प्राचीन-भारत टेस्ट 9
प्राचीन-भारत टेस्ट 9
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इस टेस्ट में सम्मिलित प्रश्न एन.सी.ई.आर.टी. पर आधारित है|
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Question 1 of 20
1. Question
1 pointsअशोक की उपाधि ‘देवानांपिय पियदसि’ के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. देवानांपिय पियदसि उपाधि अशोक द्वारा हिंदू धर्म में उसकी आस्था का प्रतीक है।
2. यह उपाधि संगम राजाओं ने भी धारण की।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- अशोक ने मगध के राजसिंहासन पर बैठने के पश्चात देवानांपिय पियदसि की उपाधि धारण की। यह प्रथम लघु शिलालेख को छोड़कर अन्य सब अभिलेखों में मिलता है,जो उसकी हिंदू धर्म में आस्था का प्रतीक है।
- ‘देवानांपिय पियदसि’ उपाधि तमिल में अनूदित संगम में उल्लिखित राजाओं ने धारण की।
Incorrect
व्याख्याः
- अशोक ने मगध के राजसिंहासन पर बैठने के पश्चात देवानांपिय पियदसि की उपाधि धारण की। यह प्रथम लघु शिलालेख को छोड़कर अन्य सब अभिलेखों में मिलता है,जो उसकी हिंदू धर्म में आस्था का प्रतीक है।
- ‘देवानांपिय पियदसि’ उपाधि तमिल में अनूदित संगम में उल्लिखित राजाओं ने धारण की।
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Question 2 of 20
2. Question
1 pointsमौर्य साम्राज्य के पतन के कारणों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. अशोक की धार्मिक नीति और यज्ञविरोधी रूख से ब्राह्मणों में प्रतिक्रिया हुई।
2. मौर्य शासन में वित्तीय संकट उत्पन्न हो गया।
3. प्रांतों में दमनकारी शासन था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- अशोक की धार्मिक नीति ब्राह्मणों के विरुद्ध थी। उसने पशु-पक्षियों के वध को निषिद्ध कर दिया और कर्मकांडीय अनुष्ठानों पर रोक लगाई जिसके परिणामस्वरूप ब्राह्मणों की आय में कमी आई, और ब्राह्मणों में उसके प्रति विद्वेष की भावना जागी। मौर्य साम्राज्य के खंडहर पर खड़े हुए नए राज्यों के शासक ब्राह्मण हुए।
- सेना और प्रशासनिक अधिकारियों पर होने वाले भारी खर्च के बोझ से मौर्य साम्राज्य के सामने वित्तीय संकट उत्पन्न हो गया था। अशोक ने बौद्ध भिक्षुओं को इतना दान दिया कि राजकोष ही खाली हो गया। अंतिम अवस्था में अपने खर्च को पूरा करने के लिये मौर्यों शासकों को सोने की देवप्रतिमाएँ तक गलानी पड़ी
- साम्राज्य के टूटने का एक महत्त्वपूर्ण कारण था प्रांतों में दमनकारी शासन। अशोक के कलिंग अभिलेख में बताया गया है कि प्रांतों में हो रहे अत्याचारों से वह बड़ा चिंतित था।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- अशोक की धार्मिक नीति ब्राह्मणों के विरुद्ध थी। उसने पशु-पक्षियों के वध को निषिद्ध कर दिया और कर्मकांडीय अनुष्ठानों पर रोक लगाई जिसके परिणामस्वरूप ब्राह्मणों की आय में कमी आई, और ब्राह्मणों में उसके प्रति विद्वेष की भावना जागी। मौर्य साम्राज्य के खंडहर पर खड़े हुए नए राज्यों के शासक ब्राह्मण हुए।
- सेना और प्रशासनिक अधिकारियों पर होने वाले भारी खर्च के बोझ से मौर्य साम्राज्य के सामने वित्तीय संकट उत्पन्न हो गया था। अशोक ने बौद्ध भिक्षुओं को इतना दान दिया कि राजकोष ही खाली हो गया। अंतिम अवस्था में अपने खर्च को पूरा करने के लिये मौर्यों शासकों को सोने की देवप्रतिमाएँ तक गलानी पड़ी
