भारत भौतिक पर्यावरण टेस्ट 6
भारत भौतिक पर्यावरण टेस्ट 6
Quiz-summary
0 of 20 questions completed
Questions:
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- 6
- 7
- 8
- 9
- 10
- 11
- 12
- 13
- 14
- 15
- 16
- 17
- 18
- 19
- 20
Information
इस टेस्ट में सम्मिलित प्रश्न कक्षा 11 की पुस्तक भारत भौतिक पर्यावरण (एन.सी.ई.आर.टी.) पर आधारित है| यदि आप ‘भारत भौतिक पर्यावरण’ विषय की अधिक जानकारी नहीं रखते है तो इस टेस्ट को देने से पहले आप पुस्तक का रिविजन आवश्य करें|
You have already completed the quiz before. Hence you can not start it again.
Quiz is loading...
You must sign in or sign up to start the quiz.
You have to finish following quiz, to start this quiz:
Results
0 of 20 questions answered correctly
Your time:
Time has elapsed
You have reached 0 of 0 points, (0)
Average score |
|
Your score |
|
Categories
- Not categorized 0%
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- 6
- 7
- 8
- 9
- 10
- 11
- 12
- 13
- 14
- 15
- 16
- 17
- 18
- 19
- 20
- Answered
- Review
-
Question 1 of 20
1. Question
1 pointsइस नदी का उद्गम कैलाश पर्वत श्रेणी में मानसरोवर झील के निकट चेमायुंगडुंग (Chemayungdung) हिमनद से है। यहाँ से यह पूर्व दिशा में अनुदैर्ध्य रूप से बहती हुई नामचा बरवा शिखर के पास पहुँच कर अंग्रेज़ी के यू (U) अक्षर जैसा मोड़ बनाकर भारत में प्रवेश करती है।
उपरोक्त विवरण किस नदी के संदर्भ में है?Correct
व्याख्याः उपरोक्त विवरण ब्रह्मपुत्र नदी के संबंध में है। ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत की मानसरोवर झील के पूर्व में स्थित चेमायुंगडुँग हिमनद से निकलती है। यह हिमालय के समानांतर पूर्व की ओर बहती है। मध्य हिमालय में नामचा बरवा शिखर के निकट अंग्रेज़ी के यू (U) अक्षर जैसा मोड़ बनाकर भारत के अरुणाचल प्रदेश में गॉर्ज के माध्यम से प्रवेश करती है। यहाँ इसे दिहाँग के नाम से जाना जाता है।
ब्रह्मपुत्र नदी बाढ़, मार्ग परिवर्तन एवं तटीय अपरदन के लिये जानी जाती है। ऐसा इसलिये है, क्योंकि इसकी सहायक नदियाँ बड़ी हैं और इनके जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण इनमें अत्यधिक अवसाद बहकर आ जाता हैं।
Incorrect
व्याख्याः उपरोक्त विवरण ब्रह्मपुत्र नदी के संबंध में है। ब्रह्मपुत्र नदी तिब्बत की मानसरोवर झील के पूर्व में स्थित चेमायुंगडुँग हिमनद से निकलती है। यह हिमालय के समानांतर पूर्व की ओर बहती है। मध्य हिमालय में नामचा बरवा शिखर के निकट अंग्रेज़ी के यू (U) अक्षर जैसा मोड़ बनाकर भारत के अरुणाचल प्रदेश में गॉर्ज के माध्यम से प्रवेश करती है। यहाँ इसे दिहाँग के नाम से जाना जाता है।
ब्रह्मपुत्र नदी बाढ़, मार्ग परिवर्तन एवं तटीय अपरदन के लिये जानी जाती है। ऐसा इसलिये है, क्योंकि इसकी सहायक नदियाँ बड़ी हैं और इनके जलग्रहण क्षेत्रों में भारी वर्षा के कारण इनमें अत्यधिक अवसाद बहकर आ जाता हैं।
-
Question 2 of 20
2. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सी नदियाँ ब्रह्मपुत्र की सहायक नदियाँ हैं?
