मध्यप्रदेश खेल परिद्रश्य
म.प्र. में खेलों की परंपरा प्राचीनकाल से विद्यमान है । प्रदेश के पारंपरिक खेलों में गिल्ली-डंडा, खो-खो, सितोलिया (पिट्ट), कंचे, लंगड़ी, चौपड़ जैसे खेल सम्मिलित थे। मानव जीवन में खेलों का महत्व प्राचीनकाल से ही बना हुआ है।
- मध्यप्रदेश में खेलों के विकास हेतु 1 अक्टूबर, 1975 में ‘खेलकूद एवं युवक कल्याण विभाग की स्थापना की गई है।
- 1981 में अलग से खेल एवं कल्याण विभाग की स्थापना की गई है।
- मध्यप्रदेश में ‘क्रीड़ा परिषद’ स्थापित थी, जिसे वर्तमान में समाप्त कर खेल प्राधिकरण की स्थापना की गई है।
राष्ट्रीय खेलों में म.प्र. को 2 स्वर्ण और 3 कांस्य पदक
केरल में आयोजित 35वें राष्ट्रीय खेलों में मध्यप्रदेश ने तैराकी में दो स्वर्ण तथा अन्य खेलों में 3 कांस्य पदक हासिल किये हैं। तैराकी में महिला वर्ग के 100 मीटर बटरफ्लाय मुकाबले में सुश्री रिचा मिश्रा ने स्वर्ण पदक जीता है । पुरुष वर्ग में श्री आरुन डिसूजा ने 200 मीटर फ्री स्टाइल में स्वर्ण पदक हासिल किया है । म.प्र. की पहलवान सुश्री पुष्पा विश्वकर्मा तथा रुपाली दुबे ने कुश्ती में एक-एक कांस्य पदक हासिल किया । इसी प्रकार तैराकी के रिले टीम इवेंट में भी मध्यप्रदेश को कांस्य पदक मिला है।
- खेल एवं युवा कल्याण विभाग का जबलपुर स्थित रानीताल खेल परिसर का 2006-07 में कार्य पूरा हुआ। रानीताल खेल परिसर 69.32 एकड़ में फैला है, जिसमें से 39 एकड़ पर खेल परिसर बना है।
- रानीताल में भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) का प्रशिक्षण केन्द्र है तथा 9 खेल विधाओं का कोचिंग सेंटर भी है।
- जबलपुर स्थित रानीताल क्रिकेट स्टेडियम और साइक्लिंग बेलोड्रम की नींव 1999 में पड़ी।
- भारतीय खेल प्राधिकरण (साई) के जबलपुर में बने प्रशिक्षण केन्द्र को केन्द्रीय सरकार ने मंजूरी प्रदान की। साई का मध्य क्षेत्रीय केन्द्र भोपाल में बनाया गया साथ ही धार में सब सेंटर बनाया गया।
- प्रदेश का एकमात्र बालक वालीबाल हॉस्टल नरसिंहपुर में सन् 2000 से आरंभ हुआ | इसकी क्षमता लगभग 22 खिलाड़ियों की है । इसने प्रदेश के विभिन्न जिलों से चयनित जूनियर खिलाड़ियों को प्रशिक्षण दिया जाता है।
- लगभग दो एकड़ के खेल परिसर में बैडमिंटन व टेबल टेनिस का इंडोर स्टेडियम है।
- सिवनी में खेल एवं युवा कल्याण विभाग एस्ट्रोटर्फयुक्त हॉकी मैदान बनवा रहा है।
- राजधानी भोपाल में म.प्र. शासन खेल विभाग की 13 अकादमी 2005 से संचालित है। भोपाल के अलावा 2007-08 में ग्वालियर में प्रदेश सरकार ने अकादमी शुरू कराई।
- केन्द्रीय खेल एवं युवक कल्याण विभाग ने मध्यप्रदेश की धार्मिक नई उज्जैन में देश की पहली ‘मलखंब’ अकादमी खोलने की घोषणा की। ‘मल्लखम्ब’ को मध्यप्रदेश का राज्य खेल घोषित किया गया है।
