यूपीएससी पाठ्यक्रम 2024: प्रीलिम्स और मुख्य परीक्षा
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यूपीएससी प्रीलिम्स
यूपीएससी प्रीलिम्स पेपर I: सामान्य अध्ययन I सिलेबस
इसमें निम्नलिखित विषयों पर आधारित 100 प्रश्न होंगे, जिनके लिए अधिकतम 200 अंक निर्धारित होंगे तथा इन्हें 2 घंटे में हल करना होगा।
- राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनाएँ।
- भारत का इतिहास एवं भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन।
- भारतीय एवं विश्व भूगोल – भारत एवं विश्व का भौतिक, सामाजिक, आर्थिक भूगोल।
- भारतीय राजनीति और शासन – संविधान, राजनीतिक व्यवस्था, पंचायती राज, सार्वजनिक नीति, अधिकार मुद्दे, आदि।
- आर्थिक और सामाजिक विकास – सतत विकास, गरीबी, समावेशन, जनसांख्यिकी, सामाजिक क्षेत्र की पहल, आदि।
- पर्यावरण पारिस्थितिकी, जैव-विविधता और जलवायु परिवर्तन पर सामान्य मुद्दे – जिनके लिए विषय विशेषज्ञता की आवश्यकता नहीं है।
- सामान्य विज्ञान।
यूपीएससी प्रीलिम्स पेपर II: सामान्य अध्ययन II (CSAT)
इसमें निम्नलिखित विषयों से 80 प्रश्न होंगे जिनके लिए अधिकतम 200 अंक निर्धारित होंगे तथा इन्हें 2 घंटे में हल करना होगा।
- कंप्रीहेंशन
- संचार कौशल सहित पारस्परिक कौशल।
- तार्किक विचार एवं विश्लेषणात्मक क्षमता।
- निर्णय लेना एवं समस्या समाधान करना।
- सामान्य मानसिक क्षमता.
- बुनियादी संख्यात्मकता (संख्याएं और उनके संबंध, परिमाण के क्रम, आदि) (कक्षा X स्तर), डेटा व्याख्या (चार्ट, ग्राफ, तालिकाएं, डेटा पर्याप्तता, आदि – कक्षा X स्तर)
संघ लोक सेवा आयोग द्वारा आयोजित सिविल सेवा मुख्य परीक्षा का पाठ्यक्रम
- सिविल सेवा मुख्य परीक्षा में विषयों का बँटवारा अनिवार्य एवं वैकल्पिक विषयों के रूप में किया गया है।
- अनिवार्य विषयों में निबंध, सामान्य अध्ययन के चार प्रश्नपत्र, अंग्रेजी भाषा (क्वालिफाइंग) एवं हिंदी या संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कोई भाषा (क्वालिफाइंग) तथा वैकल्पिक विषय के अंतर्गत विज्ञप्ति में दिये गए विषयों में से अभ्यर्थी द्वारा चयनित कोई एक वैकल्पिक विषय शामिल है।
मुख्य परीक्षा की वर्तमान प्रणाली इस प्रकार है-
प्रश्नपत्र-1 | निबंध | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-2 | सामान्य अध्ययन-1: (भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल तथा समाज) | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-3 | सामान्य अध्ययन-2: (शासन व्यवस्था, संविधान, राजव्यवस्था, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध) | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-4 | सामान्य अध्ययन-3: (प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव-विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा- प्रबंधन) | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-5 | सामान्य अध्ययन-4: (नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिवृत्ति) | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-6 | वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-1 | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-7 | वैकल्पिक विषय- प्रश्नपत्र-2 | 250 अंक |
प्रश्नपत्र-‘क’ | क्वालिफाइंग-1 अंग्रेज़ी भाषा | 300 अंक** |
प्रश्नपत्र-‘ख’ | क्वालिफाइंग-2 हिंदी या संविधान की 8वीं अनुसूची में शामिल कोई भाषा | 300 अंक** |
उप-योग (लिखित परीक्षा) | 1750 अंक | |
व्यक्तित्व परीक्षण | 275 अंक | |
कुल योग | 2025 अंक |
नोटः
- ** दोनों क्वालिफाइंग प्रश्नपत्रों के अंक योग्यता निर्धारण के लिये नहीं जोड़े जाते हैं।
- क्वालिफाइंग’ प्रकृति के दोनों प्रश्नपत्र 300–300 अंकों के होते हैं। भारतीय भाषा में न्यूनतम अर्हता अंक 25% (75) तथा अंग्रेज़ी में भी न्यूनतम अर्हता अंक 25% (75) निर्धारित किये गए हैं।
- मुख्य परीक्षा के प्रश्नपत्र अंग्रेज़ी और हिंदी दोनों भाषाओं में साथ-साथ प्रकाशित किये जाते हैं, पर उम्मीदवारों को संविधान की आठवीं अनुसूची में शामिल 22 भाषाओं में से किसी में भी उत्तर देने की छूट होती है। वे सिविल सेवा परीक्षा के फॉर्म में मुख्य परीक्षा हेतु जिस भाषा को अपने माध्यम के तौर पर अंकित करते हैं, उन्हें मुख्य परीक्षा के सभी प्रश्नपत्रों के उत्तर उसी भाषा में लिखने होते हैं। केवल साहित्य के विषयों में यह छूट है कि उम्मीदवार उसी भाषा की लिपि में उत्तर लिखता है, चाहे उसका माध्यम वह भाषा न हो। उदाहरण के लिये, अंग्रेज़ी माध्यम का उम्मीदवार अगर वैकल्पिक विषय के रूप में हिंदी साहित्य का चयन करता है तो उसके उत्तर वह देवनागरी लिपि में लिखेगा। शेष मामलों में, इसकी अनुमति नहीं है कि उम्मीदवार अलग-अलग प्रश्नपत्रों के उत्तर अलग-अलग भाषाओं में दे (हालाँकि कुछ राज्यों के लोक सेवा आयोगों ने ऐसी अनुमति दी हुई है)।