1. रागोंसांग्पो
2. दिबांग
3. लोहित
4. मानस
कूटःCorrect
व्याख्याः ब्रह्मपुत्र की प्रमुज् सहायक नदियाँ- सुबनसिरी, तीस्ता, मानस, दिहाँग, दिबांग, रागोंसांग्पो, लोहित, सुबनसिरी, कामेंग आदि हैं।
तिब्बत की रागोंसांग्पो, ब्रह्मपुत्र नदी के दाहिने तट पर मिलने वाली एक प्रमुख सहायक नदी है। हिमालय के गिरिपद में यह सिशंग के नाम से निकलती है। दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहते हुए इसके बाएँ तट पर इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ दिबांग या सिकांग और लोहित मिलती हैं।
असम घाटी में अपनी 750 किलोमीटर की यात्रा में ब्रह्मपुत्र में बहुत-सी सहायक नदियाँ आकर मिलती हैं। इसके बाएँ तट की प्रमुख सहायक नदियाँ बूढ़ी दिहिंग तथा धनसरी हैं, जबकि दाएँ तट पर मिलने वाली महत्त्वपूर्ण सहायक नदियों में सुबनसिरी, कामेंग, मानस व संकोश हैं।
सुबनसिरी जिसका उद्गम तिब्बत में है, एक पूर्ववर्ती नदी है।
Incorrect
व्याख्याः ब्रह्मपुत्र की प्रमुज् सहायक नदियाँ- सुबनसिरी, तीस्ता, मानस, दिहाँग, दिबांग, रागोंसांग्पो, लोहित, सुबनसिरी, कामेंग आदि हैं।
तिब्बत की रागोंसांग्पो, ब्रह्मपुत्र नदी के दाहिने तट पर मिलने वाली एक प्रमुख सहायक नदी है। हिमालय के गिरिपद में यह सिशंग के नाम से निकलती है। दक्षिण-पश्चिम दिशा में बहते हुए इसके बाएँ तट पर इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ दिबांग या सिकांग और लोहित मिलती हैं।
असम घाटी में अपनी 750 किलोमीटर की यात्रा में ब्रह्मपुत्र में बहुत-सी सहायक नदियाँ आकर मिलती हैं। इसके बाएँ तट की प्रमुख सहायक नदियाँ बूढ़ी दिहिंग तथा धनसरी हैं, जबकि दाएँ तट पर मिलने वाली महत्त्वपूर्ण सहायक नदियों में सुबनसिरी, कामेंग, मानस व संकोश हैं।
सुबनसिरी जिसका उद्गम तिब्बत में है, एक पूर्ववर्ती नदी है।
-
Question 3 of 20
3. Question
1 pointsभारत में अपवाह क्षेत्र के आधार पर नदियों को घटते हुए क्रम में व्यवस्थित कीजियेः
1. सिंधु
2. ब्रह्मपुत्र
3. गंगा
4. कावेरीCorrect
व्याख्याः अपवाह क्षेत्र के आधार पर भारत में नदियों का सही क्रम है- गंगा > सिंधु > ब्रह्मपुत्र > कावेरी
Incorrect
व्याख्याः अपवाह क्षेत्र के आधार पर भारत में नदियों का सही क्रम है- गंगा > सिंधु > ब्रह्मपुत्र > कावेरी
-
Question 4 of 20
4. Question
1 pointsकथन : प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र हिमालयी अपवाह तंत्र से पुराना है।
कारण : प्रायद्वीपीय नदियाँ प्रौढ़ावस्था में हैं तथा इन नदियों की घाटी चौड़ी तथा उथली हुई हैं।
कूटःCorrect
व्याख्याः प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र हिमालयी अपवाह तंत्र से पुराना है। यह तथ्य नदियों की प्रौढ़ावस्था और नदी घाटियों के चौड़ा व उथला होने से प्रमाणित होता है। अतः कथन व कारण दोनों सही है तथा कारण, कथन की सही व्याख्या करता है।
Incorrect
व्याख्याः प्रायद्वीपीय अपवाह तंत्र हिमालयी अपवाह तंत्र से पुराना है। यह तथ्य नदियों की प्रौढ़ावस्था और नदी घाटियों के चौड़ा व उथला होने से प्रमाणित होता है। अतः कथन व कारण दोनों सही है तथा कारण, कथन की सही व्याख्या करता है।