- वर्ष 2013 में राज्य सरकार ने प्रदेश का पाँचवाँ खेल पुरस्कार प्रभार जोशी खेल पुरस्कार के नाम से घोषित किया है । एक लाख रुपये की राशि वाला यह पुरस्कार राज्य खेल मल्लखम्ब के सर्वश्रेष्ठ खिलाडी को दिया जायेगा।
- वर्तमान में खेलों का महत्व केवल मनोरंजन न होकर व्यावसायिक हो चला है।
- मध्यप्रदेश के नेहरू स्टेडियम इन्दौर में अब तक सर्वाधिक 91 अन्तर्राष्ट्रीय वनडे क्रिकेट मैच खेले गये हैं । पहला मैच 1 दिसम्बर, 1983 को भारत और वेस्टइंडीज के बीच खेला गया था ।
- मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जिसने स्कूलों में एक पीरियड खेल के लिए अनिवार्य कर दिया है।
- मध्यप्रदेश की दूधिया रोशनी से युक्त प्रदेश में पहला स्टेडियम रुपसिंह स्टेडियम ग्वालियर में है। अब इन्दौर में भी एक स्टेडियम है।
- भोपाल स्थित तात्या टोपे स्टेडियम में खेल संग्रहालय बनाया गया है।
- कृत्रिम घास (एस्ट्रोटर्फ) वाला एकमात्र स्टेडियम ऐशबाग (भोपाल) है।
- साउथ कोरिया में 31 अगस्त, 2018 से 15 सितंबर, 2018 तक खेली जा रही 52वीं आईएसएसएस वर्ल्ड चैम्पियनशिप में मध्य प्रदेश राज्य शूटिंग अकादमी की प्रतिभावान शूटर मनीषा कीर ने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए वर्ल्ड रिकॉर्ड की बराबरी की हैं, वहीं देश को रजत पदक दिलाकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रत्येक चार वर्षों में आयोजित होने वाली वर्ल्ड चैम्पियनशिप में रजत पदक जीतने वाली मनीषा कीर पहली भारतीय खिलाड़ी बन गई हैं। यह पहला अवसर है जब किसी भारतीय महिला खिलाड़ी ने यह उपलब्धि हासिल की है।
- मध्य प्रदेश के ग्वालियर निवासी दिव्यांग तैराक सत्येन्द्र लोहिया ने इंग्लिश चैनल पार करके इतिहास रच दिया है।
- सत्येन्द्र सहित चार भारतीय दिव्यांग युवकों की टीम ने 36 किलोमीटर लंबा चैनल 12 घंटे 26 मिनट में पार किया । ये कारनामा करने वाल सत्येन्द्र एशिया के पहले दिव्यांग तैराक बन गये हैं।
- मानव जीवन में खेलों का महत्व प्राचीनकाल से ही बना हुआ है।
- वर्तमान में खेलों का महत्व केवल मनोरंजन न होकर व्यावसायिक हो चला है।
- मध्यप्रदेश में खेलों के विकास हेतु 1 अक्टूबर, 1975 में खेलकूद एक युवक कल्याण विभाग की स्थापना की गई। 1981 में अलग से खेल एवं कल्याण विभाग की स्थापना की गई।
- मध्यप्रदेश में ‘क्रीड़ा परिषद’ स्थापित थी, जिसे वर्तमान में समाप्त खेल प्राधिकरण की स्थापना की गई है।
- मध्यप्रदेश पहला राज्य है, जिसने स्कूलों में एक पीरियड खेल के लिए अनिवार्य कर दिया है।
- म.प्र.की दूधिया रोशनी युक्त प्रदेश में पहला स्टेडियम कप्तान रूप सिंह स्टेडियम है। अब इन्दौर में भी एक स्टेडियम है।
- भोपाल स्थित तात्या टोपे स्टेडियम में खेल संग्रहालय बनाया गया है।
- कृत्रिमघास (एस्ट्रोटर्फ) वाला एकमात्र स्टेडियम ऐशबाग (भोपाल) है ।
म.प्र. की प्रमुख खेल संस्थाएँ
- खेलकूद एवं युवक कल्याण विभाग (भोपाल 1975)
