भारत लोग और अर्थव्यवस्था टेस्ट 2
भारत लोग और अर्थव्यवस्था टेस्ट 2
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इस टेस्ट में सम्मिलित प्रश्न कक्षा 12 की पुस्तक भारत लोग और अर्थव्यवस्था (एन.सी.ई.आर.टी.) पर आधारित है| यदि आप ‘भारत लोग और अर्थव्यवस्था’ विषय की अधिक जानकारी नहीं रखते है तो इस टेस्ट को देने से पहले आप पुस्तक का रिविजन अवश्य करें|
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Question 1 of 20
1. Question
1 pointsविशाखपट्नम-गुंटूर प्रदेश के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. यह विशाखापट्नम ज़िले से लेकर दक्षिण में कुरूनूल और प्रकासम ज़िलों तक फैला है।
2. इस प्रदेश को ऊर्जा गोदावरी बेसिन के कोयला क्षेत्र से प्राप्त होती है।
3. जलयान निर्माण उद्योग का[प्रारंभ इसी औद्योगिक प्रदेश में हुआ था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
विशाखापट्नम-गुंटूर प्रदेशः- यह औद्योगिक प्रदेश विशाखापट्नम् ज़िले से लेकर दक्षिण में कुरुनूल और प्रकासम ज़िलों तक फैला है।
- इस प्रदेश का औद्योगिक विकास विशाखापट्नम् व मछलीपट्नम् पत्तनों, इसके भीतरी भागों में विकसित कृषि तथा खनिजों के बड़े संचित भंडार पर निर्भर है।
- गोदावरी बेसिन के कोयला क्षेत्र से प्राप्त कोयले से उत्पादित विद्युत ऊर्जा प्रदेश को प्राप्त होती है।
- जलयान निर्माण उद्योग का प्रारंभ 1941 में विशाखापट्नम में हुआ था।
- विशाखापट्नम्, विजयवाड़ा, विजयनगर, राजमुंदुरी गुंटूर, एजूरु और कुरुसूल महत्त्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र हैं।
- शक्कर, वस्त्र, जूट, कागज, उर्वरक, सीमेंट, एल्यूमिनियम और हल्की इंजीनियरिंग इस प्रदेश के मुख्य उद्योग हैं।
- विशाखापट्नम् के लोहा और इस्पात संयंत्र बेलाडिला लौह-अयस्क का प्रयोग करते हैं।
Incorrect
व्याख्याः
विशाखापट्नम-गुंटूर प्रदेशः- यह औद्योगिक प्रदेश विशाखापट्नम् ज़िले से लेकर दक्षिण में कुरुनूल और प्रकासम ज़िलों तक फैला है।
- इस प्रदेश का औद्योगिक विकास विशाखापट्नम् व मछलीपट्नम् पत्तनों, इसके भीतरी भागों में विकसित कृषि तथा खनिजों के बड़े संचित भंडार पर निर्भर है।
- गोदावरी बेसिन के कोयला क्षेत्र से प्राप्त कोयले से उत्पादित विद्युत ऊर्जा प्रदेश को प्राप्त होती है।
- जलयान निर्माण उद्योग का प्रारंभ 1941 में विशाखापट्नम में हुआ था।
- विशाखापट्नम्, विजयवाड़ा, विजयनगर, राजमुंदुरी गुंटूर, एजूरु और कुरुसूल महत्त्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र हैं।
- शक्कर, वस्त्र, जूट, कागज, उर्वरक, सीमेंट, एल्यूमिनियम और हल्की इंजीनियरिंग इस प्रदेश के मुख्य उद्योग हैं।
- विशाखापट्नम् के लोहा और इस्पात संयंत्र बेलाडिला लौह-अयस्क का प्रयोग करते हैं।
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Question 2 of 20
2. Question
1 points(गुरुग्राम) गुड़गाँव-दिल्ली-मेरठ औद्योगिक प्रदेश के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. इस प्रदेश के उद्योग छोटे और बाज़ार अभिमुखी है।
2. इस प्रदेश की विशेषता सॉफ्टवेयर उद्योग की वृद्धि है।
3. इस प्रदेश में भारी पेट्रो-रासायनिक उद्योग भी हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- इस औद्योगिक प्रदेश के खनिजों और विद्युत शक्ति संसाधनों से बहुत दूर स्थित होने के कारण यहाँ उद्योग छोटे और बाज़ार अभिमुखी है।
- प्रमुख उद्योगः इलेक्ट्रॉनिक, हल्के इंजीनियरिंग और विद्युत उपकरण इस प्रदेश के प्रमुख उद्योग हैं।
- यहाँ सूती, ऊनी, कृत्रिम रेशा वस्त्र, होज़री, शक्कर, सीमेंट, मशीन उपकरण, टैक्टर, साइकिल, कृषि उपकरण, रासायनिक पदार्थ और वनस्पति घी आदि के बड़े स्तर पर विकसित उद्योग हैं।