-
Question 5 of 20
5. Question
1 pointsप्रायद्वीपीय नदियों की विशेषताओं के संबंध में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः
1. प्रायद्वीपीय नदियाँ अपना मार्ग बदलती रहती हैं।
2. ये नदियाँ विसर्पों का निर्माण नहीं करती हैं।
3. प्रायद्वीपीय नदियाँ अपने मुहाने पर डेल्टा का निर्माण करती हैं।
4. प्रायद्वीपीय नदियों की अपवाह द्रोणियाँ आकार में अपेक्षाकृत छोटी हैं।
उपरोक्त में से कौन-से कथन सत्य हैं?Correct
व्याख्याः केवल कथन 1 गलत है। प्रायद्वीपीय नदियों की विशेषता है कि ये एक सुनिश्चित मार्ग पर चलती हैं, ये नदियाँ न तो विसर्पो का निर्माण करती हैं और न ही बारहमासी हैं, यद्यपि भ्रंश घाटियों में बहने वाली नर्मदा और ताप्ती इसके अपवाद हैं।
ये नदियाँ अपने मुहाने पर डेल्टा का निर्माण करती हैं तथा प्रायद्वीपीय नदियों की अपवाह द्रोणियाँ अपेक्षाकृत छोटी हैं।
Incorrect
व्याख्याः केवल कथन 1 गलत है। प्रायद्वीपीय नदियों की विशेषता है कि ये एक सुनिश्चित मार्ग पर चलती हैं, ये नदियाँ न तो विसर्पो का निर्माण करती हैं और न ही बारहमासी हैं, यद्यपि भ्रंश घाटियों में बहने वाली नर्मदा और ताप्ती इसके अपवाद हैं।
ये नदियाँ अपने मुहाने पर डेल्टा का निर्माण करती हैं तथा प्रायद्वीपीय नदियों की अपवाह द्रोणियाँ अपेक्षाकृत छोटी हैं।
-
Question 6 of 20
6. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सी प्रायद्वीपीय नदियाँ रिफ्ट घाटी से बहती हैं?
1. नर्मदा
2. ताप्ती
3. कृष्णा
4. महानदी
कूटःCorrect
व्याख्याः प्रायद्वीपीय भारत में नर्मदा, ताप्ती एवं महानदी नदियाँ रिफ्ट घाटी से होकर बहती हैं।
Incorrect
व्याख्याः प्रायद्वीपीय भारत में नर्मदा, ताप्ती एवं महानदी नदियाँ रिफ्ट घाटी से होकर बहती हैं।
-
Question 7 of 20
7. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
1. पश्चिमी घाट प्रायद्वीपीय नदियों के बीच जल विभाजक का कार्य करता है।
2. प्रायद्वीप के उत्तरी भाग से निकलने वाली नदियाँ गंगा नदी तंत्र के अंग हैं।
कूटःCorrect
व्याख्याः पश्चिमी तट के समीप अवस्थित पश्चिमी घाट बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली प्रायद्वीपीय नदियों और अरब सागर में गिरने वाली छोटी नदियों के बीच जल-विभाजक का कार्य करता है। नर्मदा और ताप्ती को छोड़कर अधिकतर प्रायद्वीपीय नदियाँ पश्चिम से पूर्व की ओर बहती हैं।
प्रायद्वीप के उत्तरी भाग से निकलने वाली चंबल, सिंध, बेतवा, केन व सोन नदियाँ गंगा नदी तंत्र का अंग हैं।
Incorrect
व्याख्याः पश्चिमी तट के समीप अवस्थित पश्चिमी घाट बंगाल की खाड़ी में गिरने वाली प्रायद्वीपीय नदियों और अरब सागर में गिरने वाली छोटी नदियों के बीच जल-विभाजक का कार्य करता है। नर्मदा और ताप्ती को छोड़कर अधिकतर प्रायद्वीपीय नदियाँ पश्चिम से पूर्व की ओर बहती हैं।
प्रायद्वीप के उत्तरी भाग से निकलने वाली चंबल, सिंध, बेतवा, केन व सोन नदियाँ गंगा नदी तंत्र का अंग हैं।
-
Question 8 of 20
8. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सी नदियाँ भारतीय उपमहाद्वीप में पश्चिम की ओर प्रवाहित होती हैं?
