प्राचीन-भारत टेस्ट 10
प्राचीन-भारत टेस्ट 10
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इस टेस्ट में सम्मिलित प्रश्न एन.सी.ई.आर.टी. पर आधारित है|
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Question 1 of 20
1. Question
1 pointsछठी सदी ईसा-पूर्व अधिकारी वर्ग के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?
1. ‘महामात्र’ इस काल में उच्च कोटि के अधिकारी होते थे।
2. ‘शुल्काध्यक्ष’ इस काल में कर वसूल करते थे।
3. ‘बलिसाधक’ चुंगी वसूल करने वाले अधिकारी होते थे।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेःCorrect
व्याख्याः
- इस काल में ‘महामात्र’ उच्च कोटि के अधिकारी कहलाते थे। वे कई तरह के कार्य करते थे, जैसे-मंत्री, सेनानायक, न्यायाधिकारी आदि। अतः कथन (1) सत्य है।
- शौल्किक या शुल्काध्यक्ष चुंगी वसूल करने वाला अधिकारी होता था वह व्यापारियों से उनके माल पर चुंगी वसूल करता था, अतः कथन (2) असत्य है।
- बलिसाधक वे अधिकारी होते थे जो किसानों से फसल का अनिवार्य रूप से देय हिस्सा वसूलते थे। अतः कथन (3) असत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- इस काल में ‘महामात्र’ उच्च कोटि के अधिकारी कहलाते थे। वे कई तरह के कार्य करते थे, जैसे-मंत्री, सेनानायक, न्यायाधिकारी आदि। अतः कथन (1) सत्य है।
- शौल्किक या शुल्काध्यक्ष चुंगी वसूल करने वाला अधिकारी होता था वह व्यापारियों से उनके माल पर चुंगी वसूल करता था, अतः कथन (2) असत्य है।
- बलिसाधक वे अधिकारी होते थे जो किसानों से फसल का अनिवार्य रूप से देय हिस्सा वसूलते थे। अतः कथन (3) असत्य है।
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Question 2 of 20
2. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किसे ‘गहपति’ कहा जाता था।
Correct
व्याख्याः
- ‘गहपति’ एक पालि शब्द है जो धनी किसान के लिये प्रयोग होता था। ये लोग वैश्यों की श्रेणी में आते थे।
Incorrect
व्याख्याः
- ‘गहपति’ एक पालि शब्द है जो धनी किसान के लिये प्रयोग होता था। ये लोग वैश्यों की श्रेणी में आते थे।
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Question 3 of 20
3. Question
1 pointsबुद्धकाल के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. महात्मा बुद्ध ब्राह्मणों, क्षत्रियों की सभा के साथ-साथ शूद्रों की सभा में भी जाते थे।
2. ‘दीघनिकाय’ प्राचीन बौद्ध पालिग्रंथ है।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- गौतम बुद्ध ब्राह्मणों, क्षत्रियों और गृहपतियों की सभा में गए, परंतु शूद्रों की सभा में उनके जाने का कोई उल्लेख नहीं मिलता है।अतःकथन (1)असत्य है|
- दीघनिकाय प्राचीन बौद्ध पालिग्रंथ है।अतः कथन (2)सत्य है|
Incorrect
व्याख्याः
- गौतम बुद्ध ब्राह्मणों, क्षत्रियों और गृहपतियों की सभा में गए, परंतु शूद्रों की सभा में उनके जाने का कोई उल्लेख नहीं मिलता है।अतःकथन (1)असत्य है|
- दीघनिकाय प्राचीन बौद्ध पालिग्रंथ है।अतः कथन (2)सत्य है|
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Question 4 of 20
4. Question
1 pointsबुद्ध के काल में व्यापार के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. इस काल में शिल्पी और वणिक दोनों अपने-अपने नगरों में नियत स्थान पर रहते थे।
2. इस काल में व्यापार मुख्यतः मुद्रा के माध्यम से होता था।
