भारत भौतिक पर्यावरण टेस्ट 3
भारत भौतिक पर्यावरण टेस्ट 3
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इस टेस्ट में सम्मिलित प्रश्न कक्षा 11 की पुस्तक भारत भौतिक पर्यावरण (एन.सी.ई.आर.टी.) पर आधारित है| यदि आप ‘भारत भौतिक पर्यावरण’ विषय की अधिक जानकारी नहीं रखते है तो इस टेस्ट को देने से पहले आप पुस्तक का रिविजन आवश्य करें|
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Question 1 of 20
1. Question
1 pointsप्रायद्वीपीय भारत में पर्वतीय वन मुख्यतः पाए जाते हैं :
1. पश्चिमी घाट में
2. पूर्वी घाट में
3. नीलगिरी पर्वत श्रृंखला में
4. विंध्याचल पर्वत श्रृंखला में
कूटःCorrect
व्याख्याः दक्षिणी पर्वतीय वन मुख्यतः प्रायद्वीप के तीन भागों में मिलते हैं: पश्चिमी घाट, विंध्याचल और नीलगिरी पर्वत श्रृंखलाएँ। चूँकि ये श्रृंखलाएँ उष्ण कटिबंध में पड़ती हैं और इनकी समुद्र तल से ऊँचाई लगभग 1,500 मीटर ही है, इसलिये यहाँ ऊँचाई वाले क्षेत्र में शीतोष्ण कटिबंधीय और निचले क्षेत्रों में उपोष्ण कटिबंधीय प्राकृतिक वनस्पति पाई जाती है।
Incorrect
व्याख्याः दक्षिणी पर्वतीय वन मुख्यतः प्रायद्वीप के तीन भागों में मिलते हैं: पश्चिमी घाट, विंध्याचल और नीलगिरी पर्वत श्रृंखलाएँ। चूँकि ये श्रृंखलाएँ उष्ण कटिबंध में पड़ती हैं और इनकी समुद्र तल से ऊँचाई लगभग 1,500 मीटर ही है, इसलिये यहाँ ऊँचाई वाले क्षेत्र में शीतोष्ण कटिबंधीय और निचले क्षेत्रों में उपोष्ण कटिबंधीय प्राकृतिक वनस्पति पाई जाती है।
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Question 2 of 20
2. Question
1 pointsभारत में ‘शोलास’ वन पाए जाते हैं-
1. नीलगिरी पहाड़ियों पर
2. विंध्याचल पहाड़ियों पर
3. अन्नामलाई पहाड़ियों पर
4. पालनी पहाड़ियों पर
कूटःCorrect
व्याख्याः नीलगिरी, अन्नामलाई और पालनी पहाड़ियों पर पाए जाने वाले शीतोष्ण कटिबंधीय वनों को ‘शोलास’ के नाम से जाना जाता है। इन वनों में पाए जाने वाले वृक्षों में मगनोलिया, लैरेल, सिनकोना और वैटल का आर्थिक महत्त्व है।
पर्वतीय क्षेत्रों में ऊँचाई बढ़ने के साथ तापमान में कमी आने के कारण प्राकृतिक वनस्पति में भी बदलाव आता है। तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक प्रांत की पर्वत श्रृंखलाएँ उष्ण कटिबंध क्षेत्र में पड़ती हैं और इनकी समुद्र तल से ऊँचाई लगभग 1500 मीटर है। यहाँ ऊँचाई वाले क्षेत्रों में शीतोष्ण कटिबंधीय और निचले क्षेत्रों में उपोष्ण कटिबंधीय प्राकृतिक वनस्पतियाँ पाई जाती है। अतः नीलगिरी, अन्नामलाई और पालनी पहाड़ियों पर पाए जाने वाले शीतोष्ण कटिबंधीय वनों को ‘शोलास’ के नाम से जाना जाता है।
Incorrect
व्याख्याः नीलगिरी, अन्नामलाई और पालनी पहाड़ियों पर पाए जाने वाले शीतोष्ण कटिबंधीय वनों को ‘शोलास’ के नाम से जाना जाता है। इन वनों में पाए जाने वाले वृक्षों में मगनोलिया, लैरेल, सिनकोना और वैटल का आर्थिक महत्त्व है।
पर्वतीय क्षेत्रों में ऊँचाई बढ़ने के साथ तापमान में कमी आने के कारण प्राकृतिक वनस्पति में भी बदलाव आता है। तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक प्रांत की पर्वत श्रृंखलाएँ उष्ण कटिबंध क्षेत्र में पड़ती हैं और इनकी समुद्र तल से ऊँचाई लगभग 1500 मीटर है। यहाँ ऊँचाई वाले क्षेत्रों में शीतोष्ण कटिबंधीय और निचले क्षेत्रों में उपोष्ण कटिबंधीय प्राकृतिक वनस्पतियाँ पाई जाती है। अतः नीलगिरी, अन्नामलाई और पालनी पहाड़ियों पर पाए जाने वाले शीतोष्ण कटिबंधीय वनों को ‘शोलास’ के नाम से जाना जाता है।
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Question 3 of 20
3. Question
1 pointsमैंग्रोव वनों के संदर्भ में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजिये :
1. मैंग्रोव तटवर्ती क्षेत्रों में जहाँ ज्वार-भाटा आते हैं वहाँ की सबसे महत्त्वपूर्ण वनस्पति है।
2. मैंग्रोव पौधों की जड़ें पानी में डूबी रहती हैं।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः मैंग्रोव तटवर्ती क्षेत्रों में जहाँ ज्वार-भाटा आते हैं की सबसे महत्त्वपूर्ण वनस्पति है। मिट्टी और बालू इन तटों पर एकत्रित हो जाती है। मैंग्रोव पौधों की जड़ें पानी में डूबी रहती हैं।
Incorrect
व्याख्याः मैंग्रोव तटवर्ती क्षेत्रों में जहाँ ज्वार-भाटा आते हैं की सबसे महत्त्वपूर्ण वनस्पति है। मिट्टी और बालू इन तटों पर एकत्रित हो जाती है। मैंग्रोव पौधों की जड़ें पानी में डूबी रहती हैं।
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Question 4 of 20
4. Question
1 pointsमैंग्रोव वनस्पतियों के विकास के लिये निम्नलिखित में से कौन-से कारक आवश्यक हैं?
1. लवणीय दलदल
2. ज्वारीय सँकरी खाड़ी
3. 200 सेंटीमीटर या उससे अधिक की औसत वार्षिक वर्षा
4. पंक मैदान
कूटःCorrect
व्याख्याः मैंग्रोव वनस्पति लवणीय दलदल, ज्वारीय सँकरी खाड़ी, पंक मैदानों और ज्वारनदमुख के तटीय क्षेत्रों में अच्छी तरह उगती हैं।
वर्षा की मात्रा का मैंग्रोव वनस्पति के विकास के साथ कोई सीधा संबंध नहीं है।
Incorrect
व्याख्याः मैंग्रोव वनस्पति लवणीय दलदल, ज्वारीय सँकरी खाड़ी, पंक मैदानों और ज्वारनदमुख के तटीय क्षेत्रों में अच्छी तरह उगती हैं।
वर्षा की मात्रा का मैंग्रोव वनस्पति के विकास के साथ कोई सीधा संबंध नहीं है।
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Question 5 of 20
5. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से किन नदियों के डेल्टाई भाग में मैंग्रोव वन पाए जाते हैं?
1. गंगा
2. गोदावरी
3. महानदी
4. कृष्णा
कूटःCorrect
व्याख्याः भारत में मैंग्रोव वन का क्षेत्र, विश्व के मैंग्रोव क्षेत्र का 7 प्रतिशत है। भारत में ये वन अंडमान और निकोबार द्वीप समूह व पश्चिम बंगाल में गंगा-ब्रह्मपुत्र नदियों पर स्थित सुन्दरवन डेल्टा में अत्यधिक विकसित हैं। इसके अलावा ये वन महानदी, गोदावरी और कृष्णा नदियों के डेल्टाई भाग में भी पाए जाते हैं।
Incorrect
व्याख्याः भारत में मैंग्रोव वन का क्षेत्र, विश्व के मैंग्रोव क्षेत्र का 7 प्रतिशत है। भारत में ये वन अंडमान और निकोबार द्वीप समूह व पश्चिम बंगाल में गंगा-ब्रह्मपुत्र नदियों पर स्थित सुन्दरवन डेल्टा में अत्यधिक विकसित हैं। इसके अलावा ये वन महानदी, गोदावरी और कृष्णा नदियों के डेल्टाई भाग में भी पाए जाते हैं।
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Question 6 of 20
6. Question
1 pointsनीचे दिये गए कथनों में से कौन-सा कथन सामाजिक वानिकी को परिभाषित करता है?
Correct
व्याख्याः सामाजिक वानिकी का अर्थ है- पर्यावरणीय, सामाजिक व ग्रामीण विकास में मदद के उद्देश्य से वनों का प्रबंधन और सुरक्षा तथा ऊसर भूमि पर वनरोपण।
Incorrect
व्याख्याः सामाजिक वानिकी का अर्थ है- पर्यावरणीय, सामाजिक व ग्रामीण विकास में मदद के उद्देश्य से वनों का प्रबंधन और सुरक्षा तथा ऊसर भूमि पर वनरोपण।
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Question 7 of 20
7. Question
1 pointsसामाजिक वानिकी में शामिल किया जाता है-
1. शहरी वानिकी
2. ग्रामीण वानिकी
3. मरुस्थलीय वानिकी
4. फार्म वानिकी
कूटःCorrect
व्याख्याः राष्ट्रीय कृषि आयोग (1976-79) ने सामाजिक वानिकी को तीन भागों में बाँटा है- शहरी वानिकी, ग्रामीण वानिकी और फार्म वानिकी।
Incorrect
व्याख्याः राष्ट्रीय कृषि आयोग (1976-79) ने सामाजिक वानिकी को तीन भागों में बाँटा है- शहरी वानिकी, ग्रामीण वानिकी और फार्म वानिकी।
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Question 8 of 20
8. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों को ध्यानपूर्वक पढ़िये-
1. शहरों और उसके इर्द-गिर्द निजी व सार्वजनिक जगहों पर वृक्ष लगाना और उनका प्रबंधन करना शहरी वानिकी के अंतर्गत आता है।
2. फार्म वानिकी के अंतर्गत किसान अपने खेतों में व्यापारिक महत्त्व वाले पेड़ों को लगाते हैं।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः राष्ट्रीय कृषि आयोग (1976-79) ने सामाजिक वानिकी को तीन भागों में बाँटा है- शहरी वानिकी, ग्रामीण वानिकी और फार्म वानिकी।
शहरों और उनके इर्द-गिर्द निजी व सार्वजनिक भूमि, जैसे-हरित पट्टी, पार्क, सड़कों के साथ खाली जगह, औद्योगिक व व्यापारिक स्थलों पर वृक्ष लगाना और उनका प्रबंधन करना शहरी वानिकी के अंतर्गत आता है। फार्म वानिकी के अंतर्गत किसान अपने खेतों में व्यापारिक महत्त्व वाले या दूसरे पेड़ लगाते हैं। वन विभाग इसके लिये छोटे और मध्यम किसानों को निःशुल्क पौधे उपलब्ध कराता है।
Incorrect
व्याख्याः राष्ट्रीय कृषि आयोग (1976-79) ने सामाजिक वानिकी को तीन भागों में बाँटा है- शहरी वानिकी, ग्रामीण वानिकी और फार्म वानिकी।
शहरों और उनके इर्द-गिर्द निजी व सार्वजनिक भूमि, जैसे-हरित पट्टी, पार्क, सड़कों के साथ खाली जगह, औद्योगिक व व्यापारिक स्थलों पर वृक्ष लगाना और उनका प्रबंधन करना शहरी वानिकी के अंतर्गत आता है। फार्म वानिकी के अंतर्गत किसान अपने खेतों में व्यापारिक महत्त्व वाले या दूसरे पेड़ लगाते हैं। वन विभाग इसके लिये छोटे और मध्यम किसानों को निःशुल्क पौधे उपलब्ध कराता है।
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Question 9 of 20
9. Question
1 pointsग्रामीण वानिकी के संबंध में निम्न में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
1. कृषि वानिकी के अंतर्गत वानिकी और कृषि एक साथ की जाती है।
2. समुदाय कृषि वानिकी में सार्वजनिक जगहों पर वृक्षारोपण किया जाता है।
कूटःCorrect
व्याख्याः ग्रामीण वानिकी में कृषि वानिकी और समुदाय कृषि वानिकी को बढ़ावा दिया जाता है। कृषि वानिकी का अर्थ है कृषि योग्य तथा बंजर भूमि पर पेड़ और फसलें एक साथ लगाना। इसका अभिप्राय है वानिकी और खेती एक साथ करना, जिससे खाद्यान्न, चारा, ईंधन, इमारती लकड़ी और फलों का उत्पादन एक – साथ किया जाए।
समुदाय कृषि वानिकी में सार्वजनिक भूमि जैसे- गाँव-चारागाह, मंदिर-भूमि, सड़कों के दोनों ओर, नहर किनारे, रेल पटरी के साथ और विद्यालयों में पेड़ लगाना शामिल है। इसका उद्देश्य पूरे समुदाय को लाभ पहुँचाना है। इस योजना का एक उद्देश्य भूमिविहीन लोगों को वनीकरण से जोड़ना तथा उन्हें वे लाभ पहुँचाना है जो केवल भूस्वामियों को ही प्राप्त होते है।
Incorrect
व्याख्याः ग्रामीण वानिकी में कृषि वानिकी और समुदाय कृषि वानिकी को बढ़ावा दिया जाता है। कृषि वानिकी का अर्थ है कृषि योग्य तथा बंजर भूमि पर पेड़ और फसलें एक साथ लगाना। इसका अभिप्राय है वानिकी और खेती एक साथ करना, जिससे खाद्यान्न, चारा, ईंधन, इमारती लकड़ी और फलों का उत्पादन एक – साथ किया जाए।
समुदाय कृषि वानिकी में सार्वजनिक भूमि जैसे- गाँव-चारागाह, मंदिर-भूमि, सड़कों के दोनों ओर, नहर किनारे, रेल पटरी के साथ और विद्यालयों में पेड़ लगाना शामिल है। इसका उद्देश्य पूरे समुदाय को लाभ पहुँचाना है। इस योजना का एक उद्देश्य भूमिविहीन लोगों को वनीकरण से जोड़ना तथा उन्हें वे लाभ पहुँचाना है जो केवल भूस्वामियों को ही प्राप्त होते है।
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Question 10 of 20
10. Question
1 pointsवन्य प्राणी अधिनियम, 1972 के संबंध में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः
1. यह अधिनियम वन्य प्राणियों के संरक्षण की कानूनी रूपरेखा तैयार करता है।
2. इस अधिनियम में नेशनल पार्क, पशु विहार जैसे संरक्षित क्षेत्रों को कानूनी सहायता प्रदान की गई है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः वन्य प्राणी अधिनियम जो 1972 में लागू हुआ वह वन्य प्राणियों के संरक्षण और रक्षण की कानूनी रूपरेखा तैयार करता है। इस अधिनियम के दो मुख्य उद्देश्य हैं:
अधिनियम के तहत अनुसूची में सूचीबद्ध संकटापन्न प्रजातियों को सुरक्षा प्रदान करना।
नेशनल पार्क तथा पशु विहार जैसे संरक्षित क्षेत्रों को कानूनी सहायता प्रदान करना।
इस अधिनियम को 1991 में पूर्णतया संशोधित कर दिया गया, जिसके तहत कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। इसमें कुछ पौधों की प्रजातियों को बचाने तथा संकटापन्न प्रजातियों के संरक्षण का प्रावधान है।
Incorrect
व्याख्याः वन्य प्राणी अधिनियम जो 1972 में लागू हुआ वह वन्य प्राणियों के संरक्षण और रक्षण की कानूनी रूपरेखा तैयार करता है। इस अधिनियम के दो मुख्य उद्देश्य हैं:
अधिनियम के तहत अनुसूची में सूचीबद्ध संकटापन्न प्रजातियों को सुरक्षा प्रदान करना।
नेशनल पार्क तथा पशु विहार जैसे संरक्षित क्षेत्रों को कानूनी सहायता प्रदान करना।
इस अधिनियम को 1991 में पूर्णतया संशोधित कर दिया गया, जिसके तहत कठोर सजा का प्रावधान किया गया है। इसमें कुछ पौधों की प्रजातियों को बचाने तथा संकटापन्न प्रजातियों के संरक्षण का प्रावधान है।
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Question 11 of 20
11. Question
1 pointsये विशेष प्रकार के भौमिक और तटीय पारिस्थितिक तंत्र हैं जिन्हें यूनेस्को (UNESCO) के मानव और जीवमंडल प्रोग्राम (MAB) के अंतर्गत मान्यता प्राप्त है।
उपरोक्त विवरण संबंधित है –Correct
व्याख्याः जीवमंडल निचय (आरक्षित क्षेत्र) विशेष प्रकार का भौमिक और तटीय पारिस्थितिक तंत्र है, जिसे यूनेस्को (UNESCO) के मानव और जीवमंडल प्रोग्राम (MAB) के अंतर्गत मान्यता प्राप्त है।
Incorrect
व्याख्याः जीवमंडल निचय (आरक्षित क्षेत्र) विशेष प्रकार का भौमिक और तटीय पारिस्थितिक तंत्र है, जिसे यूनेस्को (UNESCO) के मानव और जीवमंडल प्रोग्राम (MAB) के अंतर्गत मान्यता प्राप्त है।
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Question 12 of 20
12. Question
1 pointsभारत का पहला जीवमंडल निचय कौन-सा है?
Correct
व्याख्याः भारत का पहला जीवमंडल निचय नीलगिरी है, जिसकी स्थापना 1986 में हुई थी।
Incorrect
व्याख्याः भारत का पहला जीवमंडल निचय नीलगिरी है, जिसकी स्थापना 1986 में हुई थी।
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Question 13 of 20
13. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन- सा/से क्षेत्र नीलगिरी जीवमंडल निचय में शामिल है/हैं?
1. ऊपरी नीलगिरी पठार
2. साइलेंट वैली
3. सिदुवानी पहाड़ियाँ
कूटःCorrect
व्याख्याः नीलगिरी भारत का पहला जीवमंडल निचय है, जिसका कुल क्षेत्र 5,520 वर्ग किलोमीटर है। इस जीवमंडल निचय में वायनाड वन्य जीवन सुरक्षित क्षेत्र, नागरहोल, बांदीपुर, मदुमलाई, निलंबूर का सारा वन से ढ़ँका ढाल, ऊपरी नीलगिरी पठार, साइलेंट वैली और सिदुवानी पहाड़ियाँ शामिल हैं।
Incorrect
व्याख्याः नीलगिरी भारत का पहला जीवमंडल निचय है, जिसका कुल क्षेत्र 5,520 वर्ग किलोमीटर है। इस जीवमंडल निचय में वायनाड वन्य जीवन सुरक्षित क्षेत्र, नागरहोल, बांदीपुर, मदुमलाई, निलंबूर का सारा वन से ढ़ँका ढाल, ऊपरी नीलगिरी पठार, साइलेंट वैली और सिदुवानी पहाड़ियाँ शामिल हैं।
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Question 14 of 20
14. Question
1 pointsभारत में निम्नलिखित में से किन जीवमंडल निचय को यूनेस्को द्वारा वैश्विक नेटवर्क पर मान्यता प्राप्त है?
1. नंदादेवी
2. नीलगिरी
3. सुंदरवन
4. मन्नार की खाड़ी
कूटःCorrect
व्याख्याः भारत में कुल 14 जीवमंडल निचय हैं, जिनमें से 4 को यूनेस्को द्वारा वैश्विक नेटवर्क पर मान्यता प्राप्त है-
1. नीलगिरी
2. नंदादेवी
3. सुंदरवन
4.मन्नार की खाड़ीIncorrect
व्याख्याः भारत में कुल 14 जीवमंडल निचय हैं, जिनमें से 4 को यूनेस्को द्वारा वैश्विक नेटवर्क पर मान्यता प्राप्त है-
1. नीलगिरी
2. नंदादेवी
3. सुंदरवन
4.मन्नार की खाड़ी -
Question 15 of 20
15. Question
1 pointsसूची-I को सूची-II से सुमेलित कीजिये तथा नीचे दिए गये कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजियेः
सूची-I
(जीवमंडल निचय )सूची-II
(राज्य )A. नंदा देवी 1. उत्तराखंड B. नोकरेक 2. असम C. डिब्रू-साइकोवा 3. मेघालय D. अगस्त्यमलाई 4. केरल कूटः
Correct
व्याख्याः
(जीवमंडल निचय ) (राज्य ) नंदा देवी उत्तराखंड नोकरेक मेघालय डिब्रू-साइकोवा असम अगस्त्यमलाई केरल Incorrect
व्याख्याः
(जीवमंडल निचय ) (राज्य ) नंदा देवी उत्तराखंड नोकरेक मेघालय डिब्रू-साइकोवा असम अगस्त्यमलाई केरल -
Question 16 of 20
16. Question
1 pointsनीलगिरि जीवमंडल निचय का विस्तार किन राज्यों में है?
1. तमिलनाडु
2. केरल
3. आंध्र प्रदेश
4. कर्नाटक
कूटःCorrect
व्याख्याः नीलगिरी जीवमंडल निचय तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक राज्यों में फैला हुआ है।
Incorrect
व्याख्याः नीलगिरी जीवमंडल निचय तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक राज्यों में फैला हुआ है।
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Question 17 of 20
17. Question
1 pointsनोकरेक जीवमंडल निचय मेघालय की निम्नलिखित में से किन पहाड़ियों का हिस्सा है?
Correct
व्याख्याः नोकरेक जीवमंडल निचय मेघालय की गारो पहाड़ी पर अवस्थित है।
Incorrect
व्याख्याः नोकरेक जीवमंडल निचय मेघालय की गारो पहाड़ी पर अवस्थित है।
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Question 18 of 20
18. Question
1 pointsसंकटापन्न जीव ‘समुद्री गाय’ कहाँ पाई जाती है?
Correct
व्याख्याः समुद्री गाय मन्नार की खाड़ी जैवमंडल निचय में पाई जाती है जो कि एक संकटापन्न जीव है।
Incorrect
व्याख्याः समुद्री गाय मन्नार की खाड़ी जैवमंडल निचय में पाई जाती है जो कि एक संकटापन्न जीव है।
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Question 19 of 20
19. Question
1 pointsनंदा देवी जैवमंडल निचय के संबंध में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजियेः
1. यहाँ मुख्यतः शीतोष्ण कटिबंधीय वन पाए जाते हैं।
2. इस जीवमंडल निचय में हिम तेंदुआ, कस्तूरी मृग और हिम मुर्गा आदि पाए जाते हैं।
उपर्युक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः नंदा देवी जीवमंडल निचय उत्तराखंड में स्थित है। यहाँ पर मुख्यतः शीतोष्ण कटिबंधीय वन पाए जाते हैं। यहाँ पाई जाने वाली प्रजातियों में सिल्वर वुड तथा लैटीफोली शामिल हैं।
इस जीवमंडल निचय में कई प्रकार के वन्य जीव जैसे- हिम तेंदुआ (Snow leopard), काला भालू, भूरा भालू, कस्तूरी मृग, हिम मुर्गा, सुनहरा बाज़ और काला बाज़ पाए जाते हैं। यहाँ पारिस्थितिक तंत्रों को मुख्य खतरा संकटापन्न पौध प्रजातियों को दवा के लिये इकट्ठा करना, दावानल और पशुओं का व्यापारिक उद्देश्य के लिये शिकार करने से है।
Incorrect
व्याख्याः नंदा देवी जीवमंडल निचय उत्तराखंड में स्थित है। यहाँ पर मुख्यतः शीतोष्ण कटिबंधीय वन पाए जाते हैं। यहाँ पाई जाने वाली प्रजातियों में सिल्वर वुड तथा लैटीफोली शामिल हैं।
इस जीवमंडल निचय में कई प्रकार के वन्य जीव जैसे- हिम तेंदुआ (Snow leopard), काला भालू, भूरा भालू, कस्तूरी मृग, हिम मुर्गा, सुनहरा बाज़ और काला बाज़ पाए जाते हैं। यहाँ पारिस्थितिक तंत्रों को मुख्य खतरा संकटापन्न पौध प्रजातियों को दवा के लिये इकट्ठा करना, दावानल और पशुओं का व्यापारिक उद्देश्य के लिये शिकार करने से है।
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Question 20 of 20
20. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
1. सुंदरवन जीवमंडल निचय गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी के दलदली डेल्टा पर स्थित है।
2. सुंदरवन जीवमंडल निचय में शेर जैसी पूँछ वाले बंदर सबसे अधिक संख्या में पाए जाते हैं।
कूटःCorrect
व्याख्याः केवल कथन 1 सत्य है। सुंदरवन जीवमंडल निचय पश्चिम बंगाल में गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी के दलदली डेल्टा पर स्थित है। यहाँ मैंग्रोव वन, अनूप और वनाच्छादित द्वीप पाए जाते हैं। सुंदरवन रॉयल बंगाल टाइगर का आवासीय क्षेत्र है। स्वयं को यहाँ के लवणीय और ताजा जल पर्यावरण के अनुरूप ढालते हुए, बाघ पानी में तैरते हैं। भौंकने वाले मृग यहाँ पाए जाते हैं। सुंदरवन का नाम यहाँ पाए जाने वाले सुन्दरी नामक वृक्ष के नाम पर पड़ा है।
कथन 2 गलत है। शेर जैसी पूँछ वाले बंदर नीलगिरी जीवमंडल निचय में सबसे अधिक संख्या में पाए जाते हैं। अब यह एक संकटापन्न प्राणी है।
Incorrect
व्याख्याः केवल कथन 1 सत्य है। सुंदरवन जीवमंडल निचय पश्चिम बंगाल में गंगा-ब्रह्मपुत्र नदी के दलदली डेल्टा पर स्थित है। यहाँ मैंग्रोव वन, अनूप और वनाच्छादित द्वीप पाए जाते हैं। सुंदरवन रॉयल बंगाल टाइगर का आवासीय क्षेत्र है। स्वयं को यहाँ के लवणीय और ताजा जल पर्यावरण के अनुरूप ढालते हुए, बाघ पानी में तैरते हैं। भौंकने वाले मृग यहाँ पाए जाते हैं। सुंदरवन का नाम यहाँ पाए जाने वाले सुन्दरी नामक वृक्ष के नाम पर पड़ा है।
कथन 2 गलत है। शेर जैसी पूँछ वाले बंदर नीलगिरी जीवमंडल निचय में सबसे अधिक संख्या में पाए जाते हैं। अब यह एक संकटापन्न प्राणी है।
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