral) एवं त्रिस्तरीय (Triploblastic) होता है।
- अधिकांश टिक कशेरुकी जीवों के बाह्य परजीवी होते हैं, जबकि माइट्स परजीवी तथा स्वतंत्र-जीवी होते हैं।
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34. जुगनू होता है, एक-
(a) मोलस्क
(b) कीट
(c) कृमि
(d) सूत्र कृमि
[Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर – (b) कीट
- जुगनू या खद्योत कीटों का एक परिवार है।
- इनके पंख होते हैं।
- ये जीव दीप्ति उत्पन्न करके अपने संगी को आकृष्ट करते हैं या दूसरे जानवरों का शिकार करने के लिए इसका उपयोग करते हैं।
- वैज्ञानिकों ने यह सिद्ध किया कि जुगनू की चमक ल्युसिफेरेस’ (Luciferase) नामक एंजाइम के कारण होती है।
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35. निम्नांकित में कौन-सा कीट नहीं है?
(a) खटमल
(b) मकड़ी
(c) घरेलू मक्खी
(d) मच्छर
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Pre) 2008, U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010]
उत्तर- (b) मकड़ी
- मकड़ी (Spider) वर्ग ऐरैक्निडा (Class-Arachnida) तथा क्रम एरैनी (Araneae) का एक जंतु है, जो कि उदर के पश्च भाग में स्थित ग्रंथियों (Glands) के स्राव से जाला बनाती है।
- सभी मकड़ियां परभक्षी (Predators) होती हैं। अन्य विकल्प के जंतु कीट वर्ग (Class Insecta) के अंतर्गत आते हैं।
- इनमें तीन जोड़ी अर्थात छः पाद (Legs) पाए जाते हैं, जो कि सभी कीटों (Insects) का विशिष्ट गुण है।
- मकड़ी कीट वर्ग के अंतर्गत नहीं आती है, क्योंकि इनके आठ पाद पाए जाते हैं।
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36. निम्नलिखित में से कौन कीट नहीं है?
(a) घरेलू मक्खी
(b) खटमल
(c) मच्छर
(d) मकड़ी
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर – (d) मकड़ी
- अन्य विकल्प के जंतु कीट वर्ग (Class Insecta) के अंतर्गत आते हैं।
- इनमें तीन जोड़ी अर्थात छः पाद (Legs) पाए जाते हैं, जो कि सभी कीटों (Insects) का विशिष्ट गुण है।
- मकड़ी कीट वर्ग के अंतर्गत नहीं आती है, क्योंकि इनके आठ पाद पाए जाते हैं।
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37. मकड़ी कीट से भिन्न होती है, क्योंकि मकड़ी में पाई जाती है-
(a) छः टांगे
(c) दस टांगे
(b) आठ टांगे
(d) बारह टांगे
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1996]
उत्तर – (b) आठ टांगे
- मकड़ी कीट वर्ग के अंतर्गत नहीं आती है, क्योंकि इनके आठ पाद पाए जाते हैं।
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38. निम्नलिखित में से किस जीव का रक्त सफेद होता है?
(a) छिपकली
(b) तिलचट्टा
(c) घरेलू खटमल
(d) मच्छर
[U.P.P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर – (b) तिलचट्टा
- ऑक्सीजन हेतु हीमोग्लोबिन का प्रयोग न करने के कारण तिलचट्टे के खून का रंग लाल नहीं बल्कि रंगहीन होता है।
- कॉकरोच के रक्त द्वारा ऑक्सीजन का परिवहन नहीं किया जाता और इसका रंग भी लाल नहीं होता, क्योंकि इसमें हीमोग्लोबिन उपस्थित नहीं होता।
- कॉकरोच के शरीर के प्रत्येक खंड में स्थित ट्यूब (Tubes) की एक प्रणाली के माध्यम से कोशिकाओं तक सीधे ऑक्सीजन पहुंचती है।
- इनका रक्त रंगहीन या सफेद रंग का होता है।
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39. जब चींटियां काटती हैं, तो वे अंतःक्षेपित करती हैं-
(a) ग्लेशल एसीटिक अम्ल
(b) मेथेनॉल
(c) फॉर्मिक अम्ल
(d) स्टिऐरिक अम्ल
[I.A.S. (Pre) 1999]
उत्तर – (c) फॉर्मिक अम्ल
- चींटियों (Ants) के काटे जाने पर शरीर में फॉर्मिक अम्ल (Formic Acid) का अंतःक्षेपण होता है, जिसके परिणामस्वरूप शरीर में दर्द तथा चुनचुनाहट का आभास होता है।
- फार्मिक अम्ल एक कार्बनिक यौगिक (Organic Compound) है, जो कि कार्बोक्सिलिक श्रेणी का प्रथम सदस्य है, जिसका दैनिक उपयोग जीवाणुनाशी के रूप में, रबर के व्यवसाय तथा फलों के रसों को सुरक्षित रखने में किया जाता है।
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40. मकड़ियों द्वारा उत्पादित रेशम कहलाता है-
(a) टसर रेशम
(b) गोसामर रेशम
(c) मूंगा रेशम
(d) अहिंसा रेशम
[U.P. R.O./A.R.O. (Pre) 2021]
उत्तर – (b) गोसामर रेशम
- रेशम, प्रोटीन निर्मित फाइबर है। मधुमक्खियां, तितली, मकड़ियां इसका उत्पादन करती हैं।
- मकड़ियों द्वारा उत्पादित रेशम ‘गोसामर’ रेशम (Gossamer Fiber) कहा जाता है।
- रेशम के अन्य प्रकार हैं-मलबरी रेशम, टसर रेशम, इरी रेशम, मूंगा रेशम आदि।
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41. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
1. फीताकृमि (Tapeworm) उभयलिंगी (Hermaphrodite) हैं।
2. गोलकृमि (Round Worm) के अलग-अलग लिंग (Sex) होते हैं।
3. फाइलेरिया (Filaria) सूत्रकृमि (Nematode) से होता है।
4. गिनीकृमि (Guinea Worm) ऐनेलिड (Annelid) है।
इनमें से कौन-कौन से सही हैं?
(a) 1 और 2
(b) 1, 2 और 3
(c) 3 और 4
(d) 2, 3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2001]
उत्तर – (b) 1, 2 और 3
- प्रश्नगत कथन 1, 2 एवं 3 सही हैं, जबकि कथन 4 सही नहीं है, क्योंकि गिनीकृमि (Guinea Worm) एक सूत्रकृमि (Nematode) है, जिसका जंतु वैज्ञानिक नाम ड्रेकनकुलस मेडिनेंसिस (Dracunculus medinensis) है।
- यह मनुष्य तथा कुछ दूसरे स्तनियों का परजीवी (Parasite) जंतु है, जिसके संक्रमण से शरीर में दमा (Asthma), उल्टी (Vomiting), खुजलाहट, इओसिनोफीलिया इत्यादि के लक्षण प्रकट होते हैं।
- ये सब शरीर में इस परजीवी के विषैले पदार्थ के प्रभाव के कारण उत्पन्न होते हैं।
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42. निम्नलिखित में से किस ग्रुप के जंतु प्रायः रात्रिचर (Nocturnal) होते हैं?
(a) घरेलू मक्खी, खटमल, तोता
(b) मच्छर, चमगादड़, उल्लू
(c) मच्छर, गौरैया, हिरन
(d) उल्लू, चमगादड़, कुत्ता
[Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2005]
उत्तर – (b) मच्छर, चमगादड़, उल्लू
- रात्रिचर जंतु (Nocturnal animal) वे जंतु होते हैं, जो कि दिन में आराम करते हैं किंतु रात्रि में सक्रिय रहते हैं।
- इन जंतुओं में प्रायः श्रवण तथा घ्राणेन्द्रियां अत्यधिक विकसित होती हैं एवं दृष्टि क्षमता विशेष अनुकूलित होती है।
- मच्छर (Mosquito), चमगादड़ (Bat), उल्लू (Owl), किवी (Kiwi) इत्यादि जंतु रात्रिचर होते हैं।
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43. मच्छरों के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए:
1. केवल नर रक्त चूसते हैं।
2. केवल मादा रक्त चूसती हैं।
3. मादा पौधों का रस चूसती हैं।
4. मादा की अपेक्षा नर के डैने बड़े होते हैं।
5. नर की अपेक्षा मादा के डैने बड़े होते हैं।
इनमें से-
(a) केवल 2 और 4 सही हैं।
(b) केवल 1 और 2 सही हैं।
(c) केवल 3 और 5 सही हैं।
(d) केवल 2 और 5 सही हैं।
[U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2016]
उत्तर – (d) केवल 2 और 5 सही हैं।
- केवल मादा मच्छर ही गरम रुधिर वाले कशेरुकियों-पक्षियों एवं स्तनियों का रुधिर चूसती है और बाह्य परजीवी के रूप में होती है।
- नर मच्छर रुधिर नहीं चूसते, ये अपना पोषण फल-फूलों के रस से करते हैं।
- कभी- कभी मादाएं भी फल-फूलों का रस चूसती हैं।
- मादा मच्छर सामान्यतः नर मच्छर से बड़े होते हैं।
- अतः विकल्प (d) अभीष्ट उत्तर होगा।
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44. निम्नलिखित में से कौन-से प्राणी अपनी आंत्र में जल का संग्रह कर लेते हैं?
(a) मोलॉक
(b) ऊंट
(c) जेबरा
(d) यूरोमैस्टिक्स
[I.A.S. (Pre) 1994]
उत्तर – (b) ऊंट
- ऊंट (Camel) को रेगिस्तान का जहाज कहा गया है, क्योंकि इनका शरीर पूर्णतया मरुस्थल (Desert) के प्रति अनुकूलित (Adapted) होता है।
- इनके पैर गद्दीदार होते हैं, श्वसन की लय अति धीमी होती है तथा ये एक बार में अत्यधिक जल को पीकर जल का संग्रह (Storage) अपनी आंत्र (Intestine) में कर लेते हैं, जिससे कई दिनों तक उन्हें जल की आवश्यकता नहीं होती है।
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45. निम्नलिखित में कौन-सा जानवर बिना पानी पिए सबसे लंबी अवधि तक रह सकता है?
(a) जिराफ
(c) कंगारू
(b) ऊंट
(d) कंगारू चूहा
[U.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर – (d) कंगारू चूहा
- कंगारू चूहा (Kangaroo rat) बिना पानी पिए सबसे लंबी अवधि तक जीवित रह सकता है, जिसके कारण यह प्रायः ठोस मूत्र उत्सर्जित करता है।
- उसमें यह अनुकूलता उसके उत्सर्जन तंत्र (वृक्क) की विशेष संरचना व कार्यप्रणाली के कारण होती है।
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46. निम्नलिखित में से कौन-सा जानवर ठोस मूत्र उत्सर्जित करता है?
(a) कंगारू चूहा
(b) जिराफ
(c) गिलहरी
(d) काआ
[U.P.P.C.S. (Mains) 2017]
उत्तर – (a) कंगारू चूहा
- कंगारू चूहा प्रायः ठोस मूत्र उत्सर्जित करता है।
- उसमें यह अनुकूलता उसके उत्सर्जन तंत्र (वृक्क) की विशेष संरचना व कार्यप्रणाली के कारण होती है।
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47. सर्पों की विषग्रंथियां किसकी समांग हैं?