- साम्राज्य के टूटने का एक महत्त्वपूर्ण कारण था प्रांतों में दमनकारी शासन। अशोक के कलिंग अभिलेख में बताया गया है कि प्रांतों में हो रहे अत्याचारों से वह बड़ा चिंतित था।
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Question 3 of 20
3. Question
1 pointsमौर्य काल के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
Correct
व्याख्याः
- मौर्य शासन में मयूर, पर्वत और अर्ध-चंद्र की छापवाले आहत रजत-मुद्राएँ मान्य थी। ये मुद्राएँ कर की वसूली और अधिकारियों के वेतन भुगतान में सुविधाप्रद हुई होगी और अपनी शुद्ध समरूपता के कारण व्यापक क्षेत्र में बाजार की लेन-देन में सुविधा के साथ चलती थी। अतः कथन (b) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य है।
- प्रांतों में हो रहे अत्याचारों को दूर करने के लिये अशोक ने तोसली, उज्जैन और तक्षशिला के अधिकारियों के स्थानांतरण की परिपाटी चलाई।
- मौर्य काल में ही पूर्वोत्तर भारत में सर्वप्रथम पकाई हुई ईंट का प्रयोग हुआ। मकान ईंटों के भी बनते थे और लकड़ी के भी।
- प्रायद्वीपीय भारत में राज्य स्थापित करने की प्रेरणा न केवल चेदियों और सातवाहनों को बल्कि चेरों (केरलपुत्रों), चोलों और पाण्ड्यों को भी मौर्यों से ही मिली है।
Incorrect
व्याख्याः
- मौर्य शासन में मयूर, पर्वत और अर्ध-चंद्र की छापवाले आहत रजत-मुद्राएँ मान्य थी। ये मुद्राएँ कर की वसूली और अधिकारियों के वेतन भुगतान में सुविधाप्रद हुई होगी और अपनी शुद्ध समरूपता के कारण व्यापक क्षेत्र में बाजार की लेन-देन में सुविधा के साथ चलती थी। अतः कथन (b) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य है।
- प्रांतों में हो रहे अत्याचारों को दूर करने के लिये अशोक ने तोसली, उज्जैन और तक्षशिला के अधिकारियों के स्थानांतरण की परिपाटी चलाई।
- मौर्य काल में ही पूर्वोत्तर भारत में सर्वप्रथम पकाई हुई ईंट का प्रयोग हुआ। मकान ईंटों के भी बनते थे और लकड़ी के भी।
- प्रायद्वीपीय भारत में राज्य स्थापित करने की प्रेरणा न केवल चेदियों और सातवाहनों को बल्कि चेरों (केरलपुत्रों), चोलों और पाण्ड्यों को भी मौर्यों से ही मिली है।
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Question 4 of 20
4. Question
1 pointsचीन की दीवार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. चीन के राजा शीह हुआँग ती ने यूनानियों के हमले से अपने साम्राज्य की सुरक्षा के लिये चीन की दीवार का निर्माण करवाया।
2. यूनानियों ने उत्तर अफगानिस्तान में बैक्ट्रिया नामक राज्य स्थापित किया।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- चीन की दीवार का निर्माण राजा शीह हुआँग ती ने सीथियन शकों के हमले से अपने साम्राज्य की सुरक्षा के और लिये करवाया। अतः कथन (1) असत्य है।
- यूनानियों ने उत्तर अफगानिस्तान में बैक्ट्रिया नामक राज्य स्थापित किया था। अतः कथन (2) सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- चीन की दीवार का निर्माण राजा शीह हुआँग ती ने सीथियन शकों के हमले से अपने साम्राज्य की सुरक्षा के और लिये करवाया। अतः कथन (1) असत्य है।
- यूनानियों ने उत्तर अफगानिस्तान में बैक्ट्रिया नामक राज्य स्थापित किया था। अतः कथन (2) सत्य है।
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Question 5 of 20
5. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किसने प्राचीन भारत पर सर्वप्रथम आक्रमण किया था?
