सामान्य विज्ञान टेस्ट 9
सामान्य विज्ञान टेस्ट 9
Quiz-summary
0 of 20 questions completed
Questions:
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- 6
- 7
- 8
- 9
- 10
- 11
- 12
- 13
- 14
- 15
- 16
- 17
- 18
- 19
- 20
Information
इस टेस्ट में सम्मिलित प्रश्न एन.सी.ई.आर.टी. पर आधारित है|
You have already completed the quiz before. Hence you can not start it again.
Quiz is loading...
You must sign in or sign up to start the quiz.
You have to finish following quiz, to start this quiz:
Results
0 of 20 questions answered correctly
Your time:
Time has elapsed
You have reached 0 of 0 points, (0)
Average score |
|
Your score |
|
Categories
- General Science 0%
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- 6
- 7
- 8
- 9
- 10
- 11
- 12
- 13
- 14
- 15
- 16
- 17
- 18
- 19
- 20
- Answered
- Review
-
Question 1 of 20
1. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. कवकों की कोशिका भित्ति सेलुलोस की जबकि हरित पादपों की काइटिन की बनी होती है।
2. पादप जगत के सभी जीवों की कोशिकाओं में कोशिका भित्ति उपस्थित होती है।
3. पैरामीशियम और अमीबा में कोभिका भित्ति अनुपस्थित होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- कवकों की कोशिका भित्ति काइटिन की जबकि हरित पादपों की सेलुलोस की बनी होती है। अतः कथन 1 गलत है।
- पादप जगत के सभी जीवों की कोशिकाओं में कोशिका भित्ति पाई जाती है। अतः कथन 2 सही है।
- पैरामीशियम और अमीबा जो कि प्रोटिस्टा जगत के अंतर्गत आते हैं, में कोभिका भित्ति अनुपस्थित होती है। अतः कथन 3 भी सही है।
- उल्लेखनीय है कि इस जगत की कुछ कोशिकाओं में कोशिका भित्ति उपस्थित होती है वहीं कुछ में नहीं। उदाहरण के लिये इसी जगत के क्लैमाइडोमोनास एवं क्लोरेला में कोशिका भित्ति उपस्थित होती है।
Incorrect
व्याख्याः
- कवकों की कोशिका भित्ति काइटिन की जबकि हरित पादपों की सेलुलोस की बनी होती है। अतः कथन 1 गलत है।
- पादप जगत के सभी जीवों की कोशिकाओं में कोशिका भित्ति पाई जाती है। अतः कथन 2 सही है।
- पैरामीशियम और अमीबा जो कि प्रोटिस्टा जगत के अंतर्गत आते हैं, में कोभिका भित्ति अनुपस्थित होती है। अतः कथन 3 भी सही है।
- उल्लेखनीय है कि इस जगत की कुछ कोशिकाओं में कोशिका भित्ति उपस्थित होती है वहीं कुछ में नहीं। उदाहरण के लिये इसी जगत के क्लैमाइडोमोनास एवं क्लोरेला में कोशिका भित्ति उपस्थित होती है।
-
Question 2 of 20
2. Question
1 pointsबैक्टीरिया के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. सभी बैक्टीरिया मॉनेरा जगत के अंतर्गत आते हैं।
2. आद्य बैक्टीरिया और अन्य बैक्टीरिया की कोशिका भित्ति की संरचना एक समान होती है।
3. मैथेनोजेन आद्य बैक्टीरिया के उदाहरण हैं जो अनेक रूमिनेंट पशुओं की आंत्र में पाए जाते हैं।
4. नॉस्टॉक और एनाबिना नामक बैक्टीरिया नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?Correct
व्याख्याः
- सभी बैक्टीरिया मॉनेरा जगत के अंतर्गत आते हैं। अतः कथन 1 सही है।
