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1. रॉबर्ट ग्रूस फुट थे, एक-
(a) भूगर्भ-वैज्ञानिक
(b) पुरातत्वविद्
(c) पुरावनस्पतिशास्त्री
(d) इतिहासकार
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2015]
उत्तर- (a & b)
- रॉबर्ट ब्रूस फूटे एक महत्वपूर्ण ब्रिटिश भूविज्ञानी और पुरातत्वविद् थे।
- भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के साथ उनके काम और प्राचीन पाषाण युग पर शोध के कारण उन्हें अक्सर “भारतीय प्रागैतिहासिक का जनक” कहा जाता है।
- अतः स्पष्ट है कि इस प्रश्न का उत्तर विकल्प (a) और (b) दोनों ही हो सकते हैं।
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2.कोपेनहेगन संग्रहालय की सामग्री से पाषाण, कांस्य और लौह युग का त्रियुगीय विभाजन किया था-
(a) थॉमसन ने
(b) लुब्बाक ने
(c) टेलर
(d) चाइल्ड ने
[U.P. P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (a) थॉमसन ने
- डेनिश पुरातत्वविद् क्रिश्चियन जर्गेन्सन थॉमसन ने 1800 के दशक की शुरुआत में तीन मुख्य लौह युग का त्रियुगीय विभाजन(पत्थर, कांस्य और लोहा) की क्लासिक प्रणाली बनाई।
- फिर उन्होंने 1836 में एक संग्रहालय के लिए कलाकृतियों का आयोजन किया।
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3. उत्खनित प्रमाणों के अनुसार, पशुपालन का प्रारंभ हुआ था-
(a) निचले पूर्वपाषाण काल में
(b) मध्य पूर्वपाषाण काल में
(c) ऊपरी एवं पाषाण काल में
(d) मध्यपाषाण काल में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2006]
उत्तर- (d) मध्यपाषाण काल में
- कलाकृतियों की खुदाई से पता चलता है कि जानवरों को सबसे पहले मेसोलिथिक काल में पालतू बनाया गया था।
- भारत में पशुपालन के प्रमाण आदमगढ़ (होशंगाबाद, मध्य प्रदेश) और बागोर (भीलवाड़ा, राजस्थान) में खोजा गया था।
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4.मध्यपाषाणिक प्रसंग में पशुपालन के प्रमाण जहां मिले, वह स्थान है-
(a) लंघनाज
(c) आदमगढ़
(b) बीरभानपुर
(d) चोपनी मांडो
[U.P. P.C.S. (Spl.) (Pre) 2008]
उत्तर-(c) आदमगढ़
- खोदे गए साक्ष्यों से पता चलता है कि जानवरों को सबसे पहले मध्यपाषाण काल के दौरान पालतू बनाया गया था।
- भारत में इसके सबसे पुराने साक्ष्य आदमगढ़ (होशंगाबाद, मध्य प्रदेश) और बागोर (भीलवाड़ा, राजस्थान) में पाए गए थे।
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5.निम्नलिखित में से किस स्थल से हड्डी के उपकरण प्राप्त हुए हैं?
(a) चोपनी मांडो से
(b) काकोरिया से
(c) महदहा से
(d) सराय नाहर राय से
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर-(c&d) महदहा से ,सराय नाहर राय से
- महदाहा और सराय नाहर राय (यूपी के प्रतापगढ़ जिले में) के मध्यपाषाणकालीन स्थलों से हड्डियों और सींगों से बने कई उपकरण और सजावट की खोज की गई थी।
- डॉ. जय नारायण पांडे की पुस्तक, ‘पुरातत्त्व विमर्श’, सराय नाहर राय, दमदमा और महदाहा में स्थित हड्डियों से बनी विभिन्न नुकीली वस्तुओं और आभूषणों के बारे में बात करती है।
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6. हड्डी से निर्मित आभूषण भारत में मध्यपाषाण काल के संदर्भ में प्राप्त हुए है-
(a) सराय नाहर राय से
(b) महदहा से
(c) लेखहिया से
(d) चोपनी मांडो से
[U.P.R.O. /A.R.O. (Mains) 2013]
उत्तर- (a&b) सराय नाहर राय से , महदहा से
- उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले के महदहा और सराय नाहर राय नामक दो पुरातात्विक स्थलों से हड्डियों और सींगों से बने विभिन्न उपकरण और सजावट के सामान मिले हैं।
- डॉ. जय नारायण पांडे ने ‘पुरातत्त्व विमर्श’ नामक पुस्तक लिखी, जिसमें सराय नाहर राय, दमदमा और महदाहा में खोजी गई हड्डियों से बनी नुकीली वस्तुओं और आभूषणों के बारे में बताया गया है।
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7. निम्नलिखित मध्यपापाणिक स्थलों को भौगोलिक दृष्टि से पश्चिम से पूर्व के क्रम में व्यवस्थित करें-
1. पैसरा
2. लेखहिया
3. बीरभानपुर
4. महदहा
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट:
(a) 4, 2, 3 और 1
(b) 1, 4, 3 और 2
(c) 4, 2, 1 और 3
(d) 2, 4, 1 और 3
[U.P.R.O/A.R.O (Mains) 2021]
उत्तर-(c) 4, 2, 1 और 3