Correct
व्याख्याः यूनानियों ने सर्वप्रथम 206 ई. पू. में भारत पर आक्रमण किया था।
Incorrect
व्याख्याः यूनानियों ने सर्वप्रथम 206 ई. पू. में भारत पर आक्रमण किया था।
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Question 6 of 20
6. Question
1 pointsअशोक द्वारा नियुक्त अधिकारियों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
(a) ‘धम्ममहामात्र’ अधिकारियों को पुरस्कार और दंड देने का अधिकार सौंपा गया था।
(b) समाज में धर्म का प्रचार करने के लिये ‘राजूक’ की नियुक्ति की गई थी।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन असत्य हैं।
- अशोक ने ‘धम्ममहामात्र’ की नियुक्ति समाज के विभिन्न वर्गों के बीच धर्म का प्रचार करने के लिये की थी।
- ‘राजूक’ अधिकारियों को पुरस्कार देने और दंड देने का अधिकार दिया गया था।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन असत्य हैं।
- अशोक ने ‘धम्ममहामात्र’ की नियुक्ति समाज के विभिन्न वर्गों के बीच धर्म का प्रचार करने के लिये की थी।
- ‘राजूक’ अधिकारियों को पुरस्कार देने और दंड देने का अधिकार दिया गया था।
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Question 7 of 20
7. Question
1 pointsअशोक द्वारा किये गए सामाजिक सुधारों के संदर्भ में निम्न कथनों पर विचार कीजियेः
1. पशु-पक्षियों के शिकार पर रोक लगाई गई।
2. सामाजिक उत्सवों को बंद करवा दिया गया।
3. राज्य में अनेकता में एकता स्थापित करने का प्रयास किया।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- अशोक कर्मकांडों का विरोधी था, विशेषकर स्त्रियों में प्रचलित अनुष्ठानों का विरोधी था। उसने कई तरह के पशु-पक्षियों की हिंसा पर रोक लगा दी थी।
- उसने ऐसे तड़क-भड़क वाले सामाजिक समारोहों पर रोक लगा दी जिनमें लोग रंगरेलियाँ मनाते थे, जो सामाजिक कुरीतियों के प्रतीक थे।
- अशोक ने देश में राजनीतिक एकता स्थापित करने का प्रयास किया । उसने एक धर्म, एक भाषा और प्रायः एक लिपि के सूत्र में सारे देश को बाँध दिया। उसने सहनशील धार्मिक नीति चलाई। उसने प्रजा पर बौद्ध धर्म लादने की चेष्टा नहीं की, प्रत्युत उसने हर संप्रदाय के लिये दान दिये। उसके पास पर्याप्त साधन-संपदा होने के बाद भी कलिंग विजय के बाद और कोई युद्ध नहीं किया। इस अर्थ में वह अपने समय और अपनी पीढ़ी से बहुत आगे था।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- अशोक कर्मकांडों का विरोधी था, विशेषकर स्त्रियों में प्रचलित अनुष्ठानों का विरोधी था। उसने कई तरह के पशु-पक्षियों की हिंसा पर रोक लगा दी थी।
- उसने ऐसे तड़क-भड़क वाले सामाजिक समारोहों पर रोक लगा दी जिनमें लोग रंगरेलियाँ मनाते थे, जो सामाजिक कुरीतियों के प्रतीक थे।
- अशोक ने देश में राजनीतिक एकता स्थापित करने का प्रयास किया । उसने एक धर्म, एक भाषा और प्रायः एक लिपि के सूत्र में सारे देश को बाँध दिया। उसने सहनशील धार्मिक नीति चलाई। उसने प्रजा पर बौद्ध धर्म लादने की चेष्टा नहीं की, प्रत्युत उसने हर संप्रदाय के लिये दान दिये। उसके पास पर्याप्त साधन-संपदा होने के बाद भी कलिंग विजय के बाद और कोई युद्ध नहीं किया। इस अर्थ में वह अपने समय और अपनी पीढ़ी से बहुत आगे था।
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Question 8 of 20
8. Question
1 pointsमौर्य शासन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. राज्य का प्रशासन समितियों द्वारा किया जाता था।
2. राज्य में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण किया जाता था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- मौर्य शासन समितियों की सहायता से किया जाता था। ग्रामांचल और नगरांचल दोनों में प्रशासन की व्यवस्था थी। पाटलिपुत्र का प्रशासन छः समितियाँ करती थी
