भारतीय अर्थव्यवस्था टेस्ट 3
भारतीय अर्थव्यवस्था टेस्ट 3
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इस टेस्ट में सम्मिलित प्रश्न एन.सी.ई.आर.टी. पर आधारित है|
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Question 1 of 20
1. Question
1 pointsग्रामीण तथा शहरी क्षेत्रों में ‘गरीबी रेखा’ के निर्धारण में प्रतिदिन औसतन कितने कैलोरी ऊर्जा उपभोग का निर्धारण किया गया है?
Correct
व्याख्याः निर्धनता मापन की कई विधियाँ हैं, जिनमें से एक न्यूनतम कैलोरी उपभोग के मान (प्रति व्यक्ति व्यय) का निर्धारण करने की विधि है। प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय स्तर ग्रामीण क्षेत्रों में 2400 कैलोरी और शहरी क्षेत्रों में 2100 कैलोरी को ही निर्धनता रेखा या निरपेक्ष निर्धनता कहते हैं।
Incorrect
व्याख्याः निर्धनता मापन की कई विधियाँ हैं, जिनमें से एक न्यूनतम कैलोरी उपभोग के मान (प्रति व्यक्ति व्यय) का निर्धारण करने की विधि है। प्रति व्यक्ति उपभोग व्यय स्तर ग्रामीण क्षेत्रों में 2400 कैलोरी और शहरी क्षेत्रों में 2100 कैलोरी को ही निर्धनता रेखा या निरपेक्ष निर्धनता कहते हैं।
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Question 2 of 20
2. Question
1 points‘सेन-सूचकांक’ का संबंध है-
Correct
व्याख्याः निर्धनता के आकलन की सरकारी विधियों की सीमाओं के कारण अनेक विद्वानों ने वैकल्पिक विधियों का प्रयोग करने के प्रयास किये हैं। निर्धनता के आकलन हेतु नोबेल पुरस्कार विजेता अर्मत्य सेन ने एक सूचकांक का विकास किया, जिसे ‘सेन-सूचकांक’ के नाम से जाना जाता है।
Incorrect
व्याख्याः निर्धनता के आकलन की सरकारी विधियों की सीमाओं के कारण अनेक विद्वानों ने वैकल्पिक विधियों का प्रयोग करने के प्रयास किये हैं। निर्धनता के आकलन हेतु नोबेल पुरस्कार विजेता अर्मत्य सेन ने एक सूचकांक का विकास किया, जिसे ‘सेन-सूचकांक’ के नाम से जाना जाता है।
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Question 3 of 20
3. Question
1 pointsभारत में निर्धनता के स्तर का आकलन किया जाता है-
Correct
व्याख्याः हमारे देश में निर्धनता विषयक आधिकारिक आँकड़े योजना आयोग (नीति आयोग) उपलब्ध कराता है। ये आँकड़े प्रतिवर्ष सर्वेक्षण संगठन द्वारा परिवार के उपभोग-व्यय के आधार पर आकलित किये जाते हैं।
Incorrect
व्याख्याः हमारे देश में निर्धनता विषयक आधिकारिक आँकड़े योजना आयोग (नीति आयोग) उपलब्ध कराता है। ये आँकड़े प्रतिवर्ष सर्वेक्षण संगठन द्वारा परिवार के उपभोग-व्यय के आधार पर आकलित किये जाते हैं।
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Question 4 of 20
4. Question
1 pointsभारत के निम्नलिखित में से किन चार राज्यों में गरीबी, राष्ट्रीय गरीबी के स्तर से ऊपर है?