- आद्य बैक्टीरिया की कोशिका भित्ति की संरचना और अन्य बैक्टीरिया की कोशिका भित्ति की संरचना से भिन्न होती है। यही लक्षण उन्हें प्रतिकूल अवस्थाओं में जीवित रखने के लिये उत्तरदायी है। अतः कथन 2 गलत है।
- मैथेनोजेन आद्य बैक्टीरिया के उदाहरण हैं जो अनेक रूमिनेंट पशुओं की आंत्र में पाए जाते हैं और उनके गोबर से मीथेन गैस का उत्पादन करते हैं। अतः कथन 3 सही है।
- नॉस्टॉक तथा एनाबिना नामक बैक्टीरिया पर्यावरण की नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते हैं। अतः कथन 4 भी सही है। उल्लेखनीय है कि लेग्यूम पादप की जड़ों में उपस्थित बैक्टीरिया भी नाइट्रोजन स्थिरीकरण का कार्य करते हैं। ये बैक्टीरिया परपोषी होते हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- सभी बैक्टीरिया मॉनेरा जगत के अंतर्गत आते हैं। अतः कथन 1 सही है।
- आद्य बैक्टीरिया की कोशिका भित्ति की संरचना और अन्य बैक्टीरिया की कोशिका भित्ति की संरचना से भिन्न होती है। यही लक्षण उन्हें प्रतिकूल अवस्थाओं में जीवित रखने के लिये उत्तरदायी है। अतः कथन 2 गलत है।
- मैथेनोजेन आद्य बैक्टीरिया के उदाहरण हैं जो अनेक रूमिनेंट पशुओं की आंत्र में पाए जाते हैं और उनके गोबर से मीथेन गैस का उत्पादन करते हैं। अतः कथन 3 सही है।
- नॉस्टॉक तथा एनाबिना नामक बैक्टीरिया पर्यावरण की नाइट्रोजन का स्थिरीकरण करते हैं। अतः कथन 4 भी सही है। उल्लेखनीय है कि लेग्यूम पादप की जड़ों में उपस्थित बैक्टीरिया भी नाइट्रोजन स्थिरीकरण का कार्य करते हैं। ये बैक्टीरिया परपोषी होते हैं।
-
Question 3 of 20
3. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किसको साइनो बैक्टीरिया के नाम से जाना जाता है?
Correct
व्याख्याः नील-हरित शैवाल को साइनो बैक्टीरिया के नाम से भी जाना जाता है। ये प्रकाश संश्लेषी स्वपोषी होते हैं।
Incorrect
व्याख्याः नील-हरित शैवाल को साइनो बैक्टीरिया के नाम से भी जाना जाता है। ये प्रकाश संश्लेषी स्वपोषी होते हैं।
-
Question 4 of 20
4. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. बैक्टीरिया लैंगिक प्रजनन करने में सक्षम हैं।
2. माइकोप्लाज्मा में कोशिकाभित्ति बिल्कुल नहीं पाई जाती है।
3. माइकोप्लाज्मा सबसे छोटी जीवित कोशिकाएँ हैं, जो बिना ऑक्सीजन के जीवित रह सकती हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त तीनों कथन सही हैं।
- बैक्टीरिया सामान्यतः कोशिका विभाजन द्वारा प्रजनन करते हैं। कभी-कभी विपरीत परिस्थितियों में ये बीजाणु बनाते हैं। ये लैंगिक प्रजनन भी करते हैं, जिसमें एक बैक्टीरिया से दूसरे बैक्टीरिया में दूसरे डी.एन.ए. का पुरातन स्थानांतरण होता है।
- माइकोप्लाज्मा बैक्टीरिया वंश के ऐसे जीवधारी हैं जिनमें कोशिकाभित्ति बिल्कुल नहीं पाई जाती है। ये सबसे छोटी जीवित कोशिकाएँ हैं, जो बिना ऑक्सीजन के जीवित रह सकती हैं।
Incorrect
-
Question 5 of 20
5. Question
1 pointsप्रोटिस्टा जगत के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. इसके अंतर्गत सभी एककोशिक यूकैरियोटिक को रखा गया है।
2. प्राथमिक रूप से इस जगत के सदस्य जलीय होते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं।
