प्राचीन-भारत टेस्ट 5
प्राचीन-भारत टेस्ट 5
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इस टेस्ट में सम्मिलित प्रश्न एन.सी.ई.आर.टी. पर आधारित है|
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Question 1 of 20
1. Question
1 pointsगुप्त साम्राज्य के उद्भव के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा असत्य है?
Correct
व्याख्याः
- गुप्त शासकों ने जीन, लगाम, बटन वाले कोट, पतलून और जूतों का इस्तेमाल करना कुषाणों से सीखा था। इन सबसे उनमें गतिशीलता आई और उनके घुड़सवारों की कार्य क्षमता में वृद्धि हुई। अतः कथन (c) असत्य है जबकि अन्य कथन सत्य हैं।
- गुप्त शासकों ने अपना आधिपत्य कुषाण और सातवाहन के खंडहरों पर स्थापित किया।
- गुप्त काल में बिहार की अपेक्षा उत्तर प्रदेश अधिक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र था, क्योंकि आरंभिक गुप्त मुद्राएँ और अभिलेख इसी स्थान पर पाए गए हैं।
- गुप्त काल में अश्वचालित रथ का और हाथी का महत्त्व समाप्त हो गया और घुड़सवारों की भूमिका प्रमुख हो गई। इनके सिक्कों पर घुड़सवार का चित्र अंकित हैं। उनकी शक्ति का मूल आधार घोड़े का प्रयोग था।
Incorrect
व्याख्याः
- गुप्त शासकों ने जीन, लगाम, बटन वाले कोट, पतलून और जूतों का इस्तेमाल करना कुषाणों से सीखा था। इन सबसे उनमें गतिशीलता आई और उनके घुड़सवारों की कार्य क्षमता में वृद्धि हुई। अतः कथन (c) असत्य है जबकि अन्य कथन सत्य हैं।
- गुप्त शासकों ने अपना आधिपत्य कुषाण और सातवाहन के खंडहरों पर स्थापित किया।
- गुप्त काल में बिहार की अपेक्षा उत्तर प्रदेश अधिक महत्त्वपूर्ण क्षेत्र था, क्योंकि आरंभिक गुप्त मुद्राएँ और अभिलेख इसी स्थान पर पाए गए हैं।
- गुप्त काल में अश्वचालित रथ का और हाथी का महत्त्व समाप्त हो गया और घुड़सवारों की भूमिका प्रमुख हो गई। इनके सिक्कों पर घुड़सवार का चित्र अंकित हैं। उनकी शक्ति का मूल आधार घोड़े का प्रयोग था।
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Question 2 of 20
2. Question
1 pointsगुप्त साम्राज्य के उद्भव व विकास के कारणों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?
1. इनके राज्य में मध्य भारत की उर्वर भूमि शामिल थी, जिसके कारण अच्छी उपज होती थी।
2. दक्षिणी-बिहार से प्राप्त लौह के उपयोग से उन्नत तकनीक के औजार और हथियार के निर्माण को बल मिला।
3. रोमन साम्राज्य से व्यापार करने के कारण वे लाभ की स्थिति में थे।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेCorrect
व्याख्या:
- गुप्त राजाओं को कई भौतिक सुविधाएँ प्राप्त थी। उनके कार्य क्षेत्र का मुख्य प्रांगण मध्य-देश की उर्वर भूमि थी, जिसमें बिहार और उत्तर प्रदेश आते हैं, और यहा से अच्छी उपज प्राप्त होती थी। अतः कथन (1) सत्य है।
- वे लोग मध्य भारत और दक्षिण बिहार के लौह अयस्क का उपयोग कर अच्छे औजार और उपकरण बनाते थे। अतः कथन (2) सत्य है।
- इस काल में बायजेन्टाइन साम्राज्य अर्थात् पूर्वी रोमन साम्राज्य के साथ रेशम का व्यापार करने वाले उत्तर भारत के इलाके उनके पड़ोस में स्थित थे, अतः उन्होंने इस निकटता का फायदा व्यापार बढ़ाने में किया। अतः कथन (3) सत्य है।
Incorrect
व्याख्या:
- गुप्त राजाओं को कई भौतिक सुविधाएँ प्राप्त थी। उनके कार्य क्षेत्र का मुख्य प्रांगण मध्य-देश की उर्वर भूमि थी, जिसमें बिहार और उत्तर प्रदेश आते हैं, और यहा से अच्छी उपज प्राप्त होती थी। अतः कथन (1) सत्य है।
- वे लोग मध्य भारत और दक्षिण बिहार के लौह अयस्क का उपयोग कर अच्छे औजार और उपकरण बनाते थे। अतः कथन (2) सत्य है।
- इस काल में बायजेन्टाइन साम्राज्य अर्थात् पूर्वी रोमन साम्राज्य के साथ रेशम का व्यापार करने वाले उत्तर भारत के इलाके उनके पड़ोस में स्थित थे, अतः उन्होंने इस निकटता का फायदा व्यापार बढ़ाने में किया। अतः कथन (3) सत्य है।
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Question 3 of 20
3. Question
1 pointsप्राचीन काल में भारत के राजवंशों के संबंध में निम्नलिखित में से कौन-सा एक सही कालानुक्रम है?
