भारत लोग और अर्थव्यवस्था टेस्ट 4
भारत लोग और अर्थव्यवस्था टेस्ट 4
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इस टेस्ट में सम्मिलित प्रश्न कक्षा 12 की पुस्तक भारत लोग और अर्थव्यवस्था (एन.सी.ई.आर.टी.) पर आधारित है| यदि आप ‘भारत लोग और अर्थव्यवस्था’ विषय की अधिक जानकारी नहीं रखते है तो इस टेस्ट को देने से पहले आप पुस्तक का रिविजन अवश्य करें|
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Question 1 of 20
1. Question
1 pointsसतत् विकास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. सतत् पोषणीय विकास की परिभाषा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) द्वारा प्रस्तुत की गई थी।
2. यह एक ऐसा विकास है, जिसमें भविष्य में आने वाली पीढ़ियों की आवश्यकता की पूर्ति को प्रभावित किये बिना वर्तमान पीढ़ी द्वारा अपनी आवश्यकता की पूर्ति करना है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- सतत् पोषणीय विकास की परिभाषा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण द्वारा नहीं, विश्व पर्यावरण और विकास आयोग (WECD) द्वारा दी गई या प्रस्तुत की गई थी।
- विश्व पर्यावरण और विकास आयोग द्वारा ‘अवर कामन फ्यूचर’ (जिसे ब्रंटलैंड रिपोर्ट भी कहते हैं) 1987 में प्रस्तुत की गई। इस रिपोर्ट में सतत् पोषणीय विकास की परिभाषा दी गई।
- ‘विश्व पर्यावरण विकास आयोग’ (WECD) की प्रथम प्रमुख नार्वे की पूर्व प्रधानमंत्री गरो हरलेम ब्रंटलैंड थीं, जिनके नाम पर इसे ब्रंटलैंड कमीशन भी कहा जाता है।
Incorrect
व्याख्याः
- सतत् पोषणीय विकास की परिभाषा संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण द्वारा नहीं, विश्व पर्यावरण और विकास आयोग (WECD) द्वारा दी गई या प्रस्तुत की गई थी।
- विश्व पर्यावरण और विकास आयोग द्वारा ‘अवर कामन फ्यूचर’ (जिसे ब्रंटलैंड रिपोर्ट भी कहते हैं) 1987 में प्रस्तुत की गई। इस रिपोर्ट में सतत् पोषणीय विकास की परिभाषा दी गई।
- ‘विश्व पर्यावरण विकास आयोग’ (WECD) की प्रथम प्रमुख नार्वे की पूर्व प्रधानमंत्री गरो हरलेम ब्रंटलैंड थीं, जिनके नाम पर इसे ब्रंटलैंड कमीशन भी कहा जाता है।
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Question 2 of 20
2. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. इंदिरा गांधी नहर पंजाब में हरिके बांध से निकलती है।
2. पंजाब और राजस्थान में नहर विकास से सघन सिंचाई से उत्पादकता भले ही बढ़ी है, किंतु सतत् पोषणता प्रभावित हो रही है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- इंदिरा गांधी बांध, जिसे पहले राजस्थान नहर के नाम से जाना जाता था, भारत में सबसे बड़े नहर तंत्रों में से एक है। यह नहर पंजाब में हरिके बांध से निकलती है और राजस्थान के थार मरुस्थल (मरुस्थली) पाकिस्तान सीमा के समानांतर 40 किमी. की औसत दूरी पर बहती है।
- इस नहर की कुल नियोजित लंबाई 9060 किमी. है और यह 19.63 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य कमान क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा प्रदान करेगी।
- ध्यान देने की बात यह है कि इस क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा से पारंपरिक फसलों- चना, बाजरा और ज्वार की जगह गेहूँ, कपास, मूँगफली और चावल ने ले ली। सघन सिंचाई से उत्पादकता भी बढ़ी, किंतु साथ ही जलभराव और मृदा लवणता की समस्या भी बढ़ी है। ऐसे में लंबी अवधि के दौरान कृषि सतत् संपोषणीयता प्रभावित हो रही है और भविष्य में अधिक प्रभाव दिखाई पड़ सकते हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- इंदिरा गांधी बांध, जिसे पहले राजस्थान नहर के नाम से जाना जाता था, भारत में सबसे बड़े नहर तंत्रों में से एक है। यह नहर पंजाब में हरिके बांध से निकलती है और राजस्थान के थार मरुस्थल (मरुस्थली) पाकिस्तान सीमा के समानांतर 40 किमी. की औसत दूरी पर बहती है।
- इस नहर की कुल नियोजित लंबाई 9060 किमी. है और यह 19.63 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य कमान क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा प्रदान करेगी।
- ध्यान देने की बात यह है कि इस क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा से पारंपरिक फसलों- चना, बाजरा और ज्वार की जगह गेहूँ, कपास, मूँगफली और चावल ने ले ली। सघन सिंचाई से उत्पादकता भी बढ़ी, किंतु साथ ही जलभराव और मृदा लवणता की समस्या भी बढ़ी है। ऐसे में लंबी अवधि के दौरान कृषि सतत् संपोषणीयता प्रभावित हो रही है और भविष्य में अधिक प्रभाव दिखाई पड़ सकते हैं।
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Question 3 of 20
3. Question
1 pointsआई.टी.डी.पी. निम्नलिखित में से किसके लिये प्रयोग किया गया है?
