1. निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में, व्यापारिक पवन के प्रभाव के कारण पूर्वी खंडों की तुलना में महासागरों के पश्चिमी खंड अधिक उष्ण होते हैं।
2. शीतोष्ण क्षेत्र में, पश्चिमी पवन पश्चिमी खंडों की तुलना में महासागरों के पूर्वी खंडों को अधिक उष्ण बनाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा कौन-से सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2021]
उत्तर- (c) 1 और 2 दोनों
- उष्णकटिबंधीय क्षेत्र में व्यापारिक पवनों की दिशा पूर्व से पश्चिम की और होती है, इस कारण गर्म स्थलीय पवन जब स्थलखंड के पूर्वी भाग को पार कर स्थलखंड के पश्चिमी तट पर अवस्थित सागर पर पहुंचती है, तो उन महासागर/ सागर का तापमान बढ़ा देती है।
- शीतोष्ण क्षेत्र में पछुवा पवन पश्चिम से पूर्व की ओर बहती है, जिससे महासागरों के पूर्वी खंड अधिक उष्ण हो जाते हैं।
- अतः दोनों कथन सही हैं।
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2. कथन (A): उत्तरी गोलार्द्ध में पवन प्रतिरूप दक्षिणावर्त तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में पवन प्रतिरूप वामावर्त होता है। कारण (R): उत्तरी तथा दक्षिणी गोलाद्धों में पवन-प्रतिरूपों की दिशाओं का निर्धारण कोरिऑलिस प्रभाव से होता है।
नीचे दिए गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर का चयन कीजिए-
कूट:
(a) (A) और (R) दोनों सही है और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
(b) (A) और (R) दोनों सही है और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण नहीं है।
(c) (A) सही है, परंतु (R) गलत है।
(d) (A) गलत है, परंतु (R) सही है।
[I.A.S. (Pre) 2005]
उत्तर- (a) (A) और (R) दोनों सही है और (R), (A) का सही स्पष्टीकरण है।
- घरातल पर प्रवाहित हवाओं की दिशा वायुदाब तथा पृथ्वी की घूर्णन गति द्वारा निर्धारित होती है।
- पृथ्वी की अक्षीय गति से उत्पन्न विक्षेपक बल (Deflection Force) के कारण हवाओं की दिशा में विक्षेप हो जाता है।
- इस बल की खोज जी. जी. कोरिऑलिस द्वारा किए जाने के कारण बाद में इसका नामकरण ‘कोरिऑलिस बल’ कर दिया गया।
- फेरल के नियमानुसार, हवाएं उत्तरी गोलार्द्ध में दाहिनी ओर तथा दक्षिणी गोलार्द्ध में बाईं ओर मुड़ जाती हैं।
- सामान्यतः उत्तरी गोलार्द्ध का पवन प्रतिरूप दक्षिणावर्त और दक्षिणी गोलार्द्ध का वामावर्त होता है।
- अतः कथन (A) और कारण (R) दोनों सही हैं तथा कारण (R). कचन (A) की स्पष्ट व्याख्या भी करता है।
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3. उत्तरी गोलार्द्ध की तुलना में दक्षिणी गोलार्द्ध में पश्चिमी पवन अधिक सशक्त तथा स्थायी होती है। क्यों?
1. उत्तरी गोलार्द्ध की तुलना में दक्षिणी गोलार्द्ध में भूखंड कम हैं।
2. उत्तरी गोलार्द्ध की तुलना में दक्षिणी गोलार्द्ध में कोरिऑलिस बल अधिक होता है।
उपर्युक्त में से कौन-सा/कौन-से कथन सही है/हैं?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) 1 और 2 दोनों
(d) न तो 1 और न ही 2
[I.A.S. (Pre) 2011]
उत्तर- (a) केवल 1
- उपोष्ण उच्च वायुदाब (30-35°) से उपध्रुवीय निम्न वायुदाब (60-65″) के बीच दोनों गोलार्द्ध में चलने वाली स्थायी पवन को पछुवा या पश्चिमी पवन कहते हैं।
- उत्तरी गोलार्द्ध में स्थल की अधिकता के कारण ये अधिक जटिल हो जाती है तथा ग्रीष्म ऋतु में कम सक्रिय (सामान्य गति वाली) एवं शीत ऋतु में अधिक सक्रिय हो जाती है।
- सागर के ऊपर बलने के कारण ये हवाएं नमी से परिपूर्ण हो जाती है तथा अपने अक्षांशों में महाद्वीपों के पश्चिमी भागों में पर्याप्त वर्षा करती हैं।
- दक्षिणी गोलार्द्ध में स्थल की कमी के कारण इनकी गति इतनी तेज होती है कि हवाएं तूफानी हो जाती हैं।
- पछुवा पवनों के साथ प्रचंड झंझा चला करते हैं।
- इनकी प्रचंडता के कारण ही दक्षिणी गोलार्द्ध में इन्हें 40 अक्षांश पर गरजता चालीसा, 50° अक्षांश पर प्रचंड पचासा एवं 60° अक्षांश पर चीखता साठा कहते हैं।
- पृथ्वी अपनी अक्ष रेखा के सहारे पश्चिम से पूर्व दिशा में घूर्णन करती है, अतः इस घूर्णन के कारण वायु की दिशा में विचलन हो जाता है।
- इस प्रकार वायु की दिशा को विक्षेपित करने वाले बल को विक्षेपक बल अथवा कोरिऑलिस बल (जी.जी. कोरिऑलिस, वायु की दिशा में विक्षेप की प्रक्रिया के प्रथम अध्ययनकर्ता) कहते हैं।
- कोरिऑलिस बल दोनों गोलाद्धों में समान रूप से लगता है।
- इनमें केवल दिशा परिवर्तन होता है।
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4. गरजने वाली चालीसा, कुद्ध पचासा, चीखने वाली साठा पवनें पृथ्वी के किस गोलार्द्ध में चलती हैं?