(a) मछलियों के विद्युत अंग
(b) रे-मछलियों के दंश
(c) स्तनियों की वसा-ग्रंथियां
(d) कशेरुकी प्राणियों की लार ग्रंथियां
[I.A.S.(Pre) 1993]
उत्तर – (d) कशेरुकी प्राणियों की लार ग्रंथियां
- सर्पों की विषग्रंथियां कशेरुकी प्राणियों की लार ग्रंथियों (Salivary Glands) के समांग होती हैं।
- सांप का विष वास्तव में उसकी लार का ही परिष्कृत रूप है।
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48. सांप के जहरीले विषदंत होते हैं, जो रूपांतरित रूप हैं-
(a) चिबुकास्थि दंत के
(b) तालु दंत के
(c) श्वानीय दंत के
(d) जंभिका दंत के
[U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2016]
उत्तर – (d) जंभिका दंत के
- विषैले सांपों में ऊपरी जबड़े की मैक्सिली हड्डियों के 1 से 3 जोड़ी (प्रायः एक जोड़ी) बड़े व पीछे की ओर मुड़े विषदंत (Poison Fangs) तालु से मुखग्रासन गुहिका में उभरे रहते हैं।
- यह मैक्सिलरी दंत (जंभिका दंत) ऊपरी जबड़े में ही स्थित विष ग्रंथियों (Poison Glands) से संबद्ध होते हैं।
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49. चट्टान पर उगने वाले पादप कहलाते हैं:
(a) अधिपादपीय
(b) लवणोद्भिद
(c) मरुद्भिद
(d) शैलोद्भिद
[R.A.S./R.T.S (Pre) 2010]
उत्तर – (d) शैलोद्भिद
- चट्टान पर उगने वाले पादप को शैलोद्भिद कहते हैं।
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50. निम्नलिखित में से कौन-सा एक कीटाहारी पादप है?
(a) पैशन फ्लावर पादप
(b) घटपर्णी
(c) रात की रानी (नाइट क्वीन)
(d) फ्लेम ऑफ दी फॉरेस्ट
[I.A.S. (Pre) 2008]
उत्तर – (b) घटपर्णी
- घटपर्णी (Pitcher Plant) पौधा शिकार पकड़ने की अपनी बनावट के कारण मांसभक्षी पौधे के रूप में जाना जाता है।
- घटपर्णी पौधे में फंसे कीट उसमें एकत्रित विषैले द्रव से मर जाते हैं।
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51. घटपर्णी के निम्नलिखित भागों में से कौन-सा एक, घट में रूपांतरित होता है?
(a) स्तंभ
(b) पत्ता
(c) अनुपर्ण
(d) पर्णवृत
[I.A.S. (Pre) 2007]
उत्तर – (b) पत्ता
- घटपर्णी मांसाहारी कीटभक्षी पौधे होते हैं, जो अल्प खनिज या अम्लीय मृदा में उगते हैं तथा जहां पर नाइट्रोजन की कमी होती है।
- नाइट्रोजन की कमी को पूरा करने के लिए ये कीटों को अपना आहार बनाते हैं।
- इन पौधों की पत्तियों के पर्ण फलक (Lamina) कलश या सुराही की भांति विकसित होते हैं, जिसमें पाचक एन्जाइम्स पाए जाते हैं।
- जैसे ही कोई कीट पत्तियों के अंदर प्रविष्ट होता है वैसे ही कलश के ढक्कन द्वारा ढक लिया जाता है और पाचक एन्जाइमों द्वारा नाइट्रोजन का पाचन घटपर्ण द्वारा कर लिया जाता है।
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52. निम्नलिखित में से कौन सही रूप में सुमेलित नहीं है?
(a) यीस्ट |
किण्वन |
(b) कैसीन |
दुग्ध प्रोटीन |
(c) एलोवेरा |
आवृत्तबीजी |
(d) घटपर्णी |
परजीवी आवृत्तबीजी |
[U.P.R.O./A.R.O. (Pre) 2016]
उत्तर – (d) घटपर्णी – परजीवी आवृत्तबीजी
- घटपर्णी या नेपेंथीस का पौधा प्रकाश संश्लेषण की क्रिया द्वारा अपना भोजन बनाने में सक्षम होता है।
- यह प्रायः ऐसे स्थान पर उगता है जहां की मृदा में नाइट्रोजन की कमी होती है, जिसकी पूर्ति वह कीटों को पचाकर करता है।
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53. निम्नलिखित में से कौन-सा युग्म सही सुमेलित नहीं है?
(a) अमरबेल तना परवीजी
(b) चंदन जड़ परजीवी
(c) आर्किड अधिपादप (एपिफाइट)
(d) घटपर्णी जलोद्भिद
[R.O./A.R.O. (Pre) Exam. 2017]
उत्तर – (d) घटपर्णी जलोद्भिद
- घटपर्णी नेपेंथीस कुल का कीटभक्षी पौधा है।
- ये पौधे मुख्यतया शाक (Herb) होते हैं और दलदली या अधिक नम स्थानों पर उगते हैं।
- जलोद्भिद से आशय अंशतः अथवा पूर्णतः जल निमग्न पौधों से है।
- इस प्रकार के पादप जलीय पर्यावरण में रहने एवं विकसित होने के लिए अनुकूलित होते हैं।
- चंदन, आंशिक मूल परजीवी (Partial Root Parasite) होता है।
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54. नेपेंथीस खासियाना (घटपर्णी) नामक दुर्लभ एवं आपातीय पौधा पाया जाता है-
(a) हिमाचल प्रदेश में
(b) मध्य प्रदेश में
(c) मेघालय में
(d) उत्तर प्रदेश में
[U.P.P.C.S (Mains) 2011]
उत्तर – (c) मेघालय में
- नेपॅथीस खासियाना (घटपर्णी) भारत के मेघालय राज्य के गारो, खासी एवं जयंतिया पहाड़ी क्षेत्र में पाया जाता है।
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55. पौधे के कौन-से भाग से हल्दी प्राप्त होती है?
(a) जड़
(c) पुष्प
(b) फल
(d) तना
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999, U.P.P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर – (d) तना
- पौधे के तने के भाग से हल्दी प्राप्त किया जाता है।
- हल्दी (Turmeric) के पौधे का खाने लायक हिस्सा प्रकंद (Rhizome) है, जो कि एक अंतः भौमिक रूपांतरित तने का एक प्रकार है।
- हल्दी का पौधा एक प्रकंदीय (Rhizomatous) बहुवर्षीय शाकीय पौधा है, जिसका वानस्पतिक नाम कुरकुमा लौंगा (Curcuma longa) है तथा यह कुल-जिंजिबरेसी (Family – Zingiberaceae) के अंतर्गत आता है, इसकी उत्पत्ति स्थल उष्णकटिबंधीय दक्षिण एशिया है, जिसका उपयोग ओषधि, मसाले तथा रंगकारक इत्यादि के रूप में किया जाता है।
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56. हल्दी के पौधे का खाने लायक हिस्सा कौन-सा है?
(a) जड़
(b) प्रकंद
(c) फल
(d) कंद
[M.P.P.C.S. (Pre) 1993]
उत्तर – (b) प्रकंद
- हल्दी (Turmeric) के पौधे का खाने लायक हिस्सा प्रकंद (Rhizome) है, जो कि एक अंतः भौमिक रूपांतरित तने का एक प्रकार है।
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57. फलों का वह प्रकार जिसमें लीची को रखा जा सकता है, वह है-
(a) डूप
(b) हेस्परिडियम
(c) नट
(d) एकबीजी बेरी
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर – (a) डूप
- लीची एक उष्णकटिबंधीय फल है। यह सोपबैरी परिवार का सदस्य है।
- यह एक प्रकार का डूप (Drupe) है।
- डूप ऐसे फल को कहते हैं, जिसके बाहरी छिलके और गूदे के अंदर एक सख्त गुठली हो।
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58. निम्न अधोभूमि उत्पादित सब्जियों में से कौन-सी एक रूपांतरित जड़ है?
(a) आलू
(c) बन्डा
(b) शकरकंद
(d) जिमीकंद
[U.P.P.C.S. (Mains) 2005]
उत्तर – (b) शकरकंद
- शकरकंद कांवॉल्युलेसी कुल का एकवर्षीय पौधा है, पर यह अनुकूल परिस्थितियों में बहुवर्षीय सा व्यवहार कर सकता है।
- यह एक सपुष्पक पौधा है।
- इसकी रूपांतरित जड़ की उत्पत्ति तने के पर्वसंधियों से होती है, जो जमीन के अंदर प्रवेश कर फूल जाती है।
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59. निम्नलिखित पादपों में से किसका संग्रह अंग तना नहीं है?
(a) गन्ना का
(b) अदरक का
(c) आलू का
(d) शकरकंद का
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Mains) 2010]
उत्तर – (d) शकरकंद का
- गन्ना, आलू एवं अदरक तने का रूपांतरण हैं अर्थात इनका संग्रह अंग तना है।
- जबकि शकरकंद का संग्रह अंग जड़ (कुम्भी रूप) है।
- यह मूलांकुर से विकसित होता है।
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60. निम्न में से कौन-सा तना है?
(a) शलजम
(b) अदरक
(c) गाजर
(d) शकरकंद
[U.P.P.C.S. (Pre) (Re. Exam) 2015]
उत्तर – (b) अदरक
- अदरक तने का रूपांतरण है अर्थात इनका संग्रह अंग तना है, जबकि शलजम, गाजर एवं शकरकंद जड़ों की श्रेणी में आते हैं।
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61. अदरक तना है जड़ नहीं, क्योंकि
(a) यह खाद्य सामग्री को संग्रहीत करता है।
(b) इसमें नोड और इंटर्नाड होते हैं।
(c) यह मिट्टी में क्षैतिज रूप से बढ़ता है।
(d) इसमें क्लोरोफिल की कमी है।
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. (Pre) 2020]
उत्तर – (b) इसमें नोड और इंटर्नाड होते हैं।
- नोड (Nodes) एवं इंटरनोड (Internodes) का उपस्थित होना तने का विशेष लक्षण है।
- चूंकि अदरक में ये संरचनाएं पाई जाती हैं, अतः यह कहा जा सकता है कि अदरक तना है, जड़ नहीं।
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62. निम्न को सुमेलित कीजिए-
A. प्रकंद |
1. लहसुन |
B. स्तंभ कंद |
2. जिमीकंद-सूरन |
C. शल्क कंद |
3. अदरख |
D. घनकंद |
4. आलू |
A B C D
(a) 1,2,3,4
(b) 3,4,2,1
(c) 3,4,1,2
(d)3,1,2,4
(e) 3,2,1,4
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर – (c) 3,4,1,2
- उपर्युक्त सुमेलन निम्नवत है :
प्रकंद |
अदरख |
स्तंभ कंद |
आलू |
शल्क कंद |
लहसुन |
घनकंद |
जिमीकंद-सूरन |
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63. निम्नलिखित में से कौन-सा रूपांतरित स्तंभ है?