3. वणिक व्यापार के लिये मथुरा होते हुए उत्तर की ओर तक्षशिला तक जाते थे।
4. वे मथुरा से दक्षिण और पश्चिम की ओर होते हुए उज्जैन और गुजरात के समुद्रतटीय प्रदेश तक जाते थे।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सत्य हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- शिल्पी और वणिक दोनों अपने-अपने प्रमुखों के नेतृत्व में श्रेणियाँ बनाकर संगठित थे। दोनों नगरों में अपने-अपने नियत भागों में रहते थे। वाराणसी में वेस्स या वणिक लोगों की गली बनी हुई थी।
- इस काल में व्यापार मुख्यतः मुद्रा द्वारा होता था। पालि ग्रंथों से मुद्रा के प्रचलन का संकेत मिलता है और यह भी पता चलता है वेतन और मूल्य का भुगतान सिक्कों में किया जाता था।
- बुद्ध काल में वणिक व्यापार के लिए मगध से मथुरा होते हुए उत्तर की ओर बढ़ते-बढ़ते तक्षशिला तक पहुँच जाते थे।
- वणिक मथुरा से दक्षिण और पश्चिम की ओर बढ़ते-बढ़ते उज्जैन और गुजरात के समुद्रतटीय प्रदेश तक पहुँच जाते थे।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- शिल्पी और वणिक दोनों अपने-अपने प्रमुखों के नेतृत्व में श्रेणियाँ बनाकर संगठित थे। दोनों नगरों में अपने-अपने नियत भागों में रहते थे। वाराणसी में वेस्स या वणिक लोगों की गली बनी हुई थी।
- इस काल में व्यापार मुख्यतः मुद्रा द्वारा होता था। पालि ग्रंथों से मुद्रा के प्रचलन का संकेत मिलता है और यह भी पता चलता है वेतन और मूल्य का भुगतान सिक्कों में किया जाता था।
- बुद्ध काल में वणिक व्यापार के लिए मगध से मथुरा होते हुए उत्तर की ओर बढ़ते-बढ़ते तक्षशिला तक पहुँच जाते थे।
- वणिक मथुरा से दक्षिण और पश्चिम की ओर बढ़ते-बढ़ते उज्जैन और गुजरात के समुद्रतटीय प्रदेश तक पहुँच जाते थे।
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Question 5 of 20
5. Question
1 pointsईसा-पूर्व छठी सदी के गाँवों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. पालि ग्रंथों में गाँवों के तीन प्रकार बताए गए हैं।
2. शिल्पी-ग्राम तृतीय प्रकार के गाँव को कहते थे।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- पालि ग्रंथों में गाँव के तीन भेद किये गए हैं। अतः कथन (1) सत्य है।
- प्रथम कोटि में सामान्य गाँव है जिनमें विविध वर्णों और जातियों का निवास होता था।द्वितीय कोटि में उपनगरीय गाँव थे जिन्हें शिल्पी-ग्राम कह सकते हैं, अतः कथन (2) असत्य है।
- उल्लेखनीय है कि तृतीय कोटि में सीमांत ग्राम आते हैं, जो जंगल से संलग्न देहातों की सीमा पर बसे होते थे।
Incorrect
व्याख्याः
- पालि ग्रंथों में गाँव के तीन भेद किये गए हैं। अतः कथन (1) सत्य है।
- प्रथम कोटि में सामान्य गाँव है जिनमें विविध वर्णों और जातियों का निवास होता था।द्वितीय कोटि में उपनगरीय गाँव थे जिन्हें शिल्पी-ग्राम कह सकते हैं, अतः कथन (2) असत्य है।
- उल्लेखनीय है कि तृतीय कोटि में सीमांत ग्राम आते हैं, जो जंगल से संलग्न देहातों की सीमा पर बसे होते थे।
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Question 6 of 20
6. Question
1 pointsईसा-पूर्व छठी सदी में कर के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
1. करों का निर्धारण और वसूली गाँव के मुखिया की सहायता से राजा के कर्मचारी करते थे।