Correct
व्याख्याः
- भारत में कुषाण सत्ता 230 ई. के आसपास आकर समाप्त हो गई। उसके बाद मध्य भारत का बड़ा-सा भाग मुरूण्डों के अधिकार क्षेत्र में आया। मुरूण्डों की सत्ता 250 ई. तक रही,उसके बाद 275 ई. में गुप्त वंश के आधिपत्य में सत्ता स्थापित हुई, उसके बाद मौखरि राजवंश ने हूणों को पराजित कर पूर्वी भारत पर शासन कायम किया और कन्नौज में सत्ता स्थापित की।
Incorrect
व्याख्याः
- भारत में कुषाण सत्ता 230 ई. के आसपास आकर समाप्त हो गई। उसके बाद मध्य भारत का बड़ा-सा भाग मुरूण्डों के अधिकार क्षेत्र में आया। मुरूण्डों की सत्ता 250 ई. तक रही,उसके बाद 275 ई. में गुप्त वंश के आधिपत्य में सत्ता स्थापित हुई, उसके बाद मौखरि राजवंश ने हूणों को पराजित कर पूर्वी भारत पर शासन कायम किया और कन्नौज में सत्ता स्थापित की।
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Question 4 of 20
4. Question
1 pointsचंद्रगुप्त प्रथम के संदर्भ में निम्नखित कथनों पर विचार कीजियेः1. उसने लिच्छवि राजकुमारी से विवाह किया था।
2. उसने गुप्त संवत् 319-20 में रूद्रदामन से युद्धोपरांत विजय स्मारक के रूप में चलाया था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- चंद्रगुप्त प्रथम (319-334ई.) गुप्त वंश का पहला प्रसिद्ध राजा हुआ। उसने लिच्छवि राजकुमारी से विवाह किया। इससे उसकी सत्ता को बल मिला| अतः कथन (1) सत्य है।
- चंद्रगुप्त प्रथम महान शासक हुआ और उसने 319-20 ई. में अपने राज्यारोहण के स्मारक के रूप में गुप्त संवत् चलाया। अतः कथन (2) असत्य है।
Incorrect
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Question 5 of 20
5. Question
1 pointsसमुद्रगुप्त के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. इसके काल में गुप्त साम्राज्य का व्यापक विस्तार हुआ।
2. उसकी नीतियाँ अशोक की नीतियों के समान थी।
3. उसके काल में श्रीलंका के राजा मेघवर्मन ने गया में बौद्ध मंदिर बनवाया था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- चंद्रगुप्त प्रथम के पुत्र और उत्तराधिकारी समुद्रगुप्त ने गुप्त राज्य का व्यापक विस्तार किया।
- उल्लेखनीय है कि उसके द्वारा विजित प्रदेश पाँच समूहों में बाँटा जा सकता है- प्रथम समूह में गंगा-यमुना दोआब, द्वितीय समूह में पूर्वी हिमालय के राज्यों और कुछ सीमावर्ती राज्य, तृतीय समूह में अटाविक राज्य विंध्य क्षेत्र में पड़ते थे, चतुर्थ समूह में पूर्वी दक्कन और दक्षिण भारत के बारह शासक और पाँचवें समूह में शक और कुषाणों के नाम हैं, जिनमें कुछ अफगानिस्तान का क्षेत्र भी आता था।
- समुद्रगुप्त की नीतियाँ अशोक की नीतियों के विपरीत थी, जहाँ अशोक शांति और अनाक्रमण की नीति में विश्वास करता था तो समुद्रगुप्त हिंसा और विजय में आनंद पाता था। अतः कथन (2) असत्य है।
- श्रीलंका के राजा मेघवर्मन ने गया में बुद्ध का मंदिर बनवाने की अनुमति प्राप्त करने के लिये समुद्रगुप्त के पास अपना दूत भेजा था। अनुमति मिलने के बाद यह मंदिर बौद्ध विहार के रूप में विकसित हो गया।
Incorrect
व्याख्याः
- चंद्रगुप्त प्रथम के पुत्र और उत्तराधिकारी समुद्रगुप्त ने गुप्त राज्य का व्यापक विस्तार किया।