- प्रोटिस्टा जगत के अंतर्गत सभी एककोशिक यूकैरियोटिक को रखा गया है, परन्तु इस जगत की सीमाएँ ठीक तरह से निर्धारित नहीं हैं। यूकैरियोटिक होने के कारण इनकी कोशिकाओं में एक सुसंगठित केंद्रक तथा अन्य झिल्लीबद्ध कोशिकांग पाए जाते हैं।
- प्राथमिक रूप से इस जगत के सदस्य जलीय होते हैं। कुछ प्रोटिस्टा में कशाभ और पक्ष्माभ भी पाए जाते हैं। ये अलैंगिक और कोशिका संलयन तथा युग्मनज (जाइगोट) बनने की विधि द्वारा लैंगिक प्रजनन करते हैं।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं।
- प्रोटिस्टा जगत के अंतर्गत सभी एककोशिक यूकैरियोटिक को रखा गया है, परन्तु इस जगत की सीमाएँ ठीक तरह से निर्धारित नहीं हैं। यूकैरियोटिक होने के कारण इनकी कोशिकाओं में एक सुसंगठित केंद्रक तथा अन्य झिल्लीबद्ध कोशिकांग पाए जाते हैं।
- प्राथमिक रूप से इस जगत के सदस्य जलीय होते हैं। कुछ प्रोटिस्टा में कशाभ और पक्ष्माभ भी पाए जाते हैं। ये अलैंगिक और कोशिका संलयन तथा युग्मनज (जाइगोट) बनने की विधि द्वारा लैंगिक प्रजनन करते हैं।
-
Question 6 of 20
6. Question
1 pointsसूची-I को सूची-II से सही सुमेलित कीजिये और सूचियों के नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये:
सूची-I
(नाम)सूची-II
(विशेषता)A. क्राइसोफाइट 1. इसके अंतर्गत डाइएटम और सुनहरे शैवाल आते हैं। B. डायनोफ्लैजिलेट 2. इसके अंतर्गत आने वाले जीवधारी मुख्यतः समुद्री एवं प्रकाशसंश्लेषी होते हैं। C. अवपंक कवक 3. ये सभी परपोषी होते हैं। D. प्रोटोजोआ 4. ये मृत्पोषी प्रोटिस्टा होते हैं। कूटः
Correct
व्याख्याः
उपर्युक्त सूची का सही सुमेलन इस प्रकार है-(नाम) (विशेषता) क्राइसोफाइट इसके अंतर्गत डाइएटम और सुनहरे शैवाल आते हैं। ये स्वच्छ जल और लवणीय (समुद्री) पर्यावरण दोनों में पाए जाते हैं। डायनोफ्लैजिलेट इसके अंतर्गत आने वाले जीवधारी मुख्यतः समुद्री एवं प्रकाशसंश्लेषी होते हैं। अवपंक कवक ये मृतपोषी प्रोटिस्टा होते हैं। ये सड़ती हुई वनस्पतिओं के साथ गति करते हुए जैविक पदार्थों का भक्षण करते हैं। प्रोटोजोआ ये सभी परपोषी होते हैं और परभक्षी अथवा परजीवी के रूप में रहते हैं। उल्लेखनीय है कि क्राइसोफाइट, डायनोफ्लैजिलेट, अवपंक कवक, युग्लीनॉइड तथा प्रोटोजोआ सभी प्रोटिस्टा जगत के अंतर्गत आते हैं। युग्लीनॉइड अधिकांशतः स्वच्छ और स्थिर जल में पाए जाते हैं।
Incorrect
व्याख्याः
उपर्युक्त सूची का सही सुमेलन इस प्रकार है-(नाम) (विशेषता) क्राइसोफाइट इसके अंतर्गत डाइएटम और सुनहरे शैवाल आते हैं। ये स्वच्छ जल और लवणीय (समुद्री) पर्यावरण दोनों में पाए जाते हैं। डायनोफ्लैजिलेट इसके अंतर्गत आने वाले जीवधारी मुख्यतः समुद्री एवं प्रकाशसंश्लेषी होते हैं। अवपंक कवक ये मृतपोषी प्रोटिस्टा होते हैं। ये सड़ती हुई वनस्पतिओं के साथ गति करते हुए जैविक पदार्थों का भक्षण करते हैं। प्रोटोजोआ ये सभी परपोषी होते हैं और परभक्षी अथवा परजीवी के रूप में रहते हैं। उल्लेखनीय है कि क्राइसोफाइट, डायनोफ्लैजिलेट, अवपंक कवक, युग्लीनॉइड तथा प्रोटोजोआ सभी प्रोटिस्टा जगत के अंतर्गत आते हैं। युग्लीनॉइड अधिकांशतः स्वच्छ और स्थिर जल में पाए जाते हैं।
-
Question 7 of 20
7. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन निद्रालू व्याधि नामक बीमारी का कारक है?
