भारत लोग और अर्थव्यवस्था टेस्ट 1
भारत लोग और अर्थव्यवस्था टेस्ट 1
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इस टेस्ट में सम्मिलित प्रश्न कक्षा 12 की पुस्तक भारत लोग और अर्थव्यवस्था (एन.सी.ई.आर.टी.) पर आधारित है| यदि आप ‘भारत लोग और अर्थव्यवस्था’ विषय की अधिक जानकारी नहीं रखते है तो इस टेस्ट को देने से पहले आप पुस्तक का रिविजन अवश्य करें|
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Question 1 of 20
1. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. पर्यावरण प्रदूषण मानवीय क्रियाकलापों के अपशिष्ट उत्पादों से मुक्त द्रव्य एवं ऊर्जा का परिणाम है।
2. दस्त (डायरिया), आँतों के कृमि, हेपेटाइटिस, जल जनित बीमारियाँ हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
पर्यावरण प्रदूषणः
- पर्यावरणीय प्रदूषण मानवीय क्रियाकलापों के अपशिष्ट उत्पादों से मुक्त द्रव्य एवं उत्पादों से मुक्त द्रव्य एवं ऊर्जा का परिणाम है। प्रदूषण के अनेक प्रकार हैं। प्रदूषकों के परिवहित एवं विसरित होने के माध्यम के आधार पर प्रदूषण को निम्नलिखित प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है-
- जल प्रदूषण
- वायु प्रदूषण
- भू-प्रदूषण
- ध्वनि प्रदूषण
- जल प्रदूषण जल-जनित बीमारियों का प्रमुख स्रोत है। संदूषित जल के उपयोग के कारण प्रायः दस्त (डायरिया), आँखों के कृमि, हेपेटाइटिस जैसी बीमारियाँ होती हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट दर्शाती है कि भारत में लगभग एक-चौथाई संचारी रोग जल-जनित होते हैं।
Incorrect
व्याख्याः
पर्यावरण प्रदूषणः
- पर्यावरणीय प्रदूषण मानवीय क्रियाकलापों के अपशिष्ट उत्पादों से मुक्त द्रव्य एवं उत्पादों से मुक्त द्रव्य एवं ऊर्जा का परिणाम है। प्रदूषण के अनेक प्रकार हैं। प्रदूषकों के परिवहित एवं विसरित होने के माध्यम के आधार पर प्रदूषण को निम्नलिखित प्रकारों में वर्गीकृत किया जाता है-
- जल प्रदूषण
- वायु प्रदूषण
- भू-प्रदूषण
- ध्वनि प्रदूषण
- जल प्रदूषण जल-जनित बीमारियों का प्रमुख स्रोत है। संदूषित जल के उपयोग के कारण प्रायः दस्त (डायरिया), आँखों के कृमि, हेपेटाइटिस जैसी बीमारियाँ होती हैं।
- विश्व स्वास्थ्य संगठन की रिपोर्ट दर्शाती है कि भारत में लगभग एक-चौथाई संचारी रोग जल-जनित होते हैं।
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Question 2 of 20
2. Question
1 pointsवायु प्रदूषण के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. वायु प्रदूषण को धूल, धुआँ, गैसें, कुहासा, दुर्गंध और वाष्प जैसे संदूषकों की वायु में अभिवृद्धि व उस अवधि के रूप में लिया जाता है जो मनुष्यों के लिये लाभदायक होते हैं।
2. नगरों में गर्मियों के पश्चात् पहली बरसात में pH का स्तर उत्तरवर्ती बरसातों से सदैव अधिक होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- वायु प्रदूषण को धूल, धुआँ, गैसें, कुहासा, दुर्गंध और वाष्प जैसे संदूषकों की वायु में अभिवृद्धि व उस अवधि के रूप में लिया जाता है, जो मनुष्यों ,जंतुओं और संपत्ति के लिये हानिकारक होते हैं। अतः (1) सही नहीं है।
- ऊर्जा के स्रोत के रूप में विभिन्न प्रकार के ईंधनों के प्रयोग में वृद्धि के साथ, पर्यावरण में विषाक्त धुएँ वाली गैसों के उत्सर्जन के परिणामस्वरूप वायु प्रदूषित होती है।
- जीवाश्म ईंधन का दहन, खनन और उद्योग वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं। ये प्रक्रियाएँ वायु में सल्फर एवं नाइ ट्रोजन के ऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, कार्बन डाइऑक्साइड कार्बन मोनो ऑक्साइड, सीसा तथा एस्बेस्टस को निर्मुक्त करते हैं।
- वायु प्रदूषण के कारण अम्ल वर्षा भी हो सकती है। नगरीय पर्यावरण का वर्षा जल विश्लेषण इंगित करता है कि गर्मियों के पश्चात् पहली बरसात में pH का स्तर उत्तरवर्ती बरसातों से सदैव कम होता है। अतः कथन (2) सही नहीं
Incorrect
व्याख्याः
- वायु प्रदूषण को धूल, धुआँ, गैसें, कुहासा, दुर्गंध और वाष्प जैसे संदूषकों की वायु में अभिवृद्धि व उस अवधि के रूप में लिया जाता है, जो मनुष्यों ,जंतुओं और संपत्ति के लिये हानिकारक होते हैं। अतः (1) सही नहीं है।
- ऊर्जा के स्रोत के रूप में विभिन्न प्रकार के ईंधनों के प्रयोग में वृद्धि के साथ, पर्यावरण में विषाक्त धुएँ वाली गैसों के उत्सर्जन के परिणामस्वरूप वायु प्रदूषित होती है।