- मौर्य प्रशासन में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण किया जाता था। प्रशासन के कार्य हेतु बनाई गई समितियाँ सफाई, विदेशियों की रक्षा, बाटों और मापों का नियमन आदि कार्य करती थीं।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- मौर्य शासन समितियों की सहायता से किया जाता था। ग्रामांचल और नगरांचल दोनों में प्रशासन की व्यवस्था थी। पाटलिपुत्र का प्रशासन छः समितियाँ करती थी
- मौर्य प्रशासन में जन्म और मृत्यु का पंजीकरण किया जाता था। प्रशासन के कार्य हेतु बनाई गई समितियाँ सफाई, विदेशियों की रक्षा, बाटों और मापों का नियमन आदि कार्य करती थीं।
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Question 9 of 20
9. Question
1 pointsअशोक से पूर्व निम्नलिखित में से किस शासक ने शान्तिवादी नीति को अपनाया था।
Correct
व्याख्याः
- ईसा-पूर्व चौदहवीं सदी में मिश्र के शासक अखनातून ने शांतिवादी नीति को अपनाया था।
Incorrect
व्याख्याः
- ईसा-पूर्व चौदहवीं सदी में मिश्र के शासक अखनातून ने शांतिवादी नीति को अपनाया था।
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Question 10 of 20
10. Question
1 pointsमौर्य वंश के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये।
1. इस वंश का संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य था।
2. ‘मुद्राराक्षस’ में मौर्य वंश का वर्णन किया गया है।
3. मौर्य वंश के समय पश्चिमोत्तर भारत सेल्यूकस के अधीन था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- मौर्य वंश का संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य था। उसने कौटिल्य नाम से विदित चाणक्य की सहायता से नंद वंश का तख़्ता पलट कर मौर्य वंश का शासन कायम किया।
- नौवीं सदी में विशाखदत्त ने मुद्राराक्षस नामक नाटक की रचना की, जिसमें चन्द्रगुप्त द्वारा मगध के सिंहासन पर अधिकार करने का वर्णन किया गया है।
- ‘जस्टिन’ नामक यूनानी लेखक के अनुसार चन्द्रगुप्त ने पश्चिमोत्तर भारत को सेल्यूकस की गुलामी से मुक्त किया। यह प्रदेश सिन्धु के पश्चिम में पड़ता था।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- मौर्य वंश का संस्थापक चन्द्रगुप्त मौर्य था। उसने कौटिल्य नाम से विदित चाणक्य की सहायता से नंद वंश का तख़्ता पलट कर मौर्य वंश का शासन कायम किया।
- नौवीं सदी में विशाखदत्त ने मुद्राराक्षस नामक नाटक की रचना की, जिसमें चन्द्रगुप्त द्वारा मगध के सिंहासन पर अधिकार करने का वर्णन किया गया है।
- ‘जस्टिन’ नामक यूनानी लेखक के अनुसार चन्द्रगुप्त ने पश्चिमोत्तर भारत को सेल्यूकस की गुलामी से मुक्त किया। यह प्रदेश सिन्धु के पश्चिम में पड़ता था।
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Question 11 of 20
11. Question
1 pointsनिम्नलिखित में किस अभिलेख से ‘अशोक’ के नाम का उल्लेख किया गया है?
Correct
व्याख्याः
- ‘अशोक’ के नाम का उल्लेख केवल प्रथम लघु शिलालेख में किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि मास्की, गुर्जरा एवं उदेगोलम के लेखों में भी अशोक का व्यक्तिगत नाम मिलता है।
Incorrect
व्याख्याः
- ‘अशोक’ के नाम का उल्लेख केवल प्रथम लघु शिलालेख में किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि मास्की, गुर्जरा एवं उदेगोलम के लेखों में भी अशोक का व्यक्तिगत नाम मिलता है।
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Question 12 of 20
12. Question
1 pointsमौर्य साम्राज्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?
