प्राचीन-भारत टेस्ट 6
प्राचीन-भारत टेस्ट 6
Quiz-summary
0 of 20 questions completed
Questions:
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- 6
- 7
- 8
- 9
- 10
- 11
- 12
- 13
- 14
- 15
- 16
- 17
- 18
- 19
- 20
Information
इस टेस्ट में सम्मिलित प्रश्न एन.सी.ई.आर.टी. पर आधारित है|
You have already completed the quiz before. Hence you can not start it again.
Quiz is loading...
You must sign in or sign up to start the quiz.
You have to finish following quiz, to start this quiz:
Results
0 of 20 questions answered correctly
Your time:
Time has elapsed
You have reached 0 of 0 points, (0)
Average score |
|
Your score |
|
Categories
- Not categorized 0%
- 1
- 2
- 3
- 4
- 5
- 6
- 7
- 8
- 9
- 10
- 11
- 12
- 13
- 14
- 15
- 16
- 17
- 18
- 19
- 20
- Answered
- Review
-
Question 1 of 20
1. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. महापाषाण कब्रों में वस्तुओं के साथ त्रिशूल भी पाए जाते हैं।
2. इन कब्रों में खेती के औज़ार मृतक के साथ दफनाए जाते थे।
3. प्रायद्वीपीय भारत में काले व लाल मृद्भांड का प्रचलन अधिक था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- महापाषाण कब्रों में वस्तुओं के साथ त्रिशूल भी रखा जाता था जिसका संबंध बाद में शिव के साथ जुड़ गया। अतः कथन (1) सत्य है।
- महापाषाण कब्रों में तथा प्रायद्वीपीय भारत की कब्रों में खेती के औजार कम मात्रा में दफनाए जाते थे, इसमें युद्ध और शिकार के हथियार अधिक होते थे। इससे संकेत मिलता है कि महापाषाणिक लोग उन्नत खेती नहीं करते थे। अतः कथन (2) असत्य है।
- प्रायद्वीपीय भारत में कई तरह के मृद्भाण्डों का प्रयोग किया जाता था, जिनमें लाल मृद्भांड भी शामिल है। परंतु काले व लाल मृद्भांड उन लोगों में अधिक प्रचलित थे। अतः कथन (3) सत्य है।
Incorrect
-
Question 2 of 20
2. Question
1 pointsअशोक के अभिलेखों में निम्नलिखित शासकों में से किसका उल्लेख मिलता है?
Correct
व्याख्याः
- अशोक के अभिलेखों में चोल, पांड्य और चेर (केरलपुत्र) शासकों के उल्लेख मिलते हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- अशोक के अभिलेखों में चोल, पांड्य और चेर (केरलपुत्र) शासकों के उल्लेख मिलते हैं।
-
Question 3 of 20
3. Question
1 pointsमहापाषाणिक लोगों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. दक्षिणी तमिल प्रदेश में कलश शवाधान प्रचलित था।
2. अशोक की उपाधि ‘देवानांपिय पियदसि’ चेर राजा ने अपनाई थी।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- तमिलनाडु के दक्षिणी ज़िलों में रहने वाले महापाषाणिक लोगों द्वारा मृतक के अस्थिपंजर को लाल कलश में डालकर गड्ढों में दफनाए थे; यही कलश शवाधान कहलाता था। अतः कथन (1) सत्य है।
- अशोक की उपाधि ‘देवानांपिय पियदसि’ एक तमिल राजा ने अपनाई थी। अतः कथन (2) असत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- तमिलनाडु के दक्षिणी ज़िलों में रहने वाले महापाषाणिक लोगों द्वारा मृतक के अस्थिपंजर को लाल कलश में डालकर गड्ढों में दफनाए थे; यही कलश शवाधान कहलाता था। अतः कथन (1) सत्य है।