- भौगोलिक दृष्टि से पश्चिम से पूर्व के क्रम में मध्यपाषाणिक स्थल हैं- महदहा (प्रतापगढ़, उत्तर प्रदेश), लेखहिया (मिर्जापुर, उत्तर प्रदेश), पैसरा (बिहार) एवं बीरभानपुर (पश्चिम बंगाल ) |
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8. एक ही कब्र से तीन मानव कंकाल निकले है-
(a) सराय नाहर राय से
(b) दमदमा से
(c) महदहा से
(d) लंघनाज से
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर-(b) दमदमा से
- उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ जिले में स्थित दमदमा में 41 मानव कब्रें मिलीं, जिनमें से 5 दोहरी कब्रगाह और एक तिहरी कब्रगाह थी।
- इसके अतिरिक्त, सराय नाहर राय में चार मानव कंकालों वाली एक कब्र की खोज की गई थी।
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9. खाद्यान्नों की कृषि सर्वप्रथम प्रारंभ हुई थी
(a) नवपाषाण काल में
(b) मध्यपाषाण काल में
(c) पुरापाषाण काल में
(d) प्रोटोऐतिहासिक काल में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2005]
उत्तर- (a) नवपाषाण काल में
- अनाज पहली बार नवपाषाण युग के दौरान उगाया गया था, जब लोगों ने खेती शुरू की थी।
- चावल और गेहूं के साक्ष्य दो नवपाषाणकालीन गांवों: कोल्डिहवा और मेहरगढ़ में खोजे गए थे।
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10. भारत में मानव का सर्वप्रथम साक्ष्य कहां मिलता है?
(a) नीलगिरि पहाड़ियां
(b) शिवालिक पहाड़ियां
(c) नल्लमाला पहाड़ियां
(d) नर्मदा घाटी
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2006]
उत्तर- (d) नर्मदा घाटी
- अरुण सोनकिया को 1982 में, भारत में मध्य प्रदेश के पश्चिमी नर्मदा घाटी में अवस्थित ‘हथनौरा ( सिहोर, म.प्र.) क्षेत्र में मानव गतिविधि का सबसे पहला सबूत मिला।
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11. प्रथम मानव जीवाश्म भारत की किस नदी घाटी से प्राप्त हुआ था?
(a) गंगा नदी
(b) यमुना घाटी
(c) नर्मदा घाटी
(d) ताप्ती घाटी
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं । उपर्युक्त में से एक से अधिक
[66th B.P.S.C. Re-Exam 2020]
उत्तर-(c) नर्मदा घाटी
- अरुण सोनकिया को 1982 में, भारत में मध्य प्रदेश के पश्चिमी नर्मदा घाटी में अवस्थित ‘हथनौरा ( सिहोर, म.प्र.) क्षेत्र में मानव गतिविधि का सबसे पहला सबूत मिला।
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12. मानव द्वारा सर्वप्रथम प्रयुक्त अनाज था-
(a) गेहूं
(b) चावल-
(c) जौ
(d) बाजरा
[U.P.P.C.S. (Pre) 1997]
उत्तर-(c) जौ
- भूमध्य सागर एवं ईरान के मध्य जौ पहला अनाज था जिसकी खेती लगभग 8000 ईसा पूर्व में की गई थी।
- बाद में लगभग इन्हीं क्षेत्रों में 8000 ई.पू. के आस-पास ही गेहूं (Wheat) भी उगाया जाने लगा।
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13. भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं-
(a) कोलडिहवा से
(b) लहुरादेव से
(c) मेहरगढ़ से
(d) टोकवा से
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2004 U.P. Lower Sub. (Pre) 2008]
उत्तर-(b) लहुरादेव से
- हाल के अध्ययनों से पता चला है कि भारत में कृषि का सबसे पहला साक्ष्य उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के लहुरादेवा नामक स्थान पर पाया गया था।
- मानव गतिविधि और यहां चावल की खेती की शुरुआत का यह प्रमाण लगभग 7000-9000 ईसा पूर्व का है।
- इससे पहले, गेहूं के अधिक प्राचीन प्रमाण लगभग 7000 ईसा पूर्व मेहरगढ़ (बलूचिस्तान, पाकिस्तान में स्थित) में पाए गए थे, और चावल का सबसे पहला प्रमाण है।
- माना जाता है कि यह इलाहबाद जिले की बेलन नदी से आया है, जहां 6500 ईसा पूर्व चावल की भूसी की खोज की गई थी
- इसलिए, यदि लहुरादेवा एक विकल्प है, तो यह सही उत्तर है, और यदि नहीं, तो मेहरगढ़ सही उत्तर है।
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14. भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं-
(a) ब्रह्मगिरि से
(b) बुर्जहोम से
(c) कोलडिहवा से
(d) मेहरगढ़ से
[U.P.P.C.S. (Mains) 2010]
उत्तर- (d) मेहरगढ़ से
- हाल के अध्ययनों से पता चला है कि भारत में कृषि का सबसे पहला साक्ष्य उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के लहुरादेवा नामक स्थान पर पाया गया था।