- उल्लेखनीय है कि उसके द्वारा विजित प्रदेश पाँच समूहों में बाँटा जा सकता है- प्रथम समूह में गंगा-यमुना दोआब, द्वितीय समूह में पूर्वी हिमालय के राज्यों और कुछ सीमावर्ती राज्य, तृतीय समूह में अटाविक राज्य विंध्य क्षेत्र में पड़ते थे, चतुर्थ समूह में पूर्वी दक्कन और दक्षिण भारत के बारह शासक और पाँचवें समूह में शक और कुषाणों के नाम हैं, जिनमें कुछ अफगानिस्तान का क्षेत्र भी आता था।
- समुद्रगुप्त की नीतियाँ अशोक की नीतियों के विपरीत थी, जहाँ अशोक शांति और अनाक्रमण की नीति में विश्वास करता था तो समुद्रगुप्त हिंसा और विजय में आनंद पाता था। अतः कथन (2) असत्य है।
- श्रीलंका के राजा मेघवर्मन ने गया में बुद्ध का मंदिर बनवाने की अनुमति प्राप्त करने के लिये समुद्रगुप्त के पास अपना दूत भेजा था। अनुमति मिलने के बाद यह मंदिर बौद्ध विहार के रूप में विकसित हो गया।
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Question 6 of 20
6. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किस राजा को भारत का नेपोलियन कहा जाता है?
Correct
व्याख्याः
- समुद्रगुप्त को उसकी बहादुरी और कौशल के कारण भारत का नेपोलियन कहा जाता है।
Incorrect
व्याख्याः
- समुद्रगुप्त को उसकी बहादुरी और कौशल के कारण भारत का नेपोलियन कहा जाता है।
-
Question 7 of 20
7. Question
1 pointsचंद्रगुप्त द्वितीय के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन-सा कथन असत्य है?
Correct
व्याख्याः
- चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के काल में चीनी यात्री फाहियान भारत आया और यहाँ के लोगों के जीवन के बारे में विस्तृत विवरण लिखा। अतः कथन (c) असत्य है, जबकि तीनों अन्य कथन सत्य हैं।
- उल्लेखनीय है कि उसने वैवाहिक संबंध और विजय दोनों के सहारे साम्राज्य की सीमा बढ़ाई। चंद्रगुप्त द्वितीय ने अपनी कन्या प्रभावती का विवाह वाकाटक नामक राजा से कराया जो मध्य भारत में शासन करता था। वाकाटक राजा की मृत्यु के बाद चंद्रगुप्त द्वितीय अप्रत्यक्ष रूप से अपनी कन्या के माध्यम से शासन करता था। इसका साक्ष्य भूमिदान संबंधी उसके अभिलेख है, जिस पर गुप्तकालीन प्राचीन शैली का प्रभाव है।
Incorrect
व्याख्याः
- चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के काल में चीनी यात्री फाहियान भारत आया और यहाँ के लोगों के जीवन के बारे में विस्तृत विवरण लिखा। अतः कथन (c) असत्य है, जबकि तीनों अन्य कथन सत्य हैं।
- उल्लेखनीय है कि उसने वैवाहिक संबंध और विजय दोनों के सहारे साम्राज्य की सीमा बढ़ाई। चंद्रगुप्त द्वितीय ने अपनी कन्या प्रभावती का विवाह वाकाटक नामक राजा से कराया जो मध्य भारत में शासन करता था। वाकाटक राजा की मृत्यु के बाद चंद्रगुप्त द्वितीय अप्रत्यक्ष रूप से अपनी कन्या के माध्यम से शासन करता था। इसका साक्ष्य भूमिदान संबंधी उसके अभिलेख है, जिस पर गुप्तकालीन प्राचीन शैली का प्रभाव है।
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Question 8 of 20
8. Question
1 pointsनिम्नलिखित में कौन-सा/से कवि चंद्रगुप्त द्वितीय के दरबार में था?