Correct
व्याख्याः
- आई.टी.डी.पी (Integrated tribal Development Program) समन्वित जनजातीय विकास परियोजना के लिये प्रयोग किया गया है। इस योजना का उद्देश्य अत्यंत पिछड़े गद्दी जातीय समूह के जीवन स्तर में सुधार करना और भरमौर तथा हिमाचल प्रदेश के अन्य भागों के बीच में विकास के स्तर में अंतर को कम करना है।
- इस योजना के अंतर्गत परिवहन तथा संचार, कृषि और इससे संबंधित क्रियाओं तथा सामाजिक व सामुदायिक सेवाओं के विकास को सर्वाधिक प्राथमिकता दी गई।
Incorrect
व्याख्याः
- आई.टी.डी.पी (Integrated tribal Development Program) समन्वित जनजातीय विकास परियोजना के लिये प्रयोग किया गया है। इस योजना का उद्देश्य अत्यंत पिछड़े गद्दी जातीय समूह के जीवन स्तर में सुधार करना और भरमौर तथा हिमाचल प्रदेश के अन्य भागों के बीच में विकास के स्तर में अंतर को कम करना है।
- इस योजना के अंतर्गत परिवहन तथा संचार, कृषि और इससे संबंधित क्रियाओं तथा सामाजिक व सामुदायिक सेवाओं के विकास को सर्वाधिक प्राथमिकता दी गई।
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Question 4 of 20
4. Question
1 pointsकमान क्षेत्रों सतत् पोषणीय विकास को बढ़ावा देने के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन- से कथन सही हैं?
1. कमान क्षेत्र में सतत् पोषणीय विकास का लक्ष्य प्राप्त करने के लिये मुख्य रूप से पारिस्थितिकीय सतत् पोषणता पर ध्यान देने की आवश्यकता है।
2. जल प्रबंधन नीति का कठोरता से कार्यान्वयन किये जाने की आवश्यकता है।
3. कमान क्षेत्रों में नवनीकरण, वृक्षों का रक्षण मेखला (Shelterbelt) का निर्माण और चारागाह विकास या पारितंत्र विकास।
4. नहर के जल का समान वितरण और नालों को पक्का करना।
कूटःCorrect
व्याख्याः
- भले ही पंजाब और उत्तरी राजस्थान क्षेत्रों में इंदिरा गांधी नहर परियोजना से 4 दशकों में अत्यंत लाभ हुआ है, किंतु विशेषज्ञों ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना की पारिस्थितिकीय पोषणता पर प्रश्न चिह्न लगाए हैं। विशेषज्ञों का मत है कि सतत् पोषणीय विकास लक्ष्य प्राप्त करने के लिये पारिस्थितिकीय सतत् पोषणीय पर ध्यान देना होगा।
- कमान क्षेत्र के सतत् पोषणी विकास के लिये पारिस्थितिकी संतुलन पुनर्स्थापित करने पर बल दिया गया, जिसके अंतर्गत कुछ बिंदु इस प्रकार हैं-
1. जल प्रबंधन
2. क्षेत्र में जल सघन फसलों की बजाय कृषि के अंतर्गत खट्टे फलों की खेती करनी चाहिये।
3. नालों को पक्का करना तथा जल का समान वितरण।
4. वनीकरण, चारागाहा विकास, वृक्षों का रक्षण मेखला द्वारा पारितंत्र विकास आदि।Incorrect
व्याख्याः
- भले ही पंजाब और उत्तरी राजस्थान क्षेत्रों में इंदिरा गांधी नहर परियोजना से 4 दशकों में अत्यंत लाभ हुआ है, किंतु विशेषज्ञों ने इंदिरा गांधी नहर परियोजना की पारिस्थितिकीय पोषणता पर प्रश्न चिह्न लगाए हैं। विशेषज्ञों का मत है कि सतत् पोषणीय विकास लक्ष्य प्राप्त करने के लिये पारिस्थितिकीय सतत् पोषणीय पर ध्यान देना होगा।
- कमान क्षेत्र के सतत् पोषणी विकास के लिये पारिस्थितिकी संतुलन पुनर्स्थापित करने पर बल दिया गया, जिसके अंतर्गत कुछ बिंदु इस प्रकार हैं-
1. जल प्रबंधन
2. क्षेत्र में जल सघन फसलों की बजाय कृषि के अंतर्गत खट्टे फलों की खेती करनी चाहिये।
3. नालों को पक्का करना तथा जल का समान वितरण।
4. वनीकरण, चारागाहा विकास, वृक्षों का रक्षण मेखला द्वारा पारितंत्र विकास आदि। -
Question 5 of 20
5. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. सार्वजनिक क्षेत्र उद्योग सरकार द्वारा निधि प्रदत्त होते हैं।
2. सार्वजनिक क्षेत्र में सामरिक और राष्ट्रीय महत्त्व के उद्योग-धंधे नहीं आते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- सार्वजनिक सेक्टर उद्योग सरकार द्वारा नियंत्रित कंपनियाँ या निगम हैं जो सरकार द्वारा निधि प्रदत्त होते हैं।
- सार्वजनिक सेक्टर में सामान्यतः सामरिक और राष्ट्रीय महत्त्व के उद्योग-धंधे आते हैं। जैसे- NTPC, BHEL, BEL, GAIL, SAIL आदि। अतः कथन (2) सही नहीं है।
Incorrect
व्याख्याः
- सार्वजनिक सेक्टर उद्योग सरकार द्वारा नियंत्रित कंपनियाँ या निगम हैं जो सरकार द्वारा निधि प्रदत्त होते हैं।
- सार्वजनिक सेक्टर में सामान्यतः सामरिक और राष्ट्रीय महत्त्व के उद्योग-धंधे आते हैं। जैसे- NTPC, BHEL, BEL, GAIL, SAIL आदि। अतः कथन (2) सही नहीं है।
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Question 6 of 20
6. Question
1 pointsभारत के उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और गुजरात राज्यों में लौह उद्योग के न होने का प्रमुख कारण हैः
Correct
व्याख्याः
- चूँकि उद्योगों की स्थिति कई कारकों जैसे- कच्चे माल की उपलब्धता, शक्ति, बाज़ार, पूंजी, यातायात और श्रम आदि द्वारा प्रभावित होती है। आर्थिक दृष्टि से, निर्माण उद्योग को उस स्थान पर स्थापित करना चाहिये, जहाँ उत्पादन मूल्य और निर्मित वस्तुओं को उपभोक्ताओं तक वितरण करने का मूल्य न्यूनतम हो। परिवहन मूल्य एक बड़ी सीमा तक कच्चे माल और निर्मित उत्पादों की प्रकृति पर निर्भर करता है।
- उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान तथा गुजरात में लौह उद्योग के लिये कच्चा माल उपलब्ध नहीं है, कच्चा माल दक्षिणी व खासकर भारत के पूर्वी राज्यों में है। यही कारण है कि पूर्वी एवं दक्षिणी राज्यों में लौह-इस्पात उद्योग की स्थिति है।
Incorrect
व्याख्याः
- चूँकि उद्योगों की स्थिति कई कारकों जैसे- कच्चे माल की उपलब्धता, शक्ति, बाज़ार, पूंजी, यातायात और श्रम आदि द्वारा प्रभावित होती है। आर्थिक दृष्टि से, निर्माण उद्योग को उस स्थान पर स्थापित करना चाहिये, जहाँ उत्पादन मूल्य और निर्मित वस्तुओं को उपभोक्ताओं तक वितरण करने का मूल्य न्यूनतम हो। परिवहन मूल्य एक बड़ी सीमा तक कच्चे माल और निर्मित उत्पादों की प्रकृति पर निर्भर करता है।
- उत्तर प्रदेश, पंजाब, राजस्थान तथा गुजरात में लौह उद्योग के लिये कच्चा माल उपलब्ध नहीं है, कच्चा माल दक्षिणी व खासकर भारत के पूर्वी राज्यों में है। यही कारण है कि पूर्वी एवं दक्षिणी राज्यों में लौह-इस्पात उद्योग की स्थिति है।
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Question 7 of 20
7. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से भारत में स्थापित होने वाली पहली लौह उद्योग कंपनी थी?