Correct
व्याख्याः 1973 के बाद से कई भारतीय राज्यों ने गरीबी के स्तर को कम करने का काफी प्रयास किया और उसमें सफलता भी पाई। फिर भी चार राज्यों- ओडिशा, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश में गरीबी का स्तर, राष्ट्रीय गरीबी के स्तर से ऊपर है।
Incorrect
व्याख्याः 1973 के बाद से कई भारतीय राज्यों ने गरीबी के स्तर को कम करने का काफी प्रयास किया और उसमें सफलता भी पाई। फिर भी चार राज्यों- ओडिशा, मध्य प्रदेश, बिहार और उत्तर प्रदेश में गरीबी का स्तर, राष्ट्रीय गरीबी के स्तर से ऊपर है।
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Question 5 of 20
5. Question
1 pointsनिम्नलिखित युग्मों पर विचार कीजिये तथा नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये-1. स्वर्ण जयंती ग्राम स्वरोज़गार योजना – 1999
2. महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार गारंटी अधिनियम – 2005
3. प्रधानमंत्री जन-धन योजना – 2015
कूटःCorrect
व्याख्याः तीसरा युग्म गलत है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना 2014 में शुरू की गई एक ऐसी योजना है जिसके अंतर्गत भारतवासियों को बैंक खाता खोलने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है।
Incorrect
व्याख्याः तीसरा युग्म गलत है। प्रधानमंत्री जन-धन योजना 2014 में शुरू की गई एक ऐसी योजना है जिसके अंतर्गत भारतवासियों को बैंक खाता खोलने के लिये प्रोत्साहित किया जाता है।
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Question 6 of 20
6. Question
1 pointsनब्बे के दशक में भारत ने वित्तीय संकट के समय किन अंतर्राष्ट्रीय संस्थाओं से ऋण प्राप्त किया था?
1. विश्व बैंक
2. एशियाई विकास बैंक
3. बैंक ऑफ अमेरिका
4. अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये-Correct
व्याख्याः नब्बे के दशक में भारत सरकार द्वारा वित्तीय संकट का सामना करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय पुननिर्माण और विकास बैंक (आई.बी.आर.डी.) जिसे सामान्यतः विश्व बैंक के नाम से जाना जाता है और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से 7 बिलियन डॉलर का ऋण लिया गया।
Incorrect
व्याख्याः नब्बे के दशक में भारत सरकार द्वारा वित्तीय संकट का सामना करने के लिये अंतर्राष्ट्रीय पुननिर्माण और विकास बैंक (आई.बी.आर.डी.) जिसे सामान्यतः विश्व बैंक के नाम से जाना जाता है और अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष से 7 बिलियन डॉलर का ऋण लिया गया।
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Question 7 of 20
7. Question
1 pointsकथनः भारत सरकार ने 1990 में नई आर्थिक नीति की घोषणा की।
कारणः वित्तीय संकट के समय विश्व बैंक और आई.एम.एफ. द्वारा वित्तीय सहायता उदारीकरण और निजीकरण की शर्तों पर दी गई थी।
कूटःCorrect
व्याख्याः कथन गलत है तथा कारण सही है। भारत सरकार ने नई आर्थिक नीति की घोषणा 1991 में की थी। नब्बे के दशक में जब भारत सरकार के पास आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिये भी विदेशी मुद्रा नहीं बची तब उस स्थिति में सरकार ने विश्व बैंक और आई.एम.एफ. का दरवाज़ा खटखटाया। इस वित्तीय संकट का सामना करने के लिये इन संस्थानों द्वारा कुछ शर्तों के साथ ऋण दिया गया, जैसे- सरकार उदारीकरण करेगी, निजी क्षेत्रों पर लगे प्रतिबंधों को हटाएगी तथा अनेक क्षेत्रों में सरकारी हस्तक्षेप कम करेगी।
Incorrect
व्याख्याः कथन गलत है तथा कारण सही है। भारत सरकार ने नई आर्थिक नीति की घोषणा 1991 में की थी। नब्बे के दशक में जब भारत सरकार के पास आवश्यक वस्तुओं के आयात के लिये भी विदेशी मुद्रा नहीं बची तब उस स्थिति में सरकार ने विश्व बैंक और आई.एम.एफ. का दरवाज़ा खटखटाया। इस वित्तीय संकट का सामना करने के लिये इन संस्थानों द्वारा कुछ शर्तों के साथ ऋण दिया गया, जैसे- सरकार उदारीकरण करेगी, निजी क्षेत्रों पर लगे प्रतिबंधों को हटाएगी तथा अनेक क्षेत्रों में सरकारी हस्तक्षेप कम करेगी।
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Question 8 of 20
8. Question
