प्राचीन-भारत टेस्ट 2
प्राचीन-भारत टेस्ट 2
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इस टेस्ट में सम्मिलित प्रश्न एन.सी.ई.आर.टी. पर आधारित है|
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Question 1 of 20
1. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. बर्मा (म्याँमार) के लोगों ने बौद्ध धर्म के थेरवाद संप्रदाय को विकसित किया।
2. चीनियों ने बौद्ध चित्रकला की शुरुआत की।
3. अशोक के शासन काल में बौद्ध धर्म-प्रचारक श्रीलंका भेजे गए।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- बर्मा (म्याँमार) के लोगों ने बौद्ध धर्म के थेरवाद संप्रदाय को विकसित किया है। सबसे प्राचीन संप्रदाय थेरवाद है। अतः कथन (1) सत्य है।
- चीनियों ने बौद्ध चित्रकला भारत से सीखी और भारतीयों ने रेशम उपजाने का कौशल चीन से सीखा। अतः कथन (2) असत्य है।
- अशोक के शासन काल में बौद्ध धर्म-प्रचारक श्रीलंका भेजे गए। ईसा पूर्व दूसरी और पहली सदियों के छोटे-छोटे ब्राह्मी अभिलेख श्रीलंका में पाए गए हैं। अतः कथन (3) सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- बर्मा (म्याँमार) के लोगों ने बौद्ध धर्म के थेरवाद संप्रदाय को विकसित किया है। सबसे प्राचीन संप्रदाय थेरवाद है। अतः कथन (1) सत्य है।
- चीनियों ने बौद्ध चित्रकला भारत से सीखी और भारतीयों ने रेशम उपजाने का कौशल चीन से सीखा। अतः कथन (2) असत्य है।
- अशोक के शासन काल में बौद्ध धर्म-प्रचारक श्रीलंका भेजे गए। ईसा पूर्व दूसरी और पहली सदियों के छोटे-छोटे ब्राह्मी अभिलेख श्रीलंका में पाए गए हैं। अतः कथन (3) सत्य है।
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Question 2 of 20
2. Question
1 pointsप्राचीन भारत में बनी बुद्ध की सबसे बड़ी मूर्ति निम्नलिखित में से किस स्थान में है?
Correct
व्याख्याः
- दुनिया की सबसे बड़ी बुद्ध मूर्ति, जो ईसवी सन् के आरंभिक वर्षों में चट्टानों को काटकर बनाई गई थी, बामियान में स्थित है। यहाँ अनेक प्राकृतिक और कृत्रिम गुफाएँ हैं, जिनमें बौद्ध भिक्षु रहते हैं।
- उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान में बौद्ध धर्म सातवीं सदी तक रहा। इसी सदी में इस्लाम धर्म ने इसे अपदस्थ कर दिया।
Incorrect
व्याख्याः
- दुनिया की सबसे बड़ी बुद्ध मूर्ति, जो ईसवी सन् के आरंभिक वर्षों में चट्टानों को काटकर बनाई गई थी, बामियान में स्थित है। यहाँ अनेक प्राकृतिक और कृत्रिम गुफाएँ हैं, जिनमें बौद्ध भिक्षु रहते हैं।
- उल्लेखनीय है कि अफगानिस्तान में बौद्ध धर्म सातवीं सदी तक रहा। इसी सदी में इस्लाम धर्म ने इसे अपदस्थ कर दिया।
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Question 3 of 20
3. Question
1 pointsभारतीय संस्कृति के दक्षिण-पूर्व एशिया में प्रसार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. सभी क्षेत्रों में भारतीय संस्कृति बौद्ध धर्म के माध्यम से फैली।
2. बर्मा (म्याँमार) के पेगू और मोलमेन सुवर्णभूमि कहलाते थे।
3. पांड्य राजाओं ने सुमात्रा में अपनी बस्तियाँ स्थापित कीं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- दक्षिण-पूर्व एशिया में भारतीय संस्कृति का प्रसार (बर्मा को छोड़कर) बौद्ध धर्म के माध्यम से नहीं बल्कि ब्राह्मण धर्म के द्वारा हुआ है। इसके अतिरिक्त व्यापारियों के माध्यम से भी प्रसार हुआ। अतः कथन (1) असत्य है।