2. गणतांत्रिक राज्यों में राजस्व पाने का अधिकार गण के प्रत्येक प्रधान का होता था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- राजा किसानों की उपज का छठा हिस्सा कर के रूप में लेता था। इसका निर्धारण और वसूली गाँव के मुखिया की सहायता से राजा के कर्मचारी करते थे।
- गणतंत्र में राजस्व पाने का अधिकार गण या गोत्र का प्रत्येक प्रधान का होता था जो राजन् कहलाता था। राजतंत्र में एकमात्र राजा राजस्व पाने का अधिकारी होता था।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- राजा किसानों की उपज का छठा हिस्सा कर के रूप में लेता था। इसका निर्धारण और वसूली गाँव के मुखिया की सहायता से राजा के कर्मचारी करते थे।
- गणतंत्र में राजस्व पाने का अधिकार गण या गोत्र का प्रत्येक प्रधान का होता था जो राजन् कहलाता था। राजतंत्र में एकमात्र राजा राजस्व पाने का अधिकारी होता था।
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Question 7 of 20
7. Question
1 pointsईसा-पूर्व छठी सदी में विधि व्यवस्था के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. भारतीय विधि और न्याय-व्यवस्था का उद्भव इस काल में हुआ।
2. वर्णभेद के आधार पर ही व्यवहार-विधि और दंड-विधि निर्धारित हुई।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- भारतीय विधि और न्याय-व्यवस्था का उद्भव इसी काल में हुआ। पहले कबायली कानून चलते थे, जिसमें वर्ण-भेद को कोई स्थान नहीं था।
- धर्मसूत्रों में हर वर्ण के लिये अपने-अपने कर्त्तव्य तय कर दिये गए और वर्णभेद के आधार पर ही व्यवहार-विधि (सिविल लॉ) और दंडविधि (क्रिमिनल लॉ) तय हुई।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- भारतीय विधि और न्याय-व्यवस्था का उद्भव इसी काल में हुआ। पहले कबायली कानून चलते थे, जिसमें वर्ण-भेद को कोई स्थान नहीं था।
- धर्मसूत्रों में हर वर्ण के लिये अपने-अपने कर्त्तव्य तय कर दिये गए और वर्णभेद के आधार पर ही व्यवहार-विधि (सिविल लॉ) और दंडविधि (क्रिमिनल लॉ) तय हुई।
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Question 8 of 20
8. Question
1 points516ई.पू. में पश्चिमोत्तर भारत में ईरानी आक्रमण के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. सर्वप्रथम दारयवहु (देरियस) ने पश्चिमोत्तर भारत पर आक्रमण किया था।
2. यह साम्राज्य का सबसे अधिक उपजाऊ क्षेत्र था |
3. इस क्षेत्र में सुगठित शक्तिशाली राज्य का अभाव था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य है |
- सर्वप्रथम ईरानी शासक दारयवहु (देरियस) ने 516 ई.पू. में पश्चिमोत्तर भारत पर आक्रमण किया था। उसने पंजाब तथा सिंधु नदी के पश्चिम के इलाके और सिंध को जीतकर अपने साम्राज्य में मिला लिया।
- उल्लेखनीय है कि,ईरानी साम्राज्य में कुल मिलाकर अट्ठाइस क्षत्रपियाँ थीं। पंजाब व सिंध प्रदेश इसके बीसवाँ प्रांत या क्षत्रपी बना था।
- पंजाब का सिंधु नदी के पश्चिम वाला हिस्सा साम्राज्य का सबसे अधिक आबाद और उपजाऊ क्षेत्र था |
- पश्चिमोत्तर भारत में मगध की तरह कोई शक्तिशाली साम्राज्य नहीं था। छोटे-छोटे राज्य आपस में लड़ते रहते थे,और यह क्षेत्र समृद्ध भी था।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य है |
- सर्वप्रथम ईरानी शासक दारयवहु (देरियस) ने 516 ई.पू. में पश्चिमोत्तर भारत पर आक्रमण किया था। उसने पंजाब तथा सिंधु नदी के पश्चिम के इलाके और सिंध को जीतकर अपने साम्राज्य में मिला लिया।