Correct
व्याख्याः
- टाटा लौह-इस्पात कंपनी (TISCO) 1907 में जमशेद जी टाटा द्वारा स्थापित की गई भारत की पहली लौह-इस्पात कंपनी है।
Incorrect
व्याख्याः
- टाटा लौह-इस्पात कंपनी (TISCO) 1907 में जमशेद जी टाटा द्वारा स्थापित की गई भारत की पहली लौह-इस्पात कंपनी है।
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Question 8 of 20
8. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. भारतीय लोहा इस्पात कंपनी ने अपना पहला कारखाना झारखंड में स्थापित किया।
2. भिलाई और राउरकेला में लौह-इस्पात उद्योग की स्थापना देश के पिछड़े जनजातीय क्षेत्रों के विकास के निर्माण पर आधारित थी।
3. भारत में राउरकेला इस्पात की स्थापना जापान के सहयोग से की गई थी।
4. भिलाई इस्पात की स्थापना जर्मनी के सहयोग से की गई।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- भारतीय लोहा और इस्पात कंपनी (IISCO) ने अपना पहला कारखाना पश्चिम बंगाल के हीरापुर में और दूसरा कुल्टी में स्थापित किया गया। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- एक प्रजातांत्रिक देश होने के कारण भारत का उद्देश्य संतुलित प्रादेशिक विकास के साथ आर्थिक संवृद्धि लाना है। भिलाई और राउरकेला में लौह-इस्पात उद्योग की स्थापना देश के पिछड़े जनजातीय क्षेत्रों के विकास के निर्णय पर आधारित थी। वर्तमान समय में भारत सरकार पिछड़े क्षेत्रों में स्थापित उद्योग-धंधों को अनेक प्रकार के प्रोत्साहन देती है।
- राउरकेला इस्पात संयंत्र जर्मनी के सहयोग से 1959 में ओडिशा के सुंदरगढ़ ज़िले में स्थापित किया गया था।
- भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना रूस के सहयोग से छत्तीसगढ़ के दुर्ग ज़िले में की गई एवं 1959 में इसमें उत्पादन प्रारंभ हो गया।
Incorrect
व्याख्याः
- भारतीय लोहा और इस्पात कंपनी (IISCO) ने अपना पहला कारखाना पश्चिम बंगाल के हीरापुर में और दूसरा कुल्टी में स्थापित किया गया। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- एक प्रजातांत्रिक देश होने के कारण भारत का उद्देश्य संतुलित प्रादेशिक विकास के साथ आर्थिक संवृद्धि लाना है। भिलाई और राउरकेला में लौह-इस्पात उद्योग की स्थापना देश के पिछड़े जनजातीय क्षेत्रों के विकास के निर्णय पर आधारित थी। वर्तमान समय में भारत सरकार पिछड़े क्षेत्रों में स्थापित उद्योग-धंधों को अनेक प्रकार के प्रोत्साहन देती है।
- राउरकेला इस्पात संयंत्र जर्मनी के सहयोग से 1959 में ओडिशा के सुंदरगढ़ ज़िले में स्थापित किया गया था।
- भिलाई इस्पात संयंत्र की स्थापना रूस के सहयोग से छत्तीसगढ़ के दुर्ग ज़िले में की गई एवं 1959 में इसमें उत्पादन प्रारंभ हो गया।
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Question 9 of 20
9. Question
1 pointsएकीकृत इस्पात कारखानों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. एकीकृत इस्पात संयंत्रों के प्रबंधन के लिये 1973 में हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड की स्थापना की गई।
2. दुर्गापुर इस्पात संयंत्र को लौह-अयस्क की प्राप्ति ‘नोआ-मंडी’ से होती है।
3. बोकारो इस्पात संयंत्र 1964 में रूस के सहयोग से स्थापित किया गया था।
4. विशाखापट्टनम (आन्ध्र प्रदेश) में स्थित विजाग इस्पात संयंत्र भारत का पहला पत्तन आधारित संयंत्र है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- 1973 से पहले एकीकृत संयंत्रों खासकर राउरकेला के प्रबंधन के लिये हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड की स्थापना की गई थी। 1973 में भिलाई, राउरकेला, दुर्गापुर, बोकारो आदि के प्रबंधन के लिये स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) की स्थापना की गई। अतः कथन (1) सही नहीं है।
Incorrect
व्याख्याः
- 1973 से पहले एकीकृत संयंत्रों खासकर राउरकेला के प्रबंधन के लिये हिंदुस्तान स्टील लिमिटेड की स्थापना की गई थी। 1973 में भिलाई, राउरकेला, दुर्गापुर, बोकारो आदि के प्रबंधन के लिये स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया (SAIL) की स्थापना की गई। अतः कथन (1) सही नहीं है।
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Question 10 of 20
10. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. बोकारो और राउरकेला संयुक्त रूप से राउरकेला प्रदेश से लौह-अयस्क प्राप्त करते हैं।