- बर्मा (म्याँमार) के पेगू और मोलमेन सुवर्णभूमि कहलाते हैं। अतः कथन (2) सत्य है।
- उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया (जावा) को भी सुवर्णद्वीप कहा जाता था। भारतीय वहाँ सोने की खोज में गए थे।
- ईसवी सन् की आरंभिक सदियों में पल्लवों ने सुमात्रा में अपनी बस्तियाँ स्थापित कीं। अतः कथन (3) असत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- दक्षिण-पूर्व एशिया में भारतीय संस्कृति का प्रसार (बर्मा को छोड़कर) बौद्ध धर्म के माध्यम से नहीं बल्कि ब्राह्मण धर्म के द्वारा हुआ है। इसके अतिरिक्त व्यापारियों के माध्यम से भी प्रसार हुआ। अतः कथन (1) असत्य है।
- बर्मा (म्याँमार) के पेगू और मोलमेन सुवर्णभूमि कहलाते हैं। अतः कथन (2) सत्य है।
- उल्लेखनीय है कि इंडोनेशिया (जावा) को भी सुवर्णद्वीप कहा जाता था। भारतीय वहाँ सोने की खोज में गए थे।
- ईसवी सन् की आरंभिक सदियों में पल्लवों ने सुमात्रा में अपनी बस्तियाँ स्थापित कीं। अतः कथन (3) असत्य है।
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Question 4 of 20
4. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. कुषाण काल में खरोष्ठी लिपि में लिखी प्राकृत भाषा मध्य एशिया में फैली।
2. बामियान हाथी दाँत की दस्तकारी के लिये प्रसिद्ध था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- कुषाण काल में शासन विस्तार के फलस्वरूप खरोष्ठी लिपि में लिखी गई प्राकृत भाषा मध्य एशिया में फैली, जहाँ से ईसा की चौथी सदी के अनेक प्राकृत अभिलेख और पांडुलिपियाँ मिली हैं। अतः कथन (1) सत्य है।
- बेगराम हाथी दाँत की दस्तकारी के लिये प्रसिद्ध था। प्राचीन काल में बौद्ध धर्म के दो और महान केंद्र थे- अफगानिस्तान और मध्य एशिया। अफगानिस्तान में बुद्ध की बहुत-सी मूर्तियाँ और विहार मिले हैं। अतः कथन (2) असत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- कुषाण काल में शासन विस्तार के फलस्वरूप खरोष्ठी लिपि में लिखी गई प्राकृत भाषा मध्य एशिया में फैली, जहाँ से ईसा की चौथी सदी के अनेक प्राकृत अभिलेख और पांडुलिपियाँ मिली हैं। अतः कथन (1) सत्य है।
- बेगराम हाथी दाँत की दस्तकारी के लिये प्रसिद्ध था। प्राचीन काल में बौद्ध धर्म के दो और महान केंद्र थे- अफगानिस्तान और मध्य एशिया। अफगानिस्तान में बुद्ध की बहुत-सी मूर्तियाँ और विहार मिले हैं। अतः कथन (2) असत्य है।
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Question 5 of 20
5. Question
1 pointsछठी सदी में दक्षिण-पूर्व एशिया में निम्नलिखित में कौन-सा/से स्थान पर भारतीय शैव राजाओं ने अपना राज्य स्थापित किया था?
Correct
व्याख्याः
- छठी सदी में दक्षिण-पूर्व एशिया में कम्बोज (कम्बोडिया) और चम्पा में शैव राजाओं ने शक्तिशाली राज्य स्थापित किया। उनकी राजकीय भाषा संस्कृत थी। यह देश संस्कृत विद्या का केंद्र माना जाता था। कम्बोज में असंख्य अभिलेख संस्कृत भाषा में मिले हैं।
Incorrect
व्याख्याः
- छठी सदी में दक्षिण-पूर्व एशिया में कम्बोज (कम्बोडिया) और चम्पा में शैव राजाओं ने शक्तिशाली राज्य स्थापित किया। उनकी राजकीय भाषा संस्कृत थी। यह देश संस्कृत विद्या का केंद्र माना जाता था। कम्बोज में असंख्य अभिलेख संस्कृत भाषा में मिले हैं।
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Question 6 of 20
6. Question
1 pointsभारतीयों ने निम्नलिखित में किस देश से पान की बेल लगाने की विधि सीखी?