- उल्लेखनीय है कि,ईरानी साम्राज्य में कुल मिलाकर अट्ठाइस क्षत्रपियाँ थीं। पंजाब व सिंध प्रदेश इसके बीसवाँ प्रांत या क्षत्रपी बना था।
- पंजाब का सिंधु नदी के पश्चिम वाला हिस्सा साम्राज्य का सबसे अधिक आबाद और उपजाऊ क्षेत्र था |
- पश्चिमोत्तर भारत में मगध की तरह कोई शक्तिशाली साम्राज्य नहीं था। छोटे-छोटे राज्य आपस में लड़ते रहते थे,और यह क्षेत्र समृद्ध भी था।
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Question 9 of 20
9. Question
1 pointsभारत और ईरान के संपर्क के परिणामों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये।
1. खरोष्ठी लिपि का आगमन हुआ
2. स्थापत्य कला पर ईरानी प्रभाव ।
3. व्यापार संबंधों की स्थापना ।
उपर्युक्त कथनों में कौन-से सत्य हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- ईरानी लिपिकार भारत में लेखन का एक खास रूप लेकर आए जो खरोष्ठी के नाम से प्रसिद्ध हुआ। यह लिपि अरबी की तरह दायीं से बायीं ओर लिखी जाती थी।
- मौर्य वास्तु कला पर ईरानी प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। अशोककालीन स्मारक, विशेष कर घंटा के आकार के गुंबज कुछ हद तक ईरानी प्रतिरूपों पर आधारित थे।
- पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत में ईरानी सिक्के भी मिलते हैं, जिनसे ईरान के साथ व्यापार होने के संकेत मिलते हैं।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- ईरानी लिपिकार भारत में लेखन का एक खास रूप लेकर आए जो खरोष्ठी के नाम से प्रसिद्ध हुआ। यह लिपि अरबी की तरह दायीं से बायीं ओर लिखी जाती थी।
- मौर्य वास्तु कला पर ईरानी प्रभाव स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। अशोककालीन स्मारक, विशेष कर घंटा के आकार के गुंबज कुछ हद तक ईरानी प्रतिरूपों पर आधारित थे।
- पश्चिमोत्तर सीमा प्रांत में ईरानी सिक्के भी मिलते हैं, जिनसे ईरान के साथ व्यापार होने के संकेत मिलते हैं।
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Question 10 of 20
10. Question
1 pointsसिकंदर द्वारा भारत पर आक्रमण करने के क्रम में सबसे पहले किस राजा से सामना हुआ था?
Correct
व्याख्या:
- सिकंदर द्वारा भारत पर आक्रमण करने के क्रम में सबसे पहले तक्षशिला के शासक आम्भि से सामना हुआ। हालाँकि वह सिकंदर से हार गया था।
Incorrect
व्याख्या:
- सिकंदर द्वारा भारत पर आक्रमण करने के क्रम में सबसे पहले तक्षशिला के शासक आम्भि से सामना हुआ। हालाँकि वह सिकंदर से हार गया था।
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Question 11 of 20
11. Question
1 pointsसिकंदर के भारत पर आक्रमण के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. उसका भारत में सबसे शक्तिशाली प्रतिरोध पोरस ने किया था।
2. उसके द्वारा भारत पर आक्रमण के समय मगध पर मौर्य वंश का शासन था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- सिकंदर के भारत पर आक्रमण के क्रम में पहला सामना तक्षशिला के शासक आम्भि से हुआ था, परंतु झेलम नदी के किनारे पहुँचने पर सिकंदर का पहला और सबसे शक्तिशाली प्रतिरोध पोरस ने किया था। वह पोरस की बहादुरी और साहस से बड़ा प्रभावित हुआ। इसलिये उसने उसका राज्य वापस कर दिया और उसे अपना सहयोगी बना लिया|अतः कथन (1) सत्य है।