- सॉफ्टवेयर उद्योग में वृद्धि वर्तमान में इस क्षेत्र की सबसे बड़ी विशेषता है। दिल्ली, गुरुग्राम, शाहदरा, मेरठ, मोदीनगर, गाज़ियाबाद, अंबाला, आगरा और मथुरा प्रमुख औद्योगिक केंद्र हैं।
- आगरा मथुरा में मुख्य रूप से शीशे और चमड़े का सामान बनता है।
- यहाँ भारी पेट्रो-रासायनिक उद्योग भी है। मथुरा तेल परिशोधन कारखाना पेट्रो- रासायनिक पदार्थों का संकुल है।
Incorrect
व्याख्याः
- इस औद्योगिक प्रदेश के खनिजों और विद्युत शक्ति संसाधनों से बहुत दूर स्थित होने के कारण यहाँ उद्योग छोटे और बाज़ार अभिमुखी है।
- प्रमुख उद्योगः इलेक्ट्रॉनिक, हल्के इंजीनियरिंग और विद्युत उपकरण इस प्रदेश के प्रमुख उद्योग हैं।
- यहाँ सूती, ऊनी, कृत्रिम रेशा वस्त्र, होज़री, शक्कर, सीमेंट, मशीन उपकरण, टैक्टर, साइकिल, कृषि उपकरण, रासायनिक पदार्थ और वनस्पति घी आदि के बड़े स्तर पर विकसित उद्योग हैं।
- सॉफ्टवेयर उद्योग में वृद्धि वर्तमान में इस क्षेत्र की सबसे बड़ी विशेषता है। दिल्ली, गुरुग्राम, शाहदरा, मेरठ, मोदीनगर, गाज़ियाबाद, अंबाला, आगरा और मथुरा प्रमुख औद्योगिक केंद्र हैं।
- आगरा मथुरा में मुख्य रूप से शीशे और चमड़े का सामान बनता है।
- यहाँ भारी पेट्रो-रासायनिक उद्योग भी है। मथुरा तेल परिशोधन कारखाना पेट्रो- रासायनिक पदार्थों का संकुल है।
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Question 3 of 20
3. Question
1 pointsकोलम-तिरूवनंतपुरम् औद्योगिक प्रदेश के संबंध में कौन-सा/से कथन सही है/हैं?1. बागान कृषि और जल विद्युत इस प्रदेश के आधार है।
2. यह केरल, तिरूवनंतपुरम् तथा कोलम ज़िलों के मध्य फैला हुआ है।
3. इस प्रदेश में पेट्रोलियम आधारित उद्योग नहीं हैं।
कूटःCorrect
व्याख्याः
- कोलम-तिरूवनंतपुरम् प्रदेश- यह औद्योगिक प्रदेश तिरूवनंतपुरम्, कोलम, अलवा अरनाकुलम् और अल्लापुझा ज़िलों में फैला हुआ है। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- देश की खनिज पेटी से बहुत दूर स्थित होने के कारण, कृषि उत्पाद प्रक्रमण और बाज़ार अभिविन्यस्त हल्के उद्योगों की इस प्रदेश में अधिकता है। तथा बागान कृषि और जलविद्युत इस प्रदेश को औद्योगिक आधार प्रदान करते हैं।
- महत्त्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रः कोलम, तिरूवनंतपुरम्, अलुवा, कोच्चि, अल्लापुझा और पुनालूर महत्त्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र है।
- कोच्चि में पेट्रोलियम परिशोधनशाला की स्थापना हुई है। जिसने इस प्रदेश के उद्योगों को नया विस्तार प्रदान किया है। अतः कथन (3) सही नहीं है।
Incorrect
व्याख्याः
- कोलम-तिरूवनंतपुरम् प्रदेश- यह औद्योगिक प्रदेश तिरूवनंतपुरम्, कोलम, अलवा अरनाकुलम् और अल्लापुझा ज़िलों में फैला हुआ है। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- देश की खनिज पेटी से बहुत दूर स्थित होने के कारण, कृषि उत्पाद प्रक्रमण और बाज़ार अभिविन्यस्त हल्के उद्योगों की इस प्रदेश में अधिकता है। तथा बागान कृषि और जलविद्युत इस प्रदेश को औद्योगिक आधार प्रदान करते हैं।
- महत्त्वपूर्ण औद्योगिक केंद्रः कोलम, तिरूवनंतपुरम्, अलुवा, कोच्चि, अल्लापुझा और पुनालूर महत्त्वपूर्ण औद्योगिक केंद्र है।
- कोच्चि में पेट्रोलियम परिशोधनशाला की स्थापना हुई है। जिसने इस प्रदेश के उद्योगों को नया विस्तार प्रदान किया है। अतः कथन (3) सही नहीं है।
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Question 4 of 20
4. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सा एक धात्विक खनिज नहीं है?