- “पारसी क्रिकेट क्लब”(इन्दौर 1890)
- मध्यप्रदेश बैडमिंटन एसोसिएशन (स्थापित जबलपुर)(इन्दौर)
- मध्यप्रदेश टेबिल टेनिस एसोसिएशन (स्थापित जबलपुर)(इन्दौर1972-73)
- मध्यप्रदेश होल्कर क्रिकेट एसोसि.(इन्दौर1941)
- महिला हॉकी एकेडमी(ग्वालियर 2006 )
- मध्यप्रदेश खेल संचालनालय (भोपाल 1975)
- म.प्र. बैडमिंटन एसोसिएशन की स्थापना वर्ष 1946 में जबलपुर में की गई थी, लेकिन बाद में इसका मुख्यालय इन्दौर स्थानांतरित कर दिया गया।
- म.प्र. टेबल टेनिस एसोसिएशन की स्थापना वर्ष 1957 में जबलपुर में हुई थी, जिसका मुख्यालय 1972-73 में इन्दौर स्थानांतरित किया गया।
- म.प्र. बैडमिंटन खेल की अधिकारित शुरुआत 19 अक्टूबर, 1946 क. म.प्र. बैडमिंटन एसोसिएशन की स्थापना से हुई, जिसका मुख्यालय जबलपुर बनाया गया था, लेकिन वर्तमान में इसका मुख्यालय स्थानांतरित कर इंदौर किया गया।
- नये म.प्र. के पूर्व घटक मध्य भारत में 1948 में मध्यभारत बैडमिंटन एसोसिएशन की स्थापना हुई, जिसका मुख्यालय ग्वालियर था ।
मध्यप्रदेश के प्रमुख खेल स्टेडियम
- ऐशबाग स्टेडियम भोपाल
- नेहरू स्टेडियम इंदौर
- रूपसिंह स्टेडियम ग्वालियर
- तात्या टोपे स्टेडियम भोपाल
- ठाकुर रणमतसिंह स्टेडियम रीवा
- अभय खेल प्रशाल इंदौर
- होलकर स्टेडियम इंदौर
- पं. रविशंकर शुक्ल स्टेडियम जबलपुर
- रानीताल क्रिकेट स्टेडियम जबलपूर
- राजा देवी सिंह डही दरबार बैडमिंटन हाल धार
- बावे अली स्टेडियम भोपाल
- कुशाभाऊ ठाकरे राष्ट्रीय खेल संस्थान (साई) धार
- मध्यप्रदेश राज्य बैडमिंटन एकेडमी ग्वालियर
- अशोक पटेल स्टेडियम जबलपुर
- संजय स्टेडियम गुना
- मेजर ध्यानचंद स्टेडियम भोपाल
म.प्र. की खेल अकादमियां
खेलों के क्षेत्र में उत्कृष्टता हासिल करने की दृष्टि के साथ और प्रदेश के प्रतिभाशाली खिलाड़ियों को सुविधाएँ प्रदान करने हेतु, मध्य प्रदेश सरकार के खेल और युवा कल्याण विभाग ने वर्ष 2006 में उत्कृष्ट खेल अकादमियों की परिकल्पना की थी। प्रमुख खेल अकादमियां निम्न है-
शूटिंग अकादमी जुलाई 2007 भोपाल
- स्पोर्टस पिस्टल, एयर पिस्टल और शॉटगन का विश्वस्तरीय प्रशिक्षण प्रदान करती है।
मार्शल आर्ट अकादमी जुलाई 2007 भोपाल
- कुश्ती, कराते, जुड़ो, बॉक्सिंग, वूशू, तलवारबाजी और ताइक्वांडो की विश्वस्तरीय ट्रेनिंग देती है।
पुरुष हॉकी अकादमी जुलाई 2007 भोपाल
- अकादमी के खिलाड़ियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों वाली खेल अधोसंरचना, उत्कृष्ट प्रशिक्षण सुविधायें और वेल-फर्निश्ड हॉस्टलस की सुविधा प्रदान करती है।
महिला हॉकी अकादमी जुलाई, 2006 ग्वालियर
- अकादमी के खिलाड़ियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों वाली खेल अधोसंरचना, उत्कृष्ट प्रशिक्षण सुविधायें और वेल-फर्निश्ड हॉस्टलस की सुविधा प्रदान करती है।
बैडमिंटन अकादमी जुलाई 2010 ग्वालियर