(a) गाजर
(c) नारियल
(b) शकरकंद
(d) आलू
[I.A.S. (Pre) 1996]
उत्तर – (d) आलू
- आलू (Potato) एक अंतःभौमिक रूपांतरित स्तंभ कंद (Tuber) है, जिनमें भोजन का संचयन (Storage) हो जाता है और इसका प्रयोग भोज्य पदार्थ के रूप में किया जाता है।
- इसमें अनेक कलिकाएं (Buds) पाई जाती हैं, जो वृद्धि कर नए पौधे का रूप ले लेती हैं।
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64. आलू है, एक-
(a) मूल
(b) फल
(c) कंद
(d) शल्क कंद
[M.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर – (c) कंद
- आलू एक भूमिगत रूपांतरित तना है, जिसे कंद कहते हैं।
- ये लगभग गोलाकार होते हैं तथा भूमिगत शाखाओं के अंतिम सिरों के फूलने से इनका विकास होता है।
- कंदों के पार्श्व भागों तथा शिखर पर कलिकाएं (Buds) पाई जाती हैं।
- आलू की आंखें पर्वसंधियों (Nodes) को प्रदर्शित करती हैं, जिनसे नए पौधों का विकास होता है।
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65. निम्नलिखित में से कौन-सा एक कवकों और उच्चतर पादपों की जड़ों के बीच उपयोगी प्रकार्यक साहचर्य है?
(a) जैव उर्वरक
(b) प्रवाल मूल
(c) लाइकेन
(d) कवकमूल
[I.A.S. (Pre) 1999]
उत्तर – (d) कवकमूल
- कवकमूल (Mycorrhiza) कवकों तथा उच्चतर पादपों की जड़ों के मध्य उपयोगी ‘प्रकार्यक साहचर्य’ (Functional association) है, जिससे वे एक-दूसरे से लाभांवित होते रहते हैं।
- इसमें कवक (Fungus) मृदा से खनिज लवण तथा जल को सोखकर उच्चस्तरीय पादपों को पहुंचाता है, जबकि उच्चस्तरीय पौधा बदले में भोज्य पदार्थ तैयार कर कवक को उपलब्ध कराता है।
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66. ‘माइकोराइजा’ एक सहजीवी संबंध है-
(a) शैवाल और पौधों के मध्य
(b) शैवाल और कवक के मध्य
(c) कवक और पौधों के मध्य
(d) नील हरित शैवाल और कवक के मध्य
[U.P.B.E.O. (Pre) 2019]
उत्तर – (c) कवक और पौधों के मध्य
- कवकमूल (Mycorrhiza) कवकों तथा उच्चतर पादपों की जड़ों के मध्य उपयोगी ‘प्रकार्यक साहचर्य’ (Functional association) है, जिससे वे एक-दूसरे से लाभांवित होते रहते हैं।
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67. फलीदार पादपों की जड़ों में उपस्थित गांठों में पाए जाने वाले नत्रजन स्थिरीकरण जीवाणु हैं-
(a) मृतोपजीवी
(b) पराश्रयी
(c) सहजीवी
(d) प्रोटोपघटनी
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2007]
उत्तर – (c) सहजीवी
- फलीदार पादपों की जड़ों में मौजूद गांठों (Nodules) में पाए जाने वाले विशेष जीवाणु राइजोबियम (Rhizobium) सहजीविता (Symbiosis) का जीवन-यापन करते हैं।
- जहां एक ओर ये जीवाणु नाइट्रोजन यौगिकीकरण द्वारा नाइट्रोजन को नाइट्रेट में बदलकर पौधे को उपलब्ध कराते हैं, वहीं पर दूसरी ओर यह फलीदार पौधा इन्हें आवास तथा भोजन उपलब्ध कराता है।
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68. मटर पौधा है-
(a) शाक
(c) झाड़ी
(b) पुष्प
(d) इनमें से कोई नहीं
[39th B.P.S.C. (Pre) 1994]
उत्तर – (a) शाक
- मटर का पौधा (Pea Plant) एक द्विबीजपत्रीय (Dicotyledonous), शाकीय (Herbaceous) तथा एकवर्षीय पौधा होता है।
- इस पौधे का तना कमजोर होता है।
- अतः इसमें सहारे के लिए प्रतान (Tendril) पाए जाते हैं और यह कुल (Family) लेग्युमिनेसी (Leguminosae) के अंतर्गत आता है।
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69. लौंग है-
(a) तना की गांठें
(b) जड़ की गांठें
(c) बंद कलियां
(d) बीज
[U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2002, 2003]
उत्तर – (c) बंद कलियां
- लौग (Cloves) बंद कलियां या पुष्पकलिका हैं, जिनका उपयोग मसालों, ओषधियों, भोज्य पदार्थ इत्यादि में किया जाता है।
- लौंग के पौधे का वानस्पतिक नाम ‘शाइजिजियम एरोमेटिकम’ (Syzygium aromaticum) है, जो कि कुल-मिटेंसी (Family – Myrtaceae) के अंतर्गत आता है।
- इसका जन्म स्थल इंडोनेशिया को माना गया है तथा इसका उपयोग समस्त विश्व में किया जाता है।
- यह एक सदाबहार वृक्ष है, जिसकी ऊंचाई 1-2 मीटर तक होती है तथा इसकी पत्तियां बड़ी एवं अंडाकार (Oval) होती हैं।
- विश्व में इंडोनोशिया लौंग का सबसे उत्पादक देश है, जबकि भारत में तमिलनाडु लौंग का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है।
- उसके बाद क्रमशः कर्नाटक एवं केरल का स्थान आता है।
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70. निम्नलिखित मसालों में से कौन-सी एक पुष्पकलिका होती है?
(a) जीरा
(b) लौंग
(c) काली मिर्च
(d) हल्दी
[U.P.P.C.S (Mains) 2011]
उत्तर – (b) लौंग
- लौग (Cloves) बंद कलियां या पुष्पकलिका हैं।
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71. ‘लौंग’ है –
(a) तने की गांठें
(c) पत्तियां
(b) जड़ की गांठें
(d) सूखे फूल
[U.P.P.C.S. (Pre) (Re. Exam) 2015]
उत्तर – (d) सूखे फूल
- लौग (Cloves) बंद कलियां या पुष्पकलिका हैं, जिनका उपयोग मसालों, ओषधियों, भोज्य पदार्थ इत्यादि में किया जाता है।
- लौंग के पौधे का वानस्पतिक नाम ‘शाइजिजियम एरोमेटिकम’ (Syzygium aromaticum) है, जो कि कुल-मिटेंसी (Family – Myrtaceae) के अंतर्गत आता है।
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72. लौंग पौधे के निम्नलिखित में से किस भाग से प्राप्त होते है?
(a) शुष्क पत्तियां
(b) शुष्क तर्ने
(c) शुष्क बीज
(d) शुष्क पुष्प कली
[B.P.S.C. 56th to 59th (Pre) 2015]
उत्तर – (d) शुष्क पुष्प कली
- यह एक सदाबहार वृक्ष है, जिसकी ऊंचाई 1-2 मीटर तक होती है तथा इसकी पत्तियां बड़ी एवं अंडाकार (Oval) होती हैं।
- लौंग (Cloves) बंद कलियां या पुष्पकलिका हैं, जिनका उपयोग मसालों, ओषधियों, भोज्य पदार्थ इत्यादि में किया जाता है।
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73. लौंग निम्नलिखित में से किसका निरूपण है?
(a) अंतस्थ कली
(b) सहायक कली
(c) फूल कली
(d) वनस्पति कली
[U.P.P.C.S. (Pre) 2021]
उत्तर – (c) फूल कली
- लौंग फूल कली का निरूपण है ।
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74. निम्नांकित में कौन एक सुमेलित नहीं है?
(a) अदरक राइजोम
(b) केसर बीज
(c) अफीम अफीम की डूडी
(d) सन तना
[U.P.U.D.A./L.D.A. (Pre) 2001]
उत्तर – (b) केसर बीज
- केसर एक मसाला है, जिसे सैफ्रान क्रोकस के पुष्प की वर्तिका (Style) तथा वर्तिकान्न (Stigma) से प्राप्त किया जाता है।
- इस पौधे का वानस्पतिक नाम ‘क्रोकस सैटाइवस’ है, जो कि इरीडेसी कुल के अंतर्गत आता है।
- केसर (क्रोकस सैटाइवस) फूल के स्त्री भाग (Gynoecium) से प्राप्त किया जाता है, जो बीज बनाने वाला भाग है।
- यह एक पुष्पीय बहुवर्षीय पौधा है।
- केसर का स्वाद तीखा होता है तथा इसमें सैफ्रानाल एवं पिक्रोक्रोसीन नामक रसायन पाया जाता है।
- इसका उपयोग ओषधि तथा भोज्य पदार्थ को स्वादिष्ट तथा सुनहला बनाने में किया जाता है।
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75. केसर होता है, सूखा मिश्रण-
(a) पत्ती और तना का
(b) पंखड़ियों और जड़ों का
(c) फूल के बीज बनाने वाले भागों का
(d) बीज और कलियों का
[U.P.P.C.S. (Pre) 2002]
उत्तर – (c) फूल के बीज बनाने वाले भागों का
- केसर फूल के बीज बनाने वाले भागों का मिश्रण होता है।
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76. नीचे दिए पौधों और उनके खाद्य भाग के युग्मों में कौन-सा सही सुमेलित नहीं है?
(a) अदरक |
प्रकंद |
(b) प्याज़ |
मांसल पर्ण |
(c) आलू |
मूल |
(d) नारियल |
भ्रूणपोष |
[U.P.P.C.S. (Mains) 2011]
उत्तर – (c) आलू – मूल
- आलू का खाने वाला भाग कंद (रूपांतरित तना) होता है न कि मूल।
- अतः विकल्प (c) सुमेलित नहीं है। शेष सभी युग्म सुमेलित हैं।
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77. निम्न में से आलू का कौन-सा भाग खाने योग्य होता है?
(a) तना
(b) बीज
(c) जड़
(d) फल
[U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2013]
उत्तर – (a) तना
- आलू का खाने वाला भाग कंद तना होता है।
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78. निम्न में से कौन-सा एक फल है?
(a) आलू
(b) मूली
(c) भिण्डी
(d) शकरकंद
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999]
उत्तर – (c) भिण्डी
- भिण्डी (Okra or Lady’s Finger) का पौधा एक पुष्पीय पादप (Flowering Plant) है, जिसका वानस्पतिक नाम एबेलमोस्कस एस्कुलॅटस (Abelmoschus esculentus) है।
- इसका फल कैप्सूल (Capsule) प्रकार का होता है, जिसमें बीजों की संख्या अधिक होती है।
- इस फल का संपूर्ण भाग खाया जाता है।
- अन्य विकल्पों में आलू का खाया जाने वाला भाग तना तथा मूली एवं शकरकंद का भाग जड़ (Root) है।
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79. निम्न में कौन-सा एक सच्चा फल नहीं है?