Correct
व्याख्याः
- कालिदास और अमर सिंह दोनों चंद्रगुप्त द्वितीय के उज्जैन दरबार में कवि थे।
Incorrect
व्याख्याः
- कालिदास और अमर सिंह दोनों चंद्रगुप्त द्वितीय के उज्जैन दरबार में कवि थे।
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Question 9 of 20
9. Question
1 pointsगुप्त शासकों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. इलाहाबाद का प्रशंसात्मक अभिलेख स्कन्दगुप्त की विजयों का वर्णन करता है।
2. दिल्ली के कुतुब मीनार के पास खड़े एक लौह स्तंभ पर खुदे अभिलेख में चंद्रगुप्त द्वितीय का कीर्तिवर्णन किया गया है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य हैं?Correct
व्याख्याः
- इलाहाबाद की प्रशास्ति (प्रशंसात्मक अभिलेख) में समुद्रगुप्त के विजयों के बारे में वर्णन किया गया है कि उसे कभी पराजय का सामना नहीं करना पड़ा। अतः कथन (1) असत्य है।
- दिल्ली में कुतुब मीनार के पास खड़े एक लौह स्तंभ पर खुदे हुए अभिलेख में चन्द्र नामक किसी राजा का कीर्तिवर्णन किया गया है, जिसे चंद्रगुप्त द्वितीय के बारे में माना जाता है। अतः कथन (2) सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- इलाहाबाद की प्रशास्ति (प्रशंसात्मक अभिलेख) में समुद्रगुप्त के विजयों के बारे में वर्णन किया गया है कि उसे कभी पराजय का सामना नहीं करना पड़ा। अतः कथन (1) असत्य है।
- दिल्ली में कुतुब मीनार के पास खड़े एक लौह स्तंभ पर खुदे हुए अभिलेख में चन्द्र नामक किसी राजा का कीर्तिवर्णन किया गया है, जिसे चंद्रगुप्त द्वितीय के बारे में माना जाता है। अतः कथन (2) सत्य है।
-
Question 10 of 20
10. Question
1 pointsगुप्त साम्राज्य के पतन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?1. स्कन्दगुप्त के बाद नितांत कमज़ोर उत्तराधिकारी ।
2. हूणों उत्तम धनुर्धर होना।
3. सामंतों का विद्रोह।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये।Correct
व्याख्याः
- चंद्रगुप्त द्वितीय के उत्तराधिकारियों में स्कन्दगुप्त ने हुणों से कड़ा मुकाबला किया परन्तु उसके बाद के उत्तराधिकारी हुणों के सामने ठहर नहीं सके। अतः कथन (1) सत्य है।
- हुण अच्छे युद्धा होने के साथ-साथ बेजोड़ घुड़सवार थे और वे धातु के बने रकाबों का इस्तेमाल करते थे। वे उत्तम धनुर्धर होने के कारण न केवल ईरान में बल्कि भारत मे भी सफल हुए, अतः कथन (2) सत्य है।
- गुप्त शासकों के सामंतों ने विद्रोह कर साम्राज्य को कमज़ोर बना दिया। उत्तरी बंगाल में नियुक्त सामंतों ने विद्रोह कर स्वतंत्र राज्य बनाना शुरू कर दिया था। अतः कथन (3) सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- चंद्रगुप्त द्वितीय के उत्तराधिकारियों में स्कन्दगुप्त ने हुणों से कड़ा मुकाबला किया परन्तु उसके बाद के उत्तराधिकारी हुणों के सामने ठहर नहीं सके। अतः कथन (1) सत्य है।
- हुण अच्छे युद्धा होने के साथ-साथ बेजोड़ घुड़सवार थे और वे धातु के बने रकाबों का इस्तेमाल करते थे। वे उत्तम धनुर्धर होने के कारण न केवल ईरान में बल्कि भारत मे भी सफल हुए, अतः कथन (2) सत्य है।
- गुप्त शासकों के सामंतों ने विद्रोह कर साम्राज्य को कमज़ोर बना दिया। उत्तरी बंगाल में नियुक्त सामंतों ने विद्रोह कर स्वतंत्र राज्य बनाना शुरू कर दिया था। अतः कथन (3) सत्य है।
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Question 11 of 20
11. Question
1 pointsगुप्त साम्राज्य के पतन के समय उदित राज्यों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. मालवा नरेश यशोधर्मन ने अपनी राजधानी कन्नौज में बनाई।
2. मौखरि वंश के शासकों ने उत्तर भारत विजय के उपलक्ष्य में 532 ई. में विजय स्तंभ स्थापित किये।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन असत्य हैं।
- मालवा के औलिकर सामंत वंश के यशोधर्मन ने हूणों को हरा कर गुप्त शासकों को कड़ी चुनौती दी और सारे उत्तर भारत में अपना प्रभुत्व स्थापित करने के उपलक्ष्य में 532 ई. में विजय स्तंभ स्थापित किये।
- मौखरि राजवंश के शासकों ने बिहार और उत्तर प्रदेश में राजसत्ता स्थापित की और कन्नौज को अपनी राजधानी बनाई।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन असत्य हैं।
- मालवा के औलिकर सामंत वंश के यशोधर्मन ने हूणों को हरा कर गुप्त शासकों को कड़ी चुनौती दी और सारे उत्तर भारत में अपना प्रभुत्व स्थापित करने के उपलक्ष्य में 532 ई. में विजय स्तंभ स्थापित किये।
- मौखरि राजवंश के शासकों ने बिहार और उत्तर प्रदेश में राजसत्ता स्थापित की और कन्नौज को अपनी राजधानी बनाई।
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Question 12 of 20
12. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किस गुप्त शासक को हूणों के आक्रमण का सामना करना पड़ा?
