मानव भूगोल के मूल सिद्धांत टेस्ट 4
मानव भूगोल के मूल सिद्धांत टेस्ट 4
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इस टेस्ट में सम्मिलित प्रश्न कक्षा 12 की पुस्तक मानव भूगोल के मूल सिद्धांत (एन.सी.ई.आर.टी.) पर आधारित है| यदि आप ‘मानव भूगोल के मूल सिद्धांत’ विषय की अधिक जानकारी नहीं रखते है तो इस टेस्ट को देने से पहले आप पुस्तक का रिविजन अवश्य करें|
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Question 1 of 20
1. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किस क्षेत्र के क्रियाकलाप के अन्दर उच्चतर स्तर के निर्णय लेने तथा नीतियों का निर्माण करने वाले कार्य शामिल हैं?
Correct
व्याख्याः
- उच्चतर स्तर के निर्णय लेने तथा नीतियों का निर्माण करने वाले पंचम क्रियाकलापों को निभाते हैं। या दूसरे शब्दों में पंचम क्रियाकलाप वे सेवाएँ हैं जो नवीन एवं वर्तमान विचारों की रचना, उनके पुनर्गठन और व्याख्या; आँकड़ों की व्याख्या और प्रयोग तथा नई प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन पर केंद्रित होती हैं। इन्हें प्रायः ‘स्वर्ण कॉलर’ व्यवसाय कहते हैं। यह तृतीय सेक्टर का ही एक उप-विभाग है।
- इस विभाग के लोग वरिष्ठ व्यावसायिक कार्यकारियों, सरकारी अधिकारियों, अनुसंधान वैज्ञानिकों, वित्त एवं विधि परामर्शदाताओं इत्यादि की विशेष और उच्च वेतन वाली कुशलताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- उच्चतर स्तर के निर्णय लेने तथा नीतियों का निर्माण करने वाले पंचम क्रियाकलापों को निभाते हैं। या दूसरे शब्दों में पंचम क्रियाकलाप वे सेवाएँ हैं जो नवीन एवं वर्तमान विचारों की रचना, उनके पुनर्गठन और व्याख्या; आँकड़ों की व्याख्या और प्रयोग तथा नई प्रौद्योगिकी के मूल्यांकन पर केंद्रित होती हैं। इन्हें प्रायः ‘स्वर्ण कॉलर’ व्यवसाय कहते हैं। यह तृतीय सेक्टर का ही एक उप-विभाग है।
- इस विभाग के लोग वरिष्ठ व्यावसायिक कार्यकारियों, सरकारी अधिकारियों, अनुसंधान वैज्ञानिकों, वित्त एवं विधि परामर्शदाताओं इत्यादि की विशेष और उच्च वेतन वाली कुशलताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
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Question 2 of 20
2. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. विकसित अर्थव्यवस्थाओं में अधिक से अधिक कर्मी ज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत हैं।
2. तृतीयक एवं चतुर्थ क्रियाकलापों का बाह्यस्रोतन (Outsourcing) नहीं किया जा सकता है।
3. बाह्यस्रोतन सिर्फ द्वितीयक क्रियाकलापों का ही किया जा सकता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- ज्ञान का संबंध चतुर्थ क्रियाकलाप से है तथा वर्तमान में आर्थिक विकास के साथ-साथ चतुर्थ तथा तृतीय सेक्टर के क्रियाकलाप बड़ी तेज़ी से प्राथमिक एवं द्वितीयक क्रियाकलापों का स्थान ले रहे हैं। यही कारण है कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में अधिक-से-अधिक ज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत हैं।
- तृतीयक और चतुर्थक क्रियाकलापों का बाह्यस्रोतन किया जा सकता क्योंकि ये सेवाएँ संसाधनों से बंधी हुई, पर्यावरण से प्रभावित तथा अनिवार्य रूप से बाज़ार द्वारा स्थानीकृत नहीं हैं। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- प्राथमिक क्रियाकलापों का बाह्यस्रोतन (Outsourcing) नहीं किया जाता है। द्वितीयक, तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलापों का किया जा सकता है। अतः कथन (3) सही नहीं है।
- बाह्यस्रोतनः यह आर्थिक क्रियाओं में नई प्रवृत्ति है जिसके अंतर्गत लागतों को घटाने तथा दक्षता को बढ़ाने के लिये बाहरी अभिसरण को कार्य सौंपा जाता है।
- बाह्यस्रोतन मुख्यतः प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन, ग्राहक सहायता और कॉल सेंटर सेवाएँ और कई विनिर्माण तथा अभियांत्रिकी के लिये किया जा सकता है।
Incorrect
व्याख्याः
- ज्ञान का संबंध चतुर्थ क्रियाकलाप से है तथा वर्तमान में आर्थिक विकास के साथ-साथ चतुर्थ तथा तृतीय सेक्टर के क्रियाकलाप बड़ी तेज़ी से प्राथमिक एवं द्वितीयक क्रियाकलापों का स्थान ले रहे हैं। यही कारण है कि विकसित अर्थव्यवस्थाओं में अधिक-से-अधिक ज्ञान के क्षेत्र में कार्यरत हैं।
- तृतीयक और चतुर्थक क्रियाकलापों का बाह्यस्रोतन किया जा सकता क्योंकि ये सेवाएँ संसाधनों से बंधी हुई, पर्यावरण से प्रभावित तथा अनिवार्य रूप से बाज़ार द्वारा स्थानीकृत नहीं हैं। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- प्राथमिक क्रियाकलापों का बाह्यस्रोतन (Outsourcing) नहीं किया जाता है। द्वितीयक, तृतीयक और चतुर्थ क्रियाकलापों का किया जा सकता है। अतः कथन (3) सही नहीं है।
- बाह्यस्रोतनः यह आर्थिक क्रियाओं में नई प्रवृत्ति है जिसके अंतर्गत लागतों को घटाने तथा दक्षता को बढ़ाने के लिये बाहरी अभिसरण को कार्य सौंपा जाता है।
- बाह्यस्रोतन मुख्यतः प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन, ग्राहक सहायता और कॉल सेंटर सेवाएँ और कई विनिर्माण तथा अभियांत्रिकी के लिये किया जा सकता है।
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Question 3 of 20
3. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. संचार सेवाओं में शब्दों और संदेश तथ्यों का प्रेषण ही सम्मिलित है विचारों का नहीं।
2. सड़क जो दो नोडों को जोड़ती है, योजक कहलाती है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- संचार सेवाओं में शब्दों और संदेशों, तथ्यों और विचारों का भी प्रेषण सम्मिलित है। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- दो अथवा अधिक मार्गों का संधिस्थल, एक उद्गम बिंदु, एक गंतव्य बिंदु अथवा मार्ग के सहारे कोई बड़ा कस्बा नोड अथवा शीर्ष होता है। प्रत्येक सड़क जो दो नोडों को जोड़ती है, योजक अथवा किनारा कहलाती है।
Incorrect
व्याख्याः
- संचार सेवाओं में शब्दों और संदेशों, तथ्यों और विचारों का भी प्रेषण सम्मिलित है। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- दो अथवा अधिक मार्गों का संधिस्थल, एक उद्गम बिंदु, एक गंतव्य बिंदु अथवा मार्ग के सहारे कोई बड़ा कस्बा नोड अथवा शीर्ष होता है। प्रत्येक सड़क जो दो नोडों को जोड़ती है, योजक अथवा किनारा कहलाती है।
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Question 4 of 20
4. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. ग्रामीण विपणन केंद्रों में व्यक्तिगत और व्यावसायिक सेवाएँ सुविकसित नहीं होती हैं।
2. आवधिक बाज़ार नगरीय क्षेत्रों में नियमित रूप से लगाए जाते हैं।
3. नगरीय केंद्र विनिर्मित पदार्थों के साथ-साथ विशिष्टीकृत बाज़ार भी प्रस्तुत करते हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- ग्रामीण विपणन केंद्र स्थानीय संग्रहण और वितरण केंद्र होते हैं। इनमें से अधिकांश केंद्रों में मंडियाँ (थोक बाज़ार) और फुटकर व्यापार क्षेत्र भी होते हैं।
- ग्रामीण विपणन केंद्र निकटवर्ती बस्तियाँ का पोषण करते हैं। ये अर्द्धनगरीय केंद्र होते हैं।
- ये अत्यंत अल्पवर्द्धित प्रकार के व्यापारिक केंद्रों के रूप में सेवा करते हैं।
- यहाँ व्यक्तिगत और व्यावसायिक सेवाएँ सुविकसित नहीं होती हैं। अतः कथन (1) सही है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ नियमित बाज़ार नहीं होते हैं, विभिन्न कालिक अंतरालों पर स्थानीय आवधिक बाजार लगाए जाते हैं।
- आवधिक बाज़ार साप्ताहिक पाक्षिक बाज़ार होते हैं। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- नगरीय बाज़ार केंद्रों में और अधिक विशिष्टीकृत नगरीय सेवाएँ मिलती हैं। इनमें न केवल साधारण वस्तुएँ और सेवाएँ बल्कि लोगों द्वारा वांछित अनेक विशिष्ट वस्तुएँ एवं सेवाएँ भी उपलब्ध होती हैं। नगरीय केंद्र इसलिये विनिर्मित पदार्थों के साथ-साथ विशिष्टीकृत बाज़ार भी प्रस्तुत करते हैं। इसके अंतर्गत श्रम बाज़ार, आवासन, अर्द्धनिर्मित एवं निर्मित उत्पादों का बाज़ार आदि शामिल हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- ग्रामीण विपणन केंद्र स्थानीय संग्रहण और वितरण केंद्र होते हैं। इनमें से अधिकांश केंद्रों में मंडियाँ (थोक बाज़ार) और फुटकर व्यापार क्षेत्र भी होते हैं।
- ग्रामीण विपणन केंद्र निकटवर्ती बस्तियाँ का पोषण करते हैं। ये अर्द्धनगरीय केंद्र होते हैं।
- ये अत्यंत अल्पवर्द्धित प्रकार के व्यापारिक केंद्रों के रूप में सेवा करते हैं।
- यहाँ व्यक्तिगत और व्यावसायिक सेवाएँ सुविकसित नहीं होती हैं। अतः कथन (1) सही है।
- ग्रामीण क्षेत्रों में जहाँ नियमित बाज़ार नहीं होते हैं, विभिन्न कालिक अंतरालों पर स्थानीय आवधिक बाजार लगाए जाते हैं।
- आवधिक बाज़ार साप्ताहिक पाक्षिक बाज़ार होते हैं। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- नगरीय बाज़ार केंद्रों में और अधिक विशिष्टीकृत नगरीय सेवाएँ मिलती हैं। इनमें न केवल साधारण वस्तुएँ और सेवाएँ बल्कि लोगों द्वारा वांछित अनेक विशिष्ट वस्तुएँ एवं सेवाएँ भी उपलब्ध होती हैं। नगरीय केंद्र इसलिये विनिर्मित पदार्थों के साथ-साथ विशिष्टीकृत बाज़ार भी प्रस्तुत करते हैं। इसके अंतर्गत श्रम बाज़ार, आवासन, अर्द्धनिर्मित एवं निर्मित उत्पादों का बाज़ार आदि शामिल हैं।
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Question 5 of 20
5. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. फुटकर व्यापार का संबंध उपभोक्ताओं को वस्तुओं के प्रत्यक्ष विक्रय से है।
2. परिवहन मनुष्य की गतिशीलता की मूलभूत आवश्यकता को पूरा करने हेतु निर्मित एवं संगठित उद्योग है।
3. परिवहन की मांग जनसंख्या के आकार के व्युत्क्रमानुपाती होती है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः परिवहन की मांग जनसंख्या के आकार से प्रभावित होती है। जनसंख्या का आकार जितना बड़ा होगा परिवहन की मांग उतनी ही अधिक होगी अर्थात् परिवहन की मांग जनसंख्या के आकार के व्युत्क्रमानुपाती होती है। अतः कथन (3) सही नहीं है।
Incorrect
व्याख्याः परिवहन की मांग जनसंख्या के आकार से प्रभावित होती है। जनसंख्या का आकार जितना बड़ा होगा परिवहन की मांग उतनी ही अधिक होगी अर्थात् परिवहन की मांग जनसंख्या के आकार के व्युत्क्रमानुपाती होती है। अतः कथन (3) सही नहीं है।
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Question 6 of 20
6. Question
1 pointsरेडियो और दूरदर्शन निम्नलिखित में से किस क्रियाकलाप के अंतर्गत आते हैं?