- मानव गतिविधि और यहां चावल की खेती की शुरुआत का यह प्रमाण लगभग 7000-9000 ईसा पूर्व का है।
- इससे पहले, गेहूं के अधिक प्राचीन प्रमाण लगभग 7000 ईसा पूर्व मेहरगढ़ (बलूचिस्तान, पाकिस्तान में स्थित) में पाए गए थे, और चावल का सबसे पहला प्रमाण है।
- माना जाता है कि यह इलाहबाद जिले की बेलन नदी से आया है, जहां 6500 ईसा पूर्व चावल की भूसी की खोज की गई थी
- इसलिए, यदि लहुरादेवा एक विकल्प है, तो यह सही उत्तर है, और यदि नहीं, तो मेहरगढ़ सही उत्तर है।
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15. भारतीय उपमहाद्वीप में कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य कहां से प्राप्त हुए है?
(a) लोथल
(b) हड़प्पा
(c) मेहरगढ़
(d) मुंडिगाक
[U.P.P.C.S. (Mains) 2007]
उत्तर-(c) मेहरगढ़
- मानव गतिविधि और यहां चावल की खेती की शुरुआत का यह प्रमाण लगभग 7000-9000 ईसा पूर्व का है। इससे पहले, गेहूं के अधिक प्राचीन प्रमाण लगभग 7000 ईसा पूर्व मेहरगढ़ (बलूचिस्तान, पाकिस्तान में स्थित) में पाए गए थे, और चावल का सबसे पहला प्रमाण है। माना जाता है कि यह इलाहबाद जिले की बेलन नदी से आया है, जहां 6500 ईसा पूर्व चावल की भूसी की खोज की गई थी
- इसलिए, यदि लहुरादेवा एक विकल्प है, तो यह सही उत्तर है, और यदि नहीं, तो मेहरगढ़ सही उत्तर है।
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16. नवपाषाण युग में भारतीय उपमहाद्वीप के उत्तर-पश्चिमी क्षेत्र में निम्नलिखित में से किस स्थान पर कृषि के अभ्युदय के प्रारंभिक प्रमाण प्राप्त हुए हैं?
(a) मुंडिगाक
(b) मेहरगढ़
(c) दम्ब सादत
(d) बालाकोट
(e) अमरी
[Chhattisgarh P.S.C. (Pre) 2017]
उत्तर-(b) मेहरगढ़
- मानव गतिविधि और यहां चावल की खेती की शुरुआत का यह प्रमाण लगभग 7000-9000 ईसा पूर्व का है।
- इससे पहले, गेहूं के अधिक प्राचीन प्रमाण लगभग 7000 ईसा पूर्व मेहरगढ़ (बलूचिस्तान, पाकिस्तान में स्थित) में पाए गए थे, और चावल का सबसे पहला प्रमाण है।
- माना जाता है कि यह इलाहबाद जिले की बेलन नदी से आया है, जहां 6500 ईसा पूर्व चावल की भूसी की खोज की गई थी
- इसलिए, यदि लहुरादेवा एक विकल्प है, तो यह सही उत्तर है, और यदि नहीं, तो मेहरगढ़ सही उत्तर है।
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17. भारत में पशुपालन एवं कृषि के प्राचीनतम साक्ष्य प्राप्त हुए हैं-
(a) अंजिरा से
(b) दम्ब सदात से
(c) किले गुल मुहम्मद से
(d) मेहरगढ़ से
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं उपर्युक्त में से एक से अधिक
[64th B.P.S.C. (Pre) 2018]
उत्तर-(d) मेहरगढ़ से
- हाल के अध्ययनों से पता चला है कि भारत में कृषि का सबसे पहला साक्ष्य उत्तर प्रदेश के संत कबीर नगर जिले के लहुरादेवा नामक स्थान पर पाया गया था।
- मानव गतिविधि और यहां चावल की खेती की शुरुआत का यह प्रमाण लगभग 7000-9000 ईसा पूर्व का है।
- इससे पहले, गेहूं के अधिक प्राचीन प्रमाण लगभग 7000 ईसा पूर्व मेहरगढ़ (बलूचिस्तान, पाकिस्तान में स्थित) में पाए गए थे, और चावल का सबसे पहला प्रमाण है।
- माना जाता है कि यह इलाहबाद जिले की बेलन नदी से आया है, जहां 6500 ईसा पूर्व चावल की भूसी की खोज की गई थी
इसलिए, यदि लहुरादेवा एक विकल्प है, तो यह सही उत्तर है, और यदि नहीं, तो मेहरगढ़ सही उत्तर है।
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18. उत्तर प्रदेश की सांस्कृतिक विरासत के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
1. इस प्रदेश के अनेक उत्खनित पुरास्थलों से वैश्विक संदर्भ में कृषि के प्राचीनतम प्रमाण प्राप्त हुए है।
2. प्राचीनतम प्राप्त कृषि अन्न जौ और धान है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग करके सही उत्तर का चयन कीजिए-
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 न ही 2
[U.P.R.O./A.R.O. (Pre.) 2021]
उत्तर-(c) 1
- कृषि का सबसे प्राचीन साक्ष्य उत्तर प्रदेश के लहुरादेव नामक जिले में मिला है।
- जो खाद्यान्न पाया गया वह जौ और गेहूं था, जिससे विकल्प (ए) सही है।
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19. उस स्थल का नाम बताइए, जहां से प्राचीनतम स्थायी जीवन के प्रमाण मिले हैं?
