केस स्टडीज : नैतिक मुद्दे ( देश में हिंसा और शक्ति के प्रदर्शन के कारणों पर चर्चा)

प्रश्न: आप अपनी कार में टोल टैक्स बूथ पर अपनी बारी की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अचानक आप कुछ लोगों को टोल बूथ के संचालक से उलझते और हाथापाई करते तथा टोल बूथ की संपत्ति को तहस-नहस करते हुए देखते हैं। वे, वहाँ से गुजर रहे स्थानीय राजनेता के साथ हैं। टोल टैक्स का भुगतान करने को कहे जाने से असंतुष्ट होकर उन्होंने यह तर्क देना आरम्भ कर दिया कि टोल टैक्स बहुत अधिक प्रभारित किया जा रहा है और ऐसा अनुचित टोल टैक्स प्रभारित करके जनता का शोषण किया जा रहा है। साथ ही वे अन्य लोगों को भी टोल टैक्स का भुगतान न करने की चेतावनी दे रहे हैं। लेकिन, आपके आस-पास के अन्य लोग तटस्थ होकर देख रहे हैं और कोई भी हस्तक्षेप करने के लिए आगे नहीं आ रहा है। यद्यपि आप अनुभव करते है कि टोल टैक्स काफी अधिक है, फिर भी आपका मानना है कि इस प्रकार से प्रतिक्रिया करना उचित नहीं है।

(a) उपर्युक्त मामले में समाविष्ट नैतिक मुद्दों को प्रस्तुत कीजिए।

(b) हमारे देश में गुंडागर्दी के ऐसे सार्वजनिक प्रदर्शन का कारण क्या है?

(c) आप क्या कार्यवाही करना चाहेंगे? यथोचित तर्क प्रस्तुत करते हुए इसका औचित्य सिद्ध कीजिए।

दृष्टिकोण

  • उपर्युक्त मामले से संबंधित नैतिक मुद्दों को प्रस्तुत कीजिए।
  • देश में हिंसा और शक्ति के प्रदर्शन के कारणों पर चर्चा कीजिए।
  • उचित कारणों के साथ आपके द्वारा की जाने वाली कार्यवाही के संबंध में चर्चा कीजिए।

उत्तर

उपर्युक्त मामला, हमारे देश में शक्तिशाली लोगों द्वारा कानून के उल्लंघन की स्वच्छंदता को प्रदर्शित करता है। वे न केवल स्वयं कानून का उल्लंघन करते हैं, बल्कि दूसरों को कानूनी कार्यवाही का पालन करने के विरुद्ध सलाह देते हैं। ये गारंटी प्रदान करते हैं कि या तो स्थानीय प्रशासनिक तंत्र उनके साथ है या तंत्र कोई कार्रवाई करने में सक्षम नहीं होगा। ऐसे लोग यह दर्शाते हैं कि विधि का शासन नागरिकों के अधिकारों और राज्य द्वारा कार्यवाही के लिए व्यावहारिक गारंटी प्रदान करने के बजाय सैद्धांतिक अधिक है।

(a) दिए गए मामले में, नैतिक मुद्दों को इस प्रकार पहचाना जा सकता है:

  • राज्य प्राधिकार के प्रति रुख
  • कमजोर पर शक्ति प्रयोग
  • समाज में व्याप्त असमानता जो विभिन्न रूपों में प्रकट होती है
  • व्यक्तिगत लाभ के लिए गुंडागर्दी को निष्क्रिय स्वीकृति प्रदान करना
  • यदि समाज विधि के शासन के उल्लंघन को रोकने में विफल रहता है तो वह अराजकता के लिए आसान राह प्रदान करता है।
  • किसी भी व्यक्ति को कानून के उल्लंघन करने और अन्य लोगों के लिए क्या अच्छा है या क्या बुरा क्या है, इसका निर्णय करने का अधिकार नहीं है।

एक अन्य प्रश्न व्यक्तिगत लाभ बनाम सामाजिक लाभ का भी है। मामले में हस्तक्षेप नहीं करने से टोल टैक्स की बचत होगी क्योंकि मुझे भी यह लगता है कि टोल टैक्स बहुत अधिक है, लेकिन चुप रहना हिंसा को स्वीकृति देना है। यह उपद्रवियों को प्रोत्साहित करेगा और वे इस प्रकार के व्यवहार को दोहराएंगे जिससे समाज में शांति भंग होगी।

अहिंसा: यदि उन लोगों को टोल टैक्स से समस्या थी, तो उन्हें अहिंसक साधनों का उपयोग करना चाहिए। हिंसा का उपयोग स्वाभाविक रूप से अनुचित है और इसको व्यापक सार्वजनिक हित के उद्देश्य से भी स्वीकृत नहीं किया जा सकता है।

सार्वजनिक संपत्ति का नुकसान: सार्वजनिक संपत्ति के नुकसान को सार्वजनिक नैतिकता के आधार पर कभी भी उचित नहीं ठहराया जा सकता है।

अन्याय: कुछ लोगों द्वारा टोल टैक्स का भुगतान नहीं करना उन लोगों के प्रति अन्यायपूर्ण होगा जिन्होंने टोल का भुगतान किया

(b) ऐसी घटनाएं हमारे देश में सामान्य हैं क्योंकि हम प्रायः उपद्रवियों द्वारा सार्वजनिक और निजी संपत्ति को नुकसान पहुँचाने और इच्छानुसार लोगों को मारने-पीटने अथवा उनकी हत्या करने संबंधी खबरों को सुनते रहते हैं। हमारे देश में इस प्रकार के व्यवहार के लिए निम्नलिखित कारक उत्तरदायी हो सकते हैं:

