उत्तराखंड पी.सी.एस. पाठ्यक्रम 2024 : प्रारंभिक परीक्षा तथा मुख्य परीक्षा

उत्तराखण्ड सम्मिलित राज्य सिविल / प्रवर अधीनस्थ परीक्षा हेतु क्रमवार तीन स्तर सम्मिलित हैं यथा-

1. प्रारंभिक परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रकृति)
2. मुख्य परीक्षा (लिखित प्रकृति)
3. साक्षात्कार परीक्षा

1. प्रारम्भिक परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रकृति)

क्र०सं० प्रश्नपत्र विषय कुल प्रश्नों की संख्या पूर्णांक समय अवधि
1 प्रश्नपत्र प्रथम सामान्य अध्ययन 150 (प्रत्येक प्रश्न 01 अंक का) 150 02 घण्टे
2 प्रश्नपत्र द्वितीय सामान्य बुद्धिमत्ता परीक्षा 100 (प्रत्येक प्रश्न 1.5 अंक का) 150 02 घण्टे
कुल 300 04 घण्टे

नोटः-    1. प्रारम्भिक परीक्षा वस्तुनिष्ठ प्रकार की होगी, जिसमें ऋणात्मक मूल्यांकन (Negative marking) पद्धति अपनाई जायेगी। अभ्यर्थी द्वारा प्रत्येक प्रश्न के लिए दिये गये गलत उत्तर के लिए या अभ्यर्थी द्वारा एक ही प्रश्न के एक से अधिक उत्तर देने के लिए (चाहे दिये गये उत्तर में से एक सही ही क्यों न हो), उस प्रश्न के लिए निर्धारित अंकों का एक चौथाई अंक (1/4) दण्ड के रूप में काटा जायेगा। 2. प्रथम प्रश्नपत्र (सामान्य अध्ययन) में प्राप्त अंकों के आधार पर मेरिट सूची का निर्माण किया जाएगा। द्वितीय प्रश्नपत्र (सामान्य बुद्धिमत्ता परीक्षा) एक अर्हकारी परीक्षा है, जिसमें सभी श्रेणी/ उपश्रेणी के अभ्यर्थियों हेतु न्यूनतम 33 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य है।

2. मुख्य परीक्षा (लिखित प्रकृति)

विषय समयावधि पूर्णांक
1. सामान्य हिन्दी 3 घण्टा 150
2. निबंध 3 घण्टा 150
3. सामान्य अध्ययन-I (भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज) 3 घण्टा 200
4. सामान्य अध्ययन-II ( शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध) 3 घण्टा 200
5. सामान्य अध्ययन-III (प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन) 3 घण्टा 200
6. सामान्य अध्ययन-IV (नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरूचि) 3 घण्टा 200
7. सामान्य अध्ययन-V (उत्तराखण्ड राज्य की जानकारी) 3 घण्टा 200
8. सामान्य अध्ययन- VI (उत्तराखण्ड राज्य की जानकारी) 3 घण्टा 200
लिखित परीक्षा का कुल योग 1500

3. साक्षात्कार / व्यक्तित्व परीक्षा                                                                                                                                                                                                                      150 अंक

कुल योग (लिखित परीक्षा एवं साक्षात्कार परीक्षा)                                                                                                                                                                                            1650  अंक

नोट– सभी प्रश्नपत्र अनिवार्य है। सामान्य हिन्दी के प्रश्नपत्र में न्यूनतम 36 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा

You'll Read

प्रारंभिक परीक्षा का पाठ्यक्रम

प्रथम प्रश्न पत्र-सामान्य अध्ययन (वस्तुनिष्ठ प्रकार)

प्रश्नों की संख्याः 150                                                                             पूर्णांक : 150                                                                                                                                   समय अवधि: 02 घण्टे

नोटः कुल प्रश्न 150 में से अनिवार्य रूप से न्यूनतम 1/3 प्रश्न उत्तराखण्ड राज्य के सन्दर्भ में पूछे जायेंगे।

यूनिट – 1 – भारत का इतिहास, संस्कृति एवं राष्ट्रीय आन्दोलन

  • प्रागैतिहासिक काल – हड़प्पा सभ्यता, वैदिक सभ्यता और संगम युग; महाजनपद और मगध का उत्कर्ष; धार्मिक आंदोलन-जैनधर्म, बौद्ध धर्म, भागवत एवं शैव मतः पारसी एवं यूनानी संपर्क और संबंधित अन्य पहलू।
  • मौर्य साम्राज्य – चन्द्रगुप्त मौर्य, अशोक और उसका धम्म; मौर्यकालीन प्रशासन, अर्थव्यवस्था, समाज एवं कला; कुषाण और संबंधित अन्य पहलू ।
  • गुप्त साम्राज्य – स्थापना, सुदृढ़ीकरण एवं पतन; चन्द्रगुप्त प्रथम, समुद्रगुप्त, चन्द्रगुप्त द्वितीय, स्कन्दगुप्त; गुप्तकालीन प्रशासन, समाज, अर्थव्यवस्था, साहित्य एवं कला और संबंधित अन्य पहलू ।
  • उत्तर-गुप्त काल – हर्षवर्द्धन, पाल, प्रतिहार, राष्ट्रकूट, चोल, पल्लव, चन्देल, परमार, चौहान; 650 ई0 से 1200 ई0 के मध्य सामाजिक, आर्थिक, एवं सांस्कृतिक विकास और संबंधित अन्य पहलू।
  • भारत में इस्लाम का आगमन – इल्तुतमिश, बलबन, अलाउद्दीन खिलजी, मुहम्मद बिन तुगलक, फिरोज तुगलक, सिकन्दर लोदी और इब्राहीम लोदी; दिल्ली सल्तनतकालीन प्रशासन, दिल्ली सल्तनत के पतन के कारणः समाज और अर्थव्यवस्था, इंडो-इस्लामिक वास्तुकला, विजयनगर साम्राज्य, सूफीमत और भक्ति आंदोलन और संबंधित अन्य पहलू ।
  • मुगल साम्राज्य – बाबर, शेरशाह सूरी, अकबर, शाहजहाँ, औरंगज़ेब और मुगल साम्राज्य का पतन, मुगल प्रशासन, जागीरदारी एवं मनसबदारी व्यवस्थाएं, मुगलकालीन समाज और अर्थव्यवस्थाः साहित्य कला एवं स्थापत्य; मराठा, सिख एवं जाट और संबंधित अन्य पहलू ।
  • यूरोपियों का आगमन– पुर्तगाली, डच और फ्राँसीसी
    • ब्रिटिश ईस्ट इंडिया कम्पनी और ब्रिटिश शासन- (1758-1857) और संबंधित अन्य पहलू ।
    • ब्रिटिश शासन के आर्थिक प्रभाव और संबंधित अन्य पहलू। उन्नीसवीं सदी के सामाजिक, धार्मिक सुधार आन्दोलन और संबंधित अन्य पहलू ।
  • भारत के वाइसराय (1858-1947)
    • प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (1857), उन्नीसवीं और बीसवीं सदी के गैर-आदिवासी, आदिवासी, जातीय एवं किसान आंदोलन, 1857 के बाद का ब्रिटिश शासन, भारत सरकार अधिनियम (1858) और संबंधित अन्य पहलू
    • 1858 के बाद की प्रशासनिक, सामाजिक एवं न्यायिक प्रणाली- प्रशासनिक, शिक्षा एवं न्यायिक सुधार और संबंधित अन्य पहलू ।
    • भारत में राष्ट्रवाद का विकास; राष्ट्रीय आंदोलन का उदय
  • भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस– उद्गम, उदारवादी एवं अतिवादी दल
    बंगाल का विभाजन, स्वदेशी आंदोलन, मुस्लिम लीग की स्थापना, सूरत अधिवेशन एवं कांग्रेस का विभाजन (1907), मार्ले-मिण्टो सुधार (1909)
  • प्रथम विश्व युद्ध और राष्ट्रीय आन्दोलन– होमरूल आंदोलन, लखनऊ समझौता (1916), 1917 की अगस्त घोषणा, क्रांतिकारी आन्दोलन, गांधी युग, भारत एवं विदेश में क्रांतिकारी आंदोलन, भारत सरकार अधिनियम (1919), रौलेट अधिनियम (1919), जलियावाला बाग नरसंहार (13 अप्रैल, 1919), खिलाफत आंदोलन, असहयोग आंदोलन, चौरीचौरा की घटना, स्वराज पार्टी, साइमन कमीशन, नेहरू रिपोर्ट, जिन्ना के 14 सूत्र, कांग्रेस का लाहौर अधिवेशन, सविनय अवज्ञा आंदोलन, प्रथम गोलमेज सम्मेलन, गांधी इरविन समझौता, द्वितीय एवं तृतीय गोलमेज सम्मेलन, कम्यूनल अवार्ड एवं पूना समझौता ।
  • भारत सरकार अधिनियम (1935) – पाकिस्तान की मांग, क्रिप्स मिशन, भारत छोड़ो आंदोलन, कैबिनेट मिशन योजना, आजाद हिन्द फौज, अन्तरिम सरकार, माउण्टबेटन योजना, भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम (1947), भारत का विभाजन, आजादी के बाद का भारत, नवीन क्रियाकलाप एवं सम्बन्धित संगठन और संबंधित अन्य पहलू।