Correct
व्याख्याः
- चंद्रगुप्त द्वितीय के उत्तराधिकारियों को ईसा की पाँचवी सदी के उत्तरार्द्ध में मध्य एशिया के हूणों के आक्रमण का सामना करना पड़ा। इनमें गुप्त शासक स्कन्दगुप्त को हूणों के आक्रमण का सामना करना पड़ा, उसने हूणों को कड़ी चुनौती दी |अंततः स्कन्दगुप्त द्वारा वे पराजित हुए।
Incorrect
व्याख्याः
- चंद्रगुप्त द्वितीय के उत्तराधिकारियों को ईसा की पाँचवी सदी के उत्तरार्द्ध में मध्य एशिया के हूणों के आक्रमण का सामना करना पड़ा। इनमें गुप्त शासक स्कन्दगुप्त को हूणों के आक्रमण का सामना करना पड़ा, उसने हूणों को कड़ी चुनौती दी |अंततः स्कन्दगुप्त द्वारा वे पराजित हुए।
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Question 13 of 20
13. Question
1 pointsमौर्योत्तर काल में व्यापार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. इस काल में मथुरा वस्त्र निर्माण का केंद्र बन गया था।
2. उत्तर भारत में रंगरेज़ी एक उन्नत शिल्प था।
3. भारत में यह काल शिल्प और वाणिज्य के इतिहास में चरम उत्कर्ष का काल था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- इस काल में कपड़ा बनाने, रेशम बुनने और वस्त्रों एवं विलास की वस्तुओं के निर्माण में भी प्रगति हुई तथा मथुरा शाटक नामक विशेष प्रकार के वस्त्र के निर्माण का बड़ा केंद्र बन गया था। अतः कथन (1) सत्य है।
- दक्षिण भारत के कई नगरों में रंगरेज़ी उन्नत शिल्प थी। तमिलनाडु में तिरुचिरापल्ली नगर के उपान्तवर्ती उरैयूर में ईंटों का बने रंगाई के हौज़ मिले हैं। अतः कथन (2) असत्य है।
- ‘शकों’ कुषाणों और सातवाहनों का प्रथम तमिल राज्यों का युग प्राचीन भारत के शिल्प और वाणिज्य के इतिहास में चरम उत्कर्ष का काल था। अतः कथन (3) सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- इस काल में कपड़ा बनाने, रेशम बुनने और वस्त्रों एवं विलास की वस्तुओं के निर्माण में भी प्रगति हुई तथा मथुरा शाटक नामक विशेष प्रकार के वस्त्र के निर्माण का बड़ा केंद्र बन गया था। अतः कथन (1) सत्य है।
- दक्षिण भारत के कई नगरों में रंगरेज़ी उन्नत शिल्प थी। तमिलनाडु में तिरुचिरापल्ली नगर के उपान्तवर्ती उरैयूर में ईंटों का बने रंगाई के हौज़ मिले हैं। अतः कथन (2) असत्य है।
- ‘शकों’ कुषाणों और सातवाहनों का प्रथम तमिल राज्यों का युग प्राचीन भारत के शिल्प और वाणिज्य के इतिहास में चरम उत्कर्ष का काल था। अतः कथन (3) सत्य है।
-
Question 14 of 20
14. Question
1 pointsमौर्योत्तर काल के व्यापार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. इस काल के शिल्पी वर्ग के संगठन का नाम श्रेणी था।
2. भारत में कांच ढालने की जानकारी ईसवी सन् के आरंभ में प्राप्त हुई थी।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- शिल्पी वर्ग आपस में संगठित थे और उस संगठन का नाम श्रेणी था। इस काल में चौबीस-पच्चीस श्रेणियाँ प्रचलित थी। अतः कथन (1) सत्य है।
- भारत में कांच ढालने की जानकारी ईसवी सन् के आरंभ में हुई और इस कला को शिखर तक पहुंचाया|अतःकथन (2) सत्य है|
Incorrect
व्याख्याः
- शिल्पी वर्ग आपस में संगठित थे और उस संगठन का नाम श्रेणी था। इस काल में चौबीस-पच्चीस श्रेणियाँ प्रचलित थी। अतः कथन (1) सत्य है।
- भारत में कांच ढालने की जानकारी ईसवी सन् के आरंभ में हुई और इस कला को शिखर तक पहुंचाया|अतःकथन (2) सत्य है|
-
Question 15 of 20
15. Question
1 pointsमौर्योत्तर काल के व्यापार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन असत्य है?