1 pointsनई आर्थिक नीति के तहत औद्योगिक क्षेत्र में किये गए सुधारों से संबंधित नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजिये-1. निजी क्षेत्रों के लिये सभी उद्योगों के लिये लाइसेंसिंग व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया।
2. सार्वजनिक क्षेत्र के सभी आरक्षित उद्योगों को निजी क्षेत्र के लिये खोल दिया गया।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?Correct
व्याख्याः उपरोक्त दोनों कथन असत्य हैं।
- 1991 के बाद से आरंभ हुई सुधार नीतियों ने इनमें से अनेक प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया। एल्कोहल, सिगरेट, जोखिम भरे रसायनों, औद्योगिक विस्पफोटकों, इलेक्ट्रोनिकी, विमानन तथा औषधि-भेषज; इन छः उत्पाद श्रेणियों को छोड़ अन्य सभी उद्योगों के लिए लाइसेंसिंग व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया।
- सार्वजनिक क्षेत्रक के लिए सुरक्षित उद्योगों के लिये प्रतिरक्षा उपकरण, परमाणु ऊर्जा उत्पादन और रेल परिवहन बचे हैं थे। लघु उद्योगों द्वारा उत्पादित अनेक वस्तुएँ भी अब अनारक्षित श्रेणी में आ गई हैं। अनेक उद्योगों में अब बाज़ार को कीमतों के निर्धारण की अनुमति मिल गई है।
Incorrect
व्याख्याः उपरोक्त दोनों कथन असत्य हैं।
- 1991 के बाद से आरंभ हुई सुधार नीतियों ने इनमें से अनेक प्रतिबंधों को समाप्त कर दिया। एल्कोहल, सिगरेट, जोखिम भरे रसायनों, औद्योगिक विस्पफोटकों, इलेक्ट्रोनिकी, विमानन तथा औषधि-भेषज; इन छः उत्पाद श्रेणियों को छोड़ अन्य सभी उद्योगों के लिए लाइसेंसिंग व्यवस्था को समाप्त कर दिया गया।
- सार्वजनिक क्षेत्रक के लिए सुरक्षित उद्योगों के लिये प्रतिरक्षा उपकरण, परमाणु ऊर्जा उत्पादन और रेल परिवहन बचे हैं थे। लघु उद्योगों द्वारा उत्पादित अनेक वस्तुएँ भी अब अनारक्षित श्रेणी में आ गई हैं। अनेक उद्योगों में अब बाज़ार को कीमतों के निर्धारण की अनुमति मिल गई है।
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Question 9 of 20
9. Question
1 points1991 के बाद शुरू हुई आर्थिक सुधार नीतियों के संबंध में कौन-सा कथन असत्य है?
Correct
व्याख्याः पहला कथन असत्य है। भारत में वित्तीय क्षेत्र का नियंत्रक रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया है। भारतीय रिज़र्व बैंक के विभिन्न नियम और कसौटियों के माध्यम से ही बैंकों तथा अन्य वित्तीय संस्थानों के कार्यों का नियमन होता है। रिज़र्व बैंक ही तय करता है कि कोई बैंक अपने पास कितनी मुद्रा जमा रख सकता है। साथ ही ब्याज दरों को भी निर्धारित करता है। विभिन्न क्षेत्रकों को उधार देने की प्रकृति इत्यादि को भी यही तय करता है।
1991 के वित्तीय क्षेत्रक सुधार नीतियों का एक प्रमुख उद्देश्य यह भी था कि रिज़र्व बैंक को वित्तीय क्षेत्र में नियंत्रक की भूमिका से हटाकर उसे इस क्षेत्रक के एक सहायक की भूमिका तक सीमित कर दिया गया। इसका अर्थ है कि वित्तीय क्षेत्रक रिज़र्व बैंक से सलाह किये बिना ही कई मामलों में अपने निर्णय लेने में स्वतंत्रता हो गया।
Incorrect
व्याख्याः पहला कथन असत्य है। भारत में वित्तीय क्षेत्र का नियंत्रक रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया है। भारतीय रिज़र्व बैंक के विभिन्न नियम और कसौटियों के माध्यम से ही बैंकों तथा अन्य वित्तीय संस्थानों के कार्यों का नियमन होता है। रिज़र्व बैंक ही तय करता है कि कोई बैंक अपने पास कितनी मुद्रा जमा रख सकता है। साथ ही ब्याज दरों को भी निर्धारित करता है। विभिन्न क्षेत्रकों को उधार देने की प्रकृति इत्यादि को भी यही तय करता है।
1991 के वित्तीय क्षेत्रक सुधार नीतियों का एक प्रमुख उद्देश्य यह भी था कि रिज़र्व बैंक को वित्तीय क्षेत्र में नियंत्रक की भूमिका से हटाकर उसे इस क्षेत्रक के एक सहायक की भूमिका तक सीमित कर दिया गया। इसका अर्थ है कि वित्तीय क्षेत्रक रिज़र्व बैंक से सलाह किये बिना ही कई मामलों में अपने निर्णय लेने में स्वतंत्रता हो गया।
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Question 10 of 20
10. Question
1 pointsआयात के परिमाण को सीमित करने के लिये सरकार द्वारा किन उपकरणों का प्रयोग किया जाता है?