- अशोक की उपाधि ‘देवानांपिय पियदसि’ एक तमिल राजा ने अपनाई थी। अतः कथन (2) असत्य है।
-
Question 4 of 20
4. Question
1 pointsपांड्य राज्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. यह सुदूर दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी भाग में अवस्थित था।
2. इसकी राजधानी महाबलीपुरम थी।
3. इसे मोतियों का देश कहा जाता था।
4. यहाँ का समाज मातृसत्तात्मक था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- पांड्य राज्य भारतीय प्रायद्वीपीय के सुदूर दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी भाग में अवस्थित था। इसमें तमिलनाडु के आधुनिक तिन्नवेल्ली, रामनद और मदुरा ज़िले शामिल हैं। अतः कथन (1) सत्य है।
- उसकी राजधानी मदुरा थी। अतः कथन (2) असत्य है।
- पांड्यों का उल्लेख सर्वप्रथम मेगास्थनीज़ ने किया है। और उसने इसे मोतियों का देश कहा है। अतः कथन (3) सत्य है।
- मेगास्थनीज के अनुसार पांड्य राज्य में शासन स्त्री के हाथों में थी जिससे यह लक्षित होता है कि पांड्य समाज में कुछ मातृसत्तात्मक प्रभाव था। अतः कथन (4) सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- पांड्य राज्य भारतीय प्रायद्वीपीय के सुदूर दक्षिण और दक्षिण-पूर्वी भाग में अवस्थित था। इसमें तमिलनाडु के आधुनिक तिन्नवेल्ली, रामनद और मदुरा ज़िले शामिल हैं। अतः कथन (1) सत्य है।
- उसकी राजधानी मदुरा थी। अतः कथन (2) असत्य है।
- पांड्यों का उल्लेख सर्वप्रथम मेगास्थनीज़ ने किया है। और उसने इसे मोतियों का देश कहा है। अतः कथन (3) सत्य है।
- मेगास्थनीज के अनुसार पांड्य राज्य में शासन स्त्री के हाथों में थी जिससे यह लक्षित होता है कि पांड्य समाज में कुछ मातृसत्तात्मक प्रभाव था। अतः कथन (4) सत्य है।
-
Question 5 of 20
5. Question
1 pointsनिम्नलिखित में किस राजवंश ने रोमन सम्राट ऑगस्टस के दरबार में राजदूत भेजे?
Correct
व्याख्याः
- पांड्य राजाओं ने रोमन सम्राट ऑगस्टस के दरबार में राजदूत भेजे। उल्लेखनीय है कि यह राज्य रोमन साम्राज्य के साथ व्यापार में लाभ की स्थिति में था जिससे यह धनवान और समृद्ध था।
Incorrect
व्याख्याः
- पांड्य राजाओं ने रोमन सम्राट ऑगस्टस के दरबार में राजदूत भेजे। उल्लेखनीय है कि यह राज्य रोमन साम्राज्य के साथ व्यापार में लाभ की स्थिति में था जिससे यह धनवान और समृद्ध था।
-
Question 6 of 20
6. Question
1 pointsचोल राज्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?1. चोल राज्य पेन्नार और वेलार नदियों के बीच पांड्य राज्य क्षेत्र के पूर्वोत्तर में स्थित था।
2. उनकी राजधानी ‘पुहार’ थी।
3. चोल राजा एलारा ने ‘पुहार’ की स्थापना की थी।
4. एलारा ने श्रीलंका को जीतकर पचास वर्षों तक शासन किया था।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेःCorrect
व्याख्याः
- चोल राज्य पेन्नार और वेलार नदियों के बीच पांड्य राज्य क्षेत्र के पूर्वोत्तर में स्थित था। यह मध्यकाल के आरंभ में चोलमंडलम् (कोरोमंडल) कहलाता था। अतः कथन (1) सत्य है।
- उसकी राजधानी ‘पुहार’ थी जिसकी पहचान कावेरीपट्टनम से की गई है। अतः कथन (2) सत्य है।
- पुहार की स्थापना दूसरी सदी के प्रख्यात चोल राजा कारैकाल ने की थी। अतः कथन (3) असत्य है।