Correct
व्याख्या:
- इस काल की सबसे बड़ी आर्थिक प्रक्रिया भारत और पूर्वी रोमन साम्राज्य के बीच समृद्ध व्यापार था। आरंभ में यह व्यापार अधिकतर स्थल मार्ग द्वारा होता था। ईसा-पूर्व पहली सदी से शकों-पार्थियनों और कुषाणों की गतिरोध के कारण व्यापार में संकट उत्पन्न हो गया। परंतु ईसा की पहली सदी से व्यापार मुख्यतः समुद्री मार्ग से होने लगा। समुद्र से व्यापार करने में ईसा पूर्व में मानसून पवनों की दिशा ज्ञात होने पर नाविक अरब सागर के पूर्वी तटों से उसके पश्चिमी तटों तक का सफर काफी कम समय में कर सकते थे। अतः कथन (a) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
Incorrect
व्याख्या:
- इस काल की सबसे बड़ी आर्थिक प्रक्रिया भारत और पूर्वी रोमन साम्राज्य के बीच समृद्ध व्यापार था। आरंभ में यह व्यापार अधिकतर स्थल मार्ग द्वारा होता था। ईसा-पूर्व पहली सदी से शकों-पार्थियनों और कुषाणों की गतिरोध के कारण व्यापार में संकट उत्पन्न हो गया। परंतु ईसा की पहली सदी से व्यापार मुख्यतः समुद्री मार्ग से होने लगा। समुद्र से व्यापार करने में ईसा पूर्व में मानसून पवनों की दिशा ज्ञात होने पर नाविक अरब सागर के पूर्वी तटों से उसके पश्चिमी तटों तक का सफर काफी कम समय में कर सकते थे। अतः कथन (a) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
-
Question 16 of 20
16. Question
1 pointsसातवाहन काल में निम्नलिखित में कौन-से नगर आर्थिक रूप से सर्वाधिक समृद्ध माने जाते थे?