- उसके आक्रमण के समय मगध पर नंद वंश का शासन था। अतः कथन (2) असत्य है।
- उल्लेखनीय है कि, उस समय नंद वंश का राजा घनानंद का शासन था।
Incorrect
व्याख्याः
- सिकंदर के भारत पर आक्रमण के क्रम में पहला सामना तक्षशिला के शासक आम्भि से हुआ था, परंतु झेलम नदी के किनारे पहुँचने पर सिकंदर का पहला और सबसे शक्तिशाली प्रतिरोध पोरस ने किया था। वह पोरस की बहादुरी और साहस से बड़ा प्रभावित हुआ। इसलिये उसने उसका राज्य वापस कर दिया और उसे अपना सहयोगी बना लिया|अतः कथन (1) सत्य है।
- उसके आक्रमण के समय मगध पर नंद वंश का शासन था। अतः कथन (2) असत्य है।
- उल्लेखनीय है कि, उस समय नंद वंश का राजा घनानंद का शासन था।
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Question 12 of 20
12. Question
1 pointsसिकंदर के आक्रमण के परिणाम के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये।
1. उसके भारत अभियान से चार भिन्न-भिन्न स्थलमार्ग और जलमार्ग खुले।
2. उसने झेलम के तट पर बुकेफाल नगर बसाया था।
3. उसने नियार्कस को सिंधु नदी के मुहाने से फरात नदी के मुहाने तक स्थलमार्ग खोजने को भेजा था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- इसके आक्रमण का सबसे महत्त्वपूर्ण परिणाम, भारत और यूनान के बीच विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष संपर्क की स्थापना था। सिकंदर के अभियान से चार भिन्न-भिन्न स्थलमार्गों और जलमार्गों के द्वार खुले। इससे यूनानी व्यापारियों और शिल्पियों के लिये व्यापार का मार्ग प्रशस्त हुआ तथा व्यापार की तत्कालीन सुविधा बढ़ी। अतः कथन (1) सत्य है।
- उसने झेलम के तट पर बुकेफाल नगर और सिंध में सिकंदरिया नगर बसाया था, जो उपनिवेशों में सबसे महत्त्वपूर्ण थे। अतः कथन (2) सत्य है।
- उसने अपने मित्र नियार्कस के नेतृत्व में सिंधु नदी के मुहाने से फरात नदी के मुहाने तक समुद्र तट का पता लगाने और बंदरगाहों को ढूँढने के लिये भेजा था। अतः कथन (3) असत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- इसके आक्रमण का सबसे महत्त्वपूर्ण परिणाम, भारत और यूनान के बीच विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष संपर्क की स्थापना था। सिकंदर के अभियान से चार भिन्न-भिन्न स्थलमार्गों और जलमार्गों के द्वार खुले। इससे यूनानी व्यापारियों और शिल्पियों के लिये व्यापार का मार्ग प्रशस्त हुआ तथा व्यापार की तत्कालीन सुविधा बढ़ी। अतः कथन (1) सत्य है।
- उसने झेलम के तट पर बुकेफाल नगर और सिंध में सिकंदरिया नगर बसाया था, जो उपनिवेशों में सबसे महत्त्वपूर्ण थे। अतः कथन (2) सत्य है।
- उसने अपने मित्र नियार्कस के नेतृत्व में सिंधु नदी के मुहाने से फरात नदी के मुहाने तक समुद्र तट का पता लगाने और बंदरगाहों को ढूँढने के लिये भेजा था। अतः कथन (3) असत्य है।
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Question 13 of 20
13. Question
1 pointsसिकंदर के भारत आक्रमण के समय झेलम और चेनाब नदियों के बीच निम्नलिखित में से किस शासक का शासन था?
Correct
व्याख्याः
- झेलम और चेनाब नदियों के बीच पोरस का शासन था।
Incorrect
व्याख्याः
- झेलम और चेनाब नदियों के बीच पोरस का शासन था।
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Question 14 of 20
14. Question
1 pointsसिकंदर ने भारत पर आक्रमण कब किया था?