Correct
व्याख्याः
- भारतीयों ने इंडोनेशिया से पान की बेल लगाने की विधि सीखी। उल्लेखनीय है कि भारतीयों ने यूनानियों और रोमनों से सोने का सिक्का ढालना सीखा और चीन से रेशम उत्पादन सीखा परंतु कपास उत्पादन कौशल भारत से चीन और मध्य एशिया में गया।
Incorrect
व्याख्याः
- भारतीयों ने इंडोनेशिया से पान की बेल लगाने की विधि सीखी। उल्लेखनीय है कि भारतीयों ने यूनानियों और रोमनों से सोने का सिक्का ढालना सीखा और चीन से रेशम उत्पादन सीखा परंतु कपास उत्पादन कौशल भारत से चीन और मध्य एशिया में गया।
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Question 7 of 20
7. Question
1 pointsदक्षिण-पूर्व एशिया में स्थापित मंदिरों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. सबसे विशाल बौद्ध मंदिर कम्बोडिया में है।
2. इंडोनेशिया का अंकोरवट मंदिर की दीवारों पर रामायण और महाभारत की कहानियाँ मूर्तियों में अंकित हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन असत्य है।
- सबसे विशाल बौद्ध मंदिर इंडोनेशिया के बोरोबुदुर में है। इसका निर्माण आठवीं सदी में हुआ था। इस पर बुद्ध के 436 चित्र उत्कीर्ण हैं।
- कम्बोडिया का अंकरोवट का मंदिर बोरोबुदुर के मंदिर से भी बड़ा है और यह विष्णु मन्दिर है। इस मंदिर की दीवारों पर रामायण और महाभारत की कहानियाँ मूर्तियों के रूप में उत्कीर्ण हैं।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन असत्य है।
- सबसे विशाल बौद्ध मंदिर इंडोनेशिया के बोरोबुदुर में है। इसका निर्माण आठवीं सदी में हुआ था। इस पर बुद्ध के 436 चित्र उत्कीर्ण हैं।
- कम्बोडिया का अंकरोवट का मंदिर बोरोबुदुर के मंदिर से भी बड़ा है और यह विष्णु मन्दिर है। इस मंदिर की दीवारों पर रामायण और महाभारत की कहानियाँ मूर्तियों के रूप में उत्कीर्ण हैं।
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Question 8 of 20
8. Question
1 pointsभारतीय दर्शन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. इनका मुख्य विषय मोक्ष रहा है।
2. मोक्ष का वर्णन सबसे पहले वेदों में किया गया है।
3. सर्वाधिक प्राचीन दर्शन सांख्य माना जाता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सत्य हैं?Correct
व्याख्याः
- भारतीय दर्शन का मुख्य विषय मोक्ष रहा है, जिसका अर्थ है जन्म और मृत्यु के चक्र से उद्धार। अतः कथन (1) सत्य है।
- मोक्ष का सबसे पहले उपदेश महात्मा बुद्ध ने दिया, हालाँकि बाद में अन्य ब्राह्मणपंथी दार्शनिकों ने भी इसे आगे बढ़ाया। अतः कथन (2) असत्य है।
- सांख्य की व्युत्पत्ति संख्या शब्द से हुई है। यह सर्वाधिक प्राचीन दर्शन माना जाता है। ईसवी सन् के आरंभ तक दर्शन के छह संप्रदाय विकसित हुए जिसे -सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा और वेदांत कहा जाता है
Incorrect
व्याख्याः
- भारतीय दर्शन का मुख्य विषय मोक्ष रहा है, जिसका अर्थ है जन्म और मृत्यु के चक्र से उद्धार। अतः कथन (1) सत्य है।
- मोक्ष का सबसे पहले उपदेश महात्मा बुद्ध ने दिया, हालाँकि बाद में अन्य ब्राह्मणपंथी दार्शनिकों ने भी इसे आगे बढ़ाया। अतः कथन (2) असत्य है।
- सांख्य की व्युत्पत्ति संख्या शब्द से हुई है। यह सर्वाधिक प्राचीन दर्शन माना जाता है। ईसवी सन् के आरंभ तक दर्शन के छह संप्रदाय विकसित हुए जिसे -सांख्य, योग, न्याय, वैशेषिक, मीमांसा और वेदांत कहा जाता है
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Question 9 of 20