उत्तराखण्ड का इतिहास एवं संस्कृति

  • प्रागैतिहासिक काल
  • आद्य ऐतिहासिक काल
  • उत्तराखण्ड की प्राचीन जनजातियां
  • कुणिन्द एवं यौधेय
  • कार्तिकेयपुर राजवंश
  • कत्यूरी राजवंश
  • गढ़वाल का परमार राजवंश; कुमाऊँ का चंद राजवंश,
  • गोरखा आक्रमण एवं शासन
  • ब्रिटिश शासन
  • टिहरी रियासत
  • उत्तराखण्ड में स्वतंत्रता संघर्ष- 1857 एवं उत्तराखण्ड, भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन में उत्तराखण्ड का योगदान; उत्तराखण्ड के
  • जनआंदोलन।
  • संबंधित अन्य पहलू।

यूनिट – 2 – भारत एवं विश्व का भूगोल

  • विश्व का भूगोल : विविध शाखाएं, पृथ्वी एवं सौरमण्डल, अक्षांश देशान्तर, समय, परिभ्रमण, परिक्रमण, ग्रहण, महाद्वीप, पर्वत, पठार, मैदान, जलमंडल, झीलें एवं चट्टान, वायुमण्डल की परतें, संरचना, सौर्यताप, आर्द्रता, महासागरीय नितल की बनावट, धाराएँ, ज्वार भाटा, तापमान एवं खारापन, कृषि, पौधे, जन्तु, पशुपालन, ऊर्जा एवं खनिज संसाधन, उद्योग, जनसंख्या, प्रजातियां एवं जनजातियां, प्रवास, परिवहन, संचार, अन्तर्राष्ट्रीय सीमा रेखाएं, पर्यावरण एवं विश्व व्यापार (क्षेत्रीय आर्थिक गुट), भौगोलिक शब्दावली और संबंधित अन्य पहलू।
  • भारत का भूगोल : भौगोलिक परिचय, उच्चावच एवं संरचना, जलवायु, अपवाह प्रणाली, वनस्पति, पौधे, जन्तु, पशुपालन, मिट्टी, जल संसाधन, सिंचाई, बिजली, कृषि, खनिज, उद्योग, जनसंख्या एवं नगरीकरण, परिवहन, संचार, संचार तंत्र, विदेशी व्यापार, अनुसूचित जाति एवं जनजातियां, सामाजिक परिस्थितियां, अधिवास एवं प्रदूषण और संबंधित अन्य पहलू।
  • उत्तराखण्ड का भूगोल: भौगोलिक अवस्थिति, भू-आकृति एवं संरचना, जलवायु, जल प्रवाह तन्त्र, वनस्पति, सिंचाई, मुख्य नगर, पर्यटन स्थल, जनसंख्या, अनुसूचित जाति एवं जनजातियां, परिवहन तन्त्र, ऊर्जा संसाधन एवं औद्योगिक विकास, प्राकृतिक आपदाएं और संबंधित अन्य पहलू।

यूनिट – 3 – भारतीय राजव्यवस्था

राष्ट्रीय 

1. संसदीय प्रणाली।
2. गठबंधन की राजनीति।
3. क्षेत्रवाद, जातिवाद, साम्प्रदायिकता, आतंकवाद, और नक्सलवाद।
4. कल्याण अनुसूचित जाति / अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक (संवैधानिक व्यवस्था, कानूनी दायरा, संस्थागत व्यवस्था, प्रक्रिया और प्रभाव के संदर्भ में)
5. लिंग राजनीति समानता, आरक्षण, अधिकारिता, कल्याण और सुरक्षा, सुरक्षा के उपाय।
6. भारत में चुनाव सुधार। 7. शासन संस्थान और प्रक्रिया।
8. राष्ट्रीय एकता।
9. भारत की नाभिकीय नीति।
10. पर्यावरणीय समस्याएं।
11. आर्थिक और वित्तीय सुधारः उदारीकरण, निजीकरण और वैश्विकरण (एल०पी०जी०) और राजनीति तथा शासन पर इसके प्रभाव, आयोजना तंत्र तथा आयोजना की प्रक्रिया और बैंकिग क्षेत्र (आर०बी०आई०, नाबार्ड और आई०डी०बी०आई० आदि)।
12. भारत में संस्थागत सुधार अर्थात, एम०एन०आर०ई०जी०ए०, एन०आर०एच०एम०, जे०एन०एन०यू०आर०एम० आदि, सार्वजनिक निजी भागीदारी (पी०पी०पी०) के तरीके।
13. देश की राजनीति और प्रशासनिक प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी।
14. सिविल सोसायटी।
15. लोकपाल और लोकायुक्त।
16. सम्बन्धित अन्य पहलू ।

अन्तर्राष्ट्रीय

1. संयुक्त राष्ट्र।
2. अन्तर्राष्ट्रीय सस्थाएं।
3. वैश्विक स्तर पर पर्यावरणीय समस्याएं।
4. सार्क, आसियान और साफ्टा एवं अन्य क्षेत्रीय गुट।
5. विश्व के बड़े मुद्दों पर भारत का दृष्टिकोणः निरस्त्रीकरण, मानवाधिकार और वैश्विकता ।
6. ब्रिक्स और भारत के लिए इसका महत्व।
7. सम्बन्धित अन्य पहलू।

भारत का संविधान 

1. भारत में संविधानात्मक विकास ।
2. संवैधानिक असैम्बली। 3. उद्देशिका ।
4. भारतीय संविधान की मूल विशेषताएं (इसके विभिन्न भाग, महत्वपूर्ण अनुच्छेद और सिद्धांत सहित)
5. मौलिक अधिकार और कर्तव्य।
6. राज्य नीति के निदेशात्मक सिद्धांत।
7. संवैधानिक संशोधन प्रणाली और महत्वपूर्ण संवैधानिक संशोधन।
8. भारत में शासन की संघीय और संसदीय प्रणाली।
9. संसदीय समितियां (लोक लेखा समिति, आकलन समिति और संयुक्त संसदीय समिति)।
10. संवैधानिक निकाय चुनाव आयोग और भारत के नियंत्रक और महालेखा परीक्षक।
11. न्यायपालिका उच्चतम न्यायालय और उच्च न्यायालय ।
12. सम्बन्धित अन्य पहलू। भारतीय राजनीति।