Correct
व्याख्याः
- सिकंदर ने भारत पर आक्रमण 326 ई. पू. में किया था। वह खैबर दर्रा पार करते हुए भारत आया था।
Incorrect
व्याख्याः
- सिकंदर ने भारत पर आक्रमण 326 ई. पू. में किया था। वह खैबर दर्रा पार करते हुए भारत आया था।
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Question 15 of 20
15. Question
1 pointsसिकंदर के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः1. उसका भारत अभियान उन्नीस महीने का रहा था।
2. वह चंद्रगुप्त मौर्य से पराजित होकर वापस लौट गया था।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः
- उसका भारत अभियान उन्नीस महीने (326-325 ई. पू.) तक रहा था| अतः कथन (1) सत्य है।
- उसका मुकाबला चंद्रगुप्त मौर्य से नहीं हुआ। उसकी अपनी सेना 10 वर्ष के लम्बे अभियान में लड़ते-लड़ते थक चुकी थी और भारत की उष्ण जलवायु में वे बीमारियों से ग्रस्त हो गए थे। सिकंदर द्वारा बार-बार समझाने पर भी वे और आगे नहीं बढ़ना चाहते थे। अंत में अपनी सेना से हारकर वापस लौट गया। अतः कथन (2) असत्य है।
Incorrect
व्याख्याः
- उसका भारत अभियान उन्नीस महीने (326-325 ई. पू.) तक रहा था| अतः कथन (1) सत्य है।
- उसका मुकाबला चंद्रगुप्त मौर्य से नहीं हुआ। उसकी अपनी सेना 10 वर्ष के लम्बे अभियान में लड़ते-लड़ते थक चुकी थी और भारत की उष्ण जलवायु में वे बीमारियों से ग्रस्त हो गए थे। सिकंदर द्वारा बार-बार समझाने पर भी वे और आगे नहीं बढ़ना चाहते थे। अंत में अपनी सेना से हारकर वापस लौट गया। अतः कथन (2) असत्य है।
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Question 16 of 20
16. Question
1 pointsईसा-पूर्व छठी सदी में जनपद (बड़े राज्य) निर्माण के सहायक कारकों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिये?1. लोहे का व्यापक प्रयोग होने से जनपदों के निर्माण के लिये उपयुक्त परिस्थितियाँ बनीं।
2. नए उपकरणों की सहायता से अधिक अनाज उत्पन्न होने लगा था।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- ईसा-पूर्व छठी सदी से पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार में लोहे का व्यापक प्रयोग होने से बड़े-बड़े प्रादेशिक या जनपद राज्यों के निर्माण के लिये उपयुक्त परिस्थितियाँ बनीं।
- खेती के नए औजारों और उपकरणों की मदद से किसान आवश्यकता से अधिक अनाज पैदा करने लगे, इसलिये राजा अपने सैनिकों के लिये और प्रशासनिक प्रयोजनों के लिये इस अनाज को जमा कर सकता था। इन भौतिक लाभों के कारण किसानों को अपनी ज़मीन से लगाव होना स्वाभाविक था, साथ ही वे अपने पड़ोस के क्षेत्रों में भी ज़मीन हड़प कर फैलने लगे। लोगों की जो प्रबल निष्ठा अपने जन या कबीले के प्रति थी, वह अब अपने जनपद या स्वयंद्ध भूभाग के प्रति हो गई।
Incorrect
व्याख्याः उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- ईसा-पूर्व छठी सदी से पूर्वी उत्तर प्रदेश और पश्चिमी बिहार में लोहे का व्यापक प्रयोग होने से बड़े-बड़े प्रादेशिक या जनपद राज्यों के निर्माण के लिये उपयुक्त परिस्थितियाँ बनीं।
- खेती के नए औजारों और उपकरणों की मदद से किसान आवश्यकता से अधिक अनाज पैदा करने लगे, इसलिये राजा अपने सैनिकों के लिये और प्रशासनिक प्रयोजनों के लिये इस अनाज को जमा कर सकता था। इन भौतिक लाभों के कारण किसानों को अपनी ज़मीन से लगाव होना स्वाभाविक था, साथ ही वे अपने पड़ोस के क्षेत्रों में भी ज़मीन हड़प कर फैलने लगे। लोगों की जो प्रबल निष्ठा अपने जन या कबीले के प्रति थी, वह अब अपने जनपद या स्वयंद्ध भूभाग के प्रति हो गई।
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Question 17 of 20
17. Question