2. सेलम इस्पात संयंत्र तमिलनाडु में 1982 में चालू किया गया।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- चूँकि बोकारो इस्पात संयंत्र की स्थापना परिवहन लागत न्यूनीकरण सिद्धांत के आधार पर की गई थी। अतः बोकारो और राउरकेला इस्पात संयंत्र संयुक्त रूप से राउरकेला से अयस्क प्राप्त करते हैं और वापसी में मालगाड़ी के डिब्बे बोकारो से राउरकेला के लिये कोयला ले जाते हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- चूँकि बोकारो इस्पात संयंत्र की स्थापना परिवहन लागत न्यूनीकरण सिद्धांत के आधार पर की गई थी। अतः बोकारो और राउरकेला इस्पात संयंत्र संयुक्त रूप से राउरकेला से अयस्क प्राप्त करते हैं और वापसी में मालगाड़ी के डिब्बे बोकारो से राउरकेला के लिये कोयला ले जाते हैं।
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Question 11 of 20
11. Question
1 pointsसूती वस्त्र उद्योग के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा/से, सही है/हैं?1. सूती वस्त्र उद्योग की स्थिति के निर्धारण में कच्चा माल अन्य कारकों की अपेक्षा कम महत्त्व रखता है।
2. भारत के तमिलनाडु राज्य में सूत उत्पादन की सर्वाधिक मिलें स्थित है।
3. भारत में पहली आधुनिक सूती मिल की स्थापना मुंबई में की गई।
कूटःCorrect
व्याख्याः
- चूँकि सूती वस्त्रों में कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त होने वाला कपास एक शुद्ध कच्चा माल है जिसका वजन निर्माण प्रक्रिया में नहीं घटता है। अतः अन्य दूसरे कारक,जैसे- करधों को चलाने के लिये शक्ति, श्रमिक, पूंजी अथवा बाज़ार आदि उद्योग की स्थिति को निर्धारित करते हैं। अतः कथन (1) सही है। यही कारण हैं कि तमिलनाडु राज्य में सर्वाधिक सूती वस्त्र मिलें (1898) है। जो अधिकांश कपड़ा न बनाकर सूत का उत्पादन करती हैं। अतः कथन (2) सही है।
- कोयंबटूर में तमिलनाडु की आधे से अधिक मिलों के अवस्थित होने के कारण यह सबसे महत्त्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा है।
- भारत में 1854 में, पहली आधुनिक सूती मिल की स्थापना मुंबई में की गई थी। अतः कथन (b) सही है।
Incorrect
व्याख्याः
- चूँकि सूती वस्त्रों में कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त होने वाला कपास एक शुद्ध कच्चा माल है जिसका वजन निर्माण प्रक्रिया में नहीं घटता है। अतः अन्य दूसरे कारक,जैसे- करधों को चलाने के लिये शक्ति, श्रमिक, पूंजी अथवा बाज़ार आदि उद्योग की स्थिति को निर्धारित करते हैं। अतः कथन (1) सही है। यही कारण हैं कि तमिलनाडु राज्य में सर्वाधिक सूती वस्त्र मिलें (1898) है। जो अधिकांश कपड़ा न बनाकर सूत का उत्पादन करती हैं। अतः कथन (2) सही है।
- कोयंबटूर में तमिलनाडु की आधे से अधिक मिलों के अवस्थित होने के कारण यह सबसे महत्त्वपूर्ण केंद्र के रूप में उभरा है।
- भारत में 1854 में, पहली आधुनिक सूती मिल की स्थापना मुंबई में की गई थी। अतः कथन (b) सही है।
-
Question 12 of 20
12. Question
1 pointsभारत के किस राज्य में सर्वाधिक चीनी मिलें हैं?
Correct
व्याख्याः
- चीनी मिलों की संख्या की दृष्टि से सर्वाधिक मिलों वाले राज्य इस प्रकार हैं।
राज्य चीनी मिलें 1. महाराष्ट्र 170 2. उत्तर प्रदेश 158 3. कर्नाटका 58 4. आन्ध्र प्रदेश 43 5. तमिलनाडु 41 6. बिहार 28 7. पंजाब 23 8. गुजरात 23 9. हरियाणा 15 10. मध्य प्रदेश 12 11. उत्तराखंड 18 Incorrect
व्याख्याः
- चीनी मिलों की संख्या की दृष्टि से सर्वाधिक मिलों वाले राज्य इस प्रकार हैं।
राज्य चीनी मिलें 1. महाराष्ट्र 170 2. उत्तर प्रदेश 158 3. कर्नाटका 58 4. आन्ध्र प्रदेश 43 5. तमिलनाडु 41 6. बिहार 28 7. पंजाब 23 8. गुजरात 23 9. हरियाणा 15 10. मध्य प्रदेश 12 11. उत्तराखंड 18 -
Question 13 of 20
13. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. भारत में शैल-रसायनों का केंद्र गुजरात है।
2. भारतीय पेट्रो-रासायनिक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IPCL) भारत सरकार एवं बुनकरों की सहकारी संस्थाओं का संयुक्त प्रयास है।
3. पेट्रोफिल्स कोऑपरेटिव लिमिटेड नेफथा पर आधारित मुंबई का पहला रासायनिक उद्योग था।
4. प्लास्टिक में जैव-निम्नीकरण का गुण नहीं होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
भारत में शैल-रसायन उद्योगों का केंद्र मुंबई है। अतः कथन (1) सही नहीं है।- रासायनिक और पेट्रो-रासायनिक विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में पेट्रो-रसायन के अंतर्गत तीन संस्थाएँ कार्य कर रही हैं। जो इस प्रकार है-
1. भारतीय पेट्रो-रासायनिक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IPCL): - यह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है। यह विभिन्न प्रकार के पेट्रो-रसायनों, जैसे-पॉलीमर, रेशों और रेशों से बने संक्रियक (Intermediate) का निर्माण और वितरण करता है।
