प्राचीन-भारत टेस्ट 7
प्राचीन-भारत टेस्ट 7
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इस टेस्ट में सम्मिलित प्रश्न एन.सी.ई.आर.टी. पर आधारित है|
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Question 1 of 20
1. Question
1 pointsसातवाहन काल की भौतिक संस्कृति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?1. इनके सिक्के स्वर्ण तथा सीसे (लेड) के बने होते थे।
2. ये लोग दक्कन में कपास का उत्पादन करते थे।
3. दक्कन के बड़े हिस्से में व्यापारिक अर्थव्यवस्था का विकास हुआ था।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेःCorrect
व्याख्याः
- सातवाहनों ने स्वर्ण का प्रयोग बहुमूल्य धातु के रूप में किया था। उन्होंने कुषाणों की तरह सोने के सिक्के नहीं चलाए। इनके सिक्के अधिकांश सीसे (लेड) के बने होते थे। इसके अलावा पोटीन, तांबे और काँसे की मुद्राएँ भी इन्होंने चलाई। अतः कथन (1) असत्य है।
- सातवाहन दक्कन में कपास का उत्पादन करते थे। विदेशी विवरणों में आंध्र प्रदेश कपास के उत्पाद के लिये प्रसिद्ध था। अतः कथन (2) सत्य है।
- दक्कन के बड़े हिस्से में परम उन्नत ग्रामीण अर्थव्यवस्था विकसित हुई। अतः कथन (3) असत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- सातवाहनों ने स्वर्ण का प्रयोग बहुमूल्य धातु के रूप में किया था। उन्होंने कुषाणों की तरह सोने के सिक्के नहीं चलाए। इनके सिक्के अधिकांश सीसे (लेड) के बने होते थे। इसके अलावा पोटीन, तांबे और काँसे की मुद्राएँ भी इन्होंने चलाई। अतः कथन (1) असत्य है।
- सातवाहन दक्कन में कपास का उत्पादन करते थे। विदेशी विवरणों में आंध्र प्रदेश कपास के उत्पाद के लिये प्रसिद्ध था। अतः कथन (2) सत्य है।
- दक्कन के बड़े हिस्से में परम उन्नत ग्रामीण अर्थव्यवस्था विकसित हुई। अतः कथन (3) असत्य है।
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Question 2 of 20
2. Question
1 pointsसातवाहन साम्राज्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा असत्य है?
Correct
व्याख्याः
- शक शासक रुद्रदामन प्रथम ने सातवाहन शासक वासिष्ठीपुत्र पुलुमायिन् को दो बार पराजित किया था, परंतु वैवाहिक संबंध होने के कारण उसका नाश नहीं किया। अतः कथन (d) असत्य है। जबकि अन्य तीनों कथन सत्य है |
- दक्कन के लोगों ने उत्तरी भारत से सिक्के, पकी ईंट, छल्लेदार कुएँ और लेखन कला आदि का प्रयोग सीखा।
- करीमनगर ज़िले के पेड्डबंकुर में पकी ईंट तथा द्वितीय शताब्दी ईसवीं के ईंटों के बने बाइस कुएँ पाए गए हैं।
- सातवाहन काल के मिले रोमन सिक्कों से सातवाहन-रोमन के बीच बढ़ते व्यापार के संकेत मिलते हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- शक शासक रुद्रदामन प्रथम ने सातवाहन शासक वासिष्ठीपुत्र पुलुमायिन् को दो बार पराजित किया था, परंतु वैवाहिक संबंध होने के कारण उसका नाश नहीं किया। अतः कथन (d) असत्य है। जबकि अन्य तीनों कथन सत्य है |
- दक्कन के लोगों ने उत्तरी भारत से सिक्के, पकी ईंट, छल्लेदार कुएँ और लेखन कला आदि का प्रयोग सीखा।
- करीमनगर ज़िले के पेड्डबंकुर में पकी ईंट तथा द्वितीय शताब्दी ईसवीं के ईंटों के बने बाइस कुएँ पाए गए हैं।
- सातवाहन काल के मिले रोमन सिक्कों से सातवाहन-रोमन के बीच बढ़ते व्यापार के संकेत मिलते हैं।
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Question 3 of 20