Correct
व्याख्याः रासायानिक एवं भौतिक गुणधर्मों के आधार पर खनिजों को दो प्रमुख श्रेणियों-धात्विक (धातु) और अधात्विक (अधातु) में समूहित किया जाता है, जो निम्नलिखित हैं-
1. धात्विक खनिज- धात्विक खनिज दो प्रकार के होते हैं-- लौह : जैसे- लोहा, मैंगनीज़ आदि |
- अलौह : जैसे –ताँबा, बाक्साइट आदि |
2. अधात्विक खनिज – इन्हें भी दो श्रेणी में रखा गया है-
- ईंधन खनिज – जैसे- कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस इत्यादि |
- अन्य अधात्विक खनिज- जैसे – माइका, चूनाप्रस्तर, ग्रेफाइट इत्यादि |
Incorrect
व्याख्याः रासायानिक एवं भौतिक गुणधर्मों के आधार पर खनिजों को दो प्रमुख श्रेणियों-धात्विक (धातु) और अधात्विक (अधातु) में समूहित किया जाता है, जो निम्नलिखित हैं-
1. धात्विक खनिज- धात्विक खनिज दो प्रकार के होते हैं-- लौह : जैसे- लोहा, मैंगनीज़ आदि |
- अलौह : जैसे –ताँबा, बाक्साइट आदि |
2. अधात्विक खनिज – इन्हें भी दो श्रेणी में रखा गया है-
- ईंधन खनिज – जैसे- कोयला, पेट्रोलियम, प्राकृतिक गैस इत्यादि |
- अन्य अधात्विक खनिज- जैसे – माइका, चूनाप्रस्तर, ग्रेफाइट इत्यादि |
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Question 5 of 20
5. Question
1 pointsखनिजों की विशेषता के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. खनिज, क्षेत्र में समान रूप से वितरित होते हैं।
2. खनिजों की गुणवत्ता और मात्रा के बीच प्रतिलोमी संबंध पाया जाता है।
3. खनिज समय के साथ समाप्त हो जाते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
खनिज रासायनिक एवं भौतिक गुणधर्मों (विशिष्टताओं) के साथ कार्बनिक या अकार्बनिक उत्पत्ति का एक प्राकृतिक पदार्थ है। इनकी कुछ निश्चित विशेषताएँ होती है, जो इस प्रकार हैं-- खनिज, क्षेत्र में असमान रूप से वितरित होते हैं।
- खनिजों की गुणवत्ता और मात्रा के बीच प्रतिलोमी संबंध पाया जाता है, अर्थात् अधिक गुणवत्ता वाले खनिज, कम गुणवत्ता वाले खनिजों की तुलना में कम मात्रा में पाए जाते हैं।
- तीसरी विशेषता यह है कि सभी खनिज समय के साथ समाप्त हो जाएंगे। भूगर्भिक दृष्टि से इन्हें बनने में लंबा समय लगता है और आवश्यकता के समय इनका तुरंत पुनर्भरण नहीं किया जा सकता। अतः इन्हें संरक्षित किया जाना चाहिये और इनका दुरुपयोग नहीं होना चाहिये, क्योंकि इन्हें दुबारा उत्पन्न नहीं किया जा सकता।
Incorrect
व्याख्याः
खनिज रासायनिक एवं भौतिक गुणधर्मों (विशिष्टताओं) के साथ कार्बनिक या अकार्बनिक उत्पत्ति का एक प्राकृतिक पदार्थ है। इनकी कुछ निश्चित विशेषताएँ होती है, जो इस प्रकार हैं-- खनिज, क्षेत्र में असमान रूप से वितरित होते हैं।
- खनिजों की गुणवत्ता और मात्रा के बीच प्रतिलोमी संबंध पाया जाता है, अर्थात् अधिक गुणवत्ता वाले खनिज, कम गुणवत्ता वाले खनिजों की तुलना में कम मात्रा में पाए जाते हैं।
- तीसरी विशेषता यह है कि सभी खनिज समय के साथ समाप्त हो जाएंगे। भूगर्भिक दृष्टि से इन्हें बनने में लंबा समय लगता है और आवश्यकता के समय इनका तुरंत पुनर्भरण नहीं किया जा सकता। अतः इन्हें संरक्षित किया जाना चाहिये और इनका दुरुपयोग नहीं होना चाहिये, क्योंकि इन्हें दुबारा उत्पन्न नहीं किया जा सकता।
-
Question 6 of 20
6. Question
1 pointsभारत में खनिज के अन्वेषण कार्य में निम्नलिखित में से कौन सा एक संलग्न नहीं है?