 भारतीय राजनीति 

1. संघीय कार्यपालिका: राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और मंत्री परिषद, मंत्रिमण्डल सचिवालय, केन्द्रीय सचिवालय, और प्रधानमंत्री कार्यालय ।
2. राज्य कार्यपालिका: राज्यपाल, मुख्य मंत्री और मंत्री परिषद, राज्य सचिवालय और मुख्य सचिव ।
3. भारत में संसद और राज्य विधान सभाएं।
4. चुनाव तंत्र और प्रक्रिया।
5. राजनीतिक दल और दबाव समूह।
6. राजनीतिज्ञों और सरकारी सेवकों के संबंध ।
7. भारत में राजनीतिक संस्कृति का विकास ।
8. राजनीतिक सामाजीकरण की एजेंसियां ।
9. भारत में प्रशासनिक प्रणाली का मूल्यांकन और विकास।
10. भारत में राज्यों का पुनर्गठन।
11. संघ राज्य क्षेत्रों और अन्य विनिर्दिष्ट राज्यों और क्षेत्रों का प्रशासन।
12. प्रशासनिक सुधार (विभिन्न महत्वपूर्ण समितियों और आयोगों सहित)।
13. जिला प्रशासन ।
14. सम्बन्धित अन्य पहलू।

पंचायती राज 

1. स्थानीय शासन 73वां और 74वां संविधान संशोधन अधिनियम ।
2. राज्य वित्त आयोग कार्य और भूमिका।
3. स्थानीय निकायों को अधिकार देना।
4. भारत में स्थानीय निकायों का स्वरूप नगर निगम, नगर परिषद, नगर पंचायत, ग्राम पंचायत, पंचायत समितियां और जिला परिषद ।
5. सम्बन्धित अन्य पहलू ।

लोक नीति 

1. सुशासन सीटिजन चार्टर और ई-गवर्नेस।
2. भ्रष्टाचार का निवारण और लोकपाल तथा लोकायुक्त।
3. सूचना का अधिकार।
4. शिक्षा का अधिकार।
5. सेवा का अधिकार ।
6. सम्बन्धित अन्य पहलू।

अधिकारों से संबंधित मुद्दे

1. मौलिक अधिकार।
2. नागरिक अधिकार संरक्षण अधिनियम 1955।
3. भारत में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अल्पसंख्यकों से संबंधित मुद्दे, महिला और बाल तथा बुजुर्गों के संरक्षण से संबंधित विभिन्न अधिकार।
4. सम्बन्धित अन्य पहलू ।

उत्तराखण्ड की राज व्यवस्था

शासन प्रणाली, राज्यपाल, विधायिका, मुख्यमंत्री, मंत्रिपरिषद, केन्द्र राज्य संबंध, लोक सेवाएं, लोक सेवा आयोग, लेखा परीक्षण, महान्यायवादी, उच्च न्यायालय एवं उसका अधिकार क्षेत्र, अल्पसंख्यक, अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजातियों से सम्बन्धित प्राविधान, राज भाषा, विशेष राज्य के चयन के मापदण्ड, संचित निधि एवं आकस्मिक निधि, राजनैतिक दल एवं निर्वाचन, स्थानीय शासन एवं पंचायती राज, सामुदायिक विकास, लोकनीति, अधिकार सम्बन्धी मुद्दे (शिक्षा, रोजगार, विकास आदि), सुशासन (भ्रष्टाचार निवारण, लोकायुक्त, सिटीजन चार्टर, ई-गवर्नेस, सूचना का अधिकार, समाधान योजना आदि) और सम्बन्धित अन्य पहलू।

यूनिट – 4 – आर्थिक एवं सामाजिक विकास

राष्ट्रीय –

1. आर्थिक नीति: भारत में आर्थिक सुधार, उदारीकरण, निजीकरण और वैश्वीकरण।
2. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफ डी० आई), मुद्रास्फीति, समाहिक प्रगति, आर्थिक विकास बनाम पर्यावरणीय संरक्षण ।
3. गरीबी और बेरोजगारी के उन्मूलन संबंधी कार्यक्रम, मानव विकास सूचकांक (एच डी आई)।
4. जनगणना एवं भारत की जनसंख्या की मुख्य विशेषताएं। आर्थिक विकास और जनसंख्या। नगरीकरण से सम्बन्धित मुद्दे ।
5. केन्द्रीय बजट की मुख्य विशेषताएं।
6. भारत की अर्थव्यवस्था की मुख्य विशेषताएं।
7. भारत के प्राकृतिक और ऊर्जा संसाधन, व्यापार (वैदेशिक क्षेत्र), वाणिज्य, उद्योग, योजनाएं एवं परियोजनाएं तथा आर्थिक विकास की दिशा। 8. कर सुधार एवं बैंकिंग व्यवसाय।
9. योजनागत विकास।
10. राष्ट्रीय विकास परिषद ।
11. राष्ट्रीय आय।
12. भारतीय कृषि (कृषि उत्पादकता, पशुधन, हरित क्रान्ति, खाद्य सुरक्षा, खाद्यान्न मूल्य, बफर स्टाक, कृषि नीति, कृषि/बीज बीमा योजना)। 13. भारतीय वित्तीय/मुद्रा / पूंजी / प्रतिभूति बाजार।
14. बीमा क्षेत्र, कर संरचना, लोक वित्तीय एवं राजकोषीय नीति।
15. अवधारणाएं (व्यावर्ती योजना, स्वीट शेयर, हवाला, गिल्ट एज बाजार, काला बाजार, काला धन इत्यादि)।
16. सम्बन्धित अन्य पहलू।

अतंर्राष्ट्रीय

1. विश्व व्यापार संगठन (W.T.O.), अंतर्राष्ट्रीय पुनर्निर्माण और विकास बैंक (IBRD) अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा निधि (IMF), विश्व बैंक (वर्ल्ड बैंक), दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संघ (SAARC), दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN), दक्षिण एशियाई वरीयता व्यापार करार (SAPTA), ब्रिक्स (BRICS), ओपेक (OPEC) एवं अन्य क्षेत्रीय आर्थिक एवं वाणिज्यिक संगठन।
2. पूंजी का अंतर्राष्ट्रीय प्रवाह, मानव संसाधन और प्रौद्योगिकी।
3. विदेशी मुद्रा विनियम अधिनियम (FERA), प्रिवेंशन ऑफ मनी लैडरिंग एक्ट (PMLA)।
4. विश्व मानव सूचकांक ।
5. पारिभाषिक शब्दावली ।
6. सम्बन्धित अन्य पहलू।

उत्तराखण्ड

  • अर्थव्यवस्था एवं बजट की मुख्य विशेषताएं, प्राकृतिक और ऊर्जा संसाधन, व्यापार वाणिज्य, उद्योग, योजनाएं एवं परियोजनाएं, कर/आर्थिक सुधार, योजनागत विकास, कृषि, पशुधन, खाद्यान्न सुरक्षा, लोकवित्त, राजकोषीय नीति, जनगणना, मानव विकास सूचकांक, पर्यटन, जड़ी-बूटी एवं संस्कृति का आर्थिक विकास में योगदान और सम्बन्धित अन्य पहलू ।

यूनिट -5 – सामान्य विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी

सामान्य विज्ञान के प्रश्न दैनिक अनुभव तथा प्रेक्षण से सम्बन्धित विषयों सहित विज्ञान के सामान्य परिबोध एवं जानकारी पर आधारित होंगे, जिसकी किसी भी सुशिक्षित व्यक्ति से अपेक्षा की जा सकती है, जिसने वैज्ञानिक विषयों का विशेष अध्ययन नहीं किया है।