1. भड़ौच और अमरावती
2. अमरावती, नागार्जुनकोंड और पैठन
3. अमरावती, अरिकमेडु और कावेरीपट्टनम
4. धान्यकटक, अमरावती, भड़ौच, नागार्जुनकोंड और कावेरीपट्टनम
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेःCorrect
व्याख्याः
- सातवाहन काल में पश्चिमी और दक्षिणी भारत के पैठन, धान्यकटक, अमरावती, नागार्जुनकोंड, भड़ौच, सोपारा, अरिकमेडु और कावेरीपट्टनम समृद्ध नगर थे।
Incorrect
व्याख्याः
- सातवाहन काल में पश्चिमी और दक्षिणी भारत के पैठन, धान्यकटक, अमरावती, नागार्जुनकोंड, भड़ौच, सोपारा, अरिकमेडु और कावेरीपट्टनम समृद्ध नगर थे।
-
Question 17 of 20
17. Question
1 pointsमौर्योत्तर काल में विदेश व्यापार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?1. रोमन साम्राज्य ने भारत में सबसे पहले उत्तर और मध्य भारत से व्यापार आरंभ किया था।
2. ये लोग दक्षिण भारत से मसाला, मोती और रत्न का आयात करते थे।
3. रेशम मार्ग से रेशम अफगानिस्तान और ईरान से गुज़रते हुए रोमन साम्राज्य को जाता था।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेःCorrect
व्याख्याः
- रोमन साम्राज्य ने सबसे पहले देश के सुदूर दक्षिणी हिस्से से व्यापार आरंभ किया; इसलिये सबसे पहले सिक्के तमिल राज्यों में मिले हैं। अतः कथन (1) असत्य है।
- रोम वाले दक्षिण भारत से मसाले, मलमल, मोती, रत्न और माणिक्य का आयात करते थे। अतः कथन (2) सत्य है।
- उल्लेखनीय है कि लोहे की वस्तुएँ विशेषकर बर्तन, हाथी दाँत, रत्न और पशु जिनकी गिनती विलासिता की वस्तुओं में थी, उनका भी निर्यात रोमन साम्राज्य में किया जाता था।
- प्राचीन रेशम मार्ग चीन से अफगानिस्तान और ईरान से गुज़रने वाले मार्ग से रेशम भेजा जाता था, परंतु पार्थियनों द्वारा ईरान पर अधिकार कर लेने के बाद इस मार्ग में गतिरोध उत्पन्न हो गया, तब यह मार्ग कुछ बदलकर भारतीय उपमहादेश के पश्चिमोत्तर भाग से होते हुए रेशम पश्चिमी भारत के बंदरगाहों पर आने लगा। कभी-कभी चीन से रेशम भारत के पूर्वी समुद्र तट होते हुए भी यहाँ आता था। अतः कथन (3) सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- रोमन साम्राज्य ने सबसे पहले देश के सुदूर दक्षिणी हिस्से से व्यापार आरंभ किया; इसलिये सबसे पहले सिक्के तमिल राज्यों में मिले हैं। अतः कथन (1) असत्य है।
- रोम वाले दक्षिण भारत से मसाले, मलमल, मोती, रत्न और माणिक्य का आयात करते थे। अतः कथन (2) सत्य है।
- उल्लेखनीय है कि लोहे की वस्तुएँ विशेषकर बर्तन, हाथी दाँत, रत्न और पशु जिनकी गिनती विलासिता की वस्तुओं में थी, उनका भी निर्यात रोमन साम्राज्य में किया जाता था।
- प्राचीन रेशम मार्ग चीन से अफगानिस्तान और ईरान से गुज़रने वाले मार्ग से रेशम भेजा जाता था, परंतु पार्थियनों द्वारा ईरान पर अधिकार कर लेने के बाद इस मार्ग में गतिरोध उत्पन्न हो गया, तब यह मार्ग कुछ बदलकर भारतीय उपमहादेश के पश्चिमोत्तर भाग से होते हुए रेशम पश्चिमी भारत के बंदरगाहों पर आने लगा। कभी-कभी चीन से रेशम भारत के पूर्वी समुद्र तट होते हुए भी यहाँ आता था। अतः कथन (3) सत्य है।
-
Question 18 of 20
18. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. सातवाहन सिक्के ढालने के लिये सीसा रोम से मंगवाते थे।
2. गोल मिर्च को ‘यवनप्रिय’ कहा जाता था।
3. रोम सम्राट ट्रॉजन ने फारस की खाड़ी का पता लगाया था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- सातवाहन अपने सिक्के ढालने में जिस सीसे का प्रयोग करते थे, वह रोम से लपेटी हुई पट्टियों के रूप में मंगाया जाता था। अतः कथन (1) सत्य है।
- रोम के लोगों को भारतीय गोल मिर्च बहुत प्रिय थी, इसलिये रोम पूरब से गोल मिर्च मंगवाने पर अत्यधिक खर्च करता था। जिससे कि संस्कृत में गोल मिर्च का नाम ही यवनप्रिय पड़ गया। अतः कथन (2) सत्य है।