Correct
व्याख्याः
- भारतीय सर्वेक्षण विभाग (SOI) भारत की नक्शे बनाने और सर्वेक्षण करने वाली केंद्रीय एजेंसी है। यह खनन के अन्वेषण आदि के लिये कार्य नहीं करती। यह भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आती है। अतः (a) सही नहीं है।
- भारत में खनिजों का व्यवस्थित सर्वेक्षण, पूर्वेक्षण (Prospecting) तथा कार्य निम्नलिखित विभागों/कंपनियों द्वारा किये जाते हैं, जो इस प्रकार हैं-
1. भारत भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI)
2. तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग (ONGC)
3. खनिज अन्वेषण निगम लिमिटेड (MECL)
4. राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC)
5. इंडियन ब्यूरो और माइंस (IBM)
6. भारतीय गोल्ड माइंस लिमिटेड (BGML)
7. राष्ट्रीय एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO) और विभिन्न राज्यों के खदान एवं भू-विज्ञान विभाग करते हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- भारतीय सर्वेक्षण विभाग (SOI) भारत की नक्शे बनाने और सर्वेक्षण करने वाली केंद्रीय एजेंसी है। यह खनन के अन्वेषण आदि के लिये कार्य नहीं करती। यह भारत के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के अंतर्गत आती है। अतः (a) सही नहीं है।
- भारत में खनिजों का व्यवस्थित सर्वेक्षण, पूर्वेक्षण (Prospecting) तथा कार्य निम्नलिखित विभागों/कंपनियों द्वारा किये जाते हैं, जो इस प्रकार हैं-
1. भारत भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI)
2. तेल एवं प्राकृतिक गैस आयोग (ONGC)
3. खनिज अन्वेषण निगम लिमिटेड (MECL)
4. राष्ट्रीय खनिज विकास निगम (NMDC)
5. इंडियन ब्यूरो और माइंस (IBM)
6. भारतीय गोल्ड माइंस लिमिटेड (BGML)
7. राष्ट्रीय एल्यूमिनियम कंपनी लिमिटेड (NALCO) और विभिन्न राज्यों के खदान एवं भू-विज्ञान विभाग करते हैं।
-
Question 7 of 20
7. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किस राज्य में मैंगनीज़ सर्वाधिक पाया जाता है?
Correct
व्याख्याः
- राज्यवार मैंगनीज़ का उत्पादन अनुपात इस प्रकार है।
→ ओडिशा (44%)
→ कर्नाटक (22%)
→ मध्य प्रदेश (13%)
→ महाराष्ट्र (8%)
→ आन्ध्र प्रदेश (4%)
→ झारखंड और गोवा (3%)
→ राजस्थान, गुजरात और पश्चिम बंगाल (3%)Incorrect
व्याख्याः
- राज्यवार मैंगनीज़ का उत्पादन अनुपात इस प्रकार है।
→ ओडिशा (44%)
→ कर्नाटक (22%)
→ मध्य प्रदेश (13%)
→ महाराष्ट्र (8%)
→ आन्ध्र प्रदेश (4%)
→ झारखंड और गोवा (3%)
→ राजस्थान, गुजरात और पश्चिम बंगाल (3%) -
Question 8 of 20
8. Question
1 pointsपेट्रोलियम भण्डार भारत के इन क्षेत्रों में सर्वाधिक पाए जाते हैं-
Correct
व्याख्याः
- भारत में पेट्रोलियम के आरक्षित भंडार असम, गुजरात तथा मुंबई हाई अर्थात् अरब सागर के अपतटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं। नए आरक्षित क्षेत्र कृष्णा-गोदावरी तथा कावेरी बेसिनों में पाए गए हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- भारत में पेट्रोलियम के आरक्षित भंडार असम, गुजरात तथा मुंबई हाई अर्थात् अरब सागर के अपतटीय क्षेत्रों में पाए जाते हैं। नए आरक्षित क्षेत्र कृष्णा-गोदावरी तथा कावेरी बेसिनों में पाए गए हैं।
-
Question 9 of 20
9. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. उत्तरी-पूर्वी पठारी प्रदेश में लौह एवं इस्पात उद्योगों के अवस्थित होने का कारण यहाँ पर लौह अयस्क, कोयला, मैंगनीज़, बॉक्साइट व अभ्रक का प्रचुर मात्रा में पाया जाना है।
2. केरल में मोनाजॉइट तथा थोरियम के निक्षेप पाए जाते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- उत्तर-पूर्वी पठारी प्रदेश के अंतर्गत छोटा नागपुर, ओडिशा पठार, पश्चिम बंगाल तथा छत्तीसगढ़ के कुछ भाग आते हैं। इन क्षेत्रों में लौह अयस्क, कोयला, मैंगनीज़, बॉक्साइट व अभ्रक आदि के भंडार हैं। यही कारण है कि इन क्षेत्रों में प्रमुख लौह एवं इस्पात उद्योग अवस्थित हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- उत्तर-पूर्वी पठारी प्रदेश के अंतर्गत छोटा नागपुर, ओडिशा पठार, पश्चिम बंगाल तथा छत्तीसगढ़ के कुछ भाग आते हैं। इन क्षेत्रों में लौह अयस्क, कोयला, मैंगनीज़, बॉक्साइट व अभ्रक आदि के भंडार हैं। यही कारण है कि इन क्षेत्रों में प्रमुख लौह एवं इस्पात उद्योग अवस्थित हैं।