(a) सेब
(b) अंगूर
(c) खजूर
(d) आलू बुखारा
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. (Pre) 2020]
उत्तर – (a) सेब
- जब फल के निर्माण में अंडाशय (Ovary) के अलावा कुछ अन्य भाग भी शामिल हों, तो ऐसे फल को असत्य फल (False Fruits) कहते हैं।
- उदाहरण-सेब (Apple), काजू (Cashew nut), नाशपाती (Pear) आदि।
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80. पादप कली है –
(a) एक भ्रूणीय टहनी
(b) एक भ्रूणीय पत्ती
(c) एक भ्रूणपोष
(d) एक बीज
[56th to 59th B.P.S.C. (Pre) 2015]
उत्तर – (a) एक भ्रूणीय टहनी
- वनस्पति विज्ञान में किसी अविकसित प्ररोह (Embryonic Shoot) को कली या कलिका कहते हैं।
- यह किसी पत्ती के कक्ष (Axil) पर या तने के अंतिम छोर पर उत्पन्न होती है।
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81. कॉर्क निम्नलिखित में से किस पेड़ से प्राप्त होता है?
(a) डलबर्जिया
(b) सेडरस
(c) क्वैर्कस
(d) आर्जीमोन
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2003]
उत्तर – (c) क्वैर्कस
- कॉर्क (Cork), ओक (Oak) नामक वृक्ष की छाल (Bark) से प्राप्त किया जाता है, जिसका वानस्पतिक नाम क्वैर्कस सुबर (Quercus suber) है।
- इस पौधे का उत्पत्ति स्थल भूमध्यसागरीय क्षेत्र (Mediterranean Region) है।
- कार्क अनियमित आकार का, पतली भित्ति वाला तथा मोम-युक्त कोशाओं वाला होता है।
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82. लहसुन की अभिलाक्षणिक गंध का कारण है-
(a) क्लोरो यौगिक
(b) सल्फर यौगिक
(c) पलुओरीन यौगिक
(d) एसीटिक अम्ल
[I.A.S. (Pre) 1997, Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2005, U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]
उत्तर – (b) सल्फर यौगिक
- लहसुन (Garlic) की अभिलाक्षणिक गंध (Smell) का कारण गंधक यौगिक (सल्फर यौगिक Sulphur compound) है।
- इसके अलावा प्याज, सरसों के तेल आदि में भी सल्फर पाया जाता है।
- लहसुन का तेल वाष्पशील (Volatile) तथा महत्वपूर्ण (Essential oil) होने के कारण सक्रिय गुण रखता है।
- इस तेल में सल्फर की प्रचुर मात्रा पाई जाती है, जबकि ऑक्सीजन का अभाव होता है।
- लहसुन का उपयोग स्वेद जनक, मूत्रवर्द्धक, कफ निवारक, उत्तेजक इत्यादि रूपों में किया जाता है।
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83. प्याजों के छिलके उतारने पर आंसू आते हैं, क्योंकि प्याज निष्कासित करते हैं-
(a) सल्फोनिक अम्ल
(b) सल्फेनिक अम्ल
(c) एमीनो अम्ल
(d) कार्बोलिक अम्ल
[U.P.P.C.S. (Pre) 2015]
उत्तर – (b) सल्फेनिक अम्ल
- प्याज काटने पर सिंथेज (Synthase) नामक एंजाइम निष्कासित होता है।
- सिंथेज एंजाइम प्याज में उपस्थित सल्फॉक्साइड (एमीनो अम्ल) को सल्फेनिक अम्ल में परिवर्तित कर देता है।
- अस्थायी सल्फेनिक अम्ल अपने को पुनः व्यवस्थित कर Syn-Propanethial-S-Oxide का निर्माण करता है, जो आंख में आंसू उत्पन्न करता है।
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84. जीवन-चक्र की दृष्टि से, पौधे का सबसे महत्वपूर्ण अंग है-
(a) पुष्प
(b) पत्ती
(c) तना
(d) जड़
[47th B.P.S.C. (Pre) 2003]
उत्तर – (a) पुष्प
- जीवन-चक्र की दृष्टि से पौधे का सबसे महत्वपूर्ण अंग पुष्प है। यह पौधे के प्रजनन में सहायक होता है।
- एक पुष्प में मुख्यतः पुंकेसर और स्त्रीकेसर मिलकर प्रजनन भागों का निर्माण करते हैं।
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85. मिर्च की तीक्ष्णता का कारण है-
(a) लाइकोपिन की उपस्थिति
(b) कैप्सैइसिन की उपस्थिति
(c) कैरोटीन की उपस्थिति
(d) ऐन्थोसायनिन की उपस्थिति
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर – (b) कैप्सैइसिन की उपस्थिति
- मिर्च का तीक्ष्ण या तीखा स्वाद एक क्रिस्टलीय पदार्थ कैप्सैइसिन (C18H27, NO3) की उपस्थिति के कारण होता है।
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86. लाल मिर्च तीखी होती है, क्योंकि उसमें उपस्थित होता है?
(a) रिसिन
(b) कैप्सैइसिन
(c) एरिकोलीन
(d) कैफियॉल
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]
उत्तर – (b) कैप्सैइसिन
- लाल मिर्च तीखी होती है, क्योंकि उसमें कैप्सैइसिन उपस्थित होता है।
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87. रेशम का कीड़ा (Silk Worm) अपने जीवन-चक्र के किस चरण में वाणिज्यिक तंतु (Fiber of Commerce) पैदा करता है?
(a) अंडा (Egg)
(b) डिंभक (Larva)
(c) कोशित (Pupa)
(d) पूर्ण कीट (Imago)
[I.A.S. (Pre) 2000]
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (c) कोशित (Pupa)
- रेशम का कीड़ा (Silk worm), कोशित (Pupa) अवस्था में वाणिज्यिक तंतु (Fibre of commerce) को उत्पन्न करता है।
- लार्वा चक्र के बाद तैयार प्यूपा के बचाव हेतु यह अपनी लार ग्रंथियों द्वारा स्रावित पदार्थ से खोल, कोया (Cocoon) तैयार करता है, जिससे रेशम (Silk) की प्राप्ति की जाती है।
- रेशम का उपयोग वस्त्र उद्योग में किया जाता है।
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88. रेशम कीट जिन पर पनपता है, वे हैं-
(a) रीठे की पत्तियां
(b) वेडू की पत्तियां
(c) आड़ की पत्तियां
(d) शहतूत की पत्तियां
[Uttarakhand Lower Sub. (Pre) 2010]
उत्तर – (d) शहतूत की पत्तियां
- रेशम कीट, कीट वर्ग का प्राणी है।
- यह शहतूत के पत्तों पर पनपता है।
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89. निम्नलिखित में कौन कीटों से प्राप्त नहीं होता है?
(a) रेशम
(c) लाख
(b) शहद
(d) मोती
[U.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर – (d) मोती
- रेशम के कीट से रेशम की प्राप्ति होती है।
- रेशम का कीट शहतूत के पत्तों पर पनपता है।
- लाख (Lac) कैरिया लैक्का (Kerria lacca) एवं लैसीफर लैक्का (Laccifer lacca) नामक कीट द्वारा प्राप्त होता है।
- मधुमक्खियां सामाजिक कीट हैं, जो फूलों से मकरंद इकट्ठा कर शहद का निर्माण करती हैं।
- मोती वस्तुतः मोलस्का संघ के जीव पिकटैडा (Pinctada) या पर्ल ओइस्टर (Pearl Oyster) द्वारा प्राप्त किया जाता है।
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90. निम्नलिखित में से कौन-सी ओषधीय फसल है?
(a) गन्ना
(b) घृतकुमारी
(c) कपास
(d) महुआ
[M.P.P.S.C. (Pre) 2018]
उत्तर – (b) घृतकुमारी
- घृतकुमारी या एलोवेरा एक ओषधीय पौधा है।
- गन्ना तथा कपास नकदी फसलें हैं।
- महुआ एक ऊष्णकटिबंधीय वृक्ष है, जो भारत के मैदानी क्षेत्रों में पाया जाता है।
- इसके फल से तेल तथा इसके फूल से शराब बनाई जाती है।
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91. कुनैन जो मलेरिया के लिए एक प्रमुख ओषधि है, वह प्राप्त होती है-
(a) आवृत्तबीजी पादप से
(b) बैक्टीरिया से
(c) यीस्ट से
(d) शैवाल से
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1996]
उत्तर – (a) आवृत्तबीजी पादप से
- कुनैन (Quinine) मलेरिया के उपचार के लिए एक प्रमुख ओषधि है, जिसे सिनकोना (Cinchona) नामक पौधे की छाल (Bark) से प्राप्त किया जाता है।
- यह पौधा एक आवृत्तबीजी पादप (Angiospermic plant) है।
- कुनैन एक प्राकृतिक श्वेत क्रिस्टलीय एल्केलॉयड है, जिसका स्वाद तीखा होता है।
- इसका उपयोग जोड़ों के दर्द (Arthritis) तथा प्रियान (Prion) से उत्पन्न रोगों के उपचार में भी किया जाता है।
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92. मलेरिया रोग की प्रभावी ओषधि कुनैन का निष्कर्षण किया जाता है-
(a) सिनेमन की छाल से
(b) सिनकोना की छाल से
(c) तुलसी की पत्तियों से
(d) कत्था-वृक्ष की छाल से
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर – (b) सिनकोना की छाल से
- कुनैन (Quinine) मलेरिया के उपचार के लिए एक प्रमुख ओषधि है, जिसे सिनकोना (Cinchona) नामक पौधे की छाल (Bark) से प्राप्त किया जाता है।
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93. कुनैन, जो मलेरिया के इलाज में प्रयोग की जाती है, सिनकोना पादप के किस भाग से आती है?
(a) पत्ती
(b) जड़
(c) छाल
(d) पुष्प
[Uttarakhand U.D.A./L.D.A. (Pre) 2007, Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2002]
उत्तर – (c) छाल
- कुनैन, जो मलेरिया के इलाज में प्रयोग की जाती है, सिनकोना पादप की छाल (Bark) से प्राप्त किया जाता है।
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94. कुनैन, सिनकोना पादप के किस भाग में प्राकृतिक रूप से पाई जाती है?
(a) जड़
(c) बीज
(b) फल
(d) छाल
[U.P.P.C.S. (Pre) (Re. Exam) 2015]
उत्तर – (d) छाल
- कुनैन, सिनकोना पादप के छाल भाग में प्राकृतिक रूप से पाई जाती है।
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95. मलेरिया निदान हेतु आरटीथर नाम की ओषधि प्राप्त होती है-
(a) बीजीय पादप से
(b) कवक से
(c) जीवाणु से
(d) काई (मास) से
[U.P. P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (a) बीजीय पादप से
- मलेरिया निदान हेतु आरटीथर नामक ओषधि बीजीय पादप (Seeded plants) से तैयार की जाती है।
- एट्रेवीन, क्लोरोक्वीन इत्यादि ओषधियां भी मलेरिया निदान हेतु प्रयुक्त की जाती हैं।
- ध्यातव्य है कि मलेरिया प्लाज्मोडियम (Plasmodium) नामक प्रोटोजोआ द्वारा होता है तथा इसका वाहक मादा एनाफिलीज मच्छर है।
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96. सिनकोना की छाल से प्राप्त ओषधि को मलेरिया के उपचार के लिए प्रयुक्त किया जाता था। जिस कृत्रिम ओषधि ने इस प्राकृतिक उत्पाद को प्रतिस्थापित किया है, वह है–
(a) क्लोरोमाइसीटिन
(b) क्लोरोक्विन
(c) टेट्रासाइक्लिन
(d) एम्पीसिलीन
[U.P. P.C.S. (Pre) 2000]
उत्तर – (b) क्लोरोक्विन
- कुनैन (Quinine) नामक एल्केलॉयड्स सिनकोना (Cinchona) पौधे की छाल से तैयार की जाती है, जो कि मलेरिया रोग के उपचार में उपयोगी है, किंतु क्लोरोक्विन (Chloroquine) नामक कृत्रिम ओषधि (Medicine) ने इस प्राकृतिक उत्पाद को प्रतिस्थापित (Replace) किया है, क्योंकि इसका भी उपयोग अब मलेरिया उपचार के लिए किया जाता है।
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97. निम्न में से किस समूह के जीवों का, डूबने से हुई मृत्यु का पता लगाने में महत्व है?