- जीवाश्म ईंधन का दहन, खनन और उद्योग वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत हैं। ये प्रक्रियाएँ वायु में सल्फर एवं नाइ ट्रोजन के ऑक्साइड, हाइड्रोकार्बन, कार्बन डाइऑक्साइड कार्बन मोनो ऑक्साइड, सीसा तथा एस्बेस्टस को निर्मुक्त करते हैं।
- वायु प्रदूषण के कारण अम्ल वर्षा भी हो सकती है। नगरीय पर्यावरण का वर्षा जल विश्लेषण इंगित करता है कि गर्मियों के पश्चात् पहली बरसात में pH का स्तर उत्तरवर्ती बरसातों से सदैव कम होता है। अतः कथन (2) सही नहीं
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Question 3 of 20
3. Question
1 pointsप्रदूषण के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. वायु प्रदूषण में सल्फर के ऑक्साइड (SO2, SO3), नाइट्रोजन के ऑक्साइड सन्निहित होते हैं।
2. अनुचित मानव क्रियाकलाप, अनुपचारित औद्योगिक अपशिष्ट का निपटान, उर्वरकों का उपयोग भू-प्रदूषण को बढ़ाने वाले कारक हैं।
3. भूमि जल के प्रदूषित होने का कारण उर्वरक हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- वायु प्रदूषण में सल्फर के ऑक्साइड (SO2, SO3), नाइट्रोजन के ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड्स, एस्बेस्टस एवं बेरिलियम आदि सन्निहित हैं। अतः कथन (1) सही है।
- वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत-कोयले, पेट्रोलियम, डीजल का दहन (जलना), औद्योगिक प्रक्रम, ठोस कचरा निपटान, वाहित मल (जल ) निपटान आदि।
- भू-प्रदूषण में मानव एवं पशु मलादि, विषाणु तथा जीवाणु तथा रोगवाहक विरलन कीटनाशक, उर्वरक अवशिष्ट क्षारीयता, फ्लोराइड्स रेडियोधर्मी पदार्थ आदि सन्निहित हैं।
- अनुचित मानव क्रियाकलाप, अनुपचारित औद्योगिक अपशिष्ट का निपटान उर्वरकों का उपयोग आदि भू-प्रदूषण के स्रोत हैं। अतः कथन (2) सही है।
- कृषि क्षेत्र में उपयोग किये जाने वाले उर्वरकों में नाइट्रोजन, पोटैशियम, फास्फोरस, जिंक शामिल होता है जो जल के साथ घुलकर भू- जल तक पहुँच जाता है। ये उर्वरक धरातलीय जल में नाइट्रेट की मात्रा को बढ़ा देते हैं, जो भू- जल को प्रदूषित करते हैं। यही कारण है कि भारत में अब भू-जल पीने योग्य नहीं रहा है।
Incorrect
व्याख्याः
- वायु प्रदूषण में सल्फर के ऑक्साइड (SO2, SO3), नाइट्रोजन के ऑक्साइड, कार्बन मोनोऑक्साइड्स, एस्बेस्टस एवं बेरिलियम आदि सन्निहित हैं। अतः कथन (1) सही है।
- वायु प्रदूषण के प्रमुख स्रोत-कोयले, पेट्रोलियम, डीजल का दहन (जलना), औद्योगिक प्रक्रम, ठोस कचरा निपटान, वाहित मल (जल ) निपटान आदि।
- भू-प्रदूषण में मानव एवं पशु मलादि, विषाणु तथा जीवाणु तथा रोगवाहक विरलन कीटनाशक, उर्वरक अवशिष्ट क्षारीयता, फ्लोराइड्स रेडियोधर्मी पदार्थ आदि सन्निहित हैं।
- अनुचित मानव क्रियाकलाप, अनुपचारित औद्योगिक अपशिष्ट का निपटान उर्वरकों का उपयोग आदि भू-प्रदूषण के स्रोत हैं। अतः कथन (2) सही है।
- कृषि क्षेत्र में उपयोग किये जाने वाले उर्वरकों में नाइट्रोजन, पोटैशियम, फास्फोरस, जिंक शामिल होता है जो जल के साथ घुलकर भू- जल तक पहुँच जाता है। ये उर्वरक धरातलीय जल में नाइट्रेट की मात्रा को बढ़ा देते हैं, जो भू- जल को प्रदूषित करते हैं। यही कारण है कि भारत में अब भू-जल पीने योग्य नहीं रहा है।
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Question 4 of 20
4. Question
1 pointsध्वनि प्रदूषण के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:1. विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न ध्वनि का मानव की सहनीय सीमा से कम तथा सहज होना ध्वनि प्रदूषण है।
2. ध्वनि प्रदूषण की माप डेसिबल (decibel(dB)) में की जाती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न ध्वनि का मानव की सहनीय सीमा से अधिक तथा असहज होना ही ध्वनि प्रदूषण हैं। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- ध्वनि प्रदूषण के बढ़ने का कारण प्रौद्योगिकी अन्वेषण रहे हैं जिनके फलस्वरूप हाल के वर्षों में ध्वनि प्रदूषण गंभीर समस्या बनकर उभरा है।
- ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख स्रोतः विविध उद्योग, मशीनीकृत निर्माण तथा तोड़ – फोड़ कार्य, तीव्र चलित मोटर वाहन और वायुयान इत्यादि हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- विभिन्न स्रोतों से उत्पन्न ध्वनि का मानव की सहनीय सीमा से अधिक तथा असहज होना ही ध्वनि प्रदूषण हैं। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- ध्वनि प्रदूषण के बढ़ने का कारण प्रौद्योगिकी अन्वेषण रहे हैं जिनके फलस्वरूप हाल के वर्षों में ध्वनि प्रदूषण गंभीर समस्या बनकर उभरा है।