- ईसा-पूर्व दूसरी सदी के मध्य में एलारा नामक चोल राजा ने श्रीलंका को जीतकर पचास वर्षों तक शासन किया था। अतः कथन (4) सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- चोल राज्य पेन्नार और वेलार नदियों के बीच पांड्य राज्य क्षेत्र के पूर्वोत्तर में स्थित था। यह मध्यकाल के आरंभ में चोलमंडलम् (कोरोमंडल) कहलाता था। अतः कथन (1) सत्य है।
- उसकी राजधानी ‘पुहार’ थी जिसकी पहचान कावेरीपट्टनम से की गई है। अतः कथन (2) सत्य है।
- पुहार की स्थापना दूसरी सदी के प्रख्यात चोल राजा कारैकाल ने की थी। अतः कथन (3) असत्य है।
- ईसा-पूर्व दूसरी सदी के मध्य में एलारा नामक चोल राजा ने श्रीलंका को जीतकर पचास वर्षों तक शासन किया था। अतः कथन (4) सत्य है।
-
Question 7 of 20
7. Question
1 pointsचोल राज्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. उनकी राजनीतिक सत्ता का केंद्र उरैयूर था।
2. उरैयूर सूती कपड़ों के व्यापारिक केंद्र के रूप में प्रसिद्ध था।
3. उनके पास कुशल नौसेना थी।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- उरैयूर उनकी राजनीतिक सत्ता का केंद्र था।
- यह सूती कपड़े के व्यापार के लिये प्रसिद्ध था चूँकि चोलों के वैभव का मुख्य स्रोत सूती कपड़े का व्यापार था।
- उनके पास कुशल नौसेना थी।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- उरैयूर उनकी राजनीतिक सत्ता का केंद्र था।
- यह सूती कपड़े के व्यापार के लिये प्रसिद्ध था चूँकि चोलों के वैभव का मुख्य स्रोत सूती कपड़े का व्यापार था।
- उनके पास कुशल नौसेना थी।
-
Question 8 of 20
8. Question
1 pointsचेर राज्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. चेर राज्य पांड्य राज्य के उत्तर-पश्चिम में स्थित था।
2. चेर राजा सेंगुट्टुवन को लाल या भला चेर कहा जाता था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- चेर या केरल देश पांड्य क्षेत्र के उत्तर-पश्चिम में स्थित था जो आधुनिक केरल राज्य और तमिलनाडु के बीच एक सँकरी पट्टी के रूप में था। अतः कथन (1) सत्य है।
- चेर राजा सेंगुट्टुवन को लाल या भला चेर भी कहा जाता था। अतः कथन (2) भी सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- चेर या केरल देश पांड्य क्षेत्र के उत्तर-पश्चिम में स्थित था जो आधुनिक केरल राज्य और तमिलनाडु के बीच एक सँकरी पट्टी के रूप में था। अतः कथन (1) सत्य है।
- चेर राजा सेंगुट्टुवन को लाल या भला चेर भी कहा जाता था। अतः कथन (2) भी सत्य है।
-
Question 9 of 20
9. Question
1 pointsसुदूर दक्षिण राज्यों के व्यापार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. इनका व्यापार गोल मिर्च, हाथी दाँत और मोतियों की मांग के कारण समृद्ध था।
2. इनका व्यापार केवल पश्चिम में यूनान और अरब राज्यों के साथ होता था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः इन राज्यों का व्यापार पश्चिम के साथ गोल मिर्च की मांग, हाथी दाँत और समुद्र से प्राप्त मोतियों के कारण लाभ की स्थिति में था, अतः कथन (1) सत्य है।
इनका व्यापार एक ओर यूनानी या मिस्र के हेलेनिस्टिक राज्य और अरब के साथ तथा दूसरी ओर मलय द्वीपसमूह तथा चीन के साथ व्यापारिक संबंध थे। अतः कथन (2) असत्य है।Incorrect