9. Question
1 pointsपुरुषार्थ के संदर्भ में सूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये तथा नीचे दिये गए कूट से सही उत्तर चुनियेःसूची-I (पुरुषार्थ) सूची-II (विषय वर्णन) A. अर्थ 1. समाजिक नियम B. धर्म 2. शारीरिक सुखभोग C. काम 3. आत्मा का उद्धार D. मोक्ष 4. आर्थिक संसाधन कूटः
Correct
व्याख्याः सही सुमेलन निम्न प्रकार होगाः
सूची-I (पुरुषार्थ) सूची-II (विषय वर्णन) A. अर्थ 1. आर्थिक संसाधन B. धर्म 2. सामाजिक नियम C. काम 3. शरीरिक सुखभोग D. मोक्ष 4. आत्मा का उद्धार Incorrect
व्याख्याः सही सुमेलन निम्न प्रकार होगाः
सूची-I (पुरुषार्थ) सूची-II (विषय वर्णन) A. अर्थ 1. आर्थिक संसाधन B. धर्म 2. सामाजिक नियम C. काम 3. शरीरिक सुखभोग D. मोक्ष 4. आत्मा का उद्धार -
Question 10 of 20
10. Question
1 pointsसांख्य दर्शन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. यह ईश्वर की सत्ता को स्वीकार करता है।
2. इसके अनुसार सृष्टि की उत्पत्ति का कारण प्रकृति है।
3. इसमें यथार्थ ज्ञान की प्राप्ति हेतु प्रत्यक्ष, अनुमान और शब्द को ज्ञान के साधन के रूप में स्वीकार किया गया है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सत्य हैं?Correct
व्याख्याः
- सांख्य दर्शन ईश्वर की सत्ता को स्वीकार नहीं करता है। अतः कथन (1) असत्य है।
- यह सृष्टि की उत्पत्ति का कारण प्रकृति को मानता है। चौथी सदी के सांख्य दर्शन में प्रकृति के अतिरिक्त पुरुष को भी सृष्टि की उत्पत्ति में कारण माना। अतः कथन (2) सत्य है।
- इसके अनुसार यथार्थ ज्ञान की प्राप्ति से मोक्ष की प्राप्ति होती है और मोक्ष मिलने पर मानव को दुख से हमेशा के लिये छुटकारा मिल जाता है। यह मोक्ष यथार्थ ज्ञान के साधन- प्रत्यक्ष, अनुमान और शब्द से मिलता है। अतः कथन (3) सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- सांख्य दर्शन ईश्वर की सत्ता को स्वीकार नहीं करता है। अतः कथन (1) असत्य है।
- यह सृष्टि की उत्पत्ति का कारण प्रकृति को मानता है। चौथी सदी के सांख्य दर्शन में प्रकृति के अतिरिक्त पुरुष को भी सृष्टि की उत्पत्ति में कारण माना। अतः कथन (2) सत्य है।
- इसके अनुसार यथार्थ ज्ञान की प्राप्ति से मोक्ष की प्राप्ति होती है और मोक्ष मिलने पर मानव को दुख से हमेशा के लिये छुटकारा मिल जाता है। यह मोक्ष यथार्थ ज्ञान के साधन- प्रत्यक्ष, अनुमान और शब्द से मिलता है। अतः कथन (3) सत्य है।
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Question 11 of 20
11. Question
1 pointsयोगदर्शन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. इसके अनुसार मोक्ष का मार्ग ध्यान और आसन है।
2. इसका मूल आधार ज्ञानेन्द्रियों और कर्मेन्द्रियों का निग्रह है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- योगदर्शन के अनुसार मोक्ष ध्यान और शारीरिक साधना से मिलता है। शारीरिक साधना के अंतर्गत विभिन्न तरह के आसन अर्थात् दैहिक व्यायाम और प्राणायाम (श्वास के व्यायाम) बताए गए हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे चित्त (मन) में एकाग्रता आती है और सांसारिक मोह से दूर हो जाता है।
- इसका मूल आधार ज्ञानेन्द्रिय और कर्मेन्द्रियों की एकाग्रता है।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- योगदर्शन के अनुसार मोक्ष ध्यान और शारीरिक साधना से मिलता है। शारीरिक साधना के अंतर्गत विभिन्न तरह के आसन अर्थात् दैहिक व्यायाम और प्राणायाम (श्वास के व्यायाम) बताए गए हैं। ऐसा माना जाता है कि इससे चित्त (मन) में एकाग्रता आती है और सांसारिक मोह से दूर हो जाता है।