2. पेट्रोफिल्स कोऑपरेटिव लिमिटेडः - यह भारत सरकार एवं बुनकरों की सहकारी संस्थाओं का संयुक्त उद्यम है। यह पॉलिस्टर तंतु, सूत और नाइलोन चिप्स का उत्पादन गुजरात स्थित वडोदरा एवं नलधारी में स्थित कारखानों में करता है।
3. सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (CIPET) – यह पेट्रोकेमिकल उद्योग में प्रशिक्षण प्रदान करता है। - सार्वजनिक सेक्टर में 1961 में स्थापित द नेशनल ऑर्गेनिक केमिकल इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (MOCIL) नेफथा पर आधारित मुंबई का पहला रासायनिक उद्योग था।
- प्लास्टिक में जैव-निम्नीकरण (Bio-degradation) गुण नहीं पाया जाता है, यही कारण है कि यह पर्यावरण के लिये खतरा बन गया है।
Incorrect
व्याख्याः
भारत में शैल-रसायन उद्योगों का केंद्र मुंबई है। अतः कथन (1) सही नहीं है।- रासायनिक और पेट्रो-रासायनिक विभाग के प्रशासनिक नियंत्रण में पेट्रो-रसायन के अंतर्गत तीन संस्थाएँ कार्य कर रही हैं। जो इस प्रकार है-
1. भारतीय पेट्रो-रासायनिक कॉर्पोरेशन लिमिटेड (IPCL): - यह सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी है। यह विभिन्न प्रकार के पेट्रो-रसायनों, जैसे-पॉलीमर, रेशों और रेशों से बने संक्रियक (Intermediate) का निर्माण और वितरण करता है।
2. पेट्रोफिल्स कोऑपरेटिव लिमिटेडः - यह भारत सरकार एवं बुनकरों की सहकारी संस्थाओं का संयुक्त उद्यम है। यह पॉलिस्टर तंतु, सूत और नाइलोन चिप्स का उत्पादन गुजरात स्थित वडोदरा एवं नलधारी में स्थित कारखानों में करता है।
3. सेंट्रल इंस्टीट्यूट ऑफ प्लास्टिक इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (CIPET) – यह पेट्रोकेमिकल उद्योग में प्रशिक्षण प्रदान करता है। - सार्वजनिक सेक्टर में 1961 में स्थापित द नेशनल ऑर्गेनिक केमिकल इंडस्ट्रीज़ लिमिटेड (MOCIL) नेफथा पर आधारित मुंबई का पहला रासायनिक उद्योग था।
- प्लास्टिक में जैव-निम्नीकरण (Bio-degradation) गुण नहीं पाया जाता है, यही कारण है कि यह पर्यावरण के लिये खतरा बन गया है।
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Question 14 of 20
14. Question
1 pointsभारत में उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण एवं औद्योगिक विकास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. औद्योगिक लाइसेंस व्यवस्था सामरिक पर्यावरणीय सरोकार से संबंधित उद्योगों को छोड़कर शेष सभी उद्योगों के लिये समाप्त कर दी गई है।
2. नई नीति के अनुसार बिना लाइसेंस सेक्टर में पूंजी लगाने के लिये किसी भी उद्योग को पूर्व सहमति लेने की आवश्यकता नहीं रह गई है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- नई उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण एवं औद्योगिक विकास नीति की घोषणा 1991 में की गई। इस नीति के अंतर्गत निम्नलिखित उपाय किये गए-
1. औद्योगिक लाइसेंस व्यवस्था का समापन
2. विदेशी तकनीकि का निःशुल्क प्रवेश
3. विदेशी निवेश नीति
4. पूंजी बाज़ार में अभिगम्यता
5. खुला व्यापार
6. प्रावस्थबद्ध निर्माण कार्यक्रम का उन्मूलन
7. औद्योगिक अवस्थिति कार्यक्रम का उदारीकरण- इसके अंतर्गत औद्योगिक लाइसेंस व्यवस्था वस्तुतः सुरक्षा, सामारिक अथवा पर्यावरणीय सरकार से संबंधित केवल छः उद्योगों को छोड़कर शेष सभी उद्योगों के लिये समाप्त कर दी गई। अतः कथन (1) सही है।
- इसके अंतर्गत, संपत्ति देहली (Threshold) की सीमा समाप्त कर दी गई तथा बिना लाइसेंस सेक्टर में पूंजी लगाने के लिये किसी भी उद्योग को पूर्व सहमति लेने की आवश्यकता नहीं रह गई। उन्हें केवल निर्धारित आरूप के दिये गए विवरण पत्र जमा करने की आवश्यकता होती है। अतः कथन (2) सही है।
Incorrect
व्याख्याः
- नई उदारीकरण, निजीकरण तथा वैश्वीकरण एवं औद्योगिक विकास नीति की घोषणा 1991 में की गई। इस नीति के अंतर्गत निम्नलिखित उपाय किये गए-
1. औद्योगिक लाइसेंस व्यवस्था का समापन
2. विदेशी तकनीकि का निःशुल्क प्रवेश
3. विदेशी निवेश नीति
4. पूंजी बाज़ार में अभिगम्यता
5. खुला व्यापार
6. प्रावस्थबद्ध निर्माण कार्यक्रम का उन्मूलन
7. औद्योगिक अवस्थिति कार्यक्रम का उदारीकरण- इसके अंतर्गत औद्योगिक लाइसेंस व्यवस्था वस्तुतः सुरक्षा, सामारिक अथवा पर्यावरणीय सरकार से संबंधित केवल छः उद्योगों को छोड़कर शेष सभी उद्योगों के लिये समाप्त कर दी गई। अतः कथन (1) सही है।
- इसके अंतर्गत, संपत्ति देहली (Threshold) की सीमा समाप्त कर दी गई तथा बिना लाइसेंस सेक्टर में पूंजी लगाने के लिये किसी भी उद्योग को पूर्व सहमति लेने की आवश्यकता नहीं रह गई। उन्हें केवल निर्धारित आरूप के दिये गए विवरण पत्र जमा करने की आवश्यकता होती है। अतः कथन (2) सही है।