- अकादमी के खिलाड़ियों के लिए अंतर्राष्ट्रीय मापदंडों वाली खेल अधोसंरचना, उत्कृष्ट प्रशिक्षण सुविधायें और वेल-फर्निश्ड हॉस्टलस सुविधा प्रदान करती है
मध्यप्रदेश में खेल संबंधित नवीनतम घोषणाएँ
- म.प्र. सरकार के उच्च शिक्षा, खेल एवं युवा कल्याणमंत्री श्री जीतू पटवारी ने 21 जुलाई, 2019 को विधानसभा में विभागीय बजट की अनुदान मांगों पर चर्चा के दौरान प्रदेश में कुछ नयी खेल अकादमियाँ स्थापित किये जाने व अन्य खेल संस्थानों के उन्नयन संबंधी घोषणाएँ की जो इस प्रकार है
- सरकार ने इंदौर में तैराकी अकादमी खोलने का फैसला लिया है । इसमें अंतर्राष्ट्रीय स्तर के तीन स्विमिंग पूल बनेंगे पहले यह होशंगाबाद में खुलने वाली थी, लेकिन विभाग ने इसके लिए इंदौर को चुना।
- अकादमी के लिए खेल विभाग ने पीपल्याहाना क्षेत्र में बन रहे स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स को चुना है, जिसका निर्माण आईडीए कर रहा है ।
- भोपाल के बरखेड़ा नाथू में 10 करोड़ रुपए की लागत से स्टेडियम बनाया जाएगा।
- नरसिंहपुर में वर्तमान में संचालित वॉलीबॉल हॉस्टल का उन्नयन कर उसे अकादमी के रूप में स्थापित किया जाएगा।
- फुटबॉल को ज्यादा से ज्यादा प्रोत्साहित करने के लिए छिंदवाड़ा में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की फुटबाल अकादमी बनाई जाएगी।
- स्विमिंग और कुश्ती दोनों खेलों के लिए इंदौर में अकादमी भी स्थापित की जा रही है।
- रीवा में आउटडोर स्टेडियम के लिए 10 करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है।
- जबलपुर में रोइंग कॉम्प्लेक्स को अंतर्राष्ट्रीय स्तर का बनाया जाएगा।
- पीपीपी मोड़ पर भोपाल, इंदौर, जबलपुर एवं ग्वालियर में अंतर्राष्ट्रीय स्तर की खेल अधोसंरचना के लिए भूमि चिह्नित की गई है । इसके साथ ही खिलाड़ियों की प्रोत्साहन राशि में भी वृद्धि की गई है।
- प्रदेश में वर्ल्ड चैम्पियनशिप के आयोजन के लिए 50 लाख रुपए का प्रावधान किया गया है । नरसिंहपुर में 10 करोड़ की लागत से हॉकी टर्फ की स्थापना की जायेगी।
- मध्यप्रदेश में खेल गतिविधियों के विकास एवं प्रचार-प्रसार के उद्देश्य से। अक्टूबर, 1975 से खेलकूद एवं कल्याण विभाग की स्थापना की गई।
- खेलों के समुचित विकास के लिए मध्यप्रदेश शासन ने अपनी पहली खेल नीति 1989 में घोषित की थी और सबसे नवीन खेल नीति 2005 में घोषित की है।
- मध्यप्रदेश शासन की 2005 की नवीन खेल नीति में मध्यप्रदेश राज्य क्रीड़ा परिषद को समाप्त कर दिया और उसके स्थान पर मध्यप्रदेश राज्य खेल प्राधिकरण अस्तित्व में लाया गया है।
- मध्यप्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के उद्देश्य से राज्य सरकार ने 2005 अपनी खेल नीति में ओलंपिक में स्वर्ण पदक विजेता को ₹1 करोड़ का प्रोत्साहन राशि दिये जाने की घोषणा की है। साथ ही रजत पदक विजेता को 30 लाख व कांस्य पदक विजेता को 20 लाख की राशि दी जायेगी।