3. Question
1 pointsसातवाहन साम्राज्य के सामाजिक संगठन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. इस काल में सर्वप्रथम भूमि अनुदान के रूप में दी जाने लगी।
2. सातवाहनों में मातृसत्तात्मक समाज का आभास मिलता है।
3. वणिक लोग अपने-अपने नगर का नाम अपने नाम में जोड़ने लगे थे।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- सातवाहनों ने सर्वप्रथम ब्राह्मणों को भूमि अनुदान के रूप में देने की प्रथा चलाई थी। वे ब्राह्मणों और बौद्ध भिक्षुओं को कर मुक्त ग्राम दान में देते थे। अतः कथन (1) सत्य है।
- सातवाहनों में हमें मातृसत्तात्मक समाज का आभास मिलता है। उनके राजाओं के नाम उनकी माताओं के नाम पर रखने की प्रथा थी, परंतु सारतः सातवाहन राजकुल पितृसत्तात्मक था, क्योंकि राजसिंहासन का उत्तराधिकारी पुत्र ही होता था। अतः कथन (2) असत्य है।
- इस काल में शिल्प और वाणिज्य में प्रगति व्यापक पैमाने पर हुई। वणिक लोग अपने-अपने नगर का नाम अपने नाम से जोड़ने लगे। अतः कथन (3) सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- सातवाहनों ने सर्वप्रथम ब्राह्मणों को भूमि अनुदान के रूप में देने की प्रथा चलाई थी। वे ब्राह्मणों और बौद्ध भिक्षुओं को कर मुक्त ग्राम दान में देते थे। अतः कथन (1) सत्य है।
- सातवाहनों में हमें मातृसत्तात्मक समाज का आभास मिलता है। उनके राजाओं के नाम उनकी माताओं के नाम पर रखने की प्रथा थी, परंतु सारतः सातवाहन राजकुल पितृसत्तात्मक था, क्योंकि राजसिंहासन का उत्तराधिकारी पुत्र ही होता था। अतः कथन (2) असत्य है।
- इस काल में शिल्प और वाणिज्य में प्रगति व्यापक पैमाने पर हुई। वणिक लोग अपने-अपने नगर का नाम अपने नाम से जोड़ने लगे। अतः कथन (3) सत्य है।
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Question 4 of 20
4. Question
1 pointsसातवाहन काल के प्रशासनिक तंत्र के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. इस काल में प्रशासनिक इकाइयाँ मौर्य साम्राज्य के समान थी।
2. इस काल के प्रशासन में सैनिक और सामंतवादी प्रचलन के लक्षण मिलते हैं।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- सातवाहन साम्राज्य में प्रशासनिक इकाइयाँ मौर्यों के समान थी। इनके समय में ज़िले के लिये आहार शब्द, जो अशोक के समय प्रयुक्त होता था तथा उनके अधिकारी मौर्य काल की तरह अमात्य और महामात्य कहलाते थे।
- सातवाहनों के प्रशासन में कुछ विशेष सैनिक और सामंतवादी लक्षण दिखाई पड़ते हैं। सेनापति को प्रांत का शासनाध्यक्ष या गर्वनर बनाया जाता था, ताकि दक्कन के जनजातीय लोगों को प्रशासनिक नियंत्रण में रखा जा सके।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- सातवाहन साम्राज्य में प्रशासनिक इकाइयाँ मौर्यों के समान थी। इनके समय में ज़िले के लिये आहार शब्द, जो अशोक के समय प्रयुक्त होता था तथा उनके अधिकारी मौर्य काल की तरह अमात्य और महामात्य कहलाते थे।
- सातवाहनों के प्रशासन में कुछ विशेष सैनिक और सामंतवादी लक्षण दिखाई पड़ते हैं। सेनापति को प्रांत का शासनाध्यक्ष या गर्वनर बनाया जाता था, ताकि दक्कन के जनजातीय लोगों को प्रशासनिक नियंत्रण में रखा जा सके।
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Question 5 of 20
5. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किसका प्रधान गौल्मिक कहलाता था?