Correct
व्याख्याः रेडियो और टेलीविजन जनसंचार का माध्यम हैं और दूरसंचार से संबंधित है जो तृतीयक क्षेत्र के क्रियाकलाप के अंतर्गत आता है। रेडियो और दूरदर्शन भी समाचारों, चित्रों व दूरभाष कालों का पूरे विश्व में विस्तृत श्रोताओं को प्रसारण करते हैं और इसलिये उन्हें जनसंचार माध्यम कहा जाता है।
Incorrect
व्याख्याः रेडियो और टेलीविजन जनसंचार का माध्यम हैं और दूरसंचार से संबंधित है जो तृतीयक क्षेत्र के क्रियाकलाप के अंतर्गत आता है। रेडियो और दूरदर्शन भी समाचारों, चित्रों व दूरभाष कालों का पूरे विश्व में विस्तृत श्रोताओं को प्रसारण करते हैं और इसलिये उन्हें जनसंचार माध्यम कहा जाता है।
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Question 7 of 20
7. Question
1 pointsस्टेइंग इन होम्स (घरों में रूकना) के संदर्भ में ‘मैडीकेरे और कूर्ग’ का संबंध निम्नलिखित में से किस एक राज्य से है?
Correct
व्याख्याः यदि कोई प्रदेश पर्यटकों की ज़रूरतों को सस्ते दाम में पूरा करता है तो अत्यंत लोकप्रिय हो जाता है। आजकल भारत के राज्यों में स्टेइंग इन होम्स (घरों में रुकना) एक लाभदायक व्यापार बनकर उभरा है, इसे गोवा में हेरीटेज तथा कर्नाटक में ‘मैडीकेरे और कूर्ग’ के नाम से जाना जाता है।
Incorrect
व्याख्याः यदि कोई प्रदेश पर्यटकों की ज़रूरतों को सस्ते दाम में पूरा करता है तो अत्यंत लोकप्रिय हो जाता है। आजकल भारत के राज्यों में स्टेइंग इन होम्स (घरों में रुकना) एक लाभदायक व्यापार बनकर उभरा है, इसे गोवा में हेरीटेज तथा कर्नाटक में ‘मैडीकेरे और कूर्ग’ के नाम से जाना जाता है।
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Question 8 of 20
8. Question
1 pointsबाह्यस्रोतन (Outsourcing) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. बाह्यस्रोतन दक्षता को घटाता है तथा लागत को बढ़ाता है।
2. कई कर विनिर्माण तथा अभियांत्रिकी का भी बाह्यस्रोतन किया जाता है।
3. बाह्यस्रोतन से संबंधित देश (जिस देश में बाह्यस्रोतन हो रहा है) से उत्प्रवास कम किया जा सकता है।
4. के.पी.ओ. में बी.पी.ओ.की अपेक्षा अधिक दक्ष कर्मी की आवश्यकता होती है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सही हैं?Correct
व्याख्याः
- बाह्यस्रोतन उन देशों में आ रहा है, जहाँ सस्ता और कुशल श्रम उपलब्ध है। यही कारण है कि बाह्यस्रोतन से कार्य की दक्षता बढ़ती है तथा कार्य की लागत घटती है अतः कथन (1) सही नहीं है।
- बाह्यस्रोतन (Outsourcing) जिस देश में हो रहा है, वे देश उत्प्रवास वाले देश हैं अतः बाह्यस्रोतन से संबंधित देशों से प्रवास को कम किया जा सकता है। अतः कथन (3) सही है।
- मुख्यतः बाह्यस्रोतन सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन, ग्राहक सहायता और कॉल सेंटर का किया जाता है, कई बार विनिर्माण और अभियांत्रिकी भी सम्मिलित की जाती हैं।
- के.पी.ओ. ज्ञान प्रकरण बाह्यस्रोतन उद्योग (Knowledge Process Outsourcing) सूचना प्रेरित ज्ञान का बाह्यस्रोतन है। यह कंपनियों को अतिरिक्त व्यावसायिक अवसरों को उत्पन्न करने में सहायक बनाता है। इसके अंतर्गत ई. लर्निंग, व्यवसाय अनुसंधान, बौद्धिक संपदा, अनुसंधान, कानूनी व्यवस्था और बैंकिंग सेक्टर आते हैं। के.पी.ओ, बी.पी.ओ. का ही उपवर्ग (Subset) है। दोनों ही किसी संगठन की व्यावसायिक क्रियाओं से संबंधित हैं, किंतु के.पी.ओ के अंतर्गत मूल प्रकार्य (Core Functions) आते हैं जो मातृ कंपनी को अधिक लाभ पहुँचाते हैं। इसमें अधिक दक्ष कर्मियों की आवश्यकता होती है जबकि बी.पी.ओ. में बहुत कुशल कर्मियों की आवश्यकता नहीं होती है, सामान्य लोग भी इसमें कार्य कर सकते हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- बाह्यस्रोतन उन देशों में आ रहा है, जहाँ सस्ता और कुशल श्रम उपलब्ध है। यही कारण है कि बाह्यस्रोतन से कार्य की दक्षता बढ़ती है तथा कार्य की लागत घटती है अतः कथन (1) सही नहीं है।
- बाह्यस्रोतन (Outsourcing) जिस देश में हो रहा है, वे देश उत्प्रवास वाले देश हैं अतः बाह्यस्रोतन से संबंधित देशों से प्रवास को कम किया जा सकता है। अतः कथन (3) सही है।
- मुख्यतः बाह्यस्रोतन सूचना प्रौद्योगिकी, मानव संसाधन, ग्राहक सहायता और कॉल सेंटर का किया जाता है, कई बार विनिर्माण और अभियांत्रिकी भी सम्मिलित की जाती हैं।
