ऋण पुनर्गठन के लिए 26 क्षेत्रों की पहचान : कामथ रिपोर्ट
सितंबर 2020 में भारतीय रिजर्व बैंक ने कोरोना वायरस महामारी की वजह से बैंकों को वाहन, बिजली, उड्डयन और पर्यटन सहित 26 क्षेत्रों के कर्जदारों को कुछ स्पष्ट वित्तीय कसौटियों के आधार पर ऋण पुनर्गठन की अनुमति दे दी है।
महत्वपूर्ण तथ्य: पहचाने गए 26 क्षेत्र महामारी से प्रभावित ऋणों के एकमुश्त पुनर्गठन हेतु
गठित के.वी. कामथ समिति की सिफारिशों पर आधारित है। समिति ने 4 सितंबर को आरबीआई को अपनी रिपोर्ट सौंपी।
- समिति के अनुसार महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित होने वाले क्षेत्र कपड़ा उद्योग, थोक व्यापार, सड़क और इंजीनियरिंग हैं।
- ऐसे क्षेत्र जो पहले से ही दबावग्रस्त थे, जैसे कि गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियां (एनबीएफसी), बिजली, इस्पात, और रियल एस्टेट, महामारी के कारण और अधिक संकट का सामना कर रहे हैं।
प्रमुख सिफारिशें: समाधान योजनाओं को अंतिम रूप देते समय 26 क्षेत्रों के संबंध में पांच विशिष्ट वित्तीय अनुपात और प्रत्येक अनुपात के लिए सेक्टर-विशिष्ट सीमा को निर्दिष्ट किया है। जिसमें कुल बकाया देनदारियां, कुल ऋण, वर्तमान अनुपात (संपत्ति और देनदारी का अनुपात), ऋण सेवा कवरेज अनुपात (वर्तमान ऋण दायित्वों का भुगतान करने हेतु कंपनी का उपलब्ध नकदी प्रवाह) तथा औसत ऋण सेवा कवरेज अनुपात शामिल है।
- ऋण पुनर्गठन योजना की रूपरेखा तैयार करने के लिए बैंकों को कंपनी की पूर्व-कोविड वित्तीय स्थिति और कोविड प्रभावों पर विचार करना चाहिए।
- अंतर-लेनदार समझौते को उन सभी मामलों में अनिवार्य किया गया है, जिसमें कई उधार देने वाले संस्थान शामिल हैं।