- ध्वनि प्रदूषण के प्रमुख स्रोतः विविध उद्योग, मशीनीकृत निर्माण तथा तोड़ – फोड़ कार्य, तीव्र चलित मोटर वाहन और वायुयान इत्यादि हैं।
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Question 5 of 20
5. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. ग्रामीण क्षेत्रों में शहरों की ओर जनसंख्या का एक कारण नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों के बीच विकास का असंतुलित प्रारूप है।
2. भू-निम्नीकरण का कारण मृदा अपरदन, लवणता तथा भू-क्षारता है।
3. भू-निम्नीकरण का अभिप्राय स्थायी या अस्थायी तौर पर भूमि की उत्पादकता की कमी है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर जनसंख्या प्रवाह अनेक कारणों से प्रभावित है जिसमें ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों के बीच विकास का असंतुलित विकास प्रारूप भी बड़ा कारक है।
- शहरों में ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा रोजगार आदि के अधिक अवसर विद्यमान है। जीवन जीने के लिये के शहरों में ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा बेहतर परिस्थितियाँ विद्यमान है। रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य ग्रामीण जनसंख्या के नगरों में प्रवास करने के मुख्य कारक रहे हैं।
- मृदा अपरदन, लवणता तथा भू-क्षारता से भू-निम्नीकरण होता है।
- भू-निम्नीकरण के कारण कृषि उत्पादकता में कमी आती है। अतः भू-निम्नीकरण का अभिप्राय स्थायी या अस्थायी तौर पर भूमि की उत्पादकता की कमी से है।
Incorrect
व्याख्याः
- ग्रामीण क्षेत्रों से शहरों की ओर जनसंख्या प्रवाह अनेक कारणों से प्रभावित है जिसमें ग्रामीण एवं नगरीय क्षेत्रों के बीच विकास का असंतुलित विकास प्रारूप भी बड़ा कारक है।
- शहरों में ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा रोजगार आदि के अधिक अवसर विद्यमान है। जीवन जीने के लिये के शहरों में ग्रामीण क्षेत्रों की अपेक्षा बेहतर परिस्थितियाँ विद्यमान है। रोजगार, शिक्षा, स्वास्थ्य ग्रामीण जनसंख्या के नगरों में प्रवास करने के मुख्य कारक रहे हैं।
- मृदा अपरदन, लवणता तथा भू-क्षारता से भू-निम्नीकरण होता है।
- भू-निम्नीकरण के कारण कृषि उत्पादकता में कमी आती है। अतः भू-निम्नीकरण का अभिप्राय स्थायी या अस्थायी तौर पर भूमि की उत्पादकता की कमी से है।
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Question 6 of 20
6. Question
1 pointsगंदी बस्तियों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. गंदी बस्तियाँ पर्यावरण की दृष्टि से बेमेल और निम्नीकृत क्षेत्रों पर स्थापित होती है।
2. गंदी बस्तियाँ न्यूनतम वांछित आवासीय क्षेत्र होती हैं।
3. गंदी बस्ती की अधिकांश जनसंख्या संगठित क्षेत्र में आर्थिक जोखिम भरे कार्यों में संलग्न होती हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- आजीविका की खोज में नगरों में प्रवासित होने वाले लोग ऊँचे किराए, जमीन की महँगी कीमत के कारण गंदी बस्तियों में रहते हैं।
- गंदी बस्तियाँ पर्यावरणीय दृष्टि से निम्न तथा नगर के किनारे स्थित होती हैं जहाँ पर जीर्ण-शीर्ण मकान स्वास्थ्य की निम्न सुविधाएँ, खुली हवा का अभाव तथा पेयजल, प्रकाश तथा शौच सुविधाओं जैसी आधारभूत आवश्यक चीज़ो का अभाव पाया जाता है।
- गंदी बस्तियाँ न्यूनतम वांछित आवासीय क्षेत्र होते हैं। अतः कथन (2) सही हैं|
- गंदी बस्तियाँ बहुत ही भीड़ – भाड़, पतली सँकरी गलियों तथा आग जैसे गंभीर खतरों के जोखिम से युक्त होती हैं। गंदी बस्तियाँ की अधिकांश जनसंख्या नगरीय अर्थव्यवस्था के असंगठित क्षेत्र में कम वेतन और अधिक जोखिम भरा कार्य करते हैं। अतः कथन (3) सही नहीं है|
Incorrect
व्याख्याः
- आजीविका की खोज में नगरों में प्रवासित होने वाले लोग ऊँचे किराए, जमीन की महँगी कीमत के कारण गंदी बस्तियों में रहते हैं।
- गंदी बस्तियाँ पर्यावरणीय दृष्टि से निम्न तथा नगर के किनारे स्थित होती हैं जहाँ पर जीर्ण-शीर्ण मकान स्वास्थ्य की निम्न सुविधाएँ, खुली हवा का अभाव तथा पेयजल, प्रकाश तथा शौच सुविधाओं जैसी आधारभूत आवश्यक चीज़ो का अभाव पाया जाता है।
- गंदी बस्तियाँ न्यूनतम वांछित आवासीय क्षेत्र होते हैं। अतः कथन (2) सही हैं|
- गंदी बस्तियाँ बहुत ही भीड़ – भाड़, पतली सँकरी गलियों तथा आग जैसे गंभीर खतरों के जोखिम से युक्त होती हैं। गंदी बस्तियाँ की अधिकांश जनसंख्या नगरीय अर्थव्यवस्था के असंगठित क्षेत्र में कम वेतन और अधिक जोखिम भरा कार्य करते हैं। अतः कथन (3) सही नहीं है|