  • भारत में विज्ञान और प्रौद्योगिकीः इतिहास और योगदान :-
    • समसामयिकी, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय सम्मान, पुरस्कार, खोज, अन्वेषण, विज्ञान कांग्रेस सम्मेलन, सौर प्रौद्योगिकी, मानव कल्याण, स्वास्थ्य और औषध के लिए नई प्रौद्योगिकी का अनुप्रयोग, पर्यावरणीय जागरूकता, प्राकृतिक जैव संसाधन इत्यादि।
    • राज्य, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय वैज्ञानिक एवं अनुसंधान विषयक अन्य संगठन आईयूसीएन, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ, आईपीसीसी, डब्ल्यूएचओ, यूनेस्को आदि।
    • सूचना प्रौद्योगिकी और दैनिक जीवन में कम्प्यूटरों का अनुप्रयोग, ई-गवर्नेन्स आदि।
  • पारिस्थिति और पर्यावरण – पर्यावास, सामुदायिक पर्यावरणीय प्रणाली, संरचनात्मक कार्य और अनुकूलन, वनस्पतियां एवं उनका वर्गीकरण, परम्परागत खेती, वाणिज्यिक कृषि एवं कृषि का वाणिज्यिकरण, कृषि फसलों का उत्पादन एवं उनका क्षेत्रीय वितरण (राज्य, राष्ट्र एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर), कृषि समस्याएं, कृषिक विविधता इत्यादि ।
  • प्राकृतिक संसाधन – मृदा, जल, वायु, वन, घासभूमि, आर्द्र भूमि. समुद्रीय, नवीनीकरण और गैर नवीनीय ऊर्जा संसाधनों की योजना और प्रबंधन ।
  • जैव विविधता – जोखिम और संरक्षण, आचारनीति और उपयोग
  • पर्यावरणीय संकटः वायु, जल, मृदा और अंतरिक्ष प्रदूषण, नियम और अधिनियम, भूमंडलीय ऊष्मता ।
  • भूमंडलीय जलवायु परिवर्तन-कारण और प्रभाव
  • सुदूर संवेदन की अवधारणा और जीआईएस अनुप्रयोग।
  • मौसम पूर्वानुमान। स्प्रेडशीट (विस्तारण) का अनुप्रयोग और आधार आंकड़ों का अनुप्रयोग।
  • भौतिकी (फिजिकल) विज्ञान/जागरूकता – कम्प्यूटर और सूचना प्रक्रमण के सिद्धांत, मौलिक कम्प्यूटर संगठन, बूलियन बीजगणित, लॉजिक गेट्स, समस्या समाधान तकनीकें और कम्प्यूटर भाषाएं, व्यापारिक आंकड़ा प्रक्रमण, आंकड़ा सम्प्रेषण और कम्प्यूटर नेटवर्क और सुरक्षा, इंटरनेट और मल्टीमीडिया अनुप्रयोगों का उपयोग, क्लाउड कम्प्यूटिंग, पीसी का अनुप्रयोग, साफ्टवेयर पैकेज, साईबर अधिनियम के मूलभूत तत्व आदि।
  • पदार्थ और इसकी अवस्थाएं, अम्ल, आधार रूप और लवण, तत्वों का उद्गम और वितरण, भारी और हल्का पानी, सघन पानी, शुद्धिकरण, बैट्रियां, ईधन सैल, विनाषन, विखंडन और संलयन, समानता के तत्व, पोलिमर्स, कार्बोहाइड्रेट्स, प्रोटीन, न्यूक्लिक अम्ल, लिपिड, हार्मोन्स, विटामिन, औषध और स्वास्थ्य देखभाल, डाईज, कॉस्मेटिक, खाद्य रसायन विज्ञान आदि।
  • यांत्रिकी, पदार्थ की सामान्य विशेषताएं, तरंग गति, ध्वनि और इलैक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगें, ऊष्मा, प्रकाश।
  • चुम्बकत्व, विद्युत, परमाणु और नाभिकीय भौतिकी, खगोल विद्या और अंतरिक्ष भौतिकी, एक्स-रे और सेमीकंडक्टर प्रौद्योगिकी आदि।
  • जीवन (Life) विज्ञान – शाखाएं, योगदान, प्राकृतिक संसाधन और उनका प्रबंधन।
  • जैव-विविधता, जैव प्रौद्योगिकी, अतिसूक्ष्म प्रौद्योगिकी, जैव उत्पाद, टीके, प्रतिरक्षण, स्वास्थ्य देखभाल, आनुवांशिक रूप से आशोधित जीवधारी, भूमंडलीय ऊष्मता और जलवायु परिवर्तन, पशुपालन, पादप और मानव कल्याण इत्यादि।
  • वैज्ञानिक पारिभाषिक शब्दावली।
  • उत्तराखंड के प्राकृतिक संसाधन और राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय जलवायु परिवर्तन आदि में उनका योगदान इत्यादि।

यूनिट 6 – राज्य, राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय महत्व की समसामयिक घटनायें।

महाद्वीप एवं विश्व के देश, विश्व अंतरिक्ष की महत्वपूर्ण घटनाएँ, विश्व के आश्चर्य, विश्व के धर्म, भारतीय राज्य, विश्व/भारत की प्रसिद्ध पुस्तकें एवं लेखक, प्रसिद्ध वैज्ञानिक, प्रमुख पुरस्कार, भारतीय रक्षा व्यवस्था, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, वैज्ञानिक तथा तकनीकी विकास, शिक्षा, राष्ट्रीय प्रतीक, भारत में वरीयता अनुक्रम्, विश्व/भारत के प्रमुख मानव अधिकार एवं कल्याण संगठन, प्रसिद्ध धार्मिक स्थल, प्रमुख दरें, भारत के नृत्य, सांस्कृतिक संस्थान, संगीत, चित्रकला, भारतीय भाषायें, विश्व धरोहर स्थल, प्रमुख समाचार पत्र, महत्वपूर्ण तिथियां, खेल परिदृश्य, मुख्य खेल तथा खेलों से सम्बन्धित शब्दावली, सम्मेलन/प्रदर्शनी/महोत्सव / कांफेस, प्रमुख रिपोर्ट और सम्बन्धित अन्य पहलू।

द्वितीय प्रश्न पत्र – सामान्य बुद्धिमत्ता परीक्षा (वस्तुनिष्ठ प्रकार)

प्रश्नों की संख्याः 100                                                                                   पूर्णांक : 150 (प्रत्येक प्रश्न 1.5 अंक का)                                                                            समय अवधि : 02 घण्टे

यूनिट – 1

प्रश्नों की संख्या 80                                                                                                                                                                                                                      पूर्णांक : 120 अंक

1. अभिक्षमता परीक्षा

कथन/वचन, सत्य और असत्य कथन (न्यायवाक्य), एमोलोजिन, समरूपता व असमानता, निरूपण, प्रतिबिम्ब/प्रतिरूप

2. सम्प्रेषण व अंतर वैयक्तिक कुशलता

शब्द निर्माण, कूटबद्धता / गैर-कूटबद्धता, संख्यात्मक प्रचालन

3. तार्किक व विश्लेषणात्मक योग्यता

तर्कः कथन-दलील, कथन-पूर्वानुमान, कथन कियाविधि, कथन-निष्कर्ष, वाक्य से निष्कर्ष निकालना, विषय-वस्तु का पता लगाना, प्रश्न कथन, वेन आरेख, अंकगणित संख्या श्रृखंला, अंकगणितीय तर्क-वितर्क व आकृतात्मक वर्गीकरण, संबंध अवधारणा

4. निर्णय लेना और समस्या समाधान

समस्या समाधान, निर्णय लेना, दृश्य स्मृति, विभेद, कथन एवं कारण

5. सामान्य मानसिक योग्यता

दिशा बोधक परीक्षा, सामाजिक बौद्धिकता, भावात्मक बौद्धिकता, आलोचनात्मक चिंतन, वर्णाक्षर परीक्षण, आंकड़ा पर्याप्तता, अनुपस्थित स्वरूप विवेचन