1. प्रशुल्क (Tariff)
2. कोटा
3. सब्सिडी
कूटःCorrect
व्याख्याः सरकार आयात के परिमाण को सीमित करने के लिये प्रशुल्क (Tariff), कोटा और सब्सिडी का प्रयोग करती है।
प्रशुल्क आयातित वस्तुओं पर लगाया गया कर है। प्रशुल्क लगाने पर आयातित वस्तुएँ अधिक महँगी हो जाती हैं, जो वस्तुओं के आयात को हतोत्साहित करती है।
कोटे में वस्तुओं की मात्र निर्दिष्ट की होती है, जिन्हें आयात किया जा सकता है।
सब्सिडी के तहत निर्यात को बढ़ावा दिया जाता है। साथ ही साथ घरेलू उद्योगों को विदेशी सामानों से प्रतिस्पर्धी बनाने हेतु सहायता भी प्रदान की जाती है, जो कहीं न कहीं आयात को हतोत्साहित करती है।
Incorrect
व्याख्याः सरकार आयात के परिमाण को सीमित करने के लिये प्रशुल्क (Tariff), कोटा और सब्सिडी का प्रयोग करती है।
प्रशुल्क आयातित वस्तुओं पर लगाया गया कर है। प्रशुल्क लगाने पर आयातित वस्तुएँ अधिक महँगी हो जाती हैं, जो वस्तुओं के आयात को हतोत्साहित करती है।
कोटे में वस्तुओं की मात्र निर्दिष्ट की होती है, जिन्हें आयात किया जा सकता है।
सब्सिडी के तहत निर्यात को बढ़ावा दिया जाता है। साथ ही साथ घरेलू उद्योगों को विदेशी सामानों से प्रतिस्पर्धी बनाने हेतु सहायता भी प्रदान की जाती है, जो कहीं न कहीं आयात को हतोत्साहित करती है।
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Question 11 of 20
11. Question
1 pointsविश्व व्यापार संगठन (WTO) का गठन किस वर्ष किया गया?