निबंध
उम्मीदवार को एक विनिर्दिष्ट विषय पर निबंध लिखना होगा| विषयों के विकल्प दिये जायेंगे| उनसे आशा की जाती है कि अपने विचारों को निबंध के विषय के निकट रखते हुए क्रमबद्ध करें तथा संक्षेप में लिखें| प्रभावशाली एवं सटीक अभिव्यक्तियों के लिये श्रेय दिया जायेगा|
नोट: निबंध का प्रश्नपत्र मुख्यत: दो भागों (मूर्त एवं अमूर्त रूप) में विभाजित रहता है। प्रत्येक भाग में दिये गए 4 विकल्पों में से एक-एक विकल्प का चयन करते हुए कुल दो निबंध (प्रत्येक 125 अंक) लिखने होते हैं। प्रत्येक निबंध के लिये निर्धारित शब्द सीमा लगभग 1000-1200 होती है।
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-1
भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-1 भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज |
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क्र.सं. | विषय |
1. | भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य पहलू शामिल होंगे। |
2. | 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्त्वपूर्ण घटनाएँ, व्यक्तित्व, विषय। |
3. | स्वतंत्रता संग्राम- इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्त्वपूर्ण व्यक्ति/उनका योगदान। |
4. | स्वतंत्रता के पश्चात् देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन। |
5. | विश्व के इतिहास में 18वीं सदी तथा बाद की घटनाएँ यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनःसीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव। |
6. | भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएँ, भारत की विविधता। |
7. | महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं संबद्ध मुद्दे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएँ और उनके रक्षोपाय। |
8. | भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव। |
9. | सामाजिक सशक्तीकरण, संप्रदायवाद, क्षेत्रवाद और धर्मनिरपेक्षता। |
10. | विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएँ। |
11. | विश्व भर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए), विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिये ज़िम्मेदार कारक। |
12. | भूकंप, सुनामी, ज्वालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान- अति महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताओं (जल-स्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव। |
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2
शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध
सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध |
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क्र.सं. | विषय |
1. | भारतीय संविधान- ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएँ, संशोधन, महत्त्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना। |
2. | संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढाँचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियाँ, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्त का हस्तांतरण और उसकी चुनौतियाँ। |
3. | विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान। |
4. | भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना। |
5. | संसद और राज्य विधायिका- संरचना, कार्य, कार्य-संचालन, शक्तियाँ एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय। |
6. | कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य- सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रभावक समूह और औपचारिक/अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका। |
7. | जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएँ। |
8. | विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियाँ, कार्य और उत्तरदायित्व। |
9. | सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्द्ध-न्यायिक निकाय। |
10. | सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप और उनके अभिकल्पन तथा कार्यान्वयन के कारण उत्पन्न विषय। |
11. | विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग- गैर-सरकारी संगठनों, स्वयं सहायता समूहों, विभिन्न समूहों और संघों, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका। |
12. | केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय। |
13. | स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित विषय। |
14. | गरीबी एवं भूख से संबंधित विषय। |
15. | शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्त्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेंस- अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएँ, सीमाएँ और संभावनाएँ; नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय। |
16. | लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका। |
17. | भारत एवं इसके पड़ोसी- संबंध। |
18. | द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार। |
19. | भारत के हितों पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव; प्रवासी भारतीय। |
20. | महत्त्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएँ और मंच- उनकी संरचना, अधिदेश। |
सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3
प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन
सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र-3 प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन |
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क्र.सं. | विषय |
1. | भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय। |
2. | समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय। |
3. | सरकारी बजट। |
4. | मुख्य फसलें- देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न- सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली- कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएँ; किसानों की सहायता के लिये ई-प्रौद्योगिकी। |
5. | प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र। |
6. | भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग- कार्यक्षेत्र एवं महत्त्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएँ, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन। |
7. | भारत में भूमि सुधार। |
8. | उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव। |
9. | बुनियादी ढाँचाः ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क, विमानपत्तन, रेलवे आदि। |
10. | निवेश मॉडल। |
11. | विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी- विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव। |
12. | विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ; देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास। |
13. | सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कंप्यूटर, रोबोटिक्स, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी और बौद्धिक संपदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरुकता। |
14. | संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन। |
15. | आपदा और आपदा प्रबंधन। |
16. | विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध। |
17. | आंतरिक सुरक्षा के लिये चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्त्वों की भूमिका। |
18. | संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें, धन-शोधन और इसे रोकना। |
19. | सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियाँ एवं उनका प्रबंधन- संगठित अपराध और आतंकवाद के बीच संबंध। |
20. | विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएँ तथा उनके अधिदेश। |
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-4
नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि
सामान्य अध्ययन प्रश्न पत्र-4 नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरुचि |
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इस प्रश्न-पत्र में ऐसे प्रश्न शामिल होंगे जो सार्वजनिक जीवन में उम्मीदवारों की सत्यनिष्ठा, ईमानदारी से संबंधित विषयों के प्रति उनकी अभिवृत्ति तथा उनके दृष्टिकोण तथा समाज से आचार-व्यवहार में विभिन्न मुद्दों तथा सामने आने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर उनकी मनोवृत्ति का परीक्षण करेंगे। इन आयामों का निर्धारण करने के लिये प्रश्न-पत्र में किसी मामले के अध्ययन (केस स्टडी) का माध्यम भी चुना जा सकता है। मुख्य रूप से निम्नलिखित क्षेत्रों को कवर किया जाएगा। | |