6. संख्यात्मक अभिज्ञान :

संख्या व उनका वर्गीकरण, संख्याओं की विभाज्यता का परीक्षण, विभाज्यता की सामान्य विशेषताएं, मुख्य संख्या का परीक्षण, विभाजन और शेषफल, शेषफल नियम, दो-लाईन संख्या श्रृखंला, प्राकृतिक संख्याओं पर कुछ नियम

7. सांख्यिकीय विश्लेषण

आंकड़ों का चार्ट, ग्राफ, तालिका के माध्यम से प्रस्तुतीकरण, आंकड़ों की पर्याप्तता।

यूनिट – 2

प्रश्नों की संख्या: 20                                                                                                                                                                                                                                    पूर्णांक : 30 अंक

(यूनिट -2 में बिन्दु -08 में कुल 07 प्रश्न एवं बिन्दु 09 में कुल 13 प्रश्न) 

8. अंग्रेजी भाषा में बोधगम्यता कौशल

(A) There shall be a long passage in English for comprehension, followed by three objective-type questions, with multiple choices, of 1.5 marks each. These questions will test the candidate’s ability to comprehend the ideas contained in the passage as well as his/her knowledge of the English language/grammar.

(B) The four questions (1.5 marks each) based on language/grammar may cover the following areas:

(i) Vocabulary
(ii) Antonyms
(iii) Synonyms
(iv) One-word substitution
(v) Phrases/phrasal verbs
(vi) Transformation of sentences

9.हिन्दी भाषा में बोधगम्यता कौशल-

(अ) हिन्दी भाषा में बोधगम्यता कौशल हेतु दिए गए विस्तृत अपठित गद्यांश या अवतरण से, प्रतिपाद्य (विषय-वस्तु), भाषा और व्याकरण पर आधारित, 06 वस्तुनिष्ठ प्रश्न पूछे जाएंगे। प्रत्येक वस्तुनिष्ठ प्रश्न डेढ़ अंक का होगा तथा प्रत्येक प्रश्न के चार वैकल्पिक उत्तर A, B, C, D होंगे, जिनमें केवल एक उत्तर ही सही होगा।

(ब) 07 वस्तुनिष्ठ प्रश्न (प्रत्येक डेढ़ अंक) अपठित गद्यांश के कथ्य, शीर्षक, उद्देश्य, भाषा, लोकोक्ति एवं मुहावरा, अलंकार, शब्द- विवेक (तत्सम, तद्भव, देशज एवं विदेशी शब्द, पर्यायवाची शब्द, विलोम शब्द, शब्दार्थ), उपसर्ग, प्रत्यय, सन्धि, समास और क्रियारूप आदि पर आधारित होने चाहिए।

मुख्य परीक्षा पाठयक्रम

1. सामान्य हिन्दी

अधिकतम अंक-150                                                                                                                                                                                       समयावधि-3 घण्टे

1. शब्द – रचना                                                                                                                                                                                                                  15 अंक

उपसर्ग एवं प्रत्यय, सन्धि एवं समास, वचन एवं लिंग, व्याकरणिक कोटियाँ संज्ञा, सर्वनाम, क्रिया, विशेषण, क्रिया-विशेषण, अव्यय के अनुप्रयोग, वाच्य परिवर्तन, कर्तृवाच्य / कर्मवाच्य / भाववाच्य)

2. शब्द- विवेक                                                                                                                                                                                                                  15 अंक

(अ) शब्द- भेद

तत्सम, तद्भव, देशज, विदेशी, शंकर, रूढ़, यौगिक, योगरूढ़, पर्यायवाची, समानार्थी, विलोम, अनेकार्थी, समूहवाची, समरूप किन्तु भिन्नार्थक, वाक्य या वाक्यांश के लिए एक शब्द

(ब) शब्द- शुद्धि

3. वाक्य- रचना                                                                                                                                                                                                                  15 अंक

अक रचना के आधार पर वाक्य परिवर्तन (सरल, मिश्र एवं संयुक्त), व्याकरण के आधार पर वाक्य परिवर्तन (प्रश्नवाचक, विस्मयादिबोधक, सकारात्मक, नकारात्मक), विराम चिहन, वाक्य शुद्धि, स्लोगन लेखन

4. मुहावरे एवं लोकोक्तियों (अर्थ एवं वाक्य प्रयोग)                                                                                                                                                            10 अंक

5. पत्र लेखन (अनौपचारिक एवं औपचारिक पत्र)                                                                                                                                                              15 अंक

6. (अ) प्रतिवेदन लेखन                                                                                                                                                                                                     10 अंक

(सरकारी एवं गैर सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों, संगठनों में घटित होने वाली घटनाओं पर आधारित प्रामाणिक विवरण तैयार करना)

(ब) हिन्दी के प्रशासनिक शब्दों का अंग्रेजी अनुवाद                                                                                                                                                             10 अंक

7. बोधन                                                                                                                                                                                                                              15 अंक

(अपठित अवतरण पर पूछे गए बोध-प्रश्नों के उत्तर तैयार करना)

8. सार लेखन / सारांश/संक्षेपण                                                                                                                                                                                        15 अंक

(विस्तृत लेख, निबन्ध, प्रतिवेदन, भाषण, पत्र आदि की विषय सामग्री को छोटा करके लगभग एक तिहाई रूप में प्रस्तुत करना)

9. पल्लवन                                                                                                                                                                                                                        10 अंक

(प्रसिद्ध सूत्रों, वाक्यों, सूक्तियों, कहावतों / लोकोक्तियों आदि की व्याख्या और विस्तार करना)

10. हिन्दी अवतरण का अंग्रेजी में अनुवाद                                                                                                                                                                        10 अंक

11. अंग्रेजी अवतरण का हिन्दी में अनुवाद                                                                                                                                                                         10 अंक

नोटः- सामान्यतः हाईस्कूल स्तर के पाठ्यक्रम पर आधारित सामान्य हिन्दी के प्रश्नपत्र में न्यूनतम 35 प्रतिशत अंक प्राप्त करना अनिवार्य होगा।

2. निबन्ध

अधिकतम अंक-150                                                                                                                                                                                 समयावधि-3 घण्टे

इस प्रश्न पत्र में निम्न तीन उपखण्ड (अ, ब एवं स) होंगे। प्रत्येक उपखण्ड से एक विषय पर चुने गये भाषा विकल्प में 700-800 शब्दों में निबंध लिखना होगा।

खण्ड : अ

1. साहित्य और संस्कृति।
2. सामाजिक क्षेत्र।
3. राजनैतिक क्षेत्र।
4. आर्थिक क्षेत्र: कृषि, उद्योग और व्यापार।

खण्ड : ब

1. विज्ञान, पर्यावरण और प्रौद्योगिकी।
2. राष्ट्रीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय घटनाक्रम।
3. प्राकृतिक आपदायें: भू-स्खलन, भूकम्प, जल प्रलय, सूखा आदि।
4. राष्ट्रीय विकास योजनाएं एवं परियोजनाएं।

खण्ड : स

1. उत्तराखण्ड की सामाजिक संरचना।
2. उत्तराखण्ड का इतिहास व संस्कृति, कला एवं साहित्य।
3. उत्तराखण्ड का आर्थिक एवं भौगोलिक परिदृश्य, उत्तराखण्ड में पर्यटन एवं पलायन।
4. उत्तराखण्ड में पर्यावरण व आपदा एवं आपदा प्रबंधन,
5. उत्तराखण्ड में महिला सशक्तिकरण।