1. ताप्ती
2. साबरमती
3. पेरियार
4. शरावती
5. वैगेई
कूटःCorrect
व्याख्याः
- नर्मदा एवं ताप्ती दो बड़ी नदियाँ हैं जो पश्चिम की तरफ बहती हैं और ज्वारनदमुख का निर्माण करती हैं।
- साबरमती और माही गुजरात की दो प्रमुख नदियाँ हैं जो पश्चिम की ओर बहती हैं। गुजरात राज्य का एक प्रमुख शहर अहमदाबाद, साबरमती नदी के किनारे स्थित है।
- गोवा में दो महत्त्वपूर्ण नदियाँ हैं जो पश्चिम की ओर बहती हैं- मांडवी और जुआरी।
- कर्नाटक के शिमोगा ज़िले से निकलने वाली शरावती पश्चिम की ओर बहने वाली महत्त्वपूर्ण नदी है।
- केरल की सबसे बड़ी नदी भरतपूझा, जो अन्नामलाई पहाड़ियों से निकलती है तथा केरल की दूसरी सबसे बड़ी नदी पेरियार पश्चिम दिशा की ओर बहने वाली तथा अरब सागर में मिलने वाली महत्त्वपूर्ण नदियाँ हैं। केरल की एक अन्य उल्लेखनीय नदी पांबा जो पश्चिम की ओर बहती है, यह नदी केरल में 177 किलोमीटर लंबा मार्ग तय करती हुई बेंबनाद झील में जा गिरती है।
- वैगेई तमिलनाडु में पूर्व की ओर बहने वाली एक महत्त्वपूर्ण नदी है जो हिंद महासागर में जाकर गिरती है।
Incorrect
व्याख्याः
- नर्मदा एवं ताप्ती दो बड़ी नदियाँ हैं जो पश्चिम की तरफ बहती हैं और ज्वारनदमुख का निर्माण करती हैं।
- साबरमती और माही गुजरात की दो प्रमुख नदियाँ हैं जो पश्चिम की ओर बहती हैं। गुजरात राज्य का एक प्रमुख शहर अहमदाबाद, साबरमती नदी के किनारे स्थित है।
- गोवा में दो महत्त्वपूर्ण नदियाँ हैं जो पश्चिम की ओर बहती हैं- मांडवी और जुआरी।
- कर्नाटक के शिमोगा ज़िले से निकलने वाली शरावती पश्चिम की ओर बहने वाली महत्त्वपूर्ण नदी है।
- केरल की सबसे बड़ी नदी भरतपूझा, जो अन्नामलाई पहाड़ियों से निकलती है तथा केरल की दूसरी सबसे बड़ी नदी पेरियार पश्चिम दिशा की ओर बहने वाली तथा अरब सागर में मिलने वाली महत्त्वपूर्ण नदियाँ हैं। केरल की एक अन्य उल्लेखनीय नदी पांबा जो पश्चिम की ओर बहती है, यह नदी केरल में 177 किलोमीटर लंबा मार्ग तय करती हुई बेंबनाद झील में जा गिरती है।
- वैगेई तमिलनाडु में पूर्व की ओर बहने वाली एक महत्त्वपूर्ण नदी है जो हिंद महासागर में जाकर गिरती है।
-
Question 9 of 20
9. Question
1 pointsयह नदी दक्षिण में सतपुड़ा और उत्तर में विंध्याचल श्रेणियों के मध्य भ्रंश घाटी से बहती हुई संगमरमर की चट्टानों में खूबसूरत महाखड्ड बनाती है।
उपरोक्त कथन किस नदी से संबंधित है?Correct
व्याख्याः नर्मदा नदी का उद्गम अमरकंटक पहाड़ी के पश्चिमी पार्श्व से होता है। दक्षिण में सतपुड़ा और उत्तर में विंध्याचल श्रेणियों के मध्य यह भ्रंश घाटी से बहती हुई जबलपुर के निकट भेड़ाघाट में संगमरमर के शैलों में यह नदी गहरे गॉर्ज से बहती है तथा जहाँ यह नदी तीव्र ढाल से गिरती है वहाँ ‘धुआँधार प्रपात’ का निर्माण करती है। लगभग 1,312 किलोमीटर दूरी तक बहने के बाद यह भड़ौच के दक्षिण में अरब सागर में मिलती है और 27 किलोमीटर लंबा ज्वारनदमुख बनाती है।