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Question 7 of 20
7. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से अम्ल वर्षा का एक कारण है-
Correct
व्याख्याः
- चूँकि वायु प्रदूषण के कारण वायुमंडल में सल्फर व नाइट्रोजन के ऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है जो वातावरण में उपस्थित जल वाष्प से क्रिया करके एसिड या अम्ल बनाते हैं जो वर्षा के साथ नीचे आती है। यही अम्लीय वर्षा कहलाती है अतः (a) सही है।
- वायुमंडल में सल्फर डाइआक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जल के साथ क्रिया करके नाइट्रिक अम्ल और गंधक का तेजाब बन जाता है।
- अम्लवर्षा में अम्ल दो प्रकार के वायु प्रदूषणों से आते हैं। SO2 & NO2, ये प्रदूषक प्रारंभिक रूप से कारखानों की चिमनियों, बसों व स्वचालित वाहनों के जलाने से उत्सर्जित होकर वायुमंडल में मिल जाते है।
- कार्बन डाईऑक्साइड (CO2) जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्राकृतिक रूप में विद्यमान है जो जल के साथ क्रिया करके कार्बोनिक एसिड बनाता है|
H2O + CO2 → H2CO3
Incorrect
व्याख्याः
- चूँकि वायु प्रदूषण के कारण वायुमंडल में सल्फर व नाइट्रोजन के ऑक्साइड की मात्रा बढ़ जाती है जो वातावरण में उपस्थित जल वाष्प से क्रिया करके एसिड या अम्ल बनाते हैं जो वर्षा के साथ नीचे आती है। यही अम्लीय वर्षा कहलाती है अतः (a) सही है।
- वायुमंडल में सल्फर डाइआक्साइड और नाइट्रोजन ऑक्साइड जल के साथ क्रिया करके नाइट्रिक अम्ल और गंधक का तेजाब बन जाता है।
- अम्लवर्षा में अम्ल दो प्रकार के वायु प्रदूषणों से आते हैं। SO2 & NO2, ये प्रदूषक प्रारंभिक रूप से कारखानों की चिमनियों, बसों व स्वचालित वाहनों के जलाने से उत्सर्जित होकर वायुमंडल में मिल जाते है।
- कार्बन डाईऑक्साइड (CO2) जो पृथ्वी के वायुमंडल में प्राकृतिक रूप में विद्यमान है जो जल के साथ क्रिया करके कार्बोनिक एसिड बनाता है|
H2O + CO2 → H2CO3
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Question 8 of 20
8. Question
1 pointsअंतर्राष्ट्रीय व्यापार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. दो देशों के मध्य व्यापार अंतरर्देशीय व्यापार कहलाता है।
2. अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सभी देशों के लिये परस्पर लाभदायक हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं।Correct
व्याख्याः
- दो देशों के मध्य व्यापार अंतरर्देशीय व्यापार नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहलाता है।
- अंतर्देशीय व्यापार एक देश की सीमा के अंदर राज्यों के मध्य होता है। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- चूँकि कोई भी देश आत्मनिर्भर नहीं है अतः अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सभी देशों के लिये परस्पर लाभदायक हैं। अतः कथन (2) सही है|
Incorrect
व्याख्याः
- दो देशों के मध्य व्यापार अंतरर्देशीय व्यापार नहीं बल्कि अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहलाता है।
- अंतर्देशीय व्यापार एक देश की सीमा के अंदर राज्यों के मध्य होता है। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- चूँकि कोई भी देश आत्मनिर्भर नहीं है अतः अंतर्राष्ट्रीय व्यापार सभी देशों के लिये परस्पर लाभदायक हैं। अतः कथन (2) सही है|
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Question 9 of 20
9. Question
1 pointsभारत में विदेश व्यापार में तीव्र वृद्धि के सन्दर्भ में कौन-सा/से कथन सही है/हैं?1. विनिर्माण के क्षेत्र में संवेगी उठान
2. सरकार की उदार नीतियाँ
3. बाज़ारों की विविधरूपता
कूटःCorrect
व्याख्याः
- विदेशी व्यापार में वृद्धि को भारत के वैदेशिक व्यापार के मूल्य के संदर्भ में समझा जा सकता है। जहाँ आज़ादी के बाद 1950-51 में भारत का वैदेशिक व्यापार का मूल्य 1,214 करोड़ रुपए था जो कि वर्ष 2009-10 में बढ़कर 22,09,270 करोड़ रुपए हो गया। इस वृद्धि का बड़ा कारण भारत में 1991 की आर्थिक उदारीकरण की नीतियाँ रही हैं|