- रोम के सम्राट ने न केवल फारस की खाड़ी का पता लगाया बल्कि उसने मस्कट पर विजय भी प्राप्त की। उसके व्यापार और विजय के फलस्वरूप रोमन वस्तुएँ अफगानिस्तान और पश्चिमोत्तर भारत पहुँची। अतः कथन (3) सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- सातवाहन अपने सिक्के ढालने में जिस सीसे का प्रयोग करते थे, वह रोम से लपेटी हुई पट्टियों के रूप में मंगाया जाता था। अतः कथन (1) सत्य है।
- रोम के लोगों को भारतीय गोल मिर्च बहुत प्रिय थी, इसलिये रोम पूरब से गोल मिर्च मंगवाने पर अत्यधिक खर्च करता था। जिससे कि संस्कृत में गोल मिर्च का नाम ही यवनप्रिय पड़ गया। अतः कथन (2) सत्य है।
- रोम के सम्राट ने न केवल फारस की खाड़ी का पता लगाया बल्कि उसने मस्कट पर विजय भी प्राप्त की। उसके व्यापार और विजय के फलस्वरूप रोमन वस्तुएँ अफगानिस्तान और पश्चिमोत्तर भारत पहुँची। अतः कथन (3) सत्य है।
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Question 19 of 20
19. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. कुषाण और सातवाहन साम्राज्यों में नगरों की उन्नति का कारण रोमन साम्राज्य के साथ व्यापार था।
2. कुषाण साम्राज्य के कारण पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नगर समृद्ध हुए थे।
3. कुषाण राजाओं ने मार्गों की सुरक्षा का प्रबंधन किया था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- कुषाण और सातवाहन साम्राज्यों में नगरों की उन्नति इसलिये हुई कि रोमन साम्रज्य के साथ व्यापार बहुत अच्छा चल रहा था। अतः कथन (1) सत्य है।
- पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नगरों की समृद्ध का कारण कुषाण साम्राज्य की शक्ति का केंद्र पश्चिमोत्तर भारत था और यहाँ से व्यापार रोमन साम्राज्य के साथ होता था, अतः कथन (2) सत्य है।
- कुषाण साम्राज्य में मार्गों की सुरक्षा का प्रबंध किया गया था। भारत में अधिकतर कुषाण नगर मथुरा से तक्षशिला जाने वाले पश्चिमोत्तर मार्ग या उत्तरापथ पर पड़ते थे। ईसा की तीसरी सदी में उसके अंत होने से इन नगरों का पतन शुरू हो गया था। अतः कथन (3) सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- कुषाण और सातवाहन साम्राज्यों में नगरों की उन्नति इसलिये हुई कि रोमन साम्रज्य के साथ व्यापार बहुत अच्छा चल रहा था। अतः कथन (1) सत्य है।
- पंजाब और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के नगरों की समृद्ध का कारण कुषाण साम्राज्य की शक्ति का केंद्र पश्चिमोत्तर भारत था और यहाँ से व्यापार रोमन साम्राज्य के साथ होता था, अतः कथन (2) सत्य है।
- कुषाण साम्राज्य में मार्गों की सुरक्षा का प्रबंध किया गया था। भारत में अधिकतर कुषाण नगर मथुरा से तक्षशिला जाने वाले पश्चिमोत्तर मार्ग या उत्तरापथ पर पड़ते थे। ईसा की तीसरी सदी में उसके अंत होने से इन नगरों का पतन शुरू हो गया था। अतः कथन (3) सत्य है।
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Question 20 of 20
20. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. भारत में कुषाण काल में नगरीकरण उत्कर्ष के शिखर पर पहुँचा।
2. कुषाण काल में ‘वाराणसी से गोमेद और इन्द्रगोप (कार्नेलियन) का निर्यात रोम को किया जाता था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- भारत में नगरीकरण कुषाण काल में उत्कर्ष के शिखर पर पहुँचा था। अतः कथन (1) सत्य है।
- उल्लेखनीय है कि मालवा और पश्चिमी भारत शक शासकों के काल में समृद्ध थे।
- कुषाण काल में उज्जयिनी महत्त्वपूर्ण नगर था, जहाँ से दो मार्ग पहला कौशाम्बी से और दूसरा मथुरा जाने वाले मार्ग से मिलता था। उज्जयिनी से गोमेद और इन्द्रगोप( कार्नेलियन) पत्थरों का निर्यात होता था। अतः कथन (2) असत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- भारत में नगरीकरण कुषाण काल में उत्कर्ष के शिखर पर पहुँचा था। अतः कथन (1) सत्य है।
- उल्लेखनीय है कि मालवा और पश्चिमी भारत शक शासकों के काल में समृद्ध थे।
- कुषाण काल में उज्जयिनी महत्त्वपूर्ण नगर था, जहाँ से दो मार्ग पहला कौशाम्बी से और दूसरा मथुरा जाने वाले मार्ग से मिलता था। उज्जयिनी से गोमेद और इन्द्रगोप( कार्नेलियन) पत्थरों का निर्यात होता था। अतः कथन (2) असत्य है।