प्राचीन इतिहास टेस्ट
प्राचीन इतिहास
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Information
प्राचीन भारतीय इतिहास की पुरानी एन.सी.ई.आर.टी. से कुछ प्रश्न पूछे जा रहे हैं जिनका आपको इस टेस्ट में उत्तर देना है| ये प्रश्न UPSC Prelims परीक्षा के pattern को देखकर बनाये गए हैं|
प्रश्न संख्याः 20
समय सीमाः 15 मिनट
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Question 1 of 20
1. Question
1 pointsप्राचीन भारत के इतिहास के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा कथन असत्य है?
Correct
सम्राट अशोक के शिलालेख प्राकृत भाषा के अलावा खरोष्ठी और आरामाइक लिपियों में है | पश्चिमोत्तर और अफगानिस्तान में इनकी भाषा और लिपि आरामाइक और यूनानी दोनों हैं। अतः कथन (c) असत्य है। अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
Incorrect
सम्राट अशोक के शिलालेख प्राकृत भाषा के अलावा खरोष्ठी और आरामाइक लिपियों में है | पश्चिमोत्तर और अफगानिस्तान में इनकी भाषा और लिपि आरामाइक और यूनानी दोनों हैं। अतः कथन (c) असत्य है। अन्य तीनों कथन सत्य हैं।
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Question 2 of 20
2. Question
1 pointsचक्रवर्ती राजा के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
- वैसे राजा जिसके राज्य का प्रसार हिमालय से लेकर कन्याकुमारी तक तथा पूर्व में ब्रह्मपुत्र की घाटी से लेकर सिंधु पार तक होता था।
- सम्राट अशोक और समुद्रगुप्त दोनों चक्रवर्ती राजा थे।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?
Correct
उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- हिमालय से कन्याकुमारी तक, पूर्व में ब्रह्मपुत्र की घाटी से पश्चिम में सिंधु-पार तक अपना राज्य फैलाने वाले राजाओं को चक्रवर्ती राजा कहा जाता था। अतः कथन (1) सत्य है।
- सम्राट अशोक ने अपना साम्राज्य सुदूर दक्षिणांचल को छोड़कर सारे देश में फैलाया तथा समुद्रगुप्त की विजय-पताका गंगा की घाटी से तमिल देश के छोर तक पहुँची,इस प्रकार दोनों चक्रवर्ती राजा कहलाते थे अतः कथन (2) सत्य है।
Incorrect
उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- हिमालय से कन्याकुमारी तक, पूर्व में ब्रह्मपुत्र की घाटी से पश्चिम में सिंधु-पार तक अपना राज्य फैलाने वाले राजाओं को चक्रवर्ती राजा कहा जाता था। अतः कथन (1) सत्य है।
- सम्राट अशोक ने अपना साम्राज्य सुदूर दक्षिणांचल को छोड़कर सारे देश में फैलाया तथा समुद्रगुप्त की विजय-पताका गंगा की घाटी से तमिल देश के छोर तक पहुँची,इस प्रकार दोनों चक्रवर्ती राजा कहलाते थे अतः कथन (2) सत्य है।
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Question 3 of 20
3. Question
1 pointsआर्यों के सांस्कृतिक उपादान के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
- आर्य सांस्कृतिक उपादान द्रविड़ और तमिल संस्कृति से आए हैं।
- प्राक् आर्य जातीय उपादान वैदिक और संस्कृतमूलक संस्कृति के अंग हैं।
उपर्युक्त कथनों में कौन-सा/से सत्य है/हैं?
Correct
उपर्युक्त दोनों कथन असत्य हैं।
- आर्य सांस्कृतिक उपादान उत्तर के वैदिक और संस्कृतमूलक संस्कृति के आए है।
- प्राक् आर्य जातीय उपादान दक्षिण की द्रविड़ और तमिल संस्कृति के अंग हैं।
Incorrect
उपर्युक्त दोनों कथन असत्य हैं।
- आर्य सांस्कृतिक उपादान उत्तर के वैदिक और संस्कृतमूलक संस्कृति के आए है।
- प्राक् आर्य जातीय उपादान दक्षिण की द्रविड़ और तमिल संस्कृति के अंग हैं।
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Question 4 of 20
4. Question
1 pointsभारत में विदेशियों के आगमन का सही कालानुक्रम है?