(a) लाइकन
(b) प्रोटोजोआ
(c) साइनोजीवाणु
(d) डायटम
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2008]
उत्तर – (d) डायटम
- एक कोशीय डायटम जीव समूहों का प्रयोग सॉलुइन-35 परीक्षण (Soluene-35 Test) में डूबने से हुई मृत्यु का पता लगाने में किया जाता है।
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98. शहतूत का फल है-
(a) सोरोसिस
(b) साइकोनस
(c) समाग
(d) नट
[U.P.P.C.S. (Mains) 2006]
उत्तर – (a) सोरोसिस
- शहतूत का फल सोरोसिस (Sorosis) कहलाता है।
- यह एक प्रकार का बहु या मिश्रित फल है।
- अनानास तथा कटहल के फल भी सोरोसिस कहलाते हैं।
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99. निम्न रेशों में से कौन पौधे के तने का उत्पाद नहीं है?
(a) सन
(b) पटसन
(c) जूट
(d) कपास
[U.P.P.C.S. (Pre) 2002]
उत्तर – (d) कपास
- सन (Sunn), पटसन (Hemp) तथा जूट (Jute) के तनों (Stems) की रेटिंग से रेशा प्राप्त किया जाता है, जबकि कपास (Cotton) को फलों में स्थित बीज (Seed) के बीजावरण से लगी रेशों से प्राप्त करते हैं, जो कि दो प्रकार के होते हैं-एक बड़ी जिसे लिंट रेशा (Lint fibre) तथा दूसरी छोटी जिसे फज रेशा (Fuzz fibre) कहते हैं।
- लिंट रेशे व्यापारिक तौर पर अधिक महत्वपूर्ण होते हैं, जबकि फज रेशे कम महत्वपूर्ण होते हैं।
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100. लेग हीमोग्लोबिन पाई जाती है:
(a) मानव रुधिर में
(b) खरगोश रुधिर में
(c) लेग्यूम मूल-ग्रंथियों में
(d) मुर्ग के रुधिर में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2005]
उत्तर – (c) लेग्यूम मूल-ग्रंथियों में
- लेग हीमोग्लोबिन लेग्युमिनोसी या फेबेसी कुल के पौधों जैसे अल्फाल्फा, सोयाबीन आदि की मूल-ग्रंथियों में पाई जाती है।
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101. निम्नलिखित में से कौन-सा ‘मानव निर्मित’ धान्य है, जो प्रकृति में नहीं पाया जाता?
(a) बौना गेहूं
(b) संकर मक्का
(c) ट्रिटिकेल
(d) सोयाबीन
[I.A.S. (Pre) 1993]
उत्तर – (c) ट्रिटिकेल
- ट्रिटिकेल (Triticale) मानव निर्मित अनाज या धान्य (Cereal) है, जो कि प्रकृति में नहीं पाया जाता है।
- वैज्ञानिकों ने इस संकर पौधे को प्रयोगशाला में गेहूं (Triticum, ट्रिटिकम) तथा राई (Secale, सिकेल) को परस्पर संकरण कराके तैयार किया है।
- इस संकरण में गेहूं के मादा तथा राई के नर भाग (परागकण) का उपयोग किया जाता है।
- इसका अनाज मूलतः स्वीडन तथा स्काटलैंड द्वारा उत्पन्न किया गया है।
- इसको मुख्यतः पशुओं के चारे के लिए उगाया जाता है। इससे रोटी अच्छी नहीं बनती है।
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102. निम्नलिखित में से कौन-सा अनाज मानव निर्मित है?
(a) सेकेल सीरिएल
(b) पोमैटो
(c) ट्रिटिकेल
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Mains) 2017]
उत्तर – (c) ट्रिटिकेल
- ट्रिटिकेल (Triticale) मानव निर्मित अनाज या धान्य (Cereal) है, जो कि प्रकृति में नहीं पाया जाता है।
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103. कैनौला (Canola) मानव उपभोग के लिए उगाई गई विशिष्ट प्रकार की तिलहन सरसों (Oil Seed Mustard) की किस्मों को निर्दिष्ट करता है। इन किस्मों की मुख्य विशेषता यह है कि-
(a) इनके बीजों में तैल मात्रा अत्यधिक उच्च होती है।
(b) इनके तेल में असंतृप्त वसा अम्लों की प्रचुरता होती है।
(c) इनके तेल की शेल्फ-आयु लंबी होती है।
(d) इनके तेल में ईरूसिक अम्ल की बहुत अल्प मात्रा होती है।
[I.A.S. (Pre) 2000]
उत्तर – (d) इनके तेल में ईरूसिक अम्ल की बहुत अल्प मात्रा होती है।
- कैनोला (Canola) खाद्य तेल का एक प्रकार है, जिसे प्राथमिक तौर से कीथ डाउनी तथा बाल्डर स्टीफेन्सन द्वारा वर्ष 197 में कनाडा में उत्पन्न किया गया था।
- कैनोला के बीजों का उपयोग खाद्य तेल के उत्पादन में होता है, जो मानव उपभोग के लिए अनुकूल होता है, क्योंकि इसमें पारंपरिक रेपसीड तेलों की तुलना में ईरूसिक एसिड की मात्रा कम होती है।
- ईरूसिक एसिड की काफी कम मात्रा के अतिरिक्त इसके पोषक गुण भी काफी अलग होते हैं।
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104. सूक्ष्म जीवाणु (बैक्टीरिया) को देखा जा सकता है-
(a) खाली आंख द्वारा
(b) कम्पाउंड खुर्दबीन द्वारा
(c) हँड लेस द्वारा
(d) इलेक्ट्रॉन खुर्दबीन द्वारा
[U.P.P.C.S. (Pre) 1995]
उत्तर – (b) कम्पाउंड खुर्दबीन द्वारा
- जीवाणु (Bacteria) अति सूक्ष्म एवं साधारण जीव हैं। इनकी लंबाई 2 से 4 माइक्रोन (µ) तक होती है।
- कुछ जीवाणु 6µ तक की लंबाई के होते हैं।
- कुछ सूक्ष्म जीवाणुओं को कम्पाउंड खुर्दबीन (Compound Microscope) द्वारा देखा जा सकता है, क्योंकि यह किसी वस्तु को 15-2 गुना (कुछ में 4 गुना) बड़ा कर दिखाता है।
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105. ‘स्पांजी टिशू’ (स्पंजी ऊतक) एक ऐसी गंभीर समस्या है जिसके कारण आम की जिस प्रजाति का निर्यात कुप्रभावित हो रहा है, वह है-
(a) अलफांसो
(b) दशहरी
(c) नीलम
(d) लंगड़ा
[U.P.P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर – (a) अलफांसो
- स्पांजी टिशू एक ऐसा विकार है, जो फलों, मुख्यतः अल्फांसो आम की गुणवत्ता को कुप्रभावित करता है।
- इस विकार के कारण आम कच्चे एवं अम्लीय रह जाते हैं।
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106. कथन (A): कुछ जीवाणु अपना भोजन संश्लेषित कर सकते हैं।
कारण (R): इन जीवाणुओं में हरा पदार्थ जो हरितलवक कहलाता है, पाया जाता है।
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P.P.C.S. (Pre) 2000]
उत्तर – (c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
- पोषण के आधार पर जीवाणु परपोषी (Heterotrophic) तथा स्वपोषित होते हैं।
- स्वपोषित जीवाणु कार्बन डाइऑक्साइड (CO₂) तथा अकार्बनिक पदार्थों से अपना भोजन स्वयं बना लेते हैं।
- ये जीवाणु दो प्रकार के प्रकाश-संश्लेषी तथा रसायन-संश्लेषी होते हैं।
- इन जीवाणुओं में हरितलवक (Chloroplast) का अभाव होता है।
- कुछ जीवाणुओं में पर्णहरिम (Chlorophyll) से मिलते-जुलते रंगद्रव्य होते हैं, जिससे ये प्रकाश संश्लेषण की क्रिया करते हैं।
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107. सूक्ष्म जीवाणु (बैक्टीरिया) के बारे में कौन-सा कथन सत्य है?
(a) ये जीवित व मृत की सीमा रेखा पर होते हैं।
(b) ये वनस्पति व जानवर की सीमा रेखा पर होते हैं।
(c) ये फूल देने वाली व फूल न देने वाली वनस्पति की सीमा रेखा पर होते हैं।
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
[U.P.P.C.S. (Pre) 1995]
उत्तर – (d) उपर्युक्त में से कोई नहीं।
- जीवाणु (Bacteria) सबसे सरल, अतिसूक्ष्म तथा एककोशिकीय, आद्य (Primitive) जीव हैं, जिन्हें मोनेरा (Monera) जगत में रखा गया है।
- जीवाणु हमारे लिए लाभदायक एवं हानिकारक दोनों प्रकार के होते हैं तथा इनका अध्ययन जीवाणु विज्ञान (Bacteriology) में किया जाता है।
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108. निम्न कथनों पर विचार कीजिये-
कथन (A): मरुस्थलीय पौधों के जड़-तंत्र काफी लंबे होते हैं।
कारण (R): मृदा का उच्च तापमान जड़ विकास को प्रोत्साहित करता है।
उपर्युक्त के संदर्भ में, निम्न में से कौन-सा एक सही उत्तर है?