  • राजनेता, समृद्ध व्यवसायी अथवा अपराधियों जैसे शक्तिशाली लोग कानून का बहुत कम सम्मान करते हैं। उन्हें लगता है कि उनके पास कानून की पकड़ से बचने के लिए विभिन्न उपाय उपलब्ध हैं।
  • जनता का मानना है कि इस तरह के व्यवहार में संलग्न लोग उनके उद्देश्यों की पूर्ति कर रहे हैं। कभी-कभी जनता इस प्रकार की गतिविधियों से उनको मिलने वाला संकीर्ण लाभ प्राप्त करने के लिए तैयार हो जाती है। इस प्रकार ऐसे उपद्रवियों को सार्वजनिक समर्थन प्राप्त होता है।
  • जनता द्वारा इस तरह की हिंसा और गुंडागर्दी के प्रति उदासीनता व्यक्त की जाती है और वह इसमें हस्तक्षेप कर अपने  कल्याण को जोखिम में नहीं डालना चाहती है। यह कानून के उल्लंघन और उसकी उपेक्षा को प्रोत्साहित करता है।
  • दीर्घकालिक सामाजिक लाभ और राष्ट्रीय हित के स्थान पर अल्पकालीन व्यक्तिगत लाभों को प्राथमिकता देने के कारण लोगों के मध्य नैतिक मूल्यों का पतन हुआ है, नतीजतन इस तरह के व्यवहार को बढ़ावा मिला है।
  • शिक्षा और गुणवत्तापूर्ण रोजगार के अवसरों के अभाव से शक्तिशाली व्यक्तियों को लोगों की आपूर्ति सनिश्चित होती है जो अपने निजी हितों के लिए उनका नियोजन और शोषण कर सकते हैं।

(c) यह मुद्दा राज्य के आदेश के तहत स्थापित और इसलिए राज्य के एजेंट के रूप में संचालित टोल बूथ की कार्यप्रणाली में अवरोध उत्पन्न करने का है, जो कि दंडनीय अपराध है। इस तरह का उपद्रव IPC के तहत एक अपराध है – इसलिए पुलिस को तत्काल कार्रवाई करने के लिए फोन द्वारा सूचित किया जाना चाहिए क्योंकि यहाँ शांति का उल्लंघन हो सकता है।

चूंकि उपद्रवी हिंसा में शामिल हैं, इसलिए मैं एक मूक दर्शक बना नहीं रह सकता। लेकिन प्रत्यक्ष हस्तक्षेप से वे मुझ पर भड़क सकते हैं। साथ ही, लोग भी मेरे समर्थन में नहीं खड़े होंगे। इसलिए यह एक बुद्धिमत्तापूर्ण विकल्प नहीं होगा। सर्वप्रथम, मैं तुरंत पुलिस को कॉल करूंगा। मैं उपद्रवियों के विरुद्ध गवाह बन सकता हूं। लेकिन स्थानीय नेता की भागीदारी संभवतः पुलिस द्वारा की जाने वाली जांच को प्रभावित कर सकती है। मैं पूरी घटना का एक वीडियो क्लिप बना सकता हूं और उपद्रवियों की भागीदारी को साबित करने के लिए इसका उपयोग कर सकता हूं।

आज सोशल मीडिया सार्वजनिक भावनाओं को संगठित करने के लिए एक शक्तिशाली उपकरण बन गया है जो प्रायः सरकारी तंत्र को कार्रवाई करने के लिए बाध्य करता है। मैं उपद्रवियों की अवैध कार्रवाई को जनता, प्रिंट मीडिया एवं समाचार मीडिया के समक्ष लाने के लिए क्लिप को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर सकता हूं।

ऐसी परिस्थितियों में, भावनात्मक बुद्धिमत्ता (El) एक शक्तिशाली उपकरण हो सकती है। गुंडों द्वारा किये जाने वाले नुकसान को कम करने के लिए मुझे El के माध्यम से असाधारण नेतृत्व क्षमता का प्रदर्शन करना होगा। इसके अतिरिक्त, जिस व्यक्ति को पीटा जा रहा है वह बूथ में केवल एक कर्मचारी है और केवल अपना कर्तव्य निभा रहा था। मेरे द्वारा उसकी रक्षा करने के लिए सभी उपाय किए जाने चाहिए। मित्रतापूर्ण तरीके से गुंडों से बात करने से मुझे उनके समक्ष अपनी बात रखने में सहायता मिलेगी। मैं उनके गुस्से को शांत करने और स्थिति का समाधान निकालने का प्रयास कर सकता हूँ।

साथ ही, मैं उच्च टोल दरों के बारे में सक्षम प्राधिकारी को शिकायत दर्ज करूँगा। मैं इस बात को उनके ध्यान में लाऊंगा कि आम जनता प्रभारित उच्च टोल टैक्स से खुश नहीं है और इससे पुनः इस प्रकार की घटनाओं की पुनरावृत्ति हो सकती है। मैं उनसे सार्वजनिक हित में टोल दरों को कम करने का अनुरोध भी करूंगा।

इस तरह की कार्यवाही के माध्यम से मैं न्याय प्रदायगी में सहायता करूंगा। यह मुझे नैतिक रूप से उचित कार्य करने के लिए संतुष्टि भी प्रदान करेगा। मैं उच्च टोल टैक्स के संबंध में कुछ कर सकूँगा जिससे संभवतः भविष्य में लोक कर्मियों और संपत्ति के विरुद्ध हिंसा को रोकने में सहायता मिलेगी और व्यापक सार्वजनिक हित की पूर्ति होगी।

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