Correct
व्याख्याः
- गौल्मिक ग्राम का प्रधान कहलाता था। इसे ग्रामीण क्षेत्रों के प्रशासन का काम सौंपा जाता था। यह एक सैनिक टुकड़ी का प्रधान होता था, जिसमें नौ रथ, नौ हाथी, पच्चीस घोड़े और पैंतालीस पैदल सैनिक होते थे। वह ग्रामीण क्षेत्रों में शांति व्यवस्था बनाए रखता था।
Incorrect
व्याख्याः
- गौल्मिक ग्राम का प्रधान कहलाता था। इसे ग्रामीण क्षेत्रों के प्रशासन का काम सौंपा जाता था। यह एक सैनिक टुकड़ी का प्रधान होता था, जिसमें नौ रथ, नौ हाथी, पच्चीस घोड़े और पैंतालीस पैदल सैनिक होते थे। वह ग्रामीण क्षेत्रों में शांति व्यवस्था बनाए रखता था।
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Question 6 of 20
6. Question
1 pointsसातवाहन साम्राज्य में धर्म के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. ब्राह्मण और बौद्ध धर्म को समान रूप से संरक्षण प्राप्त था।
2. राजा और रानी दोनों वैदिक यज्ञों में भाग लेते थे।
3. बौद्ध धर्म के हीनयान संप्रदाय का विशेष महत्त्व था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- सातवाहन काल में ब्राह्मणों और बौद्धों को कर-मुक्त भूमि दी गई। दोनों को समान संरक्षण प्राप्त था। महाराष्ट्र पश्चिमी दक्कन के नासिक और जुनार क्षेत्रों में व्यापारियों से संरक्षण प्राप्त कर बौद्ध धर्म फूला-फला। अतः कथन (1) सत्य है।
- सातवाहन शासक ब्राह्मण थे और उन्होंने ब्राह्मणवाद के विजयाभियान का नेतृत्व किया। आरंभ से ही राजाओं और रानियों ने अश्वमेध, वाजपेय आदि वैदिक यज्ञ किये। अतः कथन (2) सत्य है।
- इस काल में बौद्ध धर्म के महायान संप्रदाय का उत्कर्ष हुआ था। अतः कथन (3) असत्य है
Incorrect
व्याख्याः
- सातवाहन काल में ब्राह्मणों और बौद्धों को कर-मुक्त भूमि दी गई। दोनों को समान संरक्षण प्राप्त था। महाराष्ट्र पश्चिमी दक्कन के नासिक और जुनार क्षेत्रों में व्यापारियों से संरक्षण प्राप्त कर बौद्ध धर्म फूला-फला। अतः कथन (1) सत्य है।
- सातवाहन शासक ब्राह्मण थे और उन्होंने ब्राह्मणवाद के विजयाभियान का नेतृत्व किया। आरंभ से ही राजाओं और रानियों ने अश्वमेध, वाजपेय आदि वैदिक यज्ञ किये। अतः कथन (2) सत्य है।
- इस काल में बौद्ध धर्म के महायान संप्रदाय का उत्कर्ष हुआ था। अतः कथन (3) असत्य है
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Question 7 of 20
7. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. सातवाहन राज्य में सामंतों की तीन श्रेणियाँ थी।
2. नागार्जुनकोंड और अमरावती सातवाहन शासनकाल में महत्त्वपूर्ण बौद्ध केंद्र बन गए थे।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- सातवाहन राज्य में सामंतों की तीन श्रेणियाँ थी। पहली श्रेणी का सामंत राजा कहलाता था। द्वितीय श्रेणी का महाभोज तथा तृतीय श्रेणी का सेनापति। अतः कथन (1) सत्य है।
- आंध्र प्रदेश के नागार्जुनकोंड और अमरावती नगर सातवाहनों के उत्तराधिकारी इक्ष्वाकुओं के शासन में बौद्ध संस्कृति के महत्त्वपूर्ण केंद्र बने। अतः कथन (2) असत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- सातवाहन राज्य में सामंतों की तीन श्रेणियाँ थी। पहली श्रेणी का सामंत राजा कहलाता था। द्वितीय श्रेणी का महाभोज तथा तृतीय श्रेणी का सेनापति। अतः कथन (1) सत्य है।
- आंध्र प्रदेश के नागार्जुनकोंड और अमरावती नगर सातवाहनों के उत्तराधिकारी इक्ष्वाकुओं के शासन में बौद्ध संस्कृति के महत्त्वपूर्ण केंद्र बने। अतः कथन (2) असत्य है।
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Question 8 of 20
8. Question
1 pointsसातवाहन काल के चैत्य और विहार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा असत्य है?