1 pointsईसा-पूर्व छठी सदी के निम्नलिखित महाजनपदों को पूर्व से पश्चिम की ओर क्रम में व्यवस्थित कीजियेः
Correct
व्याख्याः
- पूर्व से शुरू करने पर सबसे पहले अंग जनपद था जिसमें आधुनिक मुंगेर और भागलपुर जिले पड़ते हैं। उसके बाद मगध जनपद जो आधुनिक पटना और गया जिले में तथा शाहाबाद का कुछ हिस्सा पड़ता था। उसके बाद काशी जनपद उसके पश्चिम में कोसल जनपद जो पूर्वी उत्तर प्रदेश में पड़ता था तथा सबसे पश्चिम में मत्स्य जनपद पड़ता था।
Incorrect
व्याख्याः
- पूर्व से शुरू करने पर सबसे पहले अंग जनपद था जिसमें आधुनिक मुंगेर और भागलपुर जिले पड़ते हैं। उसके बाद मगध जनपद जो आधुनिक पटना और गया जिले में तथा शाहाबाद का कुछ हिस्सा पड़ता था। उसके बाद काशी जनपद उसके पश्चिम में कोसल जनपद जो पूर्वी उत्तर प्रदेश में पड़ता था तथा सबसे पश्चिम में मत्स्य जनपद पड़ता था।
-
Question 18 of 20
18. Question
1 pointsसूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये तथा नीचे दिये गए कूट से सही उत्तर चुनियेः
सूची-I
(महाजनपद)सूची-II
(राजधानी)(a) अंग 1. वाराणसी (b) मगध 2. चंपा (c) काशी 3. राजगीर (d) कोसल 4. श्रावस्ती कूटः
Correct
व्याख्याः
- विकल्प में दिये गए महाजनपद एवं उनकी राजधानी का सुमेलन निम्नानुसार हैः
(महाजनपद) (राजधानी) (a) अंग चंपा (b) मगध राजगीर (c) काशी वाराणसी (d) कोसल श्रावस्ती Incorrect
व्याख्याः
- विकल्प में दिये गए महाजनपद एवं उनकी राजधानी का सुमेलन निम्नानुसार हैः
(महाजनपद) (राजधानी) (a) अंग चंपा (b) मगध राजगीर (c) काशी वाराणसी (d) कोसल श्रावस्ती -
Question 19 of 20
19. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-से युग्म सही सुमेलित हैं?
(राज्य) (राजधानी) 1. मल्ल कुशीनारा 2. वत्स श्रावस्ती 3. लिच्छवि वैशाली कूटः
Correct
व्याख्याः
(राज्य) (राजधानी) 1. मल्ल कुशीनारा 2. वत्स कौशांबी 3. लिच्छवि वैशाली Incorrect
व्याख्याः
(राज्य) (राजधानी) 1. मल्ल कुशीनारा 2. वत्स कौशांबी 3. लिच्छवि वैशाली -
Question 20 of 20
20. Question
1 pointsबिम्बिसार के संदर्भ में निम्नलिखित में से कौन-सा कथन असत्य है?
Correct
व्याख्याः
- बिम्बिसार की पहली पत्नी कोसलराज की पुत्री और प्रसेनजित की बहन थी। कथन (c) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
- उल्लेखनीय है कि बिम्बिसार ने वैवाहिक संबंधों से भी अपनी स्थिति को मजबूत किया। उसने तीन विवाह किये, प्रथम विवाह से काशी ग्राम दहेज स्वरूप मिला और कोसल के साथ शत्रुता समाप्त हो गई।उसकी दूसरी पत्नी वैशाली की लिच्छवि-राजकुमारी चेल्लणा थी, जिसने अजातशत्रु को जन्म दिया और तीसरी रानी पंजाब के मद्र कुल के प्रधान की पुत्री थी।
- बिम्बिसार ने अंग देश पर अधिकार कर लिया और शासन अपने पुत्र अजातशत्रु को सौंप दिया।
- उसने अपने राजवैद्य जीवक को अवन्ति राजा चण्डप्रद्योत महासेन के पीलिया रोग हो जाने पर इलाज़ करने के लिये उज्जैन भेजा था।
Incorrect
व्याख्याः
- बिम्बिसार की पहली पत्नी कोसलराज की पुत्री और प्रसेनजित की बहन थी। कथन (c) असत्य है, जबकि अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
- उल्लेखनीय है कि बिम्बिसार ने वैवाहिक संबंधों से भी अपनी स्थिति को मजबूत किया। उसने तीन विवाह किये, प्रथम विवाह से काशी ग्राम दहेज स्वरूप मिला और कोसल के साथ शत्रुता समाप्त हो गई।उसकी दूसरी पत्नी वैशाली की लिच्छवि-राजकुमारी चेल्लणा थी, जिसने अजातशत्रु को जन्म दिया और तीसरी रानी पंजाब के मद्र कुल के प्रधान की पुत्री थी।
- बिम्बिसार ने अंग देश पर अधिकार कर लिया और शासन अपने पुत्र अजातशत्रु को सौंप दिया।
- उसने अपने राजवैद्य जीवक को अवन्ति राजा चण्डप्रद्योत महासेन के पीलिया रोग हो जाने पर इलाज़ करने के लिये उज्जैन भेजा था।