Correct
व्याख्याः
- परजीवी कशाभी प्रोटोजोआ बीमारी के कारक हैं, ट्रिपैनोसोमा भी परजीवी कशाभी प्रोटोजोआ का उदाहरण है। यह निद्रालू व्याधि नामक बीमारी का कारक है। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
- उल्लेखनीय है कि प्रोटोजोआ के अंतर्गत अमीबीय प्रोटोजोआ, कशाभी प्रोटोजोआ, पक्ष्माभी प्रोटोजोआ तथा स्पोरोजोआ आते हैं। विकल्प में दिये गए एंटअमीबा अमीबीय प्रोटोजोआ का जबकि पैरामीशियम पक्ष्माभी प्रोटोजोआ के उदाहरण हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- परजीवी कशाभी प्रोटोजोआ बीमारी के कारक हैं, ट्रिपैनोसोमा भी परजीवी कशाभी प्रोटोजोआ का उदाहरण है। यह निद्रालू व्याधि नामक बीमारी का कारक है। अतः विकल्प (a) सही उत्तर है।
- उल्लेखनीय है कि प्रोटोजोआ के अंतर्गत अमीबीय प्रोटोजोआ, कशाभी प्रोटोजोआ, पक्ष्माभी प्रोटोजोआ तथा स्पोरोजोआ आते हैं। विकल्प में दिये गए एंटअमीबा अमीबीय प्रोटोजोआ का जबकि पैरामीशियम पक्ष्माभी प्रोटोजोआ के उदाहरण हैं।
-
Question 8 of 20
8. Question
1 pointsकवक (फंजाई) जगत के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. रोटी व संतरे का सड़ना फंजाई के कारण होता है।
2. सामान्य छत्रक (मशरूम) और कुकुरमुत्ता (टोडस्टूल) फंजाई के उदाहरण हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं।
- रोटी व संतरे के सड़ने के लिये फंजाई उत्तरदायी है।
- सामान्य छत्रक (मशरूम) और कुकुरमुत्ता (टोडस्टूल) भी फंजाई के उदाहरण हैं।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं।
- रोटी व संतरे के सड़ने के लिये फंजाई उत्तरदायी है।
- सामान्य छत्रक (मशरूम) और कुकुरमुत्ता (टोडस्टूल) भी फंजाई के उदाहरण हैं।
-
Question 9 of 20
9. Question
1 pointsनिम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजियेः1. यीस्ट : इसका उपयोग ब्रेड व बीयर के उत्पादन में होता है।
2. पक्सिनिया : इसके कारण गेहूँ में किट्ट रोग होता है।
3. पेनिसिलियम : इसका उपयोग प्रतिजैविक (एंटिबायोटिक) के निर्माण में किया जाता है।
उपर्युक्त युग्मों में से कौन-सा/से सही सुमेलित है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त सभी युग्म सही सुमेलित हैं।
- यीस्ट, पक्सिनिया तथा पेनिसिलियम तीनों ही कवक (फंजाई) के उदाहरण हैं।
- यीस्ट का उपयोग ब्रेड व बीयर के निर्माण के लिये किया जाता है।
- गेहूँ में किट्ट रोग के लिये पक्सिनिया उत्तरदायी कवक है।
- पेनिसिलियम से प्रतिजैविक का निर्माण होता है।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त सभी युग्म सही सुमेलित हैं।
- यीस्ट, पक्सिनिया तथा पेनिसिलियम तीनों ही कवक (फंजाई) के उदाहरण हैं।
- यीस्ट का उपयोग ब्रेड व बीयर के निर्माण के लिये किया जाता है।
- गेहूँ में किट्ट रोग के लिये पक्सिनिया उत्तरदायी कवक है।
- पेनिसिलियम से प्रतिजैविक का निर्माण होता है।
-
Question 10 of 20
10. Question
1 pointsफंजाई जगत के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. फंजाई तंतुमयी है, लेकिन यीस्ट जो एक कोशिक है इसका अपवाद है।
2. फंजाई की कोशिकाभित्ति सेल्युलोज की बनी होती है।
3. फंजाई जगत में मृतजीवी, परजीवी तथा सहजीवी तीनों गुण प्रदर्शित होते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- फंजाई तंतुमई है। ये लम्बीं पतली धागे की तरह की संरचनाएँ होती हैं। कवक तंतु के जाल को कवक जाल (माइसीलियम) कहते हैं। यीस्ट जो की फंजाई के अंतर्गत ही आता है, इसका अपवाद है। अतः कथन 1 सही है।
- फंजाई की कोशिकाभित्ति में सेल्यूलोज अनुपस्थित होता है। इसकी कोशिकाभित्ति काइटिन तथा पॉलिसैकेराइड की बनी होती है। अतः कथन 2 गलत है।