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P. Lower Sub. (Pre) 1998]
उत्तर – (c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
- मरुस्थलीय पौधों के अंतर्गत कैक्टस (Cactus), मदार (Calotropis), घीक्वार (Aloe) इत्यादि पौधे आते हैं, जो कि शुष्क वातावरण में अपना जीवन-चक्र पूर्ण कर लेने की क्षमता रखते हैं।
- इन पौधों में जड़-तंत्र (Root System) मृदा से जल की खोज के लिए काफी लंबे हो जाते हैं तथा इनके तने छोटे, रूपांतरित एवं कभी-कभी भूमिगत होते हैं।
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109. मरुस्थलीय पौधों की जड़ें लंबी होती हैं, क्योंकि-
(a) भूमि का उच्च तापमान जड़ों को लंबा होने हेतु प्रोत्साहित करता है।
(b) जड़ें पानी की तलाश में लंबी हो जाती हैं।
(c) भूमि में पानी नहीं होता। अतः यह सख्त होकर जड़ों पर दबाव डालती हैं, जिससे वह लंबी हो जाती हैं।
(d) जड़ें सूर्य की गर्मी के विपरीत दिशा में बढ़ती हैं।
[U.P.P.C.S. (Pre) 1996]
उत्तर – (b) जड़ें पानी की तलाश में लंबी हो जाती हैं।
- इन पौधों में जड़-तंत्र (Root System) मृदा से जल की खोज के लिए काफी लंबे हो जाते हैं तथा इनके तने छोटे, रूपांतरित एवं कभी-कभी भूमिगत होते हैं।
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110. मरुस्थल में फ्रिएटोफाइट्स मिलते हैं, यानी ऐसे पादप जिनमें-
(a) रसाल स्तंभ (100-200 मिमी. मोटा) होता है।
(b) पत्तियों में वसा का संग्रहण (20-30 मिग्रा.) होता है।
(c) लंबी (20-30 फि) मूसला जड़ होती है।
(d) छोटी (2-3 मिमी.) अथवा कांटेनुमा पत्तियां होती हैं।
[R.A.S./R.T.S. (Re. Exam) (Pre)2013]
उत्तर – (c) लंबी (20-30 फि) मूसला जड़ होती है।
- फ्रिएटोफाइट्स मरुस्थल में पाए जाने वाले पौधे होते हैं, जिनमें जल को संचित रखने के विशिष्ट तरीके विकसित हो जाते हैं।
- इन पौधों की जड़ें अत्यधिक लंबी होती हैं, जो भूमि में काफी गहराई तक जाकर पानी का अवशोषण करती हैं।
- फ्रिएटोफाइट्स की जड़ें वस्तुतः 25-30 मीटर तक की लंबाई ग्रहण करके भूमिगत जल सतह तक पहुंच जाती हैं।
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111. शुष्क जलवायु के भली-भांति अनुकूलित पेड़-पौधों को कहते हैं-
(a) अधिपादप
(b) मरुद्भिद्
(c) जलोदभिद्
(d) मध्यपादप
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1993]
उत्तर – (b) मरुद्भिद्
- शुष्क वातावरण या मरुभूमि जैसे वातावरण में पाए जाने वाले पेड़-पौधों को मरुद्भिद् (Xerophyte) कहते हैं, जो कि अपने शरीर को शुष्क वातावरण के प्रति पूर्णतया अनुकूलित कर लेते हैं।
- जल के उत्स्वेदन को कम करने के लिए इनकी बाह्य त्वचा मोटी उपचर्म (Cuticle) की परत से ढकी रहती है तथा पत्तियां कांटों में परिवर्तित हो जाती हैं।
- इसके अंतर्गत नागफनी, मदार, नेरियम, ब्रायोफिलम इत्यादि पौधे आते हैं।
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112. मरुभूमि के पादप अधिकतर होते हैं-
(a) वीवीपेरस
(b) मांसल
(c) शाकीय
(d) विषमपर्णी
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2013]
उत्तर – (b) मांसल
- मरुभूमि में पाए जाने वाले पौधों के कुछ भाग जल को संचित रखने के लिए अधिक मांसल तथा स्थूल होते हैं।
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113. पौधे, जो नमक-युक्त मिट्टी में उगते हैं, को क्या कहते हैं?
(a) जिरोफाइट
(b) हाइड्रोफाइट
(c) हैलोफाइट
(d) सक्यूलेंट
[53 to55th B.P.S.C. (Pre) 2011]
उत्तर – (c) हैलोफाइट
- ‘लवण मृदोद्भिद’ (Halophyte) उन पादपों को कहते हैं, जो उच्च लवणतायुक्त जल या मृदा में उगते हैं।
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114. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए :
1. जेली रुदन का कारण, अम्ल की अधिकता है।
2. गन्ने के लिए सर्वाधिक अनुकूल जैव उर्वरक राइजोबियम है।
3. नमकीन पानी में उगाए गए पौधे थैलोफाइट्स कहलाते हैं।
4. सुषुप्तावस्था तोड़ने वाला हॉर्मोन है-साइटोकाइनिन।
इन कथनों में कौन-से सही हैं?
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 3 और 4
(d) केवल 1 और 4
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2013]
उत्तर – (d) केवल 1 और 4
- जेली रुदन का कारण अम्ल की अधिकता है, अतः कथन (1) सत्य है।
- बीजों की सुषुप्तावस्था तोड़ने वाले हॉर्मोन जिबरेलिन तथा साइटोकाइनिन हैं।
- अतः कथन (4) भी सही है। गन्ने के लिए सर्वाधिक अनुकूल जैव उर्वरक एसीटोबैक्टर है।
- अतः कथन (2) असत्य है। नमकीन पानी में उगने वाले पौधे हैलोफाइट्स कहलाते हैं।
- अतः कथन (3) असत्य है।
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115. एपिफाइट्स वे पौधे हैं, जो अन्य पौधों पर निर्भर हैं:
(a) भोजन के लिए
(b) यांत्रिक अवलंब के लिए
(c) छाया के लिए
(d) जल के लिए
[I.A.S. (Pre) 2001]
उत्तर – (b) यांत्रिक अवलंब के लिए
- अधिपादप (Epiphytes) वे पौधे हैं, जो दूसरे जीवित पौधे पर उगे या लगे रहते हैं।
- ये अपना भोजन स्वयं बनाते हैं, क्योंकि इनमें पर्णहरित (Chlorophyll) पाया जाता है।
- ये सिर्फ पोषक पौधों पर यांत्रिक अवलंब के लिए निर्भर रहते हैं।
- इन्हें वायवीय पादप (Aerial Plants) भी कहा जाता है, क्योंकि इनकी जड़ें मृदा से नहीं लगी रहती हैं।
- इसके अंतर्गत आर्किड्स (Orchids) के पौधे आते हैं।
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116. जल की अधिकतम मात्रा जिसकी पौधों को आवश्यकता होती है, वह उसे अवशोषण निम्न के माध्यम से करते हैं :
(a) भ्रूणीय जोन से
(b) बढ़त बिंदु से
(c) दीर्धीकरण जोन से
(d) जड़ों के बालों से
[U.P.P.C.S. (Mains) 2007]
उत्तर – (d) जड़ों के बालों से
- पौधे अपनी जड़ों के बालों द्वारा भूमि से जल का अवशोषण करते हैं।
- ‘जड़ों के बाल’ (Root hairs) एक प्रकार की पतली भित्ति वाली एककोशिकीय संरचनाएं हैं, जो जड़ों के बाहरी भाग एपीडर्मिस से निकली होती हैं।
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117. हाइड्रोफाइट कहते हैं-
(a) एक सामुद्रिक जानवर को
(b) एक जलीय पौधे को
(c) एक पौधीय रोग को
(d) एक जड़हित पौधे को
[U.P. P.C.S. (Pre) 1994]
[R.A.S/.R.T.S. (Pre) 1999]
उत्तर – (b) एक जलीय पौधे को
- बहुत अधिक जल (HO) वाले स्थान पर पाए जाने वाले पौधों को हाइड्रोफाइट (जलोभिद्) कहते हैं।
- इनमें बड़े-बड़े अंतराकोशीय स्थान (Intercellular Spaces) होते हैं जिनमें वायु भरी होती है, जो कि पौधों के तैरने में सहायक होते हैं।
- इन पौधों में यांत्रिक ऊतक (Mechanical tissues) भी बहुत कम विकसित होते हैं या उनका पूर्ण अभाव होता है।
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118. पौधों द्वारा ली गई विकीर्ण ऊर्जा निम्न परिणाम देती है-
(a) जल का प्रकाश अपघटन
(b) क्लोरोफिल का ऑक्सीकरण
(c) ऑक्सीजन का अपचयन
(d) कार्बन डाइऑक्साइड का ऑक्सीकरण
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1999]
उत्तर – (a) जल का प्रकाश अपघटन
- पौधों द्वारा ली गई विकीर्ण ऊर्जा (Radiant Energy) का परिणाम जल का प्रकाशीय अपघटन (Photolysis of Water) होता है, जिसमें जल (H₂O) के अणु टूटकर हाइड्रोजन तथा ऑक्सीजन गैस बनाते हैं और इसमें H, आयन इलेक्ट्रॉन वाहक (Electron Carrier) का कार्य करता है।
- जल का प्रकाशीय अपघटन प्रकाश-कर्म में संपन्न होता है।
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119. निम्नलिखित में से कौन-से जीव अपरदहारी (डेट्राइटिवोर) हैं?
1. केंचुआ
2. जेलीफिश
3. सहस्रपादी (मिलीपीड)
4. समुद्री घोड़ा (सीहॉर्स)
5. काष्ठ यूका (वुडलाइस)
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1, 2 और 4
(b) केवल 2, 3, 4 और 5
(c) केवल 1, 3 और 5
(d) 1, 2, 3, 4 और 5
[I.A.S. (Pre) 2021]
उत्तर – (c) केवल 1, 3 और 5
- डेट्राइटिवोर्स (अपरदहारी) हेटरोट्रॉफ है, जो अपना पोषण अपरद, मृत या सड़े-गले पौधों व जानवरों को खाकर प्राप्त करते हैं।
- केंचुआ, काष्ठ यूका (Woodlice) एवं सहस्रपादी (Millipedes) अपरदहारी हैं।
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120. निम्न में से किसका सही सुमेल नहीं है?
(a) स्वजीवी उत्पादक
(b) परोपजीवी उपभोक्ता
(c) मृतोपजीवी विबन्धक
(d) तृणभक्षी गौण उपभोक्ता
[U.P.P.C.S. (Pre) 2000]
उत्तर – (d) तृणभक्षी गौण उपभोक्ता
- उत्पादक (Producer) स्वजीवी वे होते हैं, जो कि अपना भोजन स्वयं बना लेते हैं।
- उपभोक्ता (Consumer) परोपजीवी होते हैं अर्थात दूसरे जीवों से अपना भोज्य पदार्थ ग्रहण करते हैं।
- विबन्धक मृतोपजीवी (Saprophytic) होते हैं, जो कि अपना भोज्य पदार्थ मृत जीवों से ग्रहण करते हैं।
- तृणभक्षी गौण उपभोक्ता न होकर प्राथमिक उपभोक्ता (Primary consumer) होते हैं, जो कि शाकाहारी होते हैं।
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121. प्रथम पोषक स्तर के अंतर्गत आते हैं-
(a) शाकाहारी जंतु
(b) मांसाहारी जंतु
(c) सर्वभक्षी जंतु
(d) हरित पादप
[M.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर – (d) हरित पादप
- वे सभी पौधे जो कि प्रकाश संश्लेषण के द्वारा भोजन का निर्माण करते है, प्राथमिक पोषक या उत्पादक कहलाते हैं।
- पौधे प्रकाश संश्लेषण हरे रंग के लवक (क्लोरोफिल) की सहायता से करते हैं, क्लोरोफिल के कारण ही पौधे हरे होते हैं।
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122. जीवों के निम्नलिखित प्रकारों पर विचार कीजिए-
1. कॉपिपोड
2. साइनोबैक्टीरिया
3. डायटम
4. फोरामिनिफेरा
उपर्युक्त में से कौन-से जीव महासागरों की आहार श्रृंखलाओं में प्राथमिक उत्पादक हैं?