Correct
व्याख्याः
- सर्वाधिक प्रसिद्ध चैत्य कार्ले का है, जो पश्चिमी दक्कन में स्थित है। अतः कथन (b) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
- चैत्य और विहार ठोस चट्टनों को काट बनाए जाते थे। यह विशाल शिला-वास्तुकला का प्रभावोत्पादक उदाहरण है। चैत्य अनेकानेक स्तंभों पर खड़ा हॉल जैसा होता था और विहार में एक केंद्रीय शाला होती थी, जिसमें सामने के बरामदे की ओर एक द्वार रहता था।
- चैत्य बौद्धों के मंदिर का काम करता था और विहार भिक्षु निवास का। विहार चैत्यों के पास बनाए गए। उनका उपयोग वर्षाकाल में भिक्षुओं के निवास के लिये होता था।
Incorrect
व्याख्याः
- सर्वाधिक प्रसिद्ध चैत्य कार्ले का है, जो पश्चिमी दक्कन में स्थित है। अतः कथन (b) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
- चैत्य और विहार ठोस चट्टनों को काट बनाए जाते थे। यह विशाल शिला-वास्तुकला का प्रभावोत्पादक उदाहरण है। चैत्य अनेकानेक स्तंभों पर खड़ा हॉल जैसा होता था और विहार में एक केंद्रीय शाला होती थी, जिसमें सामने के बरामदे की ओर एक द्वार रहता था।
- चैत्य बौद्धों के मंदिर का काम करता था और विहार भिक्षु निवास का। विहार चैत्यों के पास बनाए गए। उनका उपयोग वर्षाकाल में भिक्षुओं के निवास के लिये होता था।
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Question 9 of 20
9. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. नागार्जुनकोंड के स्तूप भित्ति-प्रतिमाओं से सुसज्जित हैं।
2. अमरावती में स्तूपों के साथ-साथ हिंदू मंदिर भी बने हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन असत्य हैं।
- नागार्जुनकोंड के स्तूपों में भित्ति-प्रतिमाएँ नहीं मिलती हैं। इसमें बौद्ध स्मारकों के साथ-साथ पुराने ईंट से बने हिन्दू मंदिर भी हैं। उल्लेखनीय है कि यह सातवाहनों के उत्तराधिकारी इक्ष्वाकुओं के काल में उत्कर्ष के शिखर पर थे।
- अमरावती के स्तूपों में भित्ति-प्रतिमाएँ मिलती हैं। इनमें बुद्ध के जीवन के विभिन्न दृश्य चित्रित हैं।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन असत्य हैं।
- नागार्जुनकोंड के स्तूपों में भित्ति-प्रतिमाएँ नहीं मिलती हैं। इसमें बौद्ध स्मारकों के साथ-साथ पुराने ईंट से बने हिन्दू मंदिर भी हैं। उल्लेखनीय है कि यह सातवाहनों के उत्तराधिकारी इक्ष्वाकुओं के काल में उत्कर्ष के शिखर पर थे।
- अमरावती के स्तूपों में भित्ति-प्रतिमाएँ मिलती हैं। इनमें बुद्ध के जीवन के विभिन्न दृश्य चित्रित हैं।
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Question 10 of 20
10. Question
1 pointsसातवाहनों की भाषा के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. इनकी राजकीय भाषा प्राकृत थी।
2. इनके सभी अभिलेख प्राकृत भाषा और ब्राह्मी लिपि में लिखे गए हैं।
3. गाथाहासत्तसई की रचना हाल नामक सातवाहन राजा ने की थी।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- सातवाहनों की राजकीय भाषा प्राकृत थी।
- इनके सभी अभिलेख प्राकृत भाषा में और ब्राह्मी लिपि में लिखे गए हैं।
- गाथाहासत्तसई (गाथासप्तशती) हाल नामक सातवाहन राजा की रचना है। इसमें सभी सात सौ श्लोक प्राकृत भाषा में लिखे गए हैं।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- सातवाहनों की राजकीय भाषा प्राकृत थी।
- इनके सभी अभिलेख प्राकृत भाषा में और ब्राह्मी लिपि में लिखे गए हैं।
- गाथाहासत्तसई (गाथासप्तशती) हाल नामक सातवाहन राजा की रचना है। इसमें सभी सात सौ श्लोक प्राकृत भाषा में लिखे गए हैं।
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Question 11 of 20
11. Question
1 pointsमौर्योत्तर काल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. इस काल में शुंग और सातवाहन शासक सत्ता में आए।
2. भारत और मध्य एशिया के बीच घनिष्ठ व्यापारिक संबंध स्थापित हुए।