- 1991 में बाजार को बाहरी कंपनियों के लिये खोलना, विनिर्माण क्षेत्र में निवेश से विदेशी व्यापार में तीव्र वृद्धि देखने को मिली। अतः कथन (1), (2) और (3) सही हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- विदेशी व्यापार में वृद्धि को भारत के वैदेशिक व्यापार के मूल्य के संदर्भ में समझा जा सकता है। जहाँ आज़ादी के बाद 1950-51 में भारत का वैदेशिक व्यापार का मूल्य 1,214 करोड़ रुपए था जो कि वर्ष 2009-10 में बढ़कर 22,09,270 करोड़ रुपए हो गया। इस वृद्धि का बड़ा कारण भारत में 1991 की आर्थिक उदारीकरण की नीतियाँ रही हैं|
- 1991 में बाजार को बाहरी कंपनियों के लिये खोलना, विनिर्माण क्षेत्र में निवेश से विदेशी व्यापार में तीव्र वृद्धि देखने को मिली। अतः कथन (1), (2) और (3) सही हैं।
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Question 10 of 20
10. Question
1 pointsभारत में पत्तनों के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. वर्तमान में भारत में प्रमुख पत्तनों की कुल संख्या 12 है।
2. छोटे या मझोले पत्तनों की संख्या 200 है।
3. पत्तन जिस राज्य में स्थित है,वाही राज्य उनके संबंध में नीतियाँ बनाते हैं।
4. छोटे या मझोले पत्तनों के विषय में राज्य व केंद्र दोनों ही नीतियाँ बनाते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- वर्तमान में भारत में प्रमुख पत्तनों की कुल संख्या 13 है-
1. कोलकाता पत्तन
2. पारादीप पत्तन
3. मंगलौरर पत्तन
4. कोचीन (कोच्चि) पत्तन
5. जवाहर लाल नेहरू पत्तन
6. मुम्बई पत्तन
7.कांडला पत्तन
8. विशाखापट्टनम पत्तन
9. चेन्नई पत्तन
10. तूतीकोरिन पत्तन
11. इन्नोर पत्तन (कामराजार)
12. मार्मागाओ
13. पोर्ट ब्लेयर (सबसे नया, 2010 में घोषित किया गया)- छोटे या मझोले पत्तन की कुल संख्या 200 है।
- प्रमुख पत्तनों के संबंध में केंद्र सरकार नीतियाँ बनाती है तथा नियामक क्रियाओं को निभाती हैं। अतः कथन (3) सही नहीं है।
- छोटे पत्तनों के लिये राज्य सरकारें नीतियाँ बनाती हैं व नियामक क्रियाएँ निभाती हैं। अतः (4) सही नहीं है।
- 13 प्रमुख पत्तन देश के महासागरीय यातायात का 75% भाग निपटाते हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- वर्तमान में भारत में प्रमुख पत्तनों की कुल संख्या 13 है-
1. कोलकाता पत्तन
2. पारादीप पत्तन
3. मंगलौरर पत्तन
4. कोचीन (कोच्चि) पत्तन
5. जवाहर लाल नेहरू पत्तन
6. मुम्बई पत्तन
7.कांडला पत्तन
8. विशाखापट्टनम पत्तन
9. चेन्नई पत्तन
10. तूतीकोरिन पत्तन
11. इन्नोर पत्तन (कामराजार)
12. मार्मागाओ
13. पोर्ट ब्लेयर (सबसे नया, 2010 में घोषित किया गया)- छोटे या मझोले पत्तन की कुल संख्या 200 है।
- प्रमुख पत्तनों के संबंध में केंद्र सरकार नीतियाँ बनाती है तथा नियामक क्रियाओं को निभाती हैं। अतः कथन (3) सही नहीं है।
- छोटे पत्तनों के लिये राज्य सरकारें नीतियाँ बनाती हैं व नियामक क्रियाएँ निभाती हैं। अतः (4) सही नहीं है।
- 13 प्रमुख पत्तन देश के महासागरीय यातायात का 75% भाग निपटाते हैं।
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Question 11 of 20
11. Question
1 pointsभारत के प्रमुख पत्तनों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. कांडला पत्तन कच्छ की खाड़ी के मुहाने पर स्थित देश के पश्चिमी एवं उत्तर -पश्चिमी भाग की जरूरतों को पूरा करता है।
2. कांडला पत्तन का उपयोग भारी मात्रा में पेट्रोलियम, पेट्रोलियम उत्पादों एवं उर्वरकों के लिये किया जाता है।
3. कांडला भारत का सबसे बड़ा पत्तन है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
कांडला पत्तनः- कच्छ की खाड़ी के मुहाने पर अवस्थित कांडला पत्तन को देश के पश्चिमी एवं उत्तर-पश्चिमी भाग की जरूरतों को पूरा करने और मुंबई पत्तन पर दबाव घटाने के लिये एक प्रमुख पत्तन के रूप में विकसित किया गया है। अतः कथन (1) सही है।
- कांडला पत्तन को विशेष रूप से भारी मात्रा में पेट्रोलियम, पेट्रोलियम उत्पादों एवं उर्वरकों को ग्रहण करने के लिये बनाया गया है। अतः कथन (2) सही है।
- मुंबई भारत का सबसे बड़ा पत्तन है न कि कांडला।
- मुंबई पत्तन 20 किमी. लंबा तथा 6-10 किमी. चौड़ा है।
अतः कथन (3) सही नहीं है।
Incorrect
व्याख्याः
कांडला पत्तनः- कच्छ की खाड़ी के मुहाने पर अवस्थित कांडला पत्तन को देश के पश्चिमी एवं उत्तर-पश्चिमी भाग की जरूरतों को पूरा करने और मुंबई पत्तन पर दबाव घटाने के लिये एक प्रमुख पत्तन के रूप में विकसित किया गया है। अतः कथन (1) सही है।
- कांडला पत्तन को विशेष रूप से भारी मात्रा में पेट्रोलियम, पेट्रोलियम उत्पादों एवं उर्वरकों को ग्रहण करने के लिये बनाया गया है। अतः कथन (2) सही है।
- मुंबई भारत का सबसे बड़ा पत्तन है न कि कांडला।
- मुंबई पत्तन 20 किमी. लंबा तथा 6-10 किमी. चौड़ा है।