-
Question 10 of 20
10. Question
1 pointsभारत में खनिजों के वितरण के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. उत्तर-पश्चिमी प्रदेश के खनिज धारवाड़ क्रम की शैलों से संबद्ध हैं।
2. तांबा तथा ज़िंक उत्तर-पश्चिमी प्रदेश में पाए जाने वाले प्रमुख खनिज हैं।
3. गुजरात मुख्यतः अपने लौह अयस्क निक्षेपों के लिये जाना जाता है।
4. दक्षिण-पश्चिम पठार प्रदेश में उच्च कोटि के लौह अयस्क के साथ मैंगनीज़ तथा चूना-पत्थर भी पाया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?Correct
व्याख्याः
- गुजरात में पेट्रोलियम के भंडार अधिक हैं तथा यह पेट्रोलियम निक्षेपों के लिये जाना जाता है। अतः कथन (3) सही नहीं है।
- इसके साथ ही गुजरात में नमक के भी समृद्ध स्रोत हैं। जहाँ तक बात लौह अयस्क की है तो 95% लौह अयस्क भंडार ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु राज्यों में स्थित हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- गुजरात में पेट्रोलियम के भंडार अधिक हैं तथा यह पेट्रोलियम निक्षेपों के लिये जाना जाता है। अतः कथन (3) सही नहीं है।
- इसके साथ ही गुजरात में नमक के भी समृद्ध स्रोत हैं। जहाँ तक बात लौह अयस्क की है तो 95% लौह अयस्क भंडार ओडिशा, झारखंड, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, गोवा, आंध्र प्रदेश तथा तमिलनाडु राज्यों में स्थित हैं।
-
Question 11 of 20
11. Question
1 pointsभारत में तांबा का सर्वाधिक उत्पादन करने वाला राज्य है-
Correct
व्याख्याः
- तांबा उत्पादन की दृष्टि से मध्य प्रदेश (59.85%) पहले स्थान पर है, जिसमें मध्य प्रदेश का बालाघाट क्षेत्र तांबा उत्पादन के लिये अधिक महत्त्व रखता है।
- मध्य प्रदेश के बाद उत्पादन में क्रमशः राजस्थान (28%), झारखंड (11%) का स्थान आता है। आन्ध्र प्रदेश में थोड़ी मात्रा में इसके भंडार हैं।
- तांबा भंडार (copper reserve) की दृष्टि से राजस्थान (50%) पहले स्थान पर है, इसके बाद मध्य प्रदेश (24%) तथा झारखंड (19%) का स्थान आता है। बाकी 7% आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा और कर्नाटक में है।
Incorrect
व्याख्याः
- तांबा उत्पादन की दृष्टि से मध्य प्रदेश (59.85%) पहले स्थान पर है, जिसमें मध्य प्रदेश का बालाघाट क्षेत्र तांबा उत्पादन के लिये अधिक महत्त्व रखता है।
- मध्य प्रदेश के बाद उत्पादन में क्रमशः राजस्थान (28%), झारखंड (11%) का स्थान आता है। आन्ध्र प्रदेश में थोड़ी मात्रा में इसके भंडार हैं।
- तांबा भंडार (copper reserve) की दृष्टि से राजस्थान (50%) पहले स्थान पर है, इसके बाद मध्य प्रदेश (24%) तथा झारखंड (19%) का स्थान आता है। बाकी 7% आन्ध्र प्रदेश, गुजरात, हरियाणा और कर्नाटक में है।
-
Question 12 of 20
12. Question
1 pointsनिम्नलिखित में बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है-
Correct
व्याख्याः
- ओडिशा बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। लगभग एक-तिहाई बॉक्साइट का उत्पादन ओडिशा राज्य से होता है।
- कालाहांडी तथा संभलपुर ओडिशा राज्य के अग्रणी उत्पादक हैं। ओडिशा के बाद क्रमशः छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और झारखण्ड का स्थान आता है।
Incorrect
व्याख्याः
- ओडिशा बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य है। लगभग एक-तिहाई बॉक्साइट का उत्पादन ओडिशा राज्य से होता है।
- कालाहांडी तथा संभलपुर ओडिशा राज्य के अग्रणी उत्पादक हैं। ओडिशा के बाद क्रमशः छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र और झारखण्ड का स्थान आता है।
-
Question 13 of 20
13. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से कथन सही नहीं है/हैं?