3. मध्य एशिया से आए शासकों में कुषाण शासकों ने राजाओं के नाम वाले सिक्के जारी किये।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- मौर्योत्तर काल में पूर्वी भारत, मध्य भारत और दक्कन में मौर्यों के स्थान पर शुंग, कण्व और सातवाहन शासक सत्ता में आए। अतः कथन (1) सत्य है।
- इस काल में मध्य एशियाई लोगों के आने से मध्य एशिया और भारत के बीच घनिष्ठ व्यापारिक संबंध स्थापित हुए परिणामस्वरूप भारत को मध्य एशिया से भारी मात्रा में सोना प्राप्त हुआ और रेशम मार्ग पर नियंत्रण कर लिया। अतः कथन (2) सत्य है।
- मौर्यों के स्थान पर मध्य एशिया से आए कई शासकों में कुषाण सर्वाधिक प्रसिद्ध हुए, परंतु मध्य एशिया से आए शासकों में हिन्द-यूनानियों ने भारत में पहली बार राजाओं के नाम वाले सिक्के जारी किये। अतः कथन (3) असत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- मौर्योत्तर काल में पूर्वी भारत, मध्य भारत और दक्कन में मौर्यों के स्थान पर शुंग, कण्व और सातवाहन शासक सत्ता में आए। अतः कथन (1) सत्य है।
- इस काल में मध्य एशियाई लोगों के आने से मध्य एशिया और भारत के बीच घनिष्ठ व्यापारिक संबंध स्थापित हुए परिणामस्वरूप भारत को मध्य एशिया से भारी मात्रा में सोना प्राप्त हुआ और रेशम मार्ग पर नियंत्रण कर लिया। अतः कथन (2) सत्य है।
- मौर्यों के स्थान पर मध्य एशिया से आए कई शासकों में कुषाण सर्वाधिक प्रसिद्ध हुए, परंतु मध्य एशिया से आए शासकों में हिन्द-यूनानियों ने भारत में पहली बार राजाओं के नाम वाले सिक्के जारी किये। अतः कथन (3) असत्य है।
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Question 12 of 20
12. Question
1 pointsमध्य एशिया के शासकों द्वारा भारत पर आक्रमण करने के कारणों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?1. चीन की महादीवार का बनना।
2. सेल्यूकस द्वारा स्थापित निर्बल साम्राज्य।
3. अशोक के निर्बल उत्तराधिकारी।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेःCorrect
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- चीन की महादीवार बनने के बाद शक शासकों ने अपना राज्य विस्तार यूनानियों और पार्थियनों (भारत) की ओर करना शुरू किया। शकों से पराजित होकर बैक्ट्रियाई यूनानी भारत में विस्तार के लिये आगे बढ़ने लगे।
- सेल्यूकस द्वारा स्थापित निर्बल साम्राज्य मध्य एशियाई आक्रमण का महत्त्वपूर्ण कारण था। शकों के बढ़ते दबाव के कारण परवर्ती यूनानी शासक इस क्षेत्र में सत्ता नहीं बनाए रख सके।
- अशोक के निर्बल उत्तराधिकारी इन बाहरी आक्रमणों का सामना नहीं कर सके। वंशानुगत साम्राज्य तभी तक बने रह सकते हैं, जब तक योग्य शासकों की श्रृखंला बनी रहे।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- चीन की महादीवार बनने के बाद शक शासकों ने अपना राज्य विस्तार यूनानियों और पार्थियनों (भारत) की ओर करना शुरू किया। शकों से पराजित होकर बैक्ट्रियाई यूनानी भारत में विस्तार के लिये आगे बढ़ने लगे।
- सेल्यूकस द्वारा स्थापित निर्बल साम्राज्य मध्य एशियाई आक्रमण का महत्त्वपूर्ण कारण था। शकों के बढ़ते दबाव के कारण परवर्ती यूनानी शासक इस क्षेत्र में सत्ता नहीं बनाए रख सके।
- अशोक के निर्बल उत्तराधिकारी इन बाहरी आक्रमणों का सामना नहीं कर सके। वंशानुगत साम्राज्य तभी तक बने रह सकते हैं, जब तक योग्य शासकों की श्रृखंला बनी रहे।
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Question 13 of 20
13. Question
1 pointsभारत पर मध्य एशियाई आक्रमणों के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन-सा सही कालानुक्रम है?
Correct
व्याख्याः