अतः कथन (3) सही नहीं है।
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Question 12 of 20
12. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. मुंबई एक कृत्रिम पत्तन, जहाँ से देश के विदेशी व्यापार का अधिकांश भाग संचालित किया जाता है।
2. मार्मागाओ पत्तन जुआरी नदमुख के मुँहाने पर अवस्थित एक प्राकृतिक पत्तन है।
3. जवाहर नेहरू पत्तन को न्हावा शेवा (Nhava Sheva) में मुंबई पत्तन अनुषंगी पत्तन के रूप में विकसित किया गया है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन- से सही हैं?Correct
व्याख्याः
- मुंबई कृत्रिम नहीं बल्कि एक प्राकृतिक पत्तन है। यह पत्तन मध्यपूर्व, भूमध्य सागरीय देशों, उत्तरी अफ्रीका, उत्तर अमेरिका तथा यूरोप के देशों के सामान्य मार्ग के निकट स्थित है। जहाँ से देश के विदेशी व्यापार का अधिकांश भाग संचालित किया जाता है। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- मार्मागाओ पत्तन जुआरी नदमुख के मुहाने पर अवस्थित गोवा का एक प्राकृतिक बंदरगाह है। जापान को लौह अयस्क के निर्यात का निपटान करने के लिये 1961 में हुए पुनर्प्रतिरूपण के बाद इसका महत्त्व बढ़ा। कोंकण रेलवे ने इस पत्तन के पृष्ठ प्रदेश में महत्त्वपूर्ण विस्तार किया है।
- जवाहर लाल नेहरू पत्तन को न्हावा- शेवा में मुंबई पत्तन के दबाव को कम करने के लिये एक अनुषंगी पत्तन के रूप में विकसित किया गया था। यह भारत का विशालतम कंटेनर पत्तन है।
Incorrect
व्याख्याः
- मुंबई कृत्रिम नहीं बल्कि एक प्राकृतिक पत्तन है। यह पत्तन मध्यपूर्व, भूमध्य सागरीय देशों, उत्तरी अफ्रीका, उत्तर अमेरिका तथा यूरोप के देशों के सामान्य मार्ग के निकट स्थित है। जहाँ से देश के विदेशी व्यापार का अधिकांश भाग संचालित किया जाता है। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- मार्मागाओ पत्तन जुआरी नदमुख के मुहाने पर अवस्थित गोवा का एक प्राकृतिक बंदरगाह है। जापान को लौह अयस्क के निर्यात का निपटान करने के लिये 1961 में हुए पुनर्प्रतिरूपण के बाद इसका महत्त्व बढ़ा। कोंकण रेलवे ने इस पत्तन के पृष्ठ प्रदेश में महत्त्वपूर्ण विस्तार किया है।
- जवाहर लाल नेहरू पत्तन को न्हावा- शेवा में मुंबई पत्तन के दबाव को कम करने के लिये एक अनुषंगी पत्तन के रूप में विकसित किया गया था। यह भारत का विशालतम कंटेनर पत्तन है।
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Question 13 of 20
13. Question
1 pointsकोलकाता पत्तन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन सा/से सही है/हैं?
1. यह पत्तन हुगली नदी पर अवस्थित है।
2. वर्तमान में निर्यात की दृष्टि से इसका उपयोग निम्न है।
3. यह भूटान और नेपाल जैसे स्थलबद्ध देशों को भी सुविधाएँ उपलब्ध कराता है।
कूटःCorrect
व्याख्याः
- यह पत्तन हुगली नदी पर अवस्थित है, जो बंगाल की खाड़ी से 128 किमी. स्थल में अंदर स्थित है।
- मुंबई पत्तन की भाँति इसका विकास भी अंग्रेजों द्वारा किया गया था।
- कोलकाता पत्तन ने विशाखापट्नम, पारादीप और उसकी अनुषंगी पत्तन हल्दिया जैसे अन्य पत्तनों की ओर निर्यात के दिक् – परिवर्तन के कारण अपनी सार्थकता काफी हद तक खो दी है,वर्त्तमान में निर्यात की दृष्टि से इसका उपयोग निम्न है। । अतः (2) सही है।
- यह पत्तन हुगली नदी द्वारा लाई गई गाद की समस्या से भी जूझता रहा है, जो कि उसे समुद्र से जुड़ने का मार्ग प्रदान करती है।
- यह पत्तन भूटान और नेपालजैसे स्थलबद्ध पड़ोसी देशों को भी सुविधाएँ उपलब्ध कराता है। अतः कथन (3) सही है।
Incorrect
व्याख्याः
- यह पत्तन हुगली नदी पर अवस्थित है, जो बंगाल की खाड़ी से 128 किमी. स्थल में अंदर स्थित है।
- मुंबई पत्तन की भाँति इसका विकास भी अंग्रेजों द्वारा किया गया था।
- कोलकाता पत्तन ने विशाखापट्नम, पारादीप और उसकी अनुषंगी पत्तन हल्दिया जैसे अन्य पत्तनों की ओर निर्यात के दिक् – परिवर्तन के कारण अपनी सार्थकता काफी हद तक खो दी है,वर्त्तमान में निर्यात की दृष्टि से इसका उपयोग निम्न है। । अतः (2) सही है।
- यह पत्तन हुगली नदी द्वारा लाई गई गाद की समस्या से भी जूझता रहा है, जो कि उसे समुद्र से जुड़ने का मार्ग प्रदान करती है।
- यह पत्तन भूटान और नेपालजैसे स्थलबद्ध पड़ोसी देशों को भी सुविधाएँ उपलब्ध कराता है। अतः कथन (3) सही है।
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Question 14 of 20
14. Question