Incorrect
व्याख्याः नर्मदा नदी का उद्गम अमरकंटक पहाड़ी के पश्चिमी पार्श्व से होता है। दक्षिण में सतपुड़ा और उत्तर में विंध्याचल श्रेणियों के मध्य यह भ्रंश घाटी से बहती हुई जबलपुर के निकट भेड़ाघाट में संगमरमर के शैलों में यह नदी गहरे गॉर्ज से बहती है तथा जहाँ यह नदी तीव्र ढाल से गिरती है वहाँ ‘धुआँधार प्रपात’ का निर्माण करती है। लगभग 1,312 किलोमीटर दूरी तक बहने के बाद यह भड़ौच के दक्षिण में अरब सागर में मिलती है और 27 किलोमीटर लंबा ज्वारनदमुख बनाती है।
-
Question 10 of 20
10. Question
1 points‘सरदार सरोवर’ परियोजना अवस्थित है-
Correct
व्याख्याः ‘सरदार सरोवर परियोजना’ गुजरात में नर्मदा नदी पर बनाई गई है।
Incorrect
व्याख्याः ‘सरदार सरोवर परियोजना’ गुजरात में नर्मदा नदी पर बनाई गई है।
-
Question 11 of 20
11. Question
1 pointsप्रायद्वीपीय भारत की नदियों की लम्बाई को घटते क्रम के अनुसार व्यवस्थित कीजियेः
1. नर्मदा
2. गोदावरी
3. कृष्णा
4. कावेरी
कूटःCorrect
व्याख्याः प्रायद्वीपीय भारत की नदियों की लम्बाई
1. गोदावरी नदी – 1465 किलोमीटर
2. कृष्णा नदी – 1400 किलोमीटर
3. नर्मदा नदी – 1312 किलोमीटर
4. कावेरी नदी – 760 किलोमीटरIncorrect
व्याख्याः प्रायद्वीपीय भारत की नदियों की लम्बाई
1. गोदावरी नदी – 1465 किलोमीटर
2. कृष्णा नदी – 1400 किलोमीटर
3. नर्मदा नदी – 1312 किलोमीटर
4. कावेरी नदी – 760 किलोमीटर -
Question 12 of 20
12. Question
1 pointsकथन: कावेरी नदी प्रायद्वीप की अन्य नदियों की अपेक्षा कम उतार-चढ़ाव के साथ लगभग पूरे साल बहती है।
कारण: कावेरी नदी के अपवाह क्षेत्र के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में दक्षिण-पश्चिम मानसून (गर्मी) और निचले क्षेत्रों में उत्तर-पूर्वी मानसून (सर्दी) से वर्षा होती है।
कूटःCorrect
व्याख्याः कावेरी नदी कर्नाटक के पश्चिमी घाट के ब्रह्मगिरी श्रृंखला से निकलती है। कावेरी नदी प्रायद्वीप की अन्य नदियों की अपेक्षा कम उतार-चढ़ाव के साथ लगभग सालोंभर बहती है, क्योंकि इस नदी के अपवाह क्षेत्र के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में दक्षिण-पश्चिम मानसून (गर्मी) से और निम्न क्षेत्रों में उत्तर-पूर्वी मानसून (सर्दी) से वर्षा होती है। इस नदी की द्रोणी का लगभग 3 प्रतिशत भाग केरल में, 41 प्रतिशत भाग कर्नाटक में और 56 प्रतिशत भाग तमिलनाडु में पड़ता है।
Incorrect