व्याख्याः इन राज्यों का व्यापार पश्चिम के साथ गोल मिर्च की मांग, हाथी दाँत और समुद्र से प्राप्त मोतियों के कारण लाभ की स्थिति में था, अतः कथन (1) सत्य है।
इनका व्यापार एक ओर यूनानी या मिस्र के हेलेनिस्टिक राज्य और अरब के साथ तथा दूसरी ओर मलय द्वीपसमूह तथा चीन के साथ व्यापारिक संबंध थे। अतः कथन (2) असत्य है। -
Question 10 of 20
10. Question
1 pointsनिम्नलिखित में कौन-से युग्म सही सुमेलित हैं?सूची-I (उपाधि) सूची-II (संबंधित वर्ग) A. वल्लाल 1. धनी किसान B. अरसर 2. शासक वर्ग C. कडैसियर 3.खेत मजदूर कूटः
Correct
व्याख्याः
सूची-I (उपाधि) सूची-II (संबंधित वर्ग) A. वल्लाल 1. धनी किसान B. अरसर 2. शासक वर्ग C. कडैसियर 3.खेत मजदूर Incorrect
व्याख्याः
सूची-I (उपाधि) सूची-II (संबंधित वर्ग) A. वल्लाल 1. धनी किसान B. अरसर 2. शासक वर्ग C. कडैसियर 3.खेत मजदूर -
Question 11 of 20
11. Question
1 pointsतमिल राज्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. पांड्य राज्य में अश्व पश्चिमोत्तर भारत से स्थल मार्ग द्वारा मंगवाए जाते थे।
2. ‘एनाडि’ की उपाधि सेनाध्यक्षों को दी जाती थी।
3. परियार लोग चर्म का कार्य करने वाले खेत मजदूर थे।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- पांड्य राज्य में अश्व समुद्र के रास्ते से मंगवाए जाते थे। अतः कथन (1) असत्य है।
- ‘एनाडि’ की उपाधि सेनाध्यक्षों को औपचारिक अनुष्ठान के साथ दी जाती थी। अतः कथन (2) सत्य है।
- परियार लोग खेत मजदूर थे, साथ ही ये लोग पशु चर्म का कार्य भी करते थे, और चटाई के रूप में इनका इस्तेमाल करते थे। अतः कथन (3) सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- पांड्य राज्य में अश्व समुद्र के रास्ते से मंगवाए जाते थे। अतः कथन (1) असत्य है।
- ‘एनाडि’ की उपाधि सेनाध्यक्षों को औपचारिक अनुष्ठान के साथ दी जाती थी। अतः कथन (2) सत्य है।
- परियार लोग खेत मजदूर थे, साथ ही ये लोग पशु चर्म का कार्य भी करते थे, और चटाई के रूप में इनका इस्तेमाल करते थे। अतः कथन (3) सत्य है।
-
Question 12 of 20
12. Question
1 pointsसंगम साहित्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?1. संगम सम्मेलन का आयोजन पुहार राजाश्रय में होता था।
2. आख्यानात्मक ग्रंथों को वीरगाथा काव्य कहते हैं।
3. संगम साहित्य आख्यानात्मक और उपदेशात्मक में बँटा हुआ था, इनमें आख्यानात्मक ‘कीलकणक्कु’ और उपदेशात्मक मेलकणक्कु कहलाते हैं।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेःCorrect
व्याख्याः
- संगम तमिल कवियों का संघ या सम्मेलन है, जो मदुरै में राजाश्रय में आयोजित होते थे। अतः कथन (1) असत्य है।
- संगम साहित्य में आख्यानात्मक ग्रंथों को वीरगाथा काव्य कहते हैं, जिसमें वीर पुरुषों की कीर्ति और युद्धों का वर्णन किया गया है। अतः कथन (2) सत्य है।
- संगम को मोटे तौर पर दो समूहों में बाँटा जा सकता है-आख्यानात्मक और उपदेशात्मक। आख्यानात्मक ग्रंथ मेलकणक्कु अर्थात् अठारह मुख्य ग्रंथ और उपदेशात्मक ग्रंथ कीलकणक्कु अर्थात् अठारह लघु ग्रंथ कहलाते हैं। अतः कथन (3) असत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- संगम तमिल कवियों का संघ या सम्मेलन है, जो मदुरै में राजाश्रय में आयोजित होते थे। अतः कथन (1) असत्य है।