1 pointsभारत के विदेशी व्यापार के संबंध में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
Correct
व्याख्याः
- आज़ादी के बाद समय के साथ भारत के विदेशी व्यापार की प्रकृति में बदलाव आया है। आयात एवं निर्यात दोनों की ही मात्रा में वृद्धि हुई है, परंतु निर्यात की तुलना में आयात का मूल्य अधिक है|
- आयात के मूल्य अधिक होने से भारत में कुछ वर्षों में व्यापार घाटे में वृद्धि देखी गई है। जैसे- सांख्यिकीय 2010-11 के आँकड़ों के अनुसार जहाँ 2009-10 में निर्यात लगभग 8.35 लाख करोड़ का रहा वहीं आयात लगभग 13.63 लाख करोड़ के करीब रहा है। ये आकड़े व्यापार घाटे की स्थिति को दर्शाते हहैं।
- भारत अपरिष्कृत पेट्रोलियम का 80% लगभग आयात करता है, जो भारत में आयात किये जाने वाली वस्तुओं/पदार्थों में सबसे बड़ा अनुपात पेट्रोलियम का ही है। भारत की ऊर्जा उत्पादन का बड़ा हिस्सा पेट्रोलियम तेलों पर ही आधारित है। अतः कथन (a) और (b) दोनों सही हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- आज़ादी के बाद समय के साथ भारत के विदेशी व्यापार की प्रकृति में बदलाव आया है। आयात एवं निर्यात दोनों की ही मात्रा में वृद्धि हुई है, परंतु निर्यात की तुलना में आयात का मूल्य अधिक है|
- आयात के मूल्य अधिक होने से भारत में कुछ वर्षों में व्यापार घाटे में वृद्धि देखी गई है। जैसे- सांख्यिकीय 2010-11 के आँकड़ों के अनुसार जहाँ 2009-10 में निर्यात लगभग 8.35 लाख करोड़ का रहा वहीं आयात लगभग 13.63 लाख करोड़ के करीब रहा है। ये आकड़े व्यापार घाटे की स्थिति को दर्शाते हहैं।
- भारत अपरिष्कृत पेट्रोलियम का 80% लगभग आयात करता है, जो भारत में आयात किये जाने वाली वस्तुओं/पदार्थों में सबसे बड़ा अनुपात पेट्रोलियम का ही है। भारत की ऊर्जा उत्पादन का बड़ा हिस्सा पेट्रोलियम तेलों पर ही आधारित है। अतः कथन (a) और (b) दोनों सही हैं।
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Question 15 of 20
15. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. हल्दिया पत्तन का निर्माण कोलकाता पत्तन की संकुलता को बढ़ाने के लिये किया गया था।
2. पारादीप पत्तन कृष्णा नदी डेल्टा पर स्थित है।
3. पारादीप पत्तन को मुख्य रूप से बड़े पैमाने पर लौह अयस्क के निर्यात के लिये विकसित किया गया है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- हल्दिया पत्तन कोलकात्ता से 105 किमी. अंदर अनुप्रवाह (डाउनस्ट्रीम) पर स्थित है। इसका निर्माण कोलकाता पत्तन की संकुलता को घटाने के लिये किया गया है, न कि बढ़ाने के लिये। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- यह लौह अयस्क, कोयला, पेट्रोलियम तथा पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, जूट एवं जूट उत्पाद, कपास तथा सूती धागों आदि का निपटान (handle) करता है।
- पारादीप पत्तन कटक से 100 किमी. दूर महानदी डेल्टा पर स्थित है न कि कृष्णा नदी पर। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- पारादीप पत्तन का पोताश्रय सबसे गहरा है, जो भारी पोतों के निपटान के लिये सर्वाधिक अनुकूल है। इसे मुख्य रूप से बड़े पैमाने पर लौह अयस्क के निर्यात के लिये विकसित किया गया है। अतः कथन (3) सही है|
Incorrect
व्याख्याः
- हल्दिया पत्तन कोलकात्ता से 105 किमी. अंदर अनुप्रवाह (डाउनस्ट्रीम) पर स्थित है। इसका निर्माण कोलकाता पत्तन की संकुलता को घटाने के लिये किया गया है, न कि बढ़ाने के लिये। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- यह लौह अयस्क, कोयला, पेट्रोलियम तथा पेट्रोलियम उत्पाद, उर्वरक, जूट एवं जूट उत्पाद, कपास तथा सूती धागों आदि का निपटान (handle) करता है।
- पारादीप पत्तन कटक से 100 किमी. दूर महानदी डेल्टा पर स्थित है न कि कृष्णा नदी पर। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- पारादीप पत्तन का पोताश्रय सबसे गहरा है, जो भारी पोतों के निपटान के लिये सर्वाधिक अनुकूल है। इसे मुख्य रूप से बड़े पैमाने पर लौह अयस्क के निर्यात के लिये विकसित किया गया है। अतः कथन (3) सही है|
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Question 16 of 20
16. Question
1 pointsविशाखापट्नम पत्तन के संदर्भ में कौन-सा/से कथन सही है/हैं?1. यह एक भू-आबद्ध पत्तन है।
2. इस पत्तन का विकास लौह-अयस्क, पेट्रोलियम तथा सामान्य नौभार के निपटान हेतु विकसित किया गया है।
कूटःCorrect
व्याख्याः
- विशाखापट्नम पत्तन आंध्र प्रदेश में एक भू-आबद्ध पत्तन है जिसे ठोस चट्टान एवं बालू को काटकर एक नहर के द्वारा समुद्र से जोड़ा गया है।