(a) धौलावीरा
(b) किले गुल मुहम्मद
(c) कालीबंगा
(d) मेहरगढ़
[U.P.P.C.S. (Spl.) (Mains) 2008]
उत्तर- (d) मेहरगढ़
- मेहरगढ़ एक नवपाषाण युग का स्थल है जो पाकिस्तान के बलूचिस्तान के कच्ची मैदानी इलाके में बोलन दर्रे के पास स्थित था।
- मेहरगढ़ सिंधु नदी के पश्चिम में और वर्तमान में पाकिस्तानी शहरों सिबी, कलात और क्वेटा के बीच स्थित है।
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20. निम्नलिखित में से किन स्थानों से मध्यपाषाण काल में पशुपालन के प्रमाण मिलते हैं?
(a) औदे
(b) बागोर
(c) बोरी
(d) लखनिया
[U.P.P.C.S. (Pre) 2018]
उत्तर-(b) बागोर
- पशुपालन के प्रारंभिक साक्ष्य मध्य प्रदेश में नर्मदापुरम के निकट आदमगढ़ पुरास्थल और राजस्थान के भीलवाड़ा जिले में स्थित बागोर से मिलते हैं। अतः विकल्प (b) सही उत्तर है।
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21. निम्नलिखित में से किसको चालकोलिथिक युग भी कहा जाता है?
(a) पुरापाषाण युग
(b) नवपाषाण युग
(c) ताम्रपाषाण युग
(d) लौह युग
[ B.P.S.C. (Pre) 2000]
उत्तर-(c) ताम्रपाषाण युग
- ताम्र युग को कभी-कभी ताम्रपाषाण युग भी कहा जाता है।
- यह वह समय है जब लोग पत्थर के औजारों के अलावा तांबे के औजारों का भी उपयोग करते थे।
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22.आहड़ सभ्यता के बारे में निम्न कथनों पर विचार कीजिए-
1. आहडवासी तांबा गलाना जानते थे।
2. ये लोग चावल से परिचित नहीं
3. धातु का काम आहड़वासियों की अर्थव्यवस्था का एक साधन था।
4. यहां से काले लाल रंग के मृद्भांड मिले हैं, जिन पर सामान्यतः सफेद रंग से ज्यामितीय आकृतियां उकेरी गई हैं।
सही विकल्प का चयन कीजिए-
(a) 1 3 एवं 4 सही हैं।
(c) 1, 2 एवं 3 सही हैं।
(b) 1 एवं 2 सही हैं।
(d) 3 एवं 4 सही है।
[R.AS. / R.T.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (a) 1 ,3 एवं 4 सही हैं।
- आहड़ सभ्यता ताम्रपाषाण काल का हिस्सा थी और राजस्थान के मेवाड़ क्षेत्र में स्थित थी।
- वे तांबे के औजारों का उपयोग करते थे और तांबे को गलाने के प्रमाण मिले हैं, इसलिए (ए) और (सी) सत्य हैं।
चावल उन्हें ज्ञात था, इसलिए (बी) गलत है।
- काले-लाल रंग और सफेद ज्यामितीय डिजाइन वाले मिट्टी के बर्तन मिले हैं, इसलिए (डी) भी सत्य है।
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23. निम्न में से किस एक पुरास्थल से पाषाण संस्कृति से लेकर हड़प्पा सभ्यता तक के सांस्कृतिक अवशेष प्राप्त हुए हैं?