- अधिकांश फंजाई परपोषित होते हैं। वे मृत बस्ट्रेट्स से घुलनशील कार्बनिक पदार्थों को अवशोषित कर लेते हैं, अतः इन्हें मृतजीवी कहते हैं। कुछ फंजाई सजीव पौधों पर निर्भर करते हैं, जो परजीवी कहलाते हैं। कुछ फंजाई शैवाल तथा लाइकेन और उच्चवर्गीय पौधों के साथ कवक मूल बनाकर भी रह सकते हैं, ऐसे फंजाई सहजीवी कहलाते हैं। अतः कथन 3 भी सही है।
- उल्लेखनीय है कि फंजाई जगत में अलैंगिक जनन और लैंगिक जनन दोनों ही होते हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- फंजाई तंतुमई है। ये लम्बीं पतली धागे की तरह की संरचनाएँ होती हैं। कवक तंतु के जाल को कवक जाल (माइसीलियम) कहते हैं। यीस्ट जो की फंजाई के अंतर्गत ही आता है, इसका अपवाद है। अतः कथन 1 सही है।
- फंजाई की कोशिकाभित्ति में सेल्यूलोज अनुपस्थित होता है। इसकी कोशिकाभित्ति काइटिन तथा पॉलिसैकेराइड की बनी होती है। अतः कथन 2 गलत है।
- अधिकांश फंजाई परपोषित होते हैं। वे मृत बस्ट्रेट्स से घुलनशील कार्बनिक पदार्थों को अवशोषित कर लेते हैं, अतः इन्हें मृतजीवी कहते हैं। कुछ फंजाई सजीव पौधों पर निर्भर करते हैं, जो परजीवी कहलाते हैं। कुछ फंजाई शैवाल तथा लाइकेन और उच्चवर्गीय पौधों के साथ कवक मूल बनाकर भी रह सकते हैं, ऐसे फंजाई सहजीवी कहलाते हैं। अतः कथन 3 भी सही है।
- उल्लेखनीय है कि फंजाई जगत में अलैंगिक जनन और लैंगिक जनन दोनों ही होते हैं।
-
Question 11 of 20
11. Question
1 pointsनिम्नलिखित पर विचार कीजियेः
1. फाइकोमाइसिटीज
2. ऐस्कोमाइसिटीज
3. बेसिडियोमाइसिटीज
4. डयूटिरोमाइसिटीज
उपर्युक्त में से कौन-से फंजाई जगत के भाग हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त सभी फंजाई जगत के भाग हैं। कवक जाल की आकारिकी, बीजाणु बनन तथा फलन काय (Fruiting Bodies) बनने की विधि फंजाई जगत के उपर्युक्त वर्गीकरणों का आधार हैं।
- फाइकोमाइसिटीज जलीय आवासों, सड़ी-गली लकड़ी, नम तथा सीलन भरे स्थानों अथवा पौधों पर अविकल्पी परजीवी के रूप में पाए जाते हैं।
- ऐस्कोमाइसिटीज को सामान्यतः थैली फंजाई भी कहते हैं। ये एककोशिक (जैसे-यीस्ट) के साथ बहुकोशिक (जैसे-पेनिसिलियम) भी होते हैं। ये मृतजीवी, अपघटक, परजीवी अथवा शमलरागी (पशु विष्टा पर उगने वाले) होते हैं।
- बेसिडियोमाइसिटीज के अंतर्गत अब तक ज्ञात सामान्य प्रकार – मशरूम, ब्रेक्टफंजाई अथवा पफबॉल आते हैं। ये मिट्टी में, लट्ठे तथा वृक्ष की ठूँठों पर और सजीव पादपों के अंदर परजीवी के रूप में उगते हैं, जैसे- किट्ट तथा कंड (स्मट)।
- डयूटिरोमाइसिटीज को प्रायः अपूर्ण कवक भी कहते हैं क्योंकि इसकी केवल अलैंगिक अथवा कायिक प्रवस्था ही हो पाई है।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त सभी फंजाई जगत के भाग हैं। कवक जाल की आकारिकी, बीजाणु बनन तथा फलन काय (Fruiting Bodies) बनने की विधि फंजाई जगत के उपर्युक्त वर्गीकरणों का आधार हैं।
- फाइकोमाइसिटीज जलीय आवासों, सड़ी-गली लकड़ी, नम तथा सीलन भरे स्थानों अथवा पौधों पर अविकल्पी परजीवी के रूप में पाए जाते हैं।
- ऐस्कोमाइसिटीज को सामान्यतः थैली फंजाई भी कहते हैं। ये एककोशिक (जैसे-यीस्ट) के साथ बहुकोशिक (जैसे-पेनिसिलियम) भी होते हैं। ये मृतजीवी, अपघटक, परजीवी अथवा शमलरागी (पशु विष्टा पर उगने वाले) होते हैं।
- बेसिडियोमाइसिटीज के अंतर्गत अब तक ज्ञात सामान्य प्रकार – मशरूम, ब्रेक्टफंजाई अथवा पफबॉल आते हैं। ये मिट्टी में, लट्ठे तथा वृक्ष की ठूँठों पर और सजीव पादपों के अंदर परजीवी के रूप में उगते हैं, जैसे- किट्ट तथा कंड (स्मट)।
- डयूटिरोमाइसिटीज को प्रायः अपूर्ण कवक भी कहते हैं क्योंकि इसकी केवल अलैंगिक अथवा कायिक प्रवस्था ही हो पाई है।