- भारत पर मध्य एशियाई आक्रमणकारियों का सही कालानुक्रम निम्न प्रकार है- हिंद-यूनानियों या बैक्ट्रियाई-यूनानियों ने ईसा-पूर्व दूसरी सदी के आरम्भ में पश्चिमोत्तर भारत के विशाल क्षेत्र पर अधिकार किया। यूनानियों के बाद शक आए। इनकी पाँच शाखाएँ थीं। पश्चिमोत्तर भारत में शकों के अधिपत्य के बाद पार्थियाई (पह्लव) लोगों का अधिपत्य हुआ। पार्थियाइयों के बाद कुषाण आए, जो यूची और तोखारी भी कहलाते हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- भारत पर मध्य एशियाई आक्रमणकारियों का सही कालानुक्रम निम्न प्रकार है- हिंद-यूनानियों या बैक्ट्रियाई-यूनानियों ने ईसा-पूर्व दूसरी सदी के आरम्भ में पश्चिमोत्तर भारत के विशाल क्षेत्र पर अधिकार किया। यूनानियों के बाद शक आए। इनकी पाँच शाखाएँ थीं। पश्चिमोत्तर भारत में शकों के अधिपत्य के बाद पार्थियाई (पह्लव) लोगों का अधिपत्य हुआ। पार्थियाइयों के बाद कुषाण आए, जो यूची और तोखारी भी कहलाते हैं।
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Question 14 of 20
14. Question
1 pointsभारत में यूनानी अधिपत्य के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
Correct
व्याख्याः
- हिन्द-यूनानियों ने पश्चिमोत्तर भारत के विशाल क्षेत्र पर अधिकार किया था। सबसे प्रसिद्ध यूनानी शासक मिनांदर था। उसे मिलिन्द नाम से भी जाना जाता था। उसे नागसेन ने बौद्ध धर्म की दीक्षा दी थी। अतः कथन (a) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
- उसकी राजधानी पंजाब में शाकल (आधुनिक सियालकोट) में थी।
- भारत के इतिहास में हिन्द-यूनानी शासन का महत्त्व इसलिये है कि यूनानी शासकों ने भारी संख्या में सिक्के जारी किये सबसे पहले भारत में हिन्द-यूनानी शासकों ने ही सोने के सिक्के जारी किये थे।
- भारत में सबसे पहले हिन्द-यूनानी शासकों ने राजाओं के नाम वाले सिक्के जारी किये थे।
Incorrect
व्याख्याः
- हिन्द-यूनानियों ने पश्चिमोत्तर भारत के विशाल क्षेत्र पर अधिकार किया था। सबसे प्रसिद्ध यूनानी शासक मिनांदर था। उसे मिलिन्द नाम से भी जाना जाता था। उसे नागसेन ने बौद्ध धर्म की दीक्षा दी थी। अतः कथन (a) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
- उसकी राजधानी पंजाब में शाकल (आधुनिक सियालकोट) में थी।
- भारत के इतिहास में हिन्द-यूनानी शासन का महत्त्व इसलिये है कि यूनानी शासकों ने भारी संख्या में सिक्के जारी किये सबसे पहले भारत में हिन्द-यूनानी शासकों ने ही सोने के सिक्के जारी किये थे।
- भारत में सबसे पहले हिन्द-यूनानी शासकों ने राजाओं के नाम वाले सिक्के जारी किये थे।
-
Question 15 of 20
15. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. ‘मिलिन्द पञ्हो’ में मिनांदर और नागसेन के बौद्ध धर्म पर प्रश्नोत्तरों का संकलन है।
2. ‘हेलेनिस्टिक’ कला का सम्बंध ईरानियों से है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- ‘मिलिन्द पञ्हो’ अर्थात् मिलिन्द के प्रश्न में यूनानी शासक मिनांदर द्वारा नागसेन से बौद्ध-धर्म पर पूछे गए प्रश्नों व नागसेन द्वारा दिये गए उत्तरों का एक पुस्तक के रूप में संकलन है। अतः कथन (1) सत्य है।
- हिन्द-यूनानी शासकों ने भारत के पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत में यूनान की कला का प्रचलन आरम्भ किया, जिसे ‘हेलेनिस्टिक आर्ट’ कहते हैं। यह कला विशुद्ध यूनानी नहीं थी। सिकंदर की मृत्यु के बाद विजित गैर-यूनानियों के साथ यूनानियों के संपर्क से इसका उदय हुआ था। भारत में गांधार कला इसका उत्तम उदाहरण है। अतःकथन (2) असत्य है|
Incorrect
व्याख्याः
- ‘मिलिन्द पञ्हो’ अर्थात् मिलिन्द के प्रश्न में यूनानी शासक मिनांदर द्वारा नागसेन से बौद्ध-धर्म पर पूछे गए प्रश्नों व नागसेन द्वारा दिये गए उत्तरों का एक पुस्तक के रूप में संकलन है। अतः कथन (1) सत्य है।
- हिन्द-यूनानी शासकों ने भारत के पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत में यूनान की कला का प्रचलन आरम्भ किया, जिसे ‘हेलेनिस्टिक आर्ट’ कहते हैं। यह कला विशुद्ध यूनानी नहीं थी। सिकंदर की मृत्यु के बाद विजित गैर-यूनानियों के साथ यूनानियों के संपर्क से इसका उदय हुआ था। भारत में गांधार कला इसका उत्तम उदाहरण है। अतःकथन (2) असत्य है|
-
Question 16 of 20
16. Question
1 pointsभारत में शक अधिपत्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. शकों द्वारा स्थापित पाँच शाखाओं में दूसरी शाखा मथुरा में बसी, जिसकी राजधानी तक्षशिला थी।