(a) आर्मी
(b) मेहरगढ़
(c) कोटदीजी
(d) कालीबंगा
[U.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर-(b) मेहरगढ़
- पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित मेहरगढ़ में पाषाण युग से लेकर हड़प्पा सभ्यता तक की कलाकृतियाँ पाई गई हैं।
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24. नवदाटोली का उत्खनन किसने किया था?
(a) के. डी. बाजपेयी ने
(b) वी. एस. वाककड़ ने
(c) एच.डी. सांकलिया ने
(d) मार्टिनर डीलर ने
[U.P. Lower Sub. (Spl.) (Pre) 2009]
उत्तर-(c) एच.डी. सांकलिया ने
- पूना के प्रोफेसर एच.डी. सांकलिया को मध्य प्रदेश में इंदौर के पास नावदाटोली में गोल और आयताकार दोनों तरह के मकानों के साक्ष्य मिले हैं।
- गोल झोपड़ियाँ लगभग 3 मीटर व्यास की थीं और आयताकार झोपड़ियाँ 2 मीटर x 2.2 मीटर की थीं।
- छतें पत्तों, शाखाओं और घास से बनी थीं, जो झोपड़ियों के चारों ओर थोड़ी-थोड़ी दूरी पर रखे गए लकड़ी के बड़े खंभों पर टिकी हुई थीं।
- फर्श गाद मिट्टी और बजरी से बने थे, और चूने से लेपित थे।
- हुतशाद ‘चूल्हे’ और भंडारण जार, और 1600 ईसा पूर्व और 1300 ईसा पूर्व के बीच के थे
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25. नवदाटोली किस राज्य में अवस्थित है?
(a) गुजरात
(c) छत्तीसगढ़
(b) महाराष्ट्र
(d) मध्य प्रदेश
[U.P.P.C.S. (Mains) 2009]
उत्तर- (d) मध्य प्रदेश
- इंदौर (मध्य प्रदेश) के पास खारगौन ज़िले में नवदाटोली स्थल पर पुरातत्वविदों को गोल और आयताकार मकानों के साक्ष्य मिले हैं।
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26. बृहत्पाषाण स्मारकों की पहचान की गई है –
(a) संन्यासी गुफाओं के रूप में
(b) मृतक को दफनाने के स्थान के रूप
(c) मंदिर के रूप में
(d) उपर्युक्त में से कोई नहीं
[U.P.P.C.S. (Mains) 2005]
उत्तर-(b) मृतक को दफनाने के स्थान के रूप
- नवपाषाण युगीन दक्षिण भारत में शवों को विभिन्न प्रकार की समाधियों में दफनाने की परंपरा विद्यमान थी। इन समाधियों को जो विशाल पाषाण खंडों से निर्मित हैं, वृहत्पाषाण या मेगालिथ (Megalith) के नाम से जाना जाता है।
- इनके विभिन्न प्रकार हैं, जैसे- सिस्ट -समाधि, पिट सर्किल, कैर्न सर्किल, डोल्मैन, अंब्रेला- स्टोन, हुड स्टोन, कंदराएं, मेहिर|
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27. ‘राख का टीला’ निम्नलिखित किस नवपाषाणिक स्थल से संबंधित है?
(a) बुदिहाल
(b) संगनकल्लू
(c) कोलडिहवा
(d) ब्रह्मगिरि
[U.P.P.C.S. (Mains) 2009]
उत्तर-(b) संगनकल्लू
- नवपाषाण काल के राख के टीले के अवशेष सांगना कल्लू (मैसूर, कर्नाटक के पास वेल्लारी जिला), पिकलीहल और उत्नूर में पाए गए हैं।
- ऐसा माना जाता है कि ये राख के टीले उस समय के चरवाहा समुदाय के थे।
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28. ‘भीमबेटका’ किसके लिए प्रसिद्ध है ?
(a) गुफाओं के शैल चित्र
(b) खनिज
(c) बौद्ध प्रतिमाएं
(d) सोन नदी का उपागम स्थल
[M.P.P.C.S. (Spl.) (Pre) 2004]
उत्तर- (a) गुफाओं के शैल चित्र
- भीमबेटका शैलाश्रय भोपाल से 45 किमी बाहर स्थित हैं।
- हाथी, सांभर और हिरण जैसे जानवरों की प्राचीन पेंटिंग के कारण इन्हें यूनेस्को की विश्व विरासत सूची में शामिल किया गया है।
- कुल 133 पेंटिंग्स 700 विभिन्न आश्रयों में फैली हुई हैं।
- ये आश्रय स्थल भारत में मानव जीवन के सबसे पुराने साक्ष्यों में से कुछ हैं।
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29. निम्न में से कौन-सा स्थल प्रागैतिहासिक चित्रकला के लिए प्रसिद्ध है ?