1. लौह अयस्क के प्रगलन में बॉक्साइट का प्रयोग किया जाता है।
2. मैंगनीज़ का प्रयोग एल्यूमिनियम के विनिर्माण में किया जाता है।
3. अभ्रक एक अधात्विक खनिज है, जिसका उपयोग मुख्यतः विद्युत एवं इलेक्ट्रॉनिक उद्योगों में किया जाता है।
कूटःCorrect
व्याख्याः
- लौह अयस्क के प्रगलन में बॉक्साइट का नहीं, बल्कि मैंगनीज़ का (कच्चे माल के रूप में ) प्रयोग किया जाता है। मैंगनीज़ का उपयोग लौह-मिश्र धातु विनिर्माण में भी किया जाता है।
- बॉक्साइट अयस्क का प्रयोग एल्यूमिनियम के विनिर्माण में किया जाता है। बॉक्साइट मुख्यतः टरश्यरी निक्षेपों में पाया जाता है तथा लैटराइट चट्टानों से संबद्ध है।
Incorrect
व्याख्याः
- लौह अयस्क के प्रगलन में बॉक्साइट का नहीं, बल्कि मैंगनीज़ का (कच्चे माल के रूप में ) प्रयोग किया जाता है। मैंगनीज़ का उपयोग लौह-मिश्र धातु विनिर्माण में भी किया जाता है।
- बॉक्साइट अयस्क का प्रयोग एल्यूमिनियम के विनिर्माण में किया जाता है। बॉक्साइट मुख्यतः टरश्यरी निक्षेपों में पाया जाता है तथा लैटराइट चट्टानों से संबद्ध है।
-
Question 14 of 20
14. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सा एक ऊर्जा का परंपरागत संसाधन नहीं है?
Correct
व्याख्याः
- कोयला, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम और परमाणु ऊर्जा, ऊर्जा के परंपरागत स्रोत हैं, जो समाप्य संसाधन हैं।
- जैवभार गैर-परंपरागत या नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन हैं जिन्हें भविष्य के ऊर्जा संसाधन के रूप में देखा जा रहा है। अन्य नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन, सौर ऊर्जा, जल, पवन ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, ज्वार ऊर्जा स्रोत आदि हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- कोयला, प्राकृतिक गैस, पेट्रोलियम और परमाणु ऊर्जा, ऊर्जा के परंपरागत स्रोत हैं, जो समाप्य संसाधन हैं।
- जैवभार गैर-परंपरागत या नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन हैं जिन्हें भविष्य के ऊर्जा संसाधन के रूप में देखा जा रहा है। अन्य नवीकरणीय ऊर्जा संसाधन, सौर ऊर्जा, जल, पवन ऊर्जा, भू-तापीय ऊर्जा, ज्वार ऊर्जा स्रोत आदि हैं।
-
Question 15 of 20
15. Question
1 pointsकोयले के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. कोयले का मुख्य प्रयोग ताप विद्युत उत्पादन तथा लौह अयस्क के प्रगलन के लिये किया जाता है।
2. बिटुमिनस कोयले में कार्बन की मात्रा 50% से कम होती है।
3. भारत में सर्वाधिक गोंडवाना कोयला क्षेत्र दामोदर घाटी में स्थित है।
4. भूरे कोयले को लिग्नाइट के नाम से भी जाना जाता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- बिटुमिनस कोयले में कार्बन की मात्रा 40-90% तक होती है। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- कोयला मुख्य रूप से दो भूगर्भिक कालों की शैल क्रमों में पाया जाता है, जिनके नाम हैं गोंडवाना और टर्शियरी निक्षेप हैं|
- भारत में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण गोंडवाना कोयला क्षेत्र दामोदर घाटी में स्थित है। यह झारखण्ड-बंगाल कोयला पट्टी में स्थित हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- बिटुमिनस कोयले में कार्बन की मात्रा 40-90% तक होती है। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- कोयला मुख्य रूप से दो भूगर्भिक कालों की शैल क्रमों में पाया जाता है, जिनके नाम हैं गोंडवाना और टर्शियरी निक्षेप हैं|
- भारत में सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण गोंडवाना कोयला क्षेत्र दामोदर घाटी में स्थित है। यह झारखण्ड-बंगाल कोयला पट्टी में स्थित हैं।
-
Question 16 of 20
16. Question
1 pointsप्राकृतिक गैस के परिवहन और विपणन के लिये निम्नलिखित में से किसकी स्थापना की गई?