- राष्ट्रीय क्रीड़ा परिषद् पटियाला के सहयोग से मध्यप्रदेश भोपाल में राज्य स्तरीय क्षेत्रीय प्रशिक्षण केन्द्र का संचालन किया जा रहा है , जबकि इदा जबलपुर, ग्वालियर, सागर व उज्जैन में उप-प्रशिक्षण केन्द्र स्थापित किये गये है।
- मध्यप्रदेश का पहला खेल क्लब क्रिकेट का था, जो पारसी क्लब के नाम से 1890 में इंदौर में स्थापित किया गया था।
- मध्यप्रदेश के हॉकी के अंतर्राष्ट्रीय खिलाड़ी रहे और बैतूल के सांसद बने असलम खान ने टूहेल विथ हॉकी पुस्तक लिखी।
- मध्यप्रदेश संस्थानों में दो वर्ष में से किसी एक वर्ष में दो माह के लिए तथा प्रशिक्षण संस्थानों में प्रत्येक वर्ष में एक माह के उच्च स्तरीय के लिए भेजा जाएगा। योजना के क्रियान्वयन के लिए फिटनेस कोलॉजिस्ट, फिजियोथेरेपिस्ट और मसाजर के नये पद भी किए जायेंगे । बारहवीं पंचवर्षीय योजना (वर्ष 2013-14 से 20162017) पर 28 करोड़ 87 लाख का व्यय अनुमानित हैं।
मध्यप्रदेश शिखर खेल अलंकरण 2018
- वर्ष 2018 के म.प्र. के सर्वोच्च खेल पुरस्कारों की घोषणा 2 अक्टूबर, 2018 को प्रदेश की खेल मंत्री यशोधरा राजे ने की तथा 4 अक्टूबर, 2018 को इन खेल पुरस्कारों से विभिन्न खेल हस्तियों को भोपाल के टीटी नगर स्टेडियम स्थित मार्शल आर्ट हॉल में आयोजित समारोह में सम्मानित किया गया।
- ओलिंपियन पहलवान पद्यश्री सुशील कुमार के विशेष आतिथ्य में हुए खेल अलंकरण समारोह में इस वर्ष 15 जूनियर खिलाड़ियों को एकलव्य अवार्ड, 10 सीनियर खिलाड़ियों को विक्रम अवार्ड, 3 प्रशिक्षकों को विश्वामित्र अवार्ड तथा खेलों के विकास एवं जीवन पर्यन्त योगदान के लिए एक खेल हस्ती को लाइफटाइम अचीवमेंट पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
एकलव्य पुरस्कार
एकलव्य पुरस्कार की शुरुआत 1994 में हुई। यह पुरस्कार मध्यप्रदेश राज्य की मूल निवासी खिलाड़ियों को दिया जाता है जिनकी उम्र 19 वर्ष से कम हो एवं जिसने पिछले 5 वर्षों में कम से कम 2 बार 2 वर्षों तक किसी भी राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में भाग लिया हो इस पुरस्कार में 50 हजार रुपये की राशि दी जाती है एवं साथ ब्लेजर प्रतीक चिन्ह वह प्रमाण पत्र दिए जाते हैं।
वर्ष 2018 के एकलव्य पुरस्कार विजेताओं की सूची :
क्र. | विजेता का नाम | शहर | क्षेत्र |
1. | अद्वैत पागे | इंदौर | तैराकी |
2. | आकाश नैनीवाल | इंदौर | कबड्डी |
3. | परितेश पाल | इंदौर | पावर लिफ्टिंग |
4. | नम्रता बत्रा | इंदौर | वूशू |
5. | दूर्वा मुद्रिस | इंदौर | सॉफ्टबॉल |
6. | उमा चौहान | भोपाल | सेलिंग |
7. | निशा तायडे | भोपाल | फेसिंग |
8. | जहान्वी श्रीवास्तव | भोपाल | कैनोइंग- कयाकिंग |
9. | मुस्कान किरार | जबलपुर | तीरंदाजी |
10. | नाओरेम अनीता देवी | जबलपुर | साइकिलिंग |