1. किसान अपनी उपज का दसवाँ हिस्सा कर के रूप में देते थे।
2. इस काल में किसानों से सिंचाई कर लिया जाता था।
3. मौर्यों का शासन पूर्वोत्तर भारत को छोड़कर तमिलनाडु सहित सारे भारतीय उपमहाद्वीप में फैला हुआ था।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेःCorrect
व्याख्याः
- किसान अपनी उपज का चौथे हिस्से से लेकर छठे हिस्से तक कर के रूप में देते थे। अतः कथन (1) असत्य है।
- जिन किसानों को सिंचाई सुविधा दी गई थी, उनसे सिंचाई कर लिया जाता था। अतः कथन (2) सत्य है।
- मौर्यों का शासन भारत में केवल तमिलनाडु तथा पूर्वोत्तर भारत के भाग को छोड़कर समस्त भारतीय उपमहाद्वीप में फैला हुआ था। अतः कथन (3) असत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- किसान अपनी उपज का चौथे हिस्से से लेकर छठे हिस्से तक कर के रूप में देते थे। अतः कथन (1) असत्य है।
- जिन किसानों को सिंचाई सुविधा दी गई थी, उनसे सिंचाई कर लिया जाता था। अतः कथन (2) सत्य है।
- मौर्यों का शासन भारत में केवल तमिलनाडु तथा पूर्वोत्तर भारत के भाग को छोड़कर समस्त भारतीय उपमहाद्वीप में फैला हुआ था। अतः कथन (3) असत्य है।
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Question 13 of 20
13. Question
1 pointsअशोक के अभिलेखों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. अशोक अभिलेखों के सहारे अपनी प्रजा को संबोधित करने वाला पहला भारतीय राजा था।
2. इन अभिलेखों को पाँच श्रेणियों में बाँटा जाता है।
3. ये अभिलेख स्थापत्य संरचना के श्रेष्ठ उदाहरण हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- अशोक पहला भारतीय राजा हुआ जिसने अपने अभिलेखों के सहारे सीधे अपनी प्रजा को संबोधित किया। इन अभिलेखों में राजा के आदेश सूचित किये गए हैं। अतः कथन (1) सत्य है।
- अशोक के अभिलेखों को पाँच श्रेणियों में बाँटा गया हैः दीर्घ शिलालेख, लघु शिलालेख, पृथक शिलालेख, दीर्घ स्तंभलेख और लघु स्तंभलेख। उल्लेखनीय है कि प्रथम लघु शिलालेख को छोड़कर अन्य सभी अभिलेखों में अशोक के नाम के स्थान पर केवल देवानांपिय पियदसि (देवों का प्यारा) उसकी उपाधि के रूप में मिलता है। अतः कथन (2) सत्य है।
- अशोक के प्रस्तर-स्तंभ स्थापत्य संरचना के भाग नहीं है बल्कि ये पृथक रचनाएँ हैं। अतः कथन (3) असत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- अशोक पहला भारतीय राजा हुआ जिसने अपने अभिलेखों के सहारे सीधे अपनी प्रजा को संबोधित किया। इन अभिलेखों में राजा के आदेश सूचित किये गए हैं। अतः कथन (1) सत्य है।
- अशोक के अभिलेखों को पाँच श्रेणियों में बाँटा गया हैः दीर्घ शिलालेख, लघु शिलालेख, पृथक शिलालेख, दीर्घ स्तंभलेख और लघु स्तंभलेख। उल्लेखनीय है कि प्रथम लघु शिलालेख को छोड़कर अन्य सभी अभिलेखों में अशोक के नाम के स्थान पर केवल देवानांपिय पियदसि (देवों का प्यारा) उसकी उपाधि के रूप में मिलता है। अतः कथन (2) सत्य है।
- अशोक के प्रस्तर-स्तंभ स्थापत्य संरचना के भाग नहीं है बल्कि ये पृथक रचनाएँ हैं। अतः कथन (3) असत्य है।
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Question 14 of 20
14. Question
1 pointsनिम्नलिखित में किस स्थान पर अशोक के अभिलेखों की भाषा और लिपि दोनों यूनानी हैं?