- संगम साहित्य में आख्यानात्मक ग्रंथों को वीरगाथा काव्य कहते हैं, जिसमें वीर पुरुषों की कीर्ति और युद्धों का वर्णन किया गया है। अतः कथन (2) सत्य है।
- संगम को मोटे तौर पर दो समूहों में बाँटा जा सकता है-आख्यानात्मक और उपदेशात्मक। आख्यानात्मक ग्रंथ मेलकणक्कु अर्थात् अठारह मुख्य ग्रंथ और उपदेशात्मक ग्रंथ कीलकणक्कु अर्थात् अठारह लघु ग्रंथ कहलाते हैं। अतः कथन (3) असत्य है।
-
Question 13 of 20
13. Question
1 pointsसंगम राज्यों की धार्मिक संस्कृति के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. राजा वैदिक यज्ञ करते थे।
2. शवदाह की प्रथा आरम्भ हुई।
3. इन राज्यों में स्थानीय देवता मुरूगन थे।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सत्य हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- तमिल देश में ईसा सन् की आरंभिक सदियों में जो राज्य स्थापित हुए थे उनका विकास ब्राह्मण संस्कृति के प्रभाव से हुआ। राजा वैदिक यज्ञ करते थे, अतः कथन (1) सत्य है।
- इस काल में इन राज्यों में शवदाह की प्रथा आरम्भ हुई, परंतु महापाषाण अवस्था से चली आ रही दफनाने की प्रथा भी चलती रही। अतः कथन (2) सत्य है।
- पहाड़ी प्रदेशों के लोगों के मुख्य स्थानीय देवता मुरुगन थे, जो आरम्भिक मध्यकाल में सुब्रामनियम या सुब्रह्मण्यम कहलाने लगे। अतः कथन (3) सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- तमिल देश में ईसा सन् की आरंभिक सदियों में जो राज्य स्थापित हुए थे उनका विकास ब्राह्मण संस्कृति के प्रभाव से हुआ। राजा वैदिक यज्ञ करते थे, अतः कथन (1) सत्य है।
- इस काल में इन राज्यों में शवदाह की प्रथा आरम्भ हुई, परंतु महापाषाण अवस्था से चली आ रही दफनाने की प्रथा भी चलती रही। अतः कथन (2) सत्य है।
- पहाड़ी प्रदेशों के लोगों के मुख्य स्थानीय देवता मुरुगन थे, जो आरम्भिक मध्यकाल में सुब्रामनियम या सुब्रह्मण्यम कहलाने लगे। अतः कथन (3) सत्य है।
-
Question 14 of 20
14. Question
1 pointsनिम्नलिखित में ‘वीरकल’ किसे कहा जाता था?
Correct
व्याख्याः
- स्मारक को वीरकल कहा जाता था, चूँकि गाय या अन्य वस्तुओं के लिये लड़कर मरने वाले वीरों के सम्मान में वीरकल अर्थात् स्मारक-स्वरूप प्रस्तर खड़ा किया जाता था।
Incorrect
व्याख्याः
- स्मारक को वीरकल कहा जाता था, चूँकि गाय या अन्य वस्तुओं के लिये लड़कर मरने वाले वीरों के सम्मान में वीरकल अर्थात् स्मारक-स्वरूप प्रस्तर खड़ा किया जाता था।
-
Question 15 of 20
15. Question
1 pointsसंगम ग्रंथों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. ‘तोलकाप्पियम’ व्याकरण और अलंकार शास्त्र का ग्रंथ है।
2. ‘तिरुकुरल’ में दार्शनिक विचार और सूक्तियाँ हैं।
3. सिलप्पदिकारम प्रसिद्ध महाकाव्य है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- संगम साहित्य तोलकाप्पियम ग्रंथ व्याकरण और अलंकार शास्त्र कहलाता है। अतः कथन (1) सत्य है।
- तिरुकुरल में दार्शनिक विचार और सूक्तियाँ हैं। अतः कथन (2) सत्य है।
- तमिल काव्य में दो प्रसिद्ध महाकाव्य हैं जिनके नाम हैं- सिलप्पदिकारम और मणिमेकलै। इन दोनों की रचना ईसा की छठी सदी के आसपास हुई। अतः कथन (3) सत्य है।