(a) 1 और 2
(b) 2 और 3
(c) 3 और 4
(d) 1 और 4
[I.A.S. (Pre) 2021]
उत्तर – (b) 2 और 3
- साइनोबैक्टीरिया, पानी में प्राकृतिक रूप से पाए जाने वाले सूक्ष्म जीव हैं, जो प्रकाश संश्लेषण द्वारा अपना भोजन बनाते हैं।
- इन्हें नील-हरित शैवाल भी कहा जाता है।
- डायटम प्रकाश संश्लेषण करने वाले शैवाल हैं।
- ये ताजे एवं समुद्री जल दोनों में पाए जाते हैं।
- ये जलीय खाद्य श्रृंखला के प्राथमिक उत्पादक हैं।
- फोरामिनिफेरा विषमपोषी जीव हैं, जो छोटे जीवों और कार्बनिक पदार्थों का उपभोग करते हैं।
- कॉपिपोड्स छोटे क्रस्टेशियंस का एक समूह है, जो मीठे एवं खारे दोनों तरह केजल में पाए जाते हैं।
- ये महासागरों के प्रमुख प्राथमिक उपभोक्ता है।
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123. आर्किनैक्टीरिया के एक समूह को उत्पादन के लिए उपयोग में लाया जाता है-
(a) एथेन के
(b) मेथेन के
(c) अम्ल के
(d) एल्कोहल के
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1997]
उत्तर – (b) मेथेन के
- आर्किबैक्टीरिया (Archaebacteria) के लक्षण सामान्य जीवाणुओं से मिन्त होते हैं।
- इसके मीथेनोजेंस (Methanogens) समूह अवायवीय होते हैं तथा ये दलदल वाले स्थानों और पशुओं के रूमेन में पाए जाते हैं।
- इनका उपयोग मेथेन (Methane) के उत्पादन में होता है।
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124. अधिकांश कीट श्वसन कैसे करते हैं?
(a) त्वचा से
(b) क्लोम से
(c) फेफड़ों से
(d) वातक तंत्र से
[I.A.S. (Pre) 2007]
उत्तर – (d) वातक तंत्र से
- सभी कीटों (Insects) में श्वसन की क्रिया होती है, जिसके दौरान वे ऑक्सीजन (O) को शरीर के अंदर ग्रहण कर कार्बन डाइऑक्साइड (CO,) को बाहर निकालते हैं।
- इनमें श्वसन के लिए वायु नलियों या ट्रैकी (Air Tubes or Tracheae) का जाल बिछा रहता है, जिसे वातक तंत्र (Tracheal System) कहा जाता है।
- यह तंत्र बाहरी वायु को ग्रहण कर शरीर की प्रत्येक कोशिकाओं तक पहुंचाने में सहायक होता है।
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125. जमी हुई झील के अंदर मछली जीवित रह सकती है, क्योंकि-
(a) मछलियां उष्ण रक्त वाली जीव है।
(b) मछलियां बर्फ में शीतनिद्रा में रहती हैं।
(c) तलों के निकट पानी नहीं जमता है।
(d) बर्फ ऊष्मा का सुचालक है।
[U.P.P.S.C. (GIC) 2010]
उत्तर – (c) तलों के निकट पानी नहीं जमता है।
- सर्दियों के मौसम में जब बाहरी तापमान जल के हिमांक बिंदु से कम हो जाता है, तब झीलें तथा नदियां जम जाती हैं।
- परंतु इस दशा में झील या नदी की केवल ऊपरी परत ही जमती है।
- ऊपरी परत के नीचे जल अपने तरल रूप में ही विद्यमान होता है।
- इसलिए मछलियां तथा अन्य जलीय प्राणी जमी हुई झीलों में भी जीवित रह सकते हैं।
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126. जल से बाहर निकाल ली जाने पर मत्स्यें मर जाती हैं, क्योंकि-
(a) उन्हें ऑक्सीजन अधिक मात्रा में प्राप्त होती है।
(b) उनका शारीरिक ताप बढ़ जाता है।
(c) वे श्वास नहीं ले पाती हैं।
(d) वे जल में नहीं चल पाती हैं।
[39 B.P.S.C. (Pre) 1994]
उत्तर – (c) वे श्वास नहीं ले पाती हैं।
- जल से मत्स्यों (Fishes) को बाहर निकाल दिए जाने पर वे मर जाती हैं, क्योंकि ये श्वसन क्रिया (Respiration) नहीं कर पाती हैं।
- मछलियों में श्वसन के लिए गलफड़े (Gills) पाए जाते हैं, जो कि पूर्णतया जल में घुली ऑक्सीजन (O) को ही ग्रहण करने के लिए अनुकूलित (Adapted) होते हैं।
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127. मछलियों में सामान्यतः श्वसन होता है-
(a) त्वचा द्वारा
(b) नाक द्वारा
(c) गलफड़ों द्वारा
(d) फिन्स द्वारा
[Uttarakhand P.C.S. (Mains) 2006]
उत्तर – (c) गलफड़ों द्वारा
- मछलियों में श्वसन के लिए गलफड़े (Gills) पाए जाते हैं, जो कि पूर्णतया जल में घुली ऑक्सीजन (O) को ही ग्रहण करने के लिए अनुकूलित (Adapted) होते हैं।
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128. सेब के फल में लाली का कारण है-
(a) एंथोसायनिन
(b) लाइकोपीन
(c) कैरोटीन
(d) जैन्योफिल
[U.P.P.C.S. (Mains) 2002]
उत्तर – (a) एंथोसायनिन
- सेब के फल में लाली का कारण एंथोसायनिन नामक वर्णी लवक है।
- लाल नारंगी रंग के वर्णक जैसे-कैरोटिन गाजर में, टमाटर में लाइकोपीन वर्णक, पीले रंग के वर्णक जैसे जैन्थोफिल हल्दी में तथा चुकंदर में वीटरनिन वर्णक होते हैं।
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129. टमाटर में लाल रंग का कारण है-
(a) कैप्सेसिन
(b) लाइकोपीन
(c) जैन्थोफिल
(d) उपरोक्त में से कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Spl) (Mains) 2008]
उत्तर – (b) लाइकोपीन
- लाल नारंगी रंग के वर्णक जैसे-कैरोटिन गाजर में, टमाटर में लाइकोपीन वर्णक, पीले रंग के वर्णक जैसे जैन्थोफिल हल्दी में तथा चुकंदर में वीटरनिन वर्णक होते हैं।
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130. पपीते में पीले रंग का कारण है-
(a) पपैन
(b) लाइकोपीन
(c) कैरिकाजैन्थिन
(d) कैरोटीन
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]
उत्तर – (c) कैरिकाजैन्थिन
- पपीता का वानस्पतिक नाम कैरिका पपाया (Carica papaya) है।
- इसमें कैरोटीन प्रचुर मात्रा में पाया जाता है, जो कि विटामिन ‘A’ का प्रीकर्सर (Precursor) होता है।
- इसमें उपस्थित पपैन एंजाइम प्रोटीन के पाचन में सहायक होता है।
- पपीते में उपस्थित कैरिकाजैन्थिन (Caricaxanthin) वर्णक के कारण इसका रंग पीला होता है।
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131. हाल ही में हमारे वैज्ञानिकों ने केले के पौधे की एक नई और भिन्न जाति की खोज की है, जिसकी ऊंचाई लगभग 11 मीटर तक जाती है और उसके फल का गूदा नारंगी रंग का है। यह भारत के किस भाग में खोजी गई है?
(a) अंडमान द्वीप
(b) अन्नामलाई वन
(c) मैकाल पहाड़ियां
(d) पूर्वोत्तर उष्णकटिबंधीय वर्षा वन
[I.A.S. (Pre) 2016]
उत्तर – (a) अंडमान द्वीप
- भारतीय वनस्पति सर्वेक्षण (Botanical Survey of India) के वैज्ञानिकों ने अंडमान द्वीप के उष्णकटिबंधीय वर्षा वनों से केले की एक नई प्रजाति को खोजा है, जिसे ‘मूसा इंडअंडमानेंसिस’ (Musa indandamanensis) नाम दिया गया है।
- इस नई प्रजाति की ऊंचाई लगभग 11 मीटर है, जबकि सामान्य केले की प्रजातियां लगभग 3 से 4 मीटर तक ऊंची होती हैं।
- गुच्छे में पकने से पहले यह केला हरे रंग का ही रहता है, लेकिन पकने के बाद इसके छिलके पीले और गूदे का रंग नारंगी हो जाता है।
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132. निम्न में से जीवित प्राणियों का कौन-सा समूह एक ही स्पीशीज से संबंधित है?
(a) चीनी, अमेरिकी, भारतीय तथा काले अफ्रीकी
(b) चीता, शेर तथा बिल्ली
(c) कबूतर, पेडुकी तथा तीतर
(d) छिपकली, मगरमच्छ तथा सांप
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 2003]
उत्तर – (a) चीनी, अमेरिकी, भारतीय तथा काले अफ्रीकी
- जीवित प्राणियों का समूह-चीनी, अमेरिकी, भारतीय तथा काले अफ्रीकी एक ही स्पीशीज (Species) होमो सैपियंस (Homo sapiens) से संबंधित हैं, जबकि शेष विकल्प में जंतुओं का समूह अलग-अलग स्पीशीज से संबंधित हैं।
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133. खमीर एक उदाहरण है-
(a) जीवाणु का
(b) कवक का
(c) विषाणु का
(d) शैवाल का
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2013]
उत्तर – (b) कवक का
- खमीर एक कोशिकीय सूक्ष्मजीव है।
- यह शर्करायुक्त कार्बनिक पदार्थों में बहुतायत से पाया जाने वाला विशेष प्रकार का कवक है।
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134. यीस्ट (Yeast) और मशरूम (Mushrooms) हैं-
(a) शैवाल (Algae)
(b) नग्नबीजी (विकृत बीज) (Gymnosperm)
(c) फफूंद (Fungi)
(d) गांठदार जड़ें (Tuberous Roots)
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2003]
उत्तर – (c) फफूंद (Fungi)
- यीस्ट (Yeast) और मशरूम (Mushroom) फफूंद अर्थात कवक (Fungi) हैं।
- ये पर्णहरिम रहित (Achlorophyllous) तथा संवहन ऊतक रहित होते हैं, जो कि भोजन के लिए दूसरों पर निर्भर रहते हैं।
- यीस्ट एस्कोमाइसिटीज (Ascomycetes) कुल का, जबकि मशरूम बेसिडियोमाइसिटीज (Basidiomycetes) कुल का एक सदस्य है।
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135. मशरूम क्या है?