Correct
व्याख्याः
- अशोक के अभिलेखों की भाषा और लिपि क्रमशः आरामाइक और यूनानी दोनों हैं।
- उल्लेखनीय है कि ये अभिलेख भारत में ब्राह्मी लिपि में लिखित है। किंतु पश्चिमोत्तर भाग में ये खरोष्ठी और आरामाइक लिपियों में हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- अशोक के अभिलेखों की भाषा और लिपि क्रमशः आरामाइक और यूनानी दोनों हैं।
- उल्लेखनीय है कि ये अभिलेख भारत में ब्राह्मी लिपि में लिखित है। किंतु पश्चिमोत्तर भाग में ये खरोष्ठी और आरामाइक लिपियों में हैं।
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Question 15 of 20
15. Question
1 pointsसम्राट अशोक के कलिंग युद्ध के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
Correct
व्याख्याः
- कलिंग युद्ध का वर्णन तेरहवें मुख्य शिलालेख में किया गया है। अतः कथन (d) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
- राजसिंहासन पर बैठने के पश्चात् सम्राट अशोक ने केवल एक युद्ध किया, जो कलिंग युद्ध के नाम से प्रसिद्ध है।
- अशोक की गृह और विदेश नीति बौद्ध धर्म के आदर्श से प्रेरित है। कलिंग युद्ध के पश्चात् उसने दूसरे राज्यों पर भौतिक विजय पाने की नीति छोड़ कर सांस्कृतिक विजय पाने की नीति अपनाई, दूसरे शब्दों में भेरी घोष के स्थान पर धम्म-घोष होने लगा।
- अशोक के तेरहवें शिलालेख में बताया गया है कि कलिंग युद्ध राज्याभिषेक के आठ वर्ष के बाद हुआ था।
Incorrect
व्याख्याः
- कलिंग युद्ध का वर्णन तेरहवें मुख्य शिलालेख में किया गया है। अतः कथन (d) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
- राजसिंहासन पर बैठने के पश्चात् सम्राट अशोक ने केवल एक युद्ध किया, जो कलिंग युद्ध के नाम से प्रसिद्ध है।
- अशोक की गृह और विदेश नीति बौद्ध धर्म के आदर्श से प्रेरित है। कलिंग युद्ध के पश्चात् उसने दूसरे राज्यों पर भौतिक विजय पाने की नीति छोड़ कर सांस्कृतिक विजय पाने की नीति अपनाई, दूसरे शब्दों में भेरी घोष के स्थान पर धम्म-घोष होने लगा।
- अशोक के तेरहवें शिलालेख में बताया गया है कि कलिंग युद्ध राज्याभिषेक के आठ वर्ष के बाद हुआ था।
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Question 16 of 20
16. Question
1 pointsअशोक की धम्म-घोष नीति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. उन्होंने हर हालत में शांति के लिये शांति की नीति ग्रहण की।
2. उसने बौद्ध धर्म से संबंधित स्थानों की यात्राएँ कीं।
3. उसने बौद्ध धर्म की तीसरी संगीति का आयोजन करवाया।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सत्य हैं?Correct
व्याख्याः
- अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद नितांत शांति की नीति नहीं अपनाई, प्रत्युत वह अपने साम्राज्य को सुदृढ़ करने की व्यावहारिक नीति पर चला। उसने विजय के बाद कलिंग को अपने कब्जे में रखा और न ही अपनी सेना का विघटन किया। अतः कथन (1) असत्य है।
- अशोक ने बौद्ध धर्म को ग्रहण किया और बौद्ध-धर्म स्थानों की यात्राएँ कीं। उसकी इस यात्रा के लिये धम्मयात्रा शब्द का उल्लेख मिलता है। अतः कथन (2) सत्य है।
- अशोक ने बौद्धों का तीसरे सम्मेलन (संगीति) का आयोजन करवाया था| अतः कथन (3) सत्य है।
- उल्लेखनीय है कि, तीसरा बौध सम्मेलन का आयोजन पाटलिपुत्र में मोग्गलिपुत्ततिस्स की अध्यक्षता में हुआ था
Incorrect
व्याख्याः