Correct
व्याख्याः
- प्राकृतिक गैस के परिवहन एवं विपणन के लिये गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (GAIL) की स्थापना 1984 में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के रूप में की गई।
Incorrect
व्याख्याः
- प्राकृतिक गैस के परिवहन एवं विपणन के लिये गैस अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (GAIL) की स्थापना 1984 में सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम के रूप में की गई।
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Question 17 of 20
17. Question
1 pointsअपरंपरागत ऊर्जा स्रोत के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. सौर ऊर्जा मुख्यतः फोटोवोल्टाइक और सौर-तापीय प्रौद्योगिकी प्रक्रमों पर निर्भर है।
2. भारत के पूर्वी भागों में ओडिशा और पश्चिमी बंगाल राज्य में सौर ऊर्जा के विकास की अधिक संभावनाएँ हैं।
3. पवन ऊर्जा के लिये पवन की गतिज ऊर्जा को टरबाइन के माध्यम से विद्युत ऊर्जा में बदला जाता है।
4. भारत के पश्चिमी तटों के पास ज्वारीय ऊर्जा की अधिक संभावना है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?Correct
व्याख्याः
- चूँकि भारत के राजस्थान और गुजरात में सौर्यतप पूर्वी क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक प्राप्त होता है। अतः सौर ऊर्जा के लिये अधिक अनुकूल स्थिति भारत के पश्चिमी भागों गुजरात व राजस्थान में है। पूर्वी राज्यों की अपेक्षा पश्चिमी राज्यों तथा महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के विकास की अधिक संभावनाएँ हैं। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- चूँकि भारत के पश्चिमी तट पर वृहत ज्वारीय तरंगें उत्पन्न होती हैं। अतः इस क्षेत्र में ज्वारीय ऊर्जा विकसित करने की व्यापक संभावना है, किंतु अभी तक इसका उपयोग नहीं किया गया है।
Incorrect
व्याख्याः
- चूँकि भारत के राजस्थान और गुजरात में सौर्यतप पूर्वी क्षेत्रों की अपेक्षा अधिक प्राप्त होता है। अतः सौर ऊर्जा के लिये अधिक अनुकूल स्थिति भारत के पश्चिमी भागों गुजरात व राजस्थान में है। पूर्वी राज्यों की अपेक्षा पश्चिमी राज्यों तथा महाराष्ट्र, तमिलनाडु और कर्नाटक में नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों के विकास की अधिक संभावनाएँ हैं। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- चूँकि भारत के पश्चिमी तट पर वृहत ज्वारीय तरंगें उत्पन्न होती हैं। अतः इस क्षेत्र में ज्वारीय ऊर्जा विकसित करने की व्यापक संभावना है, किंतु अभी तक इसका उपयोग नहीं किया गया है।
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Question 18 of 20
18. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. परमाणु ऊर्जा आयोग की स्थापना 1948 में की गई थी।
2. कलपक्कम में भारत का पहला परमाणु ऊर्जा स्टेशन स्थापित किया गया था। उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- भारत का पहला और सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा स्टेशन ‘तारापुर परमाणु ऊर्जा स्टेशन’ महाराष्ट्र के तारापुर में स्थापित किया गया था। अतः कथन (2) सही नहीं है।
Incorrect
व्याख्याः
- भारत का पहला और सबसे बड़ा परमाणु ऊर्जा स्टेशन ‘तारापुर परमाणु ऊर्जा स्टेशन’ महाराष्ट्र के तारापुर में स्थापित किया गया था। अतः कथन (2) सही नहीं है।
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Question 19 of 20
19. Question