2. सर्वाधिक प्रसिद्ध शक शासक रुद्रदामन प्रथम था।
3. भारत में संस्कृत भाषा में पहला अभिलेख रुद्रदामन ने जारी किया था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- शकों द्वारा स्थापित पाँच शाखाएँ भारत और अफगानिस्तान के अलग-अलग भागों में थी। इनकी दूसरी शाखा पंजाब में बसी, जिसकी राजधानी तक्षशिला थी। मथुरा में तीसरी शाखा थी, जहाँ उन्होंने दो सदियों तक राज्य किया था। अतः कथन (1) असत्य है।
- सर्वाधिक प्रसिद्ध शक शासक रुद्रदामन प्रथम था। उसका शासन सिंध, कोंकण, नर्मदा घाटी, मालवा, काठियावाड़ और गुजरात के बड़े भाग में था। अतः कथन (2) सत्य है।
- रूद्रदामन संस्कृत का बड़ा प्रेमी था। उसने सबसे विशुद्ध संस्कृत भाषा में लम्बा अभिलेख जारी किया। अतः कथन (3) सत्य है।
- उल्लेखनीय है कि इससे पहले जो लम्बे अभिलेख देश में पाए गए थे, सभी प्राकृत भाषा में रचित हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- शकों द्वारा स्थापित पाँच शाखाएँ भारत और अफगानिस्तान के अलग-अलग भागों में थी। इनकी दूसरी शाखा पंजाब में बसी, जिसकी राजधानी तक्षशिला थी। मथुरा में तीसरी शाखा थी, जहाँ उन्होंने दो सदियों तक राज्य किया था। अतः कथन (1) असत्य है।
- सर्वाधिक प्रसिद्ध शक शासक रुद्रदामन प्रथम था। उसका शासन सिंध, कोंकण, नर्मदा घाटी, मालवा, काठियावाड़ और गुजरात के बड़े भाग में था। अतः कथन (2) सत्य है।
- रूद्रदामन संस्कृत का बड़ा प्रेमी था। उसने सबसे विशुद्ध संस्कृत भाषा में लम्बा अभिलेख जारी किया। अतः कथन (3) सत्य है।
- उल्लेखनीय है कि इससे पहले जो लम्बे अभिलेख देश में पाए गए थे, सभी प्राकृत भाषा में रचित हैं।
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Question 17 of 20
17. Question
1 pointsनिम्नलिखित किस शासक ने प्रसिद्ध सुदर्शन झील का जीर्णोद्धार किया था?
Correct
व्याख्याः- रुद्रदामन प्रथम ने गुजरात काठियावाड़ के अर्धशुष्क क्षेत्र की मशहूर झील सुदर्शन का जीर्णोद्धार किया था।
- उल्लेखनीय है कि सुदर्शन झील का निर्माण चन्द्रगुप्त मौर्य के आदेश से गिरनार में नियुक्त राज्यपाल ‘पुष्यगुप्त वैश्य’ ने करवाया था। सम्राट अशोक के महामात्य तुषास्प ने इस झील का पुनर्निर्माण करवाकर इसे मज़बूती प्रदान की।
Incorrect
व्याख्याः- रुद्रदामन प्रथम ने गुजरात काठियावाड़ के अर्धशुष्क क्षेत्र की मशहूर झील सुदर्शन का जीर्णोद्धार किया था।
- उल्लेखनीय है कि सुदर्शन झील का निर्माण चन्द्रगुप्त मौर्य के आदेश से गिरनार में नियुक्त राज्यपाल ‘पुष्यगुप्त वैश्य’ ने करवाया था। सम्राट अशोक के महामात्य तुषास्प ने इस झील का पुनर्निर्माण करवाकर इसे मज़बूती प्रदान की।
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Question 18 of 20
18. Question
1 pointsपह्लव शासकों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा असत्य है?
Correct
व्याख्याः
- पह्लव यूनानियों और शकों के विपरीत ईसा की पहली सदी में पश्चिमोत्तर भारत के एक छोटे से भाग पर ही अधिकार कर सके। अतः कथन (a) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
- सबसे प्रसिद्ध पह्लव शासक गोंदोफर्निस था।
- पह्लव लोगों का मूल निवास स्थान ईरान था।
- उनके शासनकाल में सेंट टॉमस ईसाई धर्म का प्रचार करने के लिये भारत आया था।
Incorrect
व्याख्याः
- पह्लव यूनानियों और शकों के विपरीत ईसा की पहली सदी में पश्चिमोत्तर भारत के एक छोटे से भाग पर ही अधिकार कर सके। अतः कथन (a) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
- सबसे प्रसिद्ध पह्लव शासक गोंदोफर्निस था।
- पह्लव लोगों का मूल निवास स्थान ईरान था।
- उनके शासनकाल में सेंट टॉमस ईसाई धर्म का प्रचार करने के लिये भारत आया था।
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Question 19 of 20
19. Question
1 pointsकुषाण शासकों के भारत में आधिपत्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?