- के.पी.ओ. ज्ञान प्रकरण बाह्यस्रोतन उद्योग (Knowledge Process Outsourcing) सूचना प्रेरित ज्ञान का बाह्यस्रोतन है। यह कंपनियों को अतिरिक्त व्यावसायिक अवसरों को उत्पन्न करने में सहायक बनाता है। इसके अंतर्गत ई. लर्निंग, व्यवसाय अनुसंधान, बौद्धिक संपदा, अनुसंधान, कानूनी व्यवस्था और बैंकिंग सेक्टर आते हैं। के.पी.ओ, बी.पी.ओ. का ही उपवर्ग (Subset) है। दोनों ही किसी संगठन की व्यावसायिक क्रियाओं से संबंधित हैं, किंतु के.पी.ओ के अंतर्गत मूल प्रकार्य (Core Functions) आते हैं जो मातृ कंपनी को अधिक लाभ पहुँचाते हैं। इसमें अधिक दक्ष कर्मियों की आवश्यकता होती है जबकि बी.पी.ओ. में बहुत कुशल कर्मियों की आवश्यकता नहीं होती है, सामान्य लोग भी इसमें कार्य कर सकते हैं।
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Question 9 of 20
9. Question
1 pointsद्वितीयक क्रियाओं के संबंध में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. द्वितीयक गतिविधियों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का मूल्य बढ़ जाता है।
2. द्वितीयक क्रियाएँ परिवहन एवं संचार सेवा उद्योग से संबंधित हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- द्वितीयक क्रियाएँ विनिर्माण, प्रसंस्करण और निर्माण (अवसंरचना) उद्योग से संबंधित हैं। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- द्वितीयक गतिविधियों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का मूल्य बढ़ जाता है। प्रकृति में पाए जाने वाले कच्चे माल का रूप बदलकर ये उसे मूल्यवान बना देती हैं।
- उदाहरण के लिये- कपास का सीमित उपयोग है परंतु तंतु में परिवर्तित होने के बाद यह और अधिक मूल्यवान हो जाता है और इसका उपयोग वस्त्र बनाने में किया जा सकता है।
- खदानों से प्राप्त लौह अयस्क का हम प्रत्यक्ष उपयोग नहीं कर सकते, परंतु अयस्क से इस्पात बनाने के बाद यह मूल्यवान हो जाता है और इसका उपयोग कई प्रकार की मशीनों एवं औज़ार बनाने में होता है। अतः कथन (1) सही है।
Incorrect
व्याख्याः
- द्वितीयक क्रियाएँ विनिर्माण, प्रसंस्करण और निर्माण (अवसंरचना) उद्योग से संबंधित हैं। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- द्वितीयक गतिविधियों द्वारा प्राकृतिक संसाधनों का मूल्य बढ़ जाता है। प्रकृति में पाए जाने वाले कच्चे माल का रूप बदलकर ये उसे मूल्यवान बना देती हैं।
- उदाहरण के लिये- कपास का सीमित उपयोग है परंतु तंतु में परिवर्तित होने के बाद यह और अधिक मूल्यवान हो जाता है और इसका उपयोग वस्त्र बनाने में किया जा सकता है।
- खदानों से प्राप्त लौह अयस्क का हम प्रत्यक्ष उपयोग नहीं कर सकते, परंतु अयस्क से इस्पात बनाने के बाद यह मूल्यवान हो जाता है और इसका उपयोग कई प्रकार की मशीनों एवं औज़ार बनाने में होता है। अतः कथन (1) सही है।
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Question 10 of 20
10. Question
1 pointsविनिर्माण के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. विनिर्माण से आशय वस्तुओं के हस्तांतरण और वितरण से है।
2. विनिर्माण आधुनिक शक्ति के साधन एवं मशीनरी के द्वारा या पुराने साधनों द्वारा किया जाता है।
3. तृतीय विश्व के देश विनिर्माण कार्य में तीव्र प्रगति कर रहे हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- विनिर्माण से आशय किसी भी वस्तु का उत्पादन है, न कि वस्तुओं का हस्तांतरण और वितरण। अतः कथन (1) सही नहीं है। हस्तशिल्प कार्य से लेकर लोहे व इस्पात को गढ़ना, प्लास्टिक के खिलौने बनाना, कंप्यूटर के अति सूक्ष्म घटकों को जोड़ना एवं अंतरिक्ष यान निर्माण इत्यादि सभी प्रकार के उत्पादन को विनिर्माण के अंतर्गत ही माना जाता है।
- विनिर्माण आधुनिक शक्ति के साधन एवं मशीनरी के द्वारा या पुराने साधनों द्वारा किया जाता है। अतः कथन (2) सही है।
- विनिर्माण की सभी प्रक्रियाओं में कुछ सामान्य विशेषताएँ होती हैं, जैसे- शक्ति का उपयोग, एक ही प्रकार की वस्तुओं का विशाल उत्पादन एवं कारखानों में विशिष्ट श्रमिक जो मानक वस्तुओं का उत्पादन करते हैं।
- तृतीय विश्व के देशों से तात्पर्य उन अल्पविकसित देशों से है जो सामाजिक-आर्थिक रूप से अत्यंत पिछड़े हुए हैं तथा जहाँ अभी भी अत्यधिक जनंसख्या प्राथमिक क्रियाओं में संलग्न है और इन देशों की अर्थव्यवस्था प्राथमिक क्रियाओं पर निर्भर करती है।
- तृतीय विश्व के देशों में गरीबी तथा आर्थिक अभाव के कारण तकनीकी, मशीनरी तक पहुँच नहीं हो पाती है, यही कारण है कि इन देशों में विनिर्माण को अब भी शाब्दिक अर्थों में ही प्रयोग किया जाता है। अतः कथन (3) सही नहीं है।
Incorrect
व्याख्याः