- इसका मूल आधार ज्ञानेन्द्रिय और कर्मेन्द्रियों की एकाग्रता है।
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Question 12 of 20
12. Question
1 pointsवैशेषिक दर्शन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. इसने भारत में भौतिक शास्त्र का आरंभ किया।
2. इस दर्शन ने परमाणुवाद की स्थापना की।
3. यह नास्तिक दर्शन है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सत्य हैं?Correct
व्याख्याः
- वैशेषिक दर्शन द्रव्य अर्थात् भौतिक तत्त्वों के विवेचन को महत्त्व देता है। इसके अनुसार पृथ्वी, जल, तेज़ (अग्नि) वायु और आकाश के मिलने से नई वस्तु बनती है। इसने भारत में भौतिक शास्त्र का आरंभ किया। अतः कथन (1) सत्य है।
- वैशेषिक दर्शन ने परमाणुवाद की स्थापना की। इसके अनुसार भौतिक वस्तुएँ परमाणुओं के संयोजन से बनती है। अतः कथन (2) सत्य है।
- यह आस्तिक दर्शन है। यह ईश्वर की सत्ता और आध्यात्मवाद को मानता है। अतः कथन (3) असत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- वैशेषिक दर्शन द्रव्य अर्थात् भौतिक तत्त्वों के विवेचन को महत्त्व देता है। इसके अनुसार पृथ्वी, जल, तेज़ (अग्नि) वायु और आकाश के मिलने से नई वस्तु बनती है। इसने भारत में भौतिक शास्त्र का आरंभ किया। अतः कथन (1) सत्य है।
- वैशेषिक दर्शन ने परमाणुवाद की स्थापना की। इसके अनुसार भौतिक वस्तुएँ परमाणुओं के संयोजन से बनती है। अतः कथन (2) सत्य है।
- यह आस्तिक दर्शन है। यह ईश्वर की सत्ता और आध्यात्मवाद को मानता है। अतः कथन (3) असत्य है।
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Question 13 of 20
13. Question
1 pointsभारतीय दर्शन का महत्त्वपूर्ण दर्शन मीमांसा के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. यह वेदों में लिखी बातों को सत्य मानता है।
2. इसमें तर्क का प्रयोग कर वैदिक अनुष्ठानों के औचित्य को नकारा गया है।
3. यह सामाजिक स्तर पर वर्णभेद को स्वीकार करता है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- मीमांसा दर्शन के अनुसार वेदों में कही गई बातें सत्य है। इसका मुख्य लक्ष्य स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति है। अतः कथन (1) सत्य है।
- मीमांसा का मूल अर्थ है तर्क करने और अर्थ लगाने की कला, परंतु इसमें तर्क का प्रयोग विविध वैदिक कर्मों के अनुष्ठानों का औचित्य सिद्ध करने में किया गया है। अतः कथन (2) असत्य है।
- इसमें सामाजिक स्तर पर वर्णभेद को मान्यता मिली हुई है। मीमांसा का प्रचार करके ब्राह्मण प्रधान बहुस्तरीय सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखना चाहते थे। अतः कथन (3) सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- मीमांसा दर्शन के अनुसार वेदों में कही गई बातें सत्य है। इसका मुख्य लक्ष्य स्वर्ग और मोक्ष की प्राप्ति है। अतः कथन (1) सत्य है।
- मीमांसा का मूल अर्थ है तर्क करने और अर्थ लगाने की कला, परंतु इसमें तर्क का प्रयोग विविध वैदिक कर्मों के अनुष्ठानों का औचित्य सिद्ध करने में किया गया है। अतः कथन (2) असत्य है।
- इसमें सामाजिक स्तर पर वर्णभेद को मान्यता मिली हुई है। मीमांसा का प्रचार करके ब्राह्मण प्रधान बहुस्तरीय सामाजिक व्यवस्था को बनाए रखना चाहते थे। अतः कथन (3) सत्य है।