- उल्लेखनीय है कि सिलप्पदिकारम एक प्रेमकथा है जिसमें कोवलन नामक व्यापारी और माधवी नामक गणिका के प्रेम-प्रसंग का वर्णन है। मणिमेकलै में कोवलन और माधवी की कन्या के साहसिक जीवन का वर्णन किया गया है।
Incorrect
व्याख्याः
- संगम साहित्य तोलकाप्पियम ग्रंथ व्याकरण और अलंकार शास्त्र कहलाता है। अतः कथन (1) सत्य है।
- तिरुकुरल में दार्शनिक विचार और सूक्तियाँ हैं। अतः कथन (2) सत्य है।
- तमिल काव्य में दो प्रसिद्ध महाकाव्य हैं जिनके नाम हैं- सिलप्पदिकारम और मणिमेकलै। इन दोनों की रचना ईसा की छठी सदी के आसपास हुई। अतः कथन (3) सत्य है।
- उल्लेखनीय है कि सिलप्पदिकारम एक प्रेमकथा है जिसमें कोवलन नामक व्यापारी और माधवी नामक गणिका के प्रेम-प्रसंग का वर्णन है। मणिमेकलै में कोवलन और माधवी की कन्या के साहसिक जीवन का वर्णन किया गया है।
-
Question 16 of 20
16. Question
1 pointsसातवाहन राज्य के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. इन लोगों ने कण्वों को पराजित कर मध्य भारत में सत्ता स्थापित की।
2. इनका राज्य उत्तरी महाराष्ट्र और ऊपरी गोदावरी घाटी में स्थापित हुआ।
3. इनके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी कण्व थे।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सत्य हैं?Correct
व्याख्याः
- सातवाहन शासकों ने कण्वों को पराजित कर मध्य भारत और दक्कन में सत्ता स्थापित की थी। अतः कथन (1) सत्य है।
- आरंभिक सातवाहन शासकों का राज्य उत्तरी महाराष्ट्र में था, जहाँ उनके प्राचीनतम सिक्के और अधिकांश आरंभिक अभिलेख मिले हैं। उन्होंने अपनी सत्ता ऊपरी गोदावरी घाटी में स्थापित की। अतः कथन (2) सत्य है।
- सातवाहन राज्य का विस्तार कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में था। उनके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी शक थे। शकों का राज्य दक्कन और पश्चिमी भारत में स्थापित हुआ। अतः कथन (3) असत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- सातवाहन शासकों ने कण्वों को पराजित कर मध्य भारत और दक्कन में सत्ता स्थापित की थी। अतः कथन (1) सत्य है।
- आरंभिक सातवाहन शासकों का राज्य उत्तरी महाराष्ट्र में था, जहाँ उनके प्राचीनतम सिक्के और अधिकांश आरंभिक अभिलेख मिले हैं। उन्होंने अपनी सत्ता ऊपरी गोदावरी घाटी में स्थापित की। अतः कथन (2) सत्य है।
- सातवाहन राज्य का विस्तार कर्नाटक और आंध्र प्रदेश में था। उनके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी शक थे। शकों का राज्य दक्कन और पश्चिमी भारत में स्थापित हुआ। अतः कथन (3) असत्य है।
-
Question 17 of 20
17. Question
1 pointsसातवाहन राज्य के उदय की विशेषताओं के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. लोहे के फाल का प्रयोग
2. धान-रोपण विधि
3. नगरीकरण
4. लेखन-कला
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सत्य हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- सातवाहन राज्य का उदय ऊपरी गोदावरी घाटी में हुआ था। वहाँ पर लोहे के फाल का प्रयोग, धान-रोपण विधि से धान का प्रचुर उत्पादन होता था। नगरीकरण में अमरावती व नागार्जुनकोंड प्रमुख नगर तथा लेखन कला आदि सातवाहन राज्य के उदय की विशेषताएँ थीं।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- सातवाहन राज्य का उदय ऊपरी गोदावरी घाटी में हुआ था। वहाँ पर लोहे के फाल का प्रयोग, धान-रोपण विधि से धान का प्रचुर उत्पादन होता था। नगरीकरण में अमरावती व नागार्जुनकोंड प्रमुख नगर तथा लेखन कला आदि सातवाहन राज्य के उदय की विशेषताएँ थीं।