व्याख्याः कावेरी नदी कर्नाटक के पश्चिमी घाट के ब्रह्मगिरी श्रृंखला से निकलती है। कावेरी नदी प्रायद्वीप की अन्य नदियों की अपेक्षा कम उतार-चढ़ाव के साथ लगभग सालोंभर बहती है, क्योंकि इस नदी के अपवाह क्षेत्र के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में दक्षिण-पश्चिम मानसून (गर्मी) से और निम्न क्षेत्रों में उत्तर-पूर्वी मानसून (सर्दी) से वर्षा होती है। इस नदी की द्रोणी का लगभग 3 प्रतिशत भाग केरल में, 41 प्रतिशत भाग कर्नाटक में और 56 प्रतिशत भाग तमिलनाडु में पड़ता है।
-
Question 13 of 20
13. Question
1 pointsअमरावती, भवानी, हेमावती तथा काबीनी किसकी सहायक नदियाँ हैं?
Correct
व्याख्याः अमरावती, भवानी, हेमावती, लोकायावनी, लक्ष्मणतीर्थ, काबीनी, सुवर्णवती आदि नदियाँ कावेरी की सहायक नदियाँ है।
इस नदी के अपवाह क्षेत्र का संबंध कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु से है। कावेरी नदी के अपवाह क्षेत्र को ‘राइस बाउल ऑफ साउथ इंडिया’ कहा जाता है।
यह नदी श्रीरंगपट्टनम व शिवसमुद्रम द्वीप से होकर बहती है।
Incorrect
व्याख्याः अमरावती, भवानी, हेमावती, लोकायावनी, लक्ष्मणतीर्थ, काबीनी, सुवर्णवती आदि नदियाँ कावेरी की सहायक नदियाँ है।
इस नदी के अपवाह क्षेत्र का संबंध कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु से है। कावेरी नदी के अपवाह क्षेत्र को ‘राइस बाउल ऑफ साउथ इंडिया’ कहा जाता है।
यह नदी श्रीरंगपट्टनम व शिवसमुद्रम द्वीप से होकर बहती है।
-
Question 14 of 20
14. Question
1 pointsअपवाह क्षेत्र के घटते क्रम के अनुसार प्रायद्वीपीय नदियों का कौन-सा क्रम सही है?
Correct
व्याख्याः
1. गोदावरी का अपवाह क्षेत्र = 3.13 लाख वर्ग किलोमीटर
2. कृष्णा नदी का अपवाह क्षेत्र = 2.59 लाख वर्ग किलोमीटर
3. महानदी का अपवाह क्षेत्र = 1.42 लाख वर्ग किलोमीटर
4. कावेरी नदी का अपवाह क्षेत्र = 81, 155 वर्ग किलोमीटरIncorrect
व्याख्याः
1. गोदावरी का अपवाह क्षेत्र = 3.13 लाख वर्ग किलोमीटर
2. कृष्णा नदी का अपवाह क्षेत्र = 2.59 लाख वर्ग किलोमीटर
3. महानदी का अपवाह क्षेत्र = 1.42 लाख वर्ग किलोमीटर
4. कावेरी नदी का अपवाह क्षेत्र = 81, 155 वर्ग किलोमीटर -
Question 15 of 20
15. Question
1 pointsनीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः
1. नदी के चैनल में वर्षपर्यंत जल प्रवाह के प्रारूप को नदी बहाव प्रवृत्ति (River regime) कहते हैं।
2. हिमालय से निकलने वाली नदियों के बहाव की प्रवृत्ति, केवल हिमनदों के पिघलने की मात्रा के द्वारा नियंत्रित होती है।
3. दक्षिण भारत की नदियों के बहाव की प्रवृत्ति वर्षा द्वारा नियंत्रित होती है।
उपरोक्त में कौन-से कथन सत्य हैं?Correct
व्याख्याः
कथन 1 सत्य है। नदी के चैनल में वर्षपर्यंत जल प्रवाह के प्रारूप को नदी बहाव प्रवृत्ति (River Regime) कहा जाता है।कथन 2 असत्य है। उत्तर भारत के हिमालय से निकलने वाली नदियों के बहाव की प्रवृत्ति हिमनदों के पिघलने तथा वर्षा दोनों के द्वारा नियंत्रित होती है।