11. | राजू सिंह भदोरिया | भिंड | घुड़सवारी |
12. | आध्या तिवारी | होशंगाबाद | सॉफ्ट टेनिस |
13. | विवेक प्रसाद सागर | होशंगाबाद | हॉकी |
14 | नीरज राणा | ग्वालियर | हॉकी |
15 | श्रेया अग्रवाल | जबलपुर | शूटिंग |
विक्रम पुरस्कार
विक्रम पुरस्कार की शुरुआत 1990 में हुई थी इस पुरस्कार के अंतर्गत विजेता खिलाड़ी को 1लाख की राशि एवं ब्लेजर, प्रतीक चिन्ह प्रदान किए जाते हैं यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा खेल पुरस्कार होता है। यह पुरस्कार उन खिलाड़ियों को दिया जाता है जो कि मध्य प्रदेश राज्य का मूल निवासी हो एवं जिसने पिछले 5 वर्षों में कम से कम 2 वर्षों तक राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय, सीनियर वर्ग की स्पर्धा में भाग लिया हो।
वर्ष 2018 के विक्रम पुरस्कार विजेताओं की सूची :
क्र | विजेता का नाम | शहर | क्षेत्र |
1. | हर्षिता तोमर | होशंगाबाद | सेलिंग |
2. | रुकमणी | राजगढ़ | रोइंग |
3. | सोनकर | इंदौर | पावरलिफ्टिंग |
4. | जूही झा | इंदौर | खो खो |
5. | पूजा वस्त्राकर | शहडोल | क्रिकेट |
6. | भीम वीरेंद्र बाथम | भोपाल | कैनोइंग |
7. | प्रणय खरे | भोपाल | घुड़सवारी |
8. | अनम वासित | भोपाल | शूटिंग |
9. | कीर्ति चांदनी | भोपाल | सॉफ्ट टेनिस |
10. | सोनू गोलकार(दिव्यांग श्रेणी में) | भोपाल | क्रिकेट |
विश्वामित्र पुरस्कार
विश्वामित्र पुरस्कार की शुरुआत 1994 में हुई। विश्वामित्र पुरस्कार ऐसे प्रशिक्षकों( कुछ) को दिया जाता है जिसके कम से कम दो खिलाड़ियों ने पिछले 5 वर्षों में कम से कम 2 बार राष्ट्रीय अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा में दो स्वर्ण, चार रजत, एवं 6 कांस्य पदक जीते हैं इसमें विजेता को ₹100000, ब्लेजर एवं प्रमाण पत्र दिया जाता है
वर्ष 2018 के विश्वामित्र पुरस्कार विजेताओं की सूची :
क्र. | विजेता का नाम | शहर | क्षेत्र |
1. | विनोद मिश्रा | भोपाल | कैनोईग-कयाकिग |
2. | मुटुम इबोमचा सिंह | जबलपुर | साइकलिंग |
3. | घनश्याम चौधरी | इंदौर | कबड्डी |
लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड
इस पुरस्कार की शुरुआत 2014 से हुई थी। मध्य प्रदेश की विख्यात खेल हस्ती को यह पुरस्कार दिया जाता है। यह पुरस्कार मशहूर हॉकी खिलाड़ी स्वर्गीय कैप्टन रूप सिंह जी की स्मृति में दिया जाता है.
वर्ष 2018 के मध्य प्रदेश लाइफटाइम अचीवमेंट अवॉर्ड विजेता:
क्र. | विजेता का नाम | शहर | क्षेत्र |
1. | सुधीर वर्मा | धार | बैडमिंटन |
प्रभाष जोशी पुरस्कार (Prabhash Joshi Award)
यह मध्य प्रदेश के शिखर खेल अलंकरण में पांचवा पुरस्कार है। यह पुरस्कार मलखंब खेल में सर्वोत्तम प्रदर्शन करने वाले खिलाड़ियों को दिया जाता है। 10 अप्रैल 2013 को मलखान को राजकीय खेल घोषित कर दिया गया है, इसी वर्ष इस पुरस्कार की स्थापना की गई थी।