-
Question 12 of 20
12. Question
1 pointsपादप जगत के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. इसके अंतर्गत ऐसे यूकैरियोटिक आते हैं जिनमें क्लोरोफिल उपस्थित होता है।
2. पादप कोशिका में कोशिका भित्ति सेल्यूलोज की बनी होती है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं।
- पादप जगत में ऐसे सभी जीव आते हैं जो यूकैरियोटिक हैं और जिनमें क्लोरोफिल उपस्थित होता है। ऐसे जीव पादप कहलाते हैं।
- पादप कोशिका में कोशिका भित्ति उपस्थित होती है, जो सेल्यूजोज की बनी होती है।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सही हैं।
- पादप जगत में ऐसे सभी जीव आते हैं जो यूकैरियोटिक हैं और जिनमें क्लोरोफिल उपस्थित होता है। ऐसे जीव पादप कहलाते हैं।
- पादप कोशिका में कोशिका भित्ति उपस्थित होती है, जो सेल्यूजोज की बनी होती है।
-
Question 13 of 20
13. Question
1 pointsनिम्नलिखित पर विचार कीजियेः
1. ब्लेडरवर्ट
2. वीनस फ्लाईट्रैप
3. क्सकूटा (अमरबेल)
उपर्युक्त पादपों में कौन-सा/से कीटभक्षी है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त पादपों में से ब्लेडरवर्ट और वीनस फ्लाईट्रैप कीटभक्षी पौधे हैं, जबकि क्सकूटा (अमरबेल) परजीवी का उदाहरण है।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त पादपों में से ब्लेडरवर्ट और वीनस फ्लाईट्रैप कीटभक्षी पौधे हैं, जबकि क्सकूटा (अमरबेल) परजीवी का उदाहरण है।
-
Question 14 of 20
14. Question
1 pointsजंतु जगत के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. इसके अंतर्गत विषमपोषी यूकैरियोटिक आते हैं जो बहुकोशिक होते हैं।
2. इनकी कोशिका भित्ति काइटिन की बनी होती है।
3. इस जगत के प्राणी भोजन का ग्लाइकोजन अथवा वसा के रूप में संग्रहण करते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- जंतु जगत के प्राणी विषमपोषी यूकैरियोटिक हैं जो बहुकोशिक होते हैं। अतः कथन (1) सही है।
- इस जगत के जीवों में कोशिका भित्ति अनुपस्थित होती है। अतः कथन (2) गलत है।
- इस जगत के प्राणी अपने भोजन को एक आंतरिक गृहिका में पचाते हैं तथा उसका ग्लाइकोजन अथवा वसा के रूप में संग्रहण करते हैं। अतः कथन (3) सही है।
Incorrect
व्याख्याः
- जंतु जगत के प्राणी विषमपोषी यूकैरियोटिक हैं जो बहुकोशिक होते हैं। अतः कथन (1) सही है।
- इस जगत के जीवों में कोशिका भित्ति अनुपस्थित होती है। अतः कथन (2) गलत है।
- इस जगत के प्राणी अपने भोजन को एक आंतरिक गृहिका में पचाते हैं तथा उसका ग्लाइकोजन अथवा वसा के रूप में संग्रहण करते हैं। अतः कथन (3) सही है।
-
Question 15 of 20
15. Question
1 pointsवायरस के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. आर.एच. व्हिटेकर के पाँच जगत वर्गींकरण में वायरस अनुपस्थित है।
2. यह अकोशिक जीव है।
3. ये कोशिका को संक्रमित करके उसका उपयोग अपनी प्रतिलिपि बनाने में करते हैं तथा उस कोशिका को मार देते हैं।
4. इसमें आनुवंशिक पदार्थ उपस्थित होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-से सही हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सही हैं।
- आर.एच. व्हिटेकर द्वारा सुझाए गए पाँच जगत वर्गींकरण में अकोशिक जीवों का उल्लेख नहीं किया गया है। वाइरस, विरोइड और लाइकेन इन्हीं अकोशिक जीवों के उदाहरण हैं।
- वायरस की संरचना रवेदार होती है। एक बार जब ये किसी कोशिका को संक्रमित कर देते हैं तब उसकी मशीनरी का उपयोग अपनी प्रतिकृति बनाने में करते हैं तथा उस कोशिका को मार देते हैं।