द कथन 3 सत्य है। दक्षिण भारत की नदियों के बहाव की प्रवृत्ति वर्षा द्वारा नियंत्रित होती है जो प्रायद्वीपीय पठार के एक स्थान से दूसरे स्थान पर भिन्न होती है। चूँकि दक्षिण भारत की नदियाँ हिमनदों से नहीं निकलती हैं, इस कारण इनकी बहाव प्रवृत्ति में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है।
Incorrect
व्याख्याः
कथन 1 सत्य है। नदी के चैनल में वर्षपर्यंत जल प्रवाह के प्रारूप को नदी बहाव प्रवृत्ति (River Regime) कहा जाता है।कथन 2 असत्य है। उत्तर भारत के हिमालय से निकलने वाली नदियों के बहाव की प्रवृत्ति हिमनदों के पिघलने तथा वर्षा दोनों के द्वारा नियंत्रित होती है।
द कथन 3 सत्य है। दक्षिण भारत की नदियों के बहाव की प्रवृत्ति वर्षा द्वारा नियंत्रित होती है जो प्रायद्वीपीय पठार के एक स्थान से दूसरे स्थान पर भिन्न होती है। चूँकि दक्षिण भारत की नदियाँ हिमनदों से नहीं निकलती हैं, इस कारण इनकी बहाव प्रवृत्ति में उतार-चढ़ाव देखा जा सकता है।
-
Question 16 of 20
16. Question
1 pointsगंगा नदी में न्यूनतम जल प्रवाह वर्ष के किस महीने में होता है?
Correct
व्याख्याः गंगा नदी में न्यूनतम जल प्रवाह जनवरी से जून की अवधि के दौरान होता है, क्योंकि हिमालय से निकलने वाली नदियाँ अपना जल बर्फ पिघलने तथा वर्षा होने से प्राप्त करती हैं।
गंगा नदी में अधिकतम जल प्रवाह अगस्त या सितंबर में प्राप्त होता है।
Incorrect
व्याख्याः गंगा नदी में न्यूनतम जल प्रवाह जनवरी से जून की अवधि के दौरान होता है, क्योंकि हिमालय से निकलने वाली नदियाँ अपना जल बर्फ पिघलने तथा वर्षा होने से प्राप्त करती हैं।
गंगा नदी में अधिकतम जल प्रवाह अगस्त या सितंबर में प्राप्त होता है।
-
Question 17 of 20
17. Question
1 pointsदामोदर नदी किसकी सहायक नदी है?
Correct
व्याख्याः छोटानागपुर पठार के पूर्वी किनारे पर दामोदर नदी बहती है और भ्रंश घाटी से होती हुई हुगली नदी में गिरती है। बराकर इसकी एक मुख्य सहायक नदी है। कभी बंगाल का शोक (Sorrow of Bengal) कही जाने वाली इस नदी को दामोदर घाटी कार्पोरेशन नामक एक बहुद्देश्यीय परियोजना ने वश में कर लिया है।
Incorrect
व्याख्याः छोटानागपुर पठार के पूर्वी किनारे पर दामोदर नदी बहती है और भ्रंश घाटी से होती हुई हुगली नदी में गिरती है। बराकर इसकी एक मुख्य सहायक नदी है। कभी बंगाल का शोक (Sorrow of Bengal) कही जाने वाली इस नदी को दामोदर घाटी कार्पोरेशन नामक एक बहुद्देश्यीय परियोजना ने वश में कर लिया है।
-
Question 18 of 20
18. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किस नदी का उद्गम स्थल भारत में नहीं है?