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Question 15 of 20
15. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) को आर्थिक विकास का ऊँचा स्तर प्राप्त करने के लिये घरेलू निवेश के पूरक के रूप में देखा गया है।
2. औद्योगिक नीति में उदारता केवल बहुराष्ट्रीय निवेशकों को आकर्षित करने के लिये दिखाई गई।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- नई औद्योगिक नीति में आर्थिक विकास का ऊँचा स्तर प्राप्त करने के लिये प्रत्यक्ष विदेश निवेश (FDI) को घरेलू निवेश के पूरक के रूप में देखा गया है। FDI घरेलू निवेश तथा उपभोक्ताओं को जिस तकनीकी उन्नयन, वैश्विक प्रबंध, कुशलता और व्यावहारिकता का अभिगमन प्राकृतिक और मानवीय संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग आदि के प्रावधान द्वारा लाभ प्रदान करता है।
- औद्योगिक नीति में उदारता, घरेलू और बहुराष्ट्रीय दोनों व्यक्तिगत पूंजी निवेशकों को आकर्षित करने के लिये दिखाई गई। अतः कथन (2) सही नहीं है|
- इसके तहत नए सेक्टर जैसे- खनन, दूरसंचार, राजमार्ग निर्माण और व्यवस्था को व्यक्तिगत कंपनियों के लिये पूरी तरह खोल दिया गया। हालाँकि इन सभी छूटों के बाद भी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आशाओं के अनुकूल नहीं था।
Incorrect
व्याख्याः
- नई औद्योगिक नीति में आर्थिक विकास का ऊँचा स्तर प्राप्त करने के लिये प्रत्यक्ष विदेश निवेश (FDI) को घरेलू निवेश के पूरक के रूप में देखा गया है। FDI घरेलू निवेश तथा उपभोक्ताओं को जिस तकनीकी उन्नयन, वैश्विक प्रबंध, कुशलता और व्यावहारिकता का अभिगमन प्राकृतिक और मानवीय संसाधनों का सर्वोत्तम उपयोग आदि के प्रावधान द्वारा लाभ प्रदान करता है।
- औद्योगिक नीति में उदारता, घरेलू और बहुराष्ट्रीय दोनों व्यक्तिगत पूंजी निवेशकों को आकर्षित करने के लिये दिखाई गई। अतः कथन (2) सही नहीं है|
- इसके तहत नए सेक्टर जैसे- खनन, दूरसंचार, राजमार्ग निर्माण और व्यवस्था को व्यक्तिगत कंपनियों के लिये पूरी तरह खोल दिया गया। हालाँकि इन सभी छूटों के बाद भी विदेशी प्रत्यक्ष निवेश आशाओं के अनुकूल नहीं था।
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Question 16 of 20
16. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. वैश्वीकरण का अर्थ देश की अर्थव्यवस्था को संसार की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना है।
2. भारत के संदर्भ में वैश्वीकरण का एक अर्थ भारत में आर्थिक क्रियाओं के विभिन्न क्षेत्रों में, विदेश कंपनियों को पूंजी निवेश की सुविधा उपलब्ध कराकर, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिये अर्थव्यवस्था को खोलना है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- वैश्वीकरण का अर्थ देश की अर्थव्यवस्था को संसार की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत सामान और पूंजी सहित सेवाएँ, श्रम और संसाधन एवं देश से दूसरे देश को स्वतंत्रतापूर्वक पहुँचाये जा सकते हैं। अतः कथन (1) सही है।
- भारतीय संदर्भ में वैश्वीकरण के अर्थ के कई आयाम हैं जिसमें भारत में आर्थिक क्रियाओं के विभिन्न क्षेत्रों में, विदेशी कंपनियों को पूंजी निवेश की सुविधा उपलब्ध कराकर, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिये अर्थव्यवस्था को खोलना भी शामिल है। अतः कथन (2) सही है।
Incorrect
व्याख्याः
- वैश्वीकरण का अर्थ देश की अर्थव्यवस्था को संसार की अर्थव्यवस्था के साथ एकीकृत करना है। इस प्रक्रिया के अंतर्गत सामान और पूंजी सहित सेवाएँ, श्रम और संसाधन एवं देश से दूसरे देश को स्वतंत्रतापूर्वक पहुँचाये जा सकते हैं। अतः कथन (1) सही है।
- भारतीय संदर्भ में वैश्वीकरण के अर्थ के कई आयाम हैं जिसमें भारत में आर्थिक क्रियाओं के विभिन्न क्षेत्रों में, विदेशी कंपनियों को पूंजी निवेश की सुविधा उपलब्ध कराकर, विदेशी प्रत्यक्ष निवेश के लिये अर्थव्यवस्था को खोलना भी शामिल है। अतः कथन (2) सही है।
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Question 17 of 20
17. Question
1 pointsभारत में औद्योगिक प्रदेश के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. मुंबई में सूती वस्त्र उद्योग की स्थापना होने का प्रमुख कारण मुंबई में पत्तन का होना है।
2. स्वेज़ नहर का मुंबई में पत्तन विकास व सूती वस्त्र उद्योग के विकास में अत्यधिक योगदान रहा है।