- इस पत्तन का विकास लौह-अयस्क, पेट्रोलियम तथा सामान्य नौभार के निपटान हेतु विकसित किया गया है।
Incorrect
व्याख्याः
- विशाखापट्नम पत्तन आंध्र प्रदेश में एक भू-आबद्ध पत्तन है जिसे ठोस चट्टान एवं बालू को काटकर एक नहर के द्वारा समुद्र से जोड़ा गया है।
- इस पत्तन का विकास लौह-अयस्क, पेट्रोलियम तथा सामान्य नौभार के निपटान हेतु विकसित किया गया है।
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Question 17 of 20
17. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये?1. चेन्नई पत्तन पूर्वी तट पर स्थित एक प्राकृतिक पत्तन है।
2. चेन्नई, पत्तन विशाल पोतों के अनुकूल है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- चेन्नई पत्तन पूर्वी तट पर स्थित सबसे पुराने पत्तनों में से एक है।
- यह एक कृत्रिम पत्तन है जिसे 1859 में बनाया गया था। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- तट के निकट उथले जल के कारण यह पत्तन विशाल पोतों के लिये अनुकूल नहीं है।
Incorrect
व्याख्याः
- चेन्नई पत्तन पूर्वी तट पर स्थित सबसे पुराने पत्तनों में से एक है।
- यह एक कृत्रिम पत्तन है जिसे 1859 में बनाया गया था। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- तट के निकट उथले जल के कारण यह पत्तन विशाल पोतों के लिये अनुकूल नहीं है।
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Question 18 of 20
18. Question
1 pointsतूतीकोरिन पत्तन तथा इन्नोर पत्तन के विषय में कौन-सा/से कथन सही है/हैं?
1. इन्नोर पत्तन का विकास चेन्नई पत्तन के दबाव को कम करने के लिये किया गया है।
2. तूतीकोरिन पत्तन को विशाखापट्नम् के अनुषंगी पत्तन के रूप में विकसित किया गया है।
कूटःCorrect
व्याख्याः
- इन्नोर पत्तन चेन्नई के उत्तर में 25 किमी. दूर चेन्नई के दबाव को कम करने के लिये बनाया गया है। अतः कथन (1) सही है।
- तूतीकोरिन पत्तन का विकास विशाखापट्नम नहीं बल्कि चेन्नई पत्तन के दबाव को कम करने के लिये किया गया था। यह विभिन्न प्रकार के नौभार का निपटान करता है जिसके अंतर्गत कोयला, नमक, खाद्यान्न, खाद्य तेल, चीनी, रसायन तथा पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं। अतः कथन (2) सही नहीं है।
Incorrect
व्याख्याः
- इन्नोर पत्तन चेन्नई के उत्तर में 25 किमी. दूर चेन्नई के दबाव को कम करने के लिये बनाया गया है। अतः कथन (1) सही है।
- तूतीकोरिन पत्तन का विकास विशाखापट्नम नहीं बल्कि चेन्नई पत्तन के दबाव को कम करने के लिये किया गया था। यह विभिन्न प्रकार के नौभार का निपटान करता है जिसके अंतर्गत कोयला, नमक, खाद्यान्न, खाद्य तेल, चीनी, रसायन तथा पेट्रोलियम उत्पाद शामिल हैं। अतः कथन (2) सही नहीं है।
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Question 19 of 20
19. Question
1 pointsभारत में अधिकतर विदेशी व्यापार किन मार्गों द्वारा संचालित होता है।
Correct
व्याख्याः
- भारत का अधिकतर विदेशी व्यापार समुद्री एवं वायु मार्गों द्वारा संचालित होता है।
- विदेशी व्यापार का छोटा सा भाग सड़क मार्ग द्वारा नेपाल, भूटान, बांग्लादेश एवं पाकिस्तान जैसे पड़ोसी राज्यों में सड़क मार्ग द्वारा किया जाता है।
Incorrect
व्याख्याः
- भारत का अधिकतर विदेशी व्यापार समुद्री एवं वायु मार्गों द्वारा संचालित होता है।
- विदेशी व्यापार का छोटा सा भाग सड़क मार्ग द्वारा नेपाल, भूटान, बांग्लादेश एवं पाकिस्तान जैसे पड़ोसी राज्यों में सड़क मार्ग द्वारा किया जाता है।
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Question 20 of 20
20. Question
1 pointsनिम्नलिखित देशों में से भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार देश हैः
Correct
व्याख्याः
- वर्तमान में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार संयुक्त राज्य अमेरिका है|
- वर्तमान में दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार लगभग 100 बिलियन डॉलर से अधिक का है। इसके बाद क्रमशः संयुक्त अरब अमीरात, चीन आदि का स्थान आता है।
Incorrect
व्याख्याः
- वर्तमान में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार संयुक्त राज्य अमेरिका है|
- वर्तमान में दोनों देशों के मध्य द्विपक्षीय व्यापार लगभग 100 बिलियन डॉलर से अधिक का है। इसके बाद क्रमशः संयुक्त अरब अमीरात, चीन आदि का स्थान आता है।
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