टोगो ‘मानव अफ्रीकी ट्रिपेनोसोमियासिस’ को खत्म करने वाला अफ्रीका का पहला देश

विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) द्वारा 27 अगस्त, 2020 को प्रमाणित होने के बाद टोगो ‘मानव अफ्रीकी ट्रिपेनोसोमियासिस’ या नींद की बीमारी को खत्म करने वाला अफ्रीका का पहला देश बन गया है, जो परजीवी के कारण होता है।

महत्वपूर्ण तथ्य: वर्ष 2000 से नियंत्रण उपायों को लागू करने के बाद पिछले 10 वर्षों में टोगो में इस बीमारी का कोई मामला दर्ज नहीं किया गया।

  • डब्ल्यूएचओ के अनुसार, 36 उप-सहारा अफ्रीकी देशों में वर्तमान में नींद की बीमारी पायी जाती है। यदि इसका उपचार न किया जाए, तो यह घातक हो सकती है।
  • पांच और देशों – बेनिन, बुर्किना फासो, कैमरून, आइवरी कोस्ट और घाना ने भी डब्ल्यूएचओ प्रमाणन के लिए आवेदन किया है। बेनिन और बुर्किना फासो में वर्ष 2001 के बाद से किसी भी नींद की बीमारी के मामले नहीं दर्ज किए गए।
  • अफ्रीका में नींद की बीमारी के दो प्रकार पाये गए हैं। पहला प्रकार ‘ट्रिपैनोसोमा ब्रूसी गाम्बिएंस’ (Trypanosoma brucei gambiense) परजीवी, जबकि दूसरा प्रकार ‘ट्रायपैनोसोमा ब्रूसी रोड्सेंस’ (Trypanosoma brucei rhodesiense) परजीवी के कारण होता है। अफ्रीका में 2019 में पाये गए कुल मामलों में से 88% ‘ट्रिपैनोसोमा ब्रूसी गाम्बिएंस’ परजीवी के कारण थे।
  • 1999 और 2019 के बीच, मानव अफ्रीकी ट्रिपेनोसोमियासिस के चिरकारिक (chronic) नए मामलों की संख्या में 97% की गिरावट दर्ज की गई।

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