(a) उत्तरी गोलार्द्ध
(b) दक्षिणी गोलार्द्ध
(c) पूर्वी गोलार्द्ध
(d) पश्चिमी गोलार्द्ध
(e) उपर्युक्त में से कोई नहीं उपर्युक्त में से एक से अधिक
[67th B.P.S.C. (Pre) (Re. Exam) 2022]
उत्तर- (b) दक्षिणी गोलार्द्ध
- गरजने वाली चालीसा, कुद्ध पचासा, चीखने वाली साठा पवनें पृथ्वी के दक्षिणी गोलार्द्ध में चलती हैं।
- दक्षिणी गोलार्द्ध में पछुवा पवनों की प्रचंडता के आधार पर इन्हें यह नाम प्रदान किया गया है।
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5. ‘तूफानी चालीसा’ (Roaring Forties) के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए-
1. ये उत्तरी और दक्षिणी गोलार्डों में निर्वाध बहती हैं।
2. ये बड़ी शक्ति और स्थिरता से बहती हैं।
3. इनकी दिशा सामान्य तौर पर दक्षिणी गोलार्द्ध में उत्तर-पश्चिम से पूर्व की ओर होती है।
4. मेघाच्छन्न आकाश, वर्षा और खराव मौसम इनके साथ सामान्य तौर पर संबंधित रहते हैं।
इनमें से कौन-कौन से कथन सही हैं?
(a) 1, 2 और 3
(b) 2, 3 और 4
(c) 1,3 और 4
(d) 1, 2 और 4
[I.A.S. (Pre) 2000]
उत्तर- (b) 2, 3 और 4
- तूफानी चालीसा (Roaring Forties) पछुआ हवाएं होती हैं, जो केवल 40 अक्षांशों के आस-पास दक्षिणी गोलार्द्ध में महासागरीय क्षेत्र में प्रवाहित होती हैं।
- इनके साथ प्रचंड झंझावात भी चलते हैं।
- प्रचंडता के कारण ही इन्हें गरजती चालीसा या लंबी चालीसा कहा जाता है।
- इनकी दिशा सामान्य तौर पर उत्तर-पश्चिम से दक्षिण-पूर्व की ओर होती है।
- अतः कथन (2), (3) एवं (4) सही है।
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6. दक्षिणी गोलार्द्ध में पवन के बाईं ओर विचलन का क्या कारण है?
(a) तापमान
(b) चुंबकीय क्षेत्र
(c) पृथ्वी का पूर्णन
(d) दाब
[I.A.S. (Pre) 2010]
उत्तर- (c) पृथ्वी का पूर्णन
- दक्षिणी गोलार्द्ध में पवन के बाई ओर तथा उत्तरी गोलार्द्ध में पवन के दाहिनी ओर विचलन कोरिऑलिस बल के कारण होता है। कोरिऑलिस बल पृथ्वी के घूर्णन के कारण उत्पन्न होने वाला एक बल है।
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7. पवनों का मौसमी उत्क्रमण किसका प्ररूपी अभिलक्षण है?
(a) भूमध्य रेखीय जलवायु
(b) भूमध्य सागरीय जलवायु
(c) मानसून जलवायु
(d) उपर्युक्त सभी जलवायु
[I.A.S. (Pre) 2014]
उत्तर- (c) मानसून जलवायु
- मानसून पवनें वे पवनें हैं, जिनकी दिशा ऋतु के अनुसार बिल्कुल उलट जाती है।
- ये पवने ग्रीष्म ऋतु के छः माह में समुद्र से स्थल की ओर तथा शीत ऋतु के छः माह में स्थल से समुद्र की ओर चलती हैं।
- डॉ. रामा शास्त्री के अनुसार, “मानसून बड़े पैमाने पर विस्तृत क्षेत्र में चलने वाली मौसमी पवने हैं, जिनकी दिशा में मौसम में परिवर्तन के साथ उत्क्रमण हो जाता है।”
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8. चिनूक पवनों का संयुक्त राज्य अमेरिका के मध्यवर्ती मैदानों पर क्या प्रभाव पड़ता है?
(a) शीतकालीन तापमान बढ़ जाता है
(b) ग्रीष्मकालीन तापमान घट जाता है
(c) समान तापमान रहता है
(d) तापमान पर कोई प्रभाव नहीं
[Jharkhand P.C.S. (Pre) 2013]
उत्तर- (a) शीतकालीन तापमान बढ़ जाता है
- चिनूक का अर्थ है ‘बर्फ खाने बाला।
- उत्तर में कोलोराडो (यूएसए) से ब्रिटिश कोलंबिया (कनाडा) में रॉकी पर्वत के पूर्वी ढलानों पर उतरती है।
- सर्दियों और शुरूआती वसंत के दौरान चिनूक हवाएं सबसे आम हैं।
- चिनूक एक गर्म हवा है जो सर्दियों में चलती है और इसलिए थोड़े समय में तापमान बढ़ा देती है।
- तापमान में वृद्धि के कारण बर्फ पिघलने लगती है जिससे पशुओं के चरने हेतु चारागाह की भूमि उपलब्ध हो जाती है।
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