- अशोक ने कलिंग युद्ध के बाद नितांत शांति की नीति नहीं अपनाई, प्रत्युत वह अपने साम्राज्य को सुदृढ़ करने की व्यावहारिक नीति पर चला। उसने विजय के बाद कलिंग को अपने कब्जे में रखा और न ही अपनी सेना का विघटन किया। अतः कथन (1) असत्य है।
- अशोक ने बौद्ध धर्म को ग्रहण किया और बौद्ध-धर्म स्थानों की यात्राएँ कीं। उसकी इस यात्रा के लिये धम्मयात्रा शब्द का उल्लेख मिलता है। अतः कथन (2) सत्य है।
- अशोक ने बौद्धों का तीसरे सम्मेलन (संगीति) का आयोजन करवाया था| अतः कथन (3) सत्य है।
- उल्लेखनीय है कि, तीसरा बौध सम्मेलन का आयोजन पाटलिपुत्र में मोग्गलिपुत्ततिस्स की अध्यक्षता में हुआ था
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Question 17 of 20
17. Question
1 pointsछठी सदी ईसा-पूर्व के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. यह उत्तरी काला पॉलिशदार मृद्भांड का आरंभ काल है।
2. यह भारत का द्वितीय नगरीकरण काल कहलाता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- पुरातत्त्व के अनुसार छठी सदी ईसा-पूर्व में उत्तरी काला पॉलिशदार मृद्भांड अवस्था का आरम्भ काल है। इसकी बनावट उत्कृष्ट कोटि की थी तथा यह बहुत चिकना और चमकीला होता था।
- इस समय में ही गंगा के मैदानों में नगरीकरण की शुरुआत हुई। यह भारत का द्वितीय नगरीकरण कहलाता है।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- पुरातत्त्व के अनुसार छठी सदी ईसा-पूर्व में उत्तरी काला पॉलिशदार मृद्भांड अवस्था का आरम्भ काल है। इसकी बनावट उत्कृष्ट कोटि की थी तथा यह बहुत चिकना और चमकीला होता था।
- इस समय में ही गंगा के मैदानों में नगरीकरण की शुरुआत हुई। यह भारत का द्वितीय नगरीकरण कहलाता है।
-
Question 18 of 20
18. Question
1 pointsछठी सदी ईसा-पूर्व में व्यापार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. इस काल में वाणिकों ने श्रेणियों का निर्माण आरम्भ कर दिया था।
2. वाराणसी मुख्य व्यापारिक केंद्र था।
3. इस काल में धातु के सिक्कों का प्रचलन आरंभ हो गया था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- इस काल में शिल्पी और वाणिक दोनों अपने-अपने प्रमुखों के नेतृत्व में श्रेणियाँ बनाकर संगठित हो गए थे। इस काल की अठारह श्रेणियों का उल्लेख मिलता है, लेकिन विशेष रूप में उल्लेख केवल लुहारों, बढ़इयों, चर्मकारों और रंगकारों की श्रेणियों का हुआ है।
- वाराणसी इस काल का महान व्यापार-केंद्र था। व्यापार मार्ग श्रावस्ती से पूर्व और दक्षिण की ओर निकलकर कपिलवस्तु और कुशीनगर होते हुए वाराणसी तक गया था।
- इस काल में सबसे पहले धातु के सिक्कों का चलन आरंभ हुआ था। आरंभ में ये मुख्यतः सिक्के चांदी के होते थे।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- इस काल में शिल्पी और वाणिक दोनों अपने-अपने प्रमुखों के नेतृत्व में श्रेणियाँ बनाकर संगठित हो गए थे। इस काल की अठारह श्रेणियों का उल्लेख मिलता है, लेकिन विशेष रूप में उल्लेख केवल लुहारों, बढ़इयों, चर्मकारों और रंगकारों की श्रेणियों का हुआ है।
- वाराणसी इस काल का महान व्यापार-केंद्र था। व्यापार मार्ग श्रावस्ती से पूर्व और दक्षिण की ओर निकलकर कपिलवस्तु और कुशीनगर होते हुए वाराणसी तक गया था।
- इस काल में सबसे पहले धातु के सिक्कों का चलन आरंभ हुआ था। आरंभ में ये मुख्यतः सिक्के चांदी के होते थे।
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Question 19 of 20
19. Question
1 pointsछठी सदी ईसा-पूर्व के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा असत्य है?