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Question 14 of 20
14. Question
1 pointsन्याय दर्शन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?1. इसमें तर्कशास्त्र का प्रयोग किया गया है।
2. इस दर्शन के अनुसार यथार्थ ज्ञान से मोक्ष की प्राप्ति होती है।
3. इसमें कथन की सत्यता जानने के लिये प्रत्यक्ष, शब्द और उपमान साधनों (प्रमाणों) का प्रयोग बताया गया है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेःCorrect
व्याख्याः
- न्याय दर्शन अपनी विश्लेषण पद्धति के लिये प्रसिद्ध है। इसे तर्कशास्त्र से संबंधित माना जाता है। अतः कथन (1) सत्य है।
- न्याय दर्शन मोक्ष प्राप्ति का साधन यथार्थ ज्ञान को मानता है। इस दर्शन के अनुसार यथार्थ ज्ञान ही वैध है, अर्थात् किसी वस्तु को यथार्थ रूप में जानना जैसे रस्सी को रस्सी के रूप में अतः कथन (2) सत्य है।
- इस दर्शन में कथन की सत्यता की जाँच अनुमान, शब्द और उपमान प्रमाणों द्वारा की जाती है। अतः कथन (3) असत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- न्याय दर्शन अपनी विश्लेषण पद्धति के लिये प्रसिद्ध है। इसे तर्कशास्त्र से संबंधित माना जाता है। अतः कथन (1) सत्य है।
- न्याय दर्शन मोक्ष प्राप्ति का साधन यथार्थ ज्ञान को मानता है। इस दर्शन के अनुसार यथार्थ ज्ञान ही वैध है, अर्थात् किसी वस्तु को यथार्थ रूप में जानना जैसे रस्सी को रस्सी के रूप में अतः कथन (2) सत्य है।
- इस दर्शन में कथन की सत्यता की जाँच अनुमान, शब्द और उपमान प्रमाणों द्वारा की जाती है। अतः कथन (3) असत्य है।
-
Question 15 of 20
15. Question
1 pointsवेदांत दर्शन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. इस दर्शन का मूल ग्रंथ ‘ब्रह्मसूत्र’ है।
2. यह ‘पुनर्जन्म के सिद्धांत’ को मानता है।
3. ‘द्वैतवाद’ के प्रवर्तक रामानुज के अनुसार ब्रह्म निर्गुण है और ज्ञान ही मोक्ष का मार्ग है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- वेदांत का अर्थ है वेद का अंत। ईसा-पूर्व दूसरी सदी में संकलित बादरायण का ब्रह्मसूत्र इस दर्शन का मूल ग्रंथ है। अतः कथन (1) सत्य है।
- यह ‘पुनर्जन्म के सिद्धांत’ को मानता है। इसके अनुसार मनुष्य को पूर्वजन्म में किये गए कर्मों का परिणाम भुगतना पड़ता है। अतः कथन (2) सत्य है।
- द्वैतवाद के प्रवर्तक रामानुज के अनुसार भक्ति ही मोक्ष का सर्वोत्तम साधन है। इनके अनुसार ब्रह्म सगुण है। ध्यातव्य है कि अद्वैतवाद के प्रवर्तक शंकराचार्य बह्म को निर्गुण मानते हैं और मोक्ष का साधन ज्ञान मार्ग को बताया है। अतः कथन (3) असत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- वेदांत का अर्थ है वेद का अंत। ईसा-पूर्व दूसरी सदी में संकलित बादरायण का ब्रह्मसूत्र इस दर्शन का मूल ग्रंथ है। अतः कथन (1) सत्य है।
- यह ‘पुनर्जन्म के सिद्धांत’ को मानता है। इसके अनुसार मनुष्य को पूर्वजन्म में किये गए कर्मों का परिणाम भुगतना पड़ता है। अतः कथन (2) सत्य है।
- द्वैतवाद के प्रवर्तक रामानुज के अनुसार भक्ति ही मोक्ष का सर्वोत्तम साधन है। इनके अनुसार ब्रह्म सगुण है। ध्यातव्य है कि अद्वैतवाद के प्रवर्तक शंकराचार्य बह्म को निर्गुण मानते हैं और मोक्ष का साधन ज्ञान मार्ग को बताया है। अतः कथन (3) असत्य है।
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Question 16 of 20
16. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किस दर्शन के प्रवर्तक कपिल मुनि है?