3. पश्चिमी घाट प्रदेश में जल विद्युत शक्ति का विकास सूती वस्त्र उद्योग की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिये किया गया।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- मुंबई में कपास के पृष्ठ प्रदेश में स्थित होने और नम जलवायु के कारण मूल रूप से सूती वस्त्र उद्योग का विकास हुआ है। हालाँकि उद्योग के विकास में मुंबई पत्तन सहायक रहा है। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- 1869 में स्वेज़ नहर के खुलने के कारण मंबई पत्तन के विकास को प्रोत्साहन मिला। इस पत्तन के द्वारा सूती वस्त्र उद्योग के लिये आवश्यक मशीनों का आयात किया गया। अतः कथन (2) सही है।
- सूती वस्त्र उद्योग में ऊर्जा (विद्युत आपूर्ति) के लिये पश्चिमी घाट प्रदेश में जल विद्युत शक्ति का विकास किया गया। अतः कथन (b) सही है।
Incorrect
व्याख्याः
- मुंबई में कपास के पृष्ठ प्रदेश में स्थित होने और नम जलवायु के कारण मूल रूप से सूती वस्त्र उद्योग का विकास हुआ है। हालाँकि उद्योग के विकास में मुंबई पत्तन सहायक रहा है। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- 1869 में स्वेज़ नहर के खुलने के कारण मंबई पत्तन के विकास को प्रोत्साहन मिला। इस पत्तन के द्वारा सूती वस्त्र उद्योग के लिये आवश्यक मशीनों का आयात किया गया। अतः कथन (2) सही है।
- सूती वस्त्र उद्योग में ऊर्जा (विद्युत आपूर्ति) के लिये पश्चिमी घाट प्रदेश में जल विद्युत शक्ति का विकास किया गया। अतः कथन (b) सही है।
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Question 18 of 20
18. Question
1 pointsहुगली औद्योगिक प्रदेश के संदर्भ में कौन- से कथन सही हैं?1. हुगली औद्योगिक प्रदेश हुगली नदी के किनारे बसा, उत्तर में बाँसबेरिया से दक्षिण में बिडलानगर तक फैला है।
2. इसका विकास हुगली नदी पर पत्तन बनने के बाद प्रारंभ हुआ।
3. इस प्रदेश में आधुनिक औद्योगिक समूहन, 1855 में पहली जूट मिल की स्थापना से हुआ।
4. कोलकाता तथा हावड़ा इस औद्योगिक प्रदेश के केंद्र हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही नहीं हैं?Correct
व्याख्याः
- हुगली औद्योगिक प्रदेश हुगली नदी के किनारे बसा हुआ है।
- हुगली औद्योगिक प्रदेश उत्तर में बाँसबेरिया से दक्षिण में बिडलानगर तक लगभग 100 किमी. में फैला है तथा उद्योगों का विकास पश्चिम में मेदनीपुर में भी हुआ है।
- इस औद्योगिक प्रदेश के केंद्र कोलकाता-हावड़ा शहर है। चूँकि कोलकाता (1773-1911) में अंग्रेज़ी ब्रिटिश भारत की राजधानी होने के कारण इसने ब्रिटिश पूंजी को भी आकर्षित किया जिससे यह औद्योगिक प्रदेश का केंद्र बन गया।
- हुगली औद्योगिक प्रदेश का विकास हुगली नदी पर पत्तन के बनने के बाद प्रारंभ हुआ तथा कोलकाता देश में प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा। इसके बाद, कोलकाता भीतरी भागों से रेलमार्गों और सड़क मार्गों द्वारा जोड़ दिया गया।
- 1855 में पश्चिमी बंगाल के हुगली ज़िले के रिशरा क्षेत्र में पहली जूट मिल की स्थापना की गई। जूट मिल की स्थापना ने हुगली औद्योगिक प्रदेश के आधुनिक औद्योगिक समूहन के युग का प्रारंभ किया तथा जूट उद्योग का केंद्रीकरण हावड़ा और भटपारा ज़िले में हुआ|
- वर्तमान में भारत में जूट का सर्वाधिक उत्पादन करने वाला राज्य पश्चिम बंगाल है।
Incorrect
व्याख्याः
- हुगली औद्योगिक प्रदेश हुगली नदी के किनारे बसा हुआ है।
- हुगली औद्योगिक प्रदेश उत्तर में बाँसबेरिया से दक्षिण में बिडलानगर तक लगभग 100 किमी. में फैला है तथा उद्योगों का विकास पश्चिम में मेदनीपुर में भी हुआ है।
- इस औद्योगिक प्रदेश के केंद्र कोलकाता-हावड़ा शहर है। चूँकि कोलकाता (1773-1911) में अंग्रेज़ी ब्रिटिश भारत की राजधानी होने के कारण इसने ब्रिटिश पूंजी को भी आकर्षित किया जिससे यह औद्योगिक प्रदेश का केंद्र बन गया।
- हुगली औद्योगिक प्रदेश का विकास हुगली नदी पर पत्तन के बनने के बाद प्रारंभ हुआ तथा कोलकाता देश में प्रमुख केंद्र के रूप में उभरा। इसके बाद, कोलकाता भीतरी भागों से रेलमार्गों और सड़क मार्गों द्वारा जोड़ दिया गया।
- 1855 में पश्चिमी बंगाल के हुगली ज़िले के रिशरा क्षेत्र में पहली जूट मिल की स्थापना की गई। जूट मिल की स्थापना ने हुगली औद्योगिक प्रदेश के आधुनिक औद्योगिक समूहन के युग का प्रारंभ किया तथा जूट उद्योग का केंद्रीकरण हावड़ा और भटपारा ज़िले में हुआ|
- वर्तमान में भारत में जूट का सर्वाधिक उत्पादन करने वाला राज्य पश्चिम बंगाल है।
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Question 19 of 20
19. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. बंगलूरू, चेन्नई औद्योगिक प्रदेश की शुरुआत सूती वस्त्र उद्योग से हुई।