- वाइरस में प्रोटीन और आनुवंशिक पदार्थ दोनों उपस्थित होते हैं। यह आनुवंशिक पदार्थ आर.एन.ए. अथवा डी.एन.ए. हो सकता है। किसी भी वाइरस में आर.एन.ए. अथवा डी.एन.ए. एक साथ नहीं होते हैं। वाइरस केंद्रक प्रोटीन (न्यूक्लियो प्रोटीन) और इसका आनुवंशिक पदार्थ संक्रामक होता है।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सही हैं।
- आर.एच. व्हिटेकर द्वारा सुझाए गए पाँच जगत वर्गींकरण में अकोशिक जीवों का उल्लेख नहीं किया गया है। वाइरस, विरोइड और लाइकेन इन्हीं अकोशिक जीवों के उदाहरण हैं।
- वायरस की संरचना रवेदार होती है। एक बार जब ये किसी कोशिका को संक्रमित कर देते हैं तब उसकी मशीनरी का उपयोग अपनी प्रतिकृति बनाने में करते हैं तथा उस कोशिका को मार देते हैं।
- वाइरस में प्रोटीन और आनुवंशिक पदार्थ दोनों उपस्थित होते हैं। यह आनुवंशिक पदार्थ आर.एन.ए. अथवा डी.एन.ए. हो सकता है। किसी भी वाइरस में आर.एन.ए. अथवा डी.एन.ए. एक साथ नहीं होते हैं। वाइरस केंद्रक प्रोटीन (न्यूक्लियो प्रोटीन) और इसका आनुवंशिक पदार्थ संक्रामक होता है।
-
Question 16 of 20
16. Question
1 pointsवाइरस के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. प्रायः सभी पादप वाइरस में एक लड़ी वाला आर.एन.ए. अथवा डी.एन.ए. जबकि सभी जंतु वाइरस में सदैव दोहरी लड़ी वाला आर.एन.ए. अथवा डी.एनए. होता है।
2. बैक्टीरियल अथवा जीवाणुभोजी प्रायः दोहरी लड़ी वाले डी.एन.ए. वाइरस होते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- प्रायः सभी पादप वाइरस में एक लड़ी वाला आर.एन.ए. अथवा डी.एन.ए. होता है जबकि सभी जंतु वाइरस में एक अथवा दोहरी लड़ी वाला आर.एन.ए. अथवा डी.एन.ए. होता है। अतः कथन (1) गलत है।
- बैक्टीरियल वाइरस अथवा जीवाणु भोजी (बैक्टीरियोफेज-आवरण वाइरस जो बैक्टीरिया पर संक्रमण करता है।) प्रायः दोहरी लड़ी वाले डी.एन.ए. होते हैं। अतः कथन (2) सही है।
Incorrect
व्याख्याः
- प्रायः सभी पादप वाइरस में एक लड़ी वाला आर.एन.ए. अथवा डी.एन.ए. होता है जबकि सभी जंतु वाइरस में एक अथवा दोहरी लड़ी वाला आर.एन.ए. अथवा डी.एन.ए. होता है। अतः कथन (1) गलत है।
- बैक्टीरियल वाइरस अथवा जीवाणु भोजी (बैक्टीरियोफेज-आवरण वाइरस जो बैक्टीरिया पर संक्रमण करता है।) प्रायः दोहरी लड़ी वाले डी.एन.ए. होते हैं। अतः कथन (2) सही है।
-
Question 17 of 20
17. Question
1 pointsविरोइड के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. ये वाइरस से कुछ बड़े होते हैं।
2. वायरस के विपरीत इसमें प्रोटीन आवरण का अभाव होता है।
3. इसमें आर.एन.ए. उपस्थित होता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- विरोइड की खोज टी.ओ. डाइनर द्वारा की गई। यह वाइरस से छोटा होता है। यह ‘पोटेटो स्पिंडल ट्यूबर’ नामक रोग का कारक है। अतः कथन (1) गलत है।
- वायरस के विपरीत इसमें प्रोटीन आवरण अनुपस्थित होता है जबकि, आर.एन.ए. उपस्थित होता है। अतः कथन (2) और (3) सही हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- विरोइड की खोज टी.ओ. डाइनर द्वारा की गई। यह वाइरस से छोटा होता है। यह ‘पोटेटो स्पिंडल ट्यूबर’ नामक रोग का कारक है। अतः कथन (1) गलत है।
- वायरस के विपरीत इसमें प्रोटीन आवरण अनुपस्थित होता है जबकि, आर.एन.ए. उपस्थित होता है। अतः कथन (2) और (3) सही हैं।
-
Question 18 of 20
18. Question
1 pointsलाइकेन शैवाल तथा कवक के सहजीवी सहवास का उदाहरण हैं। इनके संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. कवक शैवाल के लिये भोजन संश्लेषित करता है जबकि शैवाल कवक को आश्रय देने और उसके लिये खनिज तथा जल के अवशोषण करने का कार्य करता है।