- विनिर्माण से आशय किसी भी वस्तु का उत्पादन है, न कि वस्तुओं का हस्तांतरण और वितरण। अतः कथन (1) सही नहीं है। हस्तशिल्प कार्य से लेकर लोहे व इस्पात को गढ़ना, प्लास्टिक के खिलौने बनाना, कंप्यूटर के अति सूक्ष्म घटकों को जोड़ना एवं अंतरिक्ष यान निर्माण इत्यादि सभी प्रकार के उत्पादन को विनिर्माण के अंतर्गत ही माना जाता है।
- विनिर्माण आधुनिक शक्ति के साधन एवं मशीनरी के द्वारा या पुराने साधनों द्वारा किया जाता है। अतः कथन (2) सही है।
- विनिर्माण की सभी प्रक्रियाओं में कुछ सामान्य विशेषताएँ होती हैं, जैसे- शक्ति का उपयोग, एक ही प्रकार की वस्तुओं का विशाल उत्पादन एवं कारखानों में विशिष्ट श्रमिक जो मानक वस्तुओं का उत्पादन करते हैं।
- तृतीय विश्व के देशों से तात्पर्य उन अल्पविकसित देशों से है जो सामाजिक-आर्थिक रूप से अत्यंत पिछड़े हुए हैं तथा जहाँ अभी भी अत्यधिक जनंसख्या प्राथमिक क्रियाओं में संलग्न है और इन देशों की अर्थव्यवस्था प्राथमिक क्रियाओं पर निर्भर करती है।
- तृतीय विश्व के देशों में गरीबी तथा आर्थिक अभाव के कारण तकनीकी, मशीनरी तक पहुँच नहीं हो पाती है, यही कारण है कि इन देशों में विनिर्माण को अब भी शाब्दिक अर्थों में ही प्रयोग किया जाता है। अतः कथन (3) सही नहीं है।
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Question 11 of 20
11. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:1. उद्योग एक निर्माण इकाई होती है जिसकी भौगोलिक स्थिति अलग होती है एवं प्रबंध तंत्र के अंतर्गत लेखा-बही एवं रिकॉर्ड का रखरखाव रखा जाता है।
2. उद्योग एवं विनिर्माण समानार्थी नहीं हैं।
3. यंत्रीकरण से तात्पर्य किसी कार्य को पूर्ण करने के लिये मशीनों का प्रयोग करना।
4. अत्यधिक विशिष्टीकरण एवं श्रम विभाजन के द्वारा कम प्रयास एवं अधिक लागत से अधिक माल का उत्पादन करना आधुनिक निर्माण की प्रमुख विशेषता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- विनिर्माण का शाब्दिक अर्थ है ‘हाथ से बनाना’, फिर भी इसमें यंत्रों द्वारा बनाया गया सामान भी सम्मिलित किया जाता है।
- वैचारिक दृष्टिकोण से उद्योग एक निर्माण इकाई होती है जिसकी भौगोलिक स्थिति अलग होती है एवं प्रबंध तंत्र के अंतर्गत लेखा-बही एवं रिकॉर्ड का रखरखाव रखा जाता है।
- उद्योग एक व्यापक नाम है और इसे विनिर्माण के पर्यायवाची के रूप में भी देखा जाता है, जैसे जब कोई इस्पात उद्योग शब्दावली का प्रयोग करता है तब उसके मस्तिष्क में कारखाने एवं कारखानों में होने वाली विभिन्न प्रक्रियाओं का विचार उत्पन्न होता है। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- अत्यधिक विशिष्टीकरण एवं श्रम विभाजन के द्वारा कम प्रयास एवं अल्प लागत, न कि अधिक लागत से अधिक माल का उत्पादन करना आधुनिक निर्माण की विशेषता है| अतः कथन (4) सही नहीं है।
Incorrect
व्याख्याः
- विनिर्माण का शाब्दिक अर्थ है ‘हाथ से बनाना’, फिर भी इसमें यंत्रों द्वारा बनाया गया सामान भी सम्मिलित किया जाता है।
- वैचारिक दृष्टिकोण से उद्योग एक निर्माण इकाई होती है जिसकी भौगोलिक स्थिति अलग होती है एवं प्रबंध तंत्र के अंतर्गत लेखा-बही एवं रिकॉर्ड का रखरखाव रखा जाता है।
- उद्योग एक व्यापक नाम है और इसे विनिर्माण के पर्यायवाची के रूप में भी देखा जाता है, जैसे जब कोई इस्पात उद्योग शब्दावली का प्रयोग करता है तब उसके मस्तिष्क में कारखाने एवं कारखानों में होने वाली विभिन्न प्रक्रियाओं का विचार उत्पन्न होता है। अतः कथन (2) सही नहीं है।
- अत्यधिक विशिष्टीकरण एवं श्रम विभाजन के द्वारा कम प्रयास एवं अल्प लागत, न कि अधिक लागत से अधिक माल का उत्पादन करना आधुनिक निर्माण की विशेषता है| अतः कथन (4) सही नहीं है।
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Question 12 of 20
12. Question
1 pointsनिम्नलिखित में कौन-सी विनिर्माण की विशेषताएँ हैं?1. कौशल का विशिष्टीकरण
2. प्रौद्योगिकीय नवाचार
3. यंत्रीकरण
4. संगठनात्मक ढाँचा
कूटःCorrect
व्याख्याः
विनिर्माण की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
1. कौशल का विशिष्टीकरण-- शिल्प तरीके से कारखाने में थोड़ा ही सामान उत्पादित किया जाता है। जो कि आदेशानुसार बनाया जाता है अतः इसकी लागत अधिक आती है। जबकि अधिक उत्पादन का संबंध बड़े पैमाने पर बनाए जाने वाले सामान से है जिसमें प्रत्येक कारीगर निरंतर एक ही प्रकार का कार्य करता है।
2. यंत्रीकरण-