-
Question 18 of 20
18. Question
1 pointsगौतमीपुत्र सातकर्णि के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. उसने अपने आपको ‘एकमात्र ब्राह्मण’ कहा।
2. उसने क्षहरात वंश के शासक रुद्रदामन को हराया।
3. उसका साम्राज्य उत्तर में मालवा से लेकर दक्षिण में कर्नाटक तक फैला था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- गौतमीपुत्र सातकर्णि ने सातवाहन वंश के ऐश्वर्य को फिर से स्थापित किया था। उसने अपने आपको ‘एकमात्र ब्राह्मण’ कहा था। अतः कथन (1) सत्य है।
- उसने क्षहरात वंश के शासक नहपान को हराया था। उल्लेखनीय है कि नहपान के 8000 से अधिक चांदी के सिक्के नासिक के पास मिले हैं, उन पर सातवाहन राजा द्वारा फिर से ढलाए जाने के चिह्न हैं। अतः कथन (2) असत्य है।
- उसके समय में शासन उत्तर में मालवा से लेकर दक्षिण में कर्नाटक तक फैला हुआ था। अतः कथन (3) सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- गौतमीपुत्र सातकर्णि ने सातवाहन वंश के ऐश्वर्य को फिर से स्थापित किया था। उसने अपने आपको ‘एकमात्र ब्राह्मण’ कहा था। अतः कथन (1) सत्य है।
- उसने क्षहरात वंश के शासक नहपान को हराया था। उल्लेखनीय है कि नहपान के 8000 से अधिक चांदी के सिक्के नासिक के पास मिले हैं, उन पर सातवाहन राजा द्वारा फिर से ढलाए जाने के चिह्न हैं। अतः कथन (2) असत्य है।
- उसके समय में शासन उत्तर में मालवा से लेकर दक्षिण में कर्नाटक तक फैला हुआ था। अतः कथन (3) सत्य है।
-
Question 19 of 20
19. Question
1 pointsवासिष्ठीपुत्र पुलुमायिन् के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. उसने प्रतिष्ठान (पैठन) को सातवाहन राज्य की राजधानी बनाया।
2. वह शक शासक रुद्रदामन प्रथम से पराजित हुआ।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- इसके काल में सातवाहन साम्राज्य की राजधानी आंध्र प्रदेश के औरंगाबाद ज़िले में गोदावरी नदी के किनारे पैठन या प्रतिष्ठान बनी।
- सौराष्ट्र (काठियावाड़) के शक शासक रुद्रदामन प्रथम ने उसे दो बार पराजित किया था।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- इसके काल में सातवाहन साम्राज्य की राजधानी आंध्र प्रदेश के औरंगाबाद ज़िले में गोदावरी नदी के किनारे पैठन या प्रतिष्ठान बनी।
- सौराष्ट्र (काठियावाड़) के शक शासक रुद्रदामन प्रथम ने उसे दो बार पराजित किया था।
-
Question 20 of 20
20. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किस राजा के सिक्कों पर जहाज़ का चित्र अंकित है?
Correct
व्याख्याः
- सातवाहन राजा यज्ञश्री सातकर्णि व्यापार और जलयात्रा का प्रेमी था। इसके सिक्कों पर जहाज़ का चित्र अंकित है,जो जलयात्रा और समुद्री व्यापार के प्रति उसके प्रेम का परिचायक है।
Incorrect
व्याख्याः
- सातवाहन राजा यज्ञश्री सातकर्णि व्यापार और जलयात्रा का प्रेमी था। इसके सिक्कों पर जहाज़ का चित्र अंकित है,जो जलयात्रा और समुद्री व्यापार के प्रति उसके प्रेम का परिचायक है।