2. ये प्रदूषण के बहुत अच्छे संकेतक हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- लाइकेन शैवाल तथा कवक के सहजीवी सहवास का उदाहरण हैं। इसका शैवाल घटक शैवालांश और कवक का घटक माइकोवायंट (कवकांश) कहलाता है जो क्रमशः स्वपोषी (Autotrophic) और परपोषी (Heterotrophic) होते हैं।
- शैवाल कवक के लिये भोजन संश्लेषित करता है जबकि कवक शैवाल को आश्रय देने और उसके लिये खनिज तथा जल के अवशोषण करने का कार्य करता है। अतः कथन 1 गलत है।
- चूँकि लाइकेन प्रदूषित क्षेत्रों में नहीं उगते हैं, अतः वे प्रदूषण के बहुत अच्छे संकेतक हैं। अतः कथन 2 सही है।
Incorrect
व्याख्याः
- लाइकेन शैवाल तथा कवक के सहजीवी सहवास का उदाहरण हैं। इसका शैवाल घटक शैवालांश और कवक का घटक माइकोवायंट (कवकांश) कहलाता है जो क्रमशः स्वपोषी (Autotrophic) और परपोषी (Heterotrophic) होते हैं।
- शैवाल कवक के लिये भोजन संश्लेषित करता है जबकि कवक शैवाल को आश्रय देने और उसके लिये खनिज तथा जल के अवशोषण करने का कार्य करता है। अतः कथन 1 गलत है।
- चूँकि लाइकेन प्रदूषित क्षेत्रों में नहीं उगते हैं, अतः वे प्रदूषण के बहुत अच्छे संकेतक हैं। अतः कथन 2 सही है।
-
Question 19 of 20
19. Question
1 pointsजैविक उपापचयी क्रियाओं के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. मानव शरीर में होने वाली सभी रासायनिक क्रियाएँ जैविक उपापचयी क्रियाएँ हैं।
2. किसी भी निर्जीव में ये क्रियाएँ नहीं होती हैं।
3. जैविक उपापचयी क्रियाओं को जीव के शरीर से बाहर परखनली में भी कराया जा सकता है।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- सभी जीव रसायनों से बने होते हैं और उनमें होने वाली रासायनिक क्रियाएँ उपापचयी क्रियाएँ हैं। मानव शरीर में होने वाली सभी रासायनिक क्रियाएँ भी जैविक उपापचयी क्रियाएँ हैं। अतः कथन 1 सही है।
- किसी भी निर्जीव में ये क्रियाएँ नहीं होती हैं। अतः कथन 2 भी सही है।
- जीव के शरीर से बाहर परखनली में की गई उपापचयी क्रियाएँ जैविक नहीं हैं, यद्यपि ये निश्चित ही जीवित क्रियाएँ हैं। अतः कथन 3 गलत है।
Incorrect
व्याख्याः
- सभी जीव रसायनों से बने होते हैं और उनमें होने वाली रासायनिक क्रियाएँ उपापचयी क्रियाएँ हैं। मानव शरीर में होने वाली सभी रासायनिक क्रियाएँ भी जैविक उपापचयी क्रियाएँ हैं। अतः कथन 1 सही है।
- किसी भी निर्जीव में ये क्रियाएँ नहीं होती हैं। अतः कथन 2 भी सही है।
- जीव के शरीर से बाहर परखनली में की गई उपापचयी क्रियाएँ जैविक नहीं हैं, यद्यपि ये निश्चित ही जीवित क्रियाएँ हैं। अतः कथन 3 गलत है।
-
Question 20 of 20
20. Question
1 pointsवर्गिकी पदानुक्रम (Taxonomic Hierarchy) के अंतर्गत आने वाले वंश (जीनस) उपवर्ग के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से सही है/हैं?
1. प्रत्येक वंश में एक अथवा एक से अधिक जाति संकेत पद हो सकते हैं।
2. शेर, चीता तथा बिल्ली तीनों एक ही वंश के अंतर्गत आते हैं।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये।Correct
- वर्गिकी संवर्गों (Taxonomic Category) का वर्गिकी पदानुक्रम (Taxonomic Hierarchy) इस प्रकार है-
- उपर्युक्त वर्गिकी पदानुक्रम में नीचे से ऊपर जाने पर जाति के बाद वंश आता है। अतः प्रत्येक वंश में एक अथवा एक से अधिक स्पीशीज़ अथवा जाति संकेत पद हो सकते हैं। अतः कथन 1 सही है।
- शेर, चीता तथा बिल्ली तीनों एक ही कुल (Family) के अंतर्गत आते हैं न कि वंश के। शेर और चीते का वंश एक है परंतु बिल्ली का अलग। अतः कथन 2 गलत है।
- उल्लेखनीय है कि जैसे-जैसे हम स्पीशीज़ से जगत की ओर ऊपर जाते हैं वैसे-वैसे समान गुणों में कमी आती है अर्थात् सबसे नीचे के संवर्ग के सदस्यों में सबसे अधिक गुण समान होंगे।
Incorrect