Correct
प्राचीन भारत के अनेकानेक मानव-प्रजातियों का संगम रहा है। इनमें आर्य > यूनानी > शक > हूण > तुर्क आदि अनेक प्रजातियाँ शामिल थीं। ये सभी समुदाय और इनके सारे सांस्कृतिक वैशिष्ट्य आपस में इस तरह नीरक्षीरवत् हो गए कि आज उनमें से किसी को भी उनके मूल रूप से साफ-साफ पहचा नहीं सकते हैं।
Incorrect
प्राचीन भारत के अनेकानेक मानव-प्रजातियों का संगम रहा है। इनमें आर्य > यूनानी > शक > हूण > तुर्क आदि अनेक प्रजातियाँ शामिल थीं। ये सभी समुदाय और इनके सारे सांस्कृतिक वैशिष्ट्य आपस में इस तरह नीरक्षीरवत् हो गए कि आज उनमें से किसी को भी उनके मूल रूप से साफ-साफ पहचा नहीं सकते हैं।
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Question 5 of 20
5. Question
1 pointsअंग्रेज़ों द्वारा भारतीय इतिहास के अध्ययन में रुचि लेने के कारणों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
- भारतीय लोगों के रीति-रिवाज़ और सामाजिक व्यवस्था का ज्ञान प्राप्त करने के लिये।
- भारतीय लोगों का धर्म परिवर्तन करवाने के लिये।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सत्य है/हैं?
Correct
उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- 1857 के विद्रोह के पश्चात् अंग्रेज़ों ने यह महसूस किया कि उन्हें भारत पर अपना शासन मज़बूत करने के लिये यहाँ के लोगों के रीति-रिवाज़ों और सामाजिक व्यवस्थाओं का अध्ययन करना होगा।
- क्रिश्चियन मिशनरियों ने भारतीय लोगों का धर्म परिवर्तन करने के लिये उनके धर्म की दुर्बलताओं को जानना आवश्यक समझा, ताकि वे धर्म परिवर्तन करा सकें और उनके द्वारा ब्रिटिश साम्राज्य को मज़बूत बनाया जा सके।
Incorrect
उपर्युक्त दोनों कथन सत्य हैं।
- 1857 के विद्रोह के पश्चात् अंग्रेज़ों ने यह महसूस किया कि उन्हें भारत पर अपना शासन मज़बूत करने के लिये यहाँ के लोगों के रीति-रिवाज़ों और सामाजिक व्यवस्थाओं का अध्ययन करना होगा।
- क्रिश्चियन मिशनरियों ने भारतीय लोगों का धर्म परिवर्तन करने के लिये उनके धर्म की दुर्बलताओं को जानना आवश्यक समझा, ताकि वे धर्म परिवर्तन करा सकें और उनके द्वारा ब्रिटिश साम्राज्य को मज़बूत बनाया जा सके।
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Question 6 of 20
6. Question
1 pointsभारतीय इतिहास के अध्ययन के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
- जर्मन विद्वान एफ. मैक्स मूलर ने ‘सेक्रेड बुक्स ऑफ द ईस्ट सीरीज़’ में भारतीय धर्म ग्रन्थों का अनुवाद किया है।
- अंग्रेज़ों द्वारा भारतीय इतिहास के अध्ययन के फलस्वरूप यह बताया कि भारतीय समाज ऐहलौकिक और वैज्ञानिक मान्यताओं पर आधारित था।
- ‘मनुस्मृति’ का अंग्रेज़ी अनुवाद’ ए कोड ऑफ जेन्ट्र लॉज’ के नाम से हुआ है।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेः
Correct
- भारतीय विद्या के अध्ययन को सबसे अधिक बढ़ावा जर्मनी के विद्वान एफ. मैक्स मूलर ने दिया। उन्होंने “सेक्रेड बुक्स ऑफ इ ईस्ट सीरीज़” को कुल मिलाकर पचास खंडों में प्रकाशित करवाया। अतः कथन (1) सत्य है।
- अंग्रेज़ों द्वारा भारतीय इतिहास के अध्ययन के फलस्वरूप भारत के लोगों को स्वेच्छाचारी शासन का आदी तथा परलौकिक समस्याओं में डूबे रहने वाले और जाति-प्रथा व वर्ण-व्यवस्था के सामाजिक कुचक्र में फँसा हुआ बताया है। अतः कथन (2) असत्य है।
- ‘मनुस्मृति’ को सबसे प्राचीन और प्रामाणिक माना जाता है। सबसे पहले 1776 में इसका अंग्रेज़ी भाषा में अनुवाद हुआ था। अतः कथन (3) सत्य है।