- यंत्रीकरण से तात्पर्य है किसी कार्य को पूर्ण करने के लिये मशीनों का प्रयोग करना। स्वचालित (निर्माण प्रक्रिया के दौरान मानव की सोच को सम्मिलित किए बिना कार्य) यंत्रीकरण की विकसित अवस्था है। आज विभिन्न उद्योगों में कंप्यूटरयुक्त स्वचालित मशीनें कार्य कर रही हैं जो अत्यंत जोखिम भरे कार्य बड़ी आसानी से कर लेती हैं। रसायन उद्योग में कंप्यूटरयुक्त स्वचालित मशीनों का अधिक प्रयोग किया जाता है।
3. प्रौद्योगिकीय नवाचार-
- प्रौद्योगिकी नवाचार शोध एवं अन्य युक्तियों के द्वारा विनिर्माण की गुणवत्ता को नियंत्रित करने, अपशिष्टों के निस्तारण एवं अदक्षता को समाप्त करने तथा प्रदूषण के विरुद्ध संघर्ष करने का महत्त्वपूर्ण पहलू है।
4. संगठनात्मक ढाँचा एवं स्तरीकरण- आधुनिक निर्माण की विशेषताएँ निम्न हैं-
- एक जटिल प्रौद्योगिक यंत्र
- अधिक पूंजी
- बड़े संगठन
- प्रशासकीय अधिकारी वर्ग
- अत्यधिक विशिष्टीकरण एवं श्रम विभाजन के द्वारा कम प्रयास एवं अल्प लागत से अधिक माल का उत्पादन करना।
Incorrect
व्याख्याः
विनिर्माण की विशेषताएँ निम्नलिखित हैं-
1. कौशल का विशिष्टीकरण-- शिल्प तरीके से कारखाने में थोड़ा ही सामान उत्पादित किया जाता है। जो कि आदेशानुसार बनाया जाता है अतः इसकी लागत अधिक आती है। जबकि अधिक उत्पादन का संबंध बड़े पैमाने पर बनाए जाने वाले सामान से है जिसमें प्रत्येक कारीगर निरंतर एक ही प्रकार का कार्य करता है।
2. यंत्रीकरण-
- यंत्रीकरण से तात्पर्य है किसी कार्य को पूर्ण करने के लिये मशीनों का प्रयोग करना। स्वचालित (निर्माण प्रक्रिया के दौरान मानव की सोच को सम्मिलित किए बिना कार्य) यंत्रीकरण की विकसित अवस्था है। आज विभिन्न उद्योगों में कंप्यूटरयुक्त स्वचालित मशीनें कार्य कर रही हैं जो अत्यंत जोखिम भरे कार्य बड़ी आसानी से कर लेती हैं। रसायन उद्योग में कंप्यूटरयुक्त स्वचालित मशीनों का अधिक प्रयोग किया जाता है।
3. प्रौद्योगिकीय नवाचार-
- प्रौद्योगिकी नवाचार शोध एवं अन्य युक्तियों के द्वारा विनिर्माण की गुणवत्ता को नियंत्रित करने, अपशिष्टों के निस्तारण एवं अदक्षता को समाप्त करने तथा प्रदूषण के विरुद्ध संघर्ष करने का महत्त्वपूर्ण पहलू है।
4. संगठनात्मक ढाँचा एवं स्तरीकरण- आधुनिक निर्माण की विशेषताएँ निम्न हैं-
- एक जटिल प्रौद्योगिक यंत्र
- अधिक पूंजी
- बड़े संगठन
- प्रशासकीय अधिकारी वर्ग
- अत्यधिक विशिष्टीकरण एवं श्रम विभाजन के द्वारा कम प्रयास एवं अल्प लागत से अधिक माल का उत्पादन करना।
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Question 13 of 20
13. Question
1 pointsउद्योगों की स्थिति को प्रभावित करने वाले निम्नलिखित में से कौन-सा /से कारक है/ हैं?
Correct
व्याख्याः
- उद्योग अपनी लागत घटाकर लाभ को बढ़ाते हैं इसलिये उद्योगों की स्थापना उस स्थान पर की जानी चाहिये जहाँ पर उत्पादन लागत कम आए।
उद्योगों की स्थिति को प्रभावित करने वाले कारक निम्न हैं-
1. बाज़ार तक अभिगम्यता- उद्योगों की स्थापना में सबसे प्रमुख कारक उसके द्वारा उत्पादित माल के लिये उपलब्ध बाज़ार का होना है।
2. कच्चे माल की प्राप्ति तक अभिगम्यता – उद्योग के लिये कच्चा माल अपेक्षाकृत सस्ता एवं सरलता से परिवहन योग्य होना चाहिये।- भारी वज़न, सस्ते मूल्य एवं वजन घटने वाले पदार्थों (अयस्क) पर आधारित उद्योग कच्चे माल के स्रोत स्थल के समीप ही स्थित हैं, जैसे- इस्पात, चीनी एवं सीमेंट उद्योग। कृषि प्रसंस्करण एवं डेरी उत्पादक क्रमशः कृषि उत्पादन क्षेत्रों के समीप ही संसाधित किये जाते हैं।
- श्रम आपूर्ति तक अभिगम्यता – उद्योगों की अवस्थिति में श्रम एक प्रमुख कारक है। बढ़ते हुए यंत्रीकरण, स्वचलन एवं औद्योगिक प्रक्रिया के लचीलेपन ने उद्योगों में श्रमिकों पर निर्भरता को कम किया है, फिर भी कुछ उद्योगों में अब भी कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होती है।
- शक्ति के साधनों तक अभिगम्यता – वे उद्योग जिनमें अधिक शक्ति की आवश्यकता होती है, ऊर्जा के स्रोतों के समीप लगाए जाते हैं, जैसे- एल्युमिनियम उद्योग।
परिवहन एवं संचार की सुविधाओं तक अभिगम्यता
- कच्चे माल को कारखाने तक लाने के लिये और परिष्कृत सामग्री को बाज़ार तक पहुँचाने के लिये तीव्र और सक्षम परिवहन सुविधाएँ औद्योगिक विकास के लिये अत्यावश्यक हैं। परिवहन लागत किसी औद्योगिक इकाई की अवस्थिति को निश्चित करने में महत्त्वपूर्ण कारक है।
- सरकारी नीति- संतुलित आर्थिक विकास हेतु सरकार प्रादेशिक नीति अपनाती है जिसके अंतर्गत विशिष्ट क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना की जाती है।