क्र.सं. | विषय |
1. | नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंधः मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्त्व, इसके निर्धारक और परिणाम; नीतिशास्त्र के आयाम; निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र, मानवीय मूल्य- महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा; मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका। |
2. | अभिवृत्तिः सारांश (कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति; विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध; नैतिक और राजनीतिक अभिरुचि; सामाजिक प्रभाव और धारण। |
3. | सिविल सेवा के लिये अभिरुचि तथा बुनियादी मूल्य- सत्यनिष्ठा, भेदभाव रहित तथा गैर-तरफदारी, निष्पक्षता, सार्वजनिक सेवा के प्रति समर्पण भाव, कमज़ोर वर्गों के प्रति सहानुभूति, सहिष्णुता तथा संवेदना। |
4. | भावनात्मक समझः अवधारणाएँ तथा प्रशासन और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग। |
5. | भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान। |
6. | लोक प्रशासन में लोक/सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएँ; सरकारी तथा निजी संस्थानों में नैतिक चिंताएँ तथा दुविधाएँ; नैतिक मार्गदर्शन के स्रोतों के रूप में विधि, नियम, विनियम तथा अंतरात्मा; उत्तरदायित्व तथा नैतिक शासन, शासन व्यवस्था में नीतिपरक तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढ़ीकरण; अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फंडिंग) में नैतिक मुद्दे; कॉरपोरेट शासन व्यवस्था। |
7. | शासन व्यवस्था में ईमानदारीः लोक सेवा की अवधारणा; शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता, सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियाँ। |
8. | उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडीज़)। |
यूपीएससी क्वालिफाइंग पेपर्स (भारतीय भाषाएं और अंग्रेजी) के लिए पाठ्यक्रम
प्रश्नों का पैटर्न मोटे तौर पर इस प्रकार होगा:
अंग्रेजी भाषा:
- दिए गए अनुच्छेदों की समझ।
- सटीक लेखन
- उपयोग और शब्दावली
- लघु निबंध
भारतीय भाषाएँ:
- दिए गए अनुच्छेदों की समझ।
- सटीक लेखन
- उपयोग और शब्दावली
- लघु निबंध
- अंग्रेजी से भारतीय भाषा में तथा इसके विपरीत अनुवाद।
UPSC के लिए योग्यता क्या है?
यूपीएससी के लिए योग्यता इस प्रकार हैः
- कैंडिडेट्स के पास किसी भी मान्यता प्राप्त काॅलेज या यूनिवर्सिटी से किसी भी स्ट्रीम में बैचलर डिग्री होनी चाहिए।
- कैंडिडेट्स जो लास्ट एटेम्पट दे रहे हैं और परिणाम की प्रतीक्षा कर रहे हैं, वे प्रीलिम्स एग्ज़ाम के लिए भी आवेदन कर सकते हैं।
- सिविल सेवा मुख्य परीक्षा के लिए उपस्थित होने के लिए बैचलर डिग्री पास करने का प्रूफ देना चाहिए।
- मेंस एग्ज़ाम के लिए आवेदन के साथ डिग्री अटैच करनी होगी।
- जनरल और EWS के पास 6 अटेम्प्ट्स होते हैं, OBC के पास 9, SC/ST के पास (आयु सीमा तक)
- IAS परीक्षा में बैठने के लिए न्यूनतम आयु सीमा 21 वर्ष है, वहीं अधिकतम आयु सीमा 32 वर्ष है।
FAQs
यूपीएससी सिलेबस क्या है?
यूपीएससी में मुख्यतः 9 पेपर होते हैं लेकिन मेरिट बनाते समय केवल 7 पेपर को सम्मिलित किया जाता है। 2 पेपर भाषा और बाकी 7 पेपर जनरल स्टडीज और निबन्ध के होते हैं।
UPSC CSAT के लिए आवेदन शुल्क क्या है?
UPSC CSAT के लिए आवेदन 100 रुपये है। महिला उम्मीदवारों और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति वर्ग के कैंडिडेट्स के लिए आवेदन शुल्क नहीं है।
यूपीएससी मेन्स में कितने पेपर होते हैं?
यूपीएससी IAS मुख्य परीक्षा में कुल 9 पेपर होते हैं जिसमें दो क्वालिफाइंग पेपर और सात मेरिट-आधारित पेपर शामिल हैं। प्रत्येक पेपर तीन घंटे की अवधि का होता है।
यूपीएससी में कितने नंबर से पास होते हैं?
यूपीएससी परीक्षा पास करने के लिए दो-दो घंटे के दो पेपर होते हैं। दूसरा पेपर सीसैट क्वालीफाइंग होता है और इसमें पास होने के लिए 33 फीसदी अंक लाना जरूरी होता है।
आईपीएस की तैयारी कैसे शुरू करें?
सबसे पहले IAS प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी करें। आपको लिखित परीक्षा के ऑब्जेक्टिव पैटर्न और उसकी जटिलताओं की जानकारी होनी चाहिए। IAS मेंस, प्रारंभिक परीक्षा से भिन्न होती है। सब्जेक्टिव पैटर्न के लिए विषय की गहरी समझ होना आवश्यक होता है।