2. बंगलूरू, चेन्नई औद्योगिक प्रदेश विद्युत आपूर्ति के लिये कोयला आधारित विद्युत संयंत्रों पर आधारित हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- चूँकि बंगलूरू-चेन्नई औद्योगिक प्रदेश कपास उत्पादक क्षेत्र है यही कारण है कि इस क्षेत्र में सबसे पहले सूती वस्त्र उद्योग स्थापित किये गए। इस प्रदेश में सूती मिलों के साथ ही करधा उद्योग का भी तेज़ी से विकास हुआ। वर्तमान में बंगलूरू-चेन्नई औद्योगिक प्रदेश में विशेषकर बंगलूरू में भारी अभियांत्रिकी उद्योग एकत्रित हो गए हैं। तथा वायुयान (एच.ए.एम.), मशीन उपकरण, टेलीफोन और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स इस प्रदेश के औद्योगिक स्तंभ हैं।
- चेन्नई में पेट्रोलियम परिशोधनशाला, सेलम लोहा-इस्पात संयंत्र और उर्वरक संयंत्र अभिनव विकास है। अतः कथन (1) सही है।
- चूँकि बंगलूरू-चेन्नई औद्योगिक प्रदेश कोयला क्षेत्रों से बहुत दूर है तथा इस क्षेत्र में कोयला भंडार नहीं पाए जाते हैं। यही कारण है कि इस प्रदेश का विकास पायकारा जलविद्युत संयंत्र पर निर्भर करता है। अतः कथन (2) सही नहीं है।
Incorrect
व्याख्याः
- चूँकि बंगलूरू-चेन्नई औद्योगिक प्रदेश कपास उत्पादक क्षेत्र है यही कारण है कि इस क्षेत्र में सबसे पहले सूती वस्त्र उद्योग स्थापित किये गए। इस प्रदेश में सूती मिलों के साथ ही करधा उद्योग का भी तेज़ी से विकास हुआ। वर्तमान में बंगलूरू-चेन्नई औद्योगिक प्रदेश में विशेषकर बंगलूरू में भारी अभियांत्रिकी उद्योग एकत्रित हो गए हैं। तथा वायुयान (एच.ए.एम.), मशीन उपकरण, टेलीफोन और भारत इलेक्ट्रॉनिक्स इस प्रदेश के औद्योगिक स्तंभ हैं।
- चेन्नई में पेट्रोलियम परिशोधनशाला, सेलम लोहा-इस्पात संयंत्र और उर्वरक संयंत्र अभिनव विकास है। अतः कथन (1) सही है।
- चूँकि बंगलूरू-चेन्नई औद्योगिक प्रदेश कोयला क्षेत्रों से बहुत दूर है तथा इस क्षेत्र में कोयला भंडार नहीं पाए जाते हैं। यही कारण है कि इस प्रदेश का विकास पायकारा जलविद्युत संयंत्र पर निर्भर करता है। अतः कथन (2) सही नहीं है।
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Question 20 of 20
20. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?1. गुजरात औद्योगिक क्षेत्र अहमदाबाद से वडोदरा तक फैला हुआ है।
2. गुजरात औद्योगिक क्षेत्र में पेट्रो-रासायनिक उद्योगों की अधिकता है।
3. छोटा नागपुर प्रदेश भारी धातु उद्योगों के लिये प्रसिद्ध है।
कूटःCorrect
व्याख्याः
- गुजरात औद्योगिक प्रदेश दक्षिण में वलसाद और सूरत तक और पश्चिम में जामनगर तक फैला है। इस प्रदेश का केंद्र अहमदाबाद और वडोदरा के बीच है। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- गुजरात औद्योगिक प्रदेश का विकास 1960 में सूती वस्त्र उद्योग की स्थापना से शुरू हुआ तथा एक प्रदेश महत्त्वपूर्ण सूती वस्त्र उद्योग क्षेत्र बन गया।
- तेल क्षेत्रों की खोज से पेट्रो-रासायनिक उद्योगों की स्थापना तेज़ी से हुई। अंकलेश्वर, वडोदरा और जामनगर शहरों के चारों ओर पेट्रोकेमिकल उद्योगों की स्थापना हुई।
- पेट्रो-रासायनिक उद्योगों के अतिरिक्त अन्य भारी उद्योगों की स्थापना हुई है।
- छोटा नागपुर प्रदेश झारखंड, उत्तरी ओडिशा और पश्चिमी बंगाल तक फैला है। चूँकि छोटा नागपुर प्रदेश में कोयला, लौह अयस्क और दूसरे खनिजों की प्रचुरता है। यही कारण है कि भारी उद्योग, कोयला, लौह-अयस्क अन्य खनिजों के निकट ही स्थापित किये गए हैं। इस प्रदेश में छः बड़े, लौह इस्पात संयंत्र जमशेदपुर, बर्नपुर, कुल्टी, दुर्गापुर, बोकारो, और राउरकेला में स्थापित है। यही कारण है कि यह भारी धातु उद्योगों के लिये जाना जाता है।
Incorrect
व्याख्याः
- गुजरात औद्योगिक प्रदेश दक्षिण में वलसाद और सूरत तक और पश्चिम में जामनगर तक फैला है। इस प्रदेश का केंद्र अहमदाबाद और वडोदरा के बीच है। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- गुजरात औद्योगिक प्रदेश का विकास 1960 में सूती वस्त्र उद्योग की स्थापना से शुरू हुआ तथा एक प्रदेश महत्त्वपूर्ण सूती वस्त्र उद्योग क्षेत्र बन गया।
- तेल क्षेत्रों की खोज से पेट्रो-रासायनिक उद्योगों की स्थापना तेज़ी से हुई। अंकलेश्वर, वडोदरा और जामनगर शहरों के चारों ओर पेट्रोकेमिकल उद्योगों की स्थापना हुई।
- पेट्रो-रासायनिक उद्योगों के अतिरिक्त अन्य भारी उद्योगों की स्थापना हुई है।
- छोटा नागपुर प्रदेश झारखंड, उत्तरी ओडिशा और पश्चिमी बंगाल तक फैला है। चूँकि छोटा नागपुर प्रदेश में कोयला, लौह अयस्क और दूसरे खनिजों की प्रचुरता है। यही कारण है कि भारी उद्योग, कोयला, लौह-अयस्क अन्य खनिजों के निकट ही स्थापित किये गए हैं। इस प्रदेश में छः बड़े, लौह इस्पात संयंत्र जमशेदपुर, बर्नपुर, कुल्टी, दुर्गापुर, बोकारो, और राउरकेला में स्थापित है। यही कारण है कि यह भारी धातु उद्योगों के लिये जाना जाता है।
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