Correct
व्याख्याः सतलज नदी का उद्गम स्थल तिब्बत में मानसरोवर झील के निकट स्थित राक्षसताल झील है।
Incorrect
व्याख्याः सतलज नदी का उद्गम स्थल तिब्बत में मानसरोवर झील के निकट स्थित राक्षसताल झील है।
-
Question 19 of 20
19. Question
1 pointsसूची-I को सूची-II से मिलाइये तथा नीचे दिये गए कूट में से सही उत्तर चुनियेः
सूची-I (झील) सूची-II (राज्य) A. लोकटक 1. ओडिशा B. चिल्का 2. मणिपुर C. भीमताल 3. उत्तराखंड D. पुलिकट 4. आंध्र प्रदेश-तमिलनाडु सीमा पर कूटः
Correct
व्याख्याः
- मणिपुर घाटी के मध्य एक झील स्थित है जिसे ‘लोकटक’ झील कहते हैं और यह चारों ओर से पहाड़ियों से घिरी है।
- चिल्का झील भारत के ओडिशा राज्य में महानदी के मुहाने पर स्थित खारे पानी की लैगून झील है। ओडिशा तट को भौगोलिक दृष्टि से उत्तरी सरकार तट भी कहा जाता है।
- भीमताल, उत्तराखंड में स्थित मीठे पानी की झील है।
- पुलिकट झील, तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश राज्यों की सीमा पर कोरोमंडल तट पर स्थित खारे पानी की लैगून झील है।
Incorrect
व्याख्याः
- मणिपुर घाटी के मध्य एक झील स्थित है जिसे ‘लोकटक’ झील कहते हैं और यह चारों ओर से पहाड़ियों से घिरी है।
- चिल्का झील भारत के ओडिशा राज्य में महानदी के मुहाने पर स्थित खारे पानी की लैगून झील है। ओडिशा तट को भौगोलिक दृष्टि से उत्तरी सरकार तट भी कहा जाता है।
- भीमताल, उत्तराखंड में स्थित मीठे पानी की झील है।
- पुलिकट झील, तमिलनाडु एवं आंध्र प्रदेश राज्यों की सीमा पर कोरोमंडल तट पर स्थित खारे पानी की लैगून झील है।
-
Question 20 of 20
20. Question
1 pointsदार्जिलिंग और सिक्किम हिमालय के संदर्भ में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः
1. इस क्षेत्र में तेज़ बहाव वाली तीस्ता नदी बहती है।
2. यह क्षेत्र आर्किड के लिये जाना जाता है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः दार्जिलिंग और सिक्किम हिमालय के पश्चिम में नेपाल हिमालय और पूर्व में भूटान हिमालय है। यह एक छोटा परंतु हिमालय का बहुत महत्त्वपूर्ण भाग है। यहाँ तेज बहाव वाली तिस्ता नदी बहती है और कंचनजंगा जैसी ऊँची चोटियाँ और गहरी घाटियाँ पाई जाती हैं।
सिक्किम और दार्जिलिंग हिमालय अपने रमणीय सौंदर्य, वनस्पति-जात और प्राणि-जात एवं आर्किड के लिये जाना जाता है।
Incorrect
व्याख्याः दार्जिलिंग और सिक्किम हिमालय के पश्चिम में नेपाल हिमालय और पूर्व में भूटान हिमालय है। यह एक छोटा परंतु हिमालय का बहुत महत्त्वपूर्ण भाग है। यहाँ तेज बहाव वाली तिस्ता नदी बहती है और कंचनजंगा जैसी ऊँची चोटियाँ और गहरी घाटियाँ पाई जाती हैं।
सिक्किम और दार्जिलिंग हिमालय अपने रमणीय सौंदर्य, वनस्पति-जात और प्राणि-जात एवं आर्किड के लिये जाना जाता है।
भारत भौतिक पर्यावरण डाउनलोड करने के लिये यहां क्लिक करें|