Incorrect
- भारतीय विद्या के अध्ययन को सबसे अधिक बढ़ावा जर्मनी के विद्वान एफ. मैक्स मूलर ने दिया। उन्होंने “सेक्रेड बुक्स ऑफ इ ईस्ट सीरीज़” को कुल मिलाकर पचास खंडों में प्रकाशित करवाया। अतः कथन (1) सत्य है।
- अंग्रेज़ों द्वारा भारतीय इतिहास के अध्ययन के फलस्वरूप भारत के लोगों को स्वेच्छाचारी शासन का आदी तथा परलौकिक समस्याओं में डूबे रहने वाले और जाति-प्रथा व वर्ण-व्यवस्था के सामाजिक कुचक्र में फँसा हुआ बताया है। अतः कथन (2) असत्य है।
- ‘मनुस्मृति’ को सबसे प्राचीन और प्रामाणिक माना जाता है। सबसे पहले 1776 में इसका अंग्रेज़ी भाषा में अनुवाद हुआ था। अतः कथन (3) सत्य है।
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Question 7 of 20
7. Question
1 pointsभारतीय इतिहास के अंग्रेज़ी लेखकों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
- सर विलियम जोन्स ने धार्मिक ग्रन्थ भगवद्गीता का अंग्रेज़ी में अनुवाद किया था।
- विल्किन्स ने कलकत्ता में एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल की स्थापना की थी।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सत्य है/हैं?
Correct
उपर्युक्त दोनों कथन असत्य हैं।
- 1785 में प्रसिद्ध धार्मिक ग्रन्थ भगवद्गीता का अंग्रेज़ी अनुवाद विल्किन्स ने किया था।
- ईस्ट इंडिया कंपनी के सर विलियम जोन्स ने 1784 में कलकत्ता में एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल नामक शोध संस्थान की स्थापना की थी।
Incorrect
उपर्युक्त दोनों कथन असत्य हैं।
- 1785 में प्रसिद्ध धार्मिक ग्रन्थ भगवद्गीता का अंग्रेज़ी अनुवाद विल्किन्स ने किया था।
- ईस्ट इंडिया कंपनी के सर विलियम जोन्स ने 1784 में कलकत्ता में एशियाटिक सोसायटी ऑफ बंगाल नामक शोध संस्थान की स्थापना की थी।
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Question 8 of 20
8. Question
1 pointsसर विलियम जोन्स ने निम्नलिखित में से किसका अंग्रेज़ी में अनुवाद किया था?
Correct
सर विलियम जोन्स ने 1789 में अभिज्ञानशाकुंतलम् नामक नाटक का अंग्रेज़ी में अनुवाद किया था।
Incorrect
सर विलियम जोन्स ने 1789 में अभिज्ञानशाकुंतलम् नामक नाटक का अंग्रेज़ी में अनुवाद किया था।
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Question 9 of 20
9. Question
1 pointsभारत के इतिहास का पहला सुव्यवस्थित इतिहास निम्नलिखित में से किस विद्वान ने तैयार किया?
Correct
विंसेन्ट आर्थर स्मिथ की पुस्तक ‘अर्ली हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ में उन्होंने प्राचीन भारत का इतिहास 1904 में तैयार किया था।
Incorrect
विंसेन्ट आर्थर स्मिथ की पुस्तक ‘अर्ली हिस्ट्री ऑफ इंडिया’ में उन्होंने प्राचीन भारत का इतिहास 1904 में तैयार किया था।
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Question 10 of 20
10. Question
1 pointsभारतीय विद्वानों द्वारा भारतीय इतिहास के अध्ययन करने के कारणों के संदर्भ में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
- अंग्रेज़ इतिहासकारों द्वारा भारतीय इतिहास की छवि धूमिल करने के विरोध में।
- भारतीय इतिहास का पुनर्निर्माण करने और समाज को सुधारने के लिये।
- लोगों को स्वराज प्राप्ति हेतु प्रेरित करने के लिये।
उपर्युक्त कथनों में से कौन-सा/से सत्य है/हैं?