(a) कवक
(b) पौधा
(c) पशु
(d) बैक्टीरिया
[Chhattisgarh P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर – (a) कवक
- यीस्ट (Yeast) और मशरूम (Mushroom) फफूंद अर्थात कवक (Fungi) हैं।
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136. रसेदार सब्जी में प्रयोग होने वाला मशरूम होता है:
(a) कवक
(b) शैवाल
(c) हरित सब्जी
(d) पशु का मांस
[U.P.P.C.S. (Mains) 2008]
उत्तर – (a) कवक
- रसेदार सब्जी में प्रयोग होने वाला मशरूम होता कवक है।
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137. कपास का प्रमुख घटक है-
(a) प्रोटीन
(b) वसीय अम्ल
(c) सेल्युलोज
(d) ग्लिसरीन
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2009]
उत्तर – (c) सेल्युलोज
- कपास का प्रमुख रासायनिक घटक सेल्युलोज है, जिसकी मात्रा 91-94 प्रतिशत होती है।
- इसमें जल लगभग 6-8 प्रतिशत तथा सूक्ष्म मात्रा में वसा, प्रोटीन, प्रोटोप्लाज्म, खनिज लवण आदि पाए जाते हैं।
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138. निम्नलिखित समूहों में से किनमें ऐसी जातियां होती हैं, जो अन्य जीवों के साथ सहजीवी संबंध बना सकती है?
1. नाइडेरिया
2. कवक (फंजाई)
3. आदिजंतु (प्रोटोजोआ)
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1 और 2
(b) केवल 2 और 3
(c) केवल 1 और 3
(d) 1, 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2021]
उत्तर – (d) 1, 2 और 3
- सहजीविता दो या दो से अधिक प्रजातियों के सदस्यों के मध्य सहजीवी संबंध हैं।
- नाइजेरिया समूह के सदस्य का डाईनोफ्लैजलेट शैवाल के साथ सहजीवी संबंध होता है।
- लाइकेन, शैवाल व कवक से जुड़े सहजीवी संबंध प्रदर्शित करते हैं।
- प्रोटोजोआ का सहजीवी संबंध बैक्टीरिया / सायनोबैक्टीरिया के साथ पाया जाता है।
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139. प्रकृति में, निम्नलिखित में से किस जीव का/किन जीवों के मृदाविहीन सतह पर जीवित पाए जाने की सर्वाधिक संभावना है?
1. फर्न
2. लाइकेन
3. मॉस
4. छत्रक (मशरूम)
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिए।
(a) केवल 1 और 4
(b) केवल 2
(c) 2 और 3
(d) 1,3 और 4
[I.A.S. (Pre) 2021]
उत्तर – (c) 2 और 3
- लाइकेन थैलोफाइटा समूह के सदस्य हैं, जो कवक एवं शैवाल दोनों से मिलकर बनते हैं।
- इसमें कवक एवं शैवाल का संबंध परस्पर सहजीवी जैसा होता है।
- कवक जल, खनिज, लवण एवं विटामिन्स शैवाल को देता है तथा शैवाल प्रकाश संश्लेषण क्रिया द्वारा कार्बोहाइड्रेट का निर्माण कर कवक को देता है।
- इस तरह लाइकेन के विकास हेतु मिट्टी आवश्यक तत्व नहीं है।
- मॉस एक बिना पुष्प वाला पौधा है, जिनमें तने एवं पत्ते होते हैं तथा ये बीजाणु (Spores) उत्पन्न करते हैं, परंतु इनमें कोई स्पष्ट मूल (जड़) संरचना नहीं होती।
- छाया एवं नमी मिलने पर ये कहीं भी उग सकते हैं।
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140. शैवाल और कवक के मिलने से लाइकेन बनता है, जिसे कहते हैं-
(a) पैरासाइटिज्म
(b) म्यूट्युअलिज्म
(c) कॉमेन्सलिज्म
(d) कॉन्वर्शन
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं/ उपर्युक्त में से एक से अधिक
[B.P.S.C. (Pre) 2019]
उत्तर – (b) म्यूट्युअलिज्म
- शैवाल और कवक के मिलने से लाइकेन बनता है, जिसे म्युट्युअलिज्म (Mutualism) कहते हैं।
- इसमें शैवाल तथा कवक दोनों ही समान रूप से लाभांवित होते हैं।
- शैवाल कार्बनिक पदार्थों का संश्लेषण करते हैं, जो स्वयं तथा कवकी घटक के लिए पर्याप्त होता है।
- कार्बनिक भोजन के बदले में कवकी घटक शैवाल को जल व खनिज उपलब्ध कराते हैं।
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141. लाइकेन, जो एक नग्न चट्टान पर भी पारिस्थितिक अनुक्रम को प्रारंभ करने में सक्षम है, वास्तव में किनके सहजीवी साहचर्य हैं?
(a) शैवाल और जीवाणु
(b) शैवाल और कवक
(c) जीवाणु और कवक
(d) कवक और माँस
[I.A.S. (Pre) 2014]
उत्तर – (b) शैवाल और कवक
- लाइकेन निम्न श्रेणी की ऐसी छोटी वनस्पतियों का एक समूह है, जो विभिन्न प्रकार के आधारों पर उगे हुए पाए जाते हैं।
- इन आधारों में वृक्षों की पत्तियां एवं छाल, प्राचीन दीवारें, भूतल, चट्टान और शिलाएं मुख्य हैं।
- वास्तव में लाइकेन दो पूर्णतया भिन्न वनस्पतियों से बना एक द्वैध पादप होता है।
- इन वनस्पतियों में से एक है ‘शैवाल’ (Algae) और दूसरा है ‘कवक’ (Fungus), किंतु इन दोनों में इतना निकटतम साहचर्य होता है कि इनसे बना लाइकेन एक ही पौधा प्रतीत होता है।
- इस साहचर्य में अधिकांशतः कवक ही होता है, जो शैवाल वाले अंग के ऊपर एक थैले की भांति आवरण होता है तथा थैलस के आकार के लिए उत्तरदायी होता है।
- दोनों वनस्पतियों की मिश्रित वृद्धि से ही लाइकेन को एक विशेष आकार और संरचना प्राप्त होती है, जिससे लाइकेन कई कुल और जातियों में विभक्त हो जाते हैं।
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142. लाइकेन मिश्रित जीव हैं, जो बने होते हैं-
(a) कवक एवं जीवाणु से
(b) कवक एवं शैवाल से
(c) कवक एवं ब्रायोफाइटा से
(d) शैवाल एवं जीवाणु से
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1997]
उत्तर – (b) कवक एवं शैवाल से
- वास्तव में लाइकेन दो पूर्णतया भिन्न वनस्पतियों से बना एक द्वैध पादप होता है।
- इन वनस्पतियों में से एक है ‘शैवाल’ (Algae) और दूसरा है ‘कवक’ (Fungus), किंतु इन दोनों में इतना निकटतम साहचर्य होता है कि इनसे बना लाइकेन एक ही पौधा प्रतीत होता है।
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143. नोस्कापीन किससे प्राप्त होता है?
(a) पोस्ता (पॉपी) से
(b) तुलसी से
(c) गंघ सफ़ेदा (यूकैलिप्टस) से
(d) इफेडरा से
[U.P.P.C.S. (Mains) 2012]
उत्तर – (a) पोस्ता (पॉपी) से
- चिकित्सीय दृष्टि से महत्वपूर्ण नोस्कापीन, पोस्ता से प्राप्त होता है।
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144. हेरोइन प्राप्त होती है-
(a) भांग से
(b) अफीम पोस्ता से
(c) तंबाकू से
(d) सुपारी से
[U.P.P.C.S. (Pre) 2005]
उत्तर – (b) अफीम पोस्ता से
- हेरोइन अफीम पोस्ता से प्राप्त की जाती है।
- यह सफेद रंग का पाउडर है, जो अफीम पोस्ता से प्राप्त मॉर्फीन के संश्लेषण से बनाया जाता है।
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145.’ मॉर्फीन’ किससे प्राप्त होती है?
(a) फूल
(c) फल
(b) पत्ती
(d) तना
[R.A.S./R.T.S. (Pre) 1994]
उत्तर – (c) फल
- मॉर्फीन (Morphine) पोस्ता (वैज्ञानिक नाम पैपेवर सोमनीफेरम) के अपरिपक्व फलों (Unripe fruits) से प्राप्त की जाती है।
- पोस्ता का पौधा एक आवृत्तबीजी पादप (Angiospermic Plant) है, जिससे अफीम तथा हेरोइन भी प्राप्त किया जाता है।
- मॉर्फीन शब्द की उत्पत्ति मारफियस (Morpheus) से हुई है तथा इसका उपयोग दर्द निवारक ओषधि तथा निद्राकारक के रूप में किया जाता है।
- मॉर्फीन का सीधा प्रभाव केंद्रीय तंत्रिका तंत्र (Central Nervous System-CNS) पर पड़ता है।
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146. अफ़ीम प्राप्त किया जाता है-
(a) सूखी पत्तियों से
(b) जड़ों से
(c) बिना पके फल के लेटेक्स से
(d) पके फल के लेटेक्स से
[U.P.R.O./A.R.O. (Mains) 2014]
उत्तर – (c) बिना पके फल के लेटेक्स से
- अफ़ीम के पौधे के दूध (Latex) को सुखा कर बनाया गया पदार्थ है।
- अफ़ीम का दूध निकालने के लिए उसके कच्चे अपरिपक्व फल में एक चीरा लगाया जाता है, जिससे इसका दूध निकलने लगता है, जो निकल कर सूख जाता है।
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147. अफ़ीम पोस्ता पौधे के किस भाग से प्राप्त होता है?
(a) फूल
(b) पत्ते
(c) अधपके फल
(d) मूल
[U.P.P.C.S. (Mains) 2011]
उत्तर – (c) अधपके फल
- अफ़ीम का दूध निकालने के लिए उसके कच्चे अपरिपक्व फल में एक चीरा लगाया जाता है, जिससे इसका दूध निकलने लगता है, जो निकल कर सूख जाता है।
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148. अफीम का मुख्य अवयव है-
(a) मॉफीन
(b) हेरोइन
(c) एट्रोपिन
(d) क्विनीन
[U.P.P.C.S. (Mains) 2016]
उत्तर – (a) मॉफीन
- पैपेवर सोमनीफेरम (Papaver somniferum) पैपेवरेसी कुल का प्रमुख पौधा है।
- इसके अपरिपक्व कैप्सूल के दूधिए लैंटेक्स से अफीम अर्थात ओपियम प्राप्त होती है।
- अफीम से अनेक एल्कलॉयड जैसे मॉर्फीन, कोडीन, पैपैवरीन आदि प्राप्त किए जाते हैं।
- अफीम में मुख्यतः मॉर्फीन (Morphine) नामक एल्कोलॉयड पाया जाता है।
- अफीम अनेक ओषधियों में शांतिकर (Sedative) के रूप में प्रयुक्त की जाती है।
- अफीम की लत (Addiction) हानिकारक होती है।
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149. अफीम का वानस्पतिक नाम क्या है?
(a) एम्बलिका ऑफिसिनैलिस
(b) पैपैवर सोमनीफेरम
(c) रौवॉल्फिया सर्पेन्टाइना
(d) सिनकोना स्पीशीज
[M.P.P.C.S. (Pre) Exam. 2017]
उत्तर – (b) पैपैवर सोमनीफेरम
- अफीम का वानस्पतिक नाम पैपैवर सोमनीफेरम है।
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