फ्रांसीसी क्रांति : फ्रांस एक स्वतंत्र राष्ट्र
प्रश्न:यद्यपि फ्रांस में परिस्थितियां अमेरिका की परिस्थतियों से बहुत भिन्न थीं, तथापि इन दो क्रांतियों के पीछे कई प्रेरक कारक समान थे। फ्रांसीसी क्रांति के संदर्भ में चर्चा कीजिए।
दृष्टिकोण
- अमेरिकी क्रांति के कारणों का संक्षिप्त परिचय दीजिए तथा रेखांकित कीजिए कि किस प्रकार फ्रांस की पारिस्थितियां अमेरिका की परिस्थतियों से भिन्न थीं।
- तत्पश्चात क्रांति के अंतर्निहित कारणों में विद्यमान विभिन्न समानताओं को सूचीबद्ध कीजिए। चूंकि प्रश्न में फ्रांसीसी क्रांति के संदर्भ में चर्चा करने के लिए कहा गया है, अतः प्रत्येक बिंदु का प्राथमिक केंद्र फ्रांसीसी क्रांति के कारण पर होना चाहिए और इसके पश्चात् अमेरिकी क्रांति के साथ इसकी समानता को चिन्हित कीजिए।
उत्तर
18वीं शताब्दी में, उत्तरी अमेरिका में 13 अंग्रेजी उपनिवेश स्थापित थे। ब्रिटेन द्वारा व्यवस्थित आर्थिक शोषण और ब्रिटिश संसद के अत्यधिक हस्तक्षेप ने अमेरिकी क्रांति तथा इसके बाद की स्वतंत्रता (1783) को प्रेरित किया था।
इसी प्रकार का असंतोष यद्यपि फ्रांस में उत्पन्न हो रहा था, तथापि फ्रांस के एक स्वतंत्र राष्ट्र, अत्यधिक उपनिवेश और यूरोप में एक क्षेत्रीय शक्ति के केंद्र के रूप परिस्थितियां भिन्न थीं। यद्यपि, निम्नलिखित समान कारणों से असंतोष उत्पन्न हुआ था:
- निरंकुशता (Absolutism) – फ्रांसीसी क्रांति एक क्रूर निरंकुश तानाशाह लुई XVI के विरुद्ध थी, जिसने किसी भी प्रकार के उत्पन्न होने वाले असंतोष को कुचल दिया था और जनता की आवश्यकताओं के प्रति उदासीन था। इसी प्रकार, अमेरिकियों द्वारा अंग्रेजी शासन की निंदा की गई थी।
- लोगों की आर्थिक कठिनाइयां (Economic hardships of masses) – लुई XVI के तहत प्रशासन अत्यधिक खर्चीला हो गया था एवं उत्सवों, कुलीनों और युद्धों पर अत्यधिक धन का अपव्यय किया जा रहा था, जिसके कारण राज्य दिवालिया हो गया। इसी प्रकार, अंग्रेजों द्वारा आयात-निर्यात नियंत्रणों के माध्यम से अपने उपनिवेशों में व्यापार और उद्योग स्थापित किया गया और उन पर अत्यधिक कर आरोपित किया गया।
- असमान अधिकार – फ्रांसीसी समाज तीन स्टेट्स में विभक्त था अर्थात पादरी वर्ग, कुलीन वर्ग और कृषक, मजदूर या व्यापारी वर्ग, जिसने उत्तरदायित्वों और प्रतिफल के असमान विभाजन को बढ़ावा दिया था। उपनिवेशों पर अंग्रेजी संसद की संप्रभुता और अंग्रेजी अभिजात वर्ग के साथ श्रेष्ठ व्यवहार ने स्थानीय अमेरिकियों को तीसरे दर्जे के नागरिकों के रूप में अपमानित किया था।
- बुद्धिजीवियों की भूमिका – बुद्धिजीवियों ने लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागृत करने में सहायता की और आंदोलन को एक व्यापक जन संघर्ष के रूप में परिवर्तित करने हेतु मार्गदर्शन प्रदान किया। उदाहरण के लिए, सरकारी शक्तियों के पृथक्करण के माध्यम से व्यक्तिगत स्वतंत्रता की रक्षा करने पर बैरन डी मॉन्टेस्क्यू के कार्य ने दोनों ही स्थानों पर क्रांतिकारियों को प्रेरित किया था।
- अमेरिका में प्रबोधन आंदोलन (सभी के लिए प्राकृतिक अधिकार और समानता) और इसकी स्वतंत्रता की घोषणा को क्रांति के पश्चात फ्रांस की ‘दी डिक्लेरेशन ऑफ राइट्स ऑफ मैन एंड सिटीजन‘ के साथ स्पष्ट रूप से संबद्ध किया जा सकता है, जो दोनों क्रांतियों के मूल विचारों में समानता की पुष्टि करता है।
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