1. उनका साम्राज्य अमुदरिया से गंगा तक और मध्य एशिया के खुरासान से वाराणसी तक फैला हुआ था।
2. कैडफाइसिस प्रथम ने स्वर्ण मुद्राएँ जारी की थी।
3. इनकी राजधानी पुरुषपुर/पेशावर थी।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेःCorrect
व्याख्याः
- उनका साम्राज्य अमुदरिया से गंगा तक, मध्य एशिया के खुरासान से उत्तर प्रदेश के वाराणसी तक फैला था। कुषाणों ने सोवियत गणराज्य में शामिल मध्य एशिया का हिस्सा ईरान, अफगानिस्तान और पूरे पाकिस्तान पर अधिकार कर लिया था। अतः कथन (1) सत्य है।
- कैडफाइसिस द्वितीय ने बड़ी मात्रा में स्वर्ण मुद्राएँ जारी की थी। अतः कथन (2) असत्य है।
- कुषाणों की पहली राजधानी आधुनिक पाकिस्तान में अवस्थित पुरुषपुर या पेशावर में थी। उल्लेखनीय है कि मथुरा में कुषाणों के सिक्के, अभिलेख और मूर्तियाँ मिले हैं, इससे प्रकट होता है कि मथुरा कुषाणों की द्वितीय राजधानी थी।
Incorrect
व्याख्याः
- उनका साम्राज्य अमुदरिया से गंगा तक, मध्य एशिया के खुरासान से उत्तर प्रदेश के वाराणसी तक फैला था। कुषाणों ने सोवियत गणराज्य में शामिल मध्य एशिया का हिस्सा ईरान, अफगानिस्तान और पूरे पाकिस्तान पर अधिकार कर लिया था। अतः कथन (1) सत्य है।
- कैडफाइसिस द्वितीय ने बड़ी मात्रा में स्वर्ण मुद्राएँ जारी की थी। अतः कथन (2) असत्य है।
- कुषाणों की पहली राजधानी आधुनिक पाकिस्तान में अवस्थित पुरुषपुर या पेशावर में थी। उल्लेखनीय है कि मथुरा में कुषाणों के सिक्के, अभिलेख और मूर्तियाँ मिले हैं, इससे प्रकट होता है कि मथुरा कुषाणों की द्वितीय राजधानी थी।
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Question 20 of 20
20. Question
1 pointsकुषाण शासकों के भारत में आधिपत्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?
1. उनका साम्राज्य अमुदरिया से गंगा तक और मध्य एशिया के खुरासान से वाराणसी तक फैला हुआ था।
2. कैडफाइसिस प्रथम ने स्वर्ण मुद्राएँ जारी की थी।
3. इनकी राजधानी पुरुषपुर/पेशावर थी।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेःCorrect
व्याख्याः
- उनका साम्राज्य अमुदरिया से गंगा तक, मध्य एशिया के खुरासान से उत्तर प्रदेश के वाराणसी तक फैला था। कुषाणों ने सोवियत गणराज्य में शामिल मध्य एशिया का हिस्सा ईरान, अफगानिस्तान और पूरे पाकिस्तान पर अधिकार कर लिया था। अतः कथन (1) सत्य है।
- कैडफाइसिस द्वितीय ने बड़ी मात्रा में स्वर्ण मुद्राएँ जारी की थी। अतः कथन (2) असत्य है।
- कुषाणों की पहली राजधानी आधुनिक पाकिस्तान में अवस्थित पुरुषपुर या पेशावर में थी। उल्लेखनीय है कि मथुरा में कुषाणों के सिक्के, अभिलेख और मूर्तियाँ मिले हैं, इससे प्रकट होता है कि मथुरा कुषाणों की द्वितीय राजधानी थी।
Incorrect
व्याख्याः
- उनका साम्राज्य अमुदरिया से गंगा तक, मध्य एशिया के खुरासान से उत्तर प्रदेश के वाराणसी तक फैला था। कुषाणों ने सोवियत गणराज्य में शामिल मध्य एशिया का हिस्सा ईरान, अफगानिस्तान और पूरे पाकिस्तान पर अधिकार कर लिया था। अतः कथन (1) सत्य है।
- कैडफाइसिस द्वितीय ने बड़ी मात्रा में स्वर्ण मुद्राएँ जारी की थी। अतः कथन (2) असत्य है।
- कुषाणों की पहली राजधानी आधुनिक पाकिस्तान में अवस्थित पुरुषपुर या पेशावर में थी। उल्लेखनीय है कि मथुरा में कुषाणों के सिक्के, अभिलेख और मूर्तियाँ मिले हैं, इससे प्रकट होता है कि मथुरा कुषाणों की द्वितीय राजधानी थी।