Correct
व्याख्याः
- सांख्य दर्शन के मूल प्रवर्तक कपिल मुनि है। इसमें बताया गया है कि मानव का जीवन प्रकृति की शक्ति द्वारा रूपायित होता है, न कि दैवीय शक्ति द्वारा।
Incorrect
व्याख्याः
- सांख्य दर्शन के मूल प्रवर्तक कपिल मुनि है। इसमें बताया गया है कि मानव का जीवन प्रकृति की शक्ति द्वारा रूपायित होता है, न कि दैवीय शक्ति द्वारा।
-
Question 17 of 20
17. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किस दर्शन को ‘लोकायत’ कहा जाता है?
Correct
व्याख्याः
चार्वाक दर्शन को लोकायत कहा जाता है। यह भौतिकवादी दर्शन है और इसके प्रवर्तक चार्वाक हैं। इस दर्शन को लोकायत भी कहा जाता है क्योंकि इसमें लोक अर्थात् दुनिया के साथ गहरे संबंध को महत्त्व दिया गया है।Incorrect
व्याख्याः
चार्वाक दर्शन को लोकायत कहा जाता है। यह भौतिकवादी दर्शन है और इसके प्रवर्तक चार्वाक हैं। इस दर्शन को लोकायत भी कहा जाता है क्योंकि इसमें लोक अर्थात् दुनिया के साथ गहरे संबंध को महत्त्व दिया गया है। -
Question 18 of 20
18. Question
1 pointsसातवीं सदी में दक्षिण भारत के राज्यों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. यहाँ कांची के पल्लव, बादामी के चालुक्य जैसे प्रमुख राज्यों का उदय हुआ।
2. दक्षिण के प्रदेशों में द्वितीय ऐतिहासिक चरण (300 ई. से 750 ई. तक) में व्यापार और नगरों का ऐश्वर्य बढ़ा।
3. इस काल के प्रमुख लक्षणों में ब्राह्मणों को कर मुक्त भूमि अनुदान भी शामिल था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सत्य हैं?Correct
व्याख्याः
- दक्षिण भारत में सातवीं सदी के आरंभ में कांची के पल्लव, बादामी के चालुक्य और मदुरै के पांड्य जैसे तीन प्रमुख राज्यों का उदय हुआ अतः कथन (1) सत्य है।
- दक्षिण के प्रदेशों में द्वितीय ऐतिहासिक चरण (300 ई.-750 ई. तक) में व्यापार, नगर और मुद्रा तीनों का ह्रास हुआ। इस काल में कृषि अर्थव्यवस्था में कहीं अधिक विस्तार हुआ। अतः कथन (2) असत्य है।
- ब्राह्मणों को कर मुक्त भूमि का अनुदान भारी संख्या में दिखाई देता है। इस काल में (द्वितीय ऐतिहासिक चरण) भूमि अनुदानों से यह सिद्ध होता है कि अनेक नए क्षेत्रों का उपयोग खेती और आवास के लिये किया गया। अतः कथन (3) सत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- दक्षिण भारत में सातवीं सदी के आरंभ में कांची के पल्लव, बादामी के चालुक्य और मदुरै के पांड्य जैसे तीन प्रमुख राज्यों का उदय हुआ अतः कथन (1) सत्य है।
- दक्षिण के प्रदेशों में द्वितीय ऐतिहासिक चरण (300 ई.-750 ई. तक) में व्यापार, नगर और मुद्रा तीनों का ह्रास हुआ। इस काल में कृषि अर्थव्यवस्था में कहीं अधिक विस्तार हुआ। अतः कथन (2) असत्य है।
- ब्राह्मणों को कर मुक्त भूमि का अनुदान भारी संख्या में दिखाई देता है। इस काल में (द्वितीय ऐतिहासिक चरण) भूमि अनुदानों से यह सिद्ध होता है कि अनेक नए क्षेत्रों का उपयोग खेती और आवास के लिये किया गया। अतः कथन (3) सत्य है।
-
Question 19 of 20
19. Question
1 pointsसातवीं सदी में दक्षिण भारत के राज्यों के संदर्भ में निम्नलिखित में कौन-सा असत्य है?