Correct
व्याख्याः व्यापार और सीमा शुल्क महासंधि (GATT) के स्थान पर 1995 में विश्व व्यापार संगठन (WTO) की स्थापना की गई। GATT की रचना विश्व व्यापार प्रशासक के रूप में 23 देशों ने मिलकर 1948 में की थी।
Incorrect
व्याख्याः व्यापार और सीमा शुल्क महासंधि (GATT) के स्थान पर 1995 में विश्व व्यापार संगठन (WTO) की स्थापना की गई। GATT की रचना विश्व व्यापार प्रशासक के रूप में 23 देशों ने मिलकर 1948 में की थी।
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Question 12 of 20
12. Question
1 pointsविश्व व्यापार संगठन की स्थापना का मुख्य उद्देश्य है-
Correct
व्याख्याः विश्व व्यापार संगठन का उद्देश्य, विश्व व्यापार में सभी देशों को समान अवसर उपलब्ध कराना है। विश्व व्यापार संगठन का ध्येय ऐसी नियम आधारित व्यवस्था की स्थापना करना है, जिसमें कोई देश मनमाने ढ़ंग से व्यापार के मार्ग में बाधाएँ खड़ी नहीं कर पाए। साथ ही इसका ध्यये सेवाओं के सृजन और व्यापार को प्रोत्साहन देना भी है, ताकि विश्व के संसाधनों का इष्टतम स्तर पर प्रयोग हो और पर्यावरण का भी संरक्षण हो सके।
Incorrect
व्याख्याः विश्व व्यापार संगठन का उद्देश्य, विश्व व्यापार में सभी देशों को समान अवसर उपलब्ध कराना है। विश्व व्यापार संगठन का ध्येय ऐसी नियम आधारित व्यवस्था की स्थापना करना है, जिसमें कोई देश मनमाने ढ़ंग से व्यापार के मार्ग में बाधाएँ खड़ी नहीं कर पाए। साथ ही इसका ध्यये सेवाओं के सृजन और व्यापार को प्रोत्साहन देना भी है, ताकि विश्व के संसाधनों का इष्टतम स्तर पर प्रयोग हो और पर्यावरण का भी संरक्षण हो सके।
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Question 13 of 20
13. Question
1 points1991 में अपनाई गई नई आर्थिक नीतियों के परिणामों के संदर्भ में नीचे दिये गए कथनों पर विचार कीजिये-
1. कृषि की संवृद्धि दर में गिरावट आई।
2. विदेशी प्रत्यक्ष निवेश में वृद्धि हुई।
3. विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि हुई।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनिये-Correct
व्याख्याः उपरोक्त तीनों कथन सही हैं। 1991 में अपनाई गई आर्थिक नीतियों के परिणामस्वरूप कृषि और उद्योगों की संवृद्धि दरों में कुछ गिरावट आई। आर्थिक सुधार कार्यों से कृषि को कोई लाभ नहीं हो पाया और कृषि की संवृद्धि दर कम होती गई। औद्योगिक संवृद्धि की दर में भी शिथिलता आई है। यह औद्योगिक उत्पादों की गिरती हुई मांग के कारण है। मांग में गिरावट के कई कारण हैं। जैसे- सस्ते आयात, आधारित संरचना में अपर्याप्त निवेश आदि। अर्थव्यवस्था के खुलने से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश तथा विदेशी विनिमय रिज़र्व में तेज़ी से वृद्धि हुई।
Incorrect
व्याख्याः उपरोक्त तीनों कथन सही हैं। 1991 में अपनाई गई आर्थिक नीतियों के परिणामस्वरूप कृषि और उद्योगों की संवृद्धि दरों में कुछ गिरावट आई। आर्थिक सुधार कार्यों से कृषि को कोई लाभ नहीं हो पाया और कृषि की संवृद्धि दर कम होती गई। औद्योगिक संवृद्धि की दर में भी शिथिलता आई है। यह औद्योगिक उत्पादों की गिरती हुई मांग के कारण है। मांग में गिरावट के कई कारण हैं। जैसे- सस्ते आयात, आधारित संरचना में अपर्याप्त निवेश आदि। अर्थव्यवस्था के खुलने से प्रत्यक्ष विदेशी निवेश तथा विदेशी विनिमय रिज़र्व में तेज़ी से वृद्धि हुई।
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Question 14 of 20
14. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सा भारतीय अर्थव्यवस्था का प्रमुख लक्षण है?
Correct
व्याख्याः स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत ने एक आर्थिक पद्धति की कल्पना की, जिसमें समाजवाद और पूंजीवाद की विशेषताएँ सम्मिलित थीं। इसकी परिणति मिश्रित अर्थव्यवस्था मॉडल के रूप में हुई।
Incorrect
व्याख्याः स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद भारत ने एक आर्थिक पद्धति की कल्पना की, जिसमें समाजवाद और पूंजीवाद की विशेषताएँ सम्मिलित थीं। इसकी परिणति मिश्रित अर्थव्यवस्था मॉडल के रूप में हुई।
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Question 15 of 20
15. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-सा कथन मिश्रित अर्थव्यवस्था का सर्वोत्कृष्ट वर्णन करता है?