नोटः- प्रत्येक खण्ड से निर्दिष्ट शब्द सीमा (700-800 शब्द) के निबंध के लिए पूर्णांक 50 अंक होंगे। प्रत्येक निबंध के मूल्यांकन में निम्नलिखित अनुसार अंकों का निर्धारण किया जायेगा।

1. भाषा एवं व्याकरण की शुद्धता, उपयुक्त शब्द चयन एवं सुपाठ्य लिखावट (legible handwriting)
2. विषय से सम्बन्धित मौलिक विचारों का प्रतिपादन।
3. विषय की बहुआयामी समझ एवं व्यापकता का प्रस्तुतीकरण।
4. विषय सम्बन्धी विचारों का व्यवस्थित, सुसंगत एवं तार्किक तथा निबन्ध शैली का प्रकटीकरण।
5. विषय के सम्बन्ध में स्पष्टता, अभिव्यक्ति क्षमता तथा विषय के सन्दर्भ में वृद्धिकरण एवं संक्षिप्तीकरण की योग्यता।

3. सामान्य अध्ययन -1
(भारतीय विरासत और संस्कृति, विश्व का इतिहास एवं भूगोल और समाज)

अधिकतम अंक-200                                                                                                                                                                                                                    समयावधि- 3 घण्टे

  • भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से आधुनिक काल तक के कला के रूप, साहित्य और वास्तुकला के मुख्य महलू शामिल होंगे।
  • 18वीं सदी के लगभग मध्य से लेकर वर्तमान समय तक का आधुनिक भारतीय इतिहास- महत्वपूर्ण घटनाएं, व्यक्तित्व, विषय।
  • स्वतंत्रता संग्राम इसके विभिन्न चरण और देश के विभिन्न भागों से इसमें अपना योगदान देने वाले महत्वपूर्ण व्यक्ति / उनका योगदान।
  • स्वतंत्रता के पश्चात देश के अंदर एकीकरण और पुनर्गठन।
  • विश्व के इतिहास में 18 वीं सदी की घटनाएं यथा औद्योगिक क्रांति, विश्व युद्ध, राष्ट्रीय सीमाओं का पुनः सीमांकन, उपनिवेशवाद, उपनिवेशवाद की समाप्ति, राजनीतिक दर्शन शास्त्र जैसे साम्यवाद, पूंजीवाद, समाजवाद आदि शामिल होंगे, उनके रूप और समाज पर उनका प्रभाव।
  • भारतीय समाज की मुख्य विशेषताएं, भारत की विविधता। महिलाओं की भूमिका और महिला संगठन, जनसंख्या एवं सम्बद्ध मुददे, गरीबी और विकासात्मक विषय, शहरीकरण, उनकी समस्याएं और उनके रक्षोपाय।
  • भारतीय समाज पर भूमंडलीकरण का प्रभाव। सामाजिक सशक्तीकरण, सम्प्रदायवाद, क्षेत्रवाद और चर्म निरपेक्षता। विश्व के भौतिक भूगोल की मुख्य विशेषताएं।
  • विश्वभर के मुख्य प्राकृतिक संसाधनों का वितरण (दक्षिण एशिया और भारतीय उपमहाद्वीप को शामिल करते हुए), विश्व (भारत सहित) के विभिन्न भागों में प्राथमिक, द्वितीयक और तृतीयक क्षेत्र के उद्योगों को स्थापित करने के लिए जिम्मेदारी कारक।
  • भूकंप, सुनामी, ज्यालामुखीय हलचल, चक्रवात आदि जैसी महत्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएं, भूगोलीय विशेषताएं और उनके स्थान अति महत्वपूर्ण भूगोलीय विशेषताओं (जल स्त्रोत और हिमावरण सहित) और वनस्पति एवं प्राणि जगत में परिवर्तन और इस प्रकार के परिवर्तनों के प्रभाव।

4. सामान्य अध्ययन – II
(शासन व्यवस्था, संविधान, शासन प्रणाली, सामाजिक न्याय तथा अंतर्राष्ट्रीय संबंध)

अधिकतम अंक-200                                                                                                                                                                                                                    समयावधि- 3 घण्टे

  • भारतीय संविधान-ऐतिहासिक आधार, विकास, विशेषताएं, संशोधन, महत्वपूर्ण प्रावधान और बुनियादी संरचना।
  • संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढांचे से संबंधित विषय एवं चुनौतियां, और बुनियादी संरचना।
  • संघ एवं राज्यों के कार्य तथा उत्तरदायित्व, संघीय ढावे संबंधित विषय एवं चुनौतिया, स्थानीय स्तर पर शक्तियों और वित्ता का हस्तांतरण और हस्तांतरण और उसकी चुनौतियां।
  • विभिन्न घटकों के बीच शक्तियों का पृथक्करण, विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान।
  • भारतीय संवैधानिक योजना की अन्य देशों के साथ तुलना।
  • संसद और राज्य विधायिका – संरचना, कार्य, कार्य संचालन, शक्तियां एवं विशेषाधिकार और इनसे उत्पन्न होने वाले विषय।
  • कार्यपालिका और न्यायपालिका की संरचना, संगठन और कार्य – सरकार के मंत्रालय एवं विभाग, प्रनायक समूह और औपरिक / अनौपचारिक संघ तथा शासन प्रणाली में उनकी भूमिका।
  • जन प्रतिनिधित्व अधिनियम की मुख्य विशेषताएं।
  • विभिन्न संवैधानिक पदों पर नियुक्ति और विभिन्न संवैधानिक निकायों की शक्तियां, कार्य और उत्तरदायित्व।
  • सांविधिक, विनियामक और विभिन्न अर्ध न्यययिक निकाय।
  • सरकारी नीतियों और संघों, दानकर्ताओं, लोकोपकारी संस्थाओं, संस्थागत एवं अन्य पक्षों की भूमिका।
  • केन्द्र एवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिए कल्याणकारी योजनाएं और इन योजनाओं को कार्य-निष्पादान, इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिए गठित, तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय।
  • स्वास्थ्य, शिक्षा, मानव संसाधनों से संबंधित सामाजिक क्षेत्र/सेवाओं के विकास और प्रबंधन से संबंधित्त विषय।
  • गरीबी और भूख से संबंधित विषय।
  • शासन व्यवस्था, पारदर्शिता और जवाबदेही के महत्वपूर्ण पक्ष, ई-गवर्नेस अनुप्रयोग, मॉडल, सफलताएं, सीमाएं संभावनाएं, नागरिक चार्टर, पारदर्शिता एवं जवाबदेही और संस्थागत तथा अन्य उपाय।
  • लोकतंत्र में सिविल सेवाओं की भूमिका। ‌
  • द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक समूह और भारत से संबंधित और/अथवा भारत के हितों को भारत एवं इसके पड़ोसी संबंध।
  • प्रभावित करने वाले करार।
  • भारत के हितों, भारतीय परिदृश्य पर विकसित तथा विकासशील देशों की नीतियों तथा राजनीति का प्रभाव।
  • महत्वपूर्ण अंतर्राष्ट्रीय संस्थान, संस्थाएं और मंच – उनकी संरचना अधिदेश।

5. सामान्य अध्ययन – III
(प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन)

अधिकतम अंक-200                                                                                                                                                                                                                    समयावधि- 3 घण्टे

  • भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोजगार से संबंधित विषय ।
  • समावेशी विकास तथा इससे उत्पन्न विषय। सरकारी बजट ।
  • मुख्य फसलें – देश के विभिन्न भागों में फसलों का पैटर्न सिंचाई के विभिन्न प्रकार एवं सिंचाई प्रणाली-कृषि उत्पाद का भंडारण, परिवहन तथा विपणन, संबंधित विषय और बाधाएं: किसानों की सहायता के लिए ई-प्रौद्योगिकी।
  • प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली-उद्देशय, कार्य, सीमाएं, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषयः प्रौद्योगिकी मिशन; पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र।
  • भारत में खाद्य प्रसंस्करण एवं संबंधित उद्योग कार्यक्षेत्र एवं महत्व, स्थान, ऊपरी और नीचे की अपेक्षाएं, आपूर्ति श्रृंखला प्रबंधन ।
  • भारत में भूमि सुधार।
  • उदारीकरण का अर्थव्यवस्था पर प्रभाव, औद्योगिक नीति में परिवर्तन तथा औद्योगिक विकास पर इनका प्रभाव।
  • बुनियादी ढांचा।
  • ऊर्जा, बंदरगाह, सड़क विमानपत्तन, रेलवे आदि।
  • निवेश मॉडल ।
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – विकास एवं अनुप्रयोग और रोजमार्रा के जीवन पर इसका प्रभाव।
  • विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियां देशज रूप से प्रौद्योगिकी का विकास और नई प्रौद्योगिकी का विकास ।
  • सूचना प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष, कम्प्यूटर, नैनो-टैक्नोलॉजी, बायो-टैक्नोलॉजी, और बौ‌द्धिक सम्पदा अधिकारों से संबंधित विषयों के संबंध में जागरूकता।
  • संरक्षण, पर्यावरण प्रदूषण और क्षरण, पर्यावरण प्रभाव का आकलन।
  • आपदा और आपदा प्रबंधन ।
  • विकास और फैलते उग्रवाद के बीच संबंध।
  • आंतरिक सुरक्षा के लिए चुनौती उत्पन्न करने वाले शासन विरोधी तत्वों की भूमिका ।
  • संचार नेटवर्क के माध्यम से आंतरिक सुरक्षा को चुनौती, आंतरिक सुरक्षा चुनौतियों में मीडिया और सामाजिक नेटवर्किंग साइटों की भूमिका, साइबर सुरक्षा की बुनियादी बातें धन-शोधन और इसे रोकना।
  • सीमावर्ती क्षेत्रों में सुरक्षा चुनौतियां एवं उनका प्रबंधन संगठित उपराध और आतंकवाद के बीच संबंध ।
  • विभिन्न सुरक्षा बल और संस्थाएं तथा उनके अधिदेश।

6. सामान्य अध्ययन – IV
(नीतिशास्त्र, सत्यनिष्ठा और अभिरूचि)

अधिकतम अंक-200                                                                                                                                                                                                                    समयावधि- 3 घण्टे

इस प्रश्न-पत्र में ऐसे प्रश्न शामिल होंगे जो सार्वजनिक जीवन में उम्मीदवारों की सत्यनिष्ठा, ईमानदारी से संबंधित विषयों के प्रति उनकी अभिवृत्ति उनके दृष्टिकोण तथा से आचार व्यवहार में विभिन्न मुद्दों तथा सामने आने वाली समस्याओं के समाधान को लेकर उनकी मनोवृत्ति का परीक्षण करेंगे। इन आयामों इन आयामों का निर्धारण करने के लिए प्रश्न-पत्रों में किसी मामले के अध्ययन (केस स्टडी) का माध्यम भी चुना जा सकता है। मुख्य रूप से निन्नलिखित क्षेत्रों को कवर किया जाएगा।

  • नीतिशास्त्र तथा मानवीय सह-संबंध: मानवीय क्रियाकलापों में नीतिशास्त्र का सार तत्व, इसके निर्धारक और परिणाम, नीतिशास्त्र के आयाम् निजी और सार्वजनिक संबंधों में नीतिशास्त्र मानवीय मूल्य महान नेताओं, सुधारकों और प्रशासकों के जीवन तथा उनके उपदेशों से शिक्षा, मूल्य विकसित करने में परिवार, समाज और शैक्षणिक संस्थाओं की भूमिका।
  • अभिवृत्ति:  सारांश (कंटेन्ट), संरचना, वृत्ति, विचार तथा आचरण के परिप्रेक्ष्य में इसका प्रभाव एवं संबंध, नैतिक और राजनीतिक अभिरूचि, सामाजिक प्रभाव और धारणा।
  • सिविल सेवा के लिए अभिरूचि तथा बुनियादी मूल्य, सत्यनिष्ठ, भेदभाव रहित तथा गैर तरफदारी, निष्पक्षता, तथा संवेदना।
  • भावनात्मक समझझः अवधारणाएं तथा प्रशासान और शासन व्यवस्था में उनके उपयोग और प्रयोग।
  • भारत तथा विश्व के नैतिक विचारकों तथा दार्शनिकों के योगदान।
  • लोक प्रशासनों में लोक / सिविल सेवा मूल्य तथा नीतिशास्त्रः स्थिति तथा समस्याएं, सरकारी तथा नैतिक मूल्यों का सुदृढीकरण, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों तथा निधि व्यवस्था (फडिंग) में नैतिक मुददेः कॉरपोरेट शासन व्यवस्था।
  • शासन व्यवस्था में ईमानदारीः लोक सेवा की अवधारण, शासन व्यवस्था और ईमानदारी का दार्शनिक आधार, सरकार में सूचना का आदान-प्रदान और पारदर्शिता सूचना का अधिकार, नीतिपरक आचार संहिता, आचरण संहिता, नागरिक घोषणा पत्र, कार्य संस्कृति, सेवा प्रदान करने की गुणवत्ता, लोक निधि का उपयोग, भ्रष्टाचार की चुनौतियां।
  • उपर्युक्त विषयों पर मामला संबंधी अध्ययन (केस स्टडी)

7. सामान्य अध्ययन-V
(उत्तराखण्ड राज्य की जानकारी)

अधिकतम अंक-200                                                                                                                                                                                                                           समयावधि- 3 घण्टे

  • उत्तराखण्ड का इतिहास- प्रागैतिहासिक काल, आद्य ऐतिहासिक काल, उत्तराखण्ड के प्रमुख पुरातात्विक स्थल, उत्तराखण्ड की प्राधीन जनजातियां, कुणिन्द एवं यौधेय, कत्यूरी राजवंश, गढ़वाल का परमार राजवंश शासन, समाज अर्थव्यवस्था, कुमाऊ का चंदवंश-शासन, समाज, अर्थव्यवस्था, गोरखा आकमण एवं प्रशासन।
  • उत्तराखण्ड में ब्रिटिश शासन- प्रशासनिक व्यवस्था, भू व्यवस्था, वनप्रबन्धन, अर्थव्यवस्था, शिक्षा एवं चिकित्सा स्वास्थ्य व्यवस्था, उत्तराखण्ड में स्थानीय (Vemacular) भाषा की पत्रकारिता का विकास, टिहरी रियासत शासन, समाज, अर्थव्यवस्था, धर्म एवं संस्कृति, उत्तराखण्ड राज्य और राष्ट्रीय आन्दोलन, उत्तराखण्ड के प्रमुख स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, टिहरी रियासत का विलय।
  • उत्तराखण्ड के जन आन्दोलन- कुली बेगार आन्दोलन, डोला पालकी आन्दोलन, चिपको आन्दोलन, नशा विरोधी आन्दोलन, सामाजिक सुधार, टिहरी राज्य में रियासत विरोधी आन्दोलन, पृधक उत्तराखण्ड राज्य आन्दोलन एवं उसके तात्कालिक एवं दूरगामी परिणाम।
  • उत्तराखण्ड का समाज एंव संस्कृति- परिवार, विवाह एवं नातेदारी, जाति व्यवस्था एवं गतिशीलता, अनुसूचितजाति, जनजाति एवं अन्य पिछड़ी जातियों, ग्रामीण शक्ति संरखना, नगरीकरण एवं औद्योगीकरण, प्रमुख लोक गीत एवं नृत्य, प्रमुख लोकगायक एवं रंगकर्मी, लोक वाद्य यंत्र, चित्रकला, वेशभूषा एवं खान पान, बोलियों एवं शिल्प, उत्तराखण्ड के धार्मिक स्थल एवं मंदिर, मेले एवं त्यौहार।
  • उत्तराखण्ड राज्य के राजनीतिक एवं स्थानीय स्वशासन एवं लोकनीति- उत्तराखण्ड की राजनीतिक व्यवस्था, दलीय व्यवस्था, क्षेत्रीय दल एवं दबाव समूह, राज्य सरकार की संरचना, मंत्रिमंडल एवं उसके विभाग, प्रशासनिक अभिकरण तथा जिला एवं तहसील स्तरीय प्रशासन, राज्य लोक सेवा आयोग, लोकायुक्त, राज्य सतर्कता अभिकरण, उत्तराखण्ड में स्थानीय स्वशासन, शहरी स्थानीय निकायों एवं पंचायती राज संस्थाओं का स्वरूप, राज्य वित्त आयोग, राज्य चुनाव आयोग एवं अन्य आयोग, उत्तराखण्ड में लोक नीति, सुशासन, सिटीजन चार्टर, ई-गवर्नेस, भ्रष्टाचार का निवारण, लोकपाल तथा लोकायुक्त, सूचना का अधिकार, शिक्षा का अधिकार, सेवा का अधिकार, महिला सशक्तिकरण, मनरेगा, सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास।
  • उत्तराखण्ड राज्य के सन्दर्भ में समसामायिक घटनायें।