Correct
व्याख्याः
- दक्षिण भारत के राज्यों में सन् 400 ई. से संस्कृत राजभाषा हो गई थी और अधिकांश शासन-पत्र (सनद) संस्कृत में मिले हैं। अतः कथन (c) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
- उल्लेखनीय है कि दक्षिण भारत में ईसा-पूर्व दूसरी सदी और ईसा की तीसरी सदी के बीच के लगभग सभी अभिलेख प्राकृत भाषा में हैं। तमिलनाडु के ब्राह्मी अभिलेख में भी प्राकृत भाषा के शब्द हैं।
- यहाँ लगभग 300 ई. से 750 ई. के मध्य ब्राह्मण धर्म का उत्कर्ष हुआ। बौद्ध और जैन धर्म जो तमिलनाडु के दक्षिणी ज़िलों में फैले थे, उनमें जैन धर्म सिमटकर कर्नाटक में ही रह गया। यहाँ राजाओं द्वारा किये गए वैदिक यज्ञों के साक्ष्य मिले हैं।
- तमिलनाडु में पल्लव और कर्नाटक में बादामी के चालुक्यों के शासन काल में शिव और विष्णु के प्रस्तर मंदिरों का निर्माण आरंभ हुआ।
- उत्तरी महाराष्ट्र और विदर्भ में सातवाहनों के स्थान पर एक स्थानीय शक्ति वाकाटकों ने प्रमुख शहर बसाया।
Incorrect
व्याख्याः
- दक्षिण भारत के राज्यों में सन् 400 ई. से संस्कृत राजभाषा हो गई थी और अधिकांश शासन-पत्र (सनद) संस्कृत में मिले हैं। अतः कथन (c) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
- उल्लेखनीय है कि दक्षिण भारत में ईसा-पूर्व दूसरी सदी और ईसा की तीसरी सदी के बीच के लगभग सभी अभिलेख प्राकृत भाषा में हैं। तमिलनाडु के ब्राह्मी अभिलेख में भी प्राकृत भाषा के शब्द हैं।
- यहाँ लगभग 300 ई. से 750 ई. के मध्य ब्राह्मण धर्म का उत्कर्ष हुआ। बौद्ध और जैन धर्म जो तमिलनाडु के दक्षिणी ज़िलों में फैले थे, उनमें जैन धर्म सिमटकर कर्नाटक में ही रह गया। यहाँ राजाओं द्वारा किये गए वैदिक यज्ञों के साक्ष्य मिले हैं।
- तमिलनाडु में पल्लव और कर्नाटक में बादामी के चालुक्यों के शासन काल में शिव और विष्णु के प्रस्तर मंदिरों का निर्माण आरंभ हुआ।
- उत्तरी महाराष्ट्र और विदर्भ में सातवाहनों के स्थान पर एक स्थानीय शक्ति वाकाटकों ने प्रमुख शहर बसाया।
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Question 20 of 20
20. Question
1 pointsसातवाहनों के बाद दक्कन में स्थापित राजवंशों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. पश्चिमी दक्कन में पल्लव राजा ने सत्ता स्थापित की, जिसकी राजधानी कांची थी।
2. प्रायद्वीप के पूर्वी भाग में चालुक्यों ने सत्ता स्थापित की।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन असत्य हैं।
- छठी सदी में पश्चिमी दक्कन में चालुक्यों ने अपना राज्य स्थापित किया और वातापी को राजधानी बनाया।
- प्रायद्वीप के पूर्वी भाग में सातवाहनों के अवशेष पर इक्ष्वाकुओं का उदय हुआ और इक्ष्वाकुओं को अपदस्थ कर उनकी जगह पल्लव आए और उन्होंने अपनी राजधानी कांची (आधुनिक कांचीपुरम) में बनाई। उल्लेखनीय है कि पल्लव का अर्थ है लता, चूँकि यह शब्द टोंडाई का रूपांतरण है जो लता का ही पर्यायवाची है। पल्लवों ने टोंडाइनाडु अर्थात् लताओं के देश में अपनी सत्ता स्थापित की।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन असत्य हैं।
- छठी सदी में पश्चिमी दक्कन में चालुक्यों ने अपना राज्य स्थापित किया और वातापी को राजधानी बनाया।
- प्रायद्वीप के पूर्वी भाग में सातवाहनों के अवशेष पर इक्ष्वाकुओं का उदय हुआ और इक्ष्वाकुओं को अपदस्थ कर उनकी जगह पल्लव आए और उन्होंने अपनी राजधानी कांची (आधुनिक कांचीपुरम) में बनाई। उल्लेखनीय है कि पल्लव का अर्थ है लता, चूँकि यह शब्द टोंडाई का रूपांतरण है जो लता का ही पर्यायवाची है। पल्लवों ने टोंडाइनाडु अर्थात् लताओं के देश में अपनी सत्ता स्थापित की।