Correct
व्याख्याः मिश्रित अर्थव्यवस्था में निजी एवं सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों की सहभागिता होती है अर्थात् सरकार व बाज़ार मिलकर निर्धारित करते हैं कि क्या उत्पादन किया जाए, किस प्रकार उत्पादन हो तथा किस प्रकार वितरण किया जाए। मिश्रित अर्थव्यवस्था में बाज़ार उन्हीं वस्तुओं और सेवाओं को सुलभ कराता है, जिसका वह अच्छा उत्पादन कर सकता है तथा सरकार उन आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को सुलभ कराती है जिन्हें बाज़ार सुलभ कराने में विफल रहता है।
Incorrect
व्याख्याः मिश्रित अर्थव्यवस्था में निजी एवं सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों की सहभागिता होती है अर्थात् सरकार व बाज़ार मिलकर निर्धारित करते हैं कि क्या उत्पादन किया जाए, किस प्रकार उत्पादन हो तथा किस प्रकार वितरण किया जाए। मिश्रित अर्थव्यवस्था में बाज़ार उन्हीं वस्तुओं और सेवाओं को सुलभ कराता है, जिसका वह अच्छा उत्पादन कर सकता है तथा सरकार उन आवश्यक वस्तुओं और सेवाओं को सुलभ कराती है जिन्हें बाज़ार सुलभ कराने में विफल रहता है।
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Question 16 of 20
16. Question
1 pointsनिम्नलिखित में से कौन-से समाजवादी अर्थव्यवस्था के लक्षण हैं?
- इसमें समाज की आवश्यकताओं के अनुरूप वस्तुओं का उत्पादन होता है।
- इस व्यवस्था में आर्थिक गतिविधियाँ सामाजिक सिद्धांत द्वारा निर्देशित होती हैं।
- निजी संपत्ति का संग्रह नहीं किया जा सकता।
नीचे दिये गए कूट का प्रयोग कर सही उत्तर चुनियेः
Correct
व्याख्याः उपरोक्त तीनों कथन सत्य हैं।
- समाजवादी अर्थव्यवस्था में सरकार निर्णय करती है कि समाज की आवश्यकताओं के अनुसार भिन्न वस्तुओं का उत्पादन हो। समाजवादी व्यवस्था में यह माना जाता है कि सरकार यह जानती है कि देश के लोगों के हित में क्या है, इसलिये लोगों की वैयक्तिक इच्छाओं को कोई महत्त्व नहीं दिया जाता है। सरकार ही यह निर्णय करती है कि वस्तुओं का उत्पादन तथा वितरण किस प्रकार किया जाए।
- समाजवादी अर्थव्यवस्था में अधिकतर आर्थिक गतिविधियाँ सामाजिक सिद्धांत द्वारा निर्देशित होती हैं।
- समाजवाद में वस्तुओं और सेवाओं का वितरण लोगों की आवश्यकता के आधार पर होता है न कि उनकी क्रय क्षमता के आधार पर। इसके विपरीत इसमें निजी संपत्ति का कोई स्थान नहीं होता, क्योंकि प्रत्येक वस्तु राज्य की संपत्ति होती है।
Incorrect
व्याख्याः उपरोक्त तीनों कथन सत्य हैं।
- समाजवादी अर्थव्यवस्था में सरकार निर्णय करती है कि समाज की आवश्यकताओं के अनुसार भिन्न वस्तुओं का उत्पादन हो। समाजवादी व्यवस्था में यह माना जाता है कि सरकार यह जानती है कि देश के लोगों के हित में क्या है, इसलिये लोगों की वैयक्तिक इच्छाओं को कोई महत्त्व नहीं दिया जाता है। सरकार ही यह निर्णय करती है कि वस्तुओं का उत्पादन तथा वितरण किस प्रकार किया जाए।
- समाजवादी अर्थव्यवस्था में अधिकतर आर्थिक गतिविधियाँ सामाजिक सिद्धांत द्वारा निर्देशित होती हैं।
- समाजवाद में वस्तुओं और सेवाओं का वितरण लोगों की आवश्यकता के आधार पर होता है न कि उनकी क्रय क्षमता के आधार पर। इसके विपरीत इसमें निजी संपत्ति का कोई स्थान नहीं होता, क्योंकि प्रत्येक वस्तु राज्य की संपत्ति होती है।
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Question 17 of 20