Correct
उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- भारतीय विद्वानों ने, विशेषकर वे जो पाश्चात्य शिक्षा पाए हुए थे, अंग्रेज़ों द्वारा भारतीय इतिहास को तोड़-मरोड़ कर भारत के अतीत की छवि धूमिल किये जाने से क्रोधित थे। उन्होंने इंग्लैंड के फलते-फूलते औपनिवेशिक शासन के विरोध में भारतीय इतिहास का पुनर्निर्माण करने के लिये अध्ययन किया।।
- भारतीय विद्वान समाज को केवल सुधारना ही नहीं चाहते थे बल्कि भारत के प्राचीन इतिहास का पुनर्निर्माण इस प्रकार करना चाहते थे कि उससे समाज को सुधारने में मदद मिले और यह कार्य भारत के लोगों को भारत के इतिहास का ज्ञान करवाकर ही संभव था।
- भारतीय विद्वानों ने भारत के लोगों को भारत के स्वर्णिम इतिहास के बारे में अवगत करवाकर स्वराज प्राप्त करने हेतु प्रेरित किया।
Incorrect
उपर्युक्त सभी कथन सत्य हैं।
- भारतीय विद्वानों ने, विशेषकर वे जो पाश्चात्य शिक्षा पाए हुए थे, अंग्रेज़ों द्वारा भारतीय इतिहास को तोड़-मरोड़ कर भारत के अतीत की छवि धूमिल किये जाने से क्रोधित थे। उन्होंने इंग्लैंड के फलते-फूलते औपनिवेशिक शासन के विरोध में भारतीय इतिहास का पुनर्निर्माण करने के लिये अध्ययन किया।।
- भारतीय विद्वान समाज को केवल सुधारना ही नहीं चाहते थे बल्कि भारत के प्राचीन इतिहास का पुनर्निर्माण इस प्रकार करना चाहते थे कि उससे समाज को सुधारने में मदद मिले और यह कार्य भारत के लोगों को भारत के इतिहास का ज्ञान करवाकर ही संभव था।
- भारतीय विद्वानों ने भारत के लोगों को भारत के स्वर्णिम इतिहास के बारे में अवगत करवाकर स्वराज प्राप्त करने हेतु प्रेरित किया।
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Question 11 of 20
11. Question
1 pointsगुफाओं से सम्बंधित धार्मिक विश्वासों में कौन सा तथ्य सही है?
1. एलोरा की गुफाएं : बौद्धधर्म
2. अजंता की गुफाएं : बौद्धधर्म, जैन एवं हिन्दू धर्म
3. एलीफेंटा की गुफाएं : भगवान शिव का अर्धनारी स्वरुप
4. कार्ला और भज की गुफाएं, लोनावाला : बौद्धधर्म
Correct
Incorrect
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Question 12 of 20
12. Question
1 pointsभारत में सर्वप्रथम आंग्ल-फ्रांसीसी संघर्ष की शुरुआत हुई थी-
Correct
Incorrect
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Question 13 of 20
13. Question
1 pointsभारत में निम्नलिखित कौन सा काल “बड़े गोपुरम और मंडपों” के लिए उल्लेखनीय है?
Correct
Incorrect
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Question 14 of 20
14. Question
1 pointsहड़प्पा के लोगों का मुख्य व्यवसाय क्या था?
Correct
Incorrect
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Question 15 of 20
15. Question
1 pointsखानवा का युद्ध किसके-किसके बीच हुआ?
Correct
Incorrect
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Question 16 of 20
16. Question
1 pointsकिताबुल हिन्द किसकी रचना है?
Correct
Incorrect
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Question 17 of 20
17. Question
1 pointsसिंहविष्णु, महेन्द्रवर्मन, नरसिंहवर्मन प्रथम, महेंद्रवर्मन द्वितीय आदि किस वंश के राजाओं के नाम हैं?
Correct
Incorrect
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Question 18 of 20
18. Question
1 pointsकिस शासक ने लिच्छवी वंश की राजकुमारी से विवाह कर दहेज़ स्वरूप पाटलिपुत्र नगर को प्राप्त करके अपनी आर्थिक स्थिति को सुधारा?
Correct
Incorrect
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Question 19 of 20
19. Question
1 pointsहर्ष ने सर्वप्रथम राजधानी कहाँ बनाया जहाँ से उसने सभी दिशाओं में अपनी सत्ता का विस्तार किया?
Correct
Incorrect
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Question 20 of 20
20. Question
1 pointsपाल वंश के दूसरे शासक का नाम क्या था?
Correct
Incorrect
Good morning🌞