1 pointsअभ्रक के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. अभ्रक को सख्त सुगम्य पतली चादरों में विघटित किया जा सकता है।
2. उच्च गुणवत्ता का अभ्रक झारखंड में निचले हजारी बाग पठार में पाया जाता है।
3. अभ्रक का सर्वाधिक उत्पादन करने वाले राज्य क्रमशः झारखंड, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना व राजस्थान हैं।
4. महाराष्ट्र के रत्नागिरी तथा पश्चिम बंगाल के पुरुलिया एवं बाँकुरा ज़िलों में भी अभ्रक के निक्षेप पाए जाते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?Correct
व्याख्याः
- भारत में अभ्रक मुख्यतः झारखंड, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना व राजस्थान में पाया जाता है। इसके पश्चात् तमिलनाडु, पं. बंगाल और मध्य प्रदेश आते हैं। कर्नाटक के मैसूर व हासन ज़िले, तमिलनाडु के कोयंबटूर, तिरूचिरापल्ली, मदुरई तथा लिजे; महाराष्ट्र के रत्नागिरी तथा पश्चिम बंगाल के पुरुलिया एवं बाँकुरा ज़िलों में भी अभ्रक के निक्षेप पाए जाते हैं।
- झारखंड में उच्च गुणवत्ता वाला अभ्रक निचले हज़ारी बाग पठार की 150 किमी. लंबी व 22 किमी. चौड़ी पट्टी में पाया जाता है। राजस्थान में अभ्रक की पट्टी लगभग 320 किमी. लंबाई में जयपुर से भीलवाड़ा और उदयपुर के आस – पास विस्तृत है।
Incorrect
व्याख्याः
- भारत में अभ्रक मुख्यतः झारखंड, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना व राजस्थान में पाया जाता है। इसके पश्चात् तमिलनाडु, पं. बंगाल और मध्य प्रदेश आते हैं। कर्नाटक के मैसूर व हासन ज़िले, तमिलनाडु के कोयंबटूर, तिरूचिरापल्ली, मदुरई तथा लिजे; महाराष्ट्र के रत्नागिरी तथा पश्चिम बंगाल के पुरुलिया एवं बाँकुरा ज़िलों में भी अभ्रक के निक्षेप पाए जाते हैं।
- झारखंड में उच्च गुणवत्ता वाला अभ्रक निचले हज़ारी बाग पठार की 150 किमी. लंबी व 22 किमी. चौड़ी पट्टी में पाया जाता है। राजस्थान में अभ्रक की पट्टी लगभग 320 किमी. लंबाई में जयपुर से भीलवाड़ा और उदयपुर के आस – पास विस्तृत है।
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Question 20 of 20
20. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. भारत में हेमेटाइट तथा मैग्नेटाइप प्रकार के लौह अयस्क पाए जाते हैं।
2. गुरु महिसानी, सुलाए पत, बादाम पहाड़ (मयूरभंज) तथा बोनाई खदानें ओडिशा के सुंदरगढ़, मयूरभंज एवं झार स्थित पहाड़ीशृंखलाओं में है।
3. झारखंड में अधिकतर लौह एवं इस्पात संयंत्र पहाड़ी श्रृंखलाओं के आस-पास ही स्थित हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- भारत में लौह अयस्क के दो प्रकार हैं-
(i) हेमेटाइट (ii) मैग्नेटाइट - ये लौह अयस्क सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले अयस्क हैं, अतः विश्वभर में इनकी भारी मांग है।
- चूँकि झारखंड की पहाड़ी श्रृंखलाओं में कुछ सबसे पुरानी लौह अयस्क की खदानें हैं, यही कारण है कि इन क्षेत्रों में अधिकतर लौह एवं इस्पात संयंत्र स्थित हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- भारत में लौह अयस्क के दो प्रकार हैं-
(i) हेमेटाइट (ii) मैग्नेटाइट - ये लौह अयस्क सर्वोत्तम गुणवत्ता वाले अयस्क हैं, अतः विश्वभर में इनकी भारी मांग है।
- चूँकि झारखंड की पहाड़ी श्रृंखलाओं में कुछ सबसे पुरानी लौह अयस्क की खदानें हैं, यही कारण है कि इन क्षेत्रों में अधिकतर लौह एवं इस्पात संयंत्र स्थित हैं।
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