- समूहन अर्थव्यवस्था तक अभिगम्यता- उद्योगों के मध्य संबंध प्रधान उद्योग की समीपता से अन्य अनेक उद्योग लाभान्वित होते हैं | ये लाभ समूहन अर्थव्यवस्था के रूप में परिणत हो जाते हैं।
- विभिन्न उद्योगों के मध्य पाई जाने वाली खला से बचत की प्राप्ति होती है।
Incorrect
व्याख्याः
- उद्योग अपनी लागत घटाकर लाभ को बढ़ाते हैं इसलिये उद्योगों की स्थापना उस स्थान पर की जानी चाहिये जहाँ पर उत्पादन लागत कम आए।
उद्योगों की स्थिति को प्रभावित करने वाले कारक निम्न हैं-
1. बाज़ार तक अभिगम्यता- उद्योगों की स्थापना में सबसे प्रमुख कारक उसके द्वारा उत्पादित माल के लिये उपलब्ध बाज़ार का होना है।
2. कच्चे माल की प्राप्ति तक अभिगम्यता – उद्योग के लिये कच्चा माल अपेक्षाकृत सस्ता एवं सरलता से परिवहन योग्य होना चाहिये।- भारी वज़न, सस्ते मूल्य एवं वजन घटने वाले पदार्थों (अयस्क) पर आधारित उद्योग कच्चे माल के स्रोत स्थल के समीप ही स्थित हैं, जैसे- इस्पात, चीनी एवं सीमेंट उद्योग। कृषि प्रसंस्करण एवं डेरी उत्पादक क्रमशः कृषि उत्पादन क्षेत्रों के समीप ही संसाधित किये जाते हैं।
- श्रम आपूर्ति तक अभिगम्यता – उद्योगों की अवस्थिति में श्रम एक प्रमुख कारक है। बढ़ते हुए यंत्रीकरण, स्वचलन एवं औद्योगिक प्रक्रिया के लचीलेपन ने उद्योगों में श्रमिकों पर निर्भरता को कम किया है, फिर भी कुछ उद्योगों में अब भी कुशल श्रमिकों की आवश्यकता होती है।
- शक्ति के साधनों तक अभिगम्यता – वे उद्योग जिनमें अधिक शक्ति की आवश्यकता होती है, ऊर्जा के स्रोतों के समीप लगाए जाते हैं, जैसे- एल्युमिनियम उद्योग।
परिवहन एवं संचार की सुविधाओं तक अभिगम्यता
- कच्चे माल को कारखाने तक लाने के लिये और परिष्कृत सामग्री को बाज़ार तक पहुँचाने के लिये तीव्र और सक्षम परिवहन सुविधाएँ औद्योगिक विकास के लिये अत्यावश्यक हैं। परिवहन लागत किसी औद्योगिक इकाई की अवस्थिति को निश्चित करने में महत्त्वपूर्ण कारक है।
- सरकारी नीति- संतुलित आर्थिक विकास हेतु सरकार प्रादेशिक नीति अपनाती है जिसके अंतर्गत विशिष्ट क्षेत्रों में उद्योगों की स्थापना की जाती है।
- समूहन अर्थव्यवस्था तक अभिगम्यता- उद्योगों के मध्य संबंध प्रधान उद्योग की समीपता से अन्य अनेक उद्योग लाभान्वित होते हैं | ये लाभ समूहन अर्थव्यवस्था के रूप में परिणत हो जाते हैं।
- विभिन्न उद्योगों के मध्य पाई जाने वाली खला से बचत की प्राप्ति होती है।
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Question 14 of 20
14. Question
1 pointsस्वच्छंद उद्योगों (Footloose industry) के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:
1. स्वच्छंद उद्योग विशिष्ट कच्चे माल पर निर्भर करते हैं।
2. ये उद्योग संघटक पुर्जों पर निर्भर रहते हैं।
3. इनमें उत्पादन अत्यधिक मात्रा में होता है।
4. ये उद्योग प्रदूषण नहीं फैलाते हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- स्वच्छंद उद्योग (Footloose Industries) व्यापक विविधता वाले स्थानों में स्थिर होते हैं।
- ये उद्योग किसी विशिष्ट कच्चे माल पर निर्भर नहीं रहते हैं। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- इन उद्योगों में उत्पादन कम मात्रा में होता है एवं श्रमिकों की कम आवश्यकता होती है। जैसे- डायमंड उद्योग, कंप्यूटर चिप्स उद्योग। अतः कथन (3) सही नहीं है।
- ये उद्योग प्रदूषण नहीं फैलाते हैं।
- इनकी स्थापना में महत्त्वपूर्ण कारक सड़कों के जाल द्वारा अभिगम्यता होती है।
Incorrect
व्याख्याः
- स्वच्छंद उद्योग (Footloose Industries) व्यापक विविधता वाले स्थानों में स्थिर होते हैं।
- ये उद्योग किसी विशिष्ट कच्चे माल पर निर्भर नहीं रहते हैं। अतः कथन (1) सही नहीं है।
- इन उद्योगों में उत्पादन कम मात्रा में होता है एवं श्रमिकों की कम आवश्यकता होती है। जैसे- डायमंड उद्योग, कंप्यूटर चिप्स उद्योग। अतः कथन (3) सही नहीं है।
- ये उद्योग प्रदूषण नहीं फैलाते हैं।
- इनकी स्थापना में महत्त्वपूर्ण कारक सड़कों के जाल द्वारा अभिगम्यता होती है।
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Question 15 of 20
15. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सा उद्योग कृषि आधारित नहीं है।
Correct
व्याख्याः नमक रसायन आधारित उद्योग है न कि कृषि आधारित, अतः विकल्प (c) सही है।
Incorrect
व्याख्याः नमक रसायन आधारित उद्योग है न कि कृषि आधारित, अतः विकल्प (c) सही है।
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Question 16 of 20
16. Question
1 pointsनिम्नलिखित में कौन-सा वन आधारित उद्योग है?