(a) अजंता
(b) भीमबेटका
(c) बाघ
(d) अमरावती
[Uttarakhand U.D.A. / I.. D.A. (Mains) 2007 U.P.P.C.S. (Mains) 2011]
उत्तर-(b) भीमबेटका
- मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित भीमबेटका प्रागैतिहासिक चित्रकला का सर्वोत्तम उदाहरण है।
- यह मध्य भारतीय पठार के दक्षिण में विंध्य पर्वत की तलहटी में स्थित है।
- अजंता और बाघ की पेंटिंग मौर्य काल के बाद की हैं, जबकि अमरावती, जो अपनी गुफा वास्तुकला के लिए जानी जाती है, माना जाता है कि इसका निर्माण शुंग या सातवाहन काल के दौरान किया गया था।
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30. भीमबेटका की गुफाएं कहां स्थित हैं ?
(a) भोपाल
(b) पंचमढ़ी
(c) सिंगरौली
(d) अब्दुल्लागंज रायसेन
[M.P.P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (d) अब्दुल्लागंज रायसेन
- भीमबेटका का शैलाश्रय भोपाल से 45 किलोमीटर दक्षिण-पूर्व में और मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में अब्दुल्लागंज शहर से 9 किलोमीटर दूर है।
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31. भारत में किस शिलाश्रय से सर्वाधिक चित्र प्राप्त हुए हैं?
(a) घघरिया
(b) भीमबेटका
(c) लेखाहिया
(d) आदमगढ़
[U.P.P.C.S. (Pre) 2008]
उत्तर-(b) भीमबेटका
- भीमबेटका को यूनेस्को द्वारा विश्व धरोहर स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
- इसमें हाथी, हिरण और सांभर जैसे जानवरों के चित्रों के साथ कई शैलाश्रय हैं।
- कुल मिलाकर, 700 आश्रय स्थल और 133 चित्र हैं।
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32. निम्नलिखित में से किस भारतीय पुरातत्ववेत्ता ने पहली बार ‘भीमबेटका गुफा’ को देखा और उसके शैलचित्रों के प्रागैतिहासिक महत्व को खोजा ?
(a) माघो स्वरूप वत्स
(c) वी.एस. वाकणकर
(b) एच.डी. संकालिया
(d) वी. एन. मिश्रा
[U.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(c) वी.एस. वाकणकर
- भीमबेटका गुफाएँ’ मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित हैं। वे प्रागैतिहासिक काल की कलाकृति का एक बेहतरीन उदाहरण हैं, जिन्हें 1957 में वीएस वाकणकर ने खोजा था।
- यह अपने उल्लेखनीय प्राचीन शैल चित्रों के कारण आधिकारिक तौर पर मान्यता प्राप्त यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है।
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33. भीमबेटका को किसने खोजा था?
(a) डॉ. एच. डी. सांखलिया
(b) डॉ. श्याम सुंदर निगम
(c) डॉ. विष्णुधर वाकणकर
(d) डॉ. राजबली पाण्डेय
[M.P.P.C.S. (Pre) 2020]
उत्तर-(c) डॉ. विष्णुधर वाकणकर
- भीमबेटका गुफाएँ अपने प्रागैतिहासिक शैल चित्रों के लिए प्रसिद्ध हैं, जिनकी खोज 1957 में वीएस वाकणकर ने की थी।
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34. गैरिक मृद्भांड पात्र (ओ.सी.पी.) का नामकरण हुआ था-
(a) हस्तिनापुर में
(b) अहिच्छत्र में
(c) नोंह में
(d) लाल किला में
[U.P.P.C.S. (Mains) 2006]
उत्तर- (a) हस्तिनापुर में
- 1951 में, बीबी लाल ने हस्तिनापुर में गेरू रंग के बर्तनों (ओसीपी) की खोज की और उन्हें इसका नाम दिया।
- ओसीपी को इसके गेरू रंग, छिद्रपूर्ण बनावट और घिसे-पिटे किनारों से पहचाना जा सकता है।
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35.ताम्राश्म काल में महाराष्ट्र के लोग मृतकों को घर के फर्श के नीचे किस तरह रखकर दफनाते थे ?