8. सामान्य अध्ययन-VI
(उत्तराखण्ड राज्य की जानकारी)

अधिकतम अंक-200                                                                                                                                                                                                                           समयावधि- 3 घण्टे

  • उत्तराखण्ड का भूगोल- स्थिति, विस्तार एवं सामरिक महत्व, संरचना, एवं उच्चावच जलवायु, अपवाह तंत्र, प्राकृतिक वनस्पति, मृदा, हिमनद, झीलें और जलवायु परिवर्तन। संसाधन वन, जल एवं खनिज, भूमि। कृषि, सिंचाई, उद्यानिकी, पशु पालन एवं उद्योग। पर्यटन, समस्या एवं संभावनाएं। परिवहन सड़क, रेल व वायु, जलविद्युत परियोजनाएं, जलीय संकट एवं समाधान। राष्ट्रीय उद्यान एवं अभ्यारण्य। जनसंख्या, वृद्धिदर, घनत्व, वितरण, लिंगानुपात, साक्षरता, प्रवसन प्रतिरूप इससे उत्पन्न समस्याएं एवं समाधान। ग्रामीण बस्तियों के प्रकार एवं प्रतिरूप, नगरीकरण एवं नगर, स्मार्ट नगर। जनजातीय निवास, मानव विकास सूचकांक।
  • उत्तराखण्ड की अर्थव्यवस्था – राज्य की अर्थव्यवस्था की विशेषतायें, प्राकृतिक संसाधन जल, वन, खनिज आदि।
  • राज्य की आर्थिक रूपरेखा – राज्य घरेलू उत्पाद और इसके अवयव, प्रति व्यक्ति आय, आय के प्रमुख स्त्रोत, कृषि एवं औद्यानिकी, औषधीय पादप, वन उत्पाद, पर्यटन आदि।
  • औद्योगिक विकास- एमएसएमई नीति, वृहद, मध्यम्, लघु एवं कुटीर उद्योग, हस्तशिल्प उद्योग, निवेश परिदृश्य, समस्याएं एवं संभावनाए।
  • आधारभूत संरचनाएः भौतिक-संडक, रेल एवं वायु यातायात, बैंकिंग एवं वित्तीय संस्थाएं, शिक्षा, स्वास्थ्य, ऊर्जा, संचार, स्वयं सहायता समूह (एसएचजी)।
  • आर्थिक नियोजन एवं नीतियां राज्य वार्षिक योजना, विकास कार्यक्रम व नीतियां एवं योजनाएं, विकेन्द्रित नियोजन पंचायती राज संस्थाएं एवं नगरीय स्थानीय निकाय।
  • लोक वित्तः राजस्व प्राप्तियां व राज्य कर, लोक व्यय, उत्तराखण्ड का बजट ।
  • राज्य की प्रमुख आर्थिक समस्यायें बेरोजगारी, प्रवासन, प्राकृतिक आपदा, पर्यावरणीय हास।
  • कल्याणकारी कार्यक्रमः युवा, बाल एवं महिला कल्याण कार्यक्रम, गरीबी उन्मूलन कार्यक्रम, मनरेगा, खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति, सैनिक कल्याण एवं पुर्नवास आदि।
  • आपदा प्रबंधन – आपदा की प्रकृति, प्रकार एवं प्रभाव, प्राकृतिक आपदा के प्रमुख कारक तथा कम करने के प्रयास, अनाच्छादन, मूंकप बादल फटना, वनाग्नि, सूखा, हिमस्खलन आदि,
  • आपदा प्रबंधन में बाधाएं, पारिस्थितिकीय संवेदनशील क्षेत्र, एनडीआरएफ एवं एसडीआरएफ की भूमिका, आपदा प्रबंधन एक्ट (2005), राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एन०डी०एम०ए०) आपदा एवं प्रबंधन हेतु उत्तराखण्ड सरकार के प्रयास। मानव जनित आपदाएं एवं प्रभाव।
  • उत्तराखण्ड में मानव संसाधन एवं सामुदायिक विकास- रोजगार एवं विकासः मानव संसाधन प्रबन्धन, मानव संसाधन विकास तथा उत्तराखण्ड में इसके संकेतक। उत्तराखण्ड में बेरोजगारी की समस्या की प्रकृति एवं प्रकार। उत्तराखण्ड सरकार की रोजगार संबंधी योजनाएं। ग्रामीण विकास एवं सामुदायिक विकास की योजनायें- केन्द्र एवं राज्य प्रायोजित योजनाओं सहित सम्बन्धित संस्थाओं एवं संगठनों की भूमिका।
  • शिक्षा- मानव संसाधन के विकास एवं सामाजिक परिवर्तन में शिक्षा की भूमिका। उत्तराखण्ड में शिक्षा की पद्धति समस्यायें एवं मुद्दे (सार्वभौमिकरण एवं व्यावसायिकरण सहित) महिलाओं तथा अन्य सामाजिक एवं आर्थिक रूप से वंचित वर्गों तथा अल्पसंख्यकों के लिये शिक्षा।
    • शिक्षा का अधिकार उत्तराखण्ड में सर्वशिक्षा अभियान तथा राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान।
    • उत्तराखण्ड में उच्च, प्राविधिक एवं व्यावसायिक शिक्षा की स्थिति। शिक्षा के उन्नयन में विभिन्न संस्थाओं की भूमिका (केन्द्र, राज्य तथा अन्य संगठनों सहित)
  • उत्तराखण्ड में मानव संसाधन के विकास के एक संघटक के रूप में स्वास्थ्य-
    • उत्तराखण्ड में स्वास्थ्य देख-भाल व्यवस्था।
    • राष्ट्रीय ग्रामीण स्वास्थ्य मिशन तथा अन्य सम्बन्धित योजनायें।
    • स्वास्थ्य एवं पोषण।
    • खाद्य सुरक्षा अधिनियम इत्यादि।

साक्षात्कार/व्यक्तित्व परीक्षा

(अंक 150)

यह परीक्षा अभ्यर्थियों की सामान्य जागरूकता, बुद्धि, चरित्र, अभिव्यक्ति की क्षमता, व्यक्तित्व एवं सेवा के लिए सामान्य उपयुक्तता को दृष्टि में रखते हुये सामान्य अभिरूचि के विषयों से सम्बन्धित होगी।