Correct
व्याख्याः तारपीन उद्योग वन आधारित उद्योग है। इसके अलावा इमारती लकड़ी, लाख व कागज भी वन आधारित उद्योग हैं। कॉफी कृषि आधारित उद्योग है तथा कृत्रिम रेशा, पेट्रो रसायन रसायन आधारित उद्योग हैं।
Incorrect
व्याख्याः तारपीन उद्योग वन आधारित उद्योग है। इसके अलावा इमारती लकड़ी, लाख व कागज भी वन आधारित उद्योग हैं। कॉफी कृषि आधारित उद्योग है तथा कृत्रिम रेशा, पेट्रो रसायन रसायन आधारित उद्योग हैं।
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Question 17 of 20
17. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:1. चीनी, सूती वस्त्र एवं वनस्पति तेल उद्योग स्वच्छंद उद्योग हैं।
2. खनिज तेल एवं जल-विद्युत शक्ति के विकास ने उद्योगों की अवस्थिति कारक के रूप में कोयला शक्ति के महत्त्व को कम किया है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही है/हैं?Correct
व्याख्याः
- चीनी, सूती वस्त्र एवं वनस्पति तेल उद्योग स्वच्छंद नहीं बल्कि कृषि आधारित उद्योग हैं।
- स्वच्छंद उद्योग कच्चे माल पर निर्भर नहीं होते हैं जबकि चीनी, सूत्री वस्त्र एवं वनस्पति तेल उद्योग कच्चे माल पर निर्भर रहने वाले उद्योग हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- चीनी, सूती वस्त्र एवं वनस्पति तेल उद्योग स्वच्छंद नहीं बल्कि कृषि आधारित उद्योग हैं।
- स्वच्छंद उद्योग कच्चे माल पर निर्भर नहीं होते हैं जबकि चीनी, सूत्री वस्त्र एवं वनस्पति तेल उद्योग कच्चे माल पर निर्भर रहने वाले उद्योग हैं।
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Question 18 of 20
18. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:1. पूंजी व परिवहन कुटीर उद्योग को अधिक प्रभावित करते हैं।
2. छोटे पैमाने के उद्योग विकासशील देशों की विशेषता है।
3. पत्तन नगरों ने भारत में उद्योगों को आकर्षित किया है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- पूंजी एवं परिवहन कुटीर उद्योगों को अधिक प्रभावित नहीं करते हैं क्योंकि कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित वस्तुओं का व्यापारिक महत्त्व कम होता है एवं अधिकतर उपकरण स्थानीय लोगों द्वारा निर्मित होते हैं| अतः कथन (1) सही नहीं है।
- भारत, चीन, इंडोनेशिया एवं ब्राज़ील जैसे देशों ने अपनी जनसंख्या को रोज़गार उपलब्ध करवाने के लिये इस प्रकार के श्रम-सघन छोटे पैमाने के उद्योग प्रांरभ किये हैं। अतः कथन (2) सही है।
- उद्योगों के लिये मशीन आदि का विदेशों से आयात पत्तनों के कारण ही संभव हो पाया, जैसे मुंबई पत्तन के कारण सूती वस्त्र उद्योग के विकास में सहायता मिली। देश के प्रमुख पत्तनों से कच्चे माल का आयात, मशीनों का आयात तथा अन्य आवश्यक सामग्री का आयात किया जाता है| यही कारण रहा है कि प्रमुख पत्तन नगरों में अधिक उद्योगों की स्थापना हुई।
Incorrect
व्याख्याः
- पूंजी एवं परिवहन कुटीर उद्योगों को अधिक प्रभावित नहीं करते हैं क्योंकि कुटीर उद्योगों द्वारा निर्मित वस्तुओं का व्यापारिक महत्त्व कम होता है एवं अधिकतर उपकरण स्थानीय लोगों द्वारा निर्मित होते हैं| अतः कथन (1) सही नहीं है।
- भारत, चीन, इंडोनेशिया एवं ब्राज़ील जैसे देशों ने अपनी जनसंख्या को रोज़गार उपलब्ध करवाने के लिये इस प्रकार के श्रम-सघन छोटे पैमाने के उद्योग प्रांरभ किये हैं। अतः कथन (2) सही है।
- उद्योगों के लिये मशीन आदि का विदेशों से आयात पत्तनों के कारण ही संभव हो पाया, जैसे मुंबई पत्तन के कारण सूती वस्त्र उद्योग के विकास में सहायता मिली। देश के प्रमुख पत्तनों से कच्चे माल का आयात, मशीनों का आयात तथा अन्य आवश्यक सामग्री का आयात किया जाता है| यही कारण रहा है कि प्रमुख पत्तन नगरों में अधिक उद्योगों की स्थापना हुई।
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Question 19 of 20
19. Question
1 pointsनिम्नलिखित में कौन-सी एक अर्थव्यवस्था में उत्पादन का स्वामित्व व्यक्तिगत एवं सार्वजनिक दोनों होता है?
Correct
व्याख्याः मिश्रित अर्थव्यवस्था में निजी एवं सार्वजनिक दोनों प्रकार के उद्यम पाए जाते हैं| अतः विकल्प (a) सही है।
Incorrect
व्याख्याः मिश्रित अर्थव्यवस्था में निजी एवं सार्वजनिक दोनों प्रकार के उद्यम पाए जाते हैं| अतः विकल्प (a) सही है।
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Question 20 of 20
20. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये:1. उद्योग, जिनके उत्पाद को अन्य वस्तुएँ बनाने के लिये कच्चे माल के रूप में प्रयोग में लाया जाता है, आधारभूत उद्योग कहलाते हैं।
2. पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में उत्पादन का स्वामित्व व्यक्तिगत होता है।
3. सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों का संचालन निजी और सरकारी दोनों के द्वारा किया जाता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सही नहीं है/हैं?Correct
व्याख्याः
- सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग सरकार के अधीन होते हैं।
- इस प्रकार के उद्योग में निजी स्वामित्व नहीं होता है अतः कथन (3) सही नहीं है।
Incorrect
व्याख्याः
- सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योग सरकार के अधीन होते हैं।
- इस प्रकार के उद्योग में निजी स्वामित्व नहीं होता है अतः कथन (3) सही नहीं है।
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