(a) उत्तर से दक्षिण की ओर
(b) पूर्व से पश्चिम की ओर
(c) दक्षिण से उत्तर की ओर
(d) पश्चिम से पूर्व की ओर
[ U.P.P.C.S. (Pre) 1997]
उत्तर- (a) उत्तर से दक्षिण की ओर
- ताम्रपाषाण काल के दौरान, महाराष्ट्र में लोग अपने मृतकों को उत्तर से दक्षिण दिशा में दफनाते थे।
दक्षिण भारत में मृतकों को पूर्व से पश्चिम दिशा में दफनाया जाता था।
- जोर्वे लोग (महाराष्ट्र) आयताकार घर बनाते थे।
- वे पुनर्जन्म में विश्वास करते थे, इसलिए मृतकों को उनके घरों के फर्श के नीचे दफनाया जाता था।
- बच्चों को एक साथ जुड़े हुए दो कलशों में रखा गया था, जबकि वयस्कों को उनके सिर उत्तर की ओर (उत्तर-दक्षिण दिशा) करके लिटाया गया था।
- ये कब्रगाह दैमाबाद, इनामगांव, चंदौली और नेवासा जैसी जगहों पर स्थित थे।
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36. निम्नलिखित में से किस स्थल से मानव कंकाल के साथ कुत्ते का कंकाल भी शवाधान से प्राप्त हुआ है ?
(a) ब्रह्मगिरि
(b) बुर्जहोम
(c) चिरांद
(d) मास्की
[U.P. Lower Sub. (Pre) 2008]
उत्तर-(b) बुर्जहोम
- बुर्जहोम बस्ती कश्मीर घाटी में इसी नाम के गाँव में स्थित एक प्राचीन स्थल है।
- यहां ड्रिल छेद वाले लोगों और जानवरों के कंकाल पाए गए।
- दफ़नाने के गड्ढों में लोगों और जानवरों जैसे कुत्तों और हिरणों की हड्डियाँ एक साथ पाई गईं।
- बुर्जहोम साइट की पहली खोज 1935 में हेल्मुट डी टेरा और डॉ. थॉमस पैटरसन द्वारा की गई थी।
- मानव कंकाल गड्ढों में बैठी हुई स्थिति में पाए गए।
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37. निम्नलिखित में से किस स्थान पर मानव के साथ कुत्ते को दफनाए जाने का साक्ष्य मिला है?
(a) बुर्जहोम
(b) कोलडिहवा
(c) चोपानी-मांडो
(d) मांडो
[Uttarakhand P.C.S. (Pre) 2010]
उत्तर-(a) बुर्जहोम
- मानव के साथ कुत्ते को दफ़नाए जाने का साक्ष्य जम्मू-कश्मीर में श्रीनगर के निकट उत्तर-पश्चिम में स्थित बुर्जहोम से मिला है.
- बुर्जहोम नवपाषाणकालीन स्थल है. यहां से मानव और पशुपालन दोनों के साक्ष्य मिले हैं.
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38. गर्त आवास के साक्ष्य प्राप्त हुए हैं-
(a) बुर्जहोम से
(c) ब्रह्मगिरि से
(b) कोलडिहवा से
(d) संगनकल्लू से
[U.P.P.C.S. (Mains) 2011]
उत्तर- (a) बुर्जहोम से
- जम्मू एवं कश्मीर में श्रीनगर के निकट स्थित बुर्जहोम से नवपाषाणिक अवस्था में मानव कंकाल के साथ कुत्ते का कंकाल भी शवाधान से प्राप्त हुआ है।
- गर्तावास (गों वाले घर) भी यहां की प्रमुख विशेषता है।
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39.निम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिए-
(ऐतिहासिक स्थान) |
( ख्याति का कारण ) |
1. बुर्जहोम |
शैलकृत देव मंदिर |
2. चंद्रकेतुगढ़ |
टेराकोटा कला |
3. गणेश्वर |
ताम्र कलाकृतियां |
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा / कौन-से सही सुमेलित है/हैं?
(a) केवल 1
(b) 1 और 2
(c) केवल 3
(d) 2 और 3
[I.A.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (d) 2 और 3
- बुर्जहोम नामक नवपाषाणिक पुरास्थल जम्मू एवं कश्मीर केंद्रशासित प्रदेश में अवस्थित है। इस पुरास्थल की खोज वर्ष 1935 में डी. टेरा एवं पीटरसन ने की थी।
- इस पुरास्थल से ‘गर्तावास के साक्ष्यों की प्राप्ति हुई है।
- चंद्रकेतुगढ़ पश्चिम बंगाल प्रांत में स्थित एक प्रमुख ऐतिहासिक पुरातात्विक पुरास्थल है, जो विद्याधरी नदी के तट पर अवस्थित है।
- यहां से ऐतिहासिक काल के टेराकोटा कला के कई उदाहरण प्राप्त हुए हैं, जो तत्कालीन शिल्प कौशल की एक असामान्य विशेषता प्रदर्शित करता है।
- गणेश्वर, राजस्थान प्रांत में स्थित एक प्रमुख ताम्र पाषाणिक पुरास्थल है।
- इस पुरास्थल की खोज राजस्थान |
- विश्वविद्यालय के पुरातत्व विभाग के प्रोफेसर रतनचंद्र अग्रवाल ने की थी।
- इस पुरास्थल से दोहरी पेंचदार शिरेवाली ताम्र बाणाग्र, मछली पकड़ने का कांटा तथा विभिन्न प्रकार के मृद्भांड प्राप्त हुए हैं। इस प्रकार विकल्प (d) सही उत्तर है।
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40. विंध्य क्षेत्र के किस शिलाश्रय से सर्वाधिक मानव कंकाल मिले हैं?
(a) मोरहना पहाड़
(b) घघरिया
(c) बघही खोर
(d) लेखहिया
[U.P.P.C.S. (Pre) 2016]
उत्तर- (d) लेखहिया
- डॉ. जे. एन. पाण्डेय की पुस्तक पुरातत्व विमर्श’ के अनुसार, विध्य क्षेत्र के लेखहिया के शिलाश्रय संख्या 1 से मध्यपाषाणिक लघु पाषाण उपकरणों के अतिरिक्त 17 मानव कंकाल प्राप्त हुए हैं, जिनमें से कुछ सुरक्षित हालत में हैं तथा अधिकांश क्षत विक्षत अवस्था में प्राप्त हुए हैं। |
- संयुक्त राज्य अमेरिका के ओरेगॉन विश्वविद्यालय के जॉन आर. लुकास के अनुसार, लेखहिया में कुल 27 मानव कंकालों की अस्थियां मिली हैं।
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41. नीचे दो कथन दिए गए हैं, एक को अभिकथन (A) तथा दूसरे को कारण (R) कहा गया है।
अभिकथन (A) विध्य क्षेत्र के पाषाण युगीन लोगों ने नूतन भूतल काल के अंत में गंगा घाटी में प्रव्रजन किया।
कारण (R) : जलवायु परिवर्तन के कारण इस काल में शुष्कता का चरण था।
नीचे दिए गए कूट से सही उत्तर का चयन कीजिए।
कूट :
(a) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
(b) (A) और (R) दोनों सही हैं, परंतु (R), (A) की सही व्याख्या नहीं करता है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[U.P.R.O/A.R.O. (Mains) 2016]
उत्तर- (a) (A) और (R) दोनों सही हैं तथा (R), (A) की सही व्याख्या करता है।
- जी.आर. शर्मा ने सराय नाहर राय में खुदाई के बाद यह अवधारणा दी कि नूतन भूतल काल के अंत में सूखे के कारण विध्यन क्षेत्र में भोजन की कमी के कारण लोगों ने गंगा घाटी क्षेत्र में प्रवास किया था।
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42. भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण निम्नलिखित विभागों / मंत्रालयों में से किसका संलग्न कार्यालय है?
(a) संस्कृति
(b) पर्यटन
(c) विज्ञान और प्रौद्योगिकी
(d) मानव संसाधन विकास
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (a) संस्कृति
- भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन एक विभाग है।
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43. भारतीय पुरातत्व का जनक किसे कहा जाता है ?
(a) अलेक्जेंडर कनिंघम
(b) जॉन मार्शल
(c) मार्टीमर डीलर
(d) जेम्स प्रिंसेप
[M.P.P.C.S. (Pre) 2017]
उत्तर– (a) अलेक्जेंडर कनिंघम
- अलेक्जेंडर कनिंघम (1814-1893 ई.) को एक ब्रिटिश सेनाधिकारी के रूप में बंगाल इंजीनियर ग्रुप के साथ काम करने के लिए तैनात किया गया था।
- उन्हें ही भारतीय पुरातत्व के जनक के रूप में जाना जाता है।
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44. राष्ट्रीय मानव संग्रहालय कहाँ पर है?
(a) गुवाहाटी
(b) भोपाल
(c) बस्तर
(d) चेन्नई
[M.P. P.C.S. (Pre) 1997]
उत्तर-(b) भोपाल
- राष्ट्रीय मानव संग्रहालय, जिसका नाम बदलकर इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय कर दिया गया है, भोपाल (म.प्र.) में स्थित है।
- यह भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अंतर्गत स्वायत्तशासी संगठन है।
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45. मानव सभ्यता के विकास की कहानी दर्शाने वाला देश का सबसे बड़ा संग्रहालय, इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय कहां स्थित है ?
(a) भोपाल
(b) नई दिल्ली
(c) मुंबई
(d) अहमदाबाद
[M.P.P.C.S. (Pre) 2019]
उत्तर- (a) भोपाल
- मानव सभ्यता के विकास की कहानी दर्शाने वाला देश का सबसे बड़ा संग्रहालय, इंदिरा गांधी मानव संग्रहालय भोपाल, मध्य प्रदेश में स्थित है. यह संग्रहालय श्यामला पहाड़ी के शैल शिखरों पर स्थापित है.
- यह संग्रहालय 200 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है.
- इसमें 32 पारंपरिक प्रागैतिहासिक चित्रित शैलाश्रय भी हैं
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