Correct
व्याख्याः
- वैदिक ग्रंथों में आए शतमान और निष्क शब्द मुद्रा के नाम माने जाते हैं। अतः कथन (d) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
- पालि ग्रंथों में गाँव के तीन प्रकार बताए गए हैं-पहले प्रकार में सामान्य गाँव है जिनमें विविध वर्णों और जातियों का निवास रहता था। ऐसे गाँवों की संख्या सबसे अधिक थी। दूसरे, प्रकार में उपनगरीय गाँव थे जिन्हें शिल्पी-ग्राम कहते थे, ये गाँवों को नगरों से जोड़ते थे। तीसरे प्रकार में सीमांत ग्राम आते थे, जो जंगल से संलग्न देहातों की सीमा पर बसे थे।
- ‘भोजक’ पहले प्रकार के गाँव का मुखिया कहलाता था।
- किसान अपनी उपज का छठा भाग कर या राजांश के रूप में देते थे। कर की वसूली सीधे राजा के कर्मचारी करते थे।
Incorrect
व्याख्याः
- वैदिक ग्रंथों में आए शतमान और निष्क शब्द मुद्रा के नाम माने जाते हैं। अतः कथन (d) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
- पालि ग्रंथों में गाँव के तीन प्रकार बताए गए हैं-पहले प्रकार में सामान्य गाँव है जिनमें विविध वर्णों और जातियों का निवास रहता था। ऐसे गाँवों की संख्या सबसे अधिक थी। दूसरे, प्रकार में उपनगरीय गाँव थे जिन्हें शिल्पी-ग्राम कहते थे, ये गाँवों को नगरों से जोड़ते थे। तीसरे प्रकार में सीमांत ग्राम आते थे, जो जंगल से संलग्न देहातों की सीमा पर बसे थे।
- ‘भोजक’ पहले प्रकार के गाँव का मुखिया कहलाता था।
- किसान अपनी उपज का छठा भाग कर या राजांश के रूप में देते थे। कर की वसूली सीधे राजा के कर्मचारी करते थे।
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Question 20 of 20
20. Question
1 pointsसूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये तथा नीचे दिये गए कूट से सही उत्तर चुनियेःसूची-I (पद) सूची-II (समाज में स्थिति) A. भोजक 1. उच्च कोटि के अधिकारी B. गहपति 2. भंडारगृह का अध्यक्ष C. महामात्र 3. गाँव का मुखिया D. भांडागारिक 4. धनी किसान कूटः
Correct
व्याख्याः विकल्प में दिये गए पद नाम एवं उनकी समाज में स्थिति का सुमेलन निम्नानुसार हैं:
सूची-I (पद) सूची-II (समाज में स्थिति) A. भोजक 1. गाँव का मुखिया B. गहपति 2. धनी किसान C. महामात्र 3. उच्च कोटि के अधिकारी D. भांडागारिक 4. भंडारगृह का अध्यक्ष Incorrect
व्याख्याः विकल्प में दिये गए पद नाम एवं उनकी समाज में स्थिति का सुमेलन निम्नानुसार हैं:
सूची-I (पद) सूची-II (समाज में स्थिति) A. भोजक 1. गाँव का मुखिया B. गहपति 2. धनी किसान C. महामात्र 3. उच्च कोटि के अधिकारी D. भांडागारिक 4. भंडारगृह का अध्यक्ष