17. Question
1 pointsयदि श्रम, पूंजी से सस्ता है तो अधिक श्रम प्रधान विधियों का प्रयोग होगा और यदि श्रम की अपेक्षा पूंजी सस्ती है, तो उत्पादन की अधिक पूंजी प्रधान विधियों का प्रयोग होगा।
ऊपर दिया गया विवरण किस प्रकार की अर्थव्यवस्था को निरूपित करता है?Correct
व्याख्याः उपरोक्त विवरण पूंजीवादी अर्थव्यवस्था से संबंधित है। पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में वस्तुओं की मांग और पूर्ति बाज़ार की शक्तियों पर निर्भर करती है। इस व्यवस्था में उत्पादित वस्तुओं का विभिन्न व्यक्तियों के बीच वितरण उनकी क्रय क्षमता के आधार पर होता है।
Incorrect
व्याख्याः उपरोक्त विवरण पूंजीवादी अर्थव्यवस्था से संबंधित है। पूंजीवादी अर्थव्यवस्था में वस्तुओं की मांग और पूर्ति बाज़ार की शक्तियों पर निर्भर करती है। इस व्यवस्था में उत्पादित वस्तुओं का विभिन्न व्यक्तियों के बीच वितरण उनकी क्रय क्षमता के आधार पर होता है।
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Question 18 of 20
18. Question
1 pointsभारत में योजना आयोग की स्थापना किस वर्ष की गई?
Correct
व्याख्याः वर्ष 1950 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में योजना आयोग की स्थापना की गई। इसी के साथ भारत में पंचवर्षीय योजनाओं के युग का सूत्रपात हुआ।
Incorrect
व्याख्याः वर्ष 1950 में प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में योजना आयोग की स्थापना की गई। इसी के साथ भारत में पंचवर्षीय योजनाओं के युग का सूत्रपात हुआ।
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Question 19 of 20
19. Question
1 pointsनिम्न में से कौन-सी पंचवर्षीय योजना ‘महालनोबिस मॉडल’ पर आधारित थी।
Correct
व्याख्याः भारत में द्वितीय पंचवर्षीय योजना प्रसिद्ध सांख्यिकीविद् प्रशांत चंद्र महालनोबिस के योजना संबंधी दृष्टिकोण पर आधारित थी। इस कारण इस पंचवर्षीय योजना को महालनोबिस मॉडल पर आधारित कहा जाता है।
Incorrect
व्याख्याः भारत में द्वितीय पंचवर्षीय योजना प्रसिद्ध सांख्यिकीविद् प्रशांत चंद्र महालनोबिस के योजना संबंधी दृष्टिकोण पर आधारित थी। इस कारण इस पंचवर्षीय योजना को महालनोबिस मॉडल पर आधारित कहा जाता है।
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Question 20 of 20
20. Question
1 pointsनिम्नलिखित कथनों पर विचार कीजियेः
- एक वर्ष की अवधि में देश में उत्पादित हुए सभी वस्तुओं और सेवाओं के अंतिम बाज़ार मूल्य को उस देश की राष्ट्रीय आय कहते हैं।
- भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) में कृषि क्षेत्र का सर्वाधिक योगदान है।
उपरोक्त में से कौन-सा/से कथन सत्य है/हैं?
Correct
व्याख्याः उपरोक्त दोनों कथन असत्य हैं।
- एक वर्ष की अवधि में देश में उत्पादित हुए सभी वस्तुओं और सेवाओं का अंतिम बाज़ार मूल्य, उस देश का सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) होता है।
- भारत देश के सकल घरेलू उत्पाद में सर्वाधिक योगदान सेवा क्षेत्र का है।
Incorrect
व्याख्याः उपरोक्त दोनों कथन असत्य हैं।
- एक वर्ष की अवधि में देश में उत्पादित हुए सभी वस्तुओं और सेवाओं का अंतिम बाज़ार मूल्य, उस देश का सकल घरेलू उत्पाद (जी.डी.पी.) होता है।
- भारत देश के सकल घरेलू उत्पाद में सर्वाधिक योगदान सेवा क्षेत्र का है।