आत्महत्या करने वालों में एक चौथाई दैनिक वेतनभोगी: एनसीआरबी

सितंबर 2020 में केंद्रीय गृह मंत्रालय के राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा भारत में आकस्मिक मृत्यु और आत्महत्या 2019’ रिपोर्ट जारी की गई।

महत्वपूर्ण तथ्य: 2018 की तुलना में 3.4% की वृद्धि के साथ 2019 में भारत में 1, 39,123 आत्महत्याओं की सूचना दर्ज की गई। 2018 में 1,34,516 आत्महत्याओं की सूचना दर्ज की गई थी।

  • दैनिक वेतनभोगी या दिहाड़ी मजदूरों के वर्ग ने सबसे अधिक (23.4%) आत्महत्या की है। इनकी कुल संख्या 32,559 है।
  • 2019 में कुल 97,613 पुरुषों ने आत्महत्या की। इनमें सबसे अधिक 29,092 दैनिक वेतनभोगी श्रेणी से थे। जबकि 2019 में 41,493 महिलाओं ने आत्महत्या की। इनमें सबसे अधिक (21,359) गृहणियां थी, जबकि इसके बाद दूसरे नंबर पर छात्राएं रहीं।
  • 2019 में, देश में खेती से जुड़े 10,281 लोगों ने आत्महत्या की। इनमें से 5,957 किसान हैं, जबकि 4,324 खेतिहर मजदूर थे। इस श्रेणी में भारत की सभी आत्महत्याओं का 7.4% हिस्सा है।
  • महाराष्ट्र, यहां इस बार भी सबसे अधिक खेती से जुड़ी 38.2% आत्महत्याएं दर्ज की गई। इसके बाद कर्नाटक में 19.4%, आंध्र प्रदेश में 10% और मध्य प्रदेश में 5.4% खेती से जुड़ी आत्महत्याएं दर्ज की गई।
  • 2018 के मुकाबले 2019 में आत्महत्या में वृद्धि दर्ज करने वाले राज्यों और केंद्र -शासित प्रदेशों में बिहार (44.7%), पंजाब (37.5%), दमन और दीव (31.4%), झारखंड (25.0%), उत्तराखंड (22.6%) और आंध्र प्रदेश (21.5%) हैं।
  • आत्महत्या करने वालों में सर्वाधिक (23.3%) मैट्रिक स्तर तक शिक्षित थे, जबकि